न्यूज़ीलैंड चोक इन हैमिल्टन – प्रशंसकों ने भारत के महान पलायन बनाम बांग्लादेश की याद दिलाई न्यूजीलैंड को हैमिल्टन वनडे में तीन गेंदों पर दो रन चाहिए थे लेकिन मोहम्मद शमी ने सुपर ओवर में मैच को मजबूर करने के लिए तीन मैजिक डिलीवरी की और रोहित शर्मा के दो छक्कों ने भारत को मैच जीतने में मदद की। । हैमिल्टन Source link
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gujarat harappans: गुजरात के हड़प्पा निवासी थे पहले क्लाइमेट रिफ्यूजी, जलवायु परिवर्तन से हुआ था पलायन: रिसर्च - gujarat harappans were first ‘climate refugees’ finds study
gujarat harappans: गुजरात के हड़प्पा निवासी थे पहले क्लाइमेट रिफ्यूजी, जलवायु परिवर्तन से हुआ था पलायन: रिसर्च – gujarat harappans were first ‘climate refugees’ finds study
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टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 25 Nov 2019, 10:20:29 AM IST
गुजरात में हड़प्पा सभ्यता की कई बस्तियां मिली हैं
पार्थ शास्त्री, अहमदाबाद
पुरातत्वशास्त्रियों का कहना है कि गुजरात की करीम शाही और विगाकोट साइट 2100 ईसापूर्व से लेकर 5वीं शताब्दी तक की हैं। कच्छ और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित ये जगहें इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि हड़प्पा सभ्यताके दौरान किस तरह इंसानी बस्तियां जलवायु…
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न्यू साउथ वेल्स के जंगल में भीषण आग, 2 की मौत, सैकड़ों घर जले; हजारों लोग पलायन को मजबूर
न्यू साउथ वेल्स के जंगल में भीषण आग, 2 की मौत, सैकड़ों घर जले; हजारों लोग पलायन को मजबूर
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फॉर्स्टर. आस्ट्रेलिया में न्यू साउथ वेल्स के एक जंगल में भीषण आग लगने से दो लोगों की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो गए हैं। इस घटना के बाद करीब हजारों लोग अपने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। अग्निशमन दल के 1300 कर्मचारी आग की करीब 100 घटनाओं पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। दमकलकर्मियों का कहना है कि इसमें मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि…
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हिंदी न्यूज़ - सैफ़ुद्दीन सोज़ ने किताब में लिखा- कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए जगमोहन जिम्मेदार-In New Book on Kashmir Saifuddin Soz Says Governor Jagmohan Was Responsible for Pandit Exodus
हिंदी न्यूज़ – सैफ़ुद्दीन सोज़ ने किताब में लिखा- कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए जगमोहन जिम्मेदार-In New Book on Kashmir Saifuddin Soz Says Governor Jagmohan Was Responsible for Pandit Exodus
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफ़ुद्दीन सोज़ की ओर से कश्मीर पर लिखी गई किताब ने कई विवाद खड़े कर दिए हैं. किताब में सोज़ ने पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ की ओर से कश्मीर को ‘आजाद’ रखने के दावे का समर्थन किया है.
रूपा पब्लिकेशन की ओर से लिखी गई किताब के कुछ हिस्से यहां उनकी अनुमति से प्रकाशित किए गए हैं.
मैंने पंडितों के पलायन के असली कारण को जानने के लिए अपने लिए एक कठिन काम…
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इराकको मोसुलबाट अक्टोबरपछि एक लाख बालबालिका पलायन स्वीट्जरल्यान्ड, २१ फागुन- संयुक्त राष्ट्रसङ्घ बालकोष (युनिसेफ) ले इराकी इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूहकाको प्रभाव क्षेत्र रहँदै आएको मोसुलमा सैन्य कारबाहीलाई केन्द्रित बनाएपछि यहाँबाट झन्डै एक लाख बालबालिका यस क्षेत्रबाट बाहिरिएको शुक्रबार जनाएको छ । इराकी सेनाले सन् २०१६ को अक्टोबरदेखि आईएस नियन्त्रित उक्त क्षेत्रलाई फिर्ता गराउने अभियान सुरु गरेको थियो । यो तथ्याङ्क विगत एक हप्ताको समयमा सेनाले मोसुलको पश्चिमी भागलाई नियन्त्रणमा लिने प्रयासमा दोस्रो चरणको सैन्य कारबाहीलाई सुरु गरेपछि पलायन भएका १६ हजार बालबालिकासहितको भएको युनिसेफले जनाएको छ । हमान अल अलिलमा भेट भएका मोसुलवासी अभिभावकसहित धेरैजसो बालबालिका सेनाद्वारा सञ्चालित यातायातको सहायतामा मोसुलबाट बाहिरिएको युनिसेफलका क्षेत्रीय सल्लाहकार वास्टिन भिग्नेउले बग्दादबाट टेलिफोनमार्फत जानकारी गराउनुभयो । उहाँका अनुसार बालबालिका मोसुलमा भएका घटनाबाट थकित र भयभित भएको पाइएको छ । मोसुलको पूर्वी भागलाई १०० दिन लामो सैनिक अभियानपछि गत जनवरीमा विद्रोहीको कब्जाबाट फिर्ता ल्याइएको थियो । उक्त घटनाले बालबालिकाको मनमस्तिष्क विस्फोटको त्रासले भरिएको भेटिएको बताइएको छ । संयुक्त राष्ट्रङ्घको अनुमान अनुसार पश्चिमी मोसुललाई विद्रोहीबाट स्वतन्त्र बनाउने क्रममा दुई लाख ५० हजार मोसुलवासी विस्थापित बनेका छन् । उक्त क्षेत्रमा अझै सात लाख ५० हजार मानिस फसेका छन् ।
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कभी बाखली में एक साथ रहते थे दर्जनों परिवार पहाड़ के समाज की जीवन-संस्कृति और रहन-सहन दोनों अनूठा रहा है। यहां की लोक परंपराएं व रहन-सहन प्रकृति के करीब और सृष्टि से संतुलन बनाने वाली रही है। इसकी झलक पर्वतीय समाज की हाउसिंग काॅलोनियां कही जाने बाखली में देखी जा सकती है। दर्जनों परिवारों को एक साथ रहने के लिए पहाड़ में बनने वाले ये भवन सामूहिक रहन-सहन, एकजुटता और सहयोग की भावना को परिलक्षित करते हैं। इनकी बनावट ऐसी होती थी कि आपदा के समय में एक साथ होकर चुनौतियां का सामना कर सकें। बताया जाता है कि कत्यूर व चंद राजाओं ने भवनों के निर्माण की इस शैली को विकसित किया था। लेकिन अंधाधुंध विकास, गांवों की उपेक्षा और भौगोलिक परिस्थतियों ने बहुत कुछ बदल दिया। कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे पहाड़ के हरे भरे गांव पलायन की मार झेल रहे हैं। शिक्षा और रोजगार के लिए पलयन के कारण गांव के गांव खाली हो गए। पारंपरिक रूप से मिट्टी और पत्थरों से बने इन घरों को दूर से देखने पर रेलगाड़ी का प्रतिबिंब बनता है। खूबसूरत खिड़की-दरवाजे और नक्काशी वाले इन मकानों को देखने से पहाड़ के समाज और सामूहिकता को समझा जा सकता है। करीब तीन सौ फीट लंबी छत वाली इस बाखली को पारंपरिक सामुदायिक घर भी कहा जाता है। एक तर होती थी सभी अपार्टमेंट की संरचना बाखली में बने सभी अपार्टमेंट एक समान होते थे। मतलब हर परिवार को मिलने वाला मकान की संरचना एक जैसी होती थी। निचले हिस्से मवेशियों के लिए जबकि आगे का हिस्सा चारे के भंडारण के लिए उपयोग में लाया जाता है। 'बाखली' को इस तरह से डिजाइन किया था ताकि पूरा समुदाय संकट के समय एक साथ हो सके। दुपरा शैली हैं निर्मित कुमाऊं में बाखली दुपरा शैली में निर्मित है। दुपरा शैली में ज्यादातर थोकदारों या गढ़पतियों के किले बनाए गए हैं। इनमें ज्यादात्तर आयताकार हुए। चीला या गेहूं की भूसी से दीवारों पर प्लास्टर, दो पटालों के जोड़ पर भी गारा डालकर तोक बिछाई जाती है। गोबर व लाल मिट्टी के फर्श की लिपाई की जाती है। इतिहासकार प्रो अजय रावत व दीपक बिष्ट बताते हैं कि कुमाऊं की भवन निर्माण शेली बेहद समृद्ध रही है। इसका श्रेय कत्यूर व चंद राजाओं को जाता है। . 💫Vivid⚡️✨Uttarakhand✨ . 📸 @vivid_uttarakhand . Join The Visual Journey With ❤️❤️💐💐 @vivid_uttarakhand . Do tag 🏷 Do like 👍🏻 Do share 👨👩👧👦 Do comment 🙏🏻💬 💐Follow Us💐 Love Uttarakhand ❤️❤️ . Advice- Please Don’t Use Plastic While Visiting Mountains 🏔 💫 . Use Hashtag _ #vividuttarakhand . #uttarakhand #love (at Uttarakhand) https://www.instagram.com/p/CT3vjuth18E/?utm_medium=tumblr
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उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों से पलायन शुरू, मुनादी कर लोगों को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी दे रही पुलिस
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों से पलायन शुरू, मुनादी कर लोगों को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी दे रही पुलिस
नई दिल्ली.नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थक और विरोधी गुटों के बीच मंगलवार को लगातार तीसरे दिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली मेंहिंसा हुई। मौजपुर में दिनभरउपद्रवियों ने फायरिंग और पथराव किया। हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या 17 तक पहुंच गई है, जबकि 200 से ज्यादा जख्मी हैं। हिंसक भीड़अब आम लोगों के घर-दुकान और गाड़ियों में आग लगा रही है। जाफराबाद, मौजपुर, भजनपुरा और सीलमपुर समेत कई इलाकेके लोग दहशत…
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migrants workers hearing in sc: भारत में कोरोना वायरस: दिहाड़ी मजदूरों के पलायन पर SC में बोला केंद्र- सुबह 11 बजे तक कोई भी सड़क पर नहीं - coronavirus in india supreme court hearing on migrants workers
migrants workers hearing in sc: भारत में कोरोना वायरस: दिहाड़ी मजदूरों के पलायन पर SC में बोला केंद्र- सुबह 11 बजे तक कोई भी सड़क पर नहीं – coronavirus in india supreme court hearing on migrants workers
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फाइल फोटो हाइलाइट्स
कोरोना वायरस के कारण पलायन कर रहे दिहाड़ी मजदूरों पर दाखिला याचिका पर SC में सुनवाई
शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र दिहाड़ी मजदूरों को भोजन, आवास मुहैया कराया जाए
देश में कोरोना वायरस के 1,251 मामले सामने आए हैं
इस जानलेवा वायरस के कारण 32 लोगों की मौत हो चुकी है
नई दिल्ली
कोरोना वायरस के कारण दिल्ली से पलायन कर रहे दिहाड़ी मजूदरों के लिए खाना और ठहरने के इंतजाम वाली…
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घरेलु उद्योगको विस्तारमा जोड दिने हो भने रोकिन्छ विदेश पलायन काठमाडौँ, १४ फागुन- घरेलु उद्योगको विकास, विस्तार र प्रवद्र्धनका लागि घरेलु तथा साना उद्योग विकास समितिले नेपाल हस्तकला महासङ्घ, व्यापार तथा निकासी प्रवद्र्धन केन्द्र र उद्यमीसँग संयुक्तरुपमा छलफल गरेको छ । समितिले २८ औँ राष्ट्रिय वस्तु तथा प्रविधि प्रदर्शनीको अवसरमा आज यहाँ आयोजना गरेको ‘हस्तकला उद्योगका समस्या, चुनौती र समाधानका उपाय’ विषयमा ती संस्था र उद्यमीसंग छलफल गरेको हो । कार्यक्रममा महासङ्घका अध्यक्ष धर्मराज शाक्यले घरेलु उद्योगको विकासका लागि महासङ्घ सदैव लागिरहेको बताउँदै .“घरेलु उद्योगबाट हातले उत्पादन गरेका वस्तुलाई विदेशसम्म पु¥याउन महासङ्घले महत्वपूर्ण भूमिका खेलेको छ भन्नुभयो ।” केन्द्रका कार्यकारी निर्देशक ईश्वरीप्रसाद घिमिरेले घरेलु क्षेत्रमा उत्पादित वस्तुलाई अन्तर्राष्ट्रियस्तरसम्म पु¥याउनका लागि केन्द्रले महत्वपूर्ण भूमिका खेल्दै आएको चर्चा गर्दै निर्यात प्रवद्र्धनमा सहयोग पुग्ने उद्देश्यले विभिन्न जिल्लामा मेला आयोजना गरेको स्पष्ट पार्नुभयो । समितिका निमित्त कार्यकारी निर्देशक रमेशचन्द्र उपाध्यायले उद्योग क्षेत्रलाई सरकारले प्राथमिकता दिनुपर्ने उल्लेख गर्दै “घरेलु उद्योगले स्वदेशमै रोजगारी दिने भएकाले विदेशिने जनशक्ति रोकिन सहयोग पुग्छ भन्नुभयो ।” उहाँले व्यवसायीले उठाएका कुरालाई समाधान गर्न समिति कटिवद्ध भएर लाग्ने विश्वास पनि व्यक्त गर्नुभयो । छलफलमा विभिन्न जिल्लाका ४२ उद्यमीको सहभागिता रहेको थियो ।
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19 जनवरी को हुए पलायन के 30 साल पूरे, जगती रिफ्यूजी कैंप से आए कश्मीरी पंडितों ने देखी फिल्म 'अक्षरी'
बॉलीवुड डेस्क। 19 जनवरी 2020 के दिन कश्मीर से बेगर हुए 4 लाख कश्मीरी पंडितों को 30 साल पूरे हुए हैं। इस दिन कश्मीरी पंडितों के लिए निर्देशक विधायक विनोद चोपड़ा ने दिल्ली में फिल्म & # 039; शिकारा & # 039; स्क्रीन स्पेशल स्क्रीनिंग रखी। जिसमें जम्मू के जगती शरणार्थी शिविर में रह रहे 200 कश्मीरी पंडित पहुंचे ।फिल्म 7 फरवरी 2020 में रिलीज होने वाली है।
सच्ची घटनाओं पर बनी हुई है फिल्म : फिल्म…
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lockdown: लॉकडाउन के बाद पलायन को लेकर केंद्र सख्त, कहा- सील करें राज्यों और जिलों की सीमाएं - center govt strict on lockdown and migration said to seal state and district borders
lockdown: लॉकडाउन के बाद पलायन को लेकर केंद्र सख्त, कहा- सील करें राज्यों और जिलों की सीमाएं – center govt strict on lockdown and migration said to seal state and district borders
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शहरों से लोगों के पलायन पर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य और जिलों की सीमाएं सील कर दी जाएं और लॉकडाउन का पालन करवाने की जिम्मेदारी डीएम और एसपी की है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि रोजगार दाता अपने कर्मचारियों के लिए व्यवस्था करें और उन्हें पूरी सैलरी दें।
Ankit Ojha | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 29 Mar 2020, 02:13:00 PM IST
नई दिल्ली
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मेरे वादों को निभाया, कोई और दंगा नहीं, कैराना जैसा पलायन: आदित्यनाथ https://tinyurl.com/y428v999 #delhi_riots #indian_express_news #muzaffarnagar2013_riots #pfi #up_by_polls #up_news #yogi_adityanath #yogi_adityanath_bulandshahr_rally #आदतयनथ #और #क #कई #करन #जस #दग #नभय #नह #पलयन #मर #वद
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युवाजति, विदेश पलायन, गाउँमा तरकारीखेती गर्ने मान्छे छैनन् पाल्पा, १ फागुन-| पाल्पा जिल्लाको हुगी गाविस– १ र २ वडामा प्रशस्त सिँचाइयोग्य जमिन छ । स्थानीयवासीले स्याङ्जाको आँधिखोला जलविद्युत् परियोजनाबाट पानी ल्याएकाले सय हेक्टर भन्दा बढी क्षेत्रफल जमिन रहेको यहाँ बाह्रैमहिना सिँचाइको सुविधा भएकोे हो । व्यावसायिक तरकारी खेतीप्रति युवा आकर्षित हुननसक्दा साँझबिहान बजारबाट तरकारी किन्नुपर्ने बाध्यता ग्रामीण क्षेत्रमा रोकिएको छैन । युवा विदेश पलायन हुने क्रम नरोकिएपछि ग्रामीण क्षेत्रमा व्यावसायिक तरकारीखेती सुरू हुन नसकेको स्थानीय बासिन्दा विनोद अर्यालले बताउनुभयो । तरकारी खेतीबाट स्वदेशमै आत्मनिर्भर हुन सकिन्छ भन्ने अज्ञानताका कारण यहाँका युवा विदेश पलायन हुने क्रम बढेको हो । प्रशस्त खेतबारी भएका आफ्नै भूमिमा तरकारीखेती गर्न सकिन्छ भन्ने चेतनाको अभावले विदेश पलायन हुने क्रम अझै नरोकिँदा आफ्नै गाउँमा उत्पादन भएको तरकारी खानुभन्दा किन्नुपर्ने बाध्यता सिर्जना भएको उहाँको भनाइ छ । युवा विदेश पलायन हुने क्रम बर्सेनि बढेसँगै गाउँका खेतीयोग्य जमिनमा उत्पादनमा ह्रास हुन थालेकाले यहाँका बासिन्��ाले महँगो मूल्यमा तरकारी किन्नु परेको छ । ‘युवा जति वैदेशिक रोजगारमा छन्, गाउँमा बुढापाका, महिला र बालबालिका मात्र बस्छन्, गाउँदेखि सदरमुकाम तानसेनसम्म बाटो खुलेको छ, सिँचाइका लागि पानी उपलब्ध भएपनि, व्यावसायिक तरकारीखेती गर्ने युवा गाउँमा नै छैनन्,’ अर्का स्थानीयवासी कुलराज पौडेलले भन्नुहुन्छ, “खेतीयोग्य जमिन गाउँमा प्रशस्त छ, तर तरकारीखेती गर्ने मान्छे नै छैनन् ।” जिल्लाका अन्य गाविसका युवा तरकारीखेती गरी मनग्य आम्दानी गर्दछन्, तर यहाँका युवा रोजगारीका लागि विदेश पलायन हुने क्रम नरोकिँदा विदेशमा कमाएको पैसा स्वदेशमा आएपछि खानपान र शृृङ्गारपटारमा उडाउँने गरेको उहाँको भनाइ छ ।
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