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#कटिहार समाचार
rudrjobdesk · 2 years
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AIMIM के 4 विधायकों को RJD में शामिल करने के बाद जल्द सीमांचल दौरे पर जाएंगे तेजस्वी यादव, 'धोखा' पर दिया यह जवाब
AIMIM के 4 विधायकों को RJD में शामिल करने के बाद जल्द सीमांचल दौरे पर जाएंगे तेजस्वी यादव, ‘धोखा’ पर दिया यह जवाब
पटना. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM  के विधायकों के आरजेडी में विलय को तेजस्वी यादव ने राजद की बड़ी जीत करार दिया है और यह दावा किया है कि सत्तारुढ़ गठबंधन से उनके महागठबंधन का वोट प्रतिशत अधिक हो गया है. उन्होंने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष ने विधान सभा में आरजेडी के बिहार में सबसे बड़ी पार्टी होने की घोषणा की जो पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. हमारे दल में विधायकों की सबसे अधिक संख्या राजद…
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24daynews · 3 years
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बिहार समाचार: किशनगंज पुलिस स्टेशन के थानेदार अश्विनी कुमार डेड इन वेस्ट बंगाल मोब लिंचिंग, मां की मौत दोनों अब अंतिम संस्कार करेंगे
बिहार समाचार: किशनगंज पुलिस स्टेशन के थानेदार अश्विनी कुमार डेड इन वेस्ट बंगाल मोब लिंचिंग, मां की मौत दोनों अब अंतिम संस्कार करेंगे
रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, किशनगंज द्वारा प्रकाशित: दीप्ति मिश्रा Updated Sun, 11 Apr 2021 12:39 PM IST सार बिहार के किशनगंज के नगर थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार की जिले की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा थाना क्षेत्र में अपराधियों ने पीट-पीट हत्या कर दी गई। अश्वनी की मां उर्मिला देवी यह सदमा सुनने नहीं कर पाईं और रविवार को हार्ट अटैक से उनकी भी मौत हो गई। शहीद पुलिस इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार,…
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tezlivenews · 3 years
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बिहार के बॉर्डर पर 'साजिश' का सियासी कनेक्शन, 7 जिलों के 70 संगठनों की फंडिंग पर रोक की सिफारिश
बिहार के बॉर्डर पर ‘साजिश’ का सियासी कनेक्शन, 7 जिलों के 70 संगठनों की फंडिंग पर रोक की सिफारिश
हाइलाइट्स बिहार के बॉर्डर एरिया को लेकर खुफिया विभाग चौकन्ना सात जिलों के 70 संगठनों की फंडिंग पर प्रशासन को शक खुफिया एजेंसी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट मदद के नाम पर लोगों को बरगलाने की रची साजिश पटना/कटिहारबिहार के सीमाई इलाकों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संदिग्धों पर नजर रखने का निर्देश दिया है। खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद दिल्ली से पटना होते हुए मैसेज को जिलों तक पहुंचाया…
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mrdevsu · 3 years
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Katihar Mayor Murder: कटिहार में मेयर की गोली मारकर हत्या, पंचायती कर लौट रहे थे घर
Katihar Mayor Murder: कटिहार में मेयर की गोली मारकर हत्या, पंचायती कर लौट रहे थे घर
कटिहार मेयर हत्या: कटिहार में नगर की गोई मारकर हत्या, पंचायती कर रहे थे घर . Source link
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hindinewshub · 4 years
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अच्छी खबर! बिहार के पांच जिलों में होगी केले की नई रोगमुक्त वेरायटी जी-9 की खेती बिहार के पांच जिलों में पनामा बिल्ट रोग से बचाने के लिए प्रतिबंध की नई वेरायटी जी -9 लगाई जाएगी। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के टिशू कल्चर जापान में इसे तैयार किया गया है। कारण रोग रोग होगा। साथ ही ... Image Source link
#20 प्रतिशत उत्पादन बढ़ने की संभावना#20 फीसदी उत्पादन क्षमता बढ़ी#अररिया#उत्पादन होगा#औरंगा व खगड़िया में खेती होगी#औरंगाबाद और खगड़िया में खेती की जाएगी#कटिहार#केले की फसल पांच जिलों में होगी#जी -9 का उत्पादन किया जाएगा#नई फसल#नई वैरायटी तैयार#पनामा नई बीमारी से बचाएगा#पनामा बिल्ट रोग से बचानेएगी नई फसल#पांच जिलों में बैन की फसल होगी#पूर्णिया#फसल रोग मुक्त#बिहार कृषि विश्वविद्यालय#बिहार के पांच जिले#बिहार के समाचार#बिहार न्यूज़#बीएयू ऊतक संस्कृति लैब#बीएयू के टिशू कल्चर रायपुर में न्यू वेरायटी तैयार#भागलपुर#भागलपुर न्यूज़#रोग मुक्त केले की नई किस्म#रोग मुक्त प्रतिबंध की नई वेरायटी जी -9#लाइव हिंदुस्तान न्यूज़#लाइव हिन्दुस्थान समाचार#हिंदी समाचार#हिंदुस्तान
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newsaryavart · 4 years
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कोरोना- बिहारियों ने दिखाया दिल्ली वालों को, क्या होती है दरियादिली आम तौर पर बिहार के लोगों को लेकर बाहरी राज्यों के लोगों के मन में एक अलग धारणा होती है। हालांकि ऐसा है नहीं, कटिहार में बिहारियों ने दिल्ली वालों के सामने एक बड़ी मिसाल पेश कर दी है।
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khsnews · 3 years
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बिहार : दो बच्चों के खाते में 900 करोड़ के मामले में नया मोड़! जानिए बैंक ने डीएम को क्या बताया।
बिहार : दो बच्चों के खाते में 900 करोड़ के मामले में नया मोड़! जानिए बैंक ने डीएम को क्या बताया।
कटिहार समाचार: कटिहार में जिलाधिकारी ओडन मिश्रा ने दो निर्दोष लोगों के करोड़पति बनने के मामले में जांच रिपोर्ट मांगी थी. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक ने शुरुआती जांच के बाद डीएम को रिपोर्ट सौंपी है.
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col-life23 · 4 years
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बिहार क्राइम, बिहार समाचार, कटिहार पति जली पत्नी और दो लड़कियां जिंदा - बिहार: कटिहार में जिंदा जला पति, पत्नी और 2 बेटियां
बिहार क्राइम, बिहार समाचार, कटिहार पति जली पत्नी और दो लड़कियां जिंदा – बिहार: कटिहार में जिंदा जला पति, पत्नी और 2 बेटियां
न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, कटिहार द्वारा प्रकाशित: संजीव कुमार झा अपडेटेड थू, 25 मार्च 2021 04:59 PM IST खबर सुनें खबर सुनें बिहार के कटिहार में एक जीवित पति ने अपनी पत्नी और दो बेटियों को जिंदा जला दिया। बताया जा रहा है कि बुधवार की रात किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। गुस्से में आकर, सनकी पति ने सो रही पत्नी और लड़कियों को बाहर से कमरे में बंद कर दिया और केरोसिन छिड़क कर कमरे…
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rudrjobdesk · 2 years
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बिहार का यह गांव अपने आप में है बेहद खास, यकीन न हो तो यहां बने घरों को खुद देख लें...
बिहार का यह गांव अपने आप में है बेहद खास, यकीन न हो तो यहां बने घरों को खुद देख लें…
कटिहार. आपने देशभर में कई गांव देखे होंगे जिसकी कुछ न कुछ विशेष खासियत होगी. आज हम बिहार के एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लोग अपने घरों की छतों पर विशेष आकृति बनाने को लेकर बेहद खास है. इससे घर की पहचान दूर से ही कर पाना संभव हो जाता है. यह खास गांव कटिहार जिले के कुर्सेला प्रखंड में है. इस गांव का नाम बलथी महेशपुर है. ग्रामीण अपने घरों को अलग पहचान देने के इतने शौकीन हैं कि…
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24daynews · 3 years
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दो महिलाएं और दो पुरुष कथित तौर पर बकरी की चोरी के मामले में गाँठ और बेरहमी से पीटे गए हैं
दो महिलाएं और दो पुरुष कथित तौर पर बकरी की चोरी के मामले में गाँठ और बेरहमी से पीटे गए हैं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बिहार द्वारा प्रकाशित: तनुजा यादव अद्यतित Tue, 13 अप्रैल 2021 12:59 PM IST सार बिहार के कटिहार में बकरी चोरी के आरोप में दो महिलाओं और दो पुरुषों को बंधक बनाकर उनकी पिटाई करने का मामला सामने आया है। बिहार में बकरी चोरी के आरोप में दो महिला और दो युवकों की पिटाई – फोटो: सोशल मीडिया ख़बर सुनना ख़बर सुनना बिहार के कटिहार में बकरी चोरी के आरोप में पकड़े गए दो महिला और दो…
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indinews · 4 years
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सहरसा, कटिहार, जयनगर और भभुआ के लिए 31 अक्टूबर तक चलेगी 5 जोड़ी स्पेशल ट्रेन हिंदी समाचार स्थानीय बिहार सहरसा, कटिहार, जयनग��� और भभुआ के लिए विशेष रेलगाड़ियों के 5 जोड़े 31 अक्टूबर तक चलेंगे
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gyanpoint · 5 years
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चुनावी साल में लालू के दो दोस्तों में दंगल
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कुमार अंशुमन और संजय सिंह, नई दिल्ली/पटना बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने नया नारा गढ़ा था- दो हजार बीस, हटाओ नीतीश। इसके जरिए लालू ने संकेत दिए थे कि आने वाले चुनाव में उनके निशाने पर जेडीयू की सहयोगी बीजेपी से ज्यादा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे। लेकिन लालू की ही पार्टी में वरिष्ठ नेताओं के बीच गंभीर मतभेद उनकी इस रणनीति को पटरी से उतार सकते हैं। रघुवंश ने पार्टी पर सुस्त रवैए का लगाया आरोप वरिष्ठ आरजेडी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने 9 जनवरी को लालू यादव को एक खत लिखा है। लालू अभी रांची की बिरसा मुंडा जेल में चारा घोटाले के मामले में सजा काट रहे हैं। इस खत में रघुवंश ने चुनावों को लेकर पार्टी पर सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की है। साथ ही उन्होंने लालू से कार्रवाई की मांग की है। 'चुनाव में 250 दिन बचे, कोई कमिटी नहीं बनी' रघुवंश ने खत में लिखा, 'विधानसभा चुनाव में 250-300 दिन बचे हैं और पार्टी ने अब तक बूथ लेवल से लेकर नैशनल लेवल तक कोई कमिटी ही गठित नहीं की है। पार्टी कई चुनौतियों का सामना कर रही है।' उन्होंने आरजेडी चीफ से जितनी जल्दी हो सके संगठनात्मक चुनाव करवाने की अपील की है। पढ़ें: जगदानंद कर रहे कार्यकर्ताओं की अनदेखी: रघुवंश वरिष्ठ आरजेडी नेता ने हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स को बताया, '10 दिसंबर को हमें राज्य का अध्यक्ष मिल गया था। इसके बाद से जिला और बूथ स्तर पर पार्टी के संगठन के संबंध में कोई प्रगति नहीं हुई है। बिना सांगठनिक ढांचे के हम कैसे चुनाव लड़ने जा रहे हैं?' इसके साथ ही रघुवंश ने आरोप लगाया कि नए प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रहे हैं। 'क्या इसी तरह नीतीश कुमार को मात देंगे?' रघुवंश ने ईटी को बताया, 'हमारे पास ऐसा प्रदेश अध्यक्ष है जो पार्टी दफ्तर के दरवाजे बंद कर लेता है और कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं करता है। रोज बहुत सारे विधायक बिना उनसे मुलाकात किए लौट रहे हैं। हम राज्य की सबसे बड़ी पार्टी हैं। सभी सहयोगियों को भरोसे में लेने की बजाए जगदानंद सिंह कहते हैं कि गठबंधन छोड़ने के लिए हर कोई स्वतंत्र है। क्या इसी तरह हम नीतीश कुमार को मात देंगे?' पढ़ें: पिछले साल 3 दिसंबर को लालू प्रसाद के एक बार फिर आरजेडी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी ने फैसला किया था कि सभी वर्गों के लोगों को पार्टी पदाधिकारियों और संगठन के चुनाव में हिस्सेदारी देने के लिए आरक्षण सुन��श्चित किया जाएगा। हालांकि अब तक इस फैसले पर आगे कोई कदम नहीं उठाया गया है। शिवानंद ने दोनों को दी लालू से मुलाकात की सलाह आरजेडी के एक और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने जगदानंद सिंह और रघुवंश के बीच अनबन की बात मानते हुए दोनों को लालू से मुलाकात कर विवाद को सुलझाने की सलाह दी है। तिवारी ने ईटी को बताया, 'दोनों नेताओं की मंशा गलत नहीं है। रघुवंशजी देरी की वजह से चिंतित हैं और मुझे लगता है कि दोनों को लालूजी से मुलाकात करनी चाहिए और जल्द मसले को हल करना चाहिए।' पढ़ें: सीमांचल में बढ़ रहा ओवैसी का प्रभाव इस बीच आरजेडी का युवा चेहरा और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव सीमांचल इलाके का दौरा करने वाले हैं। इस इलाके में कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज आते हैं। आरजेडी के लिए इस क्षेत्र में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी का बढ़ता प्रभाव मुश्किलें खड़ी कर रहा है। आरजेडी के एक सूत्र ने कहा, 'अब आरजेडी के लिए मुख्य चुनौती बिहार में अपने वर्तमान एमवाई समीकरण (मुस्लिम-यादव) से ऊपर उठने की है।'
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mrdevsu · 4 years
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बिहार: सनकी पति ने पत्नी और दो बेटियों की जिंदा जलाकर की हत्या, घरेलू विवाद से था नाराज
बिहार: सनकी पति ने पत्नी और दो बेटियों की जिंदा जलाकर की हत्या, घरेलू विवाद से था नाराज
कटिहार: बिहार के कटिहार में गुरुवार को हैरान करने वाली घटना सामने आई है। घटना जिले के रोशना थाना क्षेत्र के उत्तरी लालगंज पंचायत के वार्ड नंबर -7 के लाभा गांव की है, जहां सनकी पति ने अपनी पत्नी और दो बेटों की जिंदा जलाकर हत्या कर दी। । Source link
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hindinewshub · 4 years
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उड़ीसा से कटिहार जा रही स्पेशल ट्रेन की चेनपुलिंग कर प्रवासी मजदूरों के भागने की कोशिश नाकाम उड़ीसा से कटिहार जा रही श्रमिक विशेषला ट्रेन को मानसी थाना क्षेत्र के धर्मचक गांव के पास बुधवार को चेनपुलिंग कर प्रवासी मजदूरों ने भागने का प्रयास किया। हालांकि स्थानीय ग्रामीण और ट्रेन के ...। Image Source link
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onlinekhabarapp · 5 years
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कोसी उच्च बाँधमा अल्मलियो ओली सरकार
२७ साउन, काठमाडौं । भारतको केन्द्र सरकार र बिहार राज्य सरकार दुबैले नेपालको कोसी नदीसँग सम्बन्धित बाँध परियोजनालाई विशेष जोड दिएका छन् । नेपाल सरकार अहिलेसम्म भारतीय पक्षसँग द्वीपक्षीय भित्री छलफलबाहेक कोसी उच्च बाँधबारे आफ्नो धारणा जनसमक्ष ल्याएको छैन ।
यसैवीच आइतबार प्रदेश १ को प्रदेश सभामा विपक्षी दल नेपाली कांग्रेसले कोसी उच्च बाँधबारे प्रदेश सरकारको धारणा मागेको छ । प्रस्तावित सप्तकोशी उच्च कोसी बाँध परियोजना प्रदेश नम्बर १ मा पर्छ ।
भारतले यस वर्षको बजेटमा समेत कोसी उच्च बाँध र सुनकोसी-कमला डाइभर्सनका लागि डीपीआर गर्न रकम विनियोजन गरिसकेको छ ।
यसै साता भारत सरकारको वन मन्त्रालयले कोसी-मेची नदी जोड परियोजनाका लागि नहरको जग्गा प्रयोगसम्बन्धी बिहार राज्य सरकारलाई सहमति दिएको छ ।
यस्तो छ बिहार सरकारको योजना
यसैसाता कोसी-मेची नदी जोड योजनालाई विहार राज्य सरकारले राष्ट्रिय योजना घोषित गर्ने पहल सुरु गरेको समाचार भारतीय मिडियामा प्रकाशित भयो । भारतको हिन्दुस्तान दैनिकले शनिबारको आफ्नो पटना संस्करणमा ‘बिहारका लागि सुखद खबर’ भन्दै देशकै दोस्रो ठूलो नदी जोड आयोजना विहारमा अघि बढेको खबर प्रकाशित गर्‍यो ।
कोसी-मेची नदी जोड योजनाका लागि केन्द्रीय वन मन्त्रालयले नहर निर्माणमा अनुमति दिएको सो समाचारमा जनाइएको छ । राष्ट्रिय जल विकास प्राधिकरणबाट डाटा प्राप्न नभएकाले ढिलाइ भएकोमा राज्यका जल संशासन मन्त्री सञ्जय झाले आफैं गत विहीबार केन्द्रीय मन्त्रीलाई भेटेर विहीबार डाटा उपलब्ध गराएपछि मन्त्रालयले यस परियोजनामा हरियो झण्डा देखाएको भारतीय सञ्चार माध्यममा खबर छ ।
पीटीआईको समाचारमा जनाइएअनुसार उत्तरी बिहार अर्थात सीमाञ्चल जिल्लाको लाभका लागि यो योजना बिहारका मुख्यमन्त्री नीतिशकुमारको भिजन हो । मध्यप्रदेशको केन-बेतवा नदी जोडपछिको यो दोस्रो ठूलो केन्द्रीय नदी जोड परियोजना हो । ०००
प्रस्तावित परियोजनाअनुसार कोसी नदीको पानी मेची नदीमा खसाउनका लागि कुल ७६.२० किलोमिटर लामो नहर बन्नेछ । नहरबाट कोसीको पानी महानन्द बेसिनमा झारिनेछ । महानन्दा मेची नदीको तल्लो तटीय नाम हो ।
सप्तकोसीको पानी अहिले भारतमा खडडियाको कुरसेलामा मिसिन्छ । यो योजनाअनुसार कोसीको पानी अररियाबाट महानन्दामा खसाइने छ । जुन, पानी महानन्दा हुँदै गंगा नदीमा मिसिन्छ ।
भारतीय समाचारमा जनाइएअनुसार कोसीको पानी हनुमान बराजको माध्यमबाट महानन्दा बेसिनमा खस्नेछ । यो नहर मुख्यतः नेपालको तराई क्षेत्र हुँदै गुज्रनेछ, जसमा बक्राहा, रतुवा र कन्काईजस्ता नदीहरु पनि जोडिने बताइएको छ ।
कोसी-मेची नदी जोड परियोजनाका लागि कुल ४९०० करोड भारतीय रुपैयाँ खर्च लाग्ने अनुमान गरिएको छ । केन्द्रीय योजनामा परेपछि यसलाई केन्द्र सरकारले ९० प्रतिशत रकम दिनेछ भने १० प्रतिशत प्रदेश सरकारले व्यहोर्ने छ ।
यो योजनाअन्तरगत भारतको २ लाख १४ हजार हेक्टरमा सिँचाइ पुग्नेछ । साथै यसले कोसीको बाढी नियन्त्रणमा पनि भारतलाई मद्दत गर्नेछ । सबैभन्दा धेरै लाभ बिहारका चार जिल्लालाई पुग्नेछ । अररिया र पूणिर्या जिल्ला सबैभन्दा धेरै लाभान्वित हुनेछन् । ती जिल्लामा क्रमशः ५९ हजार ६४२ हेक्टर र ५९ हजार ९७० हेक्टरमा सिँचाइ हुनेछ । बाँकी किशनगञ्ज जिल्लामा ३९ हजार ५४८ हेक्टर र कटिहार जिल्लामा ३५ हजार ६३७ हेक्टरमा सिँचाइ पुग्ने भारतीय सञ्चार माध्यममा उल्लेख छ ।
बिहारका जलस्रोत मन्त्री सञ्जय कुमार झाले केन्द्र सरकारले कोसी र मेची नदी मिसाउन अनुमति प्रदान गरेको शनिबार बताएका छन् । ‘बिहारले दुई नदी मिसाउन केन्द्र सरकारबाट लिनुपर्ने अनिवार्य प्राविधिक-प्रशासनिक स्वीकृति पाएको छ’, मन्त्री झाले एक विज्ञप्ति जारी गर्दै शनिबार भनेका छन् ।
आयोजनाका लागि बिहार सरकारले मागेको अनुमति केन्द्र सरकारको वातावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मन्त्रालयले स्वीकृत गरेसँगै राज्य सरकारलाई आयोजना अघि बढाउन बाटो खुलेको झाको भनाइ छ । मन्त्री झाले यसलाई ‘गि्रन प्रोजेक्ट’को रुपमा व्याख्या गर्दै मानिसहरूको विस्थापन तथा वन क्षेत्रको अतिक्रमणको कुनै खतरा नरहेको जिकिर गरेका छन् ।
आयोजनाका लागि १,३९६.८१ हेक्टर जमिन आवश्यक रहेको उल्लेख गर्दै उनले परियोजनाको १० किलोमिटर वरपरको क्षेत्रमा राष्ट्रिय उद्यान, वन्यजन्तु तथा संवेदनशील पर्यावरणीय क्षेत्र नपर्ने बताएका छन् ।
दोधारमा नेपाल
भारत सरकारले सुनसरीको बराहक्षेत्र भन्दा करिब एक किलोमिटर माथि २६९ मिटर अग्लो बाँध बनाएर त्यहाँको पानी मेची नदीमा खसाउने परियोजना दशकौं अघिदेखि प्रस्ताव गर्दै आएको छ । पूर्वपश्चिम दुईवटा ठूला नहर निकालेर सिँचाइका साथै विद्युतसमेत उत्पादन गर्ने परियोजना हो यो ।
तर, सप्तकोसी उच्च बाँध परियोजनाले नेपालको वस्ती डुबाउने र नेपालको हित नहुने भन्दै स्थानीयवासी एवं विभिन्न राजनीतिक दलहरुले यसको विरोध गर्दै आएको अवस्था छ । यही विरोधका कारण नेपालमा कुनै पनि दलको सरकारले यो परियोजनालाई दिल खोलेर अगाडि बढाउन सकेको अवस्था छैन । दलका नेताहरुले कहिले उच्चबाँधको पक्षमा त कहिले विपक्षमा बोल्दै आएका छन् ।
उता भारत सरकार भने उच्च कोसी बाँध बनाउनैपर्ने दबावमा छ । भीमनगरमा रहेको कोशी ब्यारेजको आयु सकिँदै गएको र बिहारको बाढी नियन्त्रण एवं सिँचाइका लागि पहाडको फेदीमा उच्च बाँध बनाउनुपर्ने भारतीय निश्कर्ष छ । यही कारणले हरेक सरकारका पालामा भारतले उच्च कोसी बाँधका लागि नेपाललाई दबाव दिँदै आएको छ ।
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यो पनि पढ्नुहोस नेपालको कोसी बाँध, भारतको ‘पानी बम’
भारत सरकारले उच्च कोसी बाँधको अधुरो डीपीआर पूरा गर्न केन्द्रीय बजेट नै छुट्याएको र बिहार सरकारले कोसी-मेची जोड परियोजनामा तदरुकता देखाउन थालेको अवस्थामा अब भारतको दबावलाई टार्न ओली सरकारलाई निकै मुस्किल पर्ने देखिन्छ ।
आफूलाई असली ‘राष्ट्रवादी’ बताउँदै आएको ओली सरकारले उच्च कोसी बाँधमा कस्तो अडान लिन्छ, त्यो आगामी दिनमा स्पष्ट हुँदै जाला । तर, अहिलेको अवस्थामा नेपालको राजनीतिक एवं प्रशासनिक नेतृत्वमा दोधारेपन र अलमल देखिएको छ । उसले भारतलाई हु���्न पनि भन्न सकेको छैन र हुन्छ पनि भन्न सकेको छैन ।
तत्कालीन प्रधानमन्त्री गिरिजाप्रसाद कोइराला भारत भ्रमणमा गएका बेला सन् १९९१ मै बहुउद्देश्यीय परियोजना अन्तरगत नेपाल- भारतवीच कोसी उच्चबाँधसम्बन्धी संयुक्त प्राविधिक विज्ञ कमिटी बनाउने सहमति भएको थियो । सन् १९९७ मा शेरबहादुर देउवाको दिल्ली भ्रमणमा बेला त्यसमा सुनकोसी-कमला डाइभर्सनको अध्ययन गर्ने जिम्मेवारी संयुक्त टोलीलाई थप गरियो ।
सन् २००४ मा बसेको जलस्रोत सचिवस्तरीय संयुक्त बैठकले डीपीआर तयार पार्नका लागि उच्च कोसी बाँधको कार्यालय खोल्ने निर्णय गर्‍यो । कार्यालयले भौगर्भिक अध्ययन पनि थाल्यो । तर, १५ वर्ष बितिसक्दा पनि यसको डीपीआर नै तयार हुन सकेको छैन ।
देउवाको समर्थन, प्रचण्डको विरोध
गत ०७४ साल भदौ अन्तिम साता राजविराजमा आयोजित चुनावी सभालाई सम्वोधन गर्दै तत्कालीन प्रधानमन्त्री शेरबहादुर देउवाले कोशी उच्चबाँध निर्माण गरेर बाढी समस्याको समाधान गर्ने भारतसँग सहमति भएको बताएका थिए ।
त्यसअघि तत्कालीन प्रधानमन्त्री देउवाले भदौको पहिलो साता भारत भ्रमण गरेका थिए, जहाँ भारतीय समकक्षी नरेन्द्र मोदीसँग कोसी उच्च बाँधका विषयमा पनि चर्चा भएको नेपाली मिडियामा समाचार आइरहेका थिए ।
तर, देउवाले राजविराज पुगेर कोसी उच्चबाँधबारे सहमति भएको अभिव्यक्ति दिएकै भोलिपल्ट राजविराजमै आयोजित पत्रकार सम्मेलनमा तत्कालीन सत्तापक्षका नेता प्रचण्डले देउवाको आलोचना गरे । कोसी उच्च बाँध नेपालीको हितमा नभएको बताउँदै त्यसबेला प्रचण्डले भनेका थिए, कोसी उच्च बाँध त्यसरी बनाएर हुँदैन, यसको लागि विस्तृत अध्ययन जरुरी छ । विनाअध्ययन कोसी उच्च बाँध बनाउने कुरालाई हामी समर्थन गर्दैनौं ।’
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यो पनि पढ्नुहोस कोसी उच्चबाँधबारे देउवाको अभिव्यक्तिमा प्रचण्डको आपत्ति
तत्कालीन माओवादी केन्द्रका अध्यक्ष प्रचण्डले आफ्नै समर्थनमा प्रधानमन्त्री बनेका शेरबहादुर देउवाको आलोचना गरिरहँदा ०७४ साल मंसिर पहिलो साता मोरङको बिराटचोकमा आयोजित एमालेको चुनावी सभामा बोल्दै केपी शर्मा ओलीले उच्च कोसी बाँधको समर्थनमा बोले ।
तत्कालीन एमाले अध्यक्ष ओलीले चुनाव जितेपछि बन्ने सरकारले के-के काम गर्छ भन्ने सन्दर्भमा कोसी उच्च बाँधको पक्षमा यस्तो अभिव्यक्ति दिएका थिए- ‘कोशी हाई ड्यामसँगको प्रवन्ध गरेपछि वहाँ दोलाघाटसम्म स्टिमरबाट सरर जान सकिन्छ । एक घण्टामा काठमाडौं, एक घण्टामा ताप्लेजुङ । पानीबाट । यो जल यातायातको कुरा धेरै मानिसहरुले अझै बुझेका छैनन् । ती कामहरु हामी गर्न सक्छौं । यी आयोजनाहरु सुरु भएपछि बिजुली कति चाहिन्छ, त्यति उत्पादन हुन्छ नेपालमा । बेच्न पनि फालाफाल पुग्ने गरी । यी आयोजनाहरु सुरु गरिन्छ ।’
हेर्नुहोस् भिडियो फुटेज

यसैवीच, चुनावअगाडि प्रधानमन्त्री ओलीले कोसी उच्च बाँधले जल यातायात र बिजुली फालाफाल हुने बताए पनि गत साउन ९ र १० गते भारतको नयाँ दिल्लीमा बसेको जलस्रोत सम्बन्धी विज्ञसमूहको संयुक्त बैठकमा दुई देशवीच सहमति जुट्न सकेन ।
सप्तकोसी बहुउदेश्यीय परियोजनाअन्तरगत कोसी उच्च बाँध र सुनकोसी कमला डाइभर्सनका विषयमा संयुक्त बैठकमा छलफल भएको थियो । नेपाल र भारतका संयुक्त सरकारी अधिकारीहरु संलग्न सो बैठकमा नेपाली पक्षको नेतृत्व विद्युत विकासका महानिर्देशक मधुप्रसाद भेटवालले गरेका थिए ।
गत शनिबार बीबीसी नेपाली न्युजले कोशी उच्च बाँधमा भारतको प्रस्ताव नेपालले अस्वीकार गरेको समाचार प्रकाशित गरेको छ । भारतले कोशी नदीमा २६९ मीटर अग्लो बाँध बनाएर पूर्व र पश्चिमतर्फ दुई ठूला नहर बनाउने प्रस्ताव गरेको तर त्यसलाई नेपाल सरकारले आफ्नो देशलाई फाइदा नहुने भन्दै अस्वीकार गरेको बीबीसीको समाचारमा उल्लेख छ ।
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khsnews · 3 years
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बिहार: ब्रूनी-कटिहार रेल खंड पर 100 घंटे बाद भी परिचालन ठप, कई ट्रेनें रद्द तो कई रूट डायवर्ट
बिहार: ब्रूनी-कटिहार रेल खंड पर 100 घंटे बाद भी परिचालन ठप, कई ट्रेनें रद्द तो कई रूट डायवर्ट
बिहार समाचार: अमीश नगर और शाहपुर कमाल के बीच रेल पटरी गिरने से ट्रेनों को रोक दिया गया है. मरम्मत का काम 100 घंटे से चल रहा है, लेकिन अभी तक पूरी सफलता नहीं मिल पाई है। ऐसे में इस रूट से ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हो सका.
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