नंदिता का निर्णय ! Decision of Nandita (A Beautiful Story in Hindi)
तुम्हें क्या लगता है किसी भी दूसरी जाति वाले इंसान से तुम शादी कर लोगी और हम कुछ नहीं कहेंगे?”नंदिता की ताई जी ने बड़े ज़ोर ज़ोर से शोर मचाकर घर सर पे उठा रखा है।
नंदिता का अपने घर पर स्वागत कुछ इस प्रकार हुआ। अपने ताऊ जी और उसके परिवार वाले नंदिता को भूखे शेर की तरह देख रहे थे, और नंदिता सिर झुकाकर सिर्फ आँसु बहा रही थी।
नंदिता के पापा आज भी चुप खड़े हुए थे, इसी तरह की चुप्पी साधे हुए उन्होंने अपना पूरा जीवन निकाल दिया आज भी उन्होंने नंदिता से कुछ नहीं कहा शायद आज वो भी अपनी गलती मान रहे हैं।
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अस्तित्व की लड़ाई!… Fight for survival! (A Beautiful Hindi Story)
अगले दिन जैसिका और निम्मी दोनों ऑफिस पहुंचे और निम्मी ने खुद को साबित कर दिया कि वह इस नौकरी के लिए परफेक्ट है आज उसे अपने अस्तित्व की सही पहचान हुई। चार दिन की training भी हो गई और एक दिन ज्वाइनिंग में लग गया।
आज नौकरी का दूसरा दिन है, निम्मी अपने ऑफिस से वापस आई तो देखा, घर वाले गेट पर बैठे उसका इंतजार कर रहे हैं और गुस्से में लाल पीले हो रहे हैं।
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एक क़र्ज़ का बोझ ( Burden of A Debt) A Beautiful Hindi Story
बस 2 हज़ार रुपये थे वो भी राशन में खर्च हो गए” बस अब ये थोड़े से पैसे और मेरे पास रखे थे,फिर मनु ने अपने मायके से शगुन में मिले हुए 2100 रुपए भी मानव के हाथ में रख दिए।
“ये पैसे कितने दिन तक काम चलाएंगे ?
और दुकान का काम भी पता नहीं कब शुरू होगा ? दुकान में रखा हुआ सामना भी पड़ा-पड़ा खराब हो रहा है”। मानव ने निराश होकर कहा।
“मैं किसी से मांगना नहीं चाहता लेकिन बिना मांगे घर का खर्च कैसे चलेगा? कहीं से कुछ टाइम के लिए अगर उधार मिल जायेगा तो काम चल जायेगा” मानव ने मनु से कहा,
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पुत्तन भैया पास हो गया! A Beautiful Comic Story in Hindi
भई! हमारे बड़े भाई का बीच वाला बेटा तीन साल पहले दसवीं में आया था, लेकिन अभी तक पास नहीं हुआ! और हमारे मामाजी का बेटा यूँ तो बहुत होशियार था पर दो बार फेल होने के कारण कुएं में कूदकर मर गया। हमारे पड़ोसी वर्मा जी ! उनके बेटे ने फेल होने के ग़म से चलती ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। ( इस प्रकार के लोग अक्सर हमारे हौंसले को बढ़ाने की जगह हमारे confidence की वाट लगाते हैं!)
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धरोहर का सही मोल ! (A Beautiful Family Story in Hindi)
एक दिन जब मिनी घर में घूम रही थी, जैसे ही मिनी स्टोर रूम की ओर जाने लगी तो विश्वजीत के पिताजी ने कहा,”इस घर में तुम बाहर से आई हो इसीलिए तुम्हे हमारे स्टोर रूम में जाने की अनुमति नहीं है”।
मिनी बहुत हैरान थी, उसने विश्वजीत से स्टोर रूम के बारे में पूछा,”स्टोर रूम में ऐसा क्या है? जिसमें मुझे जाने की परमिशन नहीं है”
“स्टोर रूम में हमारे कई पीढ़ियों की यादें हैं।जिसमें जाने के लिए तुम्हें पहले पिताजी और भाई का विश्वास जितना होगा” विश्वजीत ने कहा।
एक दिन मिनी जब आँगन में बैठकर लेप टॉप पर कुछ काम कर रही थी तभी उसे पता चला कि जिस घर में वो रहती है वह गिरवी रखा है।
अगले दिन मिनी ने संध्या से बात की,”संध्या’ मैंने भैया को पापा
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रिश्तों का सही मोल !… A Very Beautiful family Story in Hindi
लेकिन इन दिनों में? ललित ने बड़ी ही हैरानी से पूछा।
“इन दिनों का क्या मतलब? माँ ने त्यौरियां चढ़ाते हुए पूछा।
“आजकल कोरोना के कारण सब आना जाना कम कर रहे हैं, और ऐसे में मंजरी इतनी दूर ट्रेन का सफर करके आ रही है। क्या ये रिस्की नहीं है? ललित ने माँ से आराम से पूछा।
“बेटी है मेरी घर है उसका। जब चाहे आए जब चाहे जाए तुझे क्या? माँ बहुत गर्म हो गई।
माँ के इस रूप से ललित और उसकी पत्नी नेहा दोनों परेशान हो गए।
ललित ऑफिस चला गया और नेहा अतीत में!
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एक सीख़ परवरिश की (A lesson)…. A Beautiful Hindi Story
निशा मंदिर की सीढ़ी पर बैठी सोचती हुए उन दिनों को याद करने लगती है, ��ब संघर्ष को शहर के सबसे बड़े स्कूल में दाखिला दिलाया। निशा और संदीप एक मिडल क्लास फॅमिली से संबंध रखते हैं और संघर्ष उनका इकलौता बेटा है। निशा और संदीप संघर्ष को जीवन की वो सारी खुशियां देना चाहते हैं जो गरीबी के कारण उन्हें नहीं मिल सकीं।
संघर्ष के दाखिले के लिए निशा और संदीप ने पूरी ताकत लगा दी।
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एक बोझ…(A Beautiful Hindi Story)
मैंने जब अपनी बर्थ का नंबर पता किया तो सबसे ऊपर की थी, जिसे रेवती के पिता ने अपनी सबसे निचे की बर्थ से बदल ली। उन्होंने सज्जनता का परिचय देते हुए मुझसे कहा, “मैडम आप नीचे सो जाइए” और सीट चेंज कर ली, और ऊपर वाली सीट पर जाकर सो गए। रात को तीन बजे के आसपास जब सब गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक ज़ोर से झटका लगा और मेरा सिर किसी चीज़ से टकरा गया,
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जीत’ संघर्ष और विश्वास की … (The Beautiful Hindi Story)
सुरेंद्र ने दोनों मिलों को अपने नाम कर लिया और हवेली से धक्का मार कर निकाल दिया। तेरे पिताजी इस धोखे को सहन नहीं कर पाए और उसी समय दम तोड़ दिया, और हमें बेसहारा छोड़ कर चले गए!”
अपने परिवार को धोखा मिलने पर वीरेंद्र ने घर चलाने के साथ-साथ हवेली पर अपना अधिकार लेने की ठानी। उन्होंने अपनी योग्यता के अनुसार एक प्रतिष्ठित
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हमारे जीजा जी… (Hasya Katha in Hindi)
पापा ने तुरंत ही फोटो जेब में रख ली, मुझे बड़ी लालसा हुई आखिर रिश्ता तो हमारे साथ भी जुड़ता।
होने वाले जीजाजी का फोटो देखने के लिए मैंने सारे जुगाड़ लगाने शुरू कर दिये।
जब माँ और पापा साथ बैठकर बातें करते तो किसी बहाने से उनकी बातें सुनती। बिना मांगे चाय बनाकर देने जाती। लेकिन पापा बहुत चालाक भनक तक नहीं लगने देते।
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काश ऐसा भी ! … (A Beautiful Motivational Story in Hindi)
धीरे-धीरे परी बडी हुई लेकिन जितनी बड़ी होती गई उतनी स्वार्थी, आलसी और विवेकहीन होती गई। सस्ती हो या महंगी उसकी सभी डिमांड पूरी की जाने लगी।अब उसके भाइयों की शादी हो चुकी, लेकिन भाभियों के साथ भी उसका व्यवहार ठीक नहीं है, भाभियों ने जब भी कुछ कहने या विरोध करने की कोशिश की तो सुधा बस एक ही बात कहती,” नंद बात बोलती, “नंद और सास का ओहदा हमेशा ही सबसे ऊँचा माना जाता है,और परी अपने भाइयों के इकलौती
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कर्मवीर… (A Beautiful Motivational Hindi story)
“इस लक्ष्मी ने मुझे मेरे बचपन से लेकर अब तक की मेहनत का फल दिलवाया है, अब हम इस घर में नहीं रहेंगे मेरी कल की ज्वाइनिंग है, इसलिए आज ही एक साथ शहर जाएंगे और जो भी रूखी सूखी मिलेगी वो मिलकर खाएंगे”। शीला जी बहुत खुश हुई, इसी दिन का तो बरसों से इंतजार था।
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कर्त्तव्य… (A Beautiful Hindi Story)
जिस दिन प्रिया का दान दिया था उस दिन वह आपकी हो गई, अब उनके बारे में जो भी फैसला लेना है वो आप ही लें” प्रिया के पिताजी ने कहा।
अगले दिन प्रिया के जाने के बाद बाबुजी ने अपने भाई से प्रिया की शादी की बात की,”प्रिया कुछ कहती नहीं है लेकिन हम बड़े हैं हमें तो समझना होगा, इतनी बड़ी जिंदगी को अकेले कैसे कटेगी, हम तो बूढे हैं और कितने दिन जिएंगे, इसीलिए अगर तुम चाहो तो तुम्हारा छोटे बेटे सुनील की शादी प्रिया से करा दें” हाथ जोड़ते हुए बाबुजी ने कहा।
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फ़ैसले … (A Beautiful Hindi Story)
अनाहत की शादी के कुछ दिनों के बाद ही दोनों में झगड़े शुरू हो गए, और एक दिन अचानक रात को मनजीत की doorbell बजी, मनजीत ने दरवाजा खोला तो अनाहत को सामने पाया, मनजीत कुछ समझ पाता इससे पहले अनाहत बेहोश हो गई।
बेटी की एसी हालत देखकर मनजीत ने यामिनी और आलोक को घर बुलाया।थोड़ी देर बाद अनाहत को होश आया, मनजीत के गले लगकर रोते हुए कहा,
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पछतावा….(A Beautiful Heart Touching Hindi Story)
सगाई की सार�� तैयारी हो चुकी हैं, घर पर अभी कोई रिश्तेदार नहीं आया, राजेश चाय पीकर अपने कमरे की ओर चला तो भाभी ने रोक दिया “राजेश अब वो कमरा तुम्हारा नहीं है, नीचे मेहमानों के कमरे में तुम्हारा सारा सामान रख दिया, जाकर फ्रेश हो जाओ” ये शब्द सुनकर राजेश को अच्छा नहीं लगा लेकिन फिर भी वो मुस्कराते हुए जाने लगा “माँ पापा तो अपने कमरे में होंगे पहले उनसे मिल लेता हूं” राजेश ने कहा, “वो भी नीचे ही रहते हैं,सीढ़ी चढ़ने में मुश्किल होती है इसलिए कुछ दिन पहले उन्हें नीचे wale कमरे में ही शिफ्ट कर दिया” राजेश की भाभी ने कहा,
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केदारनाथ….(A Beautiful Hindi Story)
थोड़ी देर बाद टीवी में न्यूज़ देखकर मनीष के माँ और पापा परेशां हो गए, उनकी आँखों में आंसू थे क्योंकि उस वक़्त केदारनाथ में त्रासदी शुरू हो चुकी थी।
इसके बारे में शाम तक पड़ोसियों को भी पता चल गया, कि मनीष और प्रिया भी केदारनाथ गए हैं,तो वह भी घर पर आने लगे, घर पर आने जाने वालों का ताता लग गया।
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भोला …. (A Beautiful Hindi Story)
भोला आज भी नौकर नहीं घर का सदस्य है, और रामसिंह के बच्चों के साथ-साथ घर में काम करने वाले नौकरों को भी अच्छे से डील करने लगा। भोला के व्यवहार और रामसिंह के परिवार के साथ नजदीकी को देखकर साथ रहने वाले नौकरों को अच्छा नहीं लगता। वे भोला से चिढ़ते पर कुछ कह नहीं सकते।
देखते ही देखते बीस साल बीत गए, भोला घर का सदस्य बन गया। अपने गाँव तो कभी गया ही नहीं। सोमा उसे उसके पिता से मिलने के लिए कहती, तो वह ये कहकर टाल देता कि, “मेरा परिवार आप सब हो,अब तो इसी घर से अर्थी निकलेगी दीदी” कहता और हंसता।
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