Don't wanna be here? Send us removal request.
Text

अनिरुद्धाचार्य का मंच से भड़काऊ भाषण देना निंदनीय है। सच्चाई जानने के लिए देखें विशेष वीडियो गालीबाज कथावाचक अनिरुद्धाचार्य Factful Debates YouTube Channel पर।
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य अपने शिष्यों को संत रामपाल जी महाराज के भक्तों के खिलाफ उकसाते हुए कहते हैं कि सुनाओ मूर्खों को, सालों को। देखें यह खास वीडियो गालीबाज कथावाचक अनिरुद्धाचार्य Factful Debates YouTube Channel पर
0 notes
Text
अनिरुद्ध जी कहते हैं कि हमें यह मान लेना चाहिए कि यदि हम बड़े दुखी हैं तो यह गोपाल की लीला है। उस लीला में आनन्दित रहो।

यह दुख इसलिए आते क्योंकि आपकी बताई भक्ति शास्त्रविरुद्ध है अनिरुद्ध जी।
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि दुख देने की लीला गोपाल की नहीं काल की है। परमात्मा तो दयालु है वो किसी को दुख नहीं देता।
परमात्मा की वाणी है
गुरु के मिले कटे दुःख पापा। जन्म जन्म के मिटें संतापा।
पूरे गुरु के मिलने पर ही सर्व दुःख जो पाप के कारण होता है, वह समाप्त हो जाता है। जन्म-जन्म के संताप (दुःख) समाप्त हो जाते हैं।
0 notes
Text
अनिरुद्धाचार्य पूछते हैं कि जगन्नाथ कौन है?

फिर स्वयं अज्ञान परोसते हैं और भोले श्रद्धालुओं को मूर्ख बना रहे हैं और कहते हैं कि श्रीमन्नारायण हैं। बिहारी भी वही है।
ब्रह्मा, विष्णु, शिव, महाकाल, गणेश जी, राम कृष्ण सब श्रीमन्नारायण हैं।
नरसिंह भगवान कौन? वह भी श्रीमन्नारायण हैं।
एक ही हैं सब। इनमें कोई भिन्नता नहीं है।
इन्होंने तो ठेका ले रखा है मनुष्य जीवन बर्बाद करने का।
इनके हिसाब से दूध कौन है?
दही को ही कहते हैं। छाछ भी वही है, मलाई भी वही है, चीनी भी वही है और घी रोटी चावल सब एक ही है।
यही इनकी अज्ञानता का सबसे बड़ा प्रमाण है। ऐसे गुरुओं को तुरंत त्याग देना चाहिए।
परमात्मा कहते हैं
मां मुंडू उस संत की जिससे संशय न जाये।
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य कहते हैं कि विधि के विधान को कोई नहीं मिटा सकता।
तो अनिरुद्धाचार्य जी दुनिया को गुमराह करना पाप है।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि परमात्मा की वाणी है
मासा घटे न तिल बढ़े, विधना लिखे जो लेख।
साचा सतगुरु मेट कर, ऊपर मार दे मेख।।
सच्चा सतगुरु कर्म के लेख को मिटा देता है।
वर्तमान में सच्चे सतगुरु संत रामपाल जी महाराज ही हैं।
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य स्वयं उड़ा रहे अपनी खिल्ली।
अनिरुद्धाचार्य का कहना है कि पुरुषों को गंगा स्नान करके अपने शरीर को पोंछना नहीं चाहिए। क्योंकि उस टपकते पानी से पितर तृप्त होते हैं। ये तीर्थों का फल बताते हैं।
दर्शकों है कोई इनके ज्ञान का सिर पैर। न कोई शास्त्र में प्रमाणित।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि गीता जी अध्याय 9 श्लोक 25 में कहा है कि जो भूत पूजेंगे भूत बनेंगे और जो पितर पूजेंगे वे पितर बनेंगे।
परमात्मा की वाणी है:
भक्ति बीज होय जो हंसा, तारूँ तास के एकोत्तर वंशा।
जो भक्त पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की भक्ति पूर्ण गुरु से लेकर करता है। उस सतभक्ति से उसके पितरों का भी उद्धार हो जाता है।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज ही हैं।
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य स्वयं उड़ा रहे अपनी खिल्ली।
अनिरुद्धाचार्य का कहना है कि पुरुषों को गंगा स्नान करके अपने शरीर को पोंछना नहीं चाहिए। क्योंकि उस टपकते पानी से पितर तृप्त होते हैं। ये तीर्थों का फल बताते हैं।
दर्शकों है कोई इनके ज्ञान का सिर पैर। न कोई शास्त्र में प्रमाणित।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि गीता जी अध्याय 9 श्लोक 25 में कहा है कि जो भूत पूजेंगे भूत बनेंगे और जो पितर पूजेंगे वे पितर बनेंगे।
परमात्मा की वाणी है:
भक्ति बीज होय जो हंसा, तारूँ तास के एकोत्तर वंशा।
जो भक्त पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की भक्ति पूर्ण गुरु से लेकर करता है। उस सतभक्ति से उसके पितरों का भी उद्धार हो जाता है।
वर्तमान में पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज ही हैं।
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य कहते हैं जब तुम्हें जीवन में मुसीबतें आने लग जाएं, संकट आएं, तब समझ लेना कि ईश्वर आपकी भक्ति की परीक्षा ले रहा है। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि
संत शरण में आने से आई टले बला।
जो मस्तक में सूली हो, कांटे में टल जा।।
भगवान की भक्ति ही इसलिए करते हैं ताकि संकटों से छुटकारा मिले। मुसीबतें झेलने के लिए भक्ति नहीं की जाती
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य कहते हैं कि निर्वस्त्र होकर नहाने से अपराध लगता है। अनिरुद्धाचार्य जी आप यह कहते हैं कि मैं कोई बात बिना प्रमाण के नहीं कहता तो दिखाएं जनता को कि कौनसे धर्म ग्रन्थ में यह बात लिखी है। नहीं तो कृपया शांत रहें। समाज को भ्रमित न करें।
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य का कहना है कि गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास है। गौमूत्र में गंगा का वास है। गाय की परिक्रमा करने से सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करने का फल मिल जाता है। ये तो माता/देवी जी का अपमान कर रहे हैं।
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य जी का कहना है कि कबीर जी कहते हैं कि कबीर दास जी तो राम के पुजारी हैं।
संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि परमात्मा बताते हैं
हम ही अलख अल्लाह हैं, कुतुब गोस और पीर।
गरीबदास खालिक धनी हमरा नाम कबीर।।
0 notes
Text

अनिरुद्धाचार्य कहते हैं एकादशी का व्रत करना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत के लिए मना किया गया है।
और सूक्ष्म वेद में लिखा है:
प्रथम अन्न जल संयम राखे, योग युगत सब सतगुरु भाखे।।
0 notes
Text

गीता ज्ञानदाता की पहचान: अनिरुद्धाचार्य Vs संत रामपाल जी महाराज
अनिरुद्धाचार्य जी श्री कृष्ण जी को ही गीता का ज्ञानदाता मानते हैं। परंतु गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता ज्ञानदाता स्वयं को काल कहता है, जो सबको नष्ट करने के लिए आया है।
संत रामपाल जी महाराज इस श्लोक के आधार पर स्पष्ट करते हैं कि गीता का ज्ञानदाता ब्रह्म (काल) है, न कि श्री कृष्ण जी। इस प्रकार, अनिरुद्धाचार्य
0 notes
Text

श्रीमान अनिरुद्ध जी जनता को misguide करना बंद करो।
अनिरुद्धाचार्य जी श्रीकृष्ण जी को परमेश्वर बताते हैं।
यदि गीता ज्ञानदाता श्रीकृष्ण को माना जाए तो वे गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में क्यों कहते हैं कि अविनाशी परमेश्वर तो कोई और है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण पोषण करता है।
0 notes
Text
ईसा जी भगवान नहीं थे, वह तो एक ईश्वर की भक्ति बताते थे
हजरत ईसा जी को भी पूर्ण परमात्मा सत्यलोक से आकर मिले तथा एक परमेश्वर का मार्ग समझाया। इसके बाद ईसा जी एक ईश्वर की भक्ति समझाने लगे। लोगों ने बहुत विरोध किया। बीच-बीच में ब्रह्म(काल) के फरिश्ते हजरत ईसा जी को विचलित करते रहे तथा वास्तविक ज्ञान को दूर रखा।
0 notes
Text
✝️ईसा मसीह का जन्म एक देवता से हुआ।
प्रमाण : पवित्र बाईबल मती रचित सुसमाचार मती=1ः25 पृष्ठ नं. 1-2 पर।
ईसा मसीह की पूज्य माता जी का नाम मरियम तथा पूज्य पिताजी का नाम यूसुफ था। परन्तु मरियम को गर्भ एक देवता से रहा था। इस पर यूसुफ ने आपत्ति की तथा मरियम को त्यागना चाहा तो स्वपन में (फरिश्ते) देवदूत ने ऐसा न करने को कहा तथा यूसुफ ने डर के मारे मरियम का त्याग न करके उसके साथ पति-पत्नी रूप में रहे। देवता से गर्भवती हुई मरियम ने ईसा को जन्म दिया।
0 notes