#1000 ड्रोन
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https://youtu.be/NiIdu0MnVmw 1000 DRONES
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Operation Sindoor Vidhwansak Rifles destroyed PAK posts bunkers 1000 rounds in one minutes 1800 meter range
[NEWS] ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी ठिकानों की तबाही के बाद पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया और इसी बौखलाहट में उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले करने की नाकाम कोशिश की. 8-10 मई को उसने भारत के अलग-अलग शहरों के सैन्य ठिकानों और सिविलियन एरिया में 413 ड्रोन और 860 मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ��े मुंह तोड़ जवाब दिया और उसकी सारी कोशिशें नाकाम कर दीं. ऑपरेशन सिंदूर में बॉर्डर…
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(via "Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की "Ayodhya: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की दो नई तस्वीरें आईं सामने, देखें कितना हो चुका निर्माण 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं पर मंदिर का भूमि पूजन किया था. इसी गर्भगृह के नक्काशी युक्त छत के नीचे भव्य सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे. मंदिर का गर्भ गृह सफेद संगमरमर के 6 खंभों पर टिका है, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन के हैं." "अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की नई तस्वीरें सामने आई हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की दो तस्वीरें जारी की हैं. पहली तस्वीर में नजर आ रहा है कि भूतल के बाद मंदिर के प्रथम तल ने भी आकार लेना शुरू कर दिया है. प्रथम तल पर खंभे भी खड़े हो चुके हैं. ड्रोन से ली गईं तस्वीरों में दिखता है कि प्रथम तल पर खड़े हुए खंभों की ऊंचाई लगभग 10 फीट है.माना जा रहा है कि जनवरी 2024 में जब रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के भूतल में स्थित गर्भ गृह में होगी उस समय तक प्रथम तल की छत भी पड़ चुकी होगी और वहां की साज-सज्जा पर काम चल रहा होगा. जबकि दूसरी तस्वीर मंदिर के चारों तरफ बना रहे कॉरिडोर को प्रदर्शित करती है. 170 खंभों पर खड़ा होगा भूतल" "श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूतल 170 खंभों पर खड़ा है, जिसमें देवी-देवताओं की खूबसूरत नक्काशी की जा रही है. बताया गया है कि यह नक्काशी का काम काफी बारीक है इसलिए इसे पहले से इन खंभों पर नहीं किया जा सकता था. इसके अलावा मंदिर की दीवारों और छतों पर भी खूबसूरत नक्काशी की गई है."सफेद मार्बल से बने गर्भ गृह की दीवारों और छत पर खूबसूरत और बारीक नक्काशी दिखाई देगी. यह वही स्थान है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसी स्थान पर 1949 में रामलला प्रकट हुए थे. इसीलिए रामलला के अस्थाई मंदिर में जिस तरह पूजा-अर्चना होती है वैसे ही यहां पर मूर्ति स्थापित होने के बाद भी लगातार होती चली आ रही है.5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं पर मंदिर का भूमि पूजन किया था. इसी गर्भगृह के नक्काशी युक्त छत के नीचे भव्य सिंहासन पर रामलला विराजमान होंगे. मंदिर का गर्भ गृह सफेद संगमरमर के 6 खभों पर टिका है, जबकि बाहरी खंभे पिंक सैंड स्टोन के हैं. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में उनके जन्मोत्सव के समय यहीं पर दोपहर 12 बजे सूर्य की किरण कुछ देर के लिए रामलला के ललाट पर भी पड़ेंगी." जनवरी 2024 से पुजारी और सेवादारों सरकारी कर्मचारियों की तरह अवकाश, आवास भत्ता, चिकित्सा भत्ता, यात्रा के साथ ही खाने-पीने का भत्ता भी मिलेगा. इस बारे में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सभी पुजारियों और सेवादारों को जानकारी दे दी गई है.बनाए जा रहे हैं अतिरिक्त मंदिरश्रीराम जन्मभूमि मंदिर के अलावा परिसर में पांच अन्य मंदिर भी बन रहे हैं. लिहाजा मुख्य मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और अन्य मंदिरों के लिए अतिरिक्त पुजारियों और सेवादारों की आवश्यकता होगी, जिनकी नियुक्ति दिसंबर 2023 तक कर ली जाएगी. जनवरी 2024 में यह सभी अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे. इस तरह बढ़ा पुजारियों और सेवादारों का वेतन सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या विवाद का फैसला आने के पहले सारी व्यवस्था रिसीवर के हाथ में थी. ��योध्या मंडल के पदेन कमिश्नर ही रिसीवर नियुक्त होते थे. इसलिए टेंट में मौजूद रामलला के मंदिर की सारी व्यवस्था, भोग राग और खर्च संबंधी सभी निर्णय रिसीवर के द्वारा ही होता था.साल 2019 में हुई थी वेतन में वृद्धिअगस्त 2019 में तत्कालीन रिसीवर मंडल आयुक्त मनोज मिश्रा ने रामलला के पूजन अर्चन और भोगराग की राशि के साथ पुजारियों और सेवादारों के वेतन में वृद्धि की थी. इसमें मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के वेतन में 1000 रुपए की वृद्धि करते हुए 13 हजार रुपए, जबकि सहायक पुजारी के वेतन में 500 रुपए की वृद्धि करते हुए 7 हजार रुपए कर दिया गया था. इसके बाद भी वेतन में वृद्धि होती रही, लेकिन यह बहुत सीमित रही.सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सारी व्यवस्था श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हाथ में आ गई. इसी के बाद वेतन की बढ़ोतरी का सबसे बड़ा तोहफा अप्रैल 2023 में मिला था. जिसमें सेवादार कर्मचारियों का वेतन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 8 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर दिया था.इसी तरह सहायक पुजारियों के वेतन को 9840 से बढ़ाकर 20 हजार कर दिया गया था, जबकि मुख्य पुजारी का वेतन 15520 से बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया. वहीं कोठरी, भंडारी जैसे कर्मचारियों का वेतन सीधे 15 हजार कर दिया गया. साल 2023 में मिले इस बड़े तोहफे के बाद अब जनवरी 2024 से सरकारी कर्मचारियों की सुविधाओं का बड़ा तोहफा भी मिलने जा रहा है. मुख्य पुजारी ने जताई खुशीश्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि रामलला के कर्मचारी और पुजारी उनको ही सुविधाएं दी जाएंगी. जो सरकारी कर्मचारियों को सुविधा मिलती है उसे विशेषकर स्वास्थ्य के संबंधी है उनकी चिकित्सा और कुछ अवकाश उसके बाद आना जाना और अन्य जो भी सुविधाएं हैं सभी प्रदान किया जाएगा.हमारे यहां मैं मुख्य पुजारी और 4 सहायक पुजारी हैं, 4 कर्मचारी हैं. उन सभी को या सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. ऐसा ट्रस्ट ने निश्चय किया है. ट्रस्ट के माध्यम से जो निश्चय किया है. उससे हम सभी में बड़ी प्रसन्नता है. हर शहर की जो सुविधा राज्य कर्मचारियों को मिलती है वह सुविधा जो यहां पुजारी है और कर्मचारी है उनको भी ट्रस्ट के माध्यम से दिया जाएगा. यह बड़ी प्रसन्नता की बात है. हमने एक भंडारी एक कोठारी की मांग की है क्योंकि यह दोनों बहुत जरूरी हैं. पुजारी की व्यवस्था है ही, लेकिन जब भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो जाएंगे तब अधिक पुजारियों की और कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी" नई तस्वीरें आईं सामने, देखें कितना हो चुका निर्माण)
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सऊदी अरब पर ईरान कर सकता है हमला, खुफिया रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिकी सेना हाई अलर्ट पर
वॉशिंगटन: सऊदी अरब ने अमेरिका के साथ खुफिया जानकारी साझा की है, जिसमें कहा गया है कि ईरान सऊदी में कई टार्गेट पर हमला कर सकता है। इस जानकारी के सामने आते ही खाड़ी देशों में मौजूद अमेरिकी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सऊदी और अमेरिकी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। अधिकारियों ने कहा खुफिया जानकारी के जवाब में सऊदी अरब, अमेरिका और कई अन्य पड़ोसी देशों ने अपने सैन्य बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ा दिया है। सऊदी को किस तरह की जानकारी मिली है, इसके बारे में अधिकारियों ने नहीं बताया। सऊदी के अधिकारियों का कहना है कि सितंबर से ही ईरान में प्रदर्शन चल रहे हैं। घरेलू कलह से ध्यान हटाने के प्रयास में सऊदी और इराक पर हमला करने की तैयारी कर रहा है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा कि वह इन चेतावनियों के बारे में चिंतित हैं और अगर ईरान ने हमला किया तो वह जवाब देने के लिए तैयार हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, 'हम खतरे को लेकर चिंतित हैं। खुफिया चैनलों के माध्यम से हम लगातार सऊदी के संपर्क में हैं। हम मिडल ईस्ट में अपने हितों और भागीदारों की रक्षा से संकोच नहीं करेंगे।' सितंबर में ईरान ने इराक पर किया था हमलासितंबर के अंत में ईरान ने दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइल और आर्म्ड ड्रोन के जरिए उत्तरी इराक पर हमला किया है। एक ड्रोन को अमेरिकी युद्धक विमान ने मार गिराया था, क्योंकि वह अरबील शहर की ओर बढ़ रहा था जहां अमेरिकी सेना का बेस है। ईरानी अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से सऊदी अरब पर अमेरिका और इज़रायल के साथ देश में प्रदर्शनों को भड़काने का आरोप लगाया है। पिछले महीने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर ने सऊदी अरब को विरोध प्रदर्शन की टीवी कवरेज पर लगाम लगाने के लिए चेतावनी दी थी। कमांडर ने दी थी धमकीकमांडर ने कई फारसी टीवी चैनलों पर लगाम लगाने को कहा था, जिसमें सऊदी के समर्थन वाला ईरान इंटरनेशनल भी शामिल था। ईरान इंटरनेशनल लंदन में स्थित है और ईरानी लोगों के बीच लोकप्रिय है। मेजर जनरल हुसैन सलामी ने कहा था, 'यह हमारी आखिरी चेतावनी है क्योंकि आप इन मीडिया के माध्यम से हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।' ईरान के सरकारी मीडिया IRNA के मुताबिक ईरान इंटरनेशनल लंदन में सऊदी अरब द्वारा गठित एक नेटवर्क है जो पूरी तरह से ईरान के खिलाफ काम करता है। ईरान में इस समय हिजाब से जुड़ा प्रदर्शन चल रहा है, जिसमें 200 लोगों की मौत हो गई है। लगभग 1000 को गिरफ्तार किया गया है। http://dlvr.it/Sc4GLM
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राजस्थान-सरकार किसानों के लिए 1000 ड्रोन खरीदेगी| सरकार की मदद वाले ड्रोन से किसान बहुत ही कम समय मे
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राजस्थान कृषि बजट समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये है अगला प्लान

4 लाख किसानों पर खर्च होंगे 1705 करोड़ रु.
ड्रिप इरिगेशन से फसल उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य तय
किसानों को मिलेगा फायदा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में खेती-किसानी की स्थिति पर चर्चा की। सीएम गहलोत ने राजस्थान जैसे मरुस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन को ही सिंचाई के लिए एक दीर्घकालिक समाधान बताया। उन्होंने ड्रिप इरिगेशन से फसल पैदावार बढ़ने की बात कही।
उन्होंने कहा कि, किसानों का रुझान ड्रिप इरिगेशन की ओर बढ़ा है। राजस्थान सरकार इसके उपयोग के प्रति जागरूकता प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
ड्रिप इरिगेशन (Drip irrigation या trickle irrigation या micro irrigation या localized irrigation), सिंचाई की ऐसी विधि है, जिससे पानी और खाद की भरपूर बचत की जा सकती है।
ये भी पढ़ें: ड्रिप सिंचाई यानी टपक सिंचाई की संपूर्ण जानकारी
कृषि बजट में प्रावधान –
राजस्थान सरकार ने ड्रिप इरिगेशन के उपयोग को राज्य में अमल में लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। सीएम ने बताया कि, सरकार ने बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य पूर्ति के लिए 1705 करोड़ रुपए का प्रावधान कृषि बजट में किया गया है।
सिंचाई संयंत्र की उपलब्धता
सीएम गहलोत ने कहा कि, राजस्थान प्रदेश के 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए सरकार कृत संकल्पित है। इसके लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के तहत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति जारी कर दी गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक में इस बारे में जानकारी प्रदान की।
जलसंचय अभियान
राजस्थान में कम पानी की स्थिति के कारण जलसंचय के लिए खास प्रबंध किए जा रहे हैं। राज्य में पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए अब तक 9,738 फार्मपोंड व 1,892 डिग्गियां बनाने के लिए इजाजत दी जा चुकी है।
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सोलर पंप वर्क ऑर्डर
राज्य सरकार के अनुसार सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 किसानों को वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। इन सोलर पंप्स पर सरकार ने 61.58 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की है।
75 फीसदी सब्सिडी
सिंचाई में प्रयुक्त होने वाले पानी की बचत को बढ़ावा देने के मामले मेें राजस्थान सरकार संवेदनशील नजर आ रही है। प्रदेश सरकार की ओर से सिंचाई के पानी की बचत संबंधी योजनाओं पर लगभग 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।
ड्रोन की तैयारी
बैठक में बताया गया कि, राजस्थान सरकार 40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन खरीदेगी। यह ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
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ये काम करेगा ड्रोन
सीएम ने उम्मीद जताई कि, राज्य सरकार द्वारा खरीद कर वितरित किए जाने वाले ड्रोन से प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके के साथ ही कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव संभव हो सकेगा। इससे न केवल फसल की कम लागत में रक्षा होगी बल्कि किसान की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
सीएम गहलोत ने राज्य में कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लघु और सीमांत किसानों तक पहुंचाने के लिए किसान हितैषी कृषि प्रावधान करने के निर्देश बैठक में दिए।
फल-मसालों पर जोर
मुख्यमंत्री ने राजस्थान बागवानी विकास मिशन के तहत फलों व मसालों की खेती पर फोकस करने के लिए निर्देशित किया। राज्य में करीब 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती व 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य तय किया गया है।
बगीचों पर ग्रांट बढ़ाई
राजस्थान सरकार द्वारा फल बगीचों की स्थापना एवं विस्तार के लिए ग्रांट प्रदान करने की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है। इसके तहत प्राप्त आवेदनों को स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया प्रदेश में जारी है।
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टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति
राजस्थान में खजूर की खेती के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने खजूर बगीचा स्थापना तथा टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति के लिए अनुदान देना शुरू किया है।
राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किसानों से ऋणमाफी, किसान ऊर्जा मित्र योजना, फसल सुरक्षा, मशीनरी खरीद आदि के लिए अनुदान से जुड़ी योजनाओं का अधिक से अधिक फायदा उठाने की अपील की है।
source राजस्थान कृषि बजट समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये है अगला प्लान
#drip irrigation#ड्रिप इरिगेशन#ड्रिप इरिगेशन से फसल उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य#राजस्थान राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक
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jharkhand-ED-action-झारखंड में इडी की बड़ी कार्रवाई, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार के खनन कार्यों पर दबिश, 45 करोड़ के स्टोन चिप्स जब्त, पंकज मिश्रा से हुए खुलासा के आधार पर भी कई कार्रवाई, 1000 करोड़ का हो सकता है यह घोटाला
jharkhand-ED-action-झारखंड में इडी की बड़ी कार्रवाई, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार के खनन कार्यों पर दबिश, 45 करोड़ के स्टोन चिप्स जब्त, पंकज मिश्रा से हुए खुलासा के आधार पर भी कई कार्रवाई, 1000 करोड़ का हो सकता है यह घोटाला
साहिबगंज : अवैध पत्थर खनन व परिवहन की जांच कर रही ईडी की टीम चौथे दिन गुरुवार को भी साहिबगंज में जमी हुई है. टीम गुरुवार की सुबह मिजार्चौकी पहुंची और ड्रोन कैमरे से खदानों का सर्वे शुरू की. दुर्गम इलाका होने व नेटवर्क न होने से ईडी के अधिकारियों को थोड़ी परेशानी भी हो रही है. टीम पकड़िया, दामिनभिट्ठा व सुंदरे मौजा की तस्वीर ड्रोन से ले रही है. पैदल ही अधिकारी इन पहाड़ों की खाक छान रहे हैं. ईडी की ओर…

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मंगलवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। राज्य सरकार प्रदेश में किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए हमने पहली बार अलग से कृषि बजट प्रस्तुत किया। हमारी पूरी कोशिश है कि कृषि बजट में की गई घोषणाओं की क्रियान्विति सुनिश्चित कर इन्हें धरातल पर उतारा जाए।
राज्य में ऐसे कृषि प्रावधान किए जाने चाहिए जिससे कृषि संबंधित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लघु और सीमांत किसानों को मिल सके। योजनाओं का प्रदेश में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाकर प्रक्रियात्मक पारदर्शिता में वृद्धि करने के भी निर्देश दिए।
यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि ड्रिप इरिगेशन से उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। राजस्थान जैसे मरूस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन ही सिंचाई हेतु एक दीर्घकालिक समाधान है। किसानों का इस तरफ रूझान बढ़ा है। सरकार इसके उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभांवित करने के लिए 1705 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के अंतर्गत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने के लिए स्वीकृति जारी कर दी गई है। इसी क्रम में बजट में घोषित 825 करोड़ की सब्सिडी के अंतर्गत अब तक 9,738 फार्मपौण्ड व 1,892 डिग्गियों के निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की जा चुकी है। वहीं, किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 कार्य आदेश जारी किए जा चुके हैं। इन सोलर पंपों पर सरकार द्वारा 61.58 करोड़ का अनुदान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा सिंचाई में पानी की बचत वाली स्कीमों पर लगभग 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इन योजनाओं के प्रति किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार व प्रगतिशील किसानों का प्रशिक्षण करवाया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि 40 करोड़ की लागत से 1000 ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाने का कार्य किया जा रहा है। इससे किसान प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके से कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकेंगे, जिससे फसल की रक्षा हो सकेगी एवं कम लागत से उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
राज्य में खरीफ की फसल के लिए खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा इन्हें किसानों को उपलब्ध कराए जाने के लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री बीज स्वाबलंबन योजना के अंतर्गत खरीफ फसलों के बीजों का वितरण बड़े स्तर पर किया गया है। लघु एवं सीमांत किसानों को 10 लाख बाजरा मिनीकिट्स एवं 2 लाख सूक्ष्मतत्व व जैव कीटनाशक किट का वितरण शुरू किया जा चुका है। राज्य में 0.49 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 0.37 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक ��ंडारित किया जा चुका है। इस वर्ष अभी तक मानसून सामान्य रहने से 11 जिलों में सामान्य वर्षा एवं 22 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है तथा राज्य में 76 प्रतिशत बुवाई का कार्य किया जा चुका है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 29 कृषि महाविद्यालय हेतु अस्थायी भवन की व्यवस्था एवं भूमि आवंटन की कार्यवाही जारी है। ये कृषि महाविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित होंगे। वहीं देवली, टोंक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि किसानों को उन्नत किस्मों के बीज सस्ती दर पर उपलब्ध कराए जाएं। कृषि में नवाचार कर रहे किसानों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाए। उन्नत खेती तकनीकों का डेमों शहरों के प्रमुख स्थानों पर करवाकर किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के तहत ग्रीन हाउस, शेडनेट, लॉटनल, प्लास्टिक मल्चिंग आदि तकनीकों के उपयोग के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। 12,500 किसान इस योजना से लाभांवित हो चुके हैं। जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण हेतु सभी संभागों में 15 करोड़ की लागत से लैब बनाने के लिए डीपीआर करवाई जा रही है। वहीं ऑर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सभी संभाग मुख्यालयों पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर माइक्रो इरिगेशन की स्थापना हेतु कार्य प्रगति पर है।
लघु व सीमांत किसानों का हित सरकार की प्रत्येक कृषि योजना के केन्द्र में है। राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के अंतर्गत 12 लाख लघु व सीमांत किसानों को 78 करोड़ की लागत से बीज मिनीकिट्स के वितरण का कार्य किया जा रहा है। राजस्थान कृषि बीज स्वाम्बलन योजना से राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के अंतर्गत महंगे यंत्रों और उपकरणों की खरीद पर 108.80 करोड़ रूपए अनुदान दिया जा रहा है। वर्तमान में संचालित 371 कस्टम हायरिंग केन्द्रों से सस्ती दरों पर किसानों को ट्रेक्टर, थ्रेशर, रोटोवेटर आदि कृषि यंत्र व उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे है। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि, आदान लागत में कमी तथा कम समय में अधिक कार्य करने के साथ-साथ किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। प्याज भंडारण केन्द्रों कर किसानों को प्याज, लहसुन आदि फसलों के लिए निःशुल्क भंडारण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि उन्हें अपनी उपज कम दाम पर ना बेचनी पड़े। राजस्थान फसल सुरक्षा योजना के अंतर्गत तारबंदी के लिए किसानों को 125 करोड़ रूपए के अनुदान दिया जा रहा है। योजना से लाभांवितों में आवश्यक रूप से 30 प्रतिशत लघु व सीमांत किसान होने का प्रावधान किया गया है। सभी योजनाओं में लघु व सीमांत किसानों का अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है।
राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन के तहत फलों व मसालों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती व 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य निर्धारण कर कार्य किया जा रहा है। फल बगीचोें की स्थापना के लिए अनुदान सीमा 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है। योजना अंतर्गत आवेदन प्राप्त कर स्वीकृति प्रदान करने का कार्य जारी है। साथ ही खजूर की खेती को प्रोत्साहन देने केे लिए सरकार द्वारा खजूर बगीचा स्थापित करने तथा टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति हेतु अनुदान दिया जा रहा है।
कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में किसानों के हित में एक से बढ़कर एक फैसले लिए जा रहे हैं। इनमें किसानों की ऋणमाफी, किसान ऊर्जा मित्र योजना के तहत बिजली बिल में छूट, तारबंदी के लिए अनुदान, मशीनरी खरीद के लिए अनुदान सहित कई अहम निर्णय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रस्तुत कृषि बजट की घोषणाओं को पूरा करने के लिए सभी विभागीय अधिकारी पूरी मेहनत एवं एकजुटता के साथ कार्य करें।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख सचिव कृषि श्री दिनेश कुमार, उद्यानिकी आयुक्त श्री चेतन राम देवड़ा एवं कृषि आयुक्त श्री काना राम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह, 1000 ड्रोन से जगमग हुआ आसमान
विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह, 1000 ड्रोन से जगमग हुआ आसमान
दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का समापन हो गया है. इस बार ‘ड्रोन शो’ आकर्षण का केंद्र रहा. ड्रोन शो 10 मिनट का था. इस ड्रोन शो के दौरान बैकग्राउंड में कई म्यूजिक भी चला. ‘ड्रोन शो’ में 1,000 ड्रोन को शामिल किया गया था. Source link

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आसमान में 1000 ड्रोन ने दिखाया 'भारत दर्शन'- VIDEO देख चकित हो जाएंगे आप
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गणतंत्र दिवस के मौके पर एक वीडियो बहुत ही तेज़ी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कई ड्रोन्स आपस में मिलकर बेहतरीन नज़ारा पेश कर रहे हैं. इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इस तरह के दृश्य देखने को मिले हैं. जानकारी के मुताबिक, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और राष्ट्रपति भवन को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया. साथ ही साथ राष्ट्रपति भवन में शाम को ड्रोन ने अलग-अलग आकृतियां बनाई और…

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कुछ खास होगी इस साल की बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी, विजय चौक पर 1000 ड्रोन करेंगे शक्ति प्रदर्शन
कुछ खास होगी इस साल की बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी, विजय चौक पर 1000 ड्रोन करेंगे शक्ति प्रदर्शन
Beating Retreat Ceremony 2022: इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के बाद 29 जनवरी को होने वाली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के दौरान विजय चौक पर 1000 ड्रोन का शो होगा. ये ड्रोन शो आईआईटी दिल्ली की मदद से किया जा रहा है. अभी तक सिर्फ तीन देशों के पास ही ऐसी क्षमता है– जिसमें अमेरिका, रूस और चीन जैसे देश शामिल है. दरअसल, हर वर्ष गणतंत्र दिवस के बाद 29 जनवरी की शाम को ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी का आयोजन किया…

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चीन के रास्ते पर म्यांमार आर्मी: लोकतंत्र समर्थकों को दबाने के लिए ड्रोन और स्पायवेयर का इस्तेमाल; 30 दिन में 25 प्रदर्शनकारी मारे गए
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Hindi News International Myanmar Military Coup, Protests Latest News And Updates; 25 People Killed, Over 1000 Detained Including Daw Aung San Suu Kyi Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप वॉशिंगटन/नेपितॉ14 मिनट पहले कॉपी लिंक म्यांमार की सेना आंदोलकारियों के खिलाफ घातक हथियारों और सर्विलांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार के…

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स्काई एयर मोबिलिटी ने 1000 ड्रोन डिलीवरी को सफलता से पूरा किया, CEO ने बताया आगे का प्लान
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बॉर्डर की किलेबंदी में जुटा इजरायल, रोबोट स्नाइपर और सुसाइड ड्रोन की घातक फौज तैनात की Divya Sandesh
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बॉर्डर की किलेबंदी में जुटा इजरायल, रोबोट स्नाइपर और सुसाइड ड्रोन की घातक फौज तैनात की
इजरायल ने ईरान और सीरिया से जारी तनाव के बीच अपने बॉर्डर्स पर रोबोट स्नाइपर्स और सुसाइड ड्रोन की पूरी फौज तैनात कर दी है। ये ड्रोन कई किलोमीटर दूर बैठे अपने लक्ष्य को पलक झपकते उड़ा सकता है। वहीं, रोबोटिक स्नाइपर रात के अंधेरे में भी बॉर्डर के करीब घुसपैठ करने वालों को सबक सिखाने में सक्षम है। इन हथियारों को इजरायली बॉर्डर के कई इलाकों में तैनात किया गया है। गाजा पट्टी से हमास के लड़ाके अक्सर विस्फोटकों से भरे बैलून को इजरायल की तरफ उड़ाते रहते हैं। यह रोबोटिक स्नाइपर ऐसे बैलूनों को पलक झपकते मारकर गिरा सकता है। हालांकि, इन हथियारों की तैनाती को लेकर इजरायल को कई मानवाधिकार संगठनों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। हाल के कुछ साल में इजरायल ने ड्रोन और रोबोटिक टेक्नोलॉजी में बड़ा निवेश किया है। जिसकी मदद से उसने कई ऐसे हथियार बनाए हैं जो दुनिया में किसी और देश के पास नहीं हैं।इजरायल ने ईरान और सीरिया से जारी तनाव के बीच अपने बॉर्डर्स पर रोबोट स्नाइपर्स और सुसाइड ड्रोन की पूरी फौज तैनात कर दी है। ये ड्रोन कई किलोमीटर दूर बैठे अपने लक्ष्य को पलक झपकते उड़ा सकता है। वहीं, रोबोटिक स्नाइपर रात के अंधेरे में भी बॉर्डर के करीब घुसपैठ करने वालों को सबक सिखाने में सक्षम है। इन हथियारों को इजरायली बॉर्डर के कई इलाकों में तैनात किया गया है।इजरायल ने ईरान और सीरिया से जारी तनाव के बीच अपने बॉर्डर्स पर रोबोट स्नाइपर्स और सुसाइड ड्रोन की पूरी फौज तैनात कर दी है। ये ड्रोन कई किलोमीटर दूर बैठे अपने लक्ष्य को पलक झपकते उड़ा सकता है। वहीं, रोबोटिक स्नाइपर रात के अंधेरे में भी बॉर्डर के करीब घुसपैठ करने वालों को सबक सिखाने में सक्षम है। इन हथियारों को इजरायली बॉर्डर के कई इलाकों में तैनात किया गया है। गाजा पट्टी से हमास के लड़ाके अक्सर विस्फोटकों से भरे बैलून को इजरायल की तरफ उड़ाते रहते हैं। यह रोबोटिक स्नाइपर ऐसे बैलूनों को पलक झपकते मारकर गिरा सकता है। हालांकि, इन हथियारों की तैनाती को लेकर इजरायल को कई मानवाधिकार संगठनों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। हाल के कुछ साल में इजरायल ने ड्रोन और रोबोटिक टेक्नोलॉजी में बड़ा निवेश किया है। जिसकी मदद से उसने कई ऐसे हथियार बनाए हैं जो दुनिया में किसी और देश के पास नहीं हैं।दुनियाभर में रोबोटिक हथियारों की बढ़ी डिमांडइजरायल के हेरोप सुसाइड ड्रोन, रॉबेल व्हील बैटलफील्ड रोबोट और ऑटोमेटिक बॉर्डर कंट्रोल मशीनगन ने इजरायल की सुरक्षा को कई गुना बढ़ाया है। यही कारण है कि स्थापना के बाद से अरब देशों के कई हमले झेल चुके इजरायल पर अब कोई भी देश आक्रमण करने की सोचता भी नहीं है। वर्तमान समय में पूरी दुनिया में हथियारों को उन्नत और ऑटोमेटिक बनाने को लेकर तरह तरह की तकनीकों का विकास किया जा रहा है। हर देश चाहता है कि युद्ध के दौरान उसकी सेना के जवान कम से कम घायल हों या मारे जाएं। यही कारण है कि रोबोटिक हथियार और ड्रोन्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच पिछले साल हुए युद्ध में भी ड्रोन का बड़े पैमाने पर उपयोग देखा गया था। जिसके बाद से पूरी दुनिया में ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर एक विशेष तेजी देखी गई।घुसपैठियों को देखते ही मार गिराएगा रोबोट स्नाइपरइजरायल ने गाजा सीमा पर कई टॉवरों पर ऑटोमेटिक रोबोट स्नाइपर गन को तैनात किया है। .5 कैलिबर की ये मशीनगन अपने रेंज में आने वाले दुश्मन को पलक झपकते खत्म कर सकती है। यह मशीनगन सैमसन रिमोट कंट्रोल वेपन सिस्टम पर आधारित है। जिसमें लगे सेंसर ऑटोमेटिक अपने लक्ष्य को ढूंढ सकता है। दूर सुरक्षित दूरी पर बैठा ऑपरेटर इस मशीन के जरिए सीमा पर घुसपैठियों को दिन या रात दोनों समय आसानी से शूट कर सकता है। इन्हें वर्तमान में अलार्म सेंसर वाले स्टील के दरवाजों वाले केबिन में सेट किया जा रहा है।युद्धक्षेत्र में सुसाइड ड्रोन की ताकत से दुनिया हैरानसुसाइड ड्रोन्स गाइडेड मिसाइल और ड्रोन टेक्नोलॉजी से मिलकर बने होते हैं। ये ड्रोन दुश्मन के क्षेत्र में अंदर तक घुसपैठ करने की क्षमता भी रखते हैं। साइज में छोटे और वजन में हल्के होने के कारण अधिकतर रडार इनका सिग्नेचर पकड़ नहीं पाते हैं। इन ड्रोन्स के अंदर बड़ी मात्रा में विस्फोटक भरा होता है। अगर इन्हें लक्ष्य नहीं मिला तो ये वापस बेस पर लौट आते हैं, लेकिन अगर इन्हें हमला करना होता है तो खुद को लक्ष्य से लड़ाकर उसे बर्बाद कर देते हैं। ऐसे हमले में ये ड्रोन पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं। इजरायल के हेरोप ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय सेना भी करती है।बेहद घातक है इजरायली हेरोप ड्रोनइजरायली Harop Kamikaze Drones को कई नाम से जाना जाता है। इसे हीरो-120 या किलर ड्रोन भी कहा जाता है। इसे इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्री के एमबीटी डिविजन ने विकसित किया है। इस ड्रोन का उपयोग अजरबैजान की सेना 2016 की झड़प के दौरान भी कर चुकी है। इस ड्रोन में अलग से कोई मिसाइल नहीं होती है, बल्कि यह ड्रोन खुद में एक मिसाइल है। इसमे लगा हुआ एंटी-रडार होमिंग सिस्टम दुश्मन के रडार को भी जाम कर सकता है। जिससे अगर कोई इस मार नहीं गिराता या अगर इसे अपना लक्ष्य नहीं मिलता है तो यह वापस अपने बेस पर आ जाएगा। लेकिन, अगर इसे अपना लक्ष्य दिख गया तो यह ड्रोन उससे टकराकर खुद को उड़ा लेगा।1000 किमी तक भर सकता है उड़ानइजरायली Harop ड्रोन एक बार में 6 घंटे की उड़ान भर सकता है। इसे बेस स्टेशन से 1000 किलोमीटर की दूरी तक ऑपरेट किया जा सकता है। इसका समुद्र या जमीन पर टोही गतिविधियों या दुश्मन के खिलाफ मिसाइल के रूप में उपयोग किया जा सकता है। यह ड्रोन पहले से तय प्रोग्रामिंग के हिसाब से खुद उड़ान भर सकता है या फिर ऑपरेटर भी इसके निर्धारिक रास्ते को बदल सकता है। इसमें मौजूद इलेक्ट्रो-ऑप���टिकल सेंसर के जरिए बेस पर मौजूद ऑपरेटर अपने निशाने को चुन सकता है।
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