Whatsapp यूजर हो जाएं सावधान! सेफ नहीं है आपके चैट, जल्द बदलें सेंटिंग्स
Whatsapp यूजर हो जाएं सावधान! सेफ नहीं है आपके चैट, जल्द बदलें सेंटिंग्स
नई दिल्ली. अगर आप वॉट्सऐप यूजर हैं और एक्स्ट्रा प्राइवेसी चाहते हैं, तो आपको एक अद्भुत केवल एक फीचर एक्टिवेट करने की जरूरत है और आपकी वॉट्सऐप चैट और अधिक सुरक्षित हो जाएगी. दरअसल, लोकप्रिय एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप में एक disappearing मैसेज फीचर होता, जहां आपके द्वारा भेजा गया कोई भी टेक्स्ट एक टाइम के बाद गायब हो जाएगा. इस टूल को मैसेज टाइमर कहा जाता है. यह आपके मैसेज अपने आप गायब कर देता है.
आप…
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अगर आप भी whatsapp यूजर्स है तो ध्यान दे, अब आपके whatsapp की बढ़ेगी सिक्योरिटी आ रहा है ये नया कमाल का फीचर
अगर आप भी whatsapp यूजर्स है तो ध्यान दे, अब आपके whatsapp की बढ़ेगी सिक्योरिटी आ रहा है ये नया कमाल का फीचर
इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp काफी पॉपुलर है. इसका यूज करके कई अनजान लोग आप के ऑनलाइन स्टेटस को भी देखने के लिए करते हैं. हालांकि, अब ऐसा नहीं हो पाएगा. WhatsApp पर कोई अनजान यूजर आप पर चोरी-छिपे नजर नहीं रख पाएगा|
इसके लिए WhatsApp ने नया अपडेट जारी किया है. इससे यूजर्स की सिक्योरिटी बढ़ जाएगी. WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी यूजर्स की चैट को लेकर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के अलावा स्टेटस और प्रोफाइल…
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WhatsApp Group Chat Invite Links, User Profiles Made Public Again on Google | गूगल पर पब्लिक हो चुकी हैं ढेरों ग्रुप चैट लिंक, कोई भी सर्च कर इसमें जुड़ सकता है; प्रोफाइल पर भी खतरा
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Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्ली2 घंटे पहले
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साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजहरिया ने वॉट्सऐप की इस खामी की जानकारी दी
कई यूजर्स की प्रोफाइल भी सर्च रिजल्ट में दिखाई दे रही है, कोई भी इनसे चैट कर सकता है
वॉट्सऐप प्राइवेसी से जुड़ा एक नया मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वॉट्सऐप ग्रुप की लिंक अब दोबारा गूगल सर्च रिजल्ट पर दिखाई…
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वॉट्सऐप का नया कारनामा: गूगल पर पब्लिक हो चुकी हैं ढेरों ग्रुप चैट लिंक, कोई भी सर्च कर इसमें जुड़ सकता है; प्रोफाइल पर भी खतरा
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नई दिल्ली16 मिनट पहले
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साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजाहारिया ने वॉट्सऐप की इस खामी की जानकारी दी
कई यूजर्स की प्रोफाइल भी सर्च रिजल्ट में दिखाई दे रही है, कोई भी इनसे चैट कर सकता है
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स्पाईवैयर अटैक / एंड्रॉयड पर आया वायरस, WhatsApp के जरिए मैसेज, कॉन्टेक्ट और कॉल डिटेल्स निकाल सकता है
गैजेट डेस्क. एंड्रॉयड में दो तरह के वायरस ने अटैक किया है, जो जासूसी वायरल यानी स्पाईवैयर हैं। स्पाईवैयर के रिसर्चर ने इस बात का दावा किया है। रिसर्चर के मुताबिक, इन दो वायरस में से एक को भारत में बनाया गया है। ये स्पाईवैयर व्हाट्सऐप चैट के जरिए एंड्रॉयड फोन में सेंध लगाते हैं, जिसके बाद यूजर्स की चैट, कॉन्टेक्ट और कॉल डिटेल्स समेत फोन में मौजूद सारी जानकारी को चुरा सकते हैं।
इंटरनेट सिक्योरिटी पर काम करने वाली संस्था ESET के रिसर्चर ने इन स्पाईवैयर की खोज की है। ESET के रिसर्चर लूकास स्टिफैंको के मुताबिक, ये स्पाईवैयर यूजर्स के फोन को हैक करने और प्राइवेट चैट्स, सीक्रेट डेटा और पर्सनल डेटा को आसानी से चुरा सकते हैं।
फोन से क्या-क्या चुरा सकता है ये वायरस?
लूकास स्टिफैंको ने ट्वीट कर बताया है कि ये वायरस कितना खतरनाक हो सकता है। इस वायरस के एक बार अटैक करने के बाद यूजर्स की प्राइवेसी खत्म हो सकती है। दावा है कि इस वायरस को भारत में बनाया गया है।
ये वायरस यूजर्स की ब्राउजिंग हिस्ट्री, फोटो, व्हाट्सऐप चैट, फाइल्स, कॉन्टेक्ट, मैसेज, बैटरी स्टेटस की जासूसी कर सकता है।
दूसरा वायरस फर्जी ऐप से आया
लूकास ने एक और ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि दूसरा वायरस फर्जी वाइबर (Viber) ऐप से गूगल प्ले स्टोर में आया है।
उन्होंने बताया कि ये वायरस व्हाट्सऐप मीडिया और डॉक्यूमेंट फाइल्स, वीचैट मीडिया, फोटो, डाउनलोडेड फाइल्स को चुराने के साथ-साथ फोन कॉल भी रिकॉर्ड कर सकता है।
OwnMe वायरस से भी एंड्रॉयड यूजर्स को खतरा
वहीं ZDNet ने G-डेटा सिक्योरिटी लैब्स की तरफ से की गई रिसर्च के हवाले से एक और वायरस की जानकारी दी है। इस रिसर्च के मुताबिक, इस वायरस का कोडनेम 'OwnMe' बताया गया है, जो एंड्रॉयड यूजर्स के लिए खतरनाक है।
अगर इस वायरस ने यूजर्स के फोन पर अटैक किया तो ये उनकी जासूसी कर सकता है। साथ ही ये भी बता सकता है कि यूजर ने कौन-सा यूआरएल खोला और किस-किस वेबसाइट को विजिट किया।
अभी ये वायरस डेवलमेंट स्टेज पर है
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर ये वायरस किसी एंड्रॉयड फोन पर अटैक करते हैं, तो उसका मैसेज यूजर को दिया जाता है। इस मैसेज में लिखा आता है 'Service Started'।
इससे पता चलता है कि ये वायरस अभी डेवलपमेंट स्टेज पर हैं, क्योंकि अगर वायरस बन चुका होता तो ये इस तरह का मैसेज नहीं देता।
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WhatsApp पर आ रहा है बेहतरीन सेफ्टी फीचर! मिलेगी ज़्यादा सिक्योरिटी और कई खासियत
WhatsApp पर आ रहा है बेहतरीन सेफ्टी फीचर! मिलेगी ज़्यादा सिक्योरिटी और कई खासियत
WhatsApp ने चैट बैक-अप के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन पेश किया है. WhatsApp का नया फीचर एक ऑप्शनल फीचर के रूप में जारी किया जाएगा और आने वाले हफ्तों में इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म iOS और Android यूजर्स के लिए इसे रोल आउट कर दिया जाएगा. फेसबुक के CEO मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने WhatsApp को लेकर ये बड़ा ऐलान किया. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि हम WhatsApp में प्राइवेसी और सिक्योरिटी…
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Android यूजर पर लगातार मंडरा रहा खतरा! अब इन दो दर्जन ऐप्स ने एक्सपोज कर दिया लाखों यूजर्स का डेटा Divya Sandesh
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Android यूजर पर लगातार मंडरा रहा खतरा! अब इन दो दर्जन ऐप्स ने एक्सपोज कर दिया लाखों यूजर्स का डेटा
नई दिल्ली। आज के समय में निजी डाटा चोरी होने की घटनाएं काफी बढ़ती जा रही हैं और ऐसे में सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। हाल ही में कुछ ऐप्स देखी गई हैं, जो कि यूजर्स का निजी डाटा इकट्ठा होने की वजह बन रही हैं। 24 से ज्यादा एंड्रॉयड ऐप जिनके 100 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं उन्हें साइबर सिक्योरिटी फर्म द्वारा निजी डाटा चोरी करने के चिन्हित किया गया है। इन ऐप्स के डेवलपर जिन थर्ड पार्टी क्लाउड सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह डाटा स्टोर करने के लिए सुरक्षित नहीं हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक एस्ट्रोलॉजी, टैक्सी, स्क्रीन रिकॉर्डिंग और फैक्स मोबाइल ऐप यूजर्स के डाटा को सुरक्षित नहीं रख पा रही हैं। इसके अलावा कई ऐसी एंड्रॉयड ऐप्स थीं, जिन्हें 10 हजार से लेकर 10 मिलियन तक इंस्टॉलेशन हालिस हुए है, उनके रीयल-टाइम डाटाबेस से संवेदनशील डाटा सार्वजनिक हुआ था। इस निजी डाटा में ईमेल, चैट मैसेज, पासवर्ड, फोटो और अन्य सामग्री शामिल थीं। इसके अलावा कई एंड्रॉयड ऐप में पुश नोटिफिकेशन और क्लाउड स्टोरेज की भी मौजूद थीं।
ऐसे समझें क्या होता है रियल टाइम डाटाबेसआपको बता दें कि रियल टाइम डाटाबेस वह है जो डिस्क पर स्टोर होने वाले डाटा के बजाय लाइव रहता है और लगातार बदलता रहता है। ऐप डेवलपर्स क्लाउड पर डाटा सेव करने के लिए रीयल-टाइम डाटाबेस पर निर्भर होते हैं। अगर कोई साइबर क्रिमनल CPR द्वारा निकाले गए सेंसिटिव डाटा पर एक्सेस हासिल करता है तो यह साफ तौर पर धोखाधड़ी, पहचान-चोरी और सर्विस स्वाइप की वजह बन सकती है। यह बात सभी जानते हैं कि मोबाइल ऐप आज के समय में हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गई हैं। यह सिर्फ ऐप्स नहीं हैं और इन्हें सुरक्षित होने की जरूरत है। इसके अलावा डेवलपर्स को उन सर्विस से संबंधित सिक्योरिटी की बातों पर ध्यान देना होगा जो मोबाइल ऐप का हिस्सा हैं। इनमें क्लाउड बेस्ड स्टोरेज, रीयल-टाइम डाटाबेस, एनालिटिक्स और नोटिफिकेशन मैनेजमेंट शामिल है।
इन ऐप्स ने खतरे में डाल दी यूजर्स की प्राइवेसी
रिपोर्ट में जिन Android ऐप्स के बारे में बताया गया है वह एस्ट्रो गुरु, T लेवा और लोगो मेकर शामिल हैं। T लेवा एक टैक्सी ऐप है जो कि 50 हजार से ज्यादा डाउनलोड हुई है। वहीं एस्ट्रो गुरु जो कि एक एस्ट्रोलॉजी ऐप है उसे 10 मिलियन से ज्यादा डाउलनोड किया गया है।
लोगो मेकर जो कि एक ग्राफिक डिजाइन ऐप है उसे भी 10 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड किया गया है। एस्ट्रो गुरु ऐप नाम, जन्म तिथि, लिंग, स्थान, ईमेल और पेमेंट आदि की जानकारी इकट्ठा करती है।
T लेवा ड्राइवर्स और पैसेंजर्स के बीच चैट मैसेज और यूजर्स के नाम, फोन नंबर और लोकेशन इकट्ठा करती है। लोगो मेकर ईमेल, पासवर्ड, यूजर्स नेम, यूजर्स आईडी इकट्ठा करती है।
अभी भी अधिकतर ऐप्स डाटा एक्सपोज कर रही हैं। साइबर क्रिमनल द्वारा डाटा इकट्ठा करना एक खतरनाक काम है। ऐसे में यूजर्स कई अलग-अलग अटैक की चपेट में आ जाते हैं, जिसमें पहचान की चोरी, फिशिंग और सर्विस स्वाइप शामिल है।
नई रिसर्च से ऐसी परेशानी पर रोशनी डाली गई है जिसमें कि ऐप डेवलपर्स सिर्फ अपना ही डाटा नहीं रखते हैं बल्कि यूजर्स का निजी डाटा भी खतरे में डालते हैं।
एक्सपोज हुआ लाखों यूजर्स का निजी डाटा थर्ड पार्टी की क्लाउड-सर्विस को ऐप्स में कॉन्फिगर और इंटीग्रेटेड करते हुए अच्छे तरह से काम न करने पर लाखों यूजर्स का निजी डाटा एक्सपोज हुआ है। रीयल टाइम डाटाबेस का यह कॉन्फिगरेशन नया नहीं है बल्कि यह पहले से ��ोता आ रहा है। मगर आश्चर्य की बात यह है कि यह अभी भी काफी फैला हुआ है और काफी बड़ा है। इससे लाखों यूजर्स प्रभावित होते हैं। इस दौरान रिसर्चर ने डाटा तक पहुंचने का प्रयास किया था, लेकिन अनऑथोराइज्ड एक्सेस को रोकने के लिए इसमें कुछ भी नहीं था।
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WhatsApp प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से होगी लागू, जानें इसके बारे में क्या कहती है ऐप, कैसे होंगे बदलाव Divya Sandesh
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WhatsApp प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से होगी लागू, जानें इसके बारे में क्या कहती है ऐप, कैसे होंगे बदलाव
ने कुछ समय पहले अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को पेश किया था, लेकिन जब उसका जमकर विरोध हुआ और यूजर्स ने को त्यागना शुरू किया तो उसने हाल ही में अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को रोक दिया। कंपनी ने यह कदम अपने यूजर्स को दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने से रोकने के लिए किया और अभी इसको लेकर कार्य कर रही है।
अब ऐसा मालूम चल रहा है कि कंपनी यह साफ करना चाहती है कि 15 मई तक नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर लोगों के बीच क्या भ्रम हैं। मिली जानकारी के अनुसार, वॉट्सऐप के लेटेस्ट एंड्रॉयड बीटा अपडेट वर्जन 2.21.4.13 में नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में साफ दिखाया गया है कि यूजर्स को पॉलिसी के में किस प्रकार की गलतफहमी हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, वॉट्सऐप अपने यूजर्स के साथ कुछ जानकारी साझा करेगी ताकि नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में उन्हें कुछ समझ आए। पता चला है कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन पॉलिसी में किसी प्रकार का बदलाव नहीं है। जिससे साफ होता है कि यूजर्स की पर्सनल चैट पर्सनल ही रहेगी। दूसरी ओर बिजनेस चैट में ऑप्शन रहेगा। यूजर्स की प्रोफाइल को पर टाग्रेट ऐड देने के लिए किसी भी प्रकार की जानकारी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि वॉट्सऐप ने नई प्राइवेसी पॉलिसी की घोषणा की थी, जिसमें यहा तो उन्हें पॉलिसी को मानना था और अन्यथा उसे डिलीट करना था। हालांकि उसके बाद कंपनी ने पीछे हटते हुए यहा स्टेटमेंट दिया था कि अपडेट से यूजर्स की चैट या प्रोफाइल डेटा का कोई लेना-देना नहीं है। कंपनी यह साफ करना चाहती है कि नई पॉलिसी अपडेट से किसी भी प्रकार से दोस्तों या परिवार के साथ चैट की प्राइवेसी पर प्रभाव नहीं पड़ता है।
इसके अलावा इस अपडेट में वॉट्सऐप पर बिजनेस चैट को लेकर कुछ बदलाव हैं जो कि ऑप्शनल हैं। इसमें यह साफ किया गया है कि कैसे कंपनी यूजर्स का डेटा लेती है। कंपनी ने यह भी साफ किया कि यूजर्स को वॉट्सऐप की प्राइवेसी और सेफ्टी के बारे में जागरुक करने के लिए काफी कदम उठाएगी। कंपनी किस प्रकार वॉट्सऐप पर प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर काम करती है, इससे संबंधित काफी जानकारी यूजर्स के साथ शेयर की जाएंगी। 15 मई से नए बिजनेस ऑप्शन उपलब्ध होने से पहले कंपनी धीरे-धीरे यूजर्स को नई पॉलिसी के बारे में समझाएगी और उनसे पर इस समीक्षा चाहेगी।
WhatsApp के लिए पिछले कुछ महीने आसान नहीं रहे हैं और यह उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी के चलते हुआ है। अब वॉट्सऐप एक नए मिशन के लिए कमर कस रहा है और नई पॉलिसी को लेकर भ्रम फैलने से रोकने के लिए एक नया कैंपेन चला रहा है। WhatsApp पर यह आरोप लगा था कि उसने अपने यूजर्स पर अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को थोपने की कोशिश की थी। पहले वॉट्सऐप ने कहा था कि नई पॉलिसी 8 फरवरी से लागू हो जाएंगी, लेकिन बाद में इसे आगे बढ़ाते हुए 15 मई कर दिया था।
WhatsApp का क्या कहना है?WhatsApp अब सबसे पहले अपने यूजर्स को जागरुक करना चाहता है और नई पॉलिसी से संबंधित गलतफहमी से लड़ने के तैयार करना चाहता है। अब यह नए कैंपेन के साथ आ रहा है कि लोगों को पता चले कि आखिर नई पॉलिसी से आने से कैसे बदलाव होने वाले हैं और कैसे बदलाव नहीं होंगे।
वॉट्सऐप ने एक ब्लॉग में कहा कि ‘हम नए अपडेट किए गए प्लान को शेयर कर रहे हैं, जिसमें हम WhatsApp यूजर्स से हमारी नई सर्विस पॉलिसी और प्राइवेसी पॉलिसी की समीक्षा करवाएंगे। हमें पहले ही लोगों को काफी भ्रमित होते हए देखा है और लोगों के बीच गलत सूचना पहुंची है और अब हम किसी भी प्रकार का भ्रम दूर करने के लिए तैयार हैं।’
15 मई को क्या होगाजब पहली बार WhatsApp ने अपने यूजर्स को अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में बताया था, तब इसे 8 फरवरी से लागू किया जाना था। मगर जब इसका जमकर विरोध हुआ और लोगों ने वॉट्सऐप को छोड़कर दूसरे ऑप्शन तलाशने शुरू किए तो इसे आगे बढ़ाकर 15 मई कर दिया गया। वहीं सिर्फ तारीख में बदलाव हुआ है, लेकिन नियम और शर्त अभी भी बरकरार हैं। अब नई प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से लागू की जाएगी।
यूजर्स को सर्विस जारी रखने के लिए नियम और शर्तों को स्वीकार करना होगा। अगर आप इन्हें स्वीकार नहीं करते हैं तो आपको वॉट्सऐप की सर्विस को जारी नहीं रख पाएंगे। हालांकि अब वॉट्सऐप ने काफी कुछ साफ कर दिया है कि यह प्राइवेसी पॉलिसी कैसे काम करेगी और इसका काम क्या है, क्या वॉट्सऐप के यूजर्स की निजी चैट तक पहुंच बनेगी। वॉट्सऐप ने यह साफ किया है कि यूजर्स की चैट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं और इसमें कोई चिंता की बात नहीं है।
WhatsApp नए कैंपेन के तौर पर चैट विंडो के टॉप पर छोटा बैनर डिस्प्ले करेगा। आने वाले एक दो सप्ताह में वॉट्सऐप यूजर्स के लिए छोटे बैनर पेश करना शुरू करेगा। बैनर के जरिए इस के यूजर्स को सूचित किया जाएगा कि नई पॉलिसी कैसे बदलाव लाएगी और कंपनी यूजर्स की कितनी जानकारी एकत्रित करेगी।
सबसे पहले यूजर्स को नई पॉलिसी को रिव्यू करने का समय मिलेगा और फिर उन्हें स्वीकार करने का ऑप्शन दिया जाएगा। यह बैनर चैट के टॉप पर शो होगा। जहां पर उसे पढ़ने के लिए यूजर्स को रिव्यू करने के लिए ‘टैप टू रिव्यू’ पर टैप करना होगा। एक बार आने के बाद यूजर्स को वॉट्सऐप नई पॉलिसी को पढ़ने के लिए रिमाइंड करता रहेगा और फिर उसके बाद नए अपडेट को स्वीकार करने के लिए कहेगा।
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WhatsApp के ये फीचर्स बनाते हैं अकाउंट को सेफ और सिक्योर, जानिए Divya Sandesh
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WhatsApp के ये फीचर्स बनाते हैं अकाउंट को सेफ और सिक्योर, जानिए
डेस्क। WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर मतभेद समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। अभी इसे मई तक हेतु टाल दिया गया है। किन्तु इन सबके बीच WhatsApp में कुछ ऐसे फीचर्स हैं जो आपके डेटा को और भी ज्यादा सेफ और सिक्योर बना सकते हैं।
जानिए इन फीचर्स के बारे में…
Touch ID Face ID से करें लॉक
बता दें कि iPhone यूजर्स व्हाट्सऐप अकाउंट को टच आईडी या फेस आईडी से लॉक कर सकते हैं। वहीं, एंड्रॉयड यूजर्स फिंगरप्रिंट लॉक के जरिए इसे सिक्योर कर सकते हैं साथ ही आप इसे अपने हिसाब से टाइम सेट कर सकते हैं।
टू स्टेप वेरिफिकेशन
WhatsApp को और भी अधिक सिक्योर बनाने हेतु कंपनी ने नया फीचर रोलआउट किया है। इस फीचर की मदद से यूजर अकाउंट को 2 Layer सिक्योरिटी प्राप्त होती है। इस फीचर इनेबल करने हेतु 6 अंकों का पासकोड लगाया जाता है। इसमें ईमेल आईडी भी रजिस्टर होती है। अगर आप अपना पासकोड भूल जाते हैं तो ईमेल आईडी के जरिए उसे रीसेट कर सकते हैं।
ग्रुप सेटिंग्स
WhatsApp अब आपको ये कंट्रोल प्रदान करता है कि आपको कौन ग्रुप में ऐड कर सकता है या फिर कौन नहीं। इसके लिए आपको सेटिंग में जाकर प्राइवेसी में जाना होगा। इसके पश्चात ग्रुप में जाकर Everyone को सलेक्ट करना होगा। अब यहां My Contact को सलेक्ट करने के पश्चात आपको प्रत्येक कोई ग्रुप में ऐड नहीं कर सकेगा।
Disappearing messages
इस फीचर के जरिए चैट के 7 दिन में मैसेज अपने आप गायब हो जाएंगे। इससे यूजर्स की चैट को और भी अधिक प्राइवेसी मिलेगी।
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