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किसान और नाग
एक गरीब ब्राह्मण अपने खेत में बहुत मेहनत करता था। एक दिन वह थककर एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी उसे एक बिल के अंदर से एक नाग निकलता दिखाई दिया। ब्राह्मण ने सोचा, “मुझे इस नाग की रोज पूजा करनी चाहिए। इसकी कृपा से शायद मेरे खेतों में अच्छी फसल होने लगे।” उस शाम उसने उस नाग को दूध अर्पित किया और कहा, “खेतों के रक्षक, मैं आपको यह दूध अर्पित कर रहा हूं। कृपया आप मुझ पर अपनी कृपा रखें।” अगली…
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1 लाख में 99999 शांतिदूत गाय खाते हैं और एक नहीं खाता है तो क्या तुम्हारी गौमाता बच जायेगी ?1लाख में 99999 मोमिन दंगे के समय तुम्हारे ऊपर काफ़िर कह कर टूट पड़ता है और एक अच्छा वाला शांतिदूत जो तुमने माइक्रोस्कोप से खोजा था …. वो आकर उनको रोके तो क्या वो रुक जाएंगे ?1 लाख में 99999 पाकिस्तान के लिए अरब के लिए ISIS के लिए जयकारे लगाए और एक मोमिन देशभक्त हो…. शहीद होने को भी तैयार हो तो क्या 99999 को…
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જેવી કરણી તેવી ભરણી..
પ્રાચીન સમયમાં એક નગરમાં જીર્ણધન નામનો વણિક વેપારી રહેતો હતો.તે પોતે એકલવાયું જીવન જીવતો હતો કારણ કે તેની આગળ-પાછળ કોઈ વાલી-વારસ નહોતા.વેપારીએ પૈસા કમાવવા વિદેશ જવાનો વિચાર કર્યો.જો કે તેની પાસે કોઈ ખાસ મિલકત નહોતી તેમ છતાં તેની પાસે ફક્ત એક મણ વજનના ઘણા જ ભારે બે ત્રાજવા હતા.આ ત્રાજવાને શાહુકારના ઘરે અમાનત તરીકે મુકીને વેપારી વિદેશ ચાલ્યો ગયો.જ્યારે વેપારી વિદેશથી પાછો ફર્યો અને શાહુકારને…
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किसान और चिड़िया की खूबसूरत कहानी
एक गाँव में एक किसान रहता था उसका गाँव के बाहर एक छोटा सा खेत था एक बार फसल बोने के कुछ दिनों बाद उसके खेत में चिड़िया ने घोंसला बना लियाकुछ समय बीता, तो चिड़िया ने वहाँ दो अंडे भी दे दिए उन अंडों में से दो छोटे-छोटे बच्चे निकल आये वे बड़े मज़े से उस खेत में अपना जीवन गुजारने लगेकुछ महीनों बाद फसल कटाई का समय आ गया गाँव के सभी किसान अपने खेतों की फ़सल की कटाई में लग गए अब चिड़िया और उसके बच्चों का वह…
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નિષાદ રાજાએ નિર્દોષ માણસે ચૌદ વર્ષનો દરેક દિવસ આંગળીઓ પર ગણીને પસાર કર્યો હતો. ચૌદ વરસાદ વીતી ગયા , ચૌદ શીત લહેરોનો અંત આવ્યો હતો અને હવે ચૌદમી વસંત પણ પસાર થઈ ગઈ હતી. જો તેઓએ ચૌદ વર્ષ પછી પાછા ફરવાનું કહ્યું છે, તો ચૌદ વર્ષ પસાર થતાં જ તેઓ ચોક્કસપણે પાછા આવશે, આ વિશે તેમને કોઈ શંકા નહોતી. તેઓ ફક્ત તે રસ્તે જ જોતા હતા જે રસ્તે થી શ્રી રામ ગયા હતા ઓ એવું માનીને બેઠા હતા કે જંગલમાંથી અયોધ્યા…
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अभी कल दीपावली की खरीददारी करने मार्केट गया था. मार्केट में अधिकांश पूजा सामग्री खरीदने के बाद लगा कि गणेश और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा भी खरीद ही लेता हूँ. तो, विभिन्न दुकान घूमते हुए एक दुकान में रखी खूबसूरत प्रतिमाओं को देखकर आंखें ठहर गई जिसमें लगभग 10-12 इंच की एक प्रतिमा काफी पसंद आई जो गंगा मिट्टी से बनी हुई थी और काफी अच्छी तरह सजाई गई थी. दुकान मालिक भी बाकायदा सर पर टीका और हाथों में…
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ગુજરાતી ન્યુઝલાઈન કેનેડાસમય નથી – રેખા પટેલ(વિનોદિની) સોસાયટીમાં નામ અને બિઝનેસમાં કામ વધારવા માટે સોહન તેના ધંધામાં વ્યસ્ત રહેતો, સોનલ કિટી પાર્ટીઓમાં અને શોપીંગમાં બીઝી રહેતી. ઘરમાં જરૂર કરતા વધારે નોકરો હતા. સોનલને ઘરમાં કરવા લાયક કોઈ કામ હતું નહિ. આથી તે વધારે ઘરની બહાર રહેતી. એકનો એક દીકરો પવન નાનો હતો ત્યારે તેની દેખભાળ માટે થોડો સમય સોનલ ઘરે રહી પછી ફરી તેનું મુક્ત મન બહારની ખુલ્લી હવામાં…
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लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है – अच्छा किसी दूसरे लड़के से मेरी शादी हो जाए तो तुम क्या करोगेलड़का – तुम्हें भूल जाऊँगा (लड़के ने बहुत छोटा सा जवाब दिया )ये सुनकर लड़की गुस्से में दूसरी तरफ घूम कर बैठ गई फिर लड़के ने कहा – सबसे बड़ी बात कि तुम मुझे भूल जाओगी जितना जल्दी मैं तुम्हें भुला सकूंगा उससे ज्यादा जल्दी तुम मुझे भुला दोगी ! कैसे? लड़की ने पूछालड़के ने बोलना शुरू किया – “सोचो शादी का…
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एक नगर में सोमिलक नाम का एक बुनकर रहता था। वह बहुत ही उत्कृष्ट एवं सुंदर वस्त्र बनने के बाद भी उसे कभी उपभोग से अधिक धन प्राप्त नहीं हुआ। अन्य बुनकर मोटा तथा सादा कपड़ा बनने के बाद भी उन्हें बहुत अधिक धन मिलता था, जिसके कारण उन्होंने काफी धन एकत्रित कर लिया था। एक दिन सोमिलक अपनी पत्नी से बोला “प्रिय! अन्य बुनकर सादा और मोटा कपड़ा भी बुनकर भी उन्होंने काफी अधिक धन एकत्रित कर लिया है और मैं सुंदर…

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यद्दददाति पुरुष: तत्तप्राप्नोति केवलम्। नानुप्तं रोहते सस्यं तद्वद्दानफल़ं विदु।। रूपं द्रव्यं बलं चायु: भोगैश्वर्य कुलं श्रुतम्। इत्येततत्सर्वसादुण्यं दानादभ्वति नान्यथा।। (म.भा. आ.पर्व १२६-६३) अभिगभ्य दत्तं सन्तुष्टया यत्तदाहुरभिष्टुतम्। याचितेन तु यद्दत्तं तदाहुर्मध्यमं फलम्।। अवज्ञया दीयते यत् तथैवाश्रयद्धयाअपि च। तदाहुरधमं दानं मुनयस्सत्यवादिन:।। ( शा.पर्व २७७) न तद्दानं ��्रशंसन्ति…
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कुसंगति में ना पड़िए , करिए तुम सत्संग ।शांति मिले सत्संग से , कुसंग जनते जंग ।शांत रखिए मन को तुम , अशांत न करिए मन ।जन्मे क्रोध अशांति से , जो फुँके तन मन धन ।सच के साथ सदा चलो , कठिन हो भले डगर ।सत्य को छोड़ तुम यहाँ , ना देख इधर - उधर ।गर पग चले नित सत पथ , और सच बोले मुख ।हस्त करे सत्कर्म सब , तो मिले शास्वत सुख ।जो मिला तुमको अब तक , वो तेरे कर्म फल ।गर फल अच्छा चाहिए , सत्कर्म कर हर पल…
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જાપાનના ટોકિયોમાં એક વિદેશીએ સરનામું લખેલું કાગળ ડ્રાઇવરને બતાવી ત્યાં જવા ટેક્ષી ભાડે કરી.ટેક્ષી ચાલી રહી હતી અને ડ્રાઇવરે મીટર બંધ કર્યું. લગભગ 3 કિલોમીટર પછી ડ્રાઈવરે મીટર ફરી ચાલુ કર્યું. જાપાની ભાષા આવડતી ન હોવાથી તે વિદેશીએ કોઈ પ્રશ્ન ન કર્યો. એડ્રેસ વાળા સ્થાને એક પરિચિત જાપાની તે વિદેશીને ટેક્ષી સુધી લેવા આવ્યા. વિદેશી પ્રવાસીએ કહ્યું કે “તમે જરા આ ડ્રાઇવરને પૂછો કે તેણે 2-3 કિલોમીટર સુધી…
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दीपावली
मित्रों दीपावली के संदर्भ में कुछ कहना चाहता हूं!.. 🙏अपने बच्चों को अवश्य बताएं!.. इन प्रश्नों का उत्तर अधिकांशतः बच्चों को नहीं मिल पाता, और जो मिलता है, उससे बच्चे संतुष्ट नहीं हो पाते!..आज की शब्दावली के अनुसार कुछ ‘लिबरर्ल्स लोग’ युवाओं और बच्चों के मस्तिष्क में यह प्रश्न डाल रहें हैं, कि लक्ष्मी पूजन का औचित्य क्या है!..जबकि दीपावली का उत्सव भगवान श्रीराम से जुड़ा हुआ है!..कुल मिलाकर वह…
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जब प्रभु ने रेलवे गार्ड की नौकरी की ( सत्य घटना )
यह प्रश्न सदियों से चला आ रहा है कि इस सृष्टि में कौन बड़ा है? भक्त या भगवान? सभी व्यक्तियों के इस संबंध में अलग-अलग मत हैं। अधिकांश लोगों का यही कहना है कि भगवान बड़े हैं तो कुछ कहते हैं भक्त। लेकिन हमारी पौराणिक गाथाओं में भी ऐसा कितनी बार हुआ है कि जब स्वयं भगवान को भी भक्तों के सामने झुकना पड़ा है। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि जब प्रभु अपने भक्तों की सच्ची भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं तो वह…
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दीपावली की रोशनी
एक छोटे से कस्बे में, जहां हर साल दीपावली की तैयारियां धूमधाम से होती थीं, एक महिला थी जिसका नाम सुमित्रा था। सुमित्रा एक शिक्षिका थीं, जिन्होंने अपने जीवन को बच्चों के भविष्य को संवारने में समर्पित किया था। दीपावली नजदीक आ रही थी, और सुमित्रा ने तय किया कि इस साल वह कुछ अलग करेंगी। इस बार, उन्होंने अपने छात्रों के साथ मिलकर एक अनोखी पहल की। उन्होंने सोचा कि क्यों न इस वर्ष दीपावली का सामान उन…
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चम्बल का इतिहास क्या हैं?ये वो नदी है जो मध्य प्रदेश की मशहूर विंध्याचल पर्वतमाला से निकलकर युमना में मिलने तक अपने 1024 किलोमीटर लम्बे सफर में तीन राज्यों को जीवन देती है।महाभारत से रामायण तक हर महाकाव्य में दर्ज होने वाली चम्बल राजस्थान की सबसे लम्बी नदी है। श्रापित और दुनिया के सबसे खतरनाक बीहड़ के डाकुओं का घर माने जाने वाली चम्बल नदी मगरमच्छों और घड़ियालों का गढ़ भी मानी जाती है। तो आईये आज…

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*કાના તારી મોરલીએ મારું મન મોહ્યું ( એક સત્ય ઘટના) …**ઇટાલીના સરમુખત્યાર મુસોલિનીની આત્મકથામાં પડેલો આ પ્રસંગ વાંચીને દરેક ભારતવાસી પોતાની પ્રાચીન સંસ્કૃતિ માટે ગૌરવનો અનુભવ કરી શકે તેમ છે.**ભારતના મહાન સંગીતકાર ઓમકારનાથ ઠાકુર એ દિવસોમાં ઇટાલીના પ્રવાસે ગયેલા. **ભારતના એ મહાન સંગીતજ્ઞના માનમાં મુસોલિનીએ એક ભોજન સમારંભનું આયોજન કરેલ. **આ રાજકીય ભોજન સમારંભમાં ઓમકારનાથ ઠાકુરની સાથે ઇટાલીમાં વસેલા…
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