#specialtaskforce
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alanstudios · 1 year ago
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In promotion of my new upcoming original comic strip, Red Band Raiders, I created a list filled with Movie and TV Shows that inspired the webcomic! It is a compilation made by me.
Disclaimer: I do NOT own anything, the listed images and all rights belong to their rightful and respective owners.
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icnnetwork · 1 year ago
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#UP STF ने एनकाउंटर में ढेर किया 1 लाख का इनामी बदमाश, 35 मुकदमे थे दर्ज
#Uppolice #UPGovt #UPSTF #SpecialTaskForce #LawAndOrder
#IndiaCoreNews
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iraysmediasblog · 4 years ago
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A special task force of 8 persons for the treatment of Covid in children https://bit.ly/2SHHQrJ
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forestsindia · 4 years ago
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Leopard skin seized from Madhya Pradesh https://www.forests.in/latest/leopard-skin-seized-from-madhya-pradesh/
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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सेना भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने किया भंडाफोड़, दो फौजी समेत 4 गिरफ्तार
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चैतन्य भारत न्यूज प्रयागराज. स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की प्रयागराज यूनिट और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने सेना में भर्ती कराने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो फौजी समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों के कब्जे से अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, अन्य शैक्षणिक दस्तावेज, मोबाइल फोन, व्हाट्सएप चैट, भर्ती से संबंधित पैसों के लेनदेन की जानकारी के अलावा 2 लाख 75 हजार नकद भी बरामद किया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने योजना बनाकर रैकेट के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि ये चारों अमेठी में चल रही भर्ती के सिलसिले में सेंट जोसेफ स्कूल के पास मिलने वाले हैं। फिर एसटीएफ की टीम इस संबंध में मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम को सूचित कर उसे साथ लेकर मौके पर पहुंची, जहां 4-5 लोग आपस में पैसों और कागजातों का आदान-प्रदान कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें दबोचा गया। एसटीएफ ने रविवार की रात में करीब पौने तीन बजे सिविल लाइंस थाने में चारों गिरफ्तार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। प्रदीप सिंह व संजय पांडेय फौज में है गिरफ्तार किए गए लोगों में दो गाजीपुर के रहने वाले हैं। इनमें नोनहरा का प्रदीप सिंह और कुशीनगर का संजय पांडेय फौज में हैं। इनके साथ ही कुशीनगर का मनीष भी पकड़ा गया है, जिस��ा फुफेरा भाई अजय यादव सेना में जोधपुर, राजस्थान में तैनात है। अजय ही इस गिरोह का सरगना है। चौथा पकड़ा गया आरोपी त्रिपति नाथ जौन���ुर का रहने वाला है। एसटीएफ के मुताबिक, अजय ही लखनऊ स्थित जोनल रिक्रूटमेंट ऑफिस में अपनी सेटिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती कराता था। अभ्यर्थियों से एक भर्ती के लिए तीन लाख रुपए तक लिए जाते थे। अजय और रिक्रूटमेंट ऑफिस लखनऊ के बाबू को अब तक पकड़ा नहीं गया है। ये भी पढ़े...  इंदौर एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई : सोने के नकली सिक्के के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार लुटेरी दुल्हनों के गिरोह का भंडाफोड़, शादी के नाम पर लोगों को लगा चुके हैं करोड़ों की चपत, 6 गिरफ्तार मानवता हुई शर्मसार : कैंसर मरीजों की मौत के बाद सड़क हादसा बता क्लेम वसूलने वाला गिरोह पकड़ा गया  Read the full article
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hscollections · 6 years ago
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Comment if you agree... #namo #namonamo #jaiho #india #modi #modigovernment #modifan #pmmodi #pmnarendramodi #indianpm #airforce #navy #millitary #army #specialtaskforce #camando #police #parliament #bjp #politics #politicians #narendramodi #modiji https://www.instagram.com/hscollections_hsc/p/BuDAALMjbea/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=ifj420xuhreo
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streetkid-world · 6 years ago
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Respect the man who is willing to march through hell and Crucify Lucifer just to save your life when he does not even know who you are. #southafricanpoliceservices #specialtaskforce #nationalinterventionunit https://www.instagram.com/p/Bs7U1IShTfJ/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=84k8hm5wsuh
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thebookfever · 8 years ago
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When the Chief of the Special Task Force (STF) in K. Vijay Kumar, pens the #encounter, that took down the infamous #Veerappan, it is bound to be #gripping and #sensational. The #bandit was on the run for 20 long years, #smuggling #sandalwood, #poaching #elephants to kidnapping the high profile. The most wanted, eluded the forces but for the Operation Cocoon which was set up by K. Vijay Kumar and his most efficient team. . . The book is seeded with facts and in a way serves as an ode to the ones who lost their lives in their efforts to hunt down the dreaded Veerappan. Do get a grab! 📚 . #Book #BookOfTheDay #NonFiction #BookGeek #Biblichor #FirstHandAccount #ChasingTheBrigand #India #Chase #Wednesday #Police #STF #SpecialTaskForce #Bookstagram #KVijayKumar #OperationCocoon #Cocoon credit Siddharrth Jain
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future-post-magazine-blog · 8 years ago
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%Title% #AnubhavMittal, #SocialtradeBiz, #SpecialTaskForce, #SridharPrasad, #UPPolice Click Here http://www.futurepostmagazine.com/police-bust-online-fraud-rs-3700-cr-2/
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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भाई और मां से बदला लेना चाहता था आरोपी, इसलिए प्रज्ञा ठाकुर को उनके नाम से भेजा धमकीभरा पत्र और रसायनिक पदार्थ
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चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कथित तौर पर संदिग्ध लिफाफे भेजने के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी की पहचान सैयद अब्दुल रहमान खान (35) के रूप में हुई है। उसे महाराष्ट्र के नांदेड़ से मध्य प्रदेश की आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया 18 जनवरी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के लिए आरोपी को गिरफ्तार कर भोपाल लाया गया था जहां उसने कई खुलासे किए। पूछताछ के दौरान सामने आया कि सैयद अब्दुल रहमान खान का अपने भाई हाफिजउर्रहमान और मां नासेह बेगम के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। उसने भाई ने उसके खिलाफ 2014 में नांदेड़ में ही हत्या का प्रयास करने संबंधित रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इस कारण आरोपी को 18 दिन जेल में भी रहना पड़ा था। इन सब के कारण वह डिप्रेशन में आ गया था और सैयद अब्दुल रहमान ने अपने भाई, मां और इनका साथ देने वाले संबंधी और पड़ोसियों से बदला लेने की नीयत से कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और उन सभी से बदला लेने का सोचा। अब्दुल रहमान ने पहला पत्र अंसार उल मुसलमीन संगठन के नाम से उसके भाई के कॉलेज के चांसलर को सितंबर 2019 में भेजा था। लेकिन इस पत्र के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। फिर उसने दूसरा पत्र नांदेड के पुलिस अधीक्षक एवं डीएसपी को अगस्त 2019 में भेजा। इस पत्र पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। दोनों पत्र पर कोई व कार्यवाही ना होने के चलते उसने तीसरा पत्र अक्टूबर 2019 में कश्मीर के नेता, साध्वी प्राची और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भेजा। साध्वी प्रज्ञा को भेजे गए लिफाफे में उर्दू भाषा में एक पत्र, उसके भाई की मार्कशीट व अन्य दस्तावेज, मां का वोटर आईडी कार्ड भेजा था। इन सभी दस्तावेजों को भेजकर आरोपी अपनी मां और भाई को फंसाना चाहता था। आरोपी ने लिफाफे में मां और भाई का साथ देने वाले निकट संबंधी और पड़ोसियों के भी कुछ तस्वीरें भेजी थी। इन तस्वीरों को उसमें इंटरनेट एवं व्हाट्सएप डीपी से लिया था। लिफाफे में जहरीला रसायनिक पदार्थ भी था जिसे ��ांच के लिए एस.एफ.एल भेजा गया है। इसकी अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है। गुरुवार को हुआ गिरफ्तार नांदेड के इतवारा पुलिस थाने के निरीक्षक प्रदीप ककाडे के मुताबिक, जांच के दौरान मध्यप्रदेश एटीएस को यह पता चला कि नांदेड के धानेगांव इलाके के डॉक्टर सैयद अब्दुल रहमान खान (35) ने यह संदिग्ध लिफाफे ठाकुर को भेजे थे। खान इस इलाके में अपना क्लीनिक चलाता है। आरोपी डॉक्टर पहले भी अफसरों को लिफाफे भेजने के आरोप में पकड़ा गया। मध्य प्रदेश एटीएस ने उसे गुरुवार को हिरासत में ले लिया। पहले भी हो चुका है गिरफ्तार प्रदीप ककाडे ने यह भी बताया कि, 'खान पिछले तीन महीने से पुलिस के राडार पर था क्योंकि उसने पहले भी कुछ सरकारी अधिकारियों को पत्र लिखा था जिसमें उसने दावा किया था कि उसके मां और भाई के आतंकवादियों से संपर्क हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।' खान को ऐसे पत्र लिखने के लिए पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस उसके मोबाइल फोन की लोकेशन के जरिए उस पर नजर रखे हुए थी। लेकिन वह अपना मोबाइल घर पर ही छोड़कर पत्रों को डालने औरंगाबाद, नागपुर और अन्य स्थानों पर जाता था। ये भी पढ़े... सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजने वाला आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार, पहले भी कर चुका है ऐसे काम सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को रसायन सहित मिली संदिग्ध चिट्ठी, मोदी-शाह-डोभाल को जान से मारने की धमकी गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने दी सफाई, कहा- कभी-कभी झूठ का बवंडर इतना गहरा होता है रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटाई गईं प्रज्ञा ठाकुर, बीजेपी भी कर सकती है बाहर! Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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भाई और मां से बदला लेना चाहता था आरोपी, इसलिए प्रज्ञा ठाकुर को उनके नाम से भेजा धमकीभरा पत्र और रसायनिक पदार्थ
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चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कथित तौर पर संदिग्ध लिफाफे भेजने के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी की पहचान सैयद अब्दुल रहमान खान (35) के रूप में हुई है। उसे महाराष्ट्र के नांदेड़ से मध्य प्रदेश की आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया 18 जनवरी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के लिए आरोपी को गिरफ्तार कर भोपाल लाया गया था जहां उसने कई खुलासे किए। पूछताछ के दौरान सामने आया कि सैयद अब्दुल रहमान खान का अपने भाई हाफिजउर्रहमान और मां नासेह बेगम के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। उसने भाई ने उसके खिलाफ 2014 में नांदेड़ में ही हत्या का प्रयास करने संबंधित रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इस कारण आरोपी को 18 दिन जेल में भी रहना पड़ा था। इन सब के कारण वह डिप्रेशन में आ गया था और सैयद अब्दुल रहमान ने अपने भाई, मां और इनका साथ देने वाले संबंधी और पड़ोसियों से बदला लेने की नीयत से कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और उन सभी से बदला लेने का सोचा। अब्दुल रहमान ने पहला पत्र अंसार उल मुसलमीन संगठन के नाम से उसके भाई के कॉलेज के चांसलर को सितंबर 2019 में भेजा था। लेकिन इस पत्र के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। फिर उसने दूसरा पत्र नांदेड के पुलिस अधीक्षक एवं डीएसपी को अगस्त 2019 में भेजा। इस पत्र पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। दोनों पत्र पर कोई व कार्यवाही ना होने के चलते उसने तीसरा पत्र अक्टूबर 2019 में कश्मीर के नेता, साध्वी प्राची और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भेजा। साध्वी प्रज्ञा को भेजे गए लिफाफे में उर्दू भाषा में एक पत्र, उसके भाई की मार्कशीट व अन्य दस्तावेज, मां का वोटर आईडी कार्ड भेजा था। इन सभी दस्तावेजों को भेजकर आरोपी अपनी मां और भाई को फंसाना चाहता था। आरोपी ने लिफाफे में मां और भाई का साथ देने वाले निकट संबंधी और पड़ोसियों के भी कुछ तस्वीरें भेजी थी। इन तस्वीरों को उसमें इंटरनेट एवं व्हाट्सएप डीपी से लिया था। लिफाफे में जहरीला रसायनिक पदार्थ भी था जिसे जांच के लिए एस.एफ.एल भेजा गया है। इसकी अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है। गुरुवार को हुआ गिरफ्तार नांदेड के इतवारा पुलिस थाने के निरीक्षक प्रदीप ककाडे के मुताबिक, जांच के दौरान मध्यप्रदेश एटीएस को यह पता चला कि नांदेड के धानेगांव इलाके के डॉक्टर सैयद अब्दुल रहमान खान (35) ने यह संदिग्ध लिफाफे ठाकुर को भेजे थे। खान इस इलाके में अपना क्लीनिक चलाता है। आरोपी डॉक्टर पहले भी अफसरों को लिफाफे भेजने के आरोप में पकड़ा गया। मध्य प्रदेश एटीएस ने उसे गुरुवार को हिरासत में ले लिया। पहले भी हो चुका है गिरफ्तार प्रदीप ककाडे ने यह भी बताया कि, 'खान पिछले तीन महीने से पुलिस के राडार पर था क्योंकि उसने पहले भी कुछ सरकारी अधिकारियों को पत्र लिखा था जिसमें उसने दावा किया था कि उसके मां और भाई के आतंकवादियों से संपर्क हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।' खान को ऐसे पत्र लिखने के लिए पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस उसके मोबाइल फोन की लोकेशन के जरिए उस पर नजर रखे हुए थी। लेकिन वह अपना मोबाइल घर पर ही छोड़कर पत्रों को डालने औरंगाबाद, नागपुर और अन्य स्थानों पर जाता था। ये भी पढ़े... सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजने वाला आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार, पहले भी कर चुका है ऐसे काम सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को रसायन सहित मिली संदिग्ध चिट्ठी, मोदी-शाह-डोभाल को जान से मारने की धमकी गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने दी सफाई, कहा- कभी-कभी झूठ का बवंडर इतना गहरा होता है रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटाई गईं प्रज्ञा ठाकुर, बीजेपी भी कर सकती है बाहर! Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजने वाला आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार, पहले भी कर चुका है ऐसे काम
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चैतन्य भारत न्यूज नांदेड. भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कथित तौर पर संदिग्ध लिफाफे भेजने के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान डॉक्टर के रूप में हुई है, जिसे महाराष्ट्र के नांदेड़ से मध्य प्रदेश की आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ के लिए आरोपी को गिरफ्तार कर भोपाल लाया गया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); सांसद प्रज्ञा ने सोमवार को शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें किसी ने लिफाफे में जहरीला रसायनिक पदार्थ भेजा है। इसके बाद पुलिस ने प्रज्ञा ठाकुर के आवास से तीन चार लिफाफे बरामद किए थे जिसमें से कुछ उर्दू में लिखे हुए हैं। पुलिस ने बताया कि, 'आरोपी डॉक्टर ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अक्टूबर में कथित तौर पर संदिग्ध लिफाफे और धमकी भरा पत्र भेजा था। जिसे प्रज्ञा ने 13 जनवरी की रात में खोला था। इसके बाद उन्होंने इस बारे में पुलिस को जानकारी दी।' गुरुवार को हुआ गिरफ्तार नांदेड के इतवारा पुलिस थाने के निरीक्षक प्रदीप ककाडे के मुताबिक, जांच के दौरान मध्यप्रदेश एटीएस को यह पता चला कि नांदेड के धानेगांव इलाके के डॉक्टर सैयद अब्दुल रहमान खान (35) ने यह संदिग्ध लिफाफे ठाकुर को भेजे थे। खान इस इलाके में अपना क्लीनिक चलाता है। आरोपी डॉक्टर पहले भी अफसरों को लिफाफे भेजने के आरोप में पकड़ा गया। मध्य प्रदेश एटीएस ने उसे गुरुवार को हिरासत में ले लिया। पहले भी हो चुका है गिरफ्तार प्रदीप ककाडे ने यह भी बताया कि, 'खान पिछले तीन महीने से पुलिस के राडार पर था क्योंकि उसने पहले भी कुछ सरकारी अधिकारियों को पत्र लिखा था जिसमें उसने दावा किया था कि उसके मां और भाई के आतंकवादियों से संपर्क हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।' खान को ऐसे पत्र लिखने क��� लिए पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस उसके मोबाइल फोन की लोकेशन के जरिए उस पर नजर रखे हुए थी। लेकिन वह अपना मोबाइल घर पर ही छोड़कर पत्रों को डालने औरंगाबाद, नागपुर और अन्य स्थानों पर जाता था। क्या था लिफाफे में प्रज्ञा ठाकुर को जो लिफाफा मिला था उसमें उर्दू भाषा में एक चिट्ठी थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रज्ञा ठाकुर की तस्वीर पर क्रॉस बना हुआ था और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। साथ ही एक फोटो में हथियार के चित्र थे। चिट्ठी के साथ दो पैकेट सफेद पाउडर भी मिला था। साथ ही उस लिफाफे में मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद और अन्य आतंकियों की तस्वीर भी थी। लिफाफे में एक कागज पर जले हुए तिरंग��� की तस्वीर और पाकिस्तान का झंडा भी बना था। ये भी पढ़े... सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को रसायन सहित मिली संदिग्ध चिट्ठी, मोदी-शाह-डोभाल को जान से मारने की धमकी गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर प्रज्ञा ठाकुर ने दी सफाई, कहा- कभी-कभी झूठ का बवंडर इतना गहरा होता है रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटाई गईं प्रज्ञा ठाकुर, बीजेपी भी कर सकती है बाहर!   Read the full article
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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दोस्त को कुलपति बनाने के लिए विंग कमांडर ने अमित शाह बनकर की मप्र के राज्यपाल से बात, दो गिरफ्तार
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चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने शुक्रवार को भारतीय वायु सेना के एक विंग कमांडर और उसके एक डॉक्टर मित्र को गिरफ्तार किया है। दरअसल अपने एक दोस्त को मध्यप्रदेश में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनवाने के लिए विंग कमांडर ने राज्यपाल लालजी टंडन को सिफारिश के लिए कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बनकर फोन किया। संदेह होने के बाद राजभवन की शिकायत के आधार पर एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); राज्यपाल को दिया आदेश आरोपी विंग कमांडर की पहचान कुलदीप वाघेला के रूप में हुई है। वह फिलहाल भारतीय वायु सेना के मुख्यालय, दिल्ली में पदस्थ है। जबकि उनका मित्र डॉ. चंद्रेश कुमार शुक्ला भोपाल का निवासी है और वह डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया का मप्र सदस्य भी है। जानकारी के मुताबिक, फोन पर वाघेला ने राज्यपाल लालजी टंडन को आदेशात्मक लहजे में अपने मित्र चंद्रेश कुमार शुक्ला को जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बनाने को कहा। राज्यपाल को आवाज पर हुआ शक जानकारी के मुताबिक, जब राज्यपाल को आवाज और बात करने के लहजे पर संदेह हुआ तो उन्होंने इसकी जानकारी स्टाफ को दी। फिर राज्यपाल के स्टाफ ने गृह मंत्री के दिल्ली स्थित दफ्तर और निवास से ऐसी किसी फोन कॉल की जानकारी ली, जिसके बाद पता चला कि गृह मंत्री ने ऐसा कोई फोन कॉल किया ही नहीं। 8 जनवरी को राज्यपाल द्वारा एक लिखित शिकायत मध्य प्रदेश एसटीएफ को दी गई। इसके बाद एसटीएफ ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और कुलदीप वाघेला व चंद्रेश कुमार शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने धोखाधड़ी और प्रतिरूपण का केस दर्ज कर दोनों को तीन दिन की रिमांड पर लिया है। ऐसे की नकली फोन कॉल की प्लानिंग एसटीएफ एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि, 'जबलपुर के मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए कई लोगों ने बायोडाटा दि�� थे। चयन के लिए सर्च कमेटी ने इंटरव्यू भी लिए थे। इसमें डेंटल सर्जन डॉ. चंद्रेश कुमार शुक्ला भी शामिल थे। चयन प्रक्रिया के बीच शुक्ला ने अपने मित्र कुलदीप वाघेला से चर्चा की। शुक्ला ने वाघेला को कहा कि, कुलपति बनने के लिए किसी बड़े व्यक्ति से फोन कराना ���ड़ेगा। फिर दोनों के बीच अमित शाह से राज्यपाल की बात कराना तय हुआ। बाद में दोनों ने खुद अमित शाह बनकर राज्यपाल से बात करने की साजिश रची। वाघेला की गिरफ्तारी में कई घंटे लगे मामले की सच्चाई सामने आने के बाद एसटीएफ ने वाघेला की गिरफ्तारी के लिए अपनी टीम दिल्ली भेजी, लेकिन वहां उसे पकड़ने के लिए कई घंटे लगे। वाघेला की गिरफ्तारी में सेना के उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद एसटीएफ की टीम उसे भोपाल लाई, जिसमें कई घंटों का समय लग गया। भोपाल राजभवन में रह चुका है तैनात एसटीएफ एडीजी के मुताबिक, कुलदीप वाघेला पहले मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल स्व. रामनरेश यादव के निवास पर तैनात रह चुका है। 2014 में उसकी पोस्टिंग राजभवन में थी और इस दौरान ही उसकी चंद्रेश शुक्ला से मुलाकात हुई थी। इसलिए वाघेला को जानकारी थी कि फोन पर राज्यपाल से बात कैसे हो पाएगी और इसी का उसने फायदा उठाने की कोशिश की लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके। ये भी पढ़े... इंदौर एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई : सोने के नकली सिक्के के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार एसटीएफ द्वारा मिलावटी खाद्य सामग्री के कारखाने पर छापेमारी, बनाई जा रही थी मिलावटी हींग लुटेरी दुल्हनों के गिरोह का भंडाफोड़, शादी के नाम पर लोगों को लगा चुके हैं करोड़ों की चपत, 6 गिरफ्तार Read the full article
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chaitanyabharatnews · 6 years ago
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इंदौर एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई : सोने के नकली सिक्के के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार
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चैतन्य भारत न्यूज इंदौर. खुदाई के दौरान बेशकीमती रत्न और सोने के सिक्के मिलने और उन्हें सस्ते दामों में बेचने का झांसा देकर लोगों को लूटने वाले गिरोह के एक बदमाश रंजीत उर्फ रंजिन को इंदौर की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने पकड़ लिया है। एसटीएफ ने सर्च ऑपरेशन के बाद उसे गिरफ्तार किया। आरोपित अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना है। उसके गिरोह ने मप्र, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में सैकड़ों लोगों से इस तरह धोखाधड़ी करने की बात कबूली है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); यह गिरोह लोगों को सोने के सिक्के सस्ते दामों में देने के बहाने अपने इलाके के जंगलों में बुला लेता और फिर उन्हें लूट लेता। गिरोह के सरगना को पकड़ने के लिए एसटीएफ की टीम ग्राम झिरियाडोह में पह���ंची तो उसने गांव वालों से टीम पर पथराव भी करवा दिया, लेकिन एसटीएफ की टीम सूझबूझ से आरोपित को अपने साथ गिरफ्तार कर ले आई। एसटीएफ एसपी श्री पद्मविलोचन शुक्ला ने बताया कि, एसटीएफ इंदौर के टीआई एम.ए. सैय्यद और प्रधान आरक्षक श्रीकृष्ण को सूत्रों से सोने के नकली सिक्के की धोखाधड़ी छोटू, रंजीत और गुलाब के द्वारा किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई थी।
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इसके बाद एसटीएफ टीम के हेड कांस्टेबल श्रीकृष्ण बोर्डे, कांस्टेबल विनोद यादव, विराट, हेमंत और विकास ने अलग-अलग ग्राहक बनाकर रंजीत से सोने के कथित सिक्कों के लिए संपर्क किया। जैसे ही वह सिक्के देने को राजी हुआ तो 7 लोगों की टीम ने टिमरनी बैतूल रोड पर झिरियाडोह गांव में सिक्का लेने के बहाने उसे धर दबोचा। फिर रंजीत ने अपने गांव के लोगों को पुलिसकर्मियों को लुटेरा बताकर खुद को बचाने के लिए बुला लिया। वहां पहुंचे ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर पथराव भी शुरू कर दिया, उन पर बंदूकें भी तान दी लेकिन पूरी टीम ड्राइवर देवेंद्र की चालाकी के कारण बाल-बाल बचकर लौट आई।
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एसटीफ की टीम ने रंजीत उर्फ रंजिन (30) पिता सरकस पारदी निवासी बैजनपुर थाना सिवनी मालवा जिला होशंगाबाद को गिरफ्तार किया है। आरोपित के कब्जे से 185 सोने के नकली सिक्के बरामद किए गए हैं, जो देखने में बिलकुल असली सोने के सिक्के जैसे लगते हैं। इस गैंग में आरोपित के छह भाई अरविंद पारदी (45), अरकिस पारदी (42), प्रहलाद पारदी (40), सरकिल पारदी (35), अरतिस पारदी (28) और आनंद पारदी (26) भी शामिल हैं। आरोपित के पिता सरकस पारदी (65) और चाचा चुन्नीलाल (75), रिश्तेदार नागदिलाल(70), निगरु, अर्जुन भी इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, उनके परिवार के लोगों के खिलाफ 20 से ज्यादा अपराध विभिन्न थानों में दर्ज हैं। गिरोह का आतंक इस कदर था कि उनके गांव या डेरे पर स्थानीय पुलिस का कोई अधिकारी तक नहीं जाता है। पुलिस को देखते ही गांव वाले पथराव कर हमला करने लगते हैं। एसटीएफ टीआई सैय्यद ने बताया कि, आरोपित रंजीत की गैंग में बदमाश विजय उर्फ छोटू (30) पिता कमल हलवाई, गुलाब (35) निवासी झिरियाडोह भी शामिल हैं। इन दोनों आरोपितों की तलाश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, छोटू इंदौर के भंवरकुआ के ही एक होस्टल में काम करता है और वह इंदौर के ही लोगों को असली सोने का सिक्का दिखाकर झांसे में फंसा लेता था। जब लोग उस सोने के सिक्के की सुनार से जांच करवाते थे तो वह सिक्का असली ही बताया जाता था। दूसरा सिक्का मांगने पर भी वह उन्हें असली सिक्का ही देता था। जब लोगों को उस पर पूरी तरह से विश्वास हो जाता था तो वह लोगों को अपने सरगना रंजीत के पास गांव में सिक्के लेने चलने का कहता था और फिर दोनों मिलकर उन्हें लूट लेते थे, या फिर सोने जैसे दिखने वाले नकली सिक्के देकर उनसे रुपया ऐंठ लेते थे। जानकारी के मुताबिक, इस गैंग का मुख्य क्षेत्र इंदौर, टिमरनी, ढेकना, पगदाल, सिवनी मालवा, बैतुल रोड, झिरियाडोह गांव, गुजरात में सीकर, राजस्थान, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ में कुछ गांव हैं। ये भी पढ़े... लुटेरी दुल्हनों के गिरोह का भंडाफोड़, शादी के नाम पर लोगों को लगा चुके हैं करोड़ों की चपत, 6 गिरफ्तार इंदौर : एसटीएफ द्वारा मिलावटी खाद्य सामग्री के कारखाने पर छापेमारी, बनाई जा रही थी मिलावटी हींग इंदौर-भोपाल में अफसर, नेता व रईसों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल, कई महिलाएं गिरफ्तार Read the full article
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chaitanyabharatnews · 6 years ago
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इंदौर : एसटीएफ द्वारा मिलावटी खाद्य सामग्री के कारखाने पर छापेमारी, बनाई जा रही थी मिलावटी हींग
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चैतन्य भारत न्यूज इंदौर. शहर में मिलावटी सामान की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। खासकर त्योहार के मौसम में बाजारों में ज्यादातर मिलावटी सामान बिक रहा है। मिलावटी खाद्य सामग्री तथा नकली सामान बेचने वालों के खिलाफ इंदौर में सोमवार को एसटीएफ द्वारा कारखाने पर छापेमारी की गई। इस कारखाने में मिलावटी हींग बनाई जा रही थी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); एसटीएफ की इंदौर इकाई के पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ला ने बताया कि, एसटीएफ इकाई को मिलावटी खाद्य सामग्री बनाए जाने की सूचना प्राप्त हो रही थी। राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ और काबीना मंत्री द्वारा भी खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए निर्देश दिए गए थे। एसटीएफ इकाई इंदौर के निरीक्षक गोपाल सूर्यवंशी, सहायक उपनिरीक्षक अमित दीक्षित, प्रधान आरक्षक दीपक चाचर, जनक लाल पटेल, आरक्षक विवेक द्विवेदी और सुभाष कोठे की टीम को इसी दिशा में कार्रवाई करने के लिए बारदान मंडी पालदा नाका भेजा गया, जहां मिलावटी हींग बनाने का कारखाना संचा��ित हो रहा था। टीम द्वारा पाया गया कि, रितिशा ट्रेडिंग कारपोरेशन के नाम से जितेंद्र शर्मा निवासी जानकीनगर, इंदौर द्वारा हींग बनाने का कारखाना संचालित किया जा रहा था। उनके द्वारा उस कारखाने में टॉपकिंग और पुष्पक ब्रांड की हींग तैयार की जा रही थी। इस कारखाने में मैदा राई की दाल, गोंद और हींग के एसेंस का उपयोग कर हींग को बनाया जा रहा था।' कारखाने में मौजूद कारीगर चंपालाल से जब खाद्य पदार्थ का लाइसेंस मांगा गया तो उसके पास नहीं था, जिसके बाद फूड एवं सेफ्टी विभाग के निरीक्षकों को मौके पर बुलाकर इस अनहाइजीनिक तरीके से बनाई जा रही हींग पर कार्रवाई करने हेतु सहयोग लिया गया। फूड एवं सेफ्टी निरीक्षक श्री पुष्पक द्विवेदी सुभाष खेड़क�� और उनके साथियों द्वारा खाद्य सामग्री के नमूने लेकर पंचनामा तैयार किया गया है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, इस पूरी कार्रवाई के दौरान परिसर में इतनी तेज दुर्गंध आ रही थी कि वहां पर खड़े रहना और सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। बड़ी-बड़ी मशीनों से इस मिलावटी हींग को तैयार कर छोटी-छोटी प्लास्टिक के डिब्बों में भरकर पुष्पक और टॉप किंग नाम से पैकिंग की जा रही थी कुछ हींग को परिसर की छत पर खुले में सुखाया जा रहा था । इस कार्रवाई के दौरान यह भी सामने आया कि इस फैक्ट्री के मालिक जितेंद्र शर्मा को पूर्व में पुष्प ब्रांड के मसालों द्वारा अच्छा सेल्स करने के लिए पुरस्कृत भी किया गया है इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा पुष्पक नामक ब्रांड तैयार कर यह हींग बेची जा रही थी। टीम को मौके पर कई एक्सपायर तारीख की रबर सील, बोरों में भरी हुई हींग, खाली डिबिया, और छत पर सूखती हुई हींग पाई गई है। Read the full article
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