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#पंजाब के राजा
mwsnewshindi · 2 years
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आईपीएल नीलामी लाइव: बिके और बिना बिके खिलाड़ियों की पूरी सूची | क्रिकेट खबर
आईपीएल नीलामी लाइव: बिके और बिना बिके खिलाड़ियों की पूरी सूची | क्रिकेट खबर
IPL नीलामी 2023: बिकने और न बिकने वाले खिलाड़ियों की पूरी लिस्ट इंडियन प्रीमियर लीग नीलामी (आईपीएल नीलामी 2023): इंग्लैंड के हैरी ब्रूक ने तीन फ्रेंचाइजी से काफी दिलचस्पी दिखाई और अंततः सनराइजर्स हैदराबाद को 13.25 करोड़ रुपये में बेचा गया। मयंक अग्रवाल को भी SRH ने 8.25 करोड़ रुपये में खरीदा। केन विलियमसन गुजरात टाइटन्स द्वारा 2 करोड़ रुपये में बेचे जाने वाले पहले खिलाड़ी थे। बड़े नाम विदेशी…
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lok-shakti · 2 years
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IPL रिटेंशन लाइव अपडेट्स: क्या चेन्नई सुपर किंग्स पूर्व कप्तान रवींद्र जडेजा को रिटेन करेगी? | क्रिकेट खबर
IPL रिटेंशन लाइव अपडेट्स: क्या चेन्नई सुपर किंग्स पूर्व कप्तान रवींद्र जडेजा को रिटेन करेगी? | क्रिकेट खबर
इंडियन प्रीमियर लीग ट्रॉफी इंडियन प्रीमियर लीग का 16वां संस्करण 2023 में खेला जाएगा और 23 दिसंबर को कोच्चि में मिनी नीलामी से पहले टीमों द्वारा रिटेन और रिलीज किए गए खिलाड़ियों की पूरी सूची की घोषणा करने की आखिरी तारीख आज है। दिन की शुरुआत मुंबई इंडियंस के महान किरोन पोलार्ड के आईपीएल से संन्यास की घोषणा के बड़े विकास के साथ हुई। यह खिलाड़ी और फ्रेंचाइजी का सोच-समझकर लिया गया फैसला है। वेस्टइंडीज…
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ramnathsblog · 3 months
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सतलोक आश्रम धुरी में आए अमरिंदर सिंह राजा वडिंग सांसद लुधियाना (पंजाब) |...
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समागम में आए श्रद्धालुओं के विचार
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jyotis-things · 27 days
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart82 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart83
"पवित्र कबीर सागर में प्रमाण"
* विशेष विचार :- पूरे गुरु ग्रन्थ साहेब में कहीं प्रमाण नहीं है कि श्री नानक जी, परमेश्वर कबीर जी के गुरु जी थे। जैसे गुरु ग्रन्थ साहेब आदरणीय तथा प्रमाणित है, ऐसे ही पवित्र कबीर सागर भी आदरणीय तथा प्रमाणित सद्ग्रन्थ है तथा श्री गुरुग्रन्थ साहेब से पहले का है। इसीलिए तो सैंकड़ों वाणी 'कबीर सागर' सद्ग्रन्थ से गुरु ग्रन्थ साहिब में ली गई हैं।
पवित्र कबीर सागर में विस्तृत विवरण है नानक जी तथा परमेश्वर कबीर साहेब जी की वार्ता का तथा श्री नानक जी के पूज्य गुरुदेव कबीर परमेश्वर जी
थे। कृपया निम्न पढ़ें। विशेष प्रमाण के लिए कबीर सागर (स्वसमबेदबोध) पृष्ठ न. 158 से 159
से सहाभार :-
नानकशाह कीन्हा तप भारी। सब विधि भये ज्ञान अधिकारी ।। भक्ति भाव ताको समिझाया। ता पर सतगुरु कीनो दाया।। जिंदा रूप धरयो तब भाई। हम पंजाब देश चलि आई ।। अनहद बानी कियौ पुकारा। सुनि कै नानक दरश निहारा।। सुनि के अमर लोक की बानी। जानि परा निज समरथ ज्ञानी ।।
नानक वचन आवा पुरूष महागुरु ज्ञानी। अमरलोकी सुनी न बानी।। अर्ज सुनो प्रभु जिंदा स्वामी। कहँ अमरलोक रहा निजधामी ।। काहु न कही अमर निजबानी। धन्य कबीर परमगुरु ज्ञानी ।। कोई न पावै तुमरो भेदा। खोज थके ब्रह्मा चहुँ वेदा ।।
जिन्दा वचन
नानक तुम बहुतै तप कीना। निरंकार बहुते दिन चीन्हा ।। निरंकारते पुरूष निनारा। अजर द्वीप ताकी टकसारा ।। पुरूष बिछोह भयौ तव (त्व) जबते। काल कठिन मग रोंक्यौ तबते ।।
इत तव (त्व) सरिस भक्त नहिं होई। क्यों कि परमपुरूष न भेटेंउ कोई ।। जबते हमते बिछुरे भाई। साठि हजार जन्म भक्त तुम पाई ।। धरि धरि जन्म भक्ति भलकीना। फिर काल चक्र निरंजन दीना ।। गहु मम शब्द तो उतरो पारा। बिन सत शब्द लहै यम द्वारा ।। तुम बड़ भक्त भवसागर आवा। और जीवकी कौन चलावा ।। निरंकार सब सृष्टि भुलावा। तुम करि भक्तिलौटि क्यों आवा ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष तुम यह पद भाखी। यह पद हमसे गुप्त कह राखी ।। जबलों हम तुमको नहिं पावा। अगम अपार भर्म फैलावा ।। कहो गोसाँई हमते ज्ञाना। परमपुरूष हम तुमको जाना ।। धनि जिंदा प्रभु पुरूष पुराना। बिरले जन तुमको पहिचाना ।।
जिन्दा वचन
भये दयाल पुरूष गुरु ज्ञानी। दियो पान परवाना बानी ।। भली भई तुम हमको पावा। सकलो पंथ काल को ध्यावा ।। तुम इतने अब भये निनारा। फेरि जन्म ना होय तुम्हारा।। भली सुरति तुम हमको चीन्हा। अमर मंत्र हम तुमको दीन्हा ।। स्वसमवेद हम कहि निज बानी। परमपुरूष गति तुम्हें बखानी ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष ज्ञानी करतारा। जीवकाज प्रकटे संसारा ।। धनि (धन्य) करता तुम बंदी छोरा। ज्ञान तुम्हार महाबल जोरा ।।
दिया नाम दान किया उबारा। नानक अमरलोक पग धारा ।। भावार्थ :- परम पूज्य कबीर प्रभु एक जिन्दा महात्मा का रूप बना कर
श्री नानक जी से मिलने पंजाब में गए तब श्री नानक साहेब जी से वार्ता हुई। तब परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि आप जैसी पुण्यात्मा जन्म-मृत्यु का कष्ट भोग रहे हो फिर आम जीव का कहाँ ठिकाना है?
जिस निरंकार को आप प्रभु मान कर पूज रहे हो पूर्ण परमात्मा तो इससे भी भिन्न है। वह मैं ही हूँ। जब से आप मेरे से बिछुड़े हो साठ हजार जन्म तो अच्छे-2 उच्च पद भी प्राप्त कर चुके हो (जैसे सतयुग में यही पवित्र आत्मा राजा अम्ब्रीष तथा त्रेतायुग में राजा जनक (जो सीता जी के पिता जी थे) हुए तथा कलियुग में श्री नानक साहेब जी हुए।) फिर भी जन्म मृत्यु के चक्र में ही हो।
मैं आपको सतशब्द अर्थात् सच्चा नाम जाप मन्त्र बताऊँगा उससे आप अमर हो जाओगे। श्री नानक साहेब जी ने प्रभु कबीर से कहा कि आप बन्दी छोड भगवान हो, आपको कोई बिरला सौभाग्यशाली व्यक्ति ही पहचान सकता है।
कबीर सागर के अध्याय "अगम निगम बोध" में पृष्ठ नं. 44 पर शब्द है :-
।। नानक वचन ।।
।। शब्द ।।
वाह वाह कबीर गुरु पूरा है।
पूरे गुरु की मैं बलि जावाँ जाका सकल जहूरा है।।
अधर दुलिच परे है गुरुनके शिव ब्रह्मा जह शूरा है।।
श्वेत ध्वजा फहरात गुरुनकी बाजत अनहद तूरा है।।
पूर्ण कबीर सकल घट दरशै हरदम हाल हजूरा है।। नाम कबीर जपै बड़भागी नानक चरण को धूरा है।।
* विशेष विवेचन : बाबा नानक जी ने उस कबीर जुलाहे (धाणक) काशी वाले को सत्यलोक (सच्चखण्ड) में आँखों देखा तथा फिर काशी में धाणक (जुलाहे) का कार्य करते हुए देखा तथा बताया कि वही धाणक रूप (जुलाहा) सत्यलोक में सत्यपुरुष रूप में भी रहता है तथा यहाँ भी वही है।
आदरणीय श्री नानक साहेब जी का आविर्भाव (जन्म) सन् 1469 तथा सतलोक वास सन् 1539 "पवित्र पुस्तक जीवनी दस गुरु साहिबान"। आदरणीय कबीर साहेब जी धाणक रूप में मृतमण्डल में सन् 1398 में सशरीर प्रकट हुए तथा सशरीर सतलोक गमन सन् 1518 में "पवित्र कबीर सागर"। दोनों महापुरुष 49 वर्ष तक समकालीन रहे।
श्री गुरु नानक साहेब जी का जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में हुआ। प्रभु प्राप्ति के बाद कहा कि "न कोई हिन्दू न मुसलमाना" अर्थात् अज्ञानतावश दो धर्म बना बैठे। सर्व एक परमात्मा सतपुरुष के बच्चे हैं। श्री नानक देव जी ने कोई धर्म नहीं बनाया, बल्कि धर्म की बनावटी जंजीरों से मानव को मुक्त किया तथा शिष्य परम्परा चलाई। जैसे गुरुदेव से नाम दीक्षा लेने वाले भक्तों को शिष्य बोला जाता है, उन्हें पंजाबी भाषा में सिक्ख कहने लगे। जैसे आज इस दास के लाखों शिष्य हैं, परन्तु यह धर्म नहीं है। सर्व पवित्र धर्मों की पुण्यात्माएँ आत्म कल्याण करवा रही हैं। यदि आने वाले समय में कोई धर्म बना बैठे तो वह दुर्भाग्य ही होगा। भेदभाव तथा संघर्ष की नई दीवार ही बनेगी, परन्तु लाभ कुछ नहीं होगा।
गवाह नं 6 संत घीसा दास जी गाँव-खेखड़ा जिला-बागपत, उत्तर प्रदेश (भारत) : इनको छः वर्ष की आयु में कबीर परमेश्वर जी मिले थे। पूरा गाँव खेखड़ा गवाह है। संत घीसा जी ने बताया कि मैंने परमेश्वर कबीर जी के साथ ऊपर सतलोक में जाकर देखा था। जो काशी में जुलाहे का कार्य करता था, वह पूर्ण परमात्मा है। सारी सृष्टि का सृजनकर्ता है। असंख्य ब्रह्मण्डों का मालिक है।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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pradeepdasblog · 29 days
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart82 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart83
"पवित्र कबीर सागर में प्रमाण"
* विशेष विचार :- पूरे गुरु ग्रन्थ साहेब में कहीं प्रमाण नहीं है कि श्री नानक जी, परमेश्वर कबीर जी के गुरु जी थे। जैसे गुरु ग्रन्थ साहेब आदरणीय तथा प्रमाणित है, ऐसे ही पवित्र कबीर सागर भी आदरणीय तथा प्रमाणित सद्ग्रन्थ है तथा श्री गुरुग्रन्थ साहेब से पहले का है। इसीलिए तो सैंकड़ों वाणी 'कबीर सागर' सद्ग्रन्थ से गुरु ग्रन्थ साहिब में ली गई हैं।
पवित्र कबीर सागर में विस्तृत विवरण है नानक जी तथा परमेश्वर कबीर साहेब जी की वार्ता का तथा श्री नानक जी के पूज्य गुरुदेव कबीर परमेश्वर जी
थे। कृपया निम्न पढ़ें। विशेष प्रमाण के लिए कबीर सागर (स्वसमबेदबोध) पृष्ठ न. 158 से 159
से सहाभार :-
नानकशाह कीन्हा तप भारी। सब विधि भये ज्ञान अधिकारी ।। भक्ति भाव ताको समिझाया। ता पर सतगुरु कीनो दाया।। जिंदा रूप धरयो तब भाई। हम पंजाब देश चलि आई ।। अनहद बानी कियौ पुकारा। सुनि कै नानक दरश निहारा।। सुनि के अमर लोक की बानी। जानि परा निज समरथ ज्ञानी ।।
नानक वचन आवा पुरूष महागुरु ज्ञानी। अमरलोकी सुनी न बानी।। अर्ज सुनो प्रभु जिंदा स्वामी। कहँ अमरलोक रहा निजधामी ।। काहु न कही अमर निजबानी। धन्य कबीर परमगुरु ज्ञानी ।। कोई न पावै तुमरो भेदा। खोज थके ब्रह्मा चहुँ वेदा ।।
जिन्दा वचन
नानक तुम बहुतै तप कीना। निरंकार बहुते दिन चीन्हा ।। निरंकारते पुरूष निनारा। अजर द्वीप ताकी टकसारा ।। पुरूष बिछोह भयौ तव (त्व) जबते। काल कठिन मग रोंक्यौ तबते ।।
इत तव (त्व) सरिस भक्त नहिं होई। क्यों कि परमपुरूष न भेटेंउ कोई ।। जबते हमते बिछुरे भाई। साठि हजार जन्म भक्त तुम पाई ।। धरि धरि जन्म भक्ति भलकीना। फिर काल चक्र निरंजन दीना ।। गहु मम शब्द तो उतरो पारा। बिन सत शब्द लहै यम द्वारा ।। तुम बड़ भक्त भवसागर आवा। और जीवकी कौन चलावा ।। निरंकार सब सृष्टि भुलावा। तुम करि भक्तिलौटि क्यों आवा ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष तुम यह पद भाखी। यह पद हमसे गुप्त कह राखी ।। जबलों हम तुमको नहिं पावा। अगम अपार भर्म फैलावा ।। कहो गोसाँई हमते ज्ञाना। परमपुरूष हम तुमको जाना ।। धनि जिंदा प्रभु पुरूष पुराना। बिरले जन तुमको पहिचाना ।।
जिन्दा वचन
भये दयाल पुरूष गुरु ज्ञानी। दियो पान परवाना बानी ।। भली भई तुम हमको पावा। सकलो पंथ काल को ध्यावा ।। तुम इतने अब भये निनारा। फेरि जन्म ना होय तुम्हारा।। भली सुरति तुम हमको चीन्हा। अमर मंत्र हम तुमको दीन्हा ।। स्वसमवेद हम कहि निज बानी। परमपुरूष गति तुम्हें बखानी ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष ज्ञानी करतारा। जीवकाज प्रकटे संसारा ।। धनि (धन्य) करता तुम बंदी छोरा। ज्ञान तुम्हार महाबल जोरा ।।
दिया नाम दान किया उबारा। नानक अमरलोक पग धारा ।। भावार्थ :- परम पूज्य कबीर प्रभु एक जिन्दा महात्मा का रूप बना कर
श्री नानक जी से मिलने पंजाब में गए तब श्री नानक साहेब जी से वार्ता हुई। तब परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि आप जैसी पुण्यात्मा जन्म-मृत्यु का कष्ट भोग रहे हो फिर आम जीव का कहाँ ठिकाना है?
जिस निरंकार को आप प्रभु मान कर पूज रहे हो पूर्ण परमात्मा तो इससे भी भिन्न है। वह मैं ही हूँ। जब से आप मेरे से बिछुड़े हो साठ हजार जन्म तो अच्छे-2 उच्च पद भी प्राप्त कर चुके हो (जैसे सतयुग में यही पवित्र आत्मा राजा अम्ब्रीष तथा त्रेतायुग में राजा जनक (जो सीता जी के पिता जी थे) हुए तथा कलियुग में श्री नानक साहेब जी हुए।) फिर भी जन्म मृत्यु के चक्र में ही हो।
मैं आपको सतशब्द अर्थात् सच्चा नाम जाप मन्त्र बताऊँगा उससे आप अमर हो जाओगे। श्री नानक साहेब जी ने प्रभु कबीर से कहा कि आप बन्दी छोड भगवान हो, आपको कोई बिरला सौभाग्यशाली व्यक्ति ही पहचान सकता है।
कबीर सागर के अध्याय "अगम निगम बोध" में पृष्ठ नं. 44 पर शब्द है :-
।। नानक वचन ।।
।। शब्द ।।
वाह वाह कबीर गुरु पूरा है।
पूरे गुरु की मैं बलि जावाँ जाका सकल जहूरा है।।
अधर दुलिच परे है गुरुनके शिव ब्रह्मा जह शूरा है।।
श्वेत ध्वजा फहरात गुरुनकी बाजत अनहद तूरा है।।
पूर्ण कबीर सकल घट दरशै हरदम हाल हजूरा है।। नाम कबीर जपै बड़भागी नानक चरण को धूरा है।।
* विशेष विवेचन : बाबा नानक जी ने उस कबीर जुलाहे (धाणक) काशी वाले को सत्यलोक (सच्चखण्ड) में आँखों देखा तथा फिर काशी में धाणक (जुलाहे) का कार्य करते हुए देखा तथा बताया कि वही धाणक रूप (जुलाहा) सत्यलोक में सत्यपुरुष रूप में भी रहता है तथा यहाँ भी वही है।
आदरणीय श्री नानक साहेब जी का आविर्भाव (जन्म) सन् 1469 तथा सतलोक वास सन् 1539 "पवित्र पुस्तक जीवनी दस गुरु साहिबान"। आदरणीय कबीर साहेब जी धाणक रूप में मृतमण्डल में सन् 1398 में सशरीर प्रकट हुए तथा सशरीर सतलोक गमन सन् 1518 में "पवित्र कबीर सागर"। दोनों महापुरुष 49 वर्ष तक समकालीन रहे।
श्री गुरु नानक साहेब जी का जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में हुआ। प्रभु प्राप्ति के बाद कहा कि "न कोई हिन्दू न मुसलमाना" अर्थात् अज्ञानतावश दो धर्म बना बैठे। सर्व एक परमात्मा सतपुरुष के बच्चे हैं। श्री नानक देव जी ने कोई धर्म नहीं बनाया, बल्कि धर्म की बनावटी जंजीरों से मानव को मुक्त किया तथा शिष्य परम्परा चलाई। जैसे गुरुदेव से नाम दीक्षा लेने वाले भक्तों को शिष्य बोला जाता है, उन्हें पंजाबी भाषा में सिक्ख कहने लगे। जैसे आज इस दास के लाखों शिष्य हैं, परन्तु यह धर्म नहीं है। सर्व पवित्र धर्मों की पुण्यात्माएँ आत्म कल्याण करवा रही हैं। यदि आने वाले समय में कोई धर्म बना बैठे तो वह दुर्भाग्य ही होगा। भेदभाव तथा संघर्ष की नई दीवार ही बनेगी, परन्तु लाभ कुछ नहीं होगा।
गवाह नं 6 संत घीसा दास जी गाँव-खेखड़ा जिला-बागपत, उत्तर प्रदेश (भारत) : इनको छः वर्ष की आयु में कबीर परमेश्वर जी मिले थे। पूरा गाँव खेखड़ा गवाह है। संत घीसा जी ने बताया कि मैंने परमेश्वर कबीर जी के साथ ऊपर सतलोक में जाकर देखा था। जो काशी में जुलाहे का कार्य करता था, वह पूर्ण परमात्मा है। सारी सृष्टि का सृजनकर्ता है। असंख्य ब्रह्मण्डों का मालिक है।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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deshbandhu · 10 months
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हॉकी अकादमी चैंपियनशिप में इन टीमों के नाम रही जीत |
एचएआर हॉकी अकादमी और घुम्मनहेड़ा राइजर अकादमी ने दूसरे दिन सब-जूनियर वर्ग में अपने-अपने मैच जीते। जबकि, आर्मी बॉयज स्पोर्ट्स अकादमी, एचएआर हॉकी अकादमी और राउंडग्लास पंजाब हॉकी क्लब जूनियर वर्ग में विजेता बने। इस बीच, जूनियर वर्ग में मार्कंडेश्वर हॉकी अकादमी का मुकाबला राजा करण हॉकी अकादमी से 1-1 से ड्रा रहा।सब जूनियर वर्ग के पहले मैच में एचएआर हॉकी अकादमी ने राजा करन हॉकी अकादमी को 8-2 से हराया।
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mahatvapoorna · 1 year
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सीएम मान की विपक्षी दलों को पंजाब के मुद्दों पर चर्चा की चुनौती CM Bhagwant Mann Open Challenge:
सीएम मान की विपक्षी दलों को पंजाब के मुद्दों पर चर्चा की चुनौती CM Bhagwant Mann Open Challenge:
CM Bhagwant Mann Open Challenge: सीएम भगवंत मान ने पंजाब में विपक्षी दलों के नेताओं को एक खुला चैलेंज दिया है। सीएम मान ने पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़, अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग और प्रताप बाजवा को पंजाब के मुद्दों पर पंजाब���यों और मीडिया के सामने उनके साथ लाइव बहस करने को कहा है। लाइव बहस के लिए सीएम मान ने समय भी तय किया है। सीएम मान ने बहस के लिए 31…
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ghanshyamdhruv · 1 year
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Shraddha TV Satsang 03-09-2023 || Episode: 2309 || Sant Rampal Ji Mahara...
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#SUNDAYSPECIALSATSANG
- बिना गुरु क दान व्यर्थ होता है
- राजा पिछले पुण्यकर्मों से राज भोगता है
- ये भक्ति आपकी 101 पीढ़ी पार कर देगी
🎉 8 सितंबर 2023 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
💥 आयोजन स्थल का पता है -
🎊सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान),
🎊सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धनाना (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश),
🎊सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश),
🎊सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल देश)
इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2023 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-
Facebook page:- spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj
Youtube:- Sant Rampal Ji Maharaj
Twitter :- @SaintRampalJiM
↪️🪴अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" फ्री में ऑर्डर करे ⤵️
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeLPF3UzWec_Keiq3rtd2ctK6-_VyNnAZI8-rXDDREYWLc8uA/viewform?usp=sf_link
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↪️🪴 Visit- "Satlok Ashram" on YouTube.
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sevanlal · 1 year
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https://youtu.be/rm-966MYUYM?si=BSU6vSpy_1QeNqje
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#SUNDAYSPECIALSATSANG
- बिना गुरु के दान व्यर्थ होता है
- राजा पिछले पुण्यकर्मों से राज भोगता है
- ये भक्ति आपकी 101 पीढ़ी पार कर देगी
🎉 8 सितंबर 2023 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
💥 आयोजन स्थल का पता है -
🎊सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान),
🎊सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धनाना (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश),
🎊सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश),
🎊सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल देश)
इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2023 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-
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rajkumaridasi · 1 year
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इस भक्ति से आपकी 101 पीढ़ी मोक्ष प्राप्त करेगी | Sant Rampal Ji LIVE | SA...
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- बिना गुरु के दान व्यर्थ होता है
- राजा पिछले पुण्यकर्मों से राज भोगता है
- ये भक्ति आपकी 101 पीढ़ी पार कर देगी
🎉 8 सितंबर 2023 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
💥 आयोजन स्थल का पता है -
🎊सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान),
🎊सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब),
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🎊सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा),
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🎊सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल देश)
इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2023 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-
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freegiverbread · 1 year
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- बिना गुरु के दान व्यर्थ होता है
- राजा पिछले पुण्यकर्मों से राज भोगता है
- ये भक्ति आपकी 101 पीढ़ी पार कर देगी
🎉 8 सितंबर 2023 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
💥 आयोजन स्थल का पता है -
🎊सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान),
🎊सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धनाना (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश),
🎊सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश),
🎊सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल देश)
इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2023 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-
Facebook page:- spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj
Youtube:- Sant Rampal Ji Maharaj
Twitter :- @SaintRampalJiM
↪️🪴अधिक जानकारी के लिए संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" फ्री में ऑर्डर करे ⤵️
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfvLPqZ8xGEcjh4G5QIqE27UQJN5zkm4WRJgyPmsbd0NhGzMQ/viewform?usp=sf_link
↪️🪴PlayStore से Install करें :-
"Sant Rampal Ji Maharaj" ऐप्प🙏
↪️🪴 Visit- "Satlok Ashram" on YouTube.
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radtaletrash · 1 year
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इस भक्ति से आपकी 101 पीढ़ी मोक्ष प्राप्त करेगी | Sant Rampal Ji LIVE | SA...
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#SUNDAYSPECIALSATSANG
- बिना गुरु क दान व्यर्थ होता है
- राजा पिछले पुण्यकर्मों से राज भोगता है
- ये भक्ति आपकी 101 पीढ़ी पार कर देगी
🎉 8 सितंबर 2023 जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
💥 आयोजन स्थल का पता है -
🎊सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान),
🎊सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब),
🎊सतलोक आश्रम धनाना (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा),
🎊सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश),
🎊सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश),
🎊सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल देश)
इस भव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 08 सितंबर 2023 को सुबह 09:15 बजे से साधना TV पर और सुबह 09:30 बजे से पॉपुलर TV पर होगा। साथ ही, इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आप हमारे सोशल मीडिया Platform पर भी देख सकते हैं जो निम्न हैं:-
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prabhatbooks · 1 year
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भगत सिंह मैं नास्तिक क्यों हूँ?
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 क्रांतिकारी आंदोलन
यह दर्शन सभी क्रांतिकारी आंदोलन की रीढ़ है बंगाल का भी और पंजाब का भी. इस मामले में मैं उनसे अलग हूं
यह बात बहुत व्यापक रूप से है. ब्रह्मांड की उनकी व्याख्या टेलिओलॉजिकल और मेटाफिजिकल है, जिसका मैं भौतिकवादी हूं और घटना की मेरी व्याख्या कारणात्मक होगी। फिर भी, यह किसी भी तरह से अप्रासंगिक या पुराना नहीं है। हमारे देश में जो सामान्य आदर्श प्रचलित हैं, वे अधिक हैं उनके द्वारा व्यक्त किये गये विचारों के अनुसार। उससे लड़ने के लिए निराशाजनक मनोदशा के कारण उन्होंने प्रार्थनाओं का सहारा लिया जैसा कि स्पष्ट है पुस्तक की संपूर्ण शुरुआत भगवान को समर्पित है, उनकी स्तुति, उनकी परिभाषा.
एल. राम सरन दास जी  कौन थे और उनके विचार क्या थे 
लाला राम सरन दास को 1915 में पहले लाहौर षडयंत्र मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सेलम सेंट्रल जेल, मद्रास प्रेसीडेंसी में रहते हुए, उन्होंने ड्रीम नामक पद्य में एक पुस्तक लिखी। बीस के दशक के मध्य में अपनी रिहाई के बाद उन्होंने भगत सिंह और सुखदेव से संपर्क किया और एचएसआरए में सक्रिय हो गए। दूसरे एलसीसी के सिलसिले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। इस बार वह डगमगा गया और उसने राजा की क्षमा स्वीकार कर ली। जल्द ही उन्हें गलती का एहसास हुआ और उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया। उन पर झूठी गवाही देने का आरोप लगाया गया और दो साल की सजा सुनाई गई जिसे बाद में अपील में घटाकर छह महीने कर दिया गया। इसी दृढ़ विश्वास के दौरान उन्होंने अपनी पांडुलिपि भगत सिंह को परिचय के लिए दी। इस लेख में भगत सिंह ने राम शरण दास के काम के पीछे की भावना की सराहना करते हुए, क्रांति की समस्याओं के प्रति उनके यूटोपियन दृष्टिकोण की आलोचना की है। उन्होंने ईश्वर, धर्म, हिंसा-अहिंसा, अध्यात्मवाद, साहित्य, काव्य आदि विषयों पर भी अपनी अभिव्यक्ति दी है।
मुफ्त शिक्षा के बारे में एल. राम सरन दास का विचार वास्तव में है विचारणीय है और समाजवादी सरकार ने इसे अपनाया है रूस में भी कुछ हद तक यही पाठ्यक्रम है। ड्रीमलैंड का परिचय 107 अपराध के बारे में उनकी चर्चा वास्तव में सबसे उन्नत विचारधारा है। अपराध सबसे गंभीर सामाजिक समस्या है जिसका बहुत ही चतुराईपूर्ण उपचार आवश्यक है। वह अपने जीवन के अधिकांश समय जेल में रहे हैं। उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्राप्त है. एक स्थान पर उन्होंने सामान्य जेल की शर्तों, 'हल्का श्रम, मध्यम श्रम और कठिन श्रम' आदि का प्रयोग किया है। अन्य सभी समाजवादियों की तरह उनका सुझाव है कि, प्रतिशोध के बजाय, यानी प्रतिशोध के बजाय सुधारात्मक सिद्धांत को सजा का आधार बनाना चाहिए। . दण्ड देना नहीं बल्कि पुनः प्राप्त करना न्याय प्रशासन का मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए। जेलों को सुधारगृह होना चाहिए न कि वास्तव में नरक। इस संबंध में पाठकों को रूसी जेल व्यवस्था का अध्ययन करना चाहिए।
खून के छींटे पड़े बब्बर अकालियों की होली का दिन क्रूसीफिक्स पर
1925-26 में भगत सिंह कानपुर में थे और हिंदी साप्ताहिक पार्टाप में गणेश शंकर विधार्थी के अधीन काम कर रहे थे। कानपुर में रहते हुए उन्होंने बब्बर अकाली आंदोलन के शहीदों के बारे में "एक पंजाबी युवक" पर हस्ताक्षर करते हुए यह लेख लिखा था। यह 15 मार्च, 1925 को प्रताप में प्रकाशित हुआ था। होली के दिन, 27 फरवरी, 1926 को, जब हम आनंद में डूबे हुए थे, एक भयानक घटना घट रही थी
इस महान प्रांत के एक कोने में. जब आप सुनेंगे तो सिहर उठेंगे! तुम कांप उठोगे! उस दिन छह बहादुर बब्बर अकालियों को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दे दी गई। श्री किशन सिंहजी गडगज्जा, श्री संता सिंहजी, श्री दिलीप सिंहजी, श्री नंद सिंहजी, श्री करम सिंहजी और श्री धरम सिंहजी पिछले दो वर्षों से मुकदमे के प्रति बड़ी उदासीनता दिखा रहे थे, जो बताता है…….
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jyotis-things · 29 days
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart82 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart83
"पवित्र कबीर सागर में प्रमाण"
* विशेष विचार :- पूरे गुरु ग्रन्थ साहेब में कहीं प्रमाण नहीं है कि श्री नानक जी, परमेश्वर कबीर जी के गुरु जी थे। जैसे गुरु ग्रन्थ साहेब आदरणीय तथा प्रमाणित है, ऐसे ही पवित्र कबीर सागर भी आदरणीय तथा प्रमाणित सद्ग्रन्थ है तथा श्री गुरुग्रन्थ साहेब से पहले का है। इसीलिए तो सैंकड़ों वाणी 'कबीर सागर' सद्ग्रन्थ से गुरु ग्रन्थ साहिब में ली गई हैं।
पवित्र कबीर सागर में विस्तृत विवरण है नानक जी तथा परमेश्वर कबीर साहेब जी की वार्ता का तथा श्री नानक जी के पूज्य गुरुदेव कबीर परमेश्वर जी
थे। कृपया निम्न पढ़ें। विशेष प्रमाण के लिए कबीर सागर (स्वसमबेदबोध) पृष्ठ न. 158 से 159
से सहाभार :-
नानकशाह कीन्हा तप भारी। सब विधि भये ज्ञान अधिकारी ।। भक्ति भाव ताको समिझाया। ता पर सतगुरु कीनो दाया।। जिंदा रूप धरयो तब भाई। हम पंजाब देश चलि आई ।। अनहद बानी कियौ पुकारा। सुनि कै नानक दरश निहारा।। सुनि के अमर लोक की बानी। जानि परा निज समरथ ज्ञानी ।।
नानक वचन आवा पुरूष महागुरु ज्ञानी। अमरलोकी सुनी न बानी।। अर्ज सुनो प्रभु जिंदा स्वामी। कहँ अमरलोक रहा निजधामी ।। काहु न कही अमर निजबानी। धन्य कबीर परमगुरु ज्ञानी ।। कोई न पावै तुमरो भेदा। खोज थके ब्रह्मा चहुँ वेदा ।।
जिन्दा वचन
नानक तुम बहुतै तप कीना। निरंकार बहुते दिन चीन्हा ।। निरंकारते पुरूष निनारा। अजर द्वीप ताकी टकसारा ।। पुरूष बिछोह भयौ तव (त्व) जबते। काल कठिन मग रोंक्यौ तबते ।।
इत तव (त्व) सरिस भक्त नहिं होई। क्यों कि परमपुरूष न भेटेंउ कोई ।। जबते हमते बिछुरे भाई। साठि हजार जन्म भक्त तुम पाई ।। धरि धरि जन्म भक्ति भलकीना। फिर काल चक्र निरंजन दीना ।। गहु मम शब्द तो उतरो पारा। बिन सत शब्द लहै यम द्वारा ।। तुम बड़ भक्त भवसागर आवा। और जीवकी क���न चलावा ।। निरंकार सब सृष्टि भुलावा। तुम करि भक्तिलौटि क्यों आवा ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष तुम यह पद भाखी। यह पद हमसे गुप्त कह राखी ।। जबलों हम तुमको नहिं पावा। अगम अपार भर्म फैलावा ।। कहो गोसाँई हमते ज्ञाना। परमपुरूष हम तुमको जाना ।। धनि जिंदा प्रभु पुरूष पुराना। बिरले जन तुमको पहिचाना ।।
जिन्दा वचन
भये दयाल पुरूष गुरु ज्ञानी। दियो पान परवाना बानी ।। भली भई तुम हमको पावा। सकलो पंथ काल को ध्यावा ।। तुम इतने अब भये निनारा। फेरि जन्म ना होय तुम्हारा।। भली सुरति तुम हमको चीन्हा। अमर मंत्र हम तुमको दीन्हा ।। स्वसमवेद हम कहि निज बानी। परमपुरूष गति तुम्हें बखानी ।।
नानक वचन
धन्य पुरूष ज्ञानी करतारा। जीवकाज प्रकटे संसारा ।। धनि (धन्य) करता तुम बंदी छोरा। ज्ञान तुम्हार महाबल जोरा ।।
दिया नाम दान किया उबारा। नानक अमरलोक पग धारा ।। भावार्थ :- परम पूज्य कबीर प्रभु एक जिन्दा महात्मा का रूप बना कर
श्री नानक जी से मिलने पंजाब में गए तब श्री नानक साहेब जी से वार्ता हुई। तब परमेश्वर कबीर जी ने कहा कि आप जैसी पुण्यात्मा जन्म-मृत्यु का कष्ट भोग रहे हो फिर आम जीव का कहाँ ठिकाना है?
जिस निरंकार को आप प्रभु मान कर पूज रहे हो पूर्ण परमात्मा तो इससे भी भिन्न है। वह मैं ही हूँ। जब से आप मेरे से बिछुड़े हो साठ हजार जन्म तो अच्छे-2 उच्च पद भी प्राप्त कर चुके हो (जैसे सतयुग में यही पवित्र आत्मा राजा अम्ब्रीष तथा त्रेतायुग में राजा जनक (जो सीता जी के पिता जी थे) हुए तथा कलियुग में श्री नानक साहेब जी हुए।) फिर भी जन्म मृत्यु के चक्र में ही हो।
मैं आपको सतशब्द अर्थात् सच्चा नाम जाप मन्त्र बताऊँगा उससे आप अमर हो जाओगे। श्री नानक साहेब जी ने प्रभु कबीर से कहा कि आप बन्दी छोड भगवान हो, आपको कोई बिरला सौभाग्यशाली व्यक्ति ही पहचान सकता है।
कबीर सागर के अध्याय "अगम निगम ब���ध" में पृष्ठ नं. 44 पर शब्द है :-
।। नानक वचन ।।
।। शब्द ।।
वाह वाह कबीर गुरु पूरा है।
पूरे गुरु की मैं बलि जावाँ जाका सकल जहूरा है।।
अधर दुलिच परे है गुरुनके शिव ब्रह्मा जह शूरा है।।
श्वेत ध्वजा फहरात गुरुनकी बाजत अनहद तूरा है।।
पूर्ण कबीर सकल घट दरशै हरदम हाल हजूरा है।। नाम कबीर जपै बड़भागी नानक चरण को धूरा है।।
* विशेष विवेचन : बाबा नानक जी ने उस कबीर जुलाहे (धाणक) काशी वाले को सत्यलोक (सच्चखण्ड) में आँखों देखा तथा फिर काशी में धाणक (जुलाहे) का कार्य करते हुए देखा तथा बताया कि वही धाणक रूप (जुलाहा) सत्यलोक में सत्यपुरुष रूप में भी रहता है तथा यहाँ भी वही है।
आदरणीय श्री नानक साहेब जी का आविर्भाव (जन्म) सन् 1469 तथा सतलोक वास सन् 1539 "पवित्र पुस्तक जीवनी दस गुरु साहिबान"। आदरणीय कबीर साहेब जी धाणक रूप में मृतमण्डल में सन् 1398 में सशरीर प्रकट हुए तथा सशरीर सतलोक गमन सन् 1518 में "पवित्र कबीर सागर"। दोनों महापुरुष 49 वर्ष तक समकालीन रहे।
श्री गुरु नानक साहेब जी का जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में हुआ। प्रभु प्राप्ति के बाद कहा कि "न कोई हिन्दू न मुसलमाना" अर्थात् अज्ञानतावश दो धर्म बना बैठे। सर्व एक परमात्मा सतपुरुष के बच्चे हैं। श्री नानक देव जी ने कोई धर्म नहीं बनाया, बल्कि धर्म की बनावटी जंजीरों से मानव को मुक्त किया तथा शिष्य परम्परा चलाई। जैसे गुरुदेव से नाम दीक्षा लेने वाले भक्तों को शिष्य बोला जाता है, उन्हें पंजाबी भाषा में सिक्ख कहने लगे। जैसे आज इस दास के लाखों शिष्य हैं, परन्तु यह धर्म नहीं है। सर्व पवित्र धर्मों की पुण्यात्माएँ आत्म कल्याण करवा रही हैं। यदि आने वाले समय में कोई धर्म बना बैठे तो वह दुर्भाग्य ही होगा। भेदभाव तथा संघर्ष की नई दीवार ही बनेगी, परन्तु लाभ कुछ नहीं होगा।
गवाह नं 6 संत घीसा दास जी गाँव-खेखड़ा जिला-बागपत, उत्तर प्रदेश (भारत) : इनको छः वर्ष की आयु में कबीर परमेश्वर जी मिले थे। पूरा गाँव खेखड़ा गवाह है। संत घीसा जी ने बताया कि मैंने परमेश्वर कबीर जी के साथ ऊपर सतलोक में जाकर देखा था। जो काशी में जुलाहे का कार्य करता था, वह पूर्ण परमात्मा है। सारी सृष्टि का सृजनकर्ता है। असंख्य ब्रह्मण्डों का मालिक है।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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sanjyasblog · 1 year
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🥰 🥰 कबीर साहेब प्रकट दिवस 🙏🤲 के उपलक्ष में 🤲🙏
संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ
विशाल भंडारा व रक्त दान सीवर का आयोजन किया जाएगा आप सभी सहपरिवार सादर आमंत्रित हैं
🥰🙏🤲विशाल भंडारा व सत्संग 🤲🙏🥰
दिनांक- 2,3,4 Jun 2023
⌚⏰समय:- सुबह 8 बजे से 5 बजे तक ⏰⌚
स्थान :-
🤗सतलोक आश्रम सिंहपुरा रोहतक(हरियाणा)🤗
🤗 सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा)🤗
🤗सतलोक आश्रम पिपली कुरूक्षेत्र (हरियाणा)🤗
🤗सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली)🤗
🤗 सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल)🤗
🤗 सतलोक आश्रम धुरी(पंजाब)🤗
🤗 सतलोक आश्रम खमाणो (पंजाब)🤗
🤗सतलोक आश्रम शामली (यूपी)🤗
🤗 सतलोक आश्रम इन्दौर (MP)🤗
🤗 सतलोक आश्रम बैतूल (MP)🤗
🤗 सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान)🤗
🙏सत साहेब जी 🙏
🍁गुरु ते अधिक न कोई ठहरायी। मोक्षपंथ नहिं गुरु बिनु पाई।।
राम कृष्ण बड़ तिहु���पुर राजा। तिन गुरु बंदि कीन्ह निज काजा।।
#SANewsChannel #SaintRampalJi
#KabirisGod #Kabir_is_God #KabirPrakatDiwas
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ramanan50 · 2 years
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तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन में ब्राह्मणों का मजाक कैसे बनाया जाए
फीचर्ड इमेज में आप तमिलनाडु के पूर्व सीएम करुणानिधि, तमिलनाडु के वर्तमान सीएम एमके स्टालिन को देख सकते हैं। 2जी फेम ए राजा भी नजर आ सकते हैं।
मैं हाल ही में अपने दोस्त की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली गया था। वह नोएडा में रहता है। वह एक पारिवारिक मित्र हैं। शादी में दिल्ली, यूपी, बंगाल, पंजाब और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। वे इस धारणा के तहत थे कि करुणानिधि एक सज्जन, विद्वान विद्वान और एक व्यक्ति थे जो वास्तव में धर्मनिरपेक्ष थे, दूसरों के विपरीत, हिंदू धर्म और ब्राह्मणों का सम्मान…
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