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#हम सभी एक पिता की संतान है। अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें पवित्र पुस्तक "कबीर
7700013303 · 1 year
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#MondayThoughts #Thoughtsoftheday #Godstory #KabirlsGod
अत्याचारी शेखतकी ने परमात्मा कबीर साहेब जी को न पहचान कर गर्म तेल के कड़ाहे में बैठाना चाहा ।
परमात्मा स्वयं बैठ गए, इस तरह बैठे रहे जैसे ठंडे जल में बैठे हों। लोगों ने ये चमत्कार देखकर मालिक कबीर जी की जय जयकार की।
पवित्र ग्रंथ "ज्ञान - गंगा" अवश्य पढ़ें
🎯कबीर परमेश्वर को शेख तकी द्वारा 52 बार मारने का कुप्रयास किया गया🎯
कबीर साहिब जी ने अपने जीवन काल में अनेक सुधार कार्य किए हैं उन्होंने हिंदू मुस्लिम को एक करने का प्रयास किया है हिंदुओं तथा मुसलमानों को फटकारते थे और कहते थे कि हम एक हैं अलग नहीं है। हम एक पिता की संतान हैं और यही सब बातें हिंदुओं तथा मुस्लिमों को बुरी लगती थी। इस कारण कबीर साहिब जी के लोग दुश्मन बन बैठे। सभी धर्म गुरु कबीर साहिब जी को मारने के लिए आये दिन कोई न कोई प्रयत्न करते रहते थे। उन को मारने के लिए 52 बार कुचेष्टा की गई परंतु वे अविनाशी थे वह मरे नहीं।
उबलते सरसों की कढ़ाई में डालना
परमेश्वर कबीर साहिब जी से शेख तकी बहुत ईर्ष्या करता था और इसी ईर्ष्यावश कबीर साहिब को मारने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपनाता था। इसी ईर्ष्यावश उसने कबीर साहिब को खौलते सरसों के तेल की कढ़ाई में डालने की योजना बनाई। कबीर साहिब जी स्वयं कढ़ाई में विराजमान हुए किंतु उनका शरीर ज्यों का त्यों बना रहा। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे ठंडे पानी में कबीर साहिब जी विराजमान हों। यह सब देखकर सभी जनता अचंभित रह गए किंतु शेखतकी फिर भी नहीं माना।
खूनी हाथी से मारने की कुचेष्टा करना
एक बार कबीर साहिब को मारने के लिए शेख तकी ने कबीर साहिब जी के हाथ-पांव बांध दिए तथा खूनी हाथी उनके पास छोड़ दिया परंतु जैसे ही हाथी कबीर साहिब जी के पास गया उसे बब्बर शेर दिखाई दिया जिससे वह डरकर भाग निकला। पहलवान द्वारा बार-बार हाथी के भेजे जाने पर हाथी चिल्लाकर भाग उठता ऐसा देखकर जब सिकंदर लोदी सिंहासन से कबीर साहब जी को देखने उतरा। कबीर साहिब जी का शरीर विशाल एवं विराट रूप में हो गया ऐसा देखकर सिकंदर लोदी का शरीर कांप उठा और वही कबीर साहिब जी को दंडवत प्रणाम किया।
तलवार से मारने की कुचेष्टा करना
एक बार शेख तकी ने अपने कुछ गुंडों के साथ रात को सोते हुए कबीर साहिब जी पर तलवार की बौछार कर दी और मृत समझकर जब जाने लगे तब कबीर साहिब जी उठकर बोले "पीर जी दूध तो पी कर जाओ ऐसे थोड़ी ना जाते" तब कबीर साहिब जी को भूत समझकर शेख तकी तथा उसके गुंडे भाग निकले।
इस प्रकार दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के पीर शेख तकी ने कबीर परमेश्वर जी को “52 बार” (52 बदमाशी) मारने का षड्यंत्र रचा जिसे बावन कसनी भी कहते हैं। वह हर बार असफल रहा। क्योंकि कबीर परमेश्वर का शरीर नूरी है अर्थात अविनाशी शरीर है इस प्रकार अविनाशी का नाश करने में कोई सक्षम नहीं है। परमेश्वर कबीर साहेब जी पूर्ण ब्रह्म हैं, सर्व शक्तिमान परमात्मा हैं। उनको कोई मार नहीं सकता।
शेखतकी ने जुल्म गुजारे, बावन करी बदमाशी |
खूनी हाथी के आगे‌ डालै, बांध जूड अविनाशी ||
#KabirPrakatDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#परमेश्वरकबीर_प्रकट दिवस2023
#कबीर_भगवान_के_चमत्कार
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पवित्र पुस्तक "कबीर परमेश्वर"
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shukrampal · 2 years
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संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्रमाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्रकार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।
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prince-kumar · 2 years
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🛸विश्व में शांति एवं भाईचारा स्थापित करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य🛸
संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्रमाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्रकार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।
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#8सितंबर_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
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jyoti000 · 2 years
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🛸विश्व में शांति एवं भाईचारा स्थापित करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य🛸
संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्रमाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्रकार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बने���ा।
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mohabbat7748 · 2 years
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🛸विश्व में शांति एवं भाईचारा स्थापित करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य🛸
संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्रमाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्रकार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।
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shridharpandit · 2 years
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#8सितंबर_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
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संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्रमाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्रकार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।
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https://bit.ly/DhartiParAvtar
संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्र���ाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्रकार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।
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#8सितंबर_संतरामपालजी_अवतरणदिवस
#SantRampalJiMaharaj🛸विश्व में शांति एवं भाईचारा स्थापित करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य🛸
संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्रमाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्रकार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।
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bhagwattandan · 2 years
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🌈संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज को जीव हिंसा न करने का संदेश दिया है।🌈
मानव कल्याण हेतु तथा आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार–प्रसार हेतु संत रामपाल जी महाराज ने जीवों की हत्या पर रोक लगाई है। संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि मांसाहार से मानव पाप मुक्त नहीं हो सकता तथा पाप से बचने के लिए मांसाहार को त्यागना होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि हम सब एक पिता की संतान है चींटी से लेकर हाथी तक सब परमेश्वर के बच्चे हैं। पिता की छोटी संतान को मारा जाए या फिर बड़ी कष्ट तो समान ही होता है इस प्रकार जीव हिंसा करना परमात्मा को कष्ट देने के बराबर है।
जीव हिंसा करना महापाप है–
आज मांसाहार अपनी चरम सीमा पर है जहां पहले ब्राह्मण समाज मांस को हाथ नहीं लगाते थे आज वही ब्राह्मण समाज भी मांस भक्षण कर रहा है। आज लगभग सभी धर्म के लोग मांसाहार को श्रेष्ठ मानते हैं। जबकि जीवो को मार कर खाना महापाप है इससे परमात्मा रुष्ठ होता है परमात्मा की छोटी संतान मारी जाए या बड़ी संतान मरी जाए कष्ट समान होता है। जीवो की हत्या पर रोक लगाने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अनुयायियों को मांस भक्षण करना निषेध किया है।
परमेश्वर कबीर साहिब जी ने कहा है,
“बकरी पाती खात है, ताकि काढ़ी खाल ।
जो नर बकरी खात हैं, तिनका कौन हवाल ।।”
अर्थात् परमात्मा कबीर साहिब जी समझाना चाह रहे हैं कि
बकरी केवल पत्ते खाती है उसकी तो तुम हत्या कर देते हो उसकी खाल उतार देते हो । विचार करो भोले मनुष्यों! जो बकरी को खाता होगा उनका क्या हाल होता होगा। अर्थात वह नरक में जाएंगे।
मांसाहार राक्षस आहार है–
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है मनुष्य के लिए परमेश्वर ने शुद्ध शाकाहार भोजन दिया है। इसके अतिरिक्त जो मांसाहार को भक्षण करते हैं वह राक्षस की श्रेणी में आते हैं। कबीर साहिब जी ने अनेक दोहों में मांस भक्षण को निषेध किया है। उन्होंने कहा है,
“मांसाहारी मानवा, परतछ राक्षस अंग।
ताकी संगत मत करो, पड़त भजन में भंग ॥”
“मांस मछरिया खात है, सुरापान सों हेत।
ते नर नरके जायेंगे, मात पिता समेत ॥”
“मांस मांस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय।
आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहि जाय॥”
मांसाहार अन्य धर्म ग्रंथों में भी निषेध है। पूर्ण परमात्मा ने माँस खाने का आदेश कभी नहीं दिया। पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29,1:28) में मनुष्य को आहार करने के लिए फलदार वृक्ष, शुद्ध शाकाहार भोजन करने का आदेश दिया है।
अतः सर्व मानव समाज से करबद्ध प्रार्थना है कि विचार करें मनुष्य जन्म बहुत ही अनमोल है । इसे जीव हत्या करके, मांसाहार करके पाप इकठ्ठा ना करें। संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है सभी मनुष्य शुद्ध शाकाहार अपनाएं जिससे हम पाप मुक्त हो सके तथा अपने निजलोक अर्थात सत्यलोक जा सक��।
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coralsoulrebel · 2 years
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🌈संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज को जीव हिंसा न करने का संदेश दिया है।🌈
मानव कल्याण हेतु तथा आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार–प्रसार हेतु संत रामपाल जी महाराज ने जीवों की हत्या पर रोक लगाई है। संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि मांसाहार से मानव पाप मुक्त नहीं हो सकता तथा पाप से बचने के लिए मांसाहार को त्यागना होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि हम सब एक पिता की संतान है चींटी से लेकर हाथी तक सब परमेश्वर के बच्चे हैं। पिता की छोटी संतान को मारा जाए या फिर बड़ी कष्ट तो समान ही होता है इस प्रकार जीव हिंसा करना परमात्मा को कष्ट देने के बराबर है।
जीव हिंसा करना महापाप है–
आज मांसाहार अपनी चरम सीमा पर है जहां पहले ब्राह्मण समाज मांस को हाथ नहीं लगाते थे आज वही ब्राह्मण समाज भी मांस भक्षण कर रहा है। आज लगभग सभी धर्म के लोग मांसाहार को श्रेष्ठ मानते हैं। जबकि जीवो को मार कर खाना महापाप है इससे परमात्मा रुष्ठ होता है परमात्मा की छोटी संतान मारी जाए या बड़ी संतान मरी जाए कष्ट समान होता है। जीवो की हत्या पर रोक लगाने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अनुयायियों को मांस भक्षण करना निषेध किया है।
परमेश्वर कबीर साहिब जी ने कहा है,
“बकरी पाती खात है, ताकि काढ़ी खाल ।
जो नर बकरी खात हैं, तिनका कौन हवाल ।।”
अर्थात् परमात्मा कबीर साहिब जी समझाना चाह रहे हैं कि
बकरी केवल पत्ते खाती है उसकी तो तुम हत्या कर देते हो उसकी खाल उतार देते हो । विचार करो भोले मनुष्यों! जो बकरी को खाता होगा उनका क्या हाल होता होगा। अर्थात वह नरक में जाएंगे।
मांसाहार राक्षस आहार है–
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है मनुष्य के लिए परमेश्वर ने शुद्ध शाकाहार भोजन दिया है। इसके अतिरिक्त जो मांसाहार को भक्षण करते हैं वह राक्षस की श्रेणी में आते हैं। कबीर साहिब जी ने अनेक दोहों में मांस भक्षण को निषेध किया है। उन्होंने कहा है,
“मांसाहारी मानवा, परतछ राक्षस अंग।
ताकी संगत मत करो, पड़त भजन में भंग ॥”
“मांस मछरिया खात है, सुरापान सों हेत।
ते नर नरके जायेंगे, मात पिता समेत ॥”
“मांस मांस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय।
आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहि जाय॥”
मांसाहार अन्य धर्म ग्रंथों में भी निषेध है। पूर्ण परमात्मा ने माँस खाने का आदेश कभी नहीं दिया। पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29,1:28) में मनुष्य को आहार करने के लिए फलदार वृक्ष, शुद्ध शाकाहार भोजन करने का आदेश दिया है।
अतः सर्व मानव समाज से करबद्ध प्रार्थना है कि विचार करें मनुष्य जन्म बहुत ही अनमोल है । इसे जीव हत्या करके, मांसाहार करके पाप इकठ्ठा ना करें। संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है सभी मनुष्य शुद्ध शाकाहार अपनाएं जिससे हम पाप मुक्त हो सके तथा अपने निजलोक अर्थात सत्यलोक जा सके।
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abheramranga · 2 years
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#GodNightWednesday हम सभी का एक भगवान है, हम सभी एक पिता की संतान है। अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें पवित्र पुस्तक "कबीर परमेश्वर" https://bit.ly/KabirParmeshwarBook https://www.instagram.com/p/CfrhEpglE2p/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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suman-khichar-1 · 2 years
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#GodNightWednesday
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chandiram · 2 years
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prince-kumar · 2 years
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🛸विश्व में शांति एवं भाईचारा स्थापित करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य🛸
संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्रमाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्र��ार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।
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prince-kumar · 2 years
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🛸विश्व में शांति एवं भाईचारा स्थापित करने हेतु संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य🛸
संत रामपाल जी महाराज जी एक आध्यात्मिक गुरु है जो समाज को आध्यात्मिक रूप से संपन्न बनाना चाहते हैं इसके अतिरिक्त समाज में जो भी बुराइयां, कुरीतियां, अंधविश्वास, पाखंड है उन सभी को समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए वे दिन-रात प्रयत्न कर रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज कबीरपंथी गुरु है। उन्होंने सर्व धर्मों के सर्व शास्त्रों को प्रमाणित करके दिखाया है कि हमारा परमेश्वर, अल्लाह, रब, गॉड कबीर देव जी है।
संत रामपाल जी विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं –
समाज में अनेक धर्म गुरु है जो अपनी अपनी साधना बताते हैं किंतु संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे संत है जो शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित सतभक्ति बताते हैं और यही कारण है कि लोगों को आज विशेष लाभ मिल रहे हैं भयंकर से भयंकर बीमारियां भी दूर हो रही हैं। संत रामपाल जी महाराज जी विश्व को सद्भक्ति दे करके मोक्ष प्रदान करना चाहते हैं और मोक्ष मंत्र केवल संत रामपाल जी महाराज के पास ही है। विश्व में किसी के पास नहीं है।
संत रामपाल जी समाज में जाति पाति के भेद को समाप्त करना चाहते हैं –
समाज में जातिवादी दंगे अपनी चरम सीमा पर है । आध्यात्मिक धर्मगुरु जाति के आधार पर लोगों में धार्मिक भावना भड़काने का कार्य करते हैं। जाति के आधार पर लोगों में दंगे फसाद करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी जाति को पूर्ण रूप से समाप्त करना चाहते हैं । वह किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते हैं बल्कि उनका मानना है कि हम एक ही पिता के संतान हैं और हमारी एक ही जाति एक ही धर्म है उनका नारा है –
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी युवाओं में नैतिक एवं आध्यात्मिक जागृति लाना चाहते हैं–
समाज में जहां युवा नशे, चोरी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार इत्यादि में संलग्न होते हैं वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी किसी प्रकार का नशा नहीं करते और ना ही भी किसी प्रकार की अनैतिक कार्य करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी समाज के सभी युवाओं को नैतिक और आध्यात्मिकता को ओर अग्रसर करने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सके।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार के नशे को दूर करना चाहते हैं–
समाज में सभी प्रकार के नशे को दूर करने का बीड़ा संत रामपाल जी महाराज जी ने उठाया है । उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के नशे को हाथ नहीं लगाते और यही कारण है कि एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
संत रामपाल जी समाज से दहेज रूपी कुरीति को समाप्त करना चाहते हैं–
समाज में न जाने कितनी बेटियां दहेज के कारण मारी जा रही हैं । इन सबको देखते हुए संत रामपाल जी महाराज ने एक स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण करना चाहा है जिसमें किसी भी प्रकार का दहेज न लेना है न देना है और यही कारण है कि उनके अनुयाई किसी भी प्रकार के दहेज को न लेते हैं न देते हैं । समाज में बेटियों को आज सर्वोच्च स्थान प्राप्त हो रहा है। आज बेटियों को पढ़ाया लिखाया जा रहा है। गर्भ में उनको मारा नहीं जा रहा है।
संत रामपाल जी समाज से सभी प्रकार की बुराइयां, कुरीतियां एवं पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं–
जहां एक ओर धर्म के नाम पर धार्मिक गुरु उन्माद की रोटियां सेक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज धार्मिक दंगों, जातिवाद दंगों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने समाज में किसी भी प्रकार की बुराइयां जैसे दहेज लेन देन, रिश्वतखोरी, चोरी जारी, भ्रष्टाचार, पाखंडवाद इत्यादि को समाप्त करना चाहते हैं और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं जिससे समाज में शांति स्थापित हो सके।
अतः सर्व पाठकों से निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज जी के उद्देश्य से आप सभी परिचित हो चुके हैं संत रामपाल जी महाराज जी ऐसे धार्मिक गुरु है जो किसी भी प्रकार के जाति धर्म को नहीं मानते हैं । वह सिर्फ एक ईश्वर की भक्ति कराना चाहते हैं जिससे हम सब अपने एक भगवान से परिचित हो सकें और हम सब भक्ति करके सतलोक जा सके। संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति उत्पन्न हो रही है। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है और वही जहां समाज नशे में धुत हुआ करते थे वह सब समाप्त हो रहा हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में निश्चय ही भारत विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनेगा।
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bhagwattandan · 2 years
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🌈संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज को जीव हिंसा न करने का संदेश दिया है।🌈
मानव कल्याण हेतु तथा आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार–प्रसार हेतु संत रामपाल जी महाराज ने जीवों की हत्या पर रोक लगाई है। संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि मांसाहार से मानव पाप मुक्त नहीं हो सकता तथा पाप से बचने के लिए मांसाहार को त्यागना होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है कि हम सब एक पिता की संतान है चींटी से लेकर हाथी तक सब परमेश्वर के बच्चे हैं। पिता की छोटी संतान को मारा जाए या फिर बड़ी कष्ट तो समान ही होता है इस प्रकार जीव हिंसा करना परमात्मा को कष्ट देने के बराबर है।
जीव हिंसा करना महापाप है–
आज मांसाहार अपनी चरम सीमा पर है जहां पहले ब्राह्मण समाज मांस को हाथ नहीं लगाते थे आज वही ब्राह्मण समाज भी मांस भक्षण कर रहा है। आज लगभग सभी धर्म के लोग मांसाहार को श्रेष्ठ मानते हैं। जबकि जीवो को मार कर खाना महापाप है इससे परमात्मा रुष्ठ होता है परमात्मा की छोटी संतान मारी जाए या बड़ी संतान मरी जाए कष्ट समान होता है। जीवो की हत्या पर रोक लगाने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने अनुयायियों को मांस भक्षण करना निषेध किया है।
परमेश्वर कबीर साहिब जी ने कहा है,
“बकरी पाती खात है, ताकि काढ़ी खाल ।
जो नर बकरी खात हैं, तिनका कौन हवाल ।।”
अर्थात् परमात्मा कबीर साहिब जी समझाना चाह रहे हैं कि
बकरी केवल पत्ते खाती है उसकी तो तुम हत्या कर देते हो उसकी खाल उतार देते हो । विचार करो भोले मनुष्यों! जो बकरी को खाता होगा उनका क्या हाल होता होगा। अर्थात वह नरक में जाएंगे।
मांसाहार राक्षस आहार है–
संत रामपाल जी महाराज जी का कहना है मनुष्य के लिए परमेश्वर ने शुद्ध शाकाहार भोजन दिया है। इसके अतिरिक्त जो मांसाहार को भक्षण करते हैं वह राक्षस की श्रेणी में आते हैं। कबीर साहिब जी ने अनेक दोहों में मांस भक्षण को निषेध किया है। उन्होंने कहा है,
“मांसाहारी मानवा, परतछ राक्षस अंग।
ताकी संगत मत करो, पड़त भजन में भंग ॥”
“मांस मछरिया खात है, सुरापान सों हेत।
ते नर नरके जायेंगे, मात पिता समेत ॥”
“मांस मांस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय।
आँखि देखि नर खात है, ते नर नरकहि जाय॥”
मांसाहार अन्य धर्म ग्रंथों में भी निषेध है। पूर्ण परमात्मा ने माँस खाने का आदेश कभी नहीं दिया। पवित्र बाईबल (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29,1:28) में मनुष्य को आहार करने के लिए फलदार वृक्ष, शुद्ध शाकाहार भोजन करने का आदेश दिया है।
अतः सर्व मानव समाज से करबद्ध प्रार्थना है कि विचार करें मनुष्य जन्म बहुत ही अनमोल है । इसे जीव हत्या करके, मांसाहार करके पाप इकठ्ठा ना करें। संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है सभी मनुष्य शुद्ध शाकाहार अपनाएं जिससे हम पाप मुक्त हो सके तथा अपने निजलोक अर्थात सत्यलोक जा सके।
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