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#संतरामपालजीमहाराज_की_अजब_पहल
Mission Of Sant RampalJi
नशा मुक्त समाज का निर्माण: संत रामपाल जी महाराज ने लाखों लोगों को नशे की लत से मुक्ति दिलाकर एक स्वस्थ और नशा-मुक्त समाज की नींव रखी है।

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#AnnapurnaMuhimBySantRampalJi #PollOfTheDay संत रामपाल जी महाराज जी की अन्नपूर्णा मुहिम का मुख्य उद्देश्य क्या है?

A) गरीबों को शिक्षा प्रदान करना
B) गरीबों को मकान बनाकर देना
C) गरीबों को भोजन, कपड़ा, शिक्षा, मकान और चिकित्सा प्रदान करना
D) सभी
अपना उत्तर कमेंट अवश्य करें 🙏
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EP- 326 | खारिया, पाली, राजस्थान | Annapurna Muhim से हमारी सभी जरूरतें ...
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#संतरामपालजीमहाराज_की_अजब_पहल
प्राकृतिक आपदाओं में सहायता: चाहे बाढ़ हो, भूकंप हो या महामारी, संत रामपाल जी महाराज और उनके अनुयायी हमेशा जरूरतमंदों की सहायता के लिए अग्रणी रहते हैं, त्वरित राहत और सहयोग प्रदान करते हैं।
Mission Of Sant RampalJi

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#आध्यात्मिक_ज्ञान_चर्चा
गीता सार
वास्तव में शाश्वत तो पूर्ण परमात्मा है। अध्याय 15 श्लोक 17
उत्तमः पुरुषः तु अन्यः परमात्मा इति उदाहृतः यः लोकत्रयम् आविश्य बिभर्ति अव्ययः ईश्वरः
हालाँकि, सर्वोत्तम परमात्मा तो कोई और है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सभी का पालन-पोषण करता हैं और उसे अमर परम ईश्वर कहते हैं।

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EP- 308 | रूपावास, पाली, राजस्थान | कैसे संत रामपाल जी ने बदल दी इन बच्च...
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श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 9 का श्लोक 23
ये, अपि, अन्यदेवताः, भक्ताः, यजन्ते, श्रद्धया, अन्विताः, ते, अपि, माम, एव, कौन्तेय, यजन्ति, अविधिपूर्वकम ।।२३।।
अनुवादः (कौन्तेय) हे अर्जुना (श्रद्धया) श्रद्धा से (अन्विताः) युक्त (अपि) भी (ये) जो (भक्ताः) भक्त (अन्यदेवताः) दूसरे देवताओं को (यजन्ते) पूजते हैं, (ते) वे (अपि) भी (माम्) मुझको (एव) ही (यजन्ति) पूजते हैं किंतु उनका वह पूजन (अविधिपूर्वकम्) अविधिपूर्वक अर्थात् शास्त्र विरूद्ध है। (23)
केवल हिन्दी अनुवादः
हे अर्जुन! श्रद्धा से युक्त भी जो भक्त दूसरे देवताओं को पूजते हैं, वे भी मुझको ही पूजते हैं किंतु उनका वह पूजन अविधिपूर्वक अर्थात् शास्त्र विरूद्ध है।
विशेष:-इसी का प्रमाण गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में कहा है कि जो शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना (अविधिपूर्वक) आचरण (पूजा) करता है वह न तो परमशान्ति को प्राप्त होता है, उसका न कोई कार्य सिद्ध होता है तथा न ही उसकी परमगति ही होती है अर्थात् व्यर्थ है।
@spiritual-knowlege @ishwar-raidas @taapsee @spiritualgateway @spiritualseeker777 @alkabirislamic @satlokashram @satlokashramnews-2015-blog @satlokashram1 @satlok @satlok-zone @godkabir @kabirgodsposts
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#श्रीमद्भगवद्गीता_का_यथार्थ_ज्ञान
गीता सार
गीता अध्याय 6 श्लोक 16
नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नतः । न चातिस्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन ।।16।।
इस श्लोक में गीता ज्ञान दाता ने योग अर्थात् सद्भक्ति करने वालों को अधिक खाने, व्रत करने, सदा जागने, अधिक शयन करने के लिए मना किया है। नियमित आहार और नियमित शयन करना चाहिए। जो निराहार रहते हैं। व्रत करते हैं वे परमात्मा के विधान को खंड करते हैं और मोक्ष से वंचित रह जाते हैं।

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#Great_Prophecies_2024
धरती पर अवतार संत रामपाल जी महाराज
हंगरी की महिला ज्योतिषी "बोरिस्का" के अनुसार
सन् 2000 ई. से पहले-पहले उग्र परिस्थितियों हत्या और लूटमार के बीच ही मानवीय सद्गुणों का विकास एक भारतीय फरिश्ते के द्वारा भौतिकवाद से सफल संघर्ष के फलस्वरूप होगा, जो चिरस्थाई रहेगा,
इस आध्यात्मिक व्यक्ति के बड़ी संख्या में छोटे-छोटे लोग ही अनुयायी बनकर भौतिकवाद को आध्यात्मिकता में बदल देगें।

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#Great_Prophecies_2024
चौंकाने वाली भविष्यवाणी
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की किताब सेंचुरी में लिखा है कि तीन ओर से सागर से घिरे द्वीप (हिन्दुस्तान देश) में उस महान संत का जन्म होगा। वह धार्मिक नेता (तत्वदर्शी सन्त) अपने धर्म बल अर्थात् भक्ति की शक्ति से सर्व राष्ट्रों को नतमस्तक करेगा। एशिया में उसे रोकना अर्थात् उसके प्रचार में बाधा करना पागलपन होगा। (शतक 1 श्लोक 50)

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#Great_Prophecies_2024
चौंकाने वाली भविष्यवाणी
नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की किताब सेंचुरी में लिखा है कि तीन ओर से सागर से घिरे द्वीप (हिन्दुस्तान देश) में उस महान संत का जन्म होगा। वह धार्मिक नेता (तत्वदर्शी सन्त) अपने धर्म बल अर्थात् भक्ति की शक्ति से सर्व राष्ट्रों को नतमस्तक करेगा। एशिया में उसे रोकना अर्थात् उसके प्रचार में बाधा करना पागलपन होगा। (शतक 1 श्लोक 50)
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कबीर, चहूँ दिस ठाढ़े सूरमा हाथ लिये तलवार । सबही यह तन देखता, काल ले गया मार ।।
कबीर परमेश्वर जी कहते है चारों ओर बड़े बड़े वीर हाथ में तलवार लिये सतर्क होकर खड़े थे किन्तु सबके देखते देखते काल आया और शरीर से प्राण निकाल कर अपने साथ ले गया
#सत_भक्ति_संदेश

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#सत_भक्ति_संदेश
सत का सौदा जो करें, दम्भ छल छिद्र त्यागै।
अपने भाग का धन लहै, परधन विष सम लागे।।
अपने जीवन में परमात्मा से डरकर सत्य के आधार से सर्व कर्म करने चाहिए , जो अपने भाग्य में धन लिखा है, उसी में संतोष करना चाहिए।
परधन को विष के समान समझो।

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#सत_भक्ति_संदेश
🙏🙏इबादत
करने वाले को सब बुराइयों से परहेज करना होता है, तब भक्ति में सफलता मिलती है।
↪️अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़िए पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा"........
#SantRampalJiMahraj

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सतलोक🙏🏼🌺🌺
भक्त भक्ति मार्ग में संघर्ष करते हुए भक्ति करके शरीर त्याग जाता है तो सतलोक सुख सागर में सदा के लिए सुखी हो जाता है।
#SatKabirVachan
#SaintRampalJi

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EP- 295 | उदेशी कुआं, पाली, राजस्थान | टीबी से जूझता परिवार—अन्नपूर्णा म...
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EP- 287 | चंदलाई बोर्ड, पाली, राजस्थान | अन्नपूर्णा मुहिम: मां-बच्चों की...
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