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#अग्निपथ स्कीम बेनिफिट
dainiksamachar · 2 years
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डिफेंस बजट में करीब 13 पर्सेंट की बढ़ोतरी, पिछली बार से 1.68 लाख करोड़ रुपये ज्यादा
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ करीब 32 महीनों से चल रहे तनाव और एलएसी (Line of Actual Control) के पास चीन की तरफ से लगातार बढ़ाए जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच भारत ने अपने डिफेंस बजट में करीब 13 पर्सेंट की बढ़ोतरी की है। रक्षा मंत्रालय के लिए इस बार 5.93 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित बजट रखा गया है। पिछले साल यह 5.25 लाख करोड़ रुपये था। इस पूरे बजट में करीब 1.62 लाख करोड़ रुपये नए हथियार, इक्विपमेंट और सेनाओं की युद्ध की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी खरीद के लिए रखा गया है। पिछले बजट में यह 1.52 लाख करोड़ रुपये था। यानी हथियारों और उपकरणों की खरीद के लिए पिछले बार के मुकाबले इस बार 10 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बजट का अनुमान है।कुल 5.93 लाख करोड़ रुपये का बजट नए हथियारों के खरीद के साथ नए प्रोजेक्ट, आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, कोस्ट गार्ड, डीआरडीओ और बीआरओ की सैलरी और पेंशन सभी के लिए मिलाकर है। इंडियन आर्मी को हथियारों, उपकरणों के लिए 37241 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है जो पिछले बार के अनुमानित बजट के मुकाबले 5226 करोड़ रुपये ज्यादा है। इंडियन नेवी को हथियार और उपकरणों के लिए 52804 करोड़ रुपये दिए हैं जो पिछले बार के मुकाबले 5214 करोड़ रुपये ज्यादा है। इंडियन एयरफोर्स को पिछले बार के मुकाबले 1551 करोड़ रुपये ज्यादा यानी 57137 करोड़ रुपये मिले हैं। डिफेंस पेंशन पर 138205 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। यह पिछले बार के अनुमानित बजट के मुकाबले 18509 करोड़ रुपये ज्यादा है। हालांकि पिछले बार अनुमानित बजट 119696 करोड़ रुपये को बढ़ाकर संशोधित बजट 153414 करोड़ रुपये कर दिया गया था। यह वन रैंक वन पेंशन की वजह से भी बढ़ा है। डिफेंस पेंशन पर बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च होने को लेकर रक्षा मंत्रालय में हमेशा चिंता जाहिर होती रही है। जब पिछले साल आर्म्ड फोर्सेस में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया गया और लागू किया गया तब भी यह कहा गया था कि इसके पीछे की एक वजह डिफेंस पेंशन पर होने वाली भारी रकम को कुछ कम करना भी है। इंडियन आर्मी, नेवी, एयरफोर्स में अग्निवीरों को चार साल के लिए भर्ती किया जा रहा है। चार साल बाद अधिकतम 25 पर्सेंट अग्निवीरों को परमानेंट होने का मौका मिलेगा। अग्निवीरों के लिए पेंशन जैसा कोई प्रावधान नहीं है।लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी (रिटायर्ड) ने रक्षा बजट को अच्छा बताया है। उन्होंने कहा, 'पिछले बार अनुमानित बजट 5.25 लाख करोड़ रुपये था जो बाद में बढ़कर 5.85 लाख करोड़ रुपये हो गया। तो इस बार जो बजट दिया है वह उससे बस थोड़ा ही ज्यादा है। इतने में महंगाई भी अडजेस्ट नहीं होती है। लेकिन जो पिछले साल खर्च किया यह उसी हिसाब में आगे बढ़ रहा है। डिफेंस के लिए पाथ ब्रेकिंग बजट नहीं है। हथियार और उपकरणों की खरीद के लिए भी जो बजट दिया है वह भी बस थोड़ा सा बड़ा है। आर्मी में 16 पर्सेंट, नेवी में 10 पर्सेंट और एयरफोर्स में बस 5 पर्सेंट बढ़ा है। चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच पिछले साल से ही जो इंवेस्टमेंट हो रहा है उसी हिसाब से इस बार भी दिया गया है। लेकिन इनडारेक्ट बेनिफिट है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन को जो दिया है वह सड़कें फोर्स ही जल्दी तैनाती के लिए इस्तेमाल करेंगी। यह बजट पाकिस्तान और चीन की हरकतों का जवाब देने के लिए काफी होगा। नॉर्थ ईस्ट, कश्मीर , लद्दाख में जो खर्च होगा वह भी यह सुनिश्चित करेगा कि शांति रहे, जो इनडारेक्टली फोर्सेज की मदद करेगा। इसलिए बजट को अच्छा कहा जा सकता है।' http://dlvr.it/ShnM6V
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