Varanasi:जापान का प्रतिनिधिमंडल आज आएगा बनारस, उद्यमियों-जन प्रतिनिधियों से होगी बात, गंगा आरती दर्शन भी - Varanasi: Japan's Delegation Will Come To Banaras Today
Varanasi:जापान का प्रतिनिधिमंडल आज आएगा बनारस, उद्यमियों-जन प्रतिनिधियों से होगी बात, गंगा आरती दर्शन भी – Varanasi: Japan’s Delegation Will Come To Banaras Today
वाराणसी में भारत जापान की दोस्ती की मिसाल रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर
– फोटो : अमर उजाला
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व पीएम स्व. शिंजो आबे के प्रयास को आगे बढ़ाने तथा काशी जापान की मित्रता को नया आयाम देने के लिए जापान के सत्ताधारी दल के राष्ट्रीय नेता कोइची हगीउडा सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वाराणसी आएंगे। इसमें उनके साथ भारत में जापान के राजदूत हिरोशि…
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जर्मनी और जापान नहीं, भारत मायने रखता है... : रूस निभाता है दोस्ती का धर्म
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जर्मनी और जापान नहीं, भारत मायने रखता है… : रूस निभाता है दोस्ती का धर्म
भारत न केवल स्वाभाविक रूप से एक महत्वाकांक्षी देश है बल्कि बहुध्रुवीय दुनिया में एक महत्वपूर्ण ध्रुव बनने की आकांक्षा भी रखता है और यह एक बहुध्रुवीय दुनिया के निर्माण के केंद्र में भी है, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की प्रशंसा की है। लावरोव ने यूक्रेन के खिलाफ हालिया युद्ध पर भारत के रुख को भी संतुलित बताया और भारतीय विदेश नीति की तारीफ की। उन्होंने प्रिमाकोव रीडिंग्स इंटरनेशनल फोरम…
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ये है दुनिया का सबसे अमीर देश भारत है इस नंबर पर 2022 में?
आज आप जानेगें कि दुनिया का सबसे अमीर देश 2022 कौन सा है? और क्या भारत भी इस सूचि में शामिल है यदि हाँ तो किस नंबर पर। इनमें कुछ नए देशों के नाम भी शामिल हैं। जिन्हें कुछ लोग इस देश को गरीब समझते थे, वो देश आज टॉप 10 सबसे अमीर देशों कि सूची 2022 में शामिल है. आइए हम जानते हैं, कि विश्व का सबसे अमीर देश कौन कौन से हैं?
आपको बता दे, कि विश्व का सबसे अमीर देशों कि सूची तैयार करने में ना केवल किसी देश के पैसों को देखकर किया जाता है, बल्कि उस देश कि अर्थव्यवस्था और आर्थिक स्थिति को भी देखा जाता है. इसके अलावा देश की कुल आबादी के कुल संपत्ति को मूल्यांकन किया जाता है. प्रत्येक व्यक्ति कि इनकम, बिजनेस, प्रोपर्टी और संपति कि कीमत को शामिल किया जाता है। इस प्रकार विश्व का सबसे अमीर देशों कि सूची तैयार कि जाती है।
दुनिया के 10 सबसे अमीर देश कि सूची : List of 10 richest countries in the world 2022.
नंबर 1 पर है अमेरिका (USA)
अमेरिका
इस लिस्ट में सबसे पहले स्थान पर United States of America आता है. हम में से बहुत सारे लोग जानते हैं, कि अमेरिका एक विकसित देश है। आज जो पुरी दुनिया में जितनी भी बड़ी बड़ी कंपनियां हैं। वो अमेरिका यानि USA से जुड़ी हुई है। जैसे के गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न आदि ये सभी कंपनिया अमेरिका की है। इसके अलावा अगर दुनिया के सबसे अमीर आदमी कि बात करें तो सबसे ज्यादा अरबपति अमेरिका के ही है। जो कि इस देश को अमीर बनाने में काफी मदद करता है। हालांकि हम में से काफी लोग जानते हैं. कि पुरी दुनिया के कुल पैसों में 30 फीसदी पैसा अकेले USA के पास है. अमेरिका कि कुल संपत्ति 106 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 2 पर है चाइना (CHINA)
चाइना
इस सूची में दूसरे स्थान पर भारत का पड़ोसी देश चाइना है. वर्ष 1947 में भारत और चीन कि अर्थव्यवस्था एक जैसी थी। लेकिन चीन कि लगातार हो रही तरक्की कि तेजी से आज विश्व में दूसरे सबसे अमीर देश में शामिल है। चाइना अपने सामान सस्ते दामों पर अन्य देशों में निर्यात करता है. जो कि इस देश कि अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में काफी मदद करता है. आज पुरी दुनिया के लगभग सभी देशों में चाइना का सामान देखने को मिल जाएगा। भारतीय बाजार में काफी सारे मेड इन चाइना का सामान देखने को मिल जाते हैं. चाइना की कुल संपत्ति 63.8 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 3 पर है जापान (JAPAN)
जापान
इस सूची में जापान तीसरे स्थान पर आता है. जापान अपने टेक्नोलॉजी कि वजह से पुरी दुनिया में काफी प्रसिद्ध है। दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले जापान की टेक्नोलॉजी काफी आगे है. जापान सिर्फ टेक्नोलॉजी में ही नहीं बल्कि अपने कड़ी सुरक्षा के लिए हथियार बनाने में और उसे किसी अन्य देशों में निर्यात करने में काफी मशहूर है। जापान कि कुल संपत्ति 25 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 4 पर है ब्रिटेन (BRITAIN)
ब्रिटेन
इस लिस्ट में ब्रिटेन चौथे स्थान पर आता है. इतिहास में सबसे ज्यादा शक्तिशाली देशों में ब्रिटेन का नाम आता है. भले ही ब्रिटेन छोटा देश है. लेकिन यह भी अमीर देशों के सूची में शामिल है। ब्रिटेन कि जनसंख्या कम होने के कारण एक सक्षम देश है. यहां के प्रत्येक नागरिक शिक्षित हैं. इस देश की अर्थवयवस्था काफी मजबूत है। यहां कि कंपनियां और हथियार निर्यात कि वजह से यह काफी अमीर देश है. ब्रिटेन कि कुल संपत्ति 14.3 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 5 पर है जर्मनी (GERMANY)
जर्मनी
इस लिस्ट में जर्मनी पांचवे स्थान पर आता है. आपके जानकारी के लिए बता दूँ, कि दूसरे विश्व युद्ध के समय जर्मनी को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था. जिसके के कारण जर्मनी कि अर्थव्यवस्था काफी खराब हो गई थी. लेकिन जर्मनी ने काफी ज्यादा मेहनत की, और आज जर्मनी दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है. यह भी ब्रिटेन कि तरह छोटा देश है। इस देश कि कुल संपत्ति 14.2 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 6 पर है भारत (INDIA)
भारत
इस सूची में भारत छठे स्थान पर आता है। भारत एशिया महाद्वीप का तीसरा सबसे अमीर देश है. भारत ने पीछे कई सालों में तरक्की कि है. कई लोग भारत को गरीब देश मानते है, लेकिन ऐसा नहीं है। भारत अमीर देशों कि लिस्ट में शामिल है. भारत एक विकासशील देश है. भारत स्वतंत्रता के समय गरीब था. लेकिन धीरे - धीरे भारत कि आर्थिक स्थिती अच्छी होती आ रही है. भारत में आज भी बहुत गरीबी और अशिक्षित लोग है, लेकिन कुछ लोग अरबपति है. जिसके वजह से भारत को अमीर बनाने में मदद करता है. भारत कि कुल संपत्ति 12.6 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 7 पर है फ्रांस (FRANCE)
फ्रांस
युरोप महाद्वीप का तीसरा सबसे अमीर देश फ्रांस है. फ्रांस अपने नए हथियार ट्रेडर्स, नई टेक्नोलॉजी और नई उत्पाद के लिए पुरी दुनिया में काफी मशहूर है। फ्रांस और भारत कि दोस्ती काफी अच्छी है. और इसी वजह से भारत कि आधे से ज्यादा हथियार फ्रांस से ही आता है. हथियार निर्यात कि वजह से फ्रांस कि अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है. फ्रांस के पास कुल संपत्ति 8.6 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 8 पर है कनाडा (CANADA)
कनाडा
दुनिया का सबसे अमीर देशों कि लिस्ट में कनाडा आठवें स्थान पर आता है. कनाडा कि क्षेत्रफल कि दृष्टि से पुरी दुनिया में दूसरे स्थान पर आता है. लेकिन इसका जनसंख्या बहुत काम है. अमेरिका कि पड़ोसी देश है। दुनिया में जगह जगह कनाडा कि कम्पनी फैली हुई है. कनाडा कि कुल संपत्ति 8.3 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 9 पर है ऑस्ट्रेलिया (AUSTRALIA)
ऑस्ट्रेलिया
इस सूची में ऑस्ट्रेलिया नवें स्थान पर आता है. ऑस्ट्रेलिया विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप है। कुछ लोगों को मानना है कि आस्ट्रेलिया एक बंजर देश है. परन्तु ऐसा नहीं है यहां खनिज का भंडार है। और इस देश की गिनती भी दुनिया के सबसे अमीर देशों में की जाती है। इस देश कि कुल संपति 6.1 लाख करोड़ डॉलर है।
नंबर 10 पर है इटली (ITALI)
इटली
इटली युरोप महाद्वीप का चौथा सबसे अमीर देश है। दुनिया के अमीर देशों कि लिस्ट में इटली दसवें स्थान पर आता है. इटली भी बाकी देशों कि तरह एक छोटा सा देश है. इटली कि जनसंख्या बहुत कम है. इटली कि अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के कई साधन है. जैसे कि पर्यटक, बैंकिंग और कृषि इत्यादि इटली देश को अमीर बनाता है. दुनिया के विकसित देशों कि लिस्ट में इटली को गिना जाता है. इटली कि कुल संपत्ति 4.2 लाख करोड़ डॉलर है।
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चलते चलते:
ये तो थे दुनिया के 10 सबसे अमीर देश, उनके नाम और उनकी कुल सम्पत्ति की जानकारी। अभी पिछले कुल सालों पहले तक भारत इस लिस्ट में सातवें स्थान पर था, लेकिन वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद और निवेश से भारत इस लिस्ट में छठे नंबर पर पहुँच गया है, और पिछले कुछ सालों में भारत ने जिस तरह से तरक्की की है उसे देखते हुए लगता है की भारत जल्द ही इस लिस्ट में पांचवा स्थान भी प्राप्त कर सकता है।
अभी कुछ समय पूर्व तक चाइना ने बहुत तेजी से तरक्की की थी, जिससे उसके भी पहले स्थान पर पहुचने की उम्मीद लगायी जा रही थी। लेकिन कोरोना काल के बाद से कई विकासशील और विकसित देशों से चाइना के व्यापार सम्बन्ध बिगड़ने लगे है, जिससे उसे काफी ज्यादा आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उसके नंबर का सपना दूर नजर आ रहा है।
आपको हमारे द्वारा दुनिया का सबसे अमीर देश और उनके नाम के सम्बन्ध में दी गयी जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट्स में जरुर बताये तब तक के लिए ...
जय हिन्द जय भारत
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नीमराना स्थित डाईकिन जापानीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफेक्चरिंग एक्सिलेंस (डीजेआईएमई) में आयोजित एमओयू सेरेमनी को संबोधित किया।
राजस्थान में जापान की कम्पनियों ने प्रमुखता से निवेश किया और जापानी निवेश राजस्थान में उद्यमियों के लिये प्रेरणास्त्रोत रहा है। अब जापान की कम्पनियों को बाड़मेर में बन रहे पैट्रोकैमिकल कॉम्पलैक्स, इनवेस्ट राजस्थान और स्किल डवलपमेंट सेंटर के निर्माण में निवेश कर एक अध्याय और लिखना चाहिए।
जापानी जोन उद्यमियों में चर्चा का विषय रहता है। गुरूवार को जापान की 11 कम्पनियों द्वारा किए गए एमओयू से 1338 करोड़ रूपये का निवेश आएगा और जापान व राजस्थान के रिश्ते और ऊंचाई पर जाएंगे। जापान की कम्पनियों से आह्वान किया कि वे पचपदरा में बन रही रिफाइनरी के पैट्रोकैमिकल कॉम्पलैक्स में भी निवेश करें। ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को भी रोजगार देने के लिये स्किल डवलपमेंट सेंटर खोलें, इनमें जो भी अपेक्षित सहयोग होगा राज्य सरकार द्वारा दिया जायेगा।
भूतपूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह वर्ष 2005 में जापान यात्रा पर गए थे। इसी दौरान जापानी निवेश, दिल्ली मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) व फ्रंट कॉरिडोर की भूमिका तैयार हुई थी। नीमराना स्थित जापानीज जोन भी डीएमआईसी का पार्ट है। डीएमआईसी राज्य में 6 स्थानों पर बनना है। राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि सभी स्थानों पर योजनाबद्ध तरीके से काम हो और कॉरिडोर का निर्माण शीघ्र हो।
भारत और जापान के राजनयिक संबंधों को याद किया। वर्ष 1949 में प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने टोक्यो के चिड़ियाघर को हाथी उपहार देकर नई दोस्ती की शुरूआत की थी। वर्ष 1952 में राजनयिक संबंध की स्थापना के बाद भारत व जापान के मध्य लगातार मधुर संबंध रहे।
भारत में जापान के राजदूत श्री सुजुकी सतोशी ने कहा कि भारत और जापान कानून का शासन व लोकतन्त्र जैसे मौलिक मूल्यों को साझा करते हैं। हमारा रिश्ता केवल द्विपक्षीय नहीं है अपितु असाधारण है। इसीलिए इसे स्पेशल स्ट्रेटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप कहते हैं। उन्होंने कहा कि गत मार्च में भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच समिट में इस बात पर संतोष जताया गया कि वर्ष 2014 में घोषित किये गये 3.5 ट्रिलियन जापनीज येन (लगभग 2 लाख करोड़ रूपये) के निवेश का लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं। अब उन्होनें 5 ट्रिलियन जापनीज येन (लगभग 3 लाख करोड़ रूपये) को आगामी 5 वर्षों में जापान द्वारा भारत में निवेश करने का कार्य शुरू कर दिया है। गुरूवार को हुए एमओयू से लगभग 1300 करोड़ रूपये का निवेश होगा जो कि 22 बिलियन येन है। प्रदेश में वर्ष 2008 में जापान की कम्पनियों की संख्या 10 थी जो वर्ष 2021 में बढ़कर 170 हो गई है।
उद्योग मंत्री श्रीमती शकुन्तला रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता से ही राज्य में निवेश के नये आयाम स्थापित हो रहे हैं। उद्योग विभाग ने हाल ही में प्रत्येक जिले में रोड़ शो का आयोजन किया, जिससे वहां के पारम्परिक उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि 5 हजार से ज्यादा उद्यमी 7 एवं 8 अक्टूबर को प्रस्तावित इनवेस्ट राजस्थान समिट में भाग लेंगे। इससे प्रदेश में निवेश के नये अवसर खुलेगें।
जापानीज एक्सटर्नल ऑर्गेनाईजेशन (जेट्रो) के मुख्य महानिदेशक श्री यासुयुकि मुराहाशि ने कहा कि जापान की कम्पनियों द्वारा किए गए एमओयू सेे राजस्थान में लगभग 1300 करोड़ का निवेश होगा। उन्होंने बताया कि इनमें से 1 कम्पनी गिलोठ इण्डस्ट्रियल पार्क में निवेश करने जा रही है, जो कि किसी जापान की कम्पनी का उक्त क्षेत्र में पहला निवेश है। जेट्रो इस क्षेत्र में भी उतना ही निवेश करेगा जितना नीमराना औद्योगिक क्षेत्र में किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता व रीको के अध्यक्ष श्री कुलदीप रांका ने राज्य सरकार द्वारा जापान की कम्पनियों कोे दिये जा रहे सहयोग की जानकारी दी।
समारोह में सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्री श्री टीकाराम जूली, गृह राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव, मेवात क्षेत्र विकास बोर्ड के चैयरमैन श्री जुबेर खान, बहरोड़ विधायक श्री बलजीत यादव, रीको के प्रबंध निदेशक श्री शिवप्रसाद नकाते, बीआईपी आयुक्त श्री ओम प्रकाश कसेरा तथा डाईकिन इण्डिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री कंवलजीत जावा सहित जापान की कम्पनियों के अधिकारी व प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
राज्य सरकार व जापान की 11 कम्पनियों के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। इससे नीमराना, गिलोठ व चापारिया की ढ़ाणी (पाली) क्षेत्रों में 1338 करोड़ रूपये का निवेश होगा और 2272 लोगों को रोजगार मिलेगा। टोकाई रिका मिंडा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (335 करोड़ रूपये), निडेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (300 करोड़ रूपये), हिताची एस्टेमो राजस्थान ब्रेक सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (140 करोड़ रूपये), फूजी सिल्वरटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (110 करोड़ रूपये), सीकेडी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (100 करोड़ रूपये), ताइयो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (100 करोड़ रूपये), एलाइड जेबी फ्रिक्शन प्राइवेट लिमिटेड (78 करोड़ रूपये), एच2 मिल्क फार्म प्राइवेट लिमिटेड (65 करोड़ रूपये), एचएनवी कास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (40 करोड रूपये), एमआईईएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (40 करोड़ रूपये) एवं बेलटेक्नो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (30 करोड़ रूपये) जापानी कम्पनियों ने निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
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Russia to Ukren War : प्रतिबंधों से कैसे चरमराई रूस की अर्थव्यवस्था
रूस – यूक्रेन महायुद्ध 2022: रूस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध बढ़ता ही जा रहा है जंग के सात दिन बीत जाने के बाद रूस यूक्रेन को लेकर हमलावर है और किसी भी कीमत पर यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करना चाहता है इसके लिए रूस ने यूक्रेन के ऊपर हमले और तेज कर दिए है उधर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने मिलकर रूस के खिलाफ सैन्य तरीके से नहीं बल्कि आर्थिक तरीके से रूस को कमजोर करने में लगा है पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबन्ध लगाए है जिससे रूस की अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई । लेकिन रूस ने साफ कर दिया है कि इन प्रतिबन्ध से हमें कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। रूस भले ही इस बात को इनकार करे लेकिन नतीजा सामने है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों द्वारा जो आर्थिक प्रतिबंध लगाए है उसका असर साफ दिखने लगा है रूसी बैंको को संकट में डाल दिया है जानकर मानते है कि अगर आगे भी ऐसा रहा तो रूसी अर्थव्वस्था 5% तक सिकुड़ जाएगी। इसमें कोई शक नहीं है कि रूस इतिहास में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में आर्थिक प्रतिबंध झेल रहा है
किन देशों ने क्या प्रतिबन्ध लगाए
रूस है कि यूक्रेन को फतह करना चाहता है इसलिए वह आक्रामक होता जा रहा है प्रतिबन्ध से रूसी बाजार और शेयर मार्केट धड़ाम है ��िर भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंशा कुछ और ही है आइए समझते है पश्चिमी देशों ने क्या प्रतिबन्ध लगाए है ।
अमेरिका – रूस के दो सरकारी बैंको को यूएस और यूरोप में कारोबार करने से रोका
ब्रिटेन – 5 रूसी बैंको के साथ रूस के अरबपतियों कर पाबन्दी लगाई
जर्मनी – रूस पर जर्मनी ने सख्त एक्शन लेते हुए 11.6 अरब डॉलर की नार्ड स्ट्रीम 2 गैस परियोजना पर रोक लगाई
जापान – रूसी बॉन्ड के साथ नागरिकों पर रोक लगाई
ईयू – रक्षा और बैंकिंग सेक्टर के 27 रूसी अफसरों पर प्रतिबन्ध लगाया
ऑस्ट्रेलिया – रूस के सुरक्षा परिषद के आठ सदस्य पर रोक लगाई
इसके साथ ही वीजा इंक और मास्टर कार्ड ने रूस के कई वित्तीय संस्थाओं की भुगतान प्रणाली पर रोक लगाई । तो वहीं गूगल ने रूस के मीडिया प्लेटफार्म आरटी को ब्लॉक किया । यू ट्यूब ने भी कमाई से बैन लगाया, फेसबुक ने विज्ञापन के जरिए होने वाली कमाई मे प्रतिबन्ध लगाया ।
भारत और चीन ने प्रतिबन्ध को लेकर क्या किया
एक तरफ रूस पूरी आक्रामकता के साथ य��क्रेन की तबाही करने में जुटा है तो दूसरी तरफ उसके उपर प्रतिबन्ध लगते जा रहे है इस बीच दुनिया के दो बड़े आर्थिक देश चीन और रूस के प्रति प्रतिबंध क्यों नहीं लगा पाए उसे भी समझिए । भारत और रूस की रिश्ते बहुत पुराने और अच्छे है जब जंग के दौरान अमेरिका नाटो और पश्चिमी देश रूस को लेकर सख्त है तो भारत ने अपनी दोस्ती निभाते हुए नरमी बरती है कुछ ऐसा ही चीन ने भी किया है चीन इस जंग में खुलकर रूस के साथ है हालाकि जानकर मानते है कि रूस पर लगे प्रतिबंधों से चीन को अधिक फायदा हो रहा है इसमें कोई दोहराए नहीं है कि भारत और चीन रूस को लेकर तल्ख टिप्पणी भी करेंगे ।
SOURCE:- https://www.bejagruk.in/trending-news/russia-to-ukren-war2022/
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भारतीय नौसेना इंडो पैसिफिक क्षेत्र में 4 फ्रंटलाइन युद्धपोत करेगी तैनात Divya Sandesh
#Divyasandesh
भारतीय नौसेना इंडो पैसिफिक क्षेत्र में 4 फ्रंटलाइन युद्धपोत करेगी तैनात
नई दिल्ली। भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अनुरूप मित्र देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना अपने पूर्वी बेड़े की टास्क फोर्स दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में तैनात करेगी। यह विदेशी तैनाती दो महीने से अधिक समय तक रहेगी। भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में अपने जहाजों की तैनाती करके इंडो पैसिफिक क्षेत्र के बीच मौजूदा बंधनों को और मजबूत करना चाहती है। इस दौरान वियतनाम, फिलीपींस, सिंगापुर, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के साथ द्विपक्षीय अभ्यास करने का भी कार्यक्रम है।
भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का यह टास्क फोर्स दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में दो महीने से अधिक समय तक तैनात रहेगा। इस तैनाती का मकसद सामुद्रिक क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना और भारत प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच मौजूदा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में मित्र देशों के साथ एकजुटता को रेखांकित करना है। जहाजों के इस टास्क फोर्स में नौसेना के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक रणविजय, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट शिवालिक, एंटी-सबमरीन कार्वेट कदमत और गाइडेड मिसाइल कार्वेट कोरा शामिल रहेंगे। इसमें स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए तीन जहाज हथियारों और सेंसर से लैस हैं।
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इंडो पैसिफिक में तैनाती के दौरान भारतीय जहाज वियतनामी पीपुल्स नेवी, रिपब्लिक ऑफ फिलीपींस नेवी, रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी, इंडोनेशियन नेवी और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के साथ द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेंगे। इसके अलावा वे जापान मेरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स, रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के साथ बहुपक्षीय अभ्यास मालाबार -21 में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री की ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फ़ॉर ऑल इन द रीजन-सागर’ पहल को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना मित्र देशों और भारतीय एवं प्रशांत महासागर क्षेत्र में नियमित तैनाती करती है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार समुद्री क्षेत्र में इस तरह जहाजों की तैनाती से विभिन्न देशों के साथ ‘दोस्ती के पुल’ का निर्माण होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत होते हैं। इस समुद्री पहल से नौवहन की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर भारतीय नौसेना और मित्र देशों के बीच तालमेल और समन्वय को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। नियमित पोर्ट कॉल के अलावा भारतीय नौसेना का यह टास्क ग्रुप सैन्य संबंध बनाने और समुद्री अभियानों के संचालन में अंतर-संचालनीयता विकसित करने के लिए मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के साथ मिलकर काम करेगा।
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जापान और भारत की दोस्ती का नायाब नमूना रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर
जापान और भारत की दोस्ती का नायाब नमूना रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जापान और भारत की दोस्ती का नायाब नमूना रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर बन कर तैयार हो गया है। इसके लिए जापान ने 186 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। इसमें जापानी व भारतीय वास्तु शैलियों का संगम दिखता है।
काशीवासियों को कई सारी सौगात दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हैं. इस दौरान उन्होंने काशीवासियों को कई सारी…
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पीएम मोदी ने आधे घंटे के संबोधन में फूंका चुनावी बिगुल, 10 बिंदुओं में जानिए प्रमुख बातें
पीएम मोदी ने आधे घंटे के संबोधन में फूंका चुनावी बिगुल, 10 बिंदुओं में जानिए प्रमुख बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएचयू में सुबह 11.35 बजे जनता को संबोधित करना शुरू किया और 12:05 तक लगातार जनता को संबोधित करते रहे। पीएम के संबोधन के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं में समझिए यूपी के विकास पर आधारित उनकी कुछ प्रमुख बातें-
ये भी पढ़ें- भारत-जापान की दोस्ती का प्रतीक ‘रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर’, जानें- क्या है इसकी खासियत
स्थानीय बोली में संवाद
पीएम मोदी नें संबोधन के शुरुआत में काशिका और…
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ग्राउंड रिपोर्ट /PM मोदी का काशी दौरा:प्रधानमंत्री ने कहा- कोरोना की दूसरी लहर को UP ने जिस तरह संभाला वह अभूतपूर्व है
ग्राउंड रिपोर्ट /PM मोदी का काशी दौरा:प्रधानमंत्री ने कहा- कोरोना की दूसरी लहर को UP ने जिस तरह संभाला वह अभूतपूर्व है
सियाराम मिश्रा वाराणसी कार्यालय से ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज काशी में हैं। यहां उन्होंने जापान और भारत की दोस्ती के प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर समेत 1500 करोड़ की यो��नाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है। उन्होंने काशी की जनता को संबोधित भी किया।मोदी ने भारत माता की जय और हर हर महादेव बोलते हुए अपनी बात शुरू की। उन्होंने काशी के लोगों से बात करते हुए कहा, ‘लंबे समय बाद आप सब लोगन से सीधी…
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर काशी की जनता को समर्पित कर दिया है। रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर भारत और जापान की दोस्ती को और मजबूती प्रदान करेगा। पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे ने गंगा की सौगंध लेकर बनारस में अपने मजबूत रिश्तों की सुनहरी इबारत लिखी थी। काशी और जापान की कला संस्कृति का प्रतीक रुद्राक्ष दुनिया के सामने नित नए आयाम लिखेगा।
186 करोड़ की लागत से तैयार रुद्राक्ष शिवलिंग के आकार में बनाया गया है। जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का संगम वाले रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने तैयारी की है। निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कॉरपोरेशन कंपनी ने किया है। यहां बड़े म्यूजिक कॉन्सर्ट, कांफ्रेंस, नाटक हो सकेंगे और प्रदर्शनियां भी लगेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी आज रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर पहुंचेंगे। सेंटर पर प्रधानमंत्री एक घंटे रहेंगे। उनके साथ जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद होंगे। कंवेंशन सेंटर पहुंचते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री परिसर में एक पौधा लगाएंगे। पौधरोपण के बाद उनके द्वारा रिबन काटकर सेंटर का उद्घाटन किया जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री शिलापट्ट का अनावरण कर रुद्राक्ष को देश को समर्पित कर अपना संबोधन करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा प्रधानमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया जाएगा
वातानुकूलित सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था, दो भागों में बांटने की भी सुविधा
- बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाला एक मीटिंग हॉल, एक वीआईपी कक्ष, चार ग्रीन रूम
- दिव्यांगजनों की सुविधा की दृष्टि से पूरा परिसर फ्रेंडली
- सेंटर के बाहरी हिस्से में एल्युमिनियम के 108 सांकेतिक रुद्राक्ष लगाए गए हैं
- तीन एकड़ में तैयार कंवेंशन सेंटर परिसर में जापानी शैली का गार्डेन व लैंडस्केपिंग
- बेसमेंट में 120 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था, सेंटर में सीसीटीवी कैमरे भी
- विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली कनेक्शन के साथ-साथ सौर ऊर्जा भी
- निर्माण 10 जुलाई 2018 को आरंभ हुआ था और मार्च 2021 में तैयार
- शिवलिंग के आकार में दिखती है रुद्राक्ष की छत
जापानी फूलों की सुगंध रुद्राक्ष में फैलेगी। जापान के खास फूल के अलावा जापानी छाते, जापानी बंबू और जापान के सजावटी सामानों से इस पूरे परिसर को सजा दिया गया है। जापान से आए खास फूलों में प्रिमूला, बाना, इकेबाना, ब्लूबेल, कैमलिया, कारनेटरसन समेत भारतीय फूलों में रजनीगंधा, गेंदा, गुलाब, बेला और अन्य तरह के सजावटी फूलों का इस्तेमाल किया गया है। पूरे परिसर को जापान और भारत के झंडों से सजाया गया है।
समारोह के दौरान जापान के पारंपरिक खानपान को भी यहां पर शामिल किया गया है। जापान में तैयार होने वाले खास तरह के सूप भी मेहमानों को परोसे जाएंगे। इनमें मीसो सूप, टोफू के अलावा जापान के नूडल्स और शोरबा को भी परोसने की तैयारी की गई है। जापानी संस्कृति के अनुरूप जापान के पारंपरिक संगीत का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी अपने 11 सदस्यीय जापानी डेलीगेटस के साथ वाराणसी पहुंचे। लालबहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। शाम को जापानी प्रतिनिधिमंडल ने सारनाथ समेत कई स्थानों का भ्रमण भी किया।
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वाराणसी आ रहे हैं कल पीएम मोदी : काशी में क्या-क्या करेंगे प्रधानमंत्री? खुद ट्वीट कर दी जानकारी, कही ये बड़ी बात
वाराणसी आ रहे हैं कल पीएम मोदी : काशी में क्या-क्या करेंगे प्रधानमंत्री? खुद ट्वीट कर दी जानकारी, कही ये बड़ी बात
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर रहेंगे। वो यहां जापान और भारत की दोस्ती के प्रतीक अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र ‘रुद्राक्ष’ का उद्घाटन करेंगे, जो प्राचीन शहर काशी की सांस्कृतिक समृद्धि की झलक प्रस्तुत करेगा। इसके साथ ही पीएम मोदी 15 सौ करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
वाराणसी आने के एक दिन…
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भारत-जापान की दोस्ती का प्रतीक 'रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर', जानिए इसकी खासियत
भारत-जापान की दोस्ती का प्रतीक ‘रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर’, जानिए इसकी खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आए हैं और उन्होंने सुबह 11. 27 बजे 1500 करोड़ की योजनाओं को जनता को समर्पित किया. लेकिन इन विकास परियोजनाओं में सबसे ज्यादा चर्चा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की हो रही है. तो आइए जानते हैं कि आखिर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर है क्या और क्यों है सबसे खास…
ये भी पढ़ें- दो दिनों से लगातार बढ़ रहे कोरोना के नए मामले, एक्टिव मामलों में…
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CIN की विशेष रिपोर्ट /रुद्राक्ष के बदले PM को खास गिफ्ट देगा काशी, जानें क्या है तैयारी?
CIN की विशेष रिपोर्ट /रुद्राक्ष के बदले PM को खास गिफ्ट देगा काशी, जानें क्या है तैयारी?
सियाराम मिश्रा -वरीय संपादक वाराणसी से : 15 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करीब 1500 करोड़ रुपये से ज़्यादा की योजनाओं का तोहफा देंगे. इनमें सबसे खास होगा भारत और जापान की दोस्ती का प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर इस सेंटर के जरिए काशी की कला और संस्कृति को नया अत्याधुनिक मंच मिलेगा. खास बात ये है कि बदले में काशी ने भी पीएम को रिटर्न गिफ्ट देने की…
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Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Ji
Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Ji
माननीय प्रधानमंत्री , श्री नरेन्द्र मोदी जी Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Ji को जन्म दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं | आपके दीर्घायु होने और अच्छे स्वास्थ्य की हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं |wishing lines for birthday
जिनके मस्तक पर तिरंगा सजता है , जिनके दिल में भारत बसता है , जिनका डंका पूरी दुनिया में बजता है , न्यू इंडिया जिनका मिशन है , हर क्षेत्र में जिनका टशन है , महान हिंदुस्तान , बेमिशाल मोदी |
मजबूत देश , मजबूत नेता | Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Jiपी. एम , मोदी का जादू , देश में लोगों के सिर चढ़कर बोलता है |
प्रधानमंत्री के सत्तरवें जन्मदिन पर , सत्ताधारी पार्टी , भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में पूरा सप्ताह , सेवा सप्ताह के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है | पिछले कई वर्षों से बी जे पी , नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर सेवा सप्ताह मनाती आ आ |रही है |
Hon. PM Narendra Modi
Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Ji
मोदी के कामयाबी के कुछ राज , आज हम आपको बताने जा रहें हैं जो उन्हें प्रधानमंत्री मोदी जैसा व्यक्तित्व देता है क्योंकि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन है Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Ji और वो आज , सत्तर साल के हो गए हैं | मोदी जी ने कामयाबी की नई कहानियाँ गढ़ी है | वो देश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय नेता के तौर पर गिने जाते हैं | लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था , इसके पीछे वो खूबियाँ हैं जिसने मोदी को कामयाब बनाया है | इन्ही खूबियों की बदौलत मोदी जी , आज जिस मुकाम पर हैं, वहाँ पहुँचने का सपना दुनिया के हर इंसान का होता है |
70th Birthday Wishing Congratulations for Indian Prime Minister Narendra Modi Ji
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्तरवें जन्मदिन पर हम Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Ji , उनकी जिंदगी के कुछ राज आपको बताते हैं -
असाधारण भाषण कला - हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबसे बड़ी खासियत , उनकी सबसे बड़ी मजबूती है , उनकी भाषण कला |Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Ji
याद कीजिये साल 2014 में , लोकसभा चुनावों का वो दौर , या फिर आज का दौर , अपनी भाषण कला से मोदी हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया में , लोगों को मंत्र मुग्ध करना जानते हैं | उनकी बातें लोगों में उम्मीद जगाती है | उनकी बातों में लोग खुद को ढूंढते हैं ,महसूस करते हैं | वो सीधे जनभावना से जुड़े , मुद्दों पर बात कर��े में माहिर हैं |Wishing you a Happy Birthday Narendra Modi Ji
स्पष्ट वक्ता - नरेन्द्र मोदी किसी भी मुद्दे पर स्पष्ट और प्रभावी रूप से बोलने की क्षमता रखतें हैं | वो देश से लेकर विदेश के दूसरे नेताओं की तरह , लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ते बल्कि जनता से आँख से आँख मिलाकर , बात करने में महारथी हैं | उनकी विशेषता है की वो अपनी स्पष्ट और प्रभावी वाक्पटुता से किसी श्रोता वर्ग को अपना मुरीद बना लेते हैं |
मजबूत प्रधानमंत्री - साल 2014 से लेकर अब तक , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से फैसले लिए , चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो , एयर स्ट्राइक या फिर वर्तमान में चीन के खिलाफ , हिंदुस्तान का स्टैंड , उनके हर फैसले के लिए जनता , मोदी को बहुत पसंद करती है | उन्होंने जिस तरह से पाकिस्तान और चीन को लेकर बयान दिए , जिस तरह से वैश्विक पटल पर भारत को उभारने और मजबूत करने की योजनायें गढ़ी हैं उससे देश की जनता से लेकर विदेश के तमाम बड़े नेता भी नेता भी , मोदी को पसंद करने लगे हैं | उन्हें एक मजबूत प्रधानमंत्री के तौर पर देखतें हैं | उनकी कामयाबी में , उनके फैसले बहुत अहम् रोल अदा करते हैं |
स्पष्ट निति - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निति बहुत स्पष्ट है | उन्होंने जब जरुरत थी , चीन से लेकर पाकिस्तान के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाया उसे निभाने की भरपूर कोशिश की | इसको लेकर विपक्ष के निशाने पर भी रहे लेकिन जब चीन और पाकिस्तान ने आँख दिखाई तो उन आँखों को झुकाने की कोशिश करने में मोदी ने देर नहीं लगायी |
चीन से लेकर पाकिस्तान तक को , अपनी स्पष्ट निति से मोदी ने समझा दिया की भारत बदल चुका है | इसका स्पष्ट उदहारण हिंदुस्तान से लेकर दुनिया तक , लद्दाख में देख रही है | मोदी की स्पष्ट निति ने मोदी को डरा दिया है |
सेना के प्रति सम्मान - हर देश में सेना के प्रति , लोगों में , अलग ही सम्मान और जज्बा होता है लेकिन राजनैतिक धड़ों में ,सेना आमतौर पर , सामान्य तौर पर ही ट्रीट की जाती रही है लेकिन मोदी के शासन काल में , सेना का मान -सम्मान बढ़ा है | उनकी सुविधायें , सुरक्षा और भरोसे में बढ़ोत्तरी हुई है | होली हो या दिवाली , बड़े त्यौहारों पर , जब सारी दुनिया अपने घरों में , त्यौहार मना रही होती है तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , सरहद के रक्षकों के साथ त्यौहार मनाते दीखते हैं |
राम मंदिर पर रुख - राम मंदिर को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रुख हमेशा से ही बेहद स्पष्ट रहा | वे हमेशा से कहते रहे , राम मंदिर , उनके सरकार के एजेंडे में है लेकिन फैसला कोर्ट को करना है | कोर्ट के फैसले का वो भी सम्मान करेंगे | इस तरह से पूरे धैर्य के साथ , राम मंदिर का फैसला आने तक , उन्होंने विरोधियों के सवालों का जवाब दिया और जब फैसला हुआ तो पूरी शिद्दत के साथ अयोध्या में , राम मंदिर के लिए नींव रखी |
अनुच्छेद 370 का लक्ष्य - आर्टिकल 370 को लेकर मोदी की निति , बेहद स्पष्ट थी | सरकार बनने से लेकर बाद तक , मोदी अनुच्छेद 370 को लेकर , कार्य योजना बनाते रहे | लोगों को भरोसा दिलाते रहे और फिर 5 अगस्त 2019 को , मोदी सरकार ने नियमों के तहत , अनुच्छेद 370 का खात्मा कर दिया | मोदी सरकार के इस फैसले पर , सारी दुनिया की नजर थी | हिंदुस्तान ने उनके इस निर्णय को हाथोहाथ लिया |
दोस्तों के दोस्त - नरेन्द्र मोदी को दोस्तों का दोस्त कहा जाता है फिर चाहे दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति हों , डोनाल्ड ट्रम्प या इजराईल के प्रधानमंत्री , बेंजामिन नेतन्याहू या फिर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे , पी एम पोदी ने जिससे भी हाथ मिलाया उसे दिल से दोस्त भी बनाया | इसी दोस्ती का नतीजा है की भारत कई मामलों में तमाम देशों के साथ बेहतर सम्बन्धों को आगे बढ़ाता रहा है |
सच्चे शिष्य - दुनिया नरेन्द्र मोदी को , एक सच्चे शिष्य के रूप में भी जानती है वो अटल बिहारी बाजपेयी को अपना गुरु मानते थे और उनकी आज्ञा का बखूबी पालन , करते थे | जिस समय अटल बिहारी बाजपेयी ने देह त्याग किया , सारी दुनिया ने नरेन्द्र मोदी का , एक गुरु के लिए सम्मान भी देखा | वो अंत्येष्टि स्थल पर , पैदल ही नंगे पैर , उनकी शवयात्रा में , साथ गए और अंतिम विदाई दी | मोदी के इस कार्य ने , उन्हें जनता की नजर में , सम्मान दिलाया |
करिश्माई व्यक्तित्व - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और बड़ी खूबी है की वो किसी विश्वस्तरीय नेता जैसा , करिश्मा रखतें हैं | उनका व्यक्तित्व मजबूत है , देश के ज्यादातर लोगों ने ऐसे ही प्रधानमंत्री देखें हैं जो जोकि लोगों के सामने से अदृश्य रहते हैं | देश के पैंतीस वर्ष से कम आयु के युवाओं के नजर में ,वो एक ऐसे मजबूत नेता हैं जिनके नेतृत्व में देश , विकास के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है |
यही वजह है की , सत्तर साल के नरेन्द्र मोदी , आज भी देश के यूथ के लिए , युवाओं के लिए , यूथ आइकॉन हैं |
त्वरित निर्णय क्षमता - मोदी की एक खूबी ये भी है की , वो तुरंत ही निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं | ये क्षमता , भारत के नेताओं में बहुत कम है और इस कारण से उन नेताओं से वो अलग हैं जोकि कुछ मजबूरियों के चलते फैसले नहीं लेते या लेने में बहुत ज्यादा समय लगा देते हैं | इसका जीता जागता उदहारण , आप सर्जिकल स्ट्राइक , एयर स्ट्राइक या फिर चीन के खिलाफ मौजूदा कदम के तौर पर देख सकते हैं |
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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी को बताया निवेश के लिए अनुकूल, बोले- संभावनाएं हैं अपार - Uttar pradesh deputy cm keshav prasad maurya in ficci conference said up is the best place for investment
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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी को बताया निवेश के लिए अनुकूल, बोले- संभावनाएं हैं अपार - Uttar pradesh deputy cm keshav prasad maurya in ficci conference said up is the best place for investment
यूपी सरकार ने निवेश के लिए कई अहम कदम उठाए: डिप्टी सीएम मौर्य
मौर्य बोले- निवेश के लिए जलवायु, वातावरणऔर कानून व्यवस्था है अनुकूल
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘देश व प्रदेश में निवेश की प्रबल व अपार संभावनाएं हैं. यहां की जलवायु, यहां का वातावरण और कानून व्यवस्था सब कुछ निवेश करने के लिए बहुत ही अनुकूल है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निवेश के लिए कई अहम कदम भी उठाए गए हैं.’ मौर्य आज ताज होटल लखनऊ में द फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की ) के उप्र के साथ चौथे संवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
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इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, जापान और भारत एक ‘विशेष रणनीति और वैश्विक भागीदारी’ साझा करते हैं. जापानी दूतावास के साथ साझेदारी में फिक्की फोरम ने भारतीय राज्यों के साथ संबंधों को गहरा करने और सामाजिक व आर्थिक हितों को बढ़ावा देने के लिए इस वार्ता की श्रृंखला शुरू की थी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और जापान के प्रधानमंत्री की दोस्ती हमारे संबंधों की एक मिसाल है, जो विश्व में शांति और स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है. एक पुनरुत्थान करने वाला जापान और परिवर्तित भारत एशियाई सामरिक परिदृश्य के साथ-साथ पूरे विश्व को एक नया रूप दे सकता है.
उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा राज्य है. यहां पर विद्यमान अपार संभावनाओं को समझा जा सकता है. उत्तर प्रदेश की भूमि बहुत उपजाऊ है. इसकी अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर आधारित है. कई क्षेत्रों में मिलजुल कर अच्छा काम किया जा सकता है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण, आईटी, पर्यटन, खनिज आधारित उद्योग, वस्त्र, हथकरघा, हस्तशिल्प, जैव प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं. इन क्षेत्रों की क्षमता बढ़ाने और जापानी निवेश को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह से तत्पर है.
तीर्थ स्थानों में सर्वाधिक पांच स्थल यूपी में
मौर्य ने कहा, महात्मा बुद्ध से संबंधित तीर्थ स्थानों में सर्वाधिक पांच स्थल उत्तर प्रदेश में हैं, जिन्हें हम तीर्थ स्थल व पर्यटन के क्षेत्र के रूप में विश्व पटल पर और भव्य रूप दे सकते हैं. इसके अलावा भी यहां पर पर्यटन क्षेत्र विकसित करने की असीम संभावनाएं हैं. पर्यावरण, नदी, सिचाई आदि के क्षेत्र में कार्य करके हम यहां की गरीब जनता के जीवन स्तर में परिवर्तन ला सकते हैं.
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मौर्य ने जापान के राजदूत सतोशी सुजुकी को उनकी नई भूमिका के लिए उन्हें बधाई दी और आशा व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश व देश में निवेश के लिए उनके स्तर से बहुत बड़े कदम उठाए जाएंगे. कैशव प्रसाद मौर्य ने कहा, अभी हाल ही में पेश किए गए बजट में निवेश को लेकर सरकार द्वारा बहुत ही गंभीर प्रयास किए गए हैं. तकनीकी के मामले में जापान दुनिया में अपना डंका बजा रहा है. जापान का उत्तर प्रदेश की व्यवसायिक व धार्मिक दृष्टि से जुड़ाव अधिक होगा. उत्तर प्रदेश की सरकार ने डिफेंस एक्स्पो व इन्वेस्टर्स समिट कर देश और प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
मौर्य ने कहा, फिक्की के साथ उत्तर प्रदेश की यह चौथी बैठक हो रही है और हम सभी क्षेत्रों में अच्छा कार्य मिलकर कर सकते हैं. देश को जापान सहित दुनिया की अन्य तकनीकों की भी आवश्यकता है, जिसके लिए यहां निवेश के द्वार खुले हैं. फिक्की के माध्यम से दुनिया का निवेश यहां लाया जा सकता है. यहां निवेश करने के लिए जो मंथन किया गया है, निश्चित रूप से इसके सकारात्मक और सार्थक परिणाम निकल कर आएंगे. जापान के राजदूत सतोशी सुजुकी ने उत्तर प्रदेश और देश में निवेश के लिए अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए.
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