देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बगवाल मेले में मुख्यमंत्री धामी ने किया प्रतिभाग, की कई घोषणा
चंपावत : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत जिले के देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बगवाल मेले में प्रतिभाग किया और विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर राज्य की खुशहाली की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मेला स्थल में लगाए गए विभिन्न विभागों के सरकारी स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से जानकारी लेते हुए निर्देश दिये कि प्रत्येक जनमानस तक सरकार की विभिन्न विकास…
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Corona ने बदला रिवाज, उत्तराखंड में पत्थर की जगह फल-फूल से खेला गया आस्था का खेल
Corona ने बदला रिवाज, उत्तराखंड में पत्थर की जगह फल-फूल से खेला गया आस्था का खेल
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रक्षाबंधन के मौके पर देवीधुरा में बग्वाल खेलने की परंपरा रही है. कोरोना (Corona) को देखते हुए इस बार मात्र पांच मिनट बग्वाल (Bagwal) खेलने का फैसला लिया गया. इस दौरान दोनों पक्षों के योद्धाओं ने एक-दूसरे पर फूल और फल से प्रहार किये.
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Lets checkout our 1st vlog in our channel regarding देवीधुरा का प्रसिद्ध बग्वाल मेला and rakhi celebration. Link in the bio. #देवीधुराकाप्रसिद्धबग्वालमेला #देवीधुरा #बग्वालमेला #devidhura #uttarakhand #bagwalmela https://www.instagram.com/p/CDbC8pSBpOV/?igshid=1x0fahxz5cfzy
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यहां फल और पत्थरों से खेला जाता है युद्ध, उत्तराखंड के देवीधुरा स्थित मंदिर में अनूठी परंपरा
चैतन्य भारत न्यूज
देहरादून. उत्तराखंड के चंपावत जिले में देवीधुरा स्थित मां बाराही देवी के मैदान में फल, फूल और पत्थरों से युद्ध लड़ने की अनूठी परंपरा है। हर साल रक्षाबंधन के दिन इसका आयोजन किया जाता है। इसे 'बग्वाल' कहा जाता है। गुरुवार को हुआ यह युद्ध करीब न�� मिनट चला। इसमें 122 योद्धा मामूली रूप से घायल हो गए।
इसमें भक्त परंपरा के मुताबिक लोग आपस में पत्थरों से लड़ाई करते है। मान्यता है कि मंदिर में नर बलि की परंपरा थी जिसके बाद आधुनिक रूप में यह बग्वाल मेला बन गया। कहा जाता है कि एक आदमी के खून जितना रक्त बहता है तब यह पत्थरों का युद्ध रुकता है। बग्वाल मेला देवीधुरा इलाके में पड़ने वाले गांव के लोग ही खेलते हैं। इसमें वहां रहने वाली जातियां इस पूरे मेले में मिलकर काम करती हैं और इस मेले को सफल बनाती हैं। बग्वाल मेला खेलने वाले लोग ‘द्योका’ कहलाते हैं। इस युद्ध को खेलने के लिए अलग-अलग खाम होते हैं जो गांव की ही अलग-अलग जातियों के लोग होते हैं। इनकी टोलियां ढोल-नगाड़ों के साथ किरंगाल की बनी हुई छतरी जिसे छंतोली कहते हैं, सहित अपने पूरे समूह के साथ मंदिर परिसर में पहुंचते हैं। वहां सभी सर पर कपडा बंधे हाथों में सजा फर्र-छंतो���ी लेकर मंदिर के सामने परिक्रमा करते हैं।
यहां चार मुख्य खाम हैं जो मैदान में चारों दिशाओं से पत्थर बरसाते हैं। ये चारों खाम गढ़वाल, वालिक, चम्याल तथा लमगड़िया हैं। मंदिर में रखा देवी विग्रह एक पेटी में बंद रहता है। उसी के समक्ष पूजन संपन्न होता है। मान्यता है कि पूजन की वजह से ही इसमें घायल लोग तुरंत ठीक हो जाते हैं। वर्तमान समय में अब पत्थरों के साथ फूल व फल भी फेंके जाते हैं। मां बाराही धाम, उत्तराखंड राज्य में लोहाघाट-हल्द्वानी मार्ग पर लोहाघाट से लगभग 45 किमी की दूरी पर स्थित है। यह स्थान सुमद्रतल से लगभग 6500 फीट ऊंचाई पर स्थित है।
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Festive fighting: Indian village celebrates traditional holiday with a good brawl - RT
Festive fighting: Indian village celebrates traditional holiday with a good brawl – RT
Indian village of Devidhura celebrates traditional Bagwal Mela festival with a good brawl
COURTESY: RT’s RUPTLY video agency, NO RE-UPLOAD, NO REUSE – FOR LICENSING, PLEASE, CONTACT http://ruptly.tv
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Beauty of Devidhura
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Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के देवीधुरा (Devidhura) स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले (Bagwal Mela) में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध (Stone War) के साक्षी बने। इस अवसर पर…
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Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के देवीधुरा (Devidhura) स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले (Bagwal Mela) में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध (Stone War) के साक्षी बने। इस अवसर पर…
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Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के देवीधुरा (Devidhura) स्थित मां वा���ाही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले (Bagwal Mela) में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध (Stone War) के साक्षी बने। इस अवसर पर…
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Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के देवीधुरा (Devidhura) स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले (Bagwal Mela) में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध (Stone War) के साक्षी बने। इस अवसर पर…
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बग्वाल मेलाः 10 मिनट चली ऐतिहासिक बग्वाल में करीब 80 लोग घायल...
बग्वाल मेलाः 10 मिनट चली ऐतिहासिक बग्वाल में करीब 80 लोग घायल…
Bagwal Mela: चम्पावत जनपद के देवीधुरा में लगने वाले मां बाराही धाम के बग्वाल मेले की धूम उत्तराखंड में है। शुक्रवार को मेले में जहां सीएम धामी ने शिरकत की। वहीं हजारों दर्शकों के सामने बग्वाल युद्ध हुआ। बाराही धाम देवीधुरा (Barahi dham Devidhura) में खोलीखाड़ दुर्बाचौड़ मैदान बग्वाल युद्ध (Bagwal war) खेला गया है। जिसमें रणबांकुरों ने एक दूसरे पर फल, फूल और पत्थरों से हमला किया। इसमें कई लोगों के…
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वाराही देवी: आदि शक्ति स्वरूपिणी मां के धाम का इतिहास [भाग-2] जनश्रुति है कि प्राचीन काल से ही यह स्थल गुह्य काली उपासना का केंद्र था. देवी के गणों को शांत रखने के लिए नरबलि का विधान था. यह बलि हर साल स्थानीय निवासियों के चार खामों वालिक या वल्का, चम्याल या चम्पाल, लमगड़िया व गहड़वाल या गढ़वाल में बारी-बारी से एक व्यक्ति की दी जाती थी. एक बार चम्याल खाम की वृद्धा के नाती की बारी आई. यह उसके कुल का अकेला वंशज बचा था. वह देवी की शरण में गई. देवी से प्रार्थना की. उसकी भक्ति से मां वाराही प्रसन्न हुईं. अभयदान दे देवी ने पूछा अब मेरे गणों को प्रसन्न रखने का उपाय करो. तो चारों खामों के प्रधानों ने इसके समाधान के लिए बग्वाल का उपाय निकाला. चारों खामों के पुरुष आपस में बग्वाल यानी पाषाण युद्ध करेंगे जिसमें पत्थरों की चोट से रक्त बहेगा और इससे गण संतुष्ट हो जाएंगे. पाषाण युद्ध की यह स्थली मंदिर परिसर में खोली खांड दुर्वाचौड़ में स्थित है. श्रावण शुक्ल एकादशी के दिन चारों खामों और सात थोकों के प्रधान सामूहिक पूजा अर्चना संपन्न कराते हैं. एकादशी को वाराही देवी मंदिर की पाषाणकालीन सभ्यता की याद दिलाने वाले उत्सव यानी शिला युद्ध की व्यवस्था में संलग्न चार खाम, सात तोक मंदिर के ठाकुर बागड़ पुजारी के साथ सबसे पहले डोली को पूजते हैं। . 💫Vivid⚡️✨Uttarakhand✨ . . Join The Visual Journey With ❤️❤️💐💐 @vivid_uttarakhand . Do tag 🏷 Do like 👍🏻 Do share 👨👩👧👦 Do comment 🙏🏻💬 💐Follow Us💐 Love Uttarakhand ❤️❤️ . Advice- Please Don’t Use Plastic While Visiting Mountains 🏔 💫 . Clean Environment, Green Environment Go Green 🏔🏔 . Use Hashtag _ #vividuttarakhand . #uttarakhand #uttarakhandheaven #uttarakhandtourism #uttarakhandtraveller #uttarakhanddiaries #uttarakhand_travel_diaries #devbhoomi #devbhoomiuttarakhand #devbhoomiuttarakhand🙏🏔️ #champawat #champawat💚 #champawatdiaries #devidhura #bagwalfestival #maabarahidevi #loveuttarakhand (at Uttarakhand) https://www.instagram.com/p/CX43y71B0WY/?utm_medium=tumblr
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Bagwal to be on Aug 12 this year
Bagwal to be on Aug 12 this year
Pithoragarh: Uttarakhand’s traditional Bagwal festival will be observed on August 12, the priests of the Champawat-based Devidhura temple announced on Monday. Four local clans Walik, Chamyal, Lamgaria, and Gaherwal participate in the Bagwal ritual on the temple grounds every year. On Monday, state’s Van Vikas Nigam chairman Kailash Gahtodi inaugurated a Bagwal festival event. While Gahtodi…
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75 injured in Kumaon’s 'stone-pelting' festival
75 injured in Kumaon’s ‘stone-pelting’ festival
PITHORAGARH: At least 75 people suffered injuries as devotees at Devidhura temple in Uttarakhand’s Champawat district pelted stones at each other for eight minutes to celebrate the annual ‘Bagwal’ festival. The injured were later treated at a medical camp. The festival is celebrated on the occasion of Raksha Bandhan and blood is shed to appease the presiding deity, Barahi Devi. Four local clans —…
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Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के देवीधुरा (Devidhura) स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले (Bagwal Mela) में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध (Stone War) के साक्षी बने। इस अवसर पर…
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Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
Bagwal Mela Devidhura: राजकीय मेला बग्वाल में पाषाण युद्ध के साक्षी बने CM धामी
चंपावत: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के देवीधुरा (Devidhura) स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले (Bagwal Mela) में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध (Stone War) के साक्षी बने। इस अवसर पर…
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