Tumgik
priyapandey · 3 years
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ईमान
मुनाफ़े का झोला उठाए बिकते हैं इंसान सभी ! ईमान से जो ना बिक पाए ऐसा कोई इंसान नही ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Imaan
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priyapandey · 3 years
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इंतज़ार ज़िंदा रखा हैं
धैर्य को तन पर सदा से अटका रखा हैं ! पथराई सी मुस्कान लिए तुम्हारा इंतज़ार ज़िंदा रखा हैं ! उम्मीदों को मन पर सदा से लिपटा रखा हैं ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Intezar Zinda Rakha Hain
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priyapandey · 3 years
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बेचैनी
रात के छोर पर पाँव सुजाती लौटी हैं बेचैनी, मुझ संग पीठ लगा कर गुफ़्तगू करने को ! तन्हाई के छोर पर हाँफती लौटी हैं बेचैनी, मुझ संग बिन इजाज़त लिए उलझने को…!!! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Bechaini
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priyapandey · 3 years
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अफवाह
सारा शहर अफ़वाहों से आज़ाद होने लगा हैं ! क्यूँ ना गलियारों में ऐसी अफ़वाह फैला दी जाए ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Afwah
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priyapandey · 3 years
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तरक्की
अब ईमान से उठ कर चापलूसी कर रहे हैं लोग ! आजकल धीरे धीरे तरक़्क़ी कर रहे है लोग ! अब हालातों से उठ कर गम्भीर बन रहे हैं लोग ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Tarakki
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priyapandey · 3 years
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पछतावा
काश फ़ैसलों के पन्नों को जला ही दिया होता, तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता ! काश चुप्पी को ज़ुबान पर चढ़ा ही दिया होता, तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Pachtawa
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priyapandey · 3 years
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बारिकियाँ
रग रग को आहिस्ता आहिस्ता पढ़ती हैं, बारिकियाँ चुपके से ! ज़हन को आहिस्ता आहिस्ता झांकती हैं, बारिकियाँ चुपके से ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Barikiya
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priyapandey · 3 years
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योग्यता
थोड़ी बंदिशें भी कुछ योग्यताओं का गला घोंटती हैं ! तो किसी मंच पर भी योग्यताएँ दम तोड़ती हैं ! थोड़ी क्षमताएँ भी कुछ योग्यताओं से रूठ जाती हैं ! तो किसी दृष्टिकोण पर भी योग्यताएँ पीछे छूट जाती हैं…!!! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Yogyata
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priyapandey · 3 years
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कर्म
बुझे कर्म जब कपट समेटे, तब भाग्य बैठा निर्भय से सोए ! बुझे कर्म जब दरिद्रता लपेटें, तब भाग्य बैठा निर्भय से रोए ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Karm
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priyapandey · 3 years
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सत्य
मिथ्या के ज़ायक़े चखते रहे, अब सत्य ज़ुबान पर चढ़ता ही नही ! मिथ्या से मिलाप करते रहे, अब सत्य चौखट पर मिलता ही नही ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Satya
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priyapandey · 3 years
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मन का शोर
अनुभवों में पीड़ा को गढ़ रहा, कैसा हैं ये मन का शोर ! दुःख से ह्रदय को कचोट रही, कैसी हैं ये मन की डोर ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Man Ka Shor
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priyapandey · 3 years
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शिकायतें
दौलतें रईस बना गयी शिकायतों की जमाख़ोरी करते करते, मुझे ख़ामोशी के धंधे में घाटे की आस हैं ! ज़िंदगी संजीदा बन गयी शिकायतों के पुर्ज़े संवारते संवारते, मुझे खामोशी के बाज़ारों में लुटने की आस हैं…!!! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Shikayate
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priyapandey · 3 years
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जूझते रिश्ते
डूबते रिश्तों में अहमियत का बिखर जाना, आधा टुकड़ा हैं लाज़मी का ! मौज़ों के बुलबुलों का सतह पर टूट जाना, आधा टुकड़ा हैं हक़ीक़त का ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Jujhate Rishtey
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priyapandey · 3 years
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Hindi Quotes Of The Day
बोझ भी अब बेझिझक खरी खोटी सुनाने लगे हैं, सारे मोहल्ले में मुझे बेवजह बदनाम करने लगे है ! बोझ भी अब मुझको बोझ समझने लगे हैं, अपनी बिरादरी से मुझे बेदख़ल करने लगे हैं…!!!
पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Aadate
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priyapandey · 3 years
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आईना
फ़ुरसत से जब चेहरा आईने पर टांग दिया, ज़ुल्फ़ें आईने के समक्ष अटखेलियाँ कर गयी ! बुझे लबों से जब आईने को पुकार दिया, मुस्कुराहट आईने के समक्ष बदमाशियाँ कर गयी ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Aaina
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priyapandey · 3 years
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प्रतिशोध
जो कभी क्रोध में डूबे मूर्खता साथ लेते गए, जो कभी प्रतिशोध में डूबे अयोग्यता साथ लेते गए ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻
Pratishodh
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priyapandey · 3 years
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आशायें
आशाओं के मोह से लिपटने को जी चाहता हैं अब किसी की परिभाषा बनने को जी चाहता हैं ! आशाओं की शरारतों से बिगड़ने को जी चाहता हैं अब किसी की परिभाषा बनने को जी चाहता है ! पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻 Aashaye
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