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संत रामपाल जी महाराज वह महान संत हैं जिनका जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में सन् (ई.सं.) 1951 में 8 सितम्बर को गांव धनाना जिला सोनीपत, प्रांत हरियाणा (भारत) में एक किसान परिवार में हुआ। जिनके बारे में विश्व के सभी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां खरी उतरती हैं। 17 फरवरी 1988 को उनको स्वामी रामदेवानंद जी से नाम उपदेश प्राप्त हुआ था जिसे संत मत में उपदेशी का बोध दिवस अर्थात आध्यात्मिक जन्म दिवस कहा जाता है।

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मंसूर अली की अनसुनी दास्तान |(The Story of Manshoor Ali Part - 02)Al Kab...
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संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरत मंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी जरूरत मंद लोगों के लिए रक्तदान सेवा में लगे हुए हैं

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510 वां दिव्य धर्म यज्ञ दिवस, संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 10 सतलोक आश्रमों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। निःशुल्क भंडारे के साथ ही बाहर से आने वाले साधनों के लिये पार्किंग की बहुत भी शानदार व्यवस्था है जो निःशुल्क रहेगी।

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विशाल भंडारा - "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" इस उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में 26 से 28 नवंबर 2023 को विशाल भंडारा आयोजित किया जा रहा है जिस प्रकार 510 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने दिव्य धर्म यज्ञ (विशाल भंडारा) 3 दिन तक किया था, 18 लाख श्रद्धालुओं को भोजन कराया था।

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सभी धर्मों के मानवों को कर्म फल तीनों देवता (ब्रह्मा विष्णु महेश) देते हैं, लेकिन इस दिवाली पर यह भी जानिए ये देवता किस प्रकार प्रारब्ध से भी अधिक लाभ दे सकते हैं?

जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
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गीता ज्ञान बताने वाले क्षर पुरुष (ब्रह्म) की भक्ति करनी चाहिए या नही?

श्रीमद्भगवद्गीता अनुसार जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
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तीर्थ स्थल केदारनाथ, पशुपतिनाथ की स्थापना कैसे हुई?
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