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#डॉक्टर ने पुलिस को दिया मास्क
newsaryavart · 4 years
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एक कोरोना योद्धा ने की दूसरे की मदद, डॉक्टरों ने DGP को सौंपे 500 N95 मास्क
एक कोरोना योद्धा ने की दूसरे की मदद, डॉक्टरों ने DGP को सौंपे 500 N95 मास्क
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पुलिसकर्मियों को इससे बहुत बड़ी राहत मिल सकती है. डॉक्टर द्वारा N-95 मास्क दिए जाने पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि इस मास्क के इस्तेमाल से पुलिसकर्मी स्वमं स्वस्थ्य तो दुनिया स्वस्थ्य की तर्ज पर कार्य…
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vsplusonline · 4 years
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एक कोरोना योद्धा ने की दूसरे की मदद, डॉक्टरों ने DGP को सौंपे 500 N95 मास्क
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एक कोरोना योद्धा ने की दूसरे की मदद, डॉक्टरों ने DGP को सौंपे 500 N95 मास्क
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पुलिसकर्��ियों को इससे बहुत बड़ी राहत मिल सकती है.
डॉक्टर द्वारा N-95 मास्क दिए जाने पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि इस मास्क के इस्तेमाल से पुलिसकर्मी स्वमं स्वस्थ्य तो दुनिया स्वस्थ्य की तर्ज पर कार्य करेंगे.
रायपुर. कोविड-19 के खिलाफ जंग में हर कोई अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है, जिसे जहां-जैसा मौका मिल रहा है इस युद्ध में वह तत्पर्य होकर भूमिका निभा रहा है. समाज सेवियों से लेकर शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक हर स्तर पर इस युद्ध में लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर रहे हैं. आम लोगों और जरूरतमंदों के मदद के लिए हर हाथ आगे बढ़ रहा हैं. मुख्यमंत्री सहायाता कोष से लेकर प्रधानमंत्री राहत कोष तक में लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं और सहयोग कर रहे हैं.
इतना ही नहीं धूप में खड़े पुलिस कर्मियों की मदद के लिए भी लोग भरसक आगे आ रहे हैं. इसी क्रम में आज एक नायाब तस्वीर देखने को मिली कि एक कोरोना योद्धा ने दूसरे कोरोना योद्धा की मदद की. वह भी ऐसी मदद जो कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे अहम कड़ी में शामिल हैं. आज राजधानी रायपुर के पुराने पुलिस मुख्यालय से एक तस्वीर निकली जिसमें शहर के प्रसिद्ध डॉ. अब्बास नकवी, कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी और व्यापार प्रकोष्ठ के गौतम कक्कड़ ने डीजीपी डीएम अवस्थी को 500 नग एन-95 मास्क सौंप कोविड-19 के खिलाफ धरातल पर लड़ाई लड़ने वाले योद्धाओं को वितरण करने का आग्रह किया.
500 पुलिस जवानों तक पुहंचेगी मदद
COVID-19 महामारी से मुकाबला करने के लिए रायपुर पुलिस के 500 जवानों की सुरक्षा के लिए राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी डीएम अवस्थी को N-95 मास्क रायपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. अब्बास नकवी, कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी व्यापार प्रकोष्ठ के गौतम कक्कड ने प्रदान किया. राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी डीएम अवस्थी ने इस मौके पर चिकित्सक अब्बास नकवी द्वारा की गई नयाब पहल की सराहना करते हुए COVID 19 की जंग लड़ रहे पुलिसकर्मियों को इससे बहुत बड़ी राहत मिलने की बात कही.खुद स्वस्थ्य तो दुनिया स्वस्थ्य
डॉक्टर द्वारा एन-95 मास्क दिए जाने पर डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि इस मास्क के इस्तेमाल से पुलिसकर्मी स्वमं स्वस्थ्य तो दुनिया स्वस्थ्य की तर्ज पर कार्य करेंगे. डीजीपी ने कोरोना के खिलाफ जंग में लगे जवानों का भी मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें और अधिक सतर्कता-लगन और मेहन से कार्य करने के लिए प्रेरित किया. पुलिस परिवार को फ्री चिकित्सकीय सहाल दी जाएगी
एन-95 मास्क देने के बाद डॉ.अब्बास नकवी ने पुलिस को भरोसा दिलाया कि आगामी समय में पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की कोई भी चिकित्सकीय सलाह की आवश्यकता होगी तो उन्हें निशुल्क प्रदान किया जाएगा, ताकि COVID-19 महामारी यह लड़ाई में वे तत्परता से जुटे रहें. डॉ. नकवी ने कहा कि पुलिस कर्मियों के कारण पूरे शहर की और पूरे प्रदेश की जनता सुरक्षित अपने-अपने घरों में हैं और जो पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं उनकी जवाबदेही हमारी और आम नागरिकों की है.
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First published: April 25, 2020, 3:18 PM IST
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abhay121996-blog · 3 years
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ स्टैंडिंग काउंसिल विकास त्रिपाठी का कोरोना से निधन Divya Sandesh
#Divyasandesh
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ स्टैंडिंग काउंसिल विकास त्रिपाठी का कोरोना से निधन
प्रयागराज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कोविड-19 का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। इस संक्रमण के चलते चीफ स्टैंडिंग काउंसिल के विकास त्रिपाठी कोरोना वायरस के जद में आ गए। तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण प्रयागराज से लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया। विकास चंद्र त्रिपाठी पूर्व राज्यपाल के भतीजे थे। यह जानकारी विकास त्रिपाठी के भतीजे शिवेंद्र मिश्रा ने दी है।
27 मार्च को हुए थे संक्��मित पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के भतीजे और चीफ स्टैंडिंग काउंसिल इलाहाबाद हाई कोर्ट विकास त्रिपाठी को 27 मार्च को खांसी जुखाम और बुखार की शिकायत थी। जब उन्होंने जांच करवाई तो रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव आए। पहले इन्हें इलाज के लिए प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां पर इनकी तबीयत में कुछ सुधार नहीं हुआ। उसके बाद इनको आठ अप्रैल को लखनऊ पीजीआई में रेफर कर दिया गया। जहां पर सोमवार की सुबह इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया।
पूर्व महानगर उपाध्यक्ष और पूर्व पार्षद शिवेंद्र मिश्रा ने बताया स्व. विकास त्रिपाठी 65 साल के थे और संक्रमण के चलते इन्हें पीजीआई में भर्ती कराया गया था। जहां पर इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया। स्व. विकास त्रिपाठी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति से भी जुड़े रहे थे। विकास त्रिपाठी अधिवक्ता परिषद प्रयागराज के संस्थापक सदस्य थे। आपको बता दें इनका शव लखनऊ से चलकर प्रयागराज आएगा उसके बाद यहीं पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
प्रयागराज में कोविड-19 संक्रमण में बढ़ोतरी प्रयागराज में कोविड-19 का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है और यहां पर हर दिन 1000 से ऊपर नए मरीज सामने आ रहे हैं। हालांकि, प्रयागराज में नाइट कर्फ्यू भी लगाया गया है। लेकिन फिर भी संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस जगह-जगह लोगों को कोविड-19 के प्रति जागरूक कर रही है और मास्क ना पहनने वालों के खिलाफ चालान भी काट रही है। कोविड-19 के संक्रमण के जद में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह गौड़ और उनकी पत्नी शहर उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन बाजपेई के अलावा और कई गणमान्य व्यक्ति है। जिनका इलाज लखनऊ में चल रहा है। इसके अलावा प्रयागराज के पूर्व सांसद श्यामाचरण गुप्ता वरिष्ठ डॉक्टर मिलन मुखर्जी, और पुराने नेता का संक्रमण के चलते देहांत हो चुका है।
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कोरोनावायरस की भारत की प्रतिक्रिया आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता में से एक है: पीएम मोदी
मेरे प्यारे देशवासियों,
नमस्कार !
आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है। कितने महीनों से देश के हर घर में, बच्चे-बूढ़े-जवान, सभी की जुबान पर यही सवाल था कि - कोरोना की वैक्सीन कब आएगी? तो अब कोरोना की वैक्सीन आ गई है, बहुत कम समय में आ गई है। अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष रूप से प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे, दिन-रात जुटे थे। ना उन्‍होंने त्‍यौहार देखा है, ना उन्‍होंने दिन देखा है, ना उन्‍होंने रात देखी है। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। इतना ही नहीं कई और वैक्सीन पर भी काम तेज गति से चल रहा है। ये भारत के सामर्थ्य, भारत की वैज्ञानिक दक्षता, भारत के टैलेंट का जीता जागता सबूत है। ऐसी ही उपलब्धियों के लिए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था- मानव जब ज़ोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है !!
भाइयों और बहनों,
भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है। जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। जिसे कोरोना संक्रमण का रिस्क सबसे ज्यादा है, उसे पहले टीका लगेगा। जो हमारे डॉक्टर्स हैं, नर्सेंस हैं, अस्पताल में सफाई कर्मी हैं, मेडिकल-पैरा मेडिकल स्टाफ हैं, वो कोरोना की वैक्सीन के सबसे पहले हकदार हैं। चाहे वो सरकारी अस्पताल में हों या फिर प्राइवेट में, सभी को ये वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी। इसके बाद उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जिन पर जरूरी सेवाओं और देश की रक्षा या कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। जैसे हमारे सुरक्षाबल हो गए, पुलिसकर्मी हो गए, फायरब्रिगेड के लोग हो गए, सफाई कर्मचारी हो गए, इन सभी को ये वैक्सीन प्राथमिकता पर लगेगी। और मैंने जैसा पहले भी कहा है- इनकी संख्या करीब-करीब तीन करोड़ होती है। इन सभी के वैक्सीनेशन का खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया जाएगा।
साथियों,
इस टीकाकरण अभियान की पुख्ता तैयारियों के लिए राज्य सरकारों के सहयोग से देश के कोने-कोने में Trials किए गए हैं, Dry Runs हुए हैं। विशेष तौर पर बनाए गए Co-Win डिजिटल प्लेटफॉर्म में टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन से लेकर ट्रैकिंग तक की व्यवस्था है। आपको पहला टीका लगने के बाद दूसरी डोज कब लगेगी, इसकी जानकारी भी आपके फोन पर दी जाएगी। और मैं सभी देशवासियों को ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। एक डोज ले लिया और फिर भूल गए, ऐसा गलती मत करना। और जैसा एक्सपर्ट्स कह रहे हैं, पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। आपको ये भी याद रखना है कि दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी। इसलिए टीका लगते ही आप असावधानी बरतने लगें, मास्क निकालकर रख दें, दो गज की दूरी भूल जाएं, ये सब मत करिएगा। मैं प्रार्थना करता हूँ मत करिएगा। और मैं आपको एक और चीज बहुत आग्रह से कहना चाहता हूं। जिस तरह धैर्य के साथ आपने कोरोना का मुकाबला किया, वैसा ही धैर्य अब वैक्सीनेशन के समय भी दिखाना है।
साथियों,
इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। ये अभियान कितना बड़ा है, इसका अंदाज़ा आप सिर्फ पहले चरण से ही लगा सकते हैं। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें अगले वाले चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका। और कोई भी देश ऐसा नहीं है जिनकी आबादी इनसे ज्यादा हो। इसलिए भारत का टीकाकरण अभियान इतना बड़ा है। और इसलिए ये अभियान भारत के सामर्थ्य को दिखाता है। और मैं देशवासियों को एक और बात कहना चाहता हूं। हमारे वैज्ञानिक, हमारे एक्सपर्ट्स जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी है। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगैंडा, अफवाएं, दुष्प्रचार से बचकर रहना है।
साथियों,
भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है और पहले से है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है।
मेरे प्‍यारे देशवासियों,
हर हिन्‍दुस्‍तानी इस बात पर गर्व करेगा कि दुनियाभर के करीब 60 प्रतिशत बच्चों को जो जीवनरक्षक टीके लगते हैं, वो भारत में ही बनते हैं, भारत की सख्त वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से ही होकर गुज़रते है। भारत के वैज्ञानिकों और वैक्सीन से जुड़ी हमारी विशेषज्ञता पर दुनिया का ये विश्वास मेड इन इंडिया कोरोना वेक्सीन में और मज़बूत होने वाला है। इसकी कुछ और खास बातें हैं जो आज मैं देशवासियों को जरूर बताना चाहता हूं। ये भारतीय वैक्सीन, विदेशी वैक्सीनों की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज पांच हजार रुपए तक में है और जिसे माइनस 70 डिग्री तापमान में फ्रिज में रखना होता है। वहीं, भारत की Vaccines ऐसी तकनीक पर बनाई गई हैं, जो भारत में बरसों से Tried और Tested हैं। ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं। यही वैक्सीन अब भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।
साथियों,
कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है। इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखाई दिया है। संकट कितना ही बड़ा क्‍यों ना हो, देशवासियों ने कभी आत्‍मविश्‍वास खोया नहीं। जब भारत में कोरोना पहुंचा तब देश में कोरोना टेस्टिंग की एक ही लैब थी। हमने अपने सामर्थ्य पर विश्वास रखा और आज 2300 से ज्यादा लैब्स का नेटवर्क हमारे पास है। शुरुआत में हम मास्क, PPE किट, टेस्टिंग किट्स, वेंटिलेटर्स जैसे ज़रूरी सामान के लिए भी विदेशों पर निर्भर थे। आज इन सभी सामानों के निर्माण में हम आत्मनिर्भर हो गए हैं और इनका निर्यात भी कर रहे हैं। आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की इसी ताकत को हमें टीकाकरण के इस दौर में भी सशक्त करना है।
साथियों,
महान तेलुगू कवि श्री गुराजाडा अप्पाराव ने कहा था- सौन्त लाभं कौन्त मानुकु, पौरुगुवाडिकि तोडु पडवोय् देशमन्टे मट्टि कादोयि, देशमन्टे मनुषुलोय ! यानि हम दूसरों के काम आएं ये निस्वार्थ भाव हमारे भीतर रहना चाहिए। राष्ट्र सिर्फ मिट्टी, पानी, कंकड़, पत्थर से नहीं बनता, बल्कि राष्ट्र का अर्थ होता है, हमारे लोग। कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को संपूर्ण देश ने इसी भावना के साथ लड़ा है। आज जब हम बीते साल को देखते हैं तो, एक व्यक्ति के रूप में, एक परिवार के रूप में, एक राष्ट्र के रूप में हमने बहुत कुछ सीखा है, बहुत कुछ देखा है, जाना है, समझा है।
आज भारत जब अपना टीकाकरण अभियान शुरू कर रहा है, तो मैं उन दिनों को भी याद कर रहा हूं। कोरोना संकट का वो दौर जब हर कोई चाहता था कि कुछ करे, लेकिन उसको उतने रास्ते नहीं सूझते थे। सामान्य तौर पर बीमारी में पूरा परिवार बीमार व्‍यक्‍ति की देखभाल के लिए जुट जाता है। लेकिन इस बीमारी ने तो बीमार को ही अकेला कर दिया। अनेकों जगहों पर छोटे-छोटे बीमार बच्चों को मां से दूर रहना पड़ा। मां परेशान रहती थी, मां रोती थी, लेकिन चाहकर भी कुछ कर नहीं पाती थी, बच्चे को अपनी गोद में नहीं ले पाती थी। कहीं बुजुर्ग पिता, अस्पताल में अकेले, अपनी बीमारी से संघर्ष करने को मजबूर थे। संतान चाहकर भी उसके पास नहीं जा पाती थी। जो हमें छोड़कर चले गए, उनको परंपरा के मुताबिक वो विदाई भी नहीं मिल सकी जिसके वो हकदार थे। जितना हम उस समय के बारे में सोचते हैं, मन सिहर जाता है, उदास हो जाता है।
लेकिन साथियों,
संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस के साथी और दूसरे Frontline Workers. उन्होंने मानवता के प्रति अपने दायित्व को प्राथमिकता दी। इनमें से अधिकांश तब अपने बच्चों, अपने परिवार से दूर रहे, कई-कई दिन तक घर नहीं गए। सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं जो कभी घर वापस लौट ही नहीं पाए, उन्होंने एक-एक ��ीवन को बचाने के लिए अपना जीवन आहूत कर दिया है। इसलिए आज कोरोना का पहला टीका स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को लगाकर, एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है। ये टीका उन सभी साथियों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की आदरांजलि भी है।
भाइयों और बहनों,
मानव इतिहास में अनेक विपदाएं आईं, महामारियां आईं, भीषण युद्ध हुए, लेकिन कोरोना जैसी चुनौती की किसी ने कल्पना नहीं की थी। ये एक ऐसी महामारी थी जिसका अनुभव ना तो साइंस को था और ना ही सोसायटी को। तमाम देशों से जो तस्वीरें आ रही थीं, जो खबरें आ रहीं थीं, वो पूरी दुनिया के साथ-साथ हर भारतीय को विचलित कर रही थीं। ऐसे हालात में दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भारत को लेकर तमाम आशंकाएं जता रहे थे।
लेकिन साथियों,
भारत की जिस बहुत बड़ी आबादी को हमारी कमज़ोरी बताया जा रहा है था, उसको ही हमने अपनी ताकत बना लिया। भारत ने संवेदनशीलता और सहभागिता को लड़ाई का आधार बनाया। भारत ने चौबीसों घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। पिछले साल आज का ही दिन था जब हमने बाकायदा सर्विलांस शुरु कर दिया था। 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।
साथियों,
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जैसी इच्छाशक्ति दिखाई है, जो साहस दिखाया है, जो सामूहिक शक्ति का परिचय करवाया है, वो आने वाली अनेक पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेगा। याद कीजिए जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ। जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया। हमने ताली-थाली और दीया जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा।
साथियों,
कोरोना जैसे अनजान दुश्मन, जिसके Action-Reaction को बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देश नहीं भांप पा रहे थे, उसके संक्रमण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका ही यही था कि जो जहां है, वो वहीं रहे। इसलिए देश में लॉकडाउन का फैसला भी किया गया। ये निर्���य आसान नहीं था। इतनी बड़ी आबादी को घर के अंदर रखना असंभव है, इसका हमें ऐहसास था। और यहां तो देश में सब कुछ बंद होने जा रहा था, लॉकडाउन होने जा रहा था। इसका लोगों की रोजी-रोटी पर क्या प्रभाव पड़ेगा, अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका आकलन भी हमारे सामने था। लेकिन देश ने ’जान है तो जहान है’ के मंत्र पर चलते हुए प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। और हम सभी ने ये देखा है कि कैसे तुरंत ही पूरा देश, पूरा समाज इस भावना के साथ खड़ा हो गया। अनेकों बार छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी देने के लिए मैंने भी अनेक बार देशवासियों के साथ सीधा संवाद किया। एक तरफ जहां गरीबों को मुफ्त भोजन की व्यवस्था की गई, तो वहीं दूध, सब्ज़ी, राशन, गैस, दवा, ऐसी ज़रूरी चीज़ों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की गई। देश में व्यवस्थाएं ठीक से चलें, इसके लिए गृह मंत्रालय ने 24X7 कंट्रोल रूम शुरु किया जिस पर हजारों कॉल्स का जवाब दिया गया है, लोगों को समाधान दिया गया है।
साथियों,
कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई में हमने कदम-कदम पर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए। कोरोना काल में वंदे भारत मिशन के तहत 45 लाख से ज्यादा भारतीयों को विदेशों से भारत लाया गया। मुझे याद है, एक देश में जब भारतीयों को टेस्ट करने के लिए मशीनें कम पड़ रहीं थीं तो भारत ने पूरी टेस्‍टिंग लैब यहां से वहां भेज करके उसको वहां सजाया लगाया ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो।
साथियों,
भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा। ISRO, DRDO, फौज से लेकर किसानों और श्रमिकों तक, सभी एक संकल्प के साथ कैसे काम कर सकते हैं, ये भारत ने दिखाया है। ‘दो गज़ की दूरी और मास्क है जरूरी’ उस पर फोकस करने वालों में भी भारत अग्रणी देशों में रहा।
भाइयों और बहनों,
आज इन्हीं सब प्रयासों का परिणाम है कि भारत में कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर कम है और ठीक होने वालों की दर बहुत अधिक है। देश के कई जिले ऐसे हैं जहां एक भी व्यक्ति को हमें कोरोना की वजह से खोना नहीं पड़ा। इन जिलों में हर व्यक्ति कोरोना से ठीक होने के बाद अपने घर पहुंचा है। बहुत से जिले ऐसे भी हैं, जहां बीते दो सप्ताह से कोरोना संक्रमण का एक भी केस नहीं आया है। यहां तक कि लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था की रिकवरी में भी भारत दुनिया में आगे निकल रहा है। भारत उन गिने-चुने देशों में है जिसने मुश्किल के बावजूद दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में ज़रूरी दवाएं और ज़रूरी मेडिकल सहायता पहुंचाई। पैरासिटामॉल हो, हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्विन हो, टेस्टिंग से जुड़ा सामान हो, भारत ने दूसरे देश के लोगों को भी बचाने की हर संभव कोशिश की। आज जब हमने अपनी वैक्सीन बना ली है, तब भी भारत की तरफ दुनिया आशा और उम्मीद की नज़रों से देख रही है। हमारा टीकाकरण अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, दुनिया के अनेक देशों को हमारे अनुभवों का लाभ मिलेगा। भारत की वैक्सीन, हमारी उत्पादन क्षमता, पूरी मानवता के हित में काम आए, ये हमारी प्रतिबद्धता है।
भाइयों और बहनों,
ये टीकाकरण अभियान अभी लंबा चलेगा। हमें जन-जन के जीवन को बचाने में योगदान देने का मौका मिला है। इसलिए इस अभियान से जुड़ी प्रक्रिया को, उस प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए भी देश में Volunteer आगे आ रहे हैं। मैं उनका स्‍वागत करता हूँ, और भी अधिक Volunteers को मैं अपना समय इस सेवा कार्य में जोड़ने के लिए जरूर आग्रह करूंगा। हां, जैसा मैंने पहले कहा, मास्क, दो गज़ की दूरी और साफ-सफाई, ये टीके के दौरान भी और बाद में भी ज़रूरी रहेंगे। टीका लग गया तो इसका अर्थ ये नहीं कि आप कोरोना से बचाव के दूसरे तरीके छोड़ दें। अब हमें नया प्रण लेना है- दवाई भी, कड़ाई भी ! आप सभी स्वस्थ रहें, इसी कामना के साथ इस टीकाकरण अभियान के लिए पूरे देश को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ! देश के वैज्ञानिकों का, रिसर्चस का, लैब में जुड़े हुए सब लोगों का जिन्‍होंने पूरे साल एक ऋषि की तरह अपनी लैब में जीवन खपा दिया और ये वैक्‍सीन देश और मानवता को दी है मैं उनको भी विशेष रूप से अभिनंदन करता हूँ, उनका आभार व्‍यक्‍त करता हूँ। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनांए हैं। आप जल्‍द इसका लाभ उठाएं। आप भी स्‍वस्‍थ रहें, आपका परिवार भी स्‍वस्‍थ रहे। पूरी मानव जाति इस संकट की घड़ी से बाहर निकले और स्‍वस्‍थता हम सबको प्राप्‍त हो, इसी एक कामना के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !
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gokul2181 · 4 years
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Durga Puja 2020; Pooja organizers reduced budget four times this year: puja organizer | पूजा आयोजकों ने इस साल चार गुना कम किया बजट; 80% कॉरपोरेट जगत पर निर्भर रहने वाले दुर्गा पूजा पंडालों को इस साल सिर्फ 25% ही फंड मिला, 40 लाख वाला पंडाल 10 लाख में हुआ तैयार
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Durga Puja 2020; Pooja organizers reduced budget four times this year: puja organizer | पूजा आयोजकों ने इस साल चार गुना कम किया बजट; 80% कॉरपोरेट जगत पर निर्भर रहने वाले दुर्गा पूजा पंडालों को इस साल सिर्फ 25% ही फंड मिला, 40 लाख वाला पंडाल 10 लाख में हुआ तैयार
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Durga Puja 2020; Pooja Organizers Reduced Budget Four Times This Year: Puja Organizer
कोलकाता/नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: वर्षा पाठक
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पश्चिम बंगाल की दुर्गापूजा भी इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गई है। हालात यह है कि जिन पंडालों पर करोड़ों रुपए खर्च होते थे वह इस साल कम होकर 8 से 10 लाख रुपए पर आ गए है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां बिजनेस घरानों से मिलनेवाले चंदों में भारी कमी आई है। इससे पंडालों ने सीमित खर्च किया है।
महाषष्ठी के साथ पांच दिनों का यह दुर्गा पूजा उत्सव बंगाल की संस्कृति में शामिल है। देश-दुनिया से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस साल का नजारा बिल्कुल अलग है। बंगाल के दुर्गा पूजा के इतिहास में यह पहली बार होगा जब पूजा पंडाल में किसी प्रकार की कोई खास तामझाम नहीं किया गया है और ना श्रद्धालु की लंबी कतारें हैं। दुर्गा पूजा पर कोरोना महामारी का साफ असर दिख रहा है।
कोलकाता में बड़े पूजा आयोजकों को कोरोना संकट के चलते ना सर्फ पूजा पंडाल का कद छोटा करना पड़ा बल्कि बजट में भारी कटौती करनी पड़ी। अब कलकत्ता हाई कोर्ट ने यह आदेश दे दिया है कि पंडाल में सीमित विजिटर्स की ही एंट्री होगी। इस फैसले ने आयोजकों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। अब कई स्पॉन्सर्स पूजा पंडाल को स्पॉन्सर करने से कतरा रहे हैं।
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नार्थ कोलकाता का मोहम्मद अली पार्क पूजा पंडाल। इस पूजा पंडाल की थीम सचेतना है। यह कोरोना से सचेत रहने के लिए अन्य सेफ्टी के साथ मास्क पहनने पर जोर दिया गया है।
नार्थ कोलकाता के मोहम्मद अली पार्क, साउथ कोलकाता के भवानीपुर 75 पल्ली और चेतला अग्रणी जैसे बड़े पूजा पंडाल के आयोजकों का कहना है कि तृतीया के दिन जब सब कुछ तैयार हो गया तब कलकत्ता हाई कोर्ट ने पंडाल वाले एरिया को कंटेंटमेंट जोन में डाल दिया। पंडाल में विजिटर्स की संख्या को सीमित कर दिया। अगर यही फैसला पहले आ गया होता तो हम अपने बजट को और कम कर देते।
उनका मानना है कि कोर्ट फैसले के बाद कई ब्रान्ड कंपनियों ने पंडाल में पैसे लगाने से मना कर दिया। 75 पल्ली पूजा पंडाल के आयोजक व सचिव सबीर दास बताते हैं कि कोर्ट के फैसले के बाद करीब चार ऐसी ब्रान्ड कंपनियां हैं, जिन्होंने पंडाल को स्पॉन्सर करने से मना कर दिया। इन कंपनियों का मानना है जब विजिटर्स आएंगे ही नहीं तो प्रमोशन किसके लिए करें। सबीर दास कहते हैं, पूजा पंडाल में 22 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक के लिए स्पॉन्सर्स के साथ हुई डील हाथ से निकल गई। इस डील से करीब 5 लाख रुपए आने वाले थे।
ऐसी कहानी केवल सबीर दास के साथ नहीं है। हर आयोजकों की कहानी इसी तरह की है। 40-50 लाख में होने वाली पूजा का बजट 8 से 10 लाख पर आ गया। नार्थ कोलकाता में सबसे मशहूर पूजा पंडाल मोहम्मद अली पार्क (एमडी अली पार्क) में होता है। यहां सबसे बड़ा मेला लगता है। हर साल इस पंडाल का बजट 40 से 60 लाख तक हुआ करता था। लेकिन इस साल इसका बजट केवल 12 लाख रह गया है।
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एमडीअली पार्क पूजा पंडाल में मां दुर्गा कोरोनावायरस महामारी रूपी राक्षस का संहार करती नजर आईं हैं। वहीं इस संकट में डॉक्टर, पुलिस और सफाई कर्मियों के योगदान को सराहा गया है। यहां पुलिस लोगों को मास्क पहनने को लेकर सचेत कर रहे हैं।
1969 से लगातार आयोजन कर रही एमडीअली पार्क पूजा समिति के सचिव अशोक ओझा कहते हैं, पहली बार ऐसा हुआ है जब हम फंड की कमी के चलते बजट में कटौती कर दिए हैं। ऊपर से मास्क, ग्लव्स और पीपीटी किट के चलते खर्च अतिरिक्त बढ गया है। हालांकि, इस साल ममता बनर्जी की सरकार ने सभी रजिस्टर्ड पूजा पंडाल को सफाई और हाइजीन को ध्यान रखने के लिए अतिरिक्त खर्च को देखते हुए 50-50 हजार रुपए दिए हैं।
बता दें कि बंगाल सरकार के पास रजिस्टर्ड पूजा पंडालों की संख्या करीब 37,000 है। अशोक बताते हैं कि एक पूजा पंडाल जब लगातार 10 सालों तक पूजा का आयोजन करता है तब उसे सरकार के खाते में वह रजिस्टर्ड किया जाता है। एमडीअली पार्क में इस साल दुर्गा मां की प्रतिमा को बेहद सिंपल रखा गया है, हालांकि थीम काफी दमदार है। यहां मां दुर्गा के रूप में कोरोना वाॅरियर्स को दिखाया है जो कि महामारी रूपी राक्षस का संहार करती हैं।
कॉरपोरेट जगत से नहीं मिला अधिक सहयोग
अशोक बताते हैं कि बंगाल का दुर्गा पूजा करीब 80 फीसदी स्पॉन्सरशिप पर निर्भर रहता है। बाकी रकम इलाके से चंदा इक्कठा करके और प्राइज मनी से जुटाई जाती है। इस साल कॉरपोरेट जगत से कुछ खास मदद नहीं मिल पाई है। पिछले सात माह से कारोबार पूरी तरह ठप होने के चलते स्पॉन्सर्स पैसे लगाने से हिचक रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना के चलते पहले ही वे नुकसान में हैं, ऊपर से महामारी में ज्यादातर लोग घूमने फिरने से बच रहे हैं। ऐसे में कंपनियों को ब्रांडिंग से कुछ खास फायदा नजर नहीं आ रहा है।
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साउथ कोलकाता का चेतला अग्रणी नाम से मशहूर पूजा पंडाल में मां दुर्गा की अद्भूत प्रतिमा
28 साल की परंपरा को बरकरार रखना मजबूरी
साउथ कोलकाता का चेतला अग्रणी नाम से मशहूर पूजा पंडाल इस साल बेहद सिंपल थीम पर तैयार की गई है। हर साल यहां पूजा पंडाल में एंट्री के लिए करीब 20 गेट बनाए जाते थे और उन सभी गेटों पर ब्रान्ड कंपनियों का भारी तामझाम रहता था लेकिन अबकी बार केवल 7 गेट ही बने हैं। ब्रांड कंपनियों से करीब 20 से 25 फीसदी ही फंडिंग हुई है। ऐसे में जहां हर साल 30 से 40 लाख तक के बजट में पंडाल तैयार किया जाता था वो इस साल मात्र 8 लाख के आसपास में सिमट कर रह गई है।
चेतला अग्रणी पूजा के अध्यक्ष यासिर खान बताते हैं कि हम पिछले 28 साल से यहां पूजा करते आए हैं। इस साल उस जगह को सूना नहीं रख सकते थे, इसलिए हमने कम बजट के चलते साधारण पूजा का आयोजन किया है। यासिर कहते हैं इस साल हमें मात्र 15-20 स्पाॅन्सर्स ही मिलें हैं। इस वजह से हम अपने जेब से पैसे लगाकर और आस पास से चंदा लेकर पूजा कर रहे हैं। हालांकि, यह एरिया कोलकाता नगर निगम के मेयर और मंत्री फिरहाद हकीम के अंदर आती है, इसलिए उनकी तरफ से मदद मिल गई है। इस कारण भी पूजा करना संभव हो पाया है।
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चेतला अग्रणी पूजा पंडाल को इस साल बेहद सिंपल तरीके से तैयार किया गया है। इसे बांस की लकड़ी से तैयार किया गया है।
25 किलो सोने से तैयार हुई श्रीभूमी की मां दुर्गा
इस साल कोलकाता के श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब ने केदारनाथ की थीम पर तैयार पंडाल में मां दुर्गा की मूर्ति को 25 किलो सोने के गहनों से सजाया है। इस पूजा के मुख्य सदस्य राज्य के मंत्री सुजीत बोस हैं। वे कहते हैं कि इस साल पूजा की रौनक फीकी जरूर है, मगर हमने मूर्ति के आकार और उसकी भव्यता से कोई समझौता नहीं किया गया है। हर साल की तरह इस साल भी हमने मां दुर्गा को सोने के गहनों से सजाया है। श्रीभूमी स्पोर्टिंग क्लब हमेशा से भव्यता के लिए मशहूर रही है। हालांकि, बजट को लेकर पूछे गए सवाल पर सुजीत बोस ने स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया लेकिन उन्होंने यह माना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल पूजा पंडाल के बजट में 20 फीसदी तक की कटौती हुई है।
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यह श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब का दुर्गा पूजा है। यह पंडाल केदारनाथ थीम पर तैयार किया गया है।
बता दें कि यह वही पूजा पंडाल है जिसे साल-2018 में दुनिया का सबसे महंगा पंडाल होने का सर्टिफिकेट दिया गया था। बाहुबली की थीम पर तैयार पूजा पंडाल का बजट करीब 10 करोड़ रुपए था। पंडाल की ऊंचाई 110 फीट रखी गई थी। इतना ही नहीं पिछले साल 2019 में नार्थ कोलकाता के संतोष मित्रा स्क्वेयर में मां दुर्गा को 50 किलो सोने से तैयार किया गया था। बजट 20-25 करोड़ रुपए बताई गई थी।
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केदारनाथ थीम पर तैयार श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब में आयोजित दुर्गा पूजा पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा को 25 किलो सोने के गहनों से सजाया गया है।
बजट कम होने के चलते कपडे, धागे और फिश नेट का किया इस्तेमाल
साउथ कोलकाता का मशहूर पूजा पंडाल भवानीपुर 75 पल्ली में इस साल कपडे, धागे और मछली पकड़ने वाली जाल से पंडाल को तैयार किया गया है। सबीर दास बताते हैं कि इस साल का हमारा पूजा का कुल बजट 10 लाख के आसपास है। वहीं, पिछले साल करीबन 50 लाख के आसपास के बजट में पूजा का आयोजन किया गया था। वे बताते हैं कि इस साल ब्रान्ड कंपनियों की तरफ से खास रिस्पॉन्स नहीं मिला है। होर्डिग्स, बैनर्स पर ज्यादा खर्च नहीं किया गया है। कम बजट होने के कारण आयोजन पंडाल और मूर्ति को बेहद साधारण रख रहे हैं लेकिन थीम जरूर हर साल की तरह इस भी दमदार है।
छोटे कारीगरों की तो सालभर की कमाई होती है दुर्गा पूजा से
कॉन्फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेड एसोसिएशंस के अध्यक्ष सुशील पोद्दार बताते हैं कि हर साल बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान लगभग 3000 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। इनमें पूजा पंडाल की तैयारी, लेबर, मूर्तिकार, फास्ट फूड का स्टाॅल, कहार व ढाक से लेकर पूजा शॉपिंग शामिल हैं। लेकिन इस साल कोरोना व लॉकडाउन से पैदा आर्थिक संकट ने सबकुछ बर्बाद कर दिया है। इस साल दुर्गा पूजा का पूरा मार्केट करीब 30-35 फीसदी तक डाउन है।
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यह कोलकाता के भवानीपुर 75 पल्ली का दुर्गोत्सव है। यहां पंडाल को कपडे, धागे और मछली पकड़ने वाली जाल से तैयार किया गया है।
बता दें कि टूर एंड ट्रैवल, फूड और गारमेंट कारोबार के ठप रहने के चलते दुर्गा पूजा का बाजार काफी प्रभावित हुई है। सुशील के मुताबिक, इस साल करीब हजारों की संख्या में ऐसे लेबर से लेकर मूर्तिकार और पूजा के दौरान छोटे छोटे फूड का स्टाॅल लगाने वालों की कमाई पर सीधा असर पड़ा है। वे बताते हैं कि इनकी कमाई का जरिया ही दुर्गा पूजा है। इस समय इनकी कमाई इतनी हो जाती है कि ये सालभर छोटे मोटे अन्य काम करके भी घर-परिवार मैनेज कर लेते थे। साउथ कोलकाता के सुरुचि संघ पूजा पंडाल के पास पिछले दस सालों से फूड ट्रक का कारोबार करने वाले आमिर अली कहते हैं कि हर साल पूजा के समय फास्ट फूड की इतनी मांग होती थी कि हम उसे पूरी नहीं कर पाते थे। छह दिनों तक चलने वाली पूजा के दौरान दो लाख तक की कमाई हो जाती थी, लेकिन इस साल पूजा शुरु हुए दो दिन हो गए। अभी तक 10 हजार से भी कम की कमाई हुई है।
पहली बार सिंदूर खेला रस्म के बगैर ही होगी मां की विदाई
बंगाल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जहां दुर्गापूजा की परम्परा को ही बदलना पड़ा। दुर्गापूजा की शुरुआत मां की प्रतिमा में चक्षु दान के साथ किया जाता है और पूजा सम्पन्न होती है सिंदूर खेला के साथ। ऐसी मान्यता है कि 9 दिन मायके में रहने के बाद मां अपनी ससुराल जाती हैं, इसके पूर्व महिलाएं पान के पत्ते में सिंदूर डालकर मां की मांग भरती है। उसके बाद वही सिंदूर वे एक-दूसरे को लगाती है। दुर्गापूजा के पूरे 9 दिन में यह रस्म सबसे खूबसूरत होती है जिसके साथ भावनात्मक रूप से सभी जुड़े होते हैं। बता दें कि कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण कोर्ट ने सिंदूर खेला पर रोक लगा दी है।
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दुर्गापूजा की शुरुआत मां की प्रतिमा में चक्षु दान के साथ किया जाता है और पूजा सम्पन्न होती है सिंदू��� खेला के साथ।
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shaileshg · 4 years
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2020 के लिए फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार रोजर पेनरोज, रीनहार्ड गेंजेल और एंड्रिया गेज को दिया जाएगा। वहीं, हाथरस गैंगरेप मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जो फोरेंसिक रिपोर्ट सौंपी, उसमें रेप के सबूत नहीं मिलने का जिक्र है। चीफ जस्टिस ने कहा- यह घटना भयावह और असाधारण थी। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
आज इन 3 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1. IPL में सीजन का 21वां मैच चेन्नई और कोलकाता के बीच अबु धाबी में शाम साढ़े सात बजे से खेला जाएगा। टॉस शाम सात बजे होगा।
2. ड्रग्स केस में गिरफ्तार रिया की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट फैसला सुनाएगी।
3. एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने अनुराग कश्यप पर यौन शोषण के आरोप लगाने वाली एक्ट्रेस पायल घोष पर एक करोड़ 10 लाख रुपए का मानहानि का केस किया। इस पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई।
अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें
1. हाथरस केस की अगले हफ्ते सुनवाई, सरकारी रिपोर्ट में रेप के सबूत नहीं
हाथरस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। यूपी सरकार ने कोर्ट में फोरेंसिक रिपोर्ट सौंपी। इसमें रेप के सबूत नहीं मिलने का जिक्र है। वहीं, चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, "हाथरस की घटना भयानक और चौंकाने वाली थी। हम नहीं चाहते कि बार-बार दलीलें दोहराई जाएं। यह असाधारण मामला है। हम सुनिश्चित करेंगे कि जांच सही तरीके से हो।"
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2. रिया की जमानत पर हाईकोर्ट का फैसला आज
मंगलवार को मुंबई की सेशन कोर्ट ने एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी। ड्रग्स केस में गिरफ्तार रिया की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट आज फैसला सुना सकती है। एक्ट्रेस ने लोअर कोर्ट से 2 बार अर्जी खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में अपील की थी। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने रिया को 8 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
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3. बिहार एनडीए में वही रहेगा, जो नीतीश को नेता मानेगा: भाजपा
भाजपा और जदयू की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि जदयू के जिम्मे 122 सीटें दी गई हैं। हम पार्टी को इसी में 7 सीटें दी हैं। भाजपा के खाते में 121 सीटें हैं और वीआईपी को इन्हीं सीटों में से हिस्सा दिया जाएगा। वहीं, लोजपा के सवाल पर सुशील मोदी ने कहा- बिहार एनडीए में वही रहेगा, जो नीतीश जी को एनडीए का नेता स्वीकार करेगा।
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4. ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे राहुल को पुलिस ने रोका
कृषि कानूनों का विरोध कर रही कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली मंगलवार को हरियाणा बॉर्डर पर पहुंची। राहुल गांधी ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उनकी रैली को रोक दिया। यहां धक्का-मुक्की भी हुई और राहुल धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक जाने नहीं दिया जाता, वो एक घंटे, 5 घंटे, 24 घंटे, 100 घंटे, एक हजार घंटे या 5 हजार घंटे इंतजार करेंगे। बाद में राहुल को 100 कार्यकर्ताओं के साथ जाने की मंजूरी मिली।
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5. व्हाइट हाउस पहुंचते ही ट्रम्प ने मास्क हटाया
तीन दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए डोनाल्ड ट्रम्प इलाज के बाद सोमवार रात हॉस्पिटल से व्हाइट हाउस पहुंचे। उन्होंने कहा- कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। हालांकि, उनके डॉक्टर ने कहा है कि राष्ट्रपति को सेहत का बहुत ध्यान रखना होगा, क्योंकि खतरा टला नहीं है। व्हाइट हाउस में ट्रम्प ने मास्क भी हटा दिया। राष्ट्रपति ट्रम्प समेत 15 अफसर और सांसद संक्रमित पाए गए हैं। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, ट्रम्प कोरोना के हर नियम को तोड़ रहे हैं और गलत पब्लिक मैसेज दे रहे हैं।
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6. चाय बेचना शुरू की, अब सालाना 1.8 करोड़ रु कमा रहे
दिल्ली के रहने वाले जगदीश कुमार न्यूजीलैंड में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम कर रहे थे। लाखों में सैलरी थी। 15 साल तक उन्होंने यहां काम किया। फिर लगा कि बस बहुत हो गया, अब अपने वतन लौटना चाहिए। 2018 में वे भारत आ गए। यहां आकर उन्होंने NRI चायवाला शुरु किया। आज उनके पास चाय की 45 वैरायटी हैं। इससे सालाना वे 1.8 करोड़ रु कमा रहे हैं।
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7. 15 अक्टूबर से खुलेंगे मल्टीप्लेक्स, SOP जारी
मल्टीप्लेक्स खोलने के लिए सरकार ने मंगलवार को स्डैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर (SOP)जारी की। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी इलाकों में 15 अक्टूबर से 50% कैपेसिटी के साथ मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल शुरू किए जा सकेंगे। दो लोगों के बीच की सीट खाली रखनी होगी। कोरोना अवेयरनेस पर फिल्म दिखाना भी जरूरी होगा। हर शो के बाद पूरा हॉल सैनिटाइज होगा।
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अब 7 अक्टूबर का इतिहास
1919: गांधीजी की 'नव��ीवन' पत्रिका प्रकाशित।
1942: अमेरिका और ब्रिटिश सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की घोषणा की।
1952: चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी बना।
आखिर में जिक्र मदर टेरेसा का। उन्होंने आज ही के दिन 1950 में कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की थी। पढ़िए उन्हीं की एक बात...
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Riya's bail decision today; Every rule of corona shortened in front of Trump by BJP tough and rejecting mask on LJP in Bihar
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kisansatta · 4 years
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बलरामपुर डायरेक्टर राजीव लोचन ने किया महिला से अभद्र व्यवहा
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लखनऊ : बलरामपुर हॉस्पिटल के जाने माने डायरेक्टर राजीव लोचन अपनी नम्र भाषा शैली के चलते जाने जाते है | लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनके साथ अच्छा नहीं हो रहा है | जिसके बाद से वह लगातार सुर्ख़ियों में बने रहते है |सबसे परेशां करने वाली बात यह है कि यदि उच्च स्तर का अधिकारी इस इस तरह भाषा शैली का प्रयोग महिला के साथ दुर्व्यवहार किया एक प्रशासनिक कर्मचारी ना होकर बल्कि मालिक बनकर रुतबा दिखाना और हॉस्पिटल में तीमारदार महिला को अंदर आने से मना करना बहुत ही अमानवीय घटना है जहां प्रधानमंत्री मोदी जी वीआईपी कल्चर को खत्म किया वही बलरामपुर के डॉक्टर राजीव लोचन पद की हनक का रुतबा दिखाते हुए महिला को प्रताड़ित किया।
यह मामला बलरामपुर हॉस्पिटल का है जहां पर एक महिला नंदनी अवस्थी जो अपने भाई का इलाज कराने आई थी इसी के चलते वह अपने भाई की तीमारदारी में लगी थी और बाहर मेडिकल शॉप से दवाई लेकर के मुख्य द्वार से अंदर आ रही थी वही सामने डायरेक्टर राजीव लोचन ने हॉस्पिटल के अंदर प्रवेश करने से मना किया और अभद्र व्यवहार किया और तुरंत बाहर भगाने का निर्देश दिया दुर्व्यवहार करते हुए प्रताड़ित किया और भाई को हॉस्पिटल से निष्कासित करने की भी धमकी दे डाली कि अगर आप लोग मीडिया में कहीं पर बात बोलेंगे तो आपके भाई को बाहर निकाल दिया जाएगा इलाज भी नहीं किया जाएगा योगी सरकार जहां स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही वहां पर उच्च स्तर के अधिकारी इस तरीके का अमानवीय घटना कृत कर रहे हैं |
सूत्रों के हवाले से पता चला इससे पहले भी डायरेक्टर राजीव लोचन नर्सिंग स्टाफ के मुंह पर यूज किया हुआ मास्क फेंका था जिसको लेकर भी काफी बवाल हुआ जिससे बलरामपुर हॉस्पिटल स्टाफ में धरना भी दिया जाने लगा जिसके बाद माफी मांगने के बाद कार्य सुचारू रूप से संचालित हुआ पीड़िता का कहना है कि प्रशासन से उम्मीद है कि इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए । जिसके लिए वजीरगंज थाने में एप्लीकेशन भी दे दी है। अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करती है।
https://kisansatta.com/balrampur-director-rajiv-lochan-behaved-indecently-with-a-woman%e0%a4%ac%e0%a4%b2%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0-%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a5%8d/ #BalrampurDirectorRajivLochanBehavedIndecentlyWithAWoman Balrampur director Rajiv Lochan behaved indecently with a woman State, Trending #State, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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insidepressindia · 4 years
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#पंजाब : #चोरों ने #आइसोलेशन_वार्ड में भर्ती #कोरोना मरीजों को भी नहीं बक्शा #Coronavirusupdate #Amritsar अमृतसर : पूरी दुनिया में कोरोनावायरस का कहर जारी है और लोग धर्म-कर्म के काम करते हुए पिछले पापों के लिए भगवान से क्षमा याचना कर रहं है। हर कोई कोरोना के डर से कांप रहा है। पर आज के समय में भी कुछ लोग अपनी पुरानी हरक्तों से पीछे नहीं हट रहें है। पंजाब में लाकडाउन में ढील मिलने के बाद अपराधी इस महामारी को मामूली जानते हुए वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इन से भी ज्यादा एक शर्मनाक हरक्त अमृतसर के गुरू नानक देव अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखि़ल कोरोना पॉजिटिव मरीजों के साथ की गई जिस ने जहां सभी को शर्मसार कर दिया है वहीं अस्पताल प्रबंधन के सुरक्षा प्रबंधों की भी पोल खोल कर रख दी है। उक्त अस्पताल के आईसोलेशन बार्ड में जिंदगी मौत की लड़ाई लड़ रहे मरीजों के मोबाईल फोन एक व्यक्ति ने चुरा लिए। जिसके बाद वह आकाम से बाहर निकल गया। धार्मिक व्यक्ति के भेष में आए उक्त यक्ति द्वारा आज सुबह ही दो मरीजों के मोबाइल फोन चोरी कर लिए गए हैं। इस चोरी की घटना वार्ड में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है कि व्यक्ति बिना मास्क पहने पहले वार्ड में आया तथा फिर पॉजिटिव मरीजों के कमरों में जाकर छानबीन करता है। चोर द्वारा वार्ड में दाखिल प्राइवेट डॉक्टर तथा उसकी पत्नी का मोबाइल चोरी कर लिए गए। इस घटना के बाद प्रशासन के सुरक्षा ��्रबंधों की पोल खुल गई है। लोग बात कर रहे हैं कि यदि ऐसी ही सुरक्षा रही तो कोई भी व्यक्ति आसानी से वार्ड में घुस जा निकल सकता है। पुलिस इस मामले में कार्रवाई करने के लिए शिक्यात आने का इंतजार करती रही।
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sandhyamodi · 4 years
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52 में से 44 जिलों में कोरोनावायरस का संक्रमण फैला; नए मामलों में बाहर से आए लोग संक्रमित पाए गए
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जिन नए जिलों में मरीज मिल रहे हैं, उनकी ट्रैवल हिस्ट्री है, कोई गुजरात से तो कोई दिल्ली और महाराष्ट्र से आया है प्रदेश में शुक्रवार रात तक संक्रमित मरीजों की संख्या 4656 पर पहुंच गई, 240 की मौत हो चुकी है और 2399 संक्रमित ठीक होकर घर जा चुके हैं
दैनिक भास्करMay 16, 2020, 11:41 AM ISTभोपाल. कोरोनावायरस का संक्रमण प्रदेश के 52 में से 44 जिलों तक पहुंच गया है। जिन नए जिलों में मरीज मिल रहे हैं, उनकी ट्रैवल हिस्ट्री है। कोई गुजरात से तो कोई दिल्ली और महाराष्ट्र से आया है। दूसरे प्रदेशों में फंसे राज्य के कामगार और अन्य लोगों के आने का सिलसिला जारी है। करीब 10 दिन तक ये स्थिति बनी रह सकती है। जिन जिलों में नए मरीज मिल रहे हैं। वहां अभी सैंपल लेने के संशाधन पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ेगा, नए मरीजों के सामने आने की आशंका है। प्रदेश में शुक्रवार रात तक संक्रमित मरीजों की संख्या 4656 पर पहुंच गई है। सबसे अधिक इंदौर 2299, भोपाल 961, उज्जैन 284, जबलपुर 168, बुरहानपुर में 122 मरीज हो चुके हैं। 240 की मौत हो चुकी है और 2399 संक्रमित ठीक होकर घर जा चुके हैं।   मध्यप्रदेश में कोविड-19 सैंपल की संख्या गुरुवार को एक लाख पार हो गई है। अब तक कुल 1 लाख 273 लोगों की सैंपलिंग की जा चुकी है, इसमें से 93 हजार 894 लोगों की रिपोर्ट सामने आ चुकी है। वहीं, लगभग 4 हजार सैंपल अब तक रिजेक्ट हुए हैं। बाकी सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। राजधानी भोपाल में कुल सैंपल की संख्या 32439 और इंदौर में 22694 पहुंच गई है। प्रति एक लाख आबादी पर प्रदेश में 103.8 लोगों की सैंपलिंग की गई है। वहीं, भोपाल में प्रति एक लाख पर 968 और इंदौर में 462.5 लोगों की सैंपलिंग हुई है।
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भोपाल-विदिशा हाईवे पर मुबारकपुर में पलायन करते हजारों लोग रोज नजर आ रहे हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूर जान जोखिम में डालकर इस तरह सफर करने के लिए मजबूर हैं। भोपाल में कंटेनमेंट एरिया में अब सर्वे और स्क्रीनिंग सुबह, सैंपलिंग शाम को होगी जहांगीराबाद, मंगलवारा, टीला जमालपुरा, सुभाष नगर समेत शहर के 200 से ज्यादा कंटेनमेंट एरिया में हेल्थ सर्वे, स्क्रीनिंग और सैंपलिंग का शेड्यूल शुक्रवार को बदल दिया गया। शनिवार से कंटेनमेंट एरिया में हेल्थ सर्वे और स्क्रीनिंग सुबह की पारी में होगी। जबकि कोरोना संदिग्धों की सैंपलिंग शाम को होगी। जिला प्रशासन ने यह बदलाव गर्मी के कारण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की बिगड़ रही सेहत के मद्देनजर लिया है। जेपी अस्पताल, हमीदिया अस्पताल सहित दूसरे अस्पतालों में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सुआब के नमूने ओपीडी के दौरान ही लिए जाएंगे। जिला प्रशासन के अफसरों ने बताया कि कंटेनमेंट एरिया में सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक आशा- अांगनबाड़ी कार्यकर्ता हेल्थ सर्वे करेंगी। जबकि नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ कंटेनमेंट एरिया में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग। जिन रहवासियों की पॉजिटिव मरीज से कांटेक���ट हिस्ट्री अथवा उसमें कोरोना के लक्षण मिलेंगे? उस व्यक्ति के सुआब के सैंपल लिए जाएंगे। लेकिन, यह सैंपल दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे के बीच जीएमसी, जेपी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स और लैब टेक्नीशियन वाली टीम लेगी।
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भोपाल-विदिशा हाईवे सुबह से शाम तक इस तरह के नजारे देखे जा सकते हैं। महाराष्ट्र से लोग अपनी बाइक से परिवार सहित उत्तरप्रदेश और बिहार जा रहे हैं।  इंदौर: मल्हारगंज की एक मल्टी में 31 पॉजिटिव, इनमें 70 फीसदी मरीज तीसरी मंजिल के मल्हारगंज थाने के ठीक पास महंत कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को एक ही दिन में 21 पॉजिटिव मिले हैं। पहले यहां 10 मरीज मिल चुके हैं। 340 लोगों की मल्टी में 31 लोग संक्रमित हो गए हैं। मरीजों में एक 12 साल की बच्ची भी शामिल है। इसमें भी 70 फीसदी मरीज तीसरी मंजिल पर रहने वाले हैं। न्यू पलासिया में भी 40 सदस्यों वाले जैन परिवार के एक सदस्य संक्रमित हो गए हैं। परिवार में 2 डॉक्टर हैं, लिहाजा उन्हें होम क्वारेंटाइन कर इलाज किया जा रहा है। न्यू पलासिया के एक अन्य परिवार की महिला भी चोइथराम में भर्ती हैं। परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के बिजासन नगर में 7 लोग तो कुम्हारखाड़ी में भी 5 मरीज मिले हैं।
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भोपाल-विदिशा हाईवे पर इस समय मुंबई की लोकल टैक्सी भी नजर आ रही हैं। लोग इन टैक्सी से बिहार और उत्तरप्रदेश जा रहे हैं। हालांकि इन टैक्सियों को मुंबई से बाहर चलने की इजाजत नहीं है। कोरोना अपडेट्स सैंपलिंग के बाद बासौदा गए, 2 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, एफआईआर: कोविड-19 की सैंपलिंग के बाद घर में क्वारैंटाइन होने के बजाय एक परिवार विदिशा के बासौदा पहुंच गया। शुक्रवार सुबह आई रिपोर्ट में इस परिवार का एक दंपती कोरोना पॉजिटिव निकला। बगैर सूचना दिए घर छोड़ने और दूसरों को परेशानी में डालने के आधार पर मंगलवारा पुलिस ने इस परिवार के तीन लोगों पर लॉकडाउन उल्लंघन का केस दर्ज किया है। प्रदेश में संभवत: कोरोना पॉजिटिव मरीज के खिलाफ ये पहला केस दर्ज हुआ है। 54 दिन में... 4,360 केस यानी हर दिन 80 एफआईआर : भोपाल पुलिस ने 54 दिनों में 4360 केस दर्ज किए हैं। यानी औसतन 80 केस रोजाना। बीते 24 घंटे में भोपाल में 159 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें ज्यादातर बेवजह दोपहिया और चारपहिया वाहनों से घूमने के मामले शामिल हैं। ड्रोन कैमरों से मॉनीटरिंग कर 130 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए हैं। बिना मास्क घर से बाहर निकलने वाले 370 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है। शिवपुरी: गुजरात से यूपी जा रहे मजदूर की ट्रक में तबीयत बिगड़ी, मौत: जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई। शनिवार शाम बेहोशी की हालत में भर्ती कराया गया था। मजदूर मजदूर अमृत (24) पुत्र रामचरण यूपी के बस्ती जिले के बंदी बलास का रहने वाला था। अमृत गुजरात के सूरत से घर जा रहा था। 
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तस्वीर भोपाल की है। बिहार और उत्तरप्रदेश के मजदूर ट्रकों में क्षमता से अधिक संख्या में सफर कर रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ रहा है। कुल संक्रमित मरीज 4656: इंदौर 2299, भोपाल 961, उज्जैन 284, जबलपुर 168, बुरहानपुर 122, खरगौन 99, धार  96, खंडवा 81, रायसेन 65, देवास 58 मंदसौर 57 नीमच 49, होशंगाबाद 37, ग्वालियर 54, रतलाम 28, बड़वानी 26, मुरैना 27, सागर 17, विदिशा 14, आगरमालवा 13, भिंड 16, रीवा 11, शाजापुर 8, सतना 8, झाबुआ 7, छिंदवाड़ा 5, सीहोर 5, श्योपुर 4, सीधी 4, अलीराजपुर 3, अनूपपुर 3, हरदा 3, शहडोल 3, शिवपुरी 4, टीकमगढ़ 3, दतिया 4, अशोकनगर 2, डिंडोरी 2, बैतूल 1, गुना 1, मंडला 1, पन्ना 1, सिवनी 1, दमोह में एक मरीज। 240 की हुई मौत: इंदौर 98, भोपाल 35, उज्जैन 45, जबलपुर 8, बुरहानपुर 9, खरगौन 8, धार 2, खंडवा 8, रायसेन 3, देवास 7, मंदसौर 4, नीमच 1, होशंगाबाद 3, ग्वालियर 2, सागर 1, आगरमालवा 1, शाजापुर 1, सतना 1, छिंदवाड़ा 1, सीहोर 1, अशोकनगर में 1 मरीज की मौत हुई है। स्वस्थ हुए 2399: इंदौर 1098, भोपाल 601, उज्जैन 146, जबलपुर 79, बुरहानपुर 13, खरगौन 62, धार 69, खंडवा 38, रायसेन 56, देवास 18, मंदसौर 12, नीमच 4, होशंगाबाद 32, ग्वालियर 16, रतलाम 23, बड़वानी 26, मुरैना 18, सागर 5, विदिशा 13, आागरमालवा 12, रीवा 1, शाजापुर 7, छिंदवाड़ा 2, श्योपुर 4, अलीराजपुर 3, हरदा 3, शहडोल 3, शिवपुरी 3, टीकमगढ़ 3, डिंडोरी 1, बैतूल में एक मरीज स्वस्थ्य हुआ।  Source link Read the full article
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ideacitinews · 3 years
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Darbhanga: कोरोना को लेकर प्रभारी मंत्री ने की वर्चुअल मीटिंग...
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माननीय मंत्री ने डीएमसीएच का किया मुआयना Darbhanga: माननीय मंत्री पंचायती राज विभाग, बिहार सरकार-सह-प्रभारी मंत्री, दरभंगा जिला श्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में दरभंगा के एन.आई.सी. से दरभंगा जिला के माननीय जनप्रतिनिधियों के साथ कोरोना के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव को लेकर वर्चुअल मीटिंग की गयी।   बैठक में माननीय मंत्री, श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार श्री जिवेश कुमार मिश्र, माननीय मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग श्री मुकेश सहनी, दरभंगा के माननीय सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर, मधुबनी के माननीय सांसद डॉ. अशोक कुमार यादव, समस्तीपुर के माननीय सांसाद श्री प्रिंस राज, दरभंगा नगर माननीय विधायक श्री संजय सरावगी, माननीय विधायक, बेनीपुर डॉ. विनय कुमार चौधरी, माननीय विधायक, अलीनगर श्री मिश्रीलाल यादव, माननीय विधायक, गौड़ाबौराम श्रीमती स्वर्णा सिंह, माननीय विधायक, दरभंगा ग्रामीण श्री ललित कुमार यादव, माननीय विधायक, केवटी मुरारी मोहन झा, माननीय विधायक, कुशेश्वरस्थान श्री शशि भूषण हजारी उपस्थित थे।   बैठक के प्रारंभ में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. द्वारा जिले में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्य तथा कोरोना पॉजिटिव मरीजों के ईलाज के लिए की जा रही व्यवस्था से सभी माननीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराते हुए बताया गया कि दरभंगा जिले में आज की तिथि में 1557 एक्टिव केस है, पिछले तीन से चार दिनों में जिले की पॉजिटिभिटी रेट में कमी आयी है, प्रतिदिन 04 हजार सैंपल टेस्टिंग कराया जा रहा है, डी.एम.सी.एच. में 120 बेड उपलब्ध हैं तथा पूराने आई.सी.यू. में 07 एवं नये आई.सी.यू. में 25 भेंडिलेटर युक्त बेड उपलब्ध हैं, डी.एम.सी.एच. का ऑक्सीजन प्लांट चालू करा दिया गया है, जिससे कोरोना आई.सी.यू. वार्ड में सीधे ऑक्सीजन की आपूर्ति पाइप के माध्यम से हो रही है। डी.एम.सी.एच. में ऑक्सीजन प्लांट चालू हो जाने से प्रतिदिन 150 ऑक्सीजन सिलेण्डर की बचत हो रही है।   डी.एम.सी.एच. में 25 से 30 बेड और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए मानव संसाधन की आवश्यकता पड़ रही है, जिसे आउटसौर्सिंग से लेने का प्रयास किया जा रहा है। माधोपट्टी में एक ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत है, जिससे 1000 से 1100 सिलेण्डर प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है और उससे मधुबनी एवं सुपौल जिले को भी आपूर्ति की जा रही है। साथ ही कोरोना का ईलाज करने वाले निजी अस्पतालों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है और इसकी निगरानी के लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 13 पदाधिकारियों की एक टीम बनायी गयी है, जो डी.एम.सी.एच. एवं निजी अस्पतालों का भी निगरानी एवं अनुश्रवण कर रही है। इसके अतिरिक्त तीन रिफिलिंग ऑक्सीजन एजेंसी भी जिले में कार्यरत हैं, जो निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही डॉक्टर के पूर्जा के साथ यदि कोई जाएगा तो उसे भी दिलवा दिया जाएगा।     लॉकडाउन  के दौरान फ्लोमीटर मंगवाया गया है। प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि 25 हजार फ्लोमीटर क्रय किया गया है। उम्मीद है कि दरभंगा को पर्याप्त मात्रा में फ्लोमीटर उपलब्ध हो जाएगा। डी.एम.सी.एच. में भेंडिलेटर युक्त 35 बेड हैं, निजी अस्पतालों में भी भेंडिलेटर युक्त बेड उपलब्ध हैं, अभी भी 12 बेड खाली हैं और 03 निजी अस्पतालों को चिन्ह्ति किया गया है। 18 वर्ष से 44 वर्ष वालों का टीकाकरण 09 मई से प्रारंभ कर दिया गया है। सरकार के निर्देश के अनुसार 18 वर्ष से 44 वर्ष वालों का टीकाकरण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के समीप ही किया जाएगा। दरभंगा जिला में 24 स्थलों पर टीकाकरण चल रहा है, जिनमें 05 नगर निगम क्षेत्र में तथा प्रखण्डों में 19 स्थल पर चल रहे हैं। 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए पंचायतवार रोस्टर बनाकर टीकाकरण किया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी सूचना दी जा रही है। टीकाकरण में दरभंगा जिला का रैंक 09वाँ स्थान है।    स्ट्रेट ड्रग कंट्रोलर द्वारा सहायक औषधि नियंत्रक, दरभंगा के माध्यम से जिले को रेमडीसिविर उपलब्ध कराया जा रहा है और जिन अस्पतालों के द्वारा मरीज के अनुसार गूगल सीट पर माँग किया जाता है, उसके आधार पर उन्हें रेमडीसिविर उपलब्ध कराया जाता है।   मास्क का वितरण जिले में प्रारंभ करा दिया गया है। जिले में 9.65 लाख मास्क का वितरण किया गया है तथा 40 लाख मास्क का वितरण अभी किया जाना है।   माननीय प्रभारी मंत्री के अनुरोध पर बैठक में ऑनलाईन जूड़े सभी माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने सुझाव दिये गये। जिनमें डी.एम.सी.एच. में बेड बढ़ाने, डी.एम.सी.एच. की व्यवस्था और दुरुस्त करने, गंभीर कोरोना मरीजों का सी.टी. स्कैन करवाने, डी.एम.सी.एच. के चारों तल पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाने, निजी जाँच केन्द्रों द्वारा पॉजिटिव पाये गये मरीजों की भी निगरानी किया जाना, शहरी क्षेत्र में भी मास्क का वितरण किया जाना, डी.एम.सी.एच. के स्वास्थ्य प्रबंधकों के लंबित वेतन का भुगतान किया जाना, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर का प्रयोग किया जाना, डी.एम.सी.एच. में मरीजों के अटेंडेंट के लिए खाना की व्यवस्था के लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था करवाना, कोरोना वार्ड में अटेंडेंट के प्रवेश पर रोक लगाना, ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से सेनेटाईजेशन करवाना, वार्ड प्रबंधन समिति के माध्यम से बाहर से आने वाले लोगों को तलाश/खोज करवाना, डाटा ऑपरेटर की संख्या बढ़ाना, पंचायत के हर वार्ड में टीकाकरण कराना, वार्डवार जाँच टीम भेजकर आइसोलेटेड मरीजों का पता लगाना, एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाना, डॉक्टर उपलब्ध कराना, कोरोना पॉजिटिव बहुल्य गाँव में सैंपल टेस्टिंग कराना, रक्षा मंत्रालय और डी.आर.डी.ओ. के माध्यम से 500 बेड का अस्पताल खुलवाना, कोरोना मृतकों के परिजनों को 04-04 लाख रूपये का मुआवजा दिलवाना, प्रवासी मजदूरों को जल-जीवन-हरियाली, मनरेगा एवं अन्य सरकारी निर्माण कार्यों में रोजगार उपलब्ध कराना, मानव संसाधन में वृद्धि करना, कोरोना पॉजिटिव होने वाले फ्रंटलाइन वर्कर, हेल्थ वर्कर के लिए भी बेड सुरक्षित रखना, अस्पतालों में ईलाज की व्यवस्था में विस्तार करना शामिल हैं।   माननीय मंत्री श्री मुकेश सहनी ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए चिकित्सक, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ गलत रिपोर्ट देकर होम क्वारंटाइन हो जा रहे हैं, ऐसे लोगों की जाँच करायी जानी चाहिए। कोरोना पॉजिटिव के शरीर में 04 दिनों में एन्टीबॉडी बन जाता है, यदि उनके शरीर में एन्टीबॉडी नही बना है, तो इसका मतलब है कि उनको कोरोना नहीं हुआ है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि उनको सही सबक मिल सकें।     उन्होंने कहा कि कोविड मरीज को पटना रेफर न करें, बल्कि दरभंगा में ही ईलाज करें, क्योंकि जो ईलाज पटना में किया जाता है, वही ईलाज दरभंगा में भी किया जाता है। ऐसा देखा जा रहा है कि अस्पताल अपने जिम्मेवारी से बचने के लिए मरीज को पटना रेफर कर दे रहे हैं।   सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा जिलाधिकारी एवं जिला प्रशासन के कार्यों की सहराना की गयी और कहा कि डी.एम.सी.एच. तथा जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था की अच्छी तरह से निगरानी एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। इसके लिए सभी माननीय जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को धन्यवाद दिया।   बैठक को सम्बोधित करते हुए माननीय प्रभारी मंत्री ने कहा कि सभी माननीय सदस्यों की एक ही चिंता है कि कोरोना के संक्रमण पर कैसे काबू पाया जा सके और इस जंग को कैसे जीता जा सके। दरभंगा के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन सहित पूरा जिला प्रशासन इस लड़ाई में लगा हुआ है। इस कोविड की लड़ाई में विगत वर्ष से अबतक अनेक लोगों ने अपने प्राणों की आहुती दी है, हम उन सबों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं।   उन्होंने कहा कि सबों की यही सोच है कि कोरोना मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए डी.एम.सी.एच. को दुरूस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि 10 के.वी से अधिक का ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर क्रय करने हेतु पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के साथ जिला प्रशासन द्वारा एक बैठक कर ली जाए और उनकी निधि से जिले के लिए 200 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर क्रय कर लिया जाए। 10 किलो वाला कंस्ट्रेटर SP02-90 से कम रहने पर भी कार्य करेगा और ऑक्सीजन की कोई समस्या नहीं रहेंगी।   उन्होंने कहा कि मरीजों का सी.टी. स्कैन होने पर संक्रमण के वास्तविक स्थिति का पता चलता है, इसलिए गंभीर मरीजों का सी.टी. स्कैन होना आवश्यक है। जिला में टीकाकरण कराया जा रहा है। भारत सरकार से जैसे-जैसे टीका प्राप्त होगा, वैसे-वैसे टीकाकरण कराया जाता रहेंगा। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से ऊपर वाले टीका का दुसरा डोज जरूर ले लें। सभी माननीय विधायक अपनी निधि से एम्बुलेंस और नाव क्रय कर अपने क्षेत्र के लिए देने की कृपा करें। इससे सभी जगह एम्बुलेंस उपलब्ध हो जाएगा। मनरेगा के तहत 2600 नये परिवारों को जोड़ा गया है तथा 700 प्रवासी मजदूरों को काम दिया गया है। वार्ड प्रबंधन समिति बाहर से आने वालों की तुरंत सूचना उपलब्ध करावें। इसके साथ ही एक टीम बनायी जा रही है, जो घर-घर जाकर 60 वर्ष से ऊपर एवं बच्चें बीमार है, तो उसकी स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई कोरोना पॉजिटिव है, तो वहीं दवा की कीट्स उन्हें उपलब्ध करा देना है।   कोरोना के संकट से उबरने के लिए मास्क का प्रयोग निहायत जरूरी है और बिहार में 14 करोड़ मास्क का वितरण किया जाना है, जो जीविका एवं खाद्यी ग्राम उद्योग से क्रय किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सेनेटाईजेशन का काम तेजी से कराया जा रहा है। कोरोना पॉजिटिव मृतक के परिजन को दाह-संस्कार के लिए पी.पी.ई. किट्स उपलब्ध कराया जाए। मृतकों का दाह-संस्कार का कार्य सरकार की ओर से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों के लिए व्हाट्स एप्प ग्रुप बनाया गया है, जिसे गंभीरता से पहल किया जा रहा है।   बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक श्री बाबू राम, उप विकास आयुक्त श्री तनय सुल्तानिया, सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, उप निदेशक, जन सम्पर्क श्री नागेन्द्र कुमार गुप्ता व अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।   बैठक के उपरांत माननीय मंत्री, माननीय सासंद, दरभंगा, माननीय नगर विधायक एवं जिला पदाधिकारी के साथ डी.एम.सी.एच. का भ्रमण कर वहाँ के ईलाज की व्यवस्था का जायजा लिया तथा डी.एम.सी.एच. के सभागार में बैठक कर डी.एम.सी.एच. के प्रभारी अधीक्षक को डी.एम.सी.एच. के बचे हुए भेंडिलेटर व एक्स-रे मशीन को चालू करने, साफ-सफाई की मुकम्मल व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इसके उपरांत वे डी.एम.सी.एच. के आइसोलेशन वार्ड तक भ्रमण कर डी.एम.सी.एच. की व्यवस्था का मुआयना किया। राजू सिंह की रिपोर्ट Read the full article
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abhay121996-blog · 3 years
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टूटा रेकॉर्ड, दोगुना गंभीर मरीज, रेमडेसिविर की डिमांड 5 गुना...नोएडा में कोरोना से बिगड़ते हालात Divya Sandesh
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टूटा रेकॉर्ड, दोगुना गंभीर मरीज, रेमडेसिविर की डिमांड 5 गुना...नोएडा में कोरोना से बिगड़ते हालात
नोएडा कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नोएडा में पिछले साल के अपेक्षा इस साल कोविड अस्पताल में नाजुक मरीजों की संख्या करीब दोगुना हो गई है। डॉक्टरों के मुताबिक, वायरस के प्रभाव की वजह से ज्यादातर मरीजों में ऑक्सिजन का स्तर घट रहा है, लिहाजा उन्हें सपोर्ट दिया जा रहा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड पांच गुना बढ़ गई है।
सेक्टर 39 कोविड अस्पताल के आईसीयू में 40 बेड की सुविधा है। सभी बेड पर मरीज भर्ती हैं। अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक, पिछले साल आईसीयू में 15 से 20 गंभीर मरीज ही भर्ती रहते थे, लेकिन इस साल कोरोना की दूसरी लहर में गंभीर मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है।
कम पड़ रहे वेंटिलेटर, बाईपेप से ले रहे काम 6 मरीजों की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें बाईपेप पर रखा गया है। 6 को हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन पर रखा गया है। यह मशीन मरीज को ऑक्सिजन देने के बाद और वेंटिलेटर पर डालने से पहले ब्रिज का काम करती है। बताया जा रहा है कि इनको कोरोना के अलावा निमोनिया, हाईपरटेंशन, डायबिटीज समेत कई अन्य बीमारियां भी हैं। इससे उनकी दिक्कतें और बढ़ गई हैं।
रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड पांच गुना कोरोना के गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया जा रहा है। ऐसे में सेक्टर 39 कोविड अस्पताल में इस इंजेक्शन की डिमांड बढ़ गई है। पहले 100 इंजेक्शन से काम चल जाता था, लेकिन अब कोविड अस्पताल की एमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने डीएम से इंजेक्शन के 500 वायल मांगे हैं। यह इंजेक्शन काफी महंगा है। डॉक्टरों का कहना है एक गंभीर मरीज को इस इंजेक्शन के 6 डोज दिए जाते हैं।
जोड़ों में दर्द की शिकायत ज्यादा कोविड अस्पताल के डॉ. टीके सक्सेना का कहना है कि दूसरी लहर में सबसे ज्यादा लोगों के फेफड़े और जोड़ों में दर्द की शिकायत है। बुखार पहले की अपेक्षा कम है।
किसी को छोड़ने जा रहे तो टिकट की फोटो मोबाइल में रखें नाइट कर्फ्यू के दौरान अगर आप किसी सगे-संबंधी या रिश्तेदार को बस अड्डे, रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पर छोड़ने जा रहे हैं, तो संबंधित व्यक्ति के टिकट की फोटो मोबाइल में भी रखें। आपको कहीं रोका जाता है तो आप टिकट की फोटो दिखाकर जा सकते हैं। टिकट उसी दिन का होना चाहिए। इसके अलावा अगर यात्री को छोड़कर कोई कैब चालक या टैक्सी वाला लौटता है तो उसे डीएल सहित ��न्य दस्तावेज दिखाने होंगे।
3 हजार से ज्यादा चालान उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने बृहस्पतिवार को कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने तथा बिना मास्क पहने सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले 3,364 व्यक्तियों का चालान किया। पुलिस ने इनसे 3,36,400 रुपये का जुर्माना वसूला है। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि आज 1,685 वाहनों का चालान करते हुए कुल 1,99,900 रुपये शमन शुल्क वसूला गया है। उन्होंने बताया कि 27 वाहनों को जब्त किया गया है।
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vsplusonline · 4 years
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अब तक करीब 35 लाख संक्रमित: ब्रिटेन में 24 घंटे में 315 लोगों की जान गई, यहां एक जून से प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं
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अब तक करीब 35 लाख संक्रमित: ब्रिटेन में 24 घंटे में 315 लोगों की जान गई, यहां एक जून से प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं
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दुनियाभर में अब तक 2 लाख 44 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई, जबकि 11 मरीज ठीक हुए
ईरान में संक्रमण के 96 हजार 448 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 6156 लोगों की मौत हो चुकी है
दैनिक भास्कर
May 03, 2020, 09:37 PM IST
वॉशिंगटन. दुनिया में कोरोना से 34 लाख 99 हजार 398 लोग संक्रमित हैं। दो लाख 44 हजार 991 जान जा चुकी है, जबकि 11 लाख 27 हजार 223 ठीक हो चुके हैं। । कोरोनावायरस के चलते ब्रिटेन में 24 घंटे में 315 लोगों की जान गई है। यहां संक्रमण से अब तक 28 हजार 446 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही पीएम बोरिस जॉनसन ने संकेत दिए हैं कि एक जून से प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं।  
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अबू धाबी में 62 वर्षीय एक भारतीय बिजनेसैन की कोरोना से मौत हो गई। पीके ���रीम हाजी केरल के रहने वाले थे। उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल गफूर ने गल्फ न्यूज को बताया कि उनकी मौत गुरुवार को हुई। वे डायबिटीज के मरीज थे। हाजी अबू धाबी केरल मुस्लिम सांस्कृतिक केंद्र के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय इस्लामिक केंद्र और सुन्नी केंद्र के सक्रिय सदस्य थे
सोशल डिस्टेंसिंग पर एआई सिस्टम से रखी जाएंगी नजर कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे कारगर उपाय माना जा रहा है। इसीलिए, जिन देशों ने लॉकडाउन में छूट दी है, वहां लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य किया गया है। इसी को देखते हुए ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की मदद से ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जो लोगों पर नजर रखेगा। यदि लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करेंगे, तो सिस्टम का कैमरा उन्हें रेड साइन के साथ मार्क करेगा। वहीं उचित दूरी के साथ चलने वालों को ग्रीन साइन के साथ दिखाएगा। इस सिस्टम को उन कंपनियों के लिए बनाया गया है. जो लॉकडाउन में काम शुरू कर रही हैं।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए अमेरिका
11,60,840
67,448 1,73,725 स्पेन 2,45,567 25,100 1,46,233 इटली  2,09,328 28,710 79,914 ब्रिटेन 1,82,260 28,446 उपलब्ध नहीं फ्रांस 1,68,396 24,760 50,562 जर्मनी 1,64,967 6,812 1,29,900 रूस 1,34,687 1,280 16,639 तुर्की 1,24,375 3,336 58,259 ब्राजील 97,100 6,761 40,937 ईरान 96,448 6,156 77,350 
ये आंकड़े https://www.worldometers.info/coronavirus/ से लिए गए हैं।
अपडेट्स
इटली में दो महीने से लगे टोटल लॉकडाउन में कल से राहत दी  जाएगी।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कोरोनावायरस को लेकर किए गए 500 रैंडम टेस्ट में एक तिहाई लोग सकारात्मक आए हैं।  यहां 2704 मामले सामने आए हैं और 85 लोगों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि टेस्टिंग न होने से यहां बहुत से मरीजों का पता नहीं चला है।
सिंगापुर में रविवार को कोरोना संक्रमण के 657 नए मामले सामने आए। इनमें से 647 मामले विदेशी कामगारों के हैं। यहां संक्रमण के 18 हजार 205 मामले सामने आ चुके हैं। 
ईरान: 6156 मौतें ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि जहां संक्रमण के मामले कम हुए है, वहां सोमवार से मस्जिदें दोबारा खोली जाएंगी। इन इलाकों में पहले की तरह से जुमे का नमाज होगा। हालांकि, स्वास्थ्य के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। 16 मई से स्कूलों को भी खोला जा सकता है। यहां अब तक 6156 लोगों की जान जा चुकी है।
रूस:1.24 लाख संक्रमित
रूस में 24 घंटे में 10633 नए केस मिले हैं। मरीजों की संख्या अब एक लाख 34 हजार 687 हो गई है। एक दिन पहले यहां 9500 केस मिले थे। यहां 1280 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, रूस ने मास्क और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) के निर्यात से अस्थायी प्रतिबंध हटा दिया है। पिछले महीने इस पर प्रतिबंध लगाया गया था।
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मॉस्को में सफाईकर्मियों ने सड़क को सैनिटाइज किया। रूस में अब तक 1280 मौतें हो चुकी हैं।
जर्मनी: शर्तों के साथ चर्च खोले जाएंगे
जर्मनी में कई हफ्तों तक धार्मिक नेताओं और अधिकारियों के बीच चर्चा होने के बाद कुछ शर्तों के साथ चर्च खोले जाएंगे। लोग सीमित संख्या में इकट्ठा हो सकते हैं। पादरियों को मास्क पहनकर प्रार्थना करानी होगी। गाने पर प्रतिबंध रहेगा। धार्मिक स्थलों पर साफ-सफाई का ध्यान रखा जाएगा। लोगों को आपस में कम से कम दो मीटर की दूरी रखनी होगी। उधर, लॉकडाउन के खिलाफ जर्मनी के स्टटगार्ट और बर्लिन में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया।
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बर्लिन में शनिवार को लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक महिला को हिरासत में लेती पुलिस।
न्यूजीलैंड: प्रतिबंध तोड़ने के 1200 रिपोर्ट मिले पिछले हफ्ते देश में लॉकडाउन लेवल 3 लगाया गया। इसके बाद से न्यूजीलैंड पुलिस को बड़े पैमाने पर लोगों के प्रतिबंध तोड़ने की रिपोर्ट मिली है। पुलिस के मुताबिक, अब तक 1200 से ज्यादा रिपोर्ट मिले हैं। इनमें से 1 से 2 मई के बीच केवल 685 रिपोर्ट मिली। 112 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न के मुताबिक, चार लाख से ज्यादा लोग काम पर लौट सकते हैं।
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न्यूजीलैंड के शहर क्राइस्टचर्च में बीच पर सर्फिंग के लिए जाते लोग। यहां पिछले हफ्ते लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी गई।
दलाई लामा की लोगों से साथ आने की अपील तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए लोगों से साथ आने की अपील की है। उन्होंने कहा- संकट के इस घड़ी में हम अपने स्वास्थ्य और परिवार के लिए चिंतित हैं। साथ ही जिन्हें हमने खो दिया उनके लिए दुखी हैं।
अमेरिका: 11 लाख से ज्यादा संक्रमित  अमेरिका में एक दिन में 28 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए। इसके साथ ही यहां संक्रमितों की संख्या 11 लाख 59 हजार 430 हो गई है। देश के अलबामा और आइडाहो समेत कई राज्यों ने प्रतिबंधों में ढील देने शुरू कर दिए हैं। टेक्सास में राज्य के 2 लाख 90 हजार लोगों से स्टे-ऐट-होम ऑर्डर हटा लिया गया है।
अमेरिका में 24 घंटे में करीब 1638 लोगों की जान गई है। देश में अब तक 67 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। कैलिफोर्निया में स्टे-ऐट-होम ऑर्डर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे करीब 30 लोगों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया।
न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने कहा कि राज्य में एक दिन में 299 लोगों की मौत हुई है। यह आंकड़ा पिछले दिन से 10 कम है। इनमें 276 की हॉस्पिटल में, जबकि 10 की नर्सिंग होम में जान गई है।
क्यूमो ने कहा कि राज्य ने अब तक 15,000 से ज्यादा एंटीबॉडी टेस्ट हो चुका है। देश में सबसे ज्यादा सैम्पल यहां मिले हैं। न्यूयॉर्क में जितने टेस्ट हुए उनमें 12.3% एंटीबॉडी के लिए पॉजिटिव थे।
न्यूयॉर्क में अब तक तीन लाख 19 हजार 213 लोग संक्रमित हैं, जबकि 24 हजार 368 की जान जा चुकी है। यहां न्यूयॉर्क सिटी में सबसे ज्यादा 18 हजार 126 लोगों की मौत हुई है, जबकि यहां एक लाख 77 हजार संक्रमित हैं।
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कैलफोर्निया की राजधानी सैक्रामेंटो में राज्य को खोले जाने को लेकर प्रदर्शन करते लोग। यहां 53 हजार से ज्यादा संक्रममित हैं।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिकियों से एक होने का आग्रह किया 
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने शनिवार एक वीडियो में कहा कि अभी देश और दुनिया देश के लिए एक चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण समय है। उन्होंने सभी को एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति दिखाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा- हमने कई बार ऐसे संकट का सामना किया है।
A Message from President George W. Bush@TheCalltoUnite pic.twitter.com/FIn9wuOPTF
— George W. Bush Presidential Center (@TheBushCenter) May 2, 2020
कांग्रेस ने ट्रम्प प्रशासन के रैपिड कोरोना जांच का प्रस्ताव ठुकराया अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी और सीनेट के नेता मिच मैककोनेल ने ट्रम्प प्रशासन के रैपिड कोरोना टेस्टिंग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इस पर ट्रम्प ने शनिवार को ट्वीट किया, “राजनीति के अलावा इसे अस्वीकार करने का कोई कारण नहीं है। हम बहुत जांच कर रहे हैं। हो सकता है आप लोगों को वहां एक नए डॉक्टर की जरूरत हो। सनकी नैंसी काम करके नहीं, बल्कि एक बहाने के रूप में इसका इस्तेमाल करेगी।”
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कैलिफोर्निया से स्टे-ऐट-होम ऑर्डर हटाने की मांग को लेकर हटिंगट्टन बीच पर प्रदर्शन करते लोग। इस दौरान शनिवार को 30 लोग गिरफ्तार किए गए।
किम जोंग उन को वापस और स्वस्थ देखकर खुशी हुईः ट्रम्प ट्रम्प ने शनिवार को कहा कि वे उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उनकी को स्वस्थ देखकर खुश हैं। ट्रम्प ने शनिवार को उ.कोरिया की सरकारी मीडिया द्वारा किम की जारी की गई नई तस्वीर को लेकर जवाब दे रहे थे। किम 20 दिनों तक सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए थे। इसके कारण मीडिया में ऐसी अटकलें लगने लगी थी कि उनका निधन हो गया है।
ब्रिटेन: अतिरिक्त 76 मिलियन पाउंड का आवंटन
ब्रिटिश मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने कहा कि सरकार कोरोना से पीड़ित कमजोर समूहों की मदद के लिए और 76 मिलियन पाउंड का आवंटन करेगी। जेनरिक ने शनिवार को ट्वीट किया इसमें घरेलू हिंसा, यौन हिंसा और कमजोर बच्चे शामिल होंगे। व्यवसायों को सहायता देने के लिए भी 617 मिलियन डॉलर की मदद की जाएगी। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, देश में एक लाख 83 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं, जबकि 28 हजार 200 लोगों की मौत हो चुकी है।
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लंदन में शनिवार को लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन करने पर एक युवक को हिरासत में लिया गया।
ब्रिटिश पीएम ने बेटे का नाम जान बचाने वाले डॉक्टर के नाम पर रखा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिश जॉनसन औऱ उनकी मंगेतर कैरी साइमंड्स ने अपने बेटे का नाम उन दो डॉक्टरों के नाम पर रखा है, जिन्होंने पिछले महीने उनका इलाज किया था। जॉनसन कोरोना संक्रमित होने के बाद लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने अपने बेटे का नाम विल्फ्रेंड लॉरी निकोलस रखा है। बेटे का पहला नाम पीएम के दादा, बीच का पहला नाम कैरी के दादा पर रखा गया है। वहीं, बेटे के बीच का दूसरा नाम निकोलस, डॉ. निक प्राइस और डॉ. निक हार्ट के नाम पर रखा है।
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कैरी साइमंड्स ने बेटे के जन्म के बाद इंस्टाग्राम पर एनएचएस स्टाफ को धन्यवाद दिया।
डॉक्टर्स ने मुझे कई लीटर ऑक्सीजन दिया था: जॉनसन
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने रविवार को सन अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया कि अस्पताल में उन्हें जिंदा रखने के लिए डॉक्टर्स ने कई लीटर ऑक्सीजन दिया था। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि कुछ ही दिनों में उनकी हालत इतनी खराब हो गई। जॉनसन ने कहा- जब मैं आईसीयू में था तो मेरी स्थिति देखते हुए डॉक्टरोंं ने मेरी मौत की घोषण का भी इंतजाम कर लिया था। डॉक्टरों ने उनका बहुत खयाल रखा। देश में अब तक 28 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
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ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ताली बजाकर एनएचएस का समर्थन करते।
इटली: 474 नई मौतें  इटली में शनिवार को 474 लोगों की मौत हो गई। यहां मरने वालों का आंकड़ा 28 हजार 710 हो गया है। इटली के नागरिक सुरक्षा विभाग के मुताबिक, देश में 79 हजार 914 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां संक्रमण के दो लाख से ज्यादा मामले हो चुके हैं।
स्पेन: मास्क पहनना जरूरी स्पेन में सोमवार से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क लगाना जरूरी हो गया है। पीएम पेड्रो सांचेज ने कहा कि सरकार 60 लाख मास्क ट्रांसपोर्ट लोकेशन पर और 70 लाख स्थानीय अधिकारियों को बांटेगी। यहां लॉकडाउन में ढील दी जाएगी। यहां पिछले हफ्ते 14 साल के बच्चों को भी ढील दी गई थी। यहां अब तक 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो लाख 24 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं।
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यह तस्वीर स्पेन के ज्यूयोर्रिला समुद्र तट की है। सात हफ्तों के बाद व्यस्कों को भी घर से निकलने की अनुमति दी गई है।
फ्रांस: आपातकाल दो महीने बढ़ सकता है फ्रांस सरकार ने साफ कर दिया है कि वो महामारी से निपटने के लिए आपातकाल दो महीने बढ़ाने जा रहा है। कैबिनेट का प्रस्ताव मंगलवार को संसद के सामने पेश किया जाएगा। यहां अब तक 24 हजार 760 की जान जा चुकी है, जबकि एक लाख 68 हजार संक्रमित हैं।
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पेरिस में एफिल टॉवर के पास ट्रोकेडरो स्क्वायर में गोल्डन स्टैच्यू को मास्क पहनाया गया है। फ्रांस में सरकार महामारी से निपटने के लिए आपातकाल दो महीने बढ़ाएगी।
चीन: दो नए मामले चीन में 24 घंटे के दौरान संक्रमण के दो नए मामले सामने आए हैं। नेशनल हेल्थ कमीशन के अनुसार यहां शनिवार को कोरोना से किसी भी मौत नहीं हुई है। यहां अब तक 82 हजार 877 संक्रमित हैं, जबकि 4633 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन संक्रमण के मामले 10वें नंबर पर पहुंच गया है।
��ुर्की: संक्रमितों की संख्या 1.24 लाख तुर्की में एक दिन में 1983 नए मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही यहां संक्रमण के माामले एक लाख 24 हजार 375 हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री फहरेट्टिन कोजा ने शनिवार को बताया कि अब तक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 58हजार 259 हो गई है।
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gokul2181 · 4 years
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Coronavirus Novel Corona Covid 19 4 oct | Coronavirus Novel Corona Covid 19 News World Cases Novel Corona Covid 19 | सऊदी अरब ने 7 महीने बाद मक्का खोला, 18 अक्टूबर से 40 हजार लोगों को नमाज की इजाजत; दुनिया में 3.52 करोड़ मरीज
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Coronavirus Novel Corona Covid 19 4 oct | Coronavirus Novel Corona Covid 19 News World Cases Novel Corona Covid 19 | सऊदी अरब ने 7 महीने बाद मक्का खोला, 18 अक्टूबर से 40 हजार लोगों को नमाज की इजाजत; दुनिया में 3.52 करोड़ मरीज
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Hindi News
International
Coronavirus Novel Corona Covid 19 4 Oct | Coronavirus Novel Corona Covid 19 News World Cases Novel Corona Covid 19
लंदन/ वॉशिंगटन31 मिनट पहले
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सऊदी में पहले फेज में 6 हजार लोगों की मक्का जाने की इजाजत दी गई है। महामारी के चलते इस साल केवल 1 हजार लोगों को ही हज यात्रा की इजाजत मिली थी।
दुनिया में मौतों का आंकड़ा 10.39 लाख के पार, 2.59 करोड़ से ज्यादा लोग स्वस्थ
अमेरिका में 76.05 लाख संक्रमित, 2.14 लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं
सऊदी अरब में सात महीने बाद रविवार से मुस्लिमों के धार्मिक स्थल मक्का को उमरा के लिए खोल दिया गया। इसके लिए जरूरी सावधानियों का ध्यान रखा गया है। इसे तीन चरणों में खोला जाएगा। पहले चरण में सऊदी के 6 हजार लोगों को जाने की इजाजत होगी।
दूसरे स्टेज में 18 अक्टूबर के बाद ज्यादा से ज्यादा 15,000 जायरीनों और नमाज के लिए 40,000 लोगों को इजाजत दी जाएगी। उमरा के लिए लोगों को मोबाइल एप्लिकेशन से आवेदन करना होगा, ताकि भीड़ से बचा जा सके। हज मंत्री ने कहा कि देश के बाहर के जायरीन 1 नवम्बर से मक्का जा सकेंगे।
केवल एक हजार लोगों को ही हज की इजाजत दी गई थी
सऊदी अरब में अब तक 3 लाख 35 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित मिल चुके हैं जबकि 4850 मौतें हो चुकी हैं। उमरा में हर साल पूरी दुनिया से लाखों मुसलमान पहुंचते हैं। कोरोना के चलते इस साल सऊदी में रहने वाले केवल एक हजार लोगों को ही हज की इजाजत दी गई थी।
दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3 करोड़ 52 लाख 48 हजार 485 हो गया है। राहत की बात है कि इनमें 2 करोड़ 62 लाख 25 हजार 246 लोग ठीक भी हो चुके हैं। अभी 79 लाख 83 हजार 698 मरीजों का इलाज चल रहा है। मरने वालों का आंकड़ा 10.39 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।
इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
संक्रमित मौतें ठीक हुए अमेरिका 76,17,110 2,14,424 48,32,989 भारत 65,73,678 1,01,997 55,27,934 ब्राजील 49,06,833 1,46,011 42,48,574 रूस 12,15,001 21,358 9,79,143 कोलंबिया 8,48,147 26,556 7,57,801 पेरू 8,24,985 32,665 7,00,868 स्पेन 8,10,807 32,086 उपलब्ध नहीं अर्जेंटीना 7,90,818 20,795 6,26,114 मैक्सिको 7,57,953 78,880 5,45,530 साउथ अफ्रीका 6,79,716 16,938 6,12,763
ब्रिटेन: 700 से ज्यादा स्टूडेंट्स संक्रमित
ब्रिटेन के नार्थम्बुरिया यूनिवर्सिटी के 700 से ज्यादा स्टूडेंट्स संक्रमित मिले हैं। पॉजिटिव पाए गए सभी स्टूडेंट्स को सेल्फ आइसोलेशन में जाने के लिए कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर उन्हें बाहर किया जा सकता है। स्टूडेंट्स के साथ ही उनके फ्लैट में रहने वालों और उनके संपर्क में आए लोगों को सेल्फ आइसोलेट होने के लिए कहा गया है। ब्रिटेन में 4 लाख 80 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं और 42 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं।
स्पेन: पाबंदियां सख्त
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में पाबंदियां सख्त कर दी गई हैं। नए नियमों के मुताबिक, बार और रेस्टोरेंट में पहले के मुकाबले अब 50% कम लोगों को ही सेवाएं दी जा सकेंगी। सभी दुकानें रात 10 बजे तक बंद करनी होंगी। निजी और सार्वजनिक स्थानों पर 6 से ज्यादा लोग नहीं जुट सकेंगे। देश में 8 लाख 10 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित मिले हैं और 32 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं।
कोलंबिया : स्लम एरिया में खतरा कोलंबिया में पांच महीने से लॉकडाउन है। हालांकि, प्रतिबंधों में ढील भी दी गई है। सितंबर से कुछ रेस्टोरेंट्स खोले गए हैं। सरकार का कहना है कि छोटे शहरों और स्लम एरिया में संक्रमण का खतरा टला नहीं है। कोलंबिया की राजधानी बोगोटा की मेयर क्लाउडिया ने शनिवार को कहा- महामारी की दूसरी लहर नवंबर-दिसंबर या इसके पहले भी आ सकती है। हमने तैयारियां की हैं। उम्मीद है यह पहले जैसी खतरनाक साबित नहीं होगी।
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कोलंबिया की राजधानी बोगोटा की एक पार्किंग लॉट में सैनिटाइजेशन के काम में जुटा एक वर्कर।
रूस: 24 घंटे में 10,499 मामले रूस में 24 घंटे में संक्रमण के 10,499 केस मिले हैं जबकि 107 लोगों की जान गई है। 15 मई के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित मिले हैं। यहां अब तक 12.15 लाख मरीज मिल चुके हैं और 21,358 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां राजधानी मॉस्को सबसे ज्यादा प्रभावित है। देश में 5 अक्टूबर से सभी निजी कंपनियों को अपने 30% कर्मचारियों को घर से काम करने की इजाजत देने के लिए कहा गया है।
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रूस की राजधानी मॉस्को के अस्पताल में वॉलेंटियर को कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी का टीका लगाती एक डॉक्टर।
फ्रांस: एक दिन में रिकार्ड 16 हजार से ज्यादा मामले फ्रांस में 24 घंटे में 16 हजार 972 मामले सामने आए हैं। यह देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले हैं। इससे पहले शुक्रवार को देश में 12 हजार 148 मामले सामने आए थे। देश में संक्रमण की दूसरी लहर शुरू होने के साथ ही राजधानी पेरिस समेत कई शहरों में सख्त पाबंदियां लागू की गई हैं। अब तक फ्रांस में 6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित मिले हैं और 32 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं।
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फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफिल टावर के पास मास्क लगाकर घूमते स्थानीय लोग।
इजराइल: प्रतिबंध के बावजूद देश भर में प्रदर्शन इजराइल में प्रदर्शन करने पर रोक होने के बावजूद शनिवार को कई जगहों पर रैलियां निकाली गई। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भी हुई। पुलिस ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में तेल अवीव में 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, येरूशलम में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इजराइल में कोरोना से जुड़ी नई पाबंदियों के तहत एक जगह पर 20 से ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक है।
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इजराइल के तेल अवीव में शनिवार को सरकार के खिलाफ निकाली गई रैली में शामिल प्रदर्शनकारी।
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cg24xnews · 4 years
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बड़े इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित बड़े प्रिंट मीडिया को सरकारी विज्ञापन देकर उन्हें सहारा दिया जा रहा है |छोटे मीडिया , पत्रकार और वेब न्यूज़ संस्थानों के कर्मचारियों का दुख कौन बांटेगा ? खास खबर। कारोना वायरस की महामारी के कारण हुए लॉक डाउन एवं व्यापार बंद के बाद भी केन्द्र व प्रदेश सरकारों द्वारा बड़े इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित बड़े प्रिंट मीडिया को सरकारी विज्ञापन देकर उन्हें सहारा दिया जा रहा है | परंतु छोटे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया - वेब चैनल सहित प्रिंट मीडिया की तरफ केंद्र या प्रदेश की सरकारें ध्यान नहीं दे रही है किसी भी तरह की कोई सहायता इन्हें नहीं पहुंचाई गई हैं, महामारी से निपटने की आवश्यक वस्तुएं मास्क - सैनिटाइजर ग्लब्स जैसी छोटी-छोटी चीजें भी उपलब्ध नहीँ करवाई गईं हैं | छोटे मीडिया को उपेक्षित क्यों रखा गया जबकि तह तक जाकर अंदर की अच्छी और नेगेटिव खबरों को सामने लाने का काम इनके द्वारा भी किया जाता है | बिना मास्क सैनिटाइजर ग्लव्स के यह लोग रातदिन सरकार के कार्यों को जन जन तक पहुंचाते हैं| डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, सफाई कर्मियों, पुलिस सहित अधिकारियों की दिनचर्या - उनकी कार्यप्रणाली उनके नागरिकों के प्रति कर्तव्य और नागरिकों द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों - सेवाकार्यो के साथ-साथ सबको जागरूक करने की पहली कड़ी में छोटे वेब पोर्टल अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इनके तमाम कर्मचारी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदारी से लगे रहते हैं ,परंतु कहीं भी सुनने में नहीं आया कि सरकार ने एनजीओ ने या स्वयंसेवी संस्थाओं ने मीडिया कर्मचारियों को खोज कर उनका दुख दर्द बांटा हो उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश की हो , उन्हें किसी तरह की कोई सहायता पहुंचाई हो , लाखों की संख्या में जिम्मेदारी पूर्वक कार्य कर रहे कैमरामैन - रिपोर्टर सहित बैक ऑफिस टीम की चिंता कौन करेगा ?
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newsindiax · 4 years
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पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर शुक्रवार को 47 साल के हो जाएंगे। कोरोनावायरस (कोविड-19) जैसी महामारी के बीच सचिन ने इस बार जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है। यह फैसला उन्होंने पुलिस और डॉक्टर जैसे कई वॉरियर्स, जो कोरोना से आगे आकर लड़ रहे हैं, उनके सम्मान में किया है। यह जानकारी सचिन के करीबी सूत्र ने दी है। उन्होंने कहा है कि सचिन इस बार किसी तरह का जश्न नहीं मनाएंगे। पूर्व भारतीय कप्तान का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था।
सचिन का मानना है कि इस महामारी से लड़ने में फ्रंटलाइन वॉरियर्स डॉक्टर, नर्सों, चिकित्सा सहायकों, पुलिसकर्मियों, सैनिकों का आभार व्यक्त करने का यह सर्वश्रेष्ठ तरीका हो सकता है। इससे पहले भी सचिन ने इस महामारी से लड़ने के लिए 50 लाख रुपए का दान दिया था। उन्होंने अपने करियर में 200 टेस्ट और 463 वनडे खेले हैं। 2012 में वनडे से संन्यास लेने वाले सचिन के नाम 49 शतक समेत 18,426 रन हैं।
सचिन ने 12 हजार डॉक्टरों से बात की सचिन बीसीसीआई की मास्क फोर्स का भी हिस्सा हैं। उन्होंने वीडियो के जरिए संदेश दिया था, ‘‘घर में मास्क बनाइए और मास्क फोर्स का हिस्सा बनिए। याद रखिए कि 20 सेकंड तक हाथ धोना है और सामाजिक दूरी भी बनाए रखनी है।’’ साथ ही सचिन ने लॉकडाउन के दौरान देश के 12 हजार डॉक्टरों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव चैटिंग की थी। इस दौरान सचिन ने खेल से जुड़ी चोटों और अन्य समस्याओं पर अपने अनुभव शेयर किए।
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सचिन तेंदुलकर ने करियर में 200 टेस्ट और 463 वनडे खेले हैं। 2012 में वनडे से संन्यास लेने वाले सचिन के नाम 49 शतक समेत 18,426 रन हैं। -फाइल फोटो
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kisansatta · 4 years
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कहीं दबे पांव कोरोना ग्रामीण इलाकों में न फैल जाए।
वेद प्रकाश शास्त्री
भारत की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को और बेहतर भारत सरकार की ही रिपोर्ट नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2019 से समझा जा सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 21,403 सरकारी अस्पताल (प्राथमिक, सामुदायिक और उप-जिला , मंडल अस्पताल को मिलाकर) हैं जिनमें 2,65,275 बेड हैं, जबकि शहरों के 4,375 अस्पतालों में 4,48,711 बेड हैं। देश में तो वैसे हर 1,700 मरीजों पर एक बेड है लेकिन ग्रामीण भारत में इसकी स्थिति चिंताजनक है।
मानव जाति अपने इतिहास के सबसे कठिन और अभूतपूर्व दौर से गुजर रही है। शायद यह पहला अवसर है, जब पृथ्वी पर सबसे विकसित समझे जाने वाली मानव जाति अपने आप को घरों में कैद करने के लिए मजबूर हैं। लाॅक डाउन के बीच राज्यों में फंसे श्रमिक लगातार अपने गृह राज्यों की ओर लौट रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञों और डाक्टरों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं दबे पांव कोरोना ग्रामीण इलाकों में न फैल जाए।
पिछले एक सप्ताह में जिस तरह विभिन्न राज्यों में श्रमिक घर वापिस आए हैं, उससे लगातार चिंता बढ़ती जा रही है। ग्रामीण भारत अभी तक कोरोना के संक्रमण से बचा हुआ था। हालांकि शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों को भेजे गये प्रवासी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद ही उन्हें ट्रेन में बैठने की अनुमति दी जाती है किन्तु हजारों रिपोर्टों में एक-दो भी गलत हुई और ऐसा एक व्यक्ति भी ट्रेन में आ गया तब वह कितने लोगों को संक्रमित कर देगा ये बात बड़ी चिन्ता का कारण है।
ये बात जगजाहिर है कि शहरों में रहने वाले अधिकांश बाहरी श्रमिक झुग्गियों में रहने मजबूर होते हैं। ऐसे में उनके संक्रमित होने का डर भी बना रहता है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, देश की लगभग 69 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ऐसे में अब सवाल यह भी है कि क्या ग्रामीण भारत कोरोना जैसी महामारी से निपट पायेगा ? 24 मार्च को लॉकडाउन वाले अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं वाले देश भी इस बीमारी से नहीं लड़ पा रहे हैं, ऐसे में लॉकडाउन ही इससे बचाव का तरीका है ? ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य रिपोर्ट और आंकड़े तो यही कहते हैं।
भारत में लगभग 92 प्रतिशत कामगार इसी असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। इस असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों लोग अपने मूल घरों से निकल कर दूसरे ग्रामीण या शहरी इलाकों में प्रवासी मजदूर के रूप में काम करते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल प्रवासियों की संख्या 43.4 करोड़ थी जिनमें करीब 10.7 करोड़ लोग ऐसे थे जो काम करने के सिलसिले में एक स्थान से दूसरे स्थान पर गये थे।
इस परिप्रेक्ष्य में यह समझना लाजिमी है कि कुल 10.7 करोड़ प्रवासियों में 9 करोड़ से अधिक लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते रहे हैं जिन्हें दैनिक, साप्ताहिक या मासिक मजदूरी या तनख्वाह मिलती है। दरअसल लॉक डाउन शुरू किये जाने के पहले उन सबको गांवों तक भेजने की व्यवस्था की जाती तब न उनकी जांच हो पाती और न ही 14 दिन तक क्वारंटीन करने का इंतजाम ही था।
अभी जिस व्यवस्था के अंतर्गत उन्हें शहरों से भेजा जा रहा है उसमें उन सबका विधिवत रिकार्ड सबंधित राज्य सरकारें बना रही हैं और उनके द्वारा चयनित लोग ही वापिस लौट रहे हैं। गन्तव्य तक पहुचने के बाद उन्हें क्वारंटीन करते हुए उनके भोजन पानी की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके बावजूद भी खतरा बना हुआ है किन्तु शुरुवात में यदि उनको आने की छूट मिलती तब अराजकता के हालात बने बिना नहीं रहते।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि जिन शहरों में वे श्रमिक कार्यरत थे वहां के स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने यदि ठीक तरह से उनकी व्यवस्था की होती तो उपद्रव की स्थिति न बनी होती। लेकिन ऐसा लगता है दो चार दिन भोजन पानी की व्यवस्था करने के बाद दिल्ली सरकार की तरह बाकी राज्य सरकारों ने भी जान बूझकर उनकी उपेक्षा की जिससे वे वापिस जाने का दबाव बनाएं। खैर, अब तो उनकी वापिसी का अभियान शुरू हो ही चूका है लेकिन ये कितने दिन तक जारी रहेगा कहना कठिन है, क्योंकि जो राज्य सरकारें अपने प्रवासी श्रमिकों के सूची बना रही हैं उसमें भी काफी समय लग रहा है। और फिर ये देखना भी जरूरी है कि जिन स्थानों पर वे जा रहे हैं वहां पूरी सावधानी बरती जा सकेगी या नहीं।
जैसे-जैसे कोरोना दुनियाभर में फैलता जा रहा है, वैसे-वैसे इसको लेकर तमाम तरह के भय और भ्रांतियां भी सोशल मीडिया के माध्यम से फैल रही हैं। इसमें से कुछ सच हैं तो कुछ कोरे अफवाह। हालात यह है कि जितने मुंह, उतनी बातें। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के इस दौर में ये सब तेजी से फैल रहे हैं, जो इस महामारी के बीच फैले हुए डर, अनिश्चितता और उहापोह की स्थिति को और बढ़ा रहे हैं। बीते मार्च के महीने में कोरोना वायरस को लेकर खासकर ग्रामीण इलाकों में कई अफवाहें फैली थी।
सुखद बात यह रही कि स्थानीय सरकारों, पुलिस और प्रशासन ने समय रहते इन अफवाहों पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता हासिल की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति कही जाने वाली 900,000 “आशा” सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास मास्क या हैंडसैनिटाइजर के अभाव की खबरें आ रही हैं. तथ्यों से स्पष्ट है कि ज्यादातर हमारे योद्धा (डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र से आते है।
वहां संसाधनों का बेहद अभाव देखा जाता है। ऐसी राष्ट्रीय आपदा के समय सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण और कारगर है, इसे समझने और इस पर विचार करने की आवश्यकता है। यूपी और बिहार में सबसे ज्यादा श्रमिकों की घर वापिसी हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस ने फैले इसकी पूरी व्यवस्था यूपी सरकार ने कर दी है। ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन को गति देने वाली निगरानी समितियों को कोरोना के खिलाफ जंग में उतार दिया गया है।
आंकड़ों के मुताबिक बीते दो तीन दिनों में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। और उसी समय प्रवासी श्रमिकों की वापिसी भी हो रही है। ऐसे में ये देखने वाली बात होगी कि उनके साथ कहीं संक्रमण भी ग्रामीण इलाकों तक न जा पहुंचे। वरना अब तक सरकार द्वारा बरती गईं तमाम सावधनियों पर पानी फिरते देर नहीं लगेगी और वह स्थिति भयावह होगी।
भारत में अभी भी प्रति 10 लाख आबादी पर महज 864 लोगों का टेस्ट हो पा रहा है, जो काफी कम है। शहरों में जांच और चिकित्सा की जो व्यवस्था अभी तक की गयी है वह भी सभी जगह पर्याप्त नहीं है। ये देखते हुए मई का पूरा महीना बेहद महत्वपूर्ण होगा। क्योंकि तब तक प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या लौट चुकी होगी और उसके नतीजे भी सामने आ जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में 3,100 मरीजों पर एक बेड है। राज्यों की बात करें तो इस मामले में बिहार की स्थिति सबसे खराब है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसान बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 10 करोड़ आबादी रहती है जिनके लिए कुल 1,032 अस्पताल है जिनमें महज 5,510 बेड हैं। इस हिसाब से देखेंगे तो लगभग 18,000 ग्रामीणों के लिए एक बेड की व्यवस्था है। वहीं देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 77 फीसदी (15 करोड़ से ज्यादा) आबादी गांवों में रहती है, जिनके लिए 4,442 अस्पताल और कुल 39,104 बेड हैं। लगभग 3,900 मरीज एक बेड की व्यवस्था है।
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