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#प्राथमिक उपचार
helputrust · 6 months
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सभी स्कूलों और कॉलेजों में बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए-श्री नीरज सिंह
आपातकाल की स्थिति में बेसिक लाइफ सपोर्ट दूसरों की जान बचाने में मददगार है-डॉ. पियाली भट्टाचार्य
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट स्वस्थ लोग, स्वस्थ समाज पर काम कर रहा है-हर्ष वर्धन अग्रवाल
हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए स्वयं जिम्मेदार हैं-डॉ रूपल अग्रवाल
लखनऊ, 07.04.2024 | विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा रामायण पार्क, सेक्टर -25, इंदिरा नगर, लखनऊ में "बेसिक लाइफ सपोर्ट" कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में डॉ. पियाली भट्टाचार्य, सलाहकार, Lucknow Academy of Pediatrics एवं बाल रोग विशेषज्ञ, एस.जी.पी.जी.आई, Lucknow Academy of Pediatrics से  डॉ निर्मला जोशी, अध्यक्ष, डॉ अमित कुमार रस्तोगी, उपाध्यक्ष तथा डॉ उत्कर्ष बंसल, सचिव ने सेक्टर 25 के निवासियों को हार्ट अटैक आने पर मरीज को दिये जाने वाले प्रारंभिक उपचार का प्रशिक्षण दिया । कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी, श्री नीरज सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही l कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा दीप प्रज्वलन से हुआ |
कार्यशाला में सभी का स्वागत करते हुए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि “आप सभी को विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं | विश्व स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना के दिन मनाया जाता है | इस दिन लोगों को सेहत से जुड़ी समस्याओं एवं अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है | इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम है "मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार (My Health, My Right)” जिसके तहत आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा बेसिक लाइफ सपोर्ट कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट लोगों को नई चिकित्सा तकनीकों के बारे में जागरूक करने और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है । ट्रस्ट द्वारा जनहित में निरंतर नि:शुल्क होम्योपैथी परामर्श, निदान एवं दवा वितरण शिविर, रक्तदान शिविर, मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर, कैंसर और स्वाइन फ्लू के लिए जागरूकता शिविर और मुफ्त नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें समाज के निर्धन, गरीब और असहाय लोगों की निरंतर मदद की जा रही है |”
कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्री नीरज सिंह, वरिष्ठ समाजसेवी ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे जनहित के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि, "आप सभी को विश्व स्वास्थ्य दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट निरंतर ही जन सेवा के कार्यों में लगा हुआ है | मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल की प्रशंसा करता हूं जो सरकार द्वारा दिए गए अधिकारों का सदुपयोग करते हुए निरंतर जनहित में कार्य कर रहे हैं | बेसिक लाइफ सपोर्ट एक ऐसी ट्रेनिंग है जो हार्ट अटैक की स्थिति में अस्पताल पहुंचने तक किसी की भी जान बचा सकती है | मेरा मानना है कि बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण को हर किसी को सीखना चाहिए और हर स्कूल और कॉलेज में ऐसी कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए, खासकर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए | इस अवसर पर श्री नीरज सिंह ने स्वयं भी प्रशिक्षण प्राप्त किया |”
डॉ पियाली भट्टाचार्य, डॉ अमित कुमार रस्तोगी एवं डॉ उत्कर्ष बंसल ने कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों को बेसिक लाइफ सपोर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि "बेसिक लाइफ सपोर्ट (बी.एल.एस.) चिकित्सकीय देखभाल की ट्रेनिंग है जिसका उपयोग जीवन-घातक बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक या चोटों के पीड़ितों के लिए तब तक किया जाता है जब तक कि वह अस्पताल में संपूर्ण चिकित्सकीय देखभाल के लिए ना पहुंच जाये । बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण का उद्देश्य आम लोगों को दिल का दौरा पड़ने या दम घुटने जैसी आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार देने की सही तकनीक के बारे में जागरूक करना है । यह जीवन बचाने और हृदय, गुर्दे और मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है। हार्ट अटैक के कारण मृत्यु दर दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है | इस आधुनिक दुनिया में लोग अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने के कारण चिंता, अवसाद, नींद की कमी, अस्वास्थ्यकर भोजन के कारण मोटापे से पीड़ित हो गए हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने के मामले बढ़ रहे हैं | ऐस��� स्थिति में बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग होना अत्यंत आवश्यक है जिससे हम किसी को जरूरत पड़ने पर मदद कर सकें |” प्रशिक्षकों द्वारा नवजात शिशु से लेकर बड़े बच्चों की सांस की नली में कुछ फस जाने, उनके गले में कुछ अटक जाने की स्थिति में कैसे उनकी जान बचाई जा सकती है, यह भी प्रशिक्षण के माध्यम से बताया |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद देते हुए कहा कि, “हम मुख्य अतिथि श्री नीरज सिंह का अत्यधिक आभार प्रकट करते है कि वह अपने व्यस्त कार्यक्रम में से जनहित के लिए समय निकालकर यहां आए तथा हम सबका मार्गदर्शन किया, साथ ही  इस कार्यशाला के कुशल प्रशिक्षकों एवं प्रतिष्ठित चिकित्सकों का भी धन्यवाद है जिनके सहयोग से यह कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हो सकी | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का आदर्श वाक्य है स्वस्थ लोग, स्वस्थ समाज एवं ट्रस्ट निरंतर इसी दिशा में कार्य कर रहा है |”
कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्री नीरज सिंह, प्रशिक्षकों डॉ निर्मला जोशी, डॉ पियाली भट्टाचार्य, डॉ अमित कुमार रस्तोगी एवं डॉ उत्कर्ष बंसल को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव द्वारा प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया | कार्यशाला की समाप्ति पर सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया | कार्यशाला में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉक्टर संतोष कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय पार्षद श्री भृगुनाथ शुक्ला, सेक्टर 25 के निवासियों तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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hindisoup · 2 years
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These three words, especially the last two feel quite a mouthful to me. All of them come from Sanskrit, and in Sanskrit, although written the same, all would end in an a-sound when pronounced.
Some examples:
शेष लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। Rest of the people were discharged after first aid.
एक भारत श्रेष्ठ भारत A programme of the Indian government to promote cultural awareness and diversity.
किसी भाषा की रक्षा और संरक्षण का सबसे श्रेष्ठ तरीका है उसका लगातार उपयोग करना। The best way to protect and preserve a language is to use it continuously.
स्पष्ट appears in the adverbs स्पष्ट रूप से and स्पष्ट शब्दों में which can mean clearly, obviously, frankly or explicitly.
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की दोनों से यह बात कही है। Prime Minister Modi has said this clearly to both Putin and President Zelensky of Ukraine.
भगवद गीता में स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि It's written clearly in Bhagavad Gita that
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drsunildubeyclinic · 5 hours
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IE Treatment: Best Ranked Sexologist in Patna, Bihar | Dr. Sunil Dubey
पुरुषों में बाधित स्खलन के बारे में:
पुरुषो में होने वाला बाधित स्खलन (IE) एक प्रकार का यौन विकार है, जिसमें स्खलन प्राप्त करने में कठिनाई, विलंबित या अनुपस्थित स्खलन और संभोग के दौरान स्खलन करने में असमर्थता को दर्शाता है। आम तौर पर, यह पुरुषों में होने वाला यह स्खलन विकार को विभिन्न नामों से ��ाना जाता है जैसे कि बिगड़ा ह��आ स्खलन, विलंबित स्खलन, स्खलन संबंधी शिथिलता और कामोन्माद संबंधी शिथिलता।
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विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो पटना में शीर्ष रैंक वाले सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट हैं, का कहना है कि इस गुप्त व यौन विकार की व्यापकता दुनिया भर में 1-5% पुरुषों को प्रभावित करता है। उम्र बढ़ने के साथ पुरुष में इस गुप्त व यौन समस्या की संभावना बढ़ जाती है। उनका कहना है कि बाधित स्खलन जीवन की गुणवत्ता को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करता है जैसे कि भावनात्मक संकट, रिश्ते में टकराव की समस्याएं, कम आत्मसम्मान और यौन संतुष्टि में कमी। डॉ. सुनील दुबे ने पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न गुप्त व यौन विकारों पर शोध किया है और उन्होंने इस बाधित स्खलन विकार पर भी शोध किया है। उनका कहना है कि स्थिति के अनुसार, पुरुषों में बाधित स्खलन के तीन प्रकार होते हैं।
प्राथमिक बाधित स्खलन: यह पुरुषो में आजीवन समय रह सकता है।
द्वितीयक बाधित स्खलन: पुरुष इसे स्वयं अर्जित करते है।
परिस्थितिजन्य बाधित स्खलन: केवल विशिष्ट स्थिति में यह पुरुषो के यौन जीवन में होता है।
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि आम तौर पर चार सामान्य कारक हैं जो किसी व्यक्ति के यौन या सामान्य जीवन को प्रभावित करते हैं। जैसे - शिक्षा का निम्न स्तर का होना, निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति का होना, शहरी-ग्रामीण विभाजन और स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच न होना। वर्तमान समय में, 2-5% भारतीय पुरुष अपने यौन जीवन में स्खलन अवरोध (बाधित स्खलन) की समस्या का अनुभव करते हैं। आम तौर पर, 40 वर्ष की आयु के बाद पुरुषों में यौन समस्याओं की संभावना दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाती है यदि कोई व्यक्ति अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखता है।
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पुरुषों में बाधित स्खलन समस्या के कारण:
मूल रूप से, यह देखा गया है कि मनोविज्ञान, तंत्रिका विज्ञान, हार्मोन, दवा और जीवनशैली हमेशा बाधित स्खलन विकार के अधिकांश मामलों में भूमिका निभाते हैं।
मनोवैज्ञानिक कारक: चिंता, तनाव, अवसाद, शादी-शुदा रिश्ते में टकराव और आघात मनोवैज्ञानिक कारक हैं जो यौन कार्य और स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
तंत्रिका संबंधी विकार: मधुमेह, मल्टीपल स्केलेरोसिस ���र रीढ़ की हड्डी की चोटें तंत्रिका संबंधी विकार हैं जो व्यक्ति के इरेक्शन, स्खलन और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
हार्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन में कमी और थायरॉयड विकार हार्मोनल असंतुलन हैं जो व्यक्ति के कामेच्छा, संभोग और स्खलन को प्रभावित करते हैं।
दवा: एंटीडिप्रेसेंट और एंटीसाइकोटिक्स ऐसी दवाएँ हैं जिनके शरीर पर दुष्प्रभाव होते हैं; इसलिए, उन्हें हमेशा डॉक्टर के मार्गदर्शन में ही लेना चाहिए।
जीवनशैली कारक: धूम्रपान, अत्यधिक व्यायाम, मोटापा, गतिहीन जीवन शैली और अनियमित दिनचर्या समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
डॉ. सुनील दुबे आयुर्वेदा व सेक्सोलॉजी चिकित्सा के विशेषज्ञ हैं जो भारत के क्लिनिकल सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में काम करते हैं। वह दुबे क्लिनिक में प्रतिदिन अभ्यास करते हैं जो एक प्रमाणित आयुर्वेदिक सेक्सोलोजी विज्ञान क्लिनिक है। विभिन्न प्रकार के गुप्त व यौन रोगी (पुरुष और महिला) डॉ. सुनील दुबे से परामर्श करने के लिए हर दिन इस क्लिनिक में आते हैं। वह उन सभी को उनकी समस्याओं का वास्तविक कारण जानने में मदद करते हैं और उसके बाद व्यापक आयुर्वेदिक चिकित्सा-उपचार प्रदान करते हैं। बिहार के अधिकांश गुप्त व यौन रोगी लगभग उन्हें ही सबसे पहले चुनते हैं, यही वजह है कि उन्हें बिहार में सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में भी जाना जाता है। उनका कहना है कि समस्या का प्रारंभिक चरण उपचार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है जहाँ रोगियों को लक्षणों को पहचानना आवश्यक है।
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पुरुषों में बाधित स्खलन होने के लक्षण:
स्खलन में कठिनाई होना।
विलंबित या अनुपस्थित संभोग का होना।
वीर्य की मात्रा में कमी का होना।
दर्दनाक स्खलन का अनुभव।
भावनात्मक संकट का होना।
गुप्त व यौन रोगियों के लिए निदान और चिकित्सा-उपचार:
निदान चिकित्सा के मामले में रोगी का इतिहास, शारीरिक परिक्षण, मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन, हार्मोन के स्तर का परीक्षण और बाधित स्खलन के लिए अल्ट्रासाउंड पर आधारित है। बाधित स्खलन यौन विकार की स्थिति के मामले में, डॉ. सुनील दुबे जड़ी-बूटियों, प्राकृतिक रसायनों, प्रभावी भस्म, प्राकृतिक गोलियों और देशी उपचारों के रूप में आयुर्वेदिक उपचार और चिकित्सा प्रदान करते हैं। वह संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा, यौन परामर्श और युगल चिकित्सा भी प्रदान करते हैं। आयुर्वेदिक दवा और गैर-चिकित्सा उपचार के अलावा, वह व्यायाम, तनाव प्रबंधन तकनीक, स्वस्थ आहार और धूम्रपान बंद करने जैसे जीवनशैली में बदलाव पर कुछ आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उनके यौन उपचार और परामर्श पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं जहाँ नए और पुराने दोनों तरह के गुप्त व यौन रोगी खुले तौर पर उनसे सलाह व उपचार लेते हैं।
मरीजों के समस्याओं के लक्षणों के आधार पर, वह सभी गुप्त व यौन रोगियों का इलाज करते हैं। उनका कहना है कि अगर आपको स्खलन प्राप्त करने में कठिनाई होती है, भावनात्मक संकट बढ़ता है, रिश्ते की समस्याएं होती हैं, या यौन संतुष्टि में कमी आती है; तो व्यक्तिगत मार्गदर्शन, उपचार, दवा और सहायता के लिए किसी अनुभवी यौन स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या नैदानिक ​​सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। ये एक यौन समस्या के संकेत हैं जहाँ आपका दैनिक या यौन जीवन प्रभावित होगा।
अगर गुप्त या यौन रोगी अपनी समस्याओं से जड़ से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो दुबे क्लिनिक उनके लिए सबसे अच्छी जगह है। इस क्लिनिक में हर रोज़ चालीस से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी अपनी बीमारियों का इलाज करवाने आते हैं। आज तक, दुबे क्लिनिक से 7.65 लाख से ज़्यादा गुप्त व यौन रोगी लाभ उठा चुके हैं। फ़ोन पर अपॉइंटमेंट लें और अपनी सभी यौन समस्याओं के लिए सभी बुनियादी और उन्नत आयुर्वेदिक उपचार पाएँ।
शुभकामनाओं के साथ
दुबे क्लिनिक
भारत का एक प्रमाणित आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी क्लिनिक
डॉ. सुनील दुबे, वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586
स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04
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sharpbharat · 4 days
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Adityapur railway incident - आदित्यपुर स्ट्रेशन के समीप मुंबई कुर्ला एक्सप्रेस से गिरकर धनबाद निवासी घायल, चक्कर आने से हुआ हादसा
आदित्यपुर / जमशेदपुर : शालीमार मुंबई कुर्ला एक्सप्रेस से गिरकर धनबाद बैक मोड निवासी रूपेश कुमार गुप्ता जख्मी हो गया. घटना सोमवार सुबह की है. आदित्यपुर स्टेशन के पास की है. यात्री के गिरने पर ट्रेन रुक गयी और स्थानीय लोगों ने उठकर जख्मी को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचाया. हालांकि रूपेश कुमार गुप्ता का भतीजा धनबाद से उसे लेने जमशेदपुर आया हुआ था, जो प्राथमिक उपचार के बाद घर ले गया. रूपेश कुमार…
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airnews-arngbad · 4 days
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date - 23 September 2024
Time 01.00 to 01.05 PM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक - २३ सप्टेंबर २०२४ दुपारी १.०० वा.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी अमेरिकेच्या दौऱ्यावर असून, त्यांनी आज न्यूयॉर्कमध्ये कुवेत���े राजपुत्र शेख सबाह अल खालिद अल सबाह यांच्याशी द्विपक्षीय चर्चा केली. दोन्ही देशांचे संबंध आणखी दृढ करण्याबाबत उभय नेत्यांमध्ये यावेळी चर्चा झाली. मोदी यांनी नेपाळचे पंतप्रधान के पी शर्मा ओली, पॅलेस्टाईनचे अध्यक्ष मोहम्मद अब्बास यांच्याशीही द्विपक्षीय चर्चा केली. पंतप्रधानांनी सीईओ राऊंडटेबल कार्यक्रमात उद्योजकांशी संवाद साधला.
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जम्मू काश्मीर विधानसभा निवडणुकीच्या दुसऱ्या टप्यातील मतदानाच्या प्रचाराचा आज शेवटचा दिवस आहे. काँग्रेस खासदार राहुल गांधी आज पूंछ आणि श्रीनगर इथं प्रचार सभा घेणार आहेत. या टप्प्यात परवा २५ सप्टेंबरला जम्मूतील रियासी, राजौरी आणि पूंछ जिल्ह्यात तर काश्मीर खोऱ्यातील श्रीनगर आणि बडगाम या पाच जिल्ह्यांतील २६ जागांवर मतदान होणार आहे. राज्यात तीन टप्प्यात मतदान होत असून मतमोजणी ८ आक्टोबरला होणार आहे.
दरम्यान, हरियाणा विधानसभा निवडणुकीसाठीही प्रचार शिगेला पोहोचला आहे. भाजपाचे ज्येष्ठ नेते अमित शहा आज टोहाना आणि जगाधरी इथं प्रचार सभा घेणार आहेत तर काँग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अंबाला आणि घारौंदा इथं प्रचार सभेला संबोधित करतील. हरियाणा मध्ये सर्व ९० जागांसाठी ५ ऑक्टोबरला मतदान होणार आहे.
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श्रीलंकेत राष्ट्रपती पदासाठी झालेल्या निवडणुकीत विजयी झालेले एनपीपीचे मार्क्सवादी नेते अनुरा कुमारा दिसानायके आज राष्ट्रपती पदाची शपथ घेणार आहेत. अनुरा कुमारा हे श्रीलंकेचे नववे राष्ट्रपती असतील. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी अनुरा कुमारा दिसानायके यांचं अभिनंदन केलं आहे.
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनेचे अध्यक्ष राज ठाकरे यांनी आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांची वर्षा निवासस्थानी सदिच्छा भेट घेतली. यावेळी त्यांच्यात राज्यातील विविध प्रश्नांबाबत चर्चा झाली. या बैठकीत मुंबईतील काही मतदारसंघांच्या संदर्भात चर्चा झाल्याचं सूत्रांनी सांगितलं.
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अमरावती जिल्ह्यात मेळघाटात सेमाडोह जवळ आज सकाळी आठ वाजेच्या सुमारास खाजगी बस पुलावरुन घसरली, या अपघातात जवळपास ४० प्रवासी जखमी झाले आहेत. यापैकी तिघांची प्रकृती गंभीर आहे. जखमींना सेमाडोह येथील प्राथमिक आरोग्‍य केंद्रात दाखल करण्‍यात आलं असून त्‍यांच्‍यावर उपचार करण्‍यात येत आहेत. परतवाडा, चिखलदरा आणि धारणी या शहरांतून पोलीस आणि बचाव पथकांच्या मदतीनं प्रवाशांना बाहेर काढण्यात आल्याचं आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
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राष्ट्रीय पोषण माह अभियानांतर्गत अमरावतीच्या मेळघाटातील चिखलदरा तालुक्यातील जैतापूर गावात विविध कार्यक्रमांचं आयोजन करण्यात आलं. आदिवासी समाजात जनजागृती करण्यासाठी पोषण दिंडी काढण्यात आली. तसंच विविध पदार्थ तयार करून आहार प्रदर्शन भरवण्यात आलं. कार्यक्रमात गरोदर मातांना पोषण आहार किटचं वाटप करण्यात आलं.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या नेतृत्वाखालील राष्ट्रीय लोकशाही आघाडी सरकारनं तिसऱ्या कार्यकाळातील शंभर दिवस नुकतेच पूर्ण केले. सरकारनं पहिल्या शंभर दिवसांत सामाजिक कल्याण योजनांच्या माध्यमातून नागरिकांच्या आयुष्यात परिवर्तन घडवून आणले आहे. प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियानाच्या माध्यमातून आदिवासी समुदायाला समाजाच्या मुख्य प्रवाहात आणण्याचं काम करण्यात येत आहे. या योजनेमुळं धुळे जिल्ह्यात २१३ आदिवासी गावांना लाभ होणार आहे.
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आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनेला आज सहा वर्ष पूर्ण झाली. पाच लाखांपर्यंतच्या मोफत आरोग्य विम्यासह, कौटुंबिक काळजी, महिलांची प्रतिष्ठा, मोठ्यांचा आदर, निरोगी आणि सुरक्षित भारताच्या दिशेनं हे एक महत्वाचं पाऊल मानलं जातं. आतापर्यंत जवळपास ४९ टक्के आयुष्मान कार्ड महिलांना वितरीत करण्यात आल्याचं सरकारनं सांगितलं आहे. आयुष्मान कार्ड वितरीत करण्यात महाराष्ट्रासह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आणि बिहार या राज्यांनी उल्लेखनीय कामगिरी केल्याचं आरोग्य मंत्रालयानं म्हटलं आहे.
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जालना शहरात आज सकल हिंदू समाजाच्यावतीनं बंदचं आवाहन केलं आहे. शहरातील सर्व व्यवहार सकाळपासून बंद आहेत. बंदनिमित्त व्यापाऱ्यांनी शहरात रॅली काढली होती. चार दिवसांपूर्वी शहरात ईद ए मिलाद निमित्त काढण्यात आलेल्या मिरवणुकीत घडलेल्या अनुचित प्रकाराच्या निषेधार्थ आजचा बंद पुकारण्यात आला आहे.
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छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यातल्या पैठण इथलं जायकवाडी धरण पूर्ण क्षमतेनं भरत आहे. धरणाचा पाणीस���ठा साडे ९९ टक्क्याच्या वर गेला आहे. धरणाच्या पाणलोट क्षेत्रात होणाऱ्या पावसाच्या पाण्याची आवक आणि उर्ध्व भागातल्या धरणांमधून येणारी आवक पाहता पुढील दोन दिवसात कोणत्याही क्षणी जायकवाडी धरणाच्या सांडव्याद्वारे गोदावरी नदी पात्रात पाणी सोडण्याची शक्यता आहे. त्यामुळे नदीकाठच्या गावातल्या नागरिकांना सावध राहण्याचं आवाहन पाटबंधारे विभागानं केलं आहे.
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बांगलादेशविरुद्धच्या दुसऱ्या क्रिकेट कसोटी सामन्यासाठी भारतीय संघात बदल करण्यात आला नाही. भारतीय क्रिकेट नियामक मंडळाच्या निवड समितीनं आज ही माहिती दिली. कानपूरमध्ये येत्या २७ तारखेपासून हा सामना सुरु होणार आहे.
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आज सकाळी शेअर बाजार सुरु होताच निफ्टीनं नवा उच्चांक गाठला. निफ्टी-५० निर्देशांकांत १०६ अंकांनी वाढ होऊन २५ हजार ८९८ अंकांपर्यंत पोहोचला. काही वेळातच निफ्टीनं २५ हजार ९१० चा उच्चांक गाठला. तर, सेनसेक्स २८५ अंकांच्या वाढीसह ८४ हजार ८२५ अंकांपर्यंत पोहोचला.
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rightnewshindi · 8 days
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मैक्लोडगंज के निजी होटल में बिहार के कुक ने महिलाकर्मी पर चाकू से किया हमला, आरोपी युवक गिरफ्तार
मैक्लोडगंज के निजी होटल में बिहार के कुक ने महिलाकर्मी पर चाकू से किया हमला, आरोपी युवक गिरफ्तार #Science #Space #Archtecture #SocialMedia #Finance #law #News #Press #Humour #Pets #Gaming #Code #Music #photograpahy #RightNewsIndia #RightNews
Kangra News: मैक्लोडगंज स्थित एक निजी होटल में काम करने वाले कुक ने यहां एक महिला कर्मचारी पर चाकू से हमला कर दिया। धर्मशाला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद युवती को टांडा रेफर कर दिया गया है। जहां उसका उपचार चल रहा है। घायल युवती अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली है, जबकि आरोपी युवक बिहार का रहने वाला है। दोनों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। अभी तक युवती बयान…
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jantanow · 26 days
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पिकअप और ऑटो की टक्कर से 10 लोग हुए गंभीर रूप से घायल
रिपोर्ट,दिलीप कुमार बस्ती। बृहस्पतिवार की शाम नेशनल हाईवे गोटवा ओवर ब्रिज बस्ती के पास पिकअप और ऑटो की भिड़ंत हो गई। जिसमें लगभग 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनको 108 एंबुलेंस द्वारा प्राथमिक उपचार करते हुए जिला अस्पताल बस्ती में भर्ती कराया गया। ऑटो सवार सभी यात्री नगर बस्ती से अयोध्या की ओर जा रहे थे। तभी अचानक अनियंत्रित पिकअप और ऑटो में काफी तेज भिड़ंत हो गई। जिसमें नगर के रहने वाली…
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fitnessclasses · 1 month
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How to Get Relief from Body Pain Through Yoga: Effective Yoga Poses
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योग के माध्यम से शरीर के दर्द से राहत कैसे पाएं: दर्द प्रबंधन के लिए प्रभावी योग आसन
  दर्द से राहत के लिए योग की महत्ता
Importance of yoga for pain relief
  योग, एक अभ्यास जिसे हज़ारों सालों से परिष्कृत किया गया है, शरीर के दर्द के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में तेजी से पहचाना जा रहा है। नियमित योग सत्रों में शामिल होने से कई शारीरिक लाभ मिल सकते हैं, जिसमें लचीलापन बढ़ाना, मांसपेशियों की ताकत में सुधार और मानसिक विश्राम में वृद्धि शामिल है। ये गुण सामूहिक रूप से विभिन्न प्रकार के शरीर के दर्द, जैसे पीठ दर्द, गर्दन दर्द और जोड़ों के दर्द को कम करने में योगदान करते हैं। योग के मूल सिद्धांतों में से एक शरीर और मन का सामंजस्यपूर्ण एकीकरण है, जो संतुलन और कल्याण की स्थिति को बढ़ावा देता है। लगातार योग अभ्यास के माध्यम से प्राप्त लचीलापन कठोरता को कम करने और जोड़ों में गति की सीमा को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। यह विशेष रूप से पुराने दर्द की स्थिति से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह आसान आंदोलन की सुविधा देता है और चोट के जोखिम को कम करता है। मांसपेशियों की ताकत में सुधार योग का एक और महत्वपूर्ण लाभ है। मजबूत मांसपेशियां कंकाल प्रणाली को बेहतर समर्थन प्रदान करती हैं, जिससे जोड़ों पर दबाव कम होता है और दर्द कम होता है। उदाहरण के लिए, वॉरियर सीरीज़ और प्लैंक जैसे आसन न केवल कई मांसपेशी समूहों को सक्रिय करते हैं, बल्कि कोर ताकत बनाने में भी योगदान देते हैं, जो उचित मुद्रा बनाए रखने और पीठ दर्द को रोकने के लिए आवश्यक है। योग के माध्यम से प्राप्त मानसिक विश्राम दर्द को प्रबंधित करने में भी उतना ही महत्वपूर्ण है। गहरी साँस लेने और ध्यान जैसी तकनीकें तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती हैं, जो अक्सर दर्द के लिए कारक होते हैं। योग का ध्यानपूर्ण पहलू व्यक्तियों को अपने शरीर के बारे में अधिक जागरूक बनने, तनाव के क्षेत्रों को पहचानने और विशिष्ट मुद्राओं और श्वास अभ्यासों के माध्यम से उन्हें संबोधित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। वैज्ञानिक अध्ययन दर्द प्रबंधन के लिए योग की प्रभावशीलता का समर्थन करते हैं। प्रतिष्ठित चिकित्सा पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध से संकेत मिलता है कि योग दर्द के स्तर को काफी कम कर सकता है और विभिन्न पुरानी दर्द स्थितियों से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। उदाहरण के लिए, जर्नल ऑफ़ पेन रिसर्च/Journal of Pain Research में एक अध्ययन में पाया गया कि योग हस्तक्षेपों से पुरानी पीठ दर्द से पीड़ित प्रतिभागियों में दर्द की धारणा और कार्यात्मक परिणामों में काफी सुधार हुआ। संक्षेप में, योग शारीरिक लचीलापन बढ़ाकर, मांसपेशियों की ताकत बढ़ाकर और मानसिक विश्राम को बढ़ावा देकर दर्द से राहत के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह बहुआयामी दृष्टिकोण योग को विभिन्न प्रकार के शारीरिक दर्द को प्रबंधित करने और कम करने में एक मूल्यवान उपकरण बनाता है।   Personal Care for Lung Health: Avoiding Cancer  
शरीर के दर्द के विभिन्न प्रकारों को समझना
Understanding Different Types of Body Pain
  शरीर का दर्द विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है, जिनमें से प्रत्येक के अलग-अलग कारण और विशेषताएं होती हैं। प्रभावी राहत के लिए उपयुक्त योग मुद्राओं का चयन करने के लिए दर्द के प्रकार को पहचानना आवश्यक है। शरीर के दर्द की प्राथमिक श्रेणियों में पुराना दर्द, तीव्र दर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों का दर्द शामिल हैं।                    क्रोनिक दर्द/Chronic pain, एक लगातार होने वाली परेशानी है जो हफ्तों, महीनों या सालों तक बनी रहती है। यह अक्सर गठिया, फाइब्रोमायल्जिया या तंत्रिका क्षति जैसी अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों से उत्पन्न होता है। तीव्र दर्द के विपरीत, जो चोट या बीमारी की सीधी प्रतिक्रिया है, क्रोनिक दर्द सामान्य रिकवरी अवधि से परे बना रहता है। इस प्रकार का दर्द किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे दैनिक गतिविधियाँ करना मुश्किल हो जाता है। Acute pain, on the other hand, is sudden and usually sharp, acting as a warning signal from the body. It results from specific injuries like fractures, cuts, or surgical procedures. Acute pain is typically short-term and subsides once the underlying cause is treated. Timely intervention is crucial to prevent it from evolving into chronic pain.                 तीव्र दर्द/Acute pain, दूसरी ओर, तीव्र दर्द अचानक और आमतौर पर तेज होता है, जो शरीर से चेतावनी संकेत के रूप में कार्य करता है। यह फ्रैक्चर, कट या शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसी विशिष्ट चोटों के परिणामस्वरूप होता है। तीव्र दर्द आमतौर पर अल्पकालिक होता है और अंतर्निहित कारण का इलाज होने के बाद कम हो जाता है। इसे क्रोनिक दर्द में बदलने से रोकने के लिए समय पर हस्तक्षेप महत्वपूर्ण है।                 मांसपेशियों में दर्द/Muscle soreness, मांसपेशियों में दर्द शारीरिक परिश्रम या असामान्य गतिविधियों के बाद होने वाला दर्द का एक सामान्य रूप है। विलंबित शुरुआत मांसपेशी दर्द/delayed onset muscle soreness (DOMS) के रूप में जाना जाता है, इस प्रकार का दर्द तब होता है जब मांसपेशियों को उनकी सामान्य क्षमता से अधिक तनाव दिया जाता है, जिससे मांसपेशी तंतुओं में सूक्ष्म दरारें पड़ जाती हैं। आम तौर पर अस्थायी होने पर, मांसपेशियों में दर्द असुविधाजनक हो सकता है और आंदोलन में बाधा उत्पन्न कर सकता है।                   जोड़ों का दर्द/Joint pain, जो अक्सर ऑस्टियोआर्थराइटिस या रुमेटीइड गठिया/osteoarthritis or rheumatoid arthritis जैसी स्थितियों से जुड़ा होता है, इसमें जोड़ों में असुविधा, सूजन या अकड़न शामिल होती है। यह घिसाव, ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाओं या संक्रमण के कारण हो सकता है। जोड़ों का दर्द ग���िशीलता को सीमित कर सकता है और व्यक्ति की रोज़मर्रा के काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। दर्द के विशिष्ट प्रकार की पहचान करना प्रभावी प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। विभिन्न योग आसन दर्द के विभिन्न रूपों को लक्षित करते हैं, लचीलापन, शक्ति और विश्राम को बढ़ावा देकर राहत प्रदान करते हैं। अपने दर्द की प्रकृति को समझना आपको असुविधा को कम करने और समग्र कल्याण को बढ़ाने के लिए सबसे फायदेमंद योग अभ्यास चुनने में मार्गदर्शन करेगा।  
योग दर्द प्रबंधन में कैसे मदद करता है
How Yoga Helps in Pain Management
  योग को लंबे समय से शरीर के दर्द को प्रबंधित करने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के लाभ प्रदान करता है। योग दर्द को कम करने के प्राथमिक तरीकों में से एक है एंडोर्फिन का स्राव, जो शरीर के प्राकृतिक दर्द ��िवारक हैं। जब आप योग मुद्राएँ करते हैं, तो आपका शरीर इन रसायनों को छोड़ता है, जो दर्द की अनुभूति को कम करने और तंदुरुस्ती की भावना को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, सूजन को कम करने में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीर्ण सूजन अक्सर जोड़ों और मांसपेशियों की तकलीफ सहित विभिन्न प्रकार के दर्द का मूल कारण होती है। विशिष्ट मुद्राओं और कोमल स्ट्रेचिंग के माध्यम से, योग शरीर में सूजन के मार्करों को कम करने में मदद करता है, जिससे दर्द कम होता है। बेहतर रक्त परिसंचरण योग का अभ्यास करने का एक और महत्वपूर्ण लाभ है। बेहतर परिसंचरण सुनिश्चित करता है कि ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्व ऊतकों और अंगों तक कुशलतापूर्वक पहुँचाए जाते हैं, जिससे मरम्मत और पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया में सहायता मिलती है।                  माइंडफुलनेस और सांस लेने की तकनीक योग के अभिन्न अंग हैं जो दर्द प्रबंधन में काफी हद तक योगदान देते हैं। माइंडफुलनेस में बिना किसी निर्णय के वर्तमान क्षण पर पूरा ध्यान देना शामिल है। यह अभ्यास व्यक्तियों को उनके दर्द के बारे में अधिक जागरूक होने और इसे अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना सीखने में मदद कर सकता है। सांस पर ध्यान केंद्रित करके और वर्तमान में रहकर, व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक तनाव को कम कर सकता है जो अक्सर शारीरिक दर्द को बढ़ा देता है। योग में दर्द से राहत के लिए सांस लेने के व्यायाम या प्राणायाम भी ज़रूरी हैं। उचित साँस लेने की तकनीक तंत्रिका तंत्र को शांत करने और कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन को कम करने में मदद कर सकती है। तनाव के कम स्तर से मांसपेशियों में तनाव और समग्र दर्द में कमी आ सकती है। इसके अलावा, नियंत्रित साँस लेने से ऑक्सीजन का सेवन बढ़ता है, जो मांसपेशियों को आराम देने और दर्द की अनुभूति को कम करने में मदद कर सकता है।                   कुल मिलाकर, योग दर्द प्रबंधन के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो असुविधा के शारीरिक और मानसिक दोनों पहलुओं को संबोधित करता है। एंडोर्फिन रिलीज को शामिल करके, सूजन को कम करके, रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर, और माइंडफुलनेस और श्वास तकनीकों को अपनाकर, योग शरीर के दर्द को कम करने के लिए एक समग्र और प्रभावी समाधान प्रदान करता है।    
1. पीठ दर्द से राहत के लिए योग आसन
Yoga Poses for Back Pain Relief
योग के माध्यम से पीठ दर्द का प्रबंधन अत्यधिक प्रभावी हो सकता है, जिससे तत्काल राहत और दीर्घकालिक लाभ दोनों मिलते हैं। यहाँ, हम कई योग आसनों के बारे में बता रहे हैं जो पीठ दर्द को लक्षित करते हैं, और अधिकतम लाभ के लिए उचित निष्पादन सुनिश्चित करते हैं।  
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    Child’s Pose/बालासन चाइल्ड पोज़ पीठ, कूल्हों, जांघों और टखनों के लिए एक हल्का खिंचाव है। इस मुद्रा को करने के लिए, फर्श पर घुटने टेकें, अपने बड़े पैर की उंगलियों को एक साथ स्पर्श करें और अपनी एड़ी पर बैठें। अपने घुटनों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर अलग रखें और अपने धड़ को अपनी जांघों के बीच में रखें। अपनी बाहों को आगे की ओर फैलाएँ और हथेलियाँ फर्श की ओर रखें। यह मुद्रा पीठ के निचले हिस्से को लंबा करने और तनाव को दूर करने में मदद करती है।   Cat-Cow Pose/Chakravakasana(चक्रवाकासन) कैट और काउ पोज़ के बीच यह गतिशील मूवमेंट लचीलेपन को बेहतर बनाता है और रीढ़ की हड्डी में तनाव को कम करता है। टेबलटॉप पोज़िशन में अपने हाथों और घुटनों के बल पर शुरुआत करें। जैसे ही आप साँस लेते हैं, अपने पेट को चटाई की ओर गिराएँ और अपने सिर और टेलबोन को ऊपर उठाएँ, जिससे आपकी पीठ में एक आर्च बने (काउ पोज़)। जैसे ही आप साँस छोड़ते हैं, अपनी रीढ़ को छत की ओर गोल करें और अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से सटाएँ (कैट पोज़)। रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता को बढ़ाने के लिए अपनी सांस के साथ तालमेल बिठाते हुए इस प्रवाह को कई बार दोहराएँ। Downward-Facing Dog/अधोमुख श्वानासन  अधोमुख श्वानासन पूरे शरीर का खिंचाव है जो खास तौर पर रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों को लाभ पहुंचाता है। अपने हाथों और घुटनों पर शुरू करें, अपने पैर की उंगलियों को मोड़ें और अपने कूल्हों को छत की ओर उठाएं, एक उल्टा वी-आकार बनाएं। अपने हाथों को कंधे की चौड़ाई से अलग रखें और पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग रखें, जमीन पर मजबूती से दबाएं। यह आसन रीढ़, कंधों, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को खींचता है, पीठ दर्द को कम करता है और पूरे शरीर के संरेखण को बढ़ावा देता है।   Cobra Pose/भुजंगासन(Bhujangasana) कोबरा मुद्रा रीढ़ को मजबूत करती है और छाती को खोलती है, जो पीठ दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। अपने पैरों को फैलाकर और अपने पैरों के ऊपरी हिस्से को चटाई पर दबाकर चेहरा नीचे करके लेट जाएँ। अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें और साँस लेते हुए, अपनी छाती को धीरे से ज़मीन से ऊपर उठाएँ, अपनी कोहनी को अपने शरीर के पास रखें। वापस नीचे आने से पहले कुछ साँसों के लिए मुद्��ा में रहें। यह मुद्रा रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बढ़ाती है और पीठ के निचले हिस्से की अकड़न को कम करती है। इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पीठ दर्द से काफी राहत मिल सकती है और आपकी रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इनका पूरा लाभ उठाने के लिए नियमित रूप से और ध्यानपूर्वक इन आसनों का अभ्यास करना सुनिश्चित करें।  
गर्दन और कंधे के दर्द से राहत के लिए योग आसन
Yoga Poses for Neck and Shoulder Pain Relief
गर्दन और कंधे का दर्द दुर्बल करने वाला हो सकता है, जो अक्सर खराब मुद्रा, तनाव या लंबे समय तक बैठे रहने के कारण होता है। योग कई आसन प्रदान करता है जो प्रभावित क्षेत्रों में मांसपेशियों को खींचकर और मजबूत करके इस असुविधा को कम करने में मदद कर सकते हैं। नीचे कुछ प्रभावी योग आसन दिए गए हैं जो विशेष रूप से गर्दन और कंधे के दर्द से राहत के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।   Shoulder Stand/सर्वांगासन(Sarvangasana) शोल्डर स्टैंड एक शक्तिशाली मुद्रा है जो पूरे शरीर को शामिल करती है, लेकिन यह विशेष रूप से गर्दन और कंधों में तनाव को दूर करने में मदद करती है। इस मुद्रा को करने के लिए, अपनी पीठ के बल लेटें और अपने पैरों को छत की ओर उठाएँ। अपने हाथों से अपनी पीठ के निचले हिस्से को सहारा दें, और अपने कंधों, कूल्हों और पैरों को एक सीधी रेखा में संरेखित करने का लक्ष्य रखें। इस मुद्रा को 30 सेकंड से एक मिनट तक रखें, सुनिश्चित करें कि आप गहरी सांस लें और एक स्थिर संतुलन बनाए रखें। यह उलटा ग्रीवा रीढ़ को कम करने में मदद करता है और मांसपेशियों के तनाव को काफी कम कर सकता है।   Bridge Pose/सेतु बंधासन(Setu Bandhasana) ब्रिज पोज़ गर्दन और कंधे के दर्द को कम करने के लिए एक और प्रभावी योग आसन है। अपने घुटनों को मोड़कर और पैरों को ज़मीन पर सपाट रखकर, कूल्हों की चौड़ाई के बराबर दूरी पर अपनी पीठ के बल लेटकर शुरुआत करें। अपनी बाहों को अपने शरीर के साथ रखें और हथेलियाँ नीचे की ओर रखें। साँस लेते समय, अपने कूल्हों को छत की ओर उठाएँ, अपने ग्लूट्स को सिकोड़ें और अपने कोर को शामिल करें। 10-15 साँसों तक रुकें और साँस छोड़ते हुए अपने कूल्हों को धीरे से ज़मीन पर वापस लाएँ। यह आसन न केवल छाती और कंधों को फैलाता है बल्कि रीढ़ के आस-पास की मांसपेशियों को भी मज़बूत करता है, जिससे बेहतर मुद्रा को बढ़ावा मिलता है।   Seated Forward Bend/बैठकर आगे की ओर झुकना (पश्चिमोत्तानासन) (Paschimottanasana) बैठकर आगे की ओर झुकना में, अपने पैरों को अपने सामने सीधा फैलाकर फर्श पर बैठकर शुरुआत करें। गहरी सांस लें और अपनी रीढ़ को लंबा करें। जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, अपने कूल्हों को आगे की ओर झुकाएं और अपने पैरों या पिंडलियों को पकड़ें। अपनी पीठ को जितना संभव हो उतना सपाट रखें और अपने कंधों को गोल करने से बचें। इस स्ट्रेच को 30 सेकंड से एक मिनट तक रखें, इस मुद्रा में आराम से आने के लिए गहरी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। यह आगे की ओर झुकना गर्दन और कंधों सहित पूरी पीठ को खींचता है, जिससे अकड़न और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।   Thread the Needle Pose (Parsva Balasana)/सुई पिरोने की मुद्रा (पार्श्व बालासन) सुई पिरोने की मुद्रा कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से में तनाव को दूर करने के लिए बहुत बढ़िया है। टेबलटॉप स्थिति में अपने हाथों और घुटनों के बल पर शुरू करें। अपने दाहिने हाथ को अपने बाएं हाथ के नीचे स्लाइड करें, अपने दाहिने कंधे और कान को चटाई पर टिकाएं। खिंचाव को गहरा करने में मदद करने के लिए अपने बाएं हाथ को फर्श पर दबाए रखें। 30 सेकंड तक रुकें और फिर साइड बदलें। यह मुद्रा ऊपरी पीठ और कंधों की मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचती है, जिससे जकड़न और बेचैनी से राहत मिलती है। इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से गर्दन और कंधे के दर्द को नियंत्रित करने और कम करने में काफी मदद मिल सकती है। इन्हें ध्यान से अभ्यास करना याद रखें और अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान दें ताकि ज़्यादा खिंचाव न हो।    
जोड़ों के दर्द से राहत के लिए योग आसन
Yoga Poses for Joint Pain Relief
  जोड़ों का दर्द, खास तौर पर घुटनों, कूल्हों और कलाई में, किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। अपनी दिनचर्या में कुछ खास योग आसन शामिल करने से इस दर्द को कम करने, जोड़ों के लचीलेपन को बढ़ावा देने और समग्र गतिशीलता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। जोड़ों के दर्द से राहत के लिए कुछ प्रभावी योग आसन, शुरुआती लोगों के लिए उनके संशोधन और असुविधा को कम करने में उनके लाभ नीचे दिए गए हैं।   Warrior Pose (Virabhadrasana) Warrior Pose/विर्भाद्रासन घुटनों और कूल्हों के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए बहुत बढ़िया है। इस मुद्रा को करने के लिए, अपने पैरों को चौड़ा करके खड़े हो जाएँ। अपने बाएँ पैर को थोड़ा अंदर रखते हुए अपने दाएँ पैर को 90 डिग्री पर मोड़ें। अपने दाएँ घुटने को अपने दाएँ टखने के ऊपर मोड़ें, यह सुनिश्चित करते हुए कि घुटना टखने से आगे न बढ़े। अपनी भुजाओं को कंधे की ऊँचाई पर फैलाएँ, हथेलियाँ नीचे की ओर हों। इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें, फिर करवट बदलें। शुरुआती लोगों के लिए, संशोधनों में सहारे के लिए कुर्सी का उपयोग करना या घुटने को बहुत ज़्यादा न मोड़ना शामिल है। यह मुद्रा जोड़ों की स्थिरता को बढ़ाने और घुटनों और कूल्हों में अकड़न को कम करने में मदद करती है।   Read the full article
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सिरदर्द को नजरअंदाज न करें, यह मस्तिष्क ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
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ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनते ही लोगों के मन में एक गहरा डर उत्पन्न हो जाता है। कभी इसे मौत का दूत माना जाता था, लेकिन आज रेडियोसर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, और कंप्यूटर-आधारित स्टीरियोटैक्टिक ब्रेन सर्जरी एवं रोबोटिक सर्जरी जैसी आधुनिक तकनीकों के कारण ब्रेन ट्यूमर का इलाज बेहद प्रभावी, सुरक्षित और कम दर्दनाक हो गया है। ब्रेन ट्यूमर की जितनी जल्दी पहचान हो जाए, इलाज उतना ही आसान हो जाता है।
ब्रेन ट्यूमर के खतरेमस्तिष्क में किसी भी प्रकार की असामान्य वृद्धि खतरनाक मानी जाती है, और यही बात ब्रेन ट्यूमर के लिए भी सही है। ब्रेन ट्यूमर विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिन्हें मुख्य रूप से कैंसरजन्य और गैर-कैंसरजन्य ट्यूमर के रूप में विभाजित किया जा सकता है। 20 से 40 साल के लोगों में अक्सर गैर-कैंसरजन्य ट्यूमर और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में कैंसरजन्य ट्यूमर होने की संभावना अधिक रहती है। गैर-कैंसरजन्य ट्यूमर कैंसरजन्य ट्यूमर की तुलना में धीमी गति से बढ़ता है।
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ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण अक्सर उस स्थान पर निर्भर करते हैं जहां ट्यूमर मस्तिष्क में स्थित है। उदाहरण के लिए, मस्तिष्क के पिछले हिस्से में ट्यूमर होने पर दृष्टि संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जबकि मस्तिष्क के बाहरी भाग में ट्यूमर से बोलने में रुकावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ट्यूमर के बढ़ने से मस्तिष्क पर दबाव बढ़ता है, जिससे सिरदर्द, उल्टी, जी मिचलाना, दृष्टि में समस्याएं, चलने में कठिनाई, और बोलने में समस्या जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ब्रेन ट्यूमर के अन्य लक्षण
सिरदर्द: ब्रेन ट्यूमर के प्रारंभिक लक्षणों में से एक है सिरदर्द। यह अक्सर सुबह उठते ही भयंकर हो सकता है, जो दिन के दौरान धीरे-धीरे कम हो जाता है। झुकने या व्यायाम करने पर सिरदर्द और भी बढ़ सकता है।
मानसिक और व्यक्तित्व में बदलाव: ट्यूमर के कारण मरीज के स्वभाव और व्यक्तित्व में बदलाव आ सकता है। बोलने में कठिनाई, स्मरण शक्ति में कमी, और व्यवहार में परिवर्तन देखा जा सकता है।
मास इफेक्ट: यह इंट्राक्रेनियल दबाव बढ़ने के कारण होता है, जिसके लक्षणों में उल्टी, जी मिचलाना, चक्कर आना, धुंधला दिखाई देना, और आंखों की नसों (पापिलेडेमा) में सूजन शामिल हैं। यह लक्षण छोटे बच्चों, बुजुर्गों, और धीरे-धीरे बढ़ते ट्यूमर के मामलों में अधिक पाए जाते हैं।
फोकल लक्षण: ट्यूमर के कारण कुछ विशेष लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे सुनने में समस्या, कानों में बजने की आवाज, कमजोरी, बोलने और चलने में दर्द, मांसपेशियों पर घटता नियंत्रण, दोहरा दिखाई देना, और संवेदनाओं में कमी।
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ब्रेन ट्यूमर के कारण
कभी-कभी ट्यूमर के कारण मस्तिष्क में पानी जमा होने लगता है, जिसे चिकित्सकीय भाषा में 'हाइड्रोसिफेलस' कहा जाता है। यह स्थिति मरीज के लिए खतरनाक हो सकती है। ब्रेन ट्यूमर का निदान करना अक्सर चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इसके लक्षण दूसरी समस्याओं के संकेत भी हो सकते हैं। जैसे कि बोलते समय अटकना, दवाइयों, नशीले पदार्थों या शराब का सेवन भी इन लक्षणों का कारण हो सकते हैं। जब ये लक्षण अधिक गंभीर हो जाते हैं, तो वे ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकते हैं। चिकित्सा विज्ञान अब तक ब्रेन ट्यूमर के प्रमुख कारणों का पूरी तरह से पता नहीं लगा सका है, और आनुवंशिक संबंधों को लेकर दुनियाभर में शोध जारी है।
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ब्रेन ट्यूमर का उपचार
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, स्थान और आकार के आधार पर विभिन्न उपचार विधियों का चयन किया जाता है। यदि ऑपरेशन सुरक्षित है, तो ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने के लिए सर्जरी को प्राथमिक उपचार के रूप में अपनाया जाता है। यह सर्जरी एंडोस्कोपी प्रक्रिया से की जाती है, अन्यथा स्टीरियोटैक्टिक बायोप्सी का सहारा लिया जाता है। यदि ट्यूमर ऑपरेशन योग्य होता है, तो डॉक्टर सर्जरी के लाभ और जोखिम का आकलन करते हैं। सर्जरी के बाद यदि कोई ट्यूमर शेष रह जाता है, तो उसे रेडियेशन या कीमोथैरेपी से उपचारित किया जाता है। कई मामलों में ट्यूमर को पोस्ट-ऑपरेटिव ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन कुछ मामलों में इसे पोस्ट-ऑपरेटिव उपचार की जरूरत पड़ती है।
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दिल्ली एनसीआर के शीर्ष न्यूरोसर्जन से मिलें
डॉ. (ब्रिगेडियर) यादवेन्द्र सिंह सिरोही डॉ. सिरोही, जिनके पास 33 वर्षों से अधिक का अनुभव है, एक अत्यंत कुशल और प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने देश के प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं। वर्तमान में, वे यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नेहरू नगर, गाजियाबाद के न्यूरोसाइंसेज विभाग में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं।
डॉ.पुनीत मलिक दिल्ली के प्रमुख न्यूरोसर्जनों में शामिल, वह न्यूरोसर्जरी में 10 से अधिक वर्षों का अनुभव रखते हैं। वर्तमान में, वे यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, नेहरू नगर, गाजियाबाद में सलाहकार न्यूरोसर्जन (मस्तिष्क, रीढ़ और तंत्रिका विशेषज्ञ) के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने जटिल मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की एक बड़ी संख्या की है। वे लगातार सिरदर्द, गर्दन और पीठ में दर्द, ऊपरी और निचले अंगों में संवेदनाएं, मिर्गी या दौरे, धुंधली दृष्टि, अंगों में पक्षाघात या सुन्नता, चेहरे की विकृति, और मतिभ्रम जैसी समस्याओं के इलाज में विशेष दक्षता रखते हैं।
डॉ. अतुल गुप्ता यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ चिकित्सक विशेषज्ञों में से एक, वे चिकित्सा पेशे में 29 वर्षों का समृद्ध अनुभव रखते हैं। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी उत्कृष्ट है, उन्होंने एमबीबीएस से लेकर लखनऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एम.सी.एच. तक न्यूरोसर्जरी में अपनी सभी मेडिकल डिग्रियां प्राप्त की हैं।
डॉ.नीरज अग्रवाल डॉ. अग्रवाल एक प्रशिक्षित न्यूरोलॉजिस्ट हैं, जिन्होंने भारत के विभिन्न प्रमुख सरकारी कॉलेजों और अस्पतालों से शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने प्रख्यात प्रोफेसरों और शिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। डॉ. अग्रवाल के पास न्यूरोलॉजी में 12 वर्षों का अनुभव है और कुल मिलाकर चिकित्सा क्षेत्र में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
डॉ. राकेश कुमार गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत हैं और दिल्ली के प्रमुख न्यूरोलॉजिस्टों में उनकी गिनती होती है। उनके पास चिकित्सा क्षेत्र में 14 वर्षों से अधिक का अनुभव है। डॉ. कुमार इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के सदस्य भी हैं। वे स्ट्रोक, सिरदर्द, पार्किंसंस रोग, चक्कर, मनोभ्रंश, सेरेब्रोवास्कुलर विकार, थ्रोम्बोलिसिस (स्ट्रोक बोटोक्स उपचार में), और स्मृति हानि जैसी समस्याओं के इलाज में विशेषज्ञता प्रदान करते हैं।
Source: https://www.yashodahealthcare.com/blogs/hi/do-not-ignore-the-case-of-menorrhagia/
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लखनऊ, 15.03.2024 | एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में प्राइमरी स्कूल, मखदुमपुर, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ में समाज सेवा शिविर लगाया गया जिसके अंतर्गत प्राइमरी स्कूल में कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | साथ ही एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के छात्र-छात्राओं द्वारा एक लघु नाटक का प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें विद्यार्थियों को स्वच्छता का महत्व बताया गया | विभिन्न बीमारियों के लक्षण एवं उनकी रोकथाम और उपचार के बारे में विद्यार्थियों को पोस्टर एवं ऑडियो विजुअल के माध्यम से अवगत कराया गया l सभी विद्यार्थियों को जलपान वितरण भी किया गया |
चित्रकला प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ 5 विद्यार्थियों को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी की सह प्राध्यापिका डॉ नेहा माथुर ने टिफिन बॉक्स एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया | कक्षा 3 की छात्रा पलक को तृतीय पुरस्कार, कक्षा 2 के छात्र अर्जुन को द्वितीय पुरस्कार तथा कक्षा 2 की छात्रा नंदिनी को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया | सम्मान पाकर सभी बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे |
समाज सेवा शिविर में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, प्राथमिक विद्यालय, मखदुमपुर की प्रधानाध्यापिका श्रीमती ज्योति गुप्ता, एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी से डॉ नेहा माथुर, डॉ विवेक श्रीवास्तव, डॉ श्रुति श्रीवास्तव, डॉ शिखा श्रीवास्तव, छात्र-छात्राओं तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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shivamsrv · 2 months
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पुलिस की मदद से प्रसूता और शिशु को मिला उपचार
पुलिस की मदद से प्रसूता और शिशु को मिला उपचार बांधवभूमि न्यूज मध्यप्रदेश उमरिया जिले की इंदवार पुलिस ने प्रसव के उपरांत अस्वस्थ मां-एवं उसके नवजात शिशु को अस्पताल पहुंचा कर एक बार पुन: अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। जानकारी के मुताबिक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भरेवा मे प्रसव के उपरांत एक महिला और उसके नवजात शिशु को तत्काल प्राथमिक उपचार की आवश्यकता थी, परंतु उनके पास अस्पताल जाने कोई साधन उपलब्ध…
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bestsexologistdoctor · 2 months
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Avoid All Phases of PE: Best Sexologist in Patna, Bihar | Dr. Sunil Dubey Clinic
क्या शीघ्रपतन एक जटिल समस्या है?
अगर यह सवाल 100 लोगों से पूछा जाए कि कौन-कौन शीघ्रपतन से परेशान है तो पुरे दुनिया में 40% से ज़्यादा लोग हमेशा यही कहते हैं कि हां, मेरे साथ ऐसा होता है। दरअसल, यह पुरुषों में होने वाली सबसे आम मनोवैज्ञानिक यौन विकारों में से एक है, जहां शादीशुदा और अविवाहित दोनों ही लोग ही इस शीघ्रपतन की शिकायत करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि किसी व्यक्ति के यौन जीवन में शीघ्रपतन की समस्या क्यों आती है? बहुत सारे लोग स्वस्थ और तंदुरुस्त होते है लेकिन जब भी वह अपनी यौन गतिविधियों में भाग लेते है, तो वह जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाते है और उसकी यौन क्रिया की टाइमिंग शून्य स्तर की हो जाती है।
चलिए जानते है इसके बारे में, जैसा कि हम जानते है कि मानव का मनोविज्ञान समय के साथ यौन गतिविधियों से जुड़ा हुआ है, जहां स्वस्थ मानसिक स्थिति की भूमिका हमेशा बिस्तर पर लंबे समय तक टिकने में अहम भूमिका निभाती है। यह भी सच है कि शारीरिक कारक की स्थिति इस यौन विकार का कारण बन सकती है, लेकिन केवल 5 से 10% मामले ही इस शारीरिक कारक की स्थिति से जुड़े होते हैं। अगर सच कहा जाए तो शीघ्रपतन के लिए स्तंभन दोष बहुत हद तक जिम्मेवार है। 
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पुरुष स्वस्थ है लेकिन वह शीघ्रपतन से पीड़ित है, ऐसा क्यों?
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, पटना के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि पुरुषों में संभोग शुरू करने के बाद स्खलन का औसत समय लगभग साढ़े पांच मिनट होता है। दरअसल, यह समय हर व्यक्ति और हर समय के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस यौन क्रिया में कई कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह व्यक्ति विशेष पर भी निर्भर करता है कि वह कितने समय में इस यौन क्रिया से संतुष्ट होता है।
उनका मानना है कि शीघ्रपतन की स्थिति में पुरुष कमज़ोर नहीं होता, बल्कि वह तब कमज़ोर होता है जब उसके पास निम्लिखित कारक घटित होते है -
उम्र बढ़ती तो मायने रखती है
समग्र स्वास्थ्य ख़राब होता तो मायने रखता है
हार्मोन का स्तर असंतुलित होता तो मायने रखता है
नसें और कोशिकाएँ कमजोर होती तो मायने रखती हैं
शरीर में रक्त का प्रवाह असंतुलित होती तो मायने रखता है
मानसिक स्थिति से कमजोर या तनाव में होता तो मायने रखती है
भावनात्मक मुद्दे अगर परेशान करे तो मायने रखते हैं
क्या शीघ्रपतन स्थायी समस्या है:-
भारत के इस गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर कहते हैं कि आमतौर पर, शीघ्रपतन किसी व्यक्ति के साथ एक स्थायी स्थिति या समस्या नहीं होती है। इसे प्राकृतिक उपचार, व्यवहार संबंधी उपचार, मनोवैज्ञानिक परामर्श और स्वास्थ्य संबंधी स्थिति के बाद सुधारा जा सकता है। व्यक्ति पुनः बिस्तर पर लंबे समय तक अपने साथी के साथ समय व्यतीत कर सकता है।
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डॉ. सुनील दुबे जो कि आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान के प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं उन्होंने इस शीघ्रपतन पर शोध किया है। दरअसल, वे दुबे क्लिनिक में अभ्यास करते हैं, जहाँ हर दिन दस से बारह शीघ्रपतन के मरीज अपने-अपने गुप्त समस्या के सुधार के लिए आते हैं। अपने दैनिक अभ्यास, अनुभव और नियमित शोध के आधार पर, उन्होंने पाया कि आम तौर पर, कोई भी व्यक्ति शीघ्रपतन के मुख्यतः चार चरणों में पीड़ित होता है जैसे कि प्राथमिक, द्वितीयक, परिवर्तनशील और व्यक्तिपरक। चिकित्सा व उपचार के दौरान, रोगी के समस्या का सही चरण की पहचान करना हमेशा मायने रखता है। वास्तविक चरण के जाने बिना, आयुर्वेदिक उपचार या परामर्श लंबे समय तक प्रभावी नहीं होता है। यही कारण है कि इस प्रकार के रोगी का सही चिकित्सा व उपचार नहीं मिल पाता है और वह आयुर्वेदिक दवा को दोष देता है।
पुरुषों में शीघ्रपतन के मुख्य कारण होते है:-
डॉ. सुनील दुबे बताते है कि भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक कारक और प्रदर्शन की चिंता हमेशा एक व्यक्ति के यौन-क्रिया को शीघ्रपतन की ओर ले जाती है। नए साथी के साथ होने की घबराहट, फिर से यौन क्रियाकलाप करने में बेचैनी, यौन क्रियाकलापों में आत्मविश्वास की कमी, लंबे समय तक संयम के बाद यौन क्रियाकलाप में भाग लेना, अपराधबोध की भावना का होना, अतिउत्तेजना की स्थिति में रहना, तनाव और अवसाद जैसे अन्य कारण। उपयुक्त सभी कारक किसी भी व्यक्ति को शीघ्रपतन की ओर ले जाता है।
अब, लोग इस कारण पर विचार कर सकते हैं कि जब वे शीघ्रपतन के अपने उपचार के लिए किसी सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के पास जाते हैं तो उनके लिए कौन अधिक फायदेमंद है, या तो अनुभवी और शोधकर्ता सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर या सामान्य सेक्सोलॉजिस्ट।
बहुत सारे लोग पूछते हैं कि स्खलन के बाद उन्हें थकान और मूड स्विंग जैसा क्यों महसूस होता है: -
विश्व-प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी है, कहते हैं कि आम तौर पर यह कारक डोपामाइन से संबंधित होता है जो इस यौन क्रिया में संदेशवाहक के रूप में कार्य करता है। संभोग के बाद पुरुषों में डोपामाइन का स्तर बेस लाइन के नीचे चला जाता है जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में इस तरह के परिवर्तन होता है।
जब व्यक्ति में डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है तो वह  निम्नलिखित घटनाओं को महसूस करता हैं:-
अवसाद
कम ऊर्जा
कम आत्मसम्मान
सामाजिक चिंता
दुबे क्लिनिक में शीघ्रपतन व अन्य सभी गुप्त व यौन रोग का उपचार:
डॉ. सुनील दुबे कहते हैं कि वे शीघ्रपतन के रोगी को अपना व्यापक उपचार व चिकत्सा प्रदान करते हैं। इस चिकित्सा व उपचार पद्धति में, वे उन्हें प्राकृतिक दवा, व्यवहार संबंधी उपचार, मनोवैज्ञानिक परामर्श और स्वास्थ्य संबंधी सुझाव प्रदान करते हैं। वे टेस्टोस्टेरोन को प्रबंधन, प्रजनन क्षमता में सुधार करने और वीर्य प्रतिधारण का अभ्यास करने के बाद समय बढ़ाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी देते हैं।
अपनी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में, वे जड़ी-बूटियाँ, प्राकृतिक रस-रसायन, प्राकृतिक गोली, प्रभावी व उच्च-कोटि का भस्म और घरेलू उपचार प्रदान करते हैं। ये सभी प्राकृतिक पूरक पर आधारित संरचना हैं और दुबे क्लिनिक इन सभी आयुर्वेदिक दवाइयाँ को दुबे लैब में स्वयं-निर्मित करती है। इस क्लिनिक से जुड़ने वाले लोग ही इसके चिकत्सा-उपचार का फायदा उठाते है क्योकि यह क्लिनिक अपनी दवाओं को खुले बाज़ार में वितरित नहीं करती।
यदि आप अपनी किसी भी गुप्त व यौन समस्याओं से पूर्ण रूप से छुटकारा पाना चाहते है तो एक बार दुबे क्लिनिक से जरूर जुड़े। आप हमें +91 98350 92856 पर कॉल भी कर सकते हैं।
हार्दिक सम्मान के साथ
डॉ. सुनील दुबे, सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर
बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 925486
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना, बिहार
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sharpbharat · 8 days
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jamshedpur rural accident- चाकुलिया में सड़क दुर्घटना में तीन लोग घायल,रेफर
चाकुलिया: चाकुलिया-शीशाखुन मुख्य सड़क पर बुधवार की दोपहर शांति नगर के पास टेंपो सवार के पैर से एक बाइक टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इससे टेंपो सवार चालूनिया निवासी दीनबंधु सीट(43) और बाइक पर सवार जुगीतोपा निवासी लालचंद महतो (36) और हाबलु गोप (32) गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के लिए तीनों घायलों को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. डॉ नरेश बास्के ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज…
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airnews-arngbad · 7 days
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आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर, दिनांक: 20.09.2024 रोजीचे सकाळी: 11.00 वाजताचे मराठी बातमीपत्र
Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date: 20 September 2024
Time: 11.00 to 11.05 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक: २० सप्टेंबर २०२४ सकाळी ११.०० वाजता.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी आज वर्धा जिल्ह्याच्या दौऱ्यावर येत आहेत. राष्ट्रीय ‘पीएम विश्वकर्मा’ कार्यक्रमात ते सहभागी होतील. विश्वकर्मा योजनेच्या लाभार्थ्यांना प्रमाणपत्रं आणि कर्जंवाटप पंतप्रधानांच्या हस्ते होणार आहे. या योजनेच्या एक वर्ष पूर्तीनिमित्त विशेष टपाल तिकिटही त्यांच्या हस्ते जारी करण्यात येईल. अमरावती, इथं पीएम मित्रा म्हणजे भव्य समन्वित वस्त्रोद्योग परिसराची पायाभरणी मोदी यांच्या हस्ते होणार आहे. ��क हजार एकर क्षेत्रावर ��भारण्यात येत असलेला हा प्रकल्प, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडळाकडून विकसित केला जाणार आहे. महाराष्ट्र सरकारच्या “आचार्य चाणक्य कौशल्य विकास केंद्र” योजनेचा आरंभही पंतप्रधानांच्या हस्ते होणार आहे. राज्यात एक हजार महाविद्यालयांमध्ये कौशल्य विकास केंद्रांची स्थापना करण्यात येत आहे, यात छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यातील तेहतीस महाविद्यालयांचा समावेश आहे.
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हायड्रोजन इंधनाचा वापर करुन इंधन आयातीचं  प्रमाण २२ लाख कोटी रुपयांवरुन ४ लाख कोटी रुपयांपर्यंत कमी करण्याचा सरकारचा मानस असल्याची माहिती  केंद्रीय रस्ते वाहतूक मंत्री नितीन गडकरी यांनी दिली  आहे. यासाठी केंद्र सरकार मिराई प्रकल्प राबवत असल्याचं त्यांनी सांगितलं.
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सोलापूर विमानतळा संदर्भात नवी दिल्ली इथं काल  केंद्रीय नागरी विमान वाहतूक राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोळ यांच्या अध्यक्षतेखाली उच्चस्तरीय बैठक झाली. आमदार सचिन कल्याणशेट्टी,जिल्हाधिकारी  कुमार आशीर्वाद या बैठकीला उपस्थित होते. उडान योजनेअंतर्गत नवीन हवाई रस्ते मंजूर करण्याची प्रक्रिया सुरु आहे, याअंर्तगत नोव्हेंबर महिन्यामध्ये विमानसेवा सुरू होईल,  सोलापूर ते गोवा, सोलापूर ते तिरुपती, सोलापूर ते हैद्राबाद, सोलापूर ते मुंबई या दरम्यानच्या हवाई मार्गाना प्राधान्याने उडाणे होतील असं आमच्या वार्ताहरानं कळवलं आहे.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी उद्यापासून तीन दिवसांच्या अमेरिकेच्या दौऱ्यावर जात आहेत. तिथल्या डेलावेअर इथं होणाऱ्या क्वाड देशांच्या परिषदेत ते सहभागी होणार आहेत. या दौऱ्यात पंतप्रधान विविध परदेशी अधिकाऱ्यांशी तसंच अमेरिकेतील भारतीय जनसमुदायाशी संवाद साधणार आहेत.
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विधानसभा निवडणुकीसाठी महाविकास आघाडीतील तिन्ही पक्षांना एकत्र लढावं लागणार असल्याचं शिवसेना उद्धव बाळासाहेब ठाकरे पक्षाचे नेते संजय राऊत यांनी म्हटलं आहे.ते आज मुंबईत पत्रकार परिषदेत बोलत होते.आघाडीतील जागावाटपासंदर्भात आज बैठक  होणार असून या मुद्द्यावरुन आघाडीत कोणताही वाद नसल्याचं राऊत यांनी स्पष्ट केलं.
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वीजनिर्मिती कंत्राटी कामगारांना मेडीक्लेम अंतर्गत राज्यातील उत्तम खाजगी रुग्णालयात मोफत उपचार देण्यात येतील अशी माहिती उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी दिली आहे.ते काल नागरपूरमधील दहेगाव इथं वीज निर्मिती कंत्राटी  कामगारांच्या मेळाव्यात बोलत होते.या  कामगारांच्या सहा मागण्या मान्य केल्याबद्दल कामगार संघटनेतर्फे  यावेळी मुख्यमंत्र्यांचा सत्कार करण्यात आला.
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जालना वडीगोद्री मार्गावर शहापूर गावाजवळ आज सकाळी आठ वाजेच्या सुमारास बस आणि आयशर ट्रकच्या  भीषण अपघातात बसच्या वाहकासह ६ जण ठार झाले असून १० जण जखमी झाले आहेत. जखमी पैकी तीन जणांची प्रकृती गंभीर आहे. बीड जिल्ह्यातील गेवराई इथून  जालन्याकडे जाणारी बस  आणि  जालन्याहून बीड कडे मोसंबी घेऊन जाणाऱ्या ट्रकची    समोरासमोर  धडक झाली, प्रत्यक्षदर्शीच्या माहिती नुसार भरधाव वेगाने येणारी  ट्रक दुसऱ्या वाहनाला ओव्हरटेक करण्याच्या प्रयत्नात बस वर जाऊन आदळल्याने हा अपघात झाला, बस मध्ये एकूण २४ प्रवाशी होते यातील किरकोळ जखमींना अंबड इथल्या प्राथमिक आरोग्यकेंद्रात उपचारासाठी हलवण्यात आलं  आहे.
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नंदुरबार शहरात ईदच्या जूलुसा दरम्यान दोन गटात झालेल्या दंगल परिस्थितीचा नाशिक परिक्षेत्राचे विशेष पोलीस महानिरीक्षक दत्तात्रय कराळे यांनी काल आढावा घेतला. त्यांनी शांतता समितीच्या सदस्यांसोबत बैठक घेऊन चर्चा केली. या दंगलीतील उपद्रव्यांवर कडक कारवाईचा इशारा कराळे यांनी दिला आहे. तसेच  दंगलीचे काही व्हिडिओ फोटो नागरिकांकडे असतील  तर त्यांनी ते पोलीस दलाला देण्याचे आवाहन त्यांनी केलं. काल एकाच दिवसात उत्तर महाराष्ट्रात दोन ते तीन शहरांमध्ये अशा पद्धतीने ईद च्या जुलूसा दरम्यान दगडफेकीच्या घटना समोर आल्या आहेत, या घटनांचा परस्परांशी काही संबंध आहे का याचा शोध घेतला जात असल्याचं कराळे यांनी सांगितलं.
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छत्रपती संभाजीनगर इथल्या मंगलमूर्ती संस्कार केंद्राच्या वतीने घेण्यात आलेल्या स्व-विकास व्याख्यानमालेत मोबाईल आणि मुलं या विषयावर पुण्याचे  समुपदेशक दिनेश ताठे यांनी आपले विचार मांडले. मोबाईल मुळे माणसाच्या अनेक गरजा पूर्ण होत असल्या तरी मोबाईलच्या अति वापरा मुळे अनेक समस्या  देखील निर्माण होत आहेत,असं  ताठे याप्रसंगी म्हणाले. व्याख्यानमालेचं हे  १८ वं वर्ष आहे. सरस्वती भुवन शिक्षण संस्थेच्या सभागृहात झालेल्या या व्याख्यानमालेला  केंद्राच्या अध्यक्षा मानसी काशीकर, सचिव श्रीकांत काशीकर, कोषाध्यक्ष राजश्री कुलकर्णी  यावेळी उपस्थित होते.
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पुण्यात राबवण्यात येणाऱ्या मुळा-मुठा नदीसुधार प्रकल्पासाठी राज्य पर्यावरण प्रभाव मुल्यांकन प्राधिकरणने २०१९ मध्ये दिलेल्या ना हरकत प्रमाणपत्रावर आक्षेप घेणारी याचिका राष्ट्रीय हरित लवादाने निकाली काढली आहे. त्यामुळे या प्रकल्पा अंतर्गत करण्यात येणाऱ्या सर्व प्रकारच्या कामांचा मार्ग आता मोकळा झाला आहे.
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rightnewshindi · 1 month
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पालमपुर के होल्टा कैंट में फौजी की पत्नी ने खुद की लग��ई आग, हॉस्पिटल ले जाते समय हुई मौत
Kangra News: पालमपुर थाना के अंतर्गत होल्टा कैंट में एक फौजी की पत्नी ने स्वयं को आग लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। एएसपी धर्मशाला बीर बहादुर ने बताया कि प्राथमिक जानकारी के अनुसार मूल रूप से गुजरात के रहने वाले पति-पत्नी में किसी बात को लेकर तकरार हुआ। इसके बाद पत्नी ने अपने पर मिट्टी का तेल फैंककर आग लगा ली। महिला को उपचार के लिए कांगड़ा के एक निजी अस्पताल में लाया जा रहा था लेकिन उसकी रास्ते…
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jantanow · 2 months
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फिरोजाबाद : तेज रफ्तार ट्रक ने पत्रकार की बाइक को मारी टक्कर , आगरा में इलाज के दौरान हुई मृत्यु 
फिरोजाबाद : प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ थाना टूंडला क्षेत्र हजरतपुर के पास NH 19 पर तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक ने पत्रकार की बाइक को मारी जोरदार टक्कर,ट्रक की टक्कर से पत्रकार हुआ गंभीर रूप से जख्मी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने प्राथमिक उपचार के लिए घायलावस्था में पत्रकार को एंबुलेंस में भेजा ट्रॉमा सेंटर भेजा था वहा मौजूद डॉक्टर ने गंभीर हालत देखकर घायल पत्रकार को किया आगरा रेफर…
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