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#नशा_नाश_का_कारण_है
#newyear #happynewyear #newyearseve🌬️नशा करता है नाश
सौ नारी जारी करै, सुरापान सौ बार। एक चिलम हुक्का भरै, डूबै काली धार।।
सौ स्त्रियों से भोग करे और सौ बार शराब पीऐ, उसे जो पाप लगता है, वह पाप एक चिलम भरकर हुक्का पीने वाले को देने वाले को लगता है।

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#GodMorningTuesday
#noidagbnup16
दयाल कबीर परमात्मा दुखों का नाश करने वाले दर्वेश (महात्मा रूप में प्रकट होने वाले) दयालु हैं। - बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महाराज

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#नशा_नाश_का_कारण_है
नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है फिर शरीर का नाश हृदय है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंग हैं फेफड़े, लीवर, गुर्दे, हृदय। शराब सबसे प्रथम इन चारों अंगों को खराब करती है। इन सब से निजात पाने के लिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य सुनें।
देखें ➡️ प्रतिदिन साधना चैनल शाम 07:30 बजे।
Watch Sant Rampal Ji YouTube Channel.
📌अधिक जानकारी के लिए PlayStore से "Sant Rampal Ji Maharaj" App Download करें ।

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शराब के पीने से कैंसर जैसी भयानक बीमारियाँ होती हैं। इससे मनुष्य हरदम दुःखी होता है। नए नए रोग होते हैं नशे की वजह से।
#नशा_नाश_का_कारण_है
#newyear #happynewyear #newyearseve #instagood #happy #photography #winter #goals #party #photooftheday #newyears #art #january #family #travel #explore #trending #celebration #follow #fitness #holiday
✰हमें गुरु बनाना क्यों आवश्यक हैं?✰
अवश्य पढ़ें पवित्र सद्ग्रंथों पर आधारित संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक *ज्ञान गंगा*।
निःशुल्क पुस्तक प्राप्त करने हेतु अपना नाम, पूरा पता, और मोबाइल नंबर हमें व्हाट्सएप करें :

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ब्रह्मलोक में गए हुए प्राणी भी जन्म मरण में हैं, गीता जी का कौनसा अध्याय प्रमाणित करता है?
उत्तर कमेंट बॉक्स में बताएं
#bhagavadgita #geetagyan #QuizTime #quiztimechallenge #SANewsRajasthan

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श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 8 का श्लोक 3 में
गीता ज्ञान दाता ब्रह्म भगवान ने कहा है कि वह परम अक्षर ‘ब्रह्म‘ है जो जीवात्मा के साथ सदा रहने वाला है।
वह परम अक्षर ब्रह्म गीता ज्ञान दाता से अन्य है, #कुल_का_मालिक_एक वह कबीर परमात्मा हैं।

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#सतलोक_Vs_स्वर्ग
Immortal Place Satlok
🔹सतलोक Vs स्वर्ग
मोक्ष वह स्थान है जहाँ जन्म, मृत्यु और वृद्धावस्था का दुःख नहीं होता।
गीता अध्याय 8 श्लोक 16 के अनुसार, स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक में गए प्राणियों का भी पुनर्जन्म होता है।
वहीं, गीता अध्याय 18 श्लोक 62 के अनुसार, मोक्ष का स्थान सतलोक है जहाँ कोई कष्ट नहीं है बल्कि वहाँ परम शांति है।

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--> Releasing On 4th January 2025
-> सनातनी पूजा के पतन की कहानी संत रामपाल जी महाराज की जुबानी भाग-5
#announcement #SanatanPart5 #SantRampalJiMaharaj

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संत रामपाल जी महाराज का सपना है 'धरती ऊपर स्वर्ग' लाना।
उसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने लिखी है पुस्तक आप इसे जरूर पढ़ें।
'धरती ऊपर स्वर्ग
#FollowGuidanceOf_SantRampalJi

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2025 में अनहोनी से कैसे बचें? देखिए New Year Special Debate 30 दिसंबर, (सोमवार) शाम 5:00 बजे 📺 SA News Channel पर।

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#सतलोक_Vs_स्वर्ग
सतलोक में आत्मा को पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है, जो स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक में असंभव है। स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक की आत्माएं जन्म और मृत्यु के चक्र में बंधी रहती हैं।
Immortal Place Satlok

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#सतलोक_Vs_स्वर्ग
सतलोक में आत्मा को पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है, जो स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक में असंभव है। स्वर्गलोक और ब्रह्मलोक की आत्माएं जन्म और मृत्यु के चक्र में बंधी रहती हैं।
Immortal Place Satlok

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#सतलोक_Vs_स्वर्ग
सतलोक की विशेषता
सतलोक में आत्मा को सुख ही सुख मिलता है।
स्वर्ग में यह संभव नहीं।
Immortal Place Satlok

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#सतलोक_Vs_स्वर्ग
स्वर्ग Vs सतलोक
स्वर्ग में कर्मों के आधार पर सुख मिलता है।
सतलोक में जन्म-मृत्यु का चक्र समाप्त हो जाता है।
Immortal Place Satlok

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#GodMorningSunday
#noidagbnup16
पुण्य कर्म
संत रामपाल जी महाराज जी
शास्त्र विधि अनुसार भक्ति कर्म, दान, परमार्थ, भूखों को भोजन देना, असहाय की हर संभव सहायता, दया भाव रखना, अपने से दुर्बल से भी मित्र जैसा व्यवहार करना। परनारी को माता तथा बहन के भाव से देखना, सत्य बोलना, अहिंसा में विश्वास रखना, साधु-संतों, भक्तों की सेवा व सम्मान करना, माता-पिता तथा वृद्धों की सेवा करना आदि-आदि शुभ यानि पुण्य कर्म हैं।

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गीता वाला काल कौन?
गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन्! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ आपके मुख में समा रहे हैं। हे सहस्रबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं रख पा रहा हूँ।
#गीता_वाला_काल_कौन_है
#SantRampalJiMaharajYouTubeChannel
#bhagavadgita #gita #krishna #arjuna
#bhagawadgita #consciousness #vedanta
#reincarnation #meditation #lordkrishna #kaal #brahm #om #dailygita #sanatandharma
#SantRampalJiMaharaj

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#GodMorningSaturday
#noidagbnup16
शिक्षा संत रामपाल जी कबीर, मात पिता सो शत्रु हैं, बाल पढ़ावैं नाहिं। हंसन में बगुला यथा, तथा अनपढ़ सो पंडित माहीं ॥ भावार्थ- जो माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाते नहीं, वे अपने बच्चों के शत्रु हैं। अशिक्षित व्यक्ति शिक्षित व्यक्तियों में ऐसा होता है जैसे हंस पक्षियों में बगुला। यहाँ पढ़ाने का तात्पर्य धार्मिक ज्ञान कराने से है, सत्संग आदि सुनने से है। जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज

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