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#इनकम टैक्स इंडिया
dainiksamachar · 1 year
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जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल गिरफ्तार, 538 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी में ED ने किया अरेस्ट
नई दिल्ली: () के फाउंडर (Naresh Goyal) को गिरफ्तार कर लिया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। केनरा बैंक से जुड़े 538 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले (ED) ने उनसे पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 538 करोड़ रुपये का ये मामला केनरा बैंक घोटाला से जुड़ा है, जिसमें एक्शन लेते हुए ईडी ने जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया है। कल उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।आपको बता दें कि इस मनी लॉन्ड्रिंग में अरेस्ट करने से पहले ईडी ने उनसे कई घंटे पूछताछ की। ईडी ने केनरा बैंक की एक शिकायत पर गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल, आनंद शेट्टी और जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) के खिलाफ 538 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया था। इस मामले में गोयल और जेट एयरवेज के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। क्या है पूरा मामला बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज (Jet Airway) के प्रमोटर रहे नरेश गोयल (Naresh Goyal) पर ईडी का शिकंजा कसता चला गया। ईडी ने नरेश गोयल समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया। हाल ही में गोयल के मुंबई और दिल्ली के आठ ठिकानों पर छापेमारी की गई। 538 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के मामले छापेमारी के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ती चली गई। सीबीआई ने अपनी जांच में गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और जेट एयरवेज एयरलाइन के डायरेक्टर रहे गौरंग आनंद शेट्टी को आरोपी बनाया। जांच एजेंसी ने केनरा बैंक की शिकायत पर एक नया मामला दर्ज किया है। अपनी शिकायत में केनरा बैंक ने लगाया गया था कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) को 848.86 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए थे, जिनमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया हैं। विवादों में फंसे नरेश गोयल आपको बता दें कि इससे पहले फरवरी 2023 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ी राहत देते नरेश गोयल और उनकी पत्नी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के केस को खारिज कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई नया केस सामने आता है तो ईडी उसकी जांच कर सकती है। अब ईडी ने इस मामले में एक्शन पूछताछ के बाद गोयल को अरेस्ट कर लिया है। जांच एजेंसी के मुताबिक एक अप्रैल, 2011 से 30 जून, 2019 के बीच ने प्रोफेशनल और कंसल्टेंसी एक्सपेंसेज के रूप में 1152.62 करोड़ रुपये खर्च किए थे। जेट एयरलाइन से जुड़ी कंपनियों के 197.57 करोड़ रुपये के लेनदेन जांच के घेरे में हैं। जांच में पाया गया कि कंपनी ने 1152.62 करोड़ रुपये में से 420.43 करोड़ रुपये प्रोफेशनल और कंसल्टेंसी एक्सपेंसेज के रूप में ऐसी कंपनियों को दिए जिनका इस तरह की सर्विस से कोई लेनादेना नहीं था। कई मामलों में चल रही जांच आपको बता दें कि कभी देश की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइन रही जेट एयरलाइन अपने भारी भरकम कर्ज और नकदी संकट के चलते अप्रैल 2019 में बंद हो गई। यूएई के बिजनसमैन मुरारी लाल जालान और लंदन की कंपनी कालरॉक कैपिटल (Kalrock Capital) के कंसोर्टियम ने जून 2021 में इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में जेट एयरलाइन को खरीदा था। इसके बाद से एयरलाइन के रिवाइवल की प्रोसेस चल रही है। विवादों में फंसने के बाद से जेट एयरवेज के मामलों की कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। इनमें ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स और एसएफआईओ शामिल हैं। http://dlvr.it/SvVvrD
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365store · 2 years
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प्रत्यक्ष कर संग्रह में 24% की राशि दर्ज करें! 8 तक 8.98 लाख करोड़ तक
प्रत्यक्ष कर संग्रह में 24% की राशि दर्ज करें! 8 तक 8.98 लाख करोड़ तक
प्रत्यक्ष कर संग्रह: वित्तीय वर्ष की शुरुआत में उन्होंने 80 लाख डॉलर (प्रत्यक्ष कर संग्रह) 8.98 लाख करोड़ डॉलर की लागत से भुगतान किया। फिल्म में 23.8% की वृद्धि हुई है। इनकम टैक्स इंडिया में अपडेट होने की स्थिति में होने पर 16.3% की वृद्धि दर्ज करें। यह 7.45 लाख करोड़ का पार कर गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के कुल वार्षिक अनुमान का यह आकड़ा 52.46% है। ऐसे में इस कण को ​​​​संख्या में रखा जाता है।…
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technofyworld · 3 years
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भारत में हुआवेई परिसर में कर चोरी की जांच में आयकर विभाग ने छापा मारा
भारत में हुआवेई परिसर में कर चोरी की जांच में आयकर विभाग ने छापा मारा
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के तहत देश में चीनी दूरसंचार कंपनी हुआवेई के कई परिसरों की तलाशी ली है। मंगलवार को दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा) और बेंगलुरु में कंपनी के परिसरों पर छापे मारे गए। सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने कंपनी, उसके भारतीय व्यवसायों और विदेशी लेनदेन के खिलाफ कर चोरी की जांच के हिस्से के रूप में वित्तीय दस्तावेजों, खाता बही और कंपनी के…
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isubhashsaw · 2 years
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केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 28-29 मार्च यानी दो दिन तक देशव्यापी बंद ( #BharatBandh ) का आह्वान किया है. इस बंद की वजह से बैंक का काम भी प्रभावित हो सकता है क्योंकि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (All India Bank Employees Association) ने हड़ताल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. #भारत_बंद का आह्वान मोदी सरकार की उन नीतियों के खिलाफ किया जा रहा है, जिनसे कर्मचारी, किसान और आम जनता प्रभावित हो रही है. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने फेसबुक पर लिखा कि बैंकिंग सेक्टर भी इस हड़ताल में शामिल होगा. आइए जानते हैं #भारतबंद की 10 बड़ी बातें… सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. इनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है. ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने कहा, ‘‘हमने हड़ताल के इस आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है. कोयला, इस्पात, तेल, टेलिकॉम, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है. इसके साथ ही रोडवेज, परिवहन कर्मियों और बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. बिजली मंत्रालय ने आज सभी सरकारी कंपनियों और अन्य एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने और चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति और राष्ट्रीय ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने की सलाह दी। मंत्रालय की सलाह में कहा गया है कि अस्पतालों, रक्षा और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए. एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि बैंक यूनियन की मांग है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण बंद करे और उन्हें मजबूत करे. इसके अलावा हमारी मांग है कि डूबे कर्ज की वसूली को तेज किया जाए, बैंक जमा पर ब्याज बढ़ावा जाए, सेवा शुल्कों में कमी की जाए और पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए. सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि हड़ताल की वजह से उसकी सेवाओं पर कुछ हद तक सीमित असर पड़ सकता है. एसबीआई ने कहा कि उसने अपनी सभी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने क https://www.instagram.com/p/Cbn_JcCvrDY/?utm_medium=tumblr
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divyabhashkar · 3 years
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इनकम टैक्स अलर्ट: टैक्सपेयर्स को अभी पूरी करनी है प्रक्रिया, डेडलाइन
इनकम टैक्स अलर्ट: टैक्सपेयर्स को अभी पूरी करनी है प्रक्रिया, डेडलाइन
नई दिल्ली। आयकर विभाग को करदाता सह अनुस्मारक (आयकर अलर्ट)। उनके अनुसार, मामले की जांच जीन आयकर ने की है और वह 31 मार्च, 2022 तक प्रक्रिया को पूरा करेंगे। टैक्स विभाग को फिलहाल टैक्स जारी रखने का नोटिस दिया गया है. इनकम टैक्स इंडिया ने ट्वीट किया कि “जिन कर टीवी मामले की जांच कर रहे हैं (जांच के तहत), उनके पास 31.03.2022 तक प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक सौम्य अनुस्मारक है!”टैक्स डिपार्टमेंट ने…
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क्या विदूषक के दायरे से भी आगे निकल चुके हैं युवराज – अरुण जेटली 
क्रिमिनल लॉ की प्रैक्टिस करने वाले ज्यादातर वकील अपने शुरुआती पेशेवर करिअर में अपने वरिष्ठों से सलाह लेते थे। वरिष्ठ उन्हें सलाह देते थे कि अगर आप तथ्यों को लेकर मजबूत हैं तो तथ्यों पर जोर दीजिए, अगर आप कानूनी पहलू से मजबूत हैं तो कानून पर जोर दीजिए, लेकिन अगर आप दोनों में कमजोर हैं तो डेस्क पर ही जोर-जोर से हाथ मारिए। ऐसा लगता है कि राहुल गांधी के सलाहकार उन्हें ये समझा चुके हैं कि आपके लिए सिर्फ तीसरा विकल्प ही बचता है। लेकिन डेस्क पीटना ही काफी नहीं होता है इसके साथ कुछ नई बातें भी कहनी पड़ती हैं। अगर तथ्यपूर्ण बातें कहना आपके हित में नहीं है तो वो मनगढ़ंत बातें तैयार कीजिए। मनगढ़ंत और बेबुनियाद बातों को दर्जनों बार दोहराइए और फिर खुद को समझाइये कि दरअसल झूठ ही सच है। इसके बाद आप आराम से भ्रम की दुनिया में रह सकते हैं। या ये भी हो सकता है कि ये झूठ फैलाने की सोची-समझी साजिश हो। अब ये मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उन बातों के पक्ष में ठोस प्रमाण प्रस्तुत करूं जो मैंने कही हैं। राहुल गांधी के भाषण और ट्वीट्स में इस तरह के उदाहरण भरे पड़े हैं। मैं ऐसे पांच उदाहरण पेश करता हूं। पहला वो बार-बार कहते हैं कि देश के निजी उद्योगपतियों को 38ए000 करोड़ से लेकर 1ए30ए000 करोड़ तक का फायदा पहुंचाया गया है। आगे वो तर्क देते हैं कि जिस चीज को एचएएल से बनवाया जाना चाहिए था उसे अब ऐसी निजी कंपनी से बनवाया जा रहा है जिसके पास उसे बनाने का कोई अनुभव नहीं है। सच क्या है। राफेल एयरक्राफ्ट और उसके हथियार भारत में बनाए ही नहीं जा रहे हैंए न तो डसॉल्ट एविएशन के द्वारा और ना ही किसी निजी कंपनी के द्वारा। सभी 36 राफेल एयरक्राफ्ट्स और उसमें इस्तेमाल होने वाले हथियार तैयार हालत में भारत पहुंचेंगे। राफेल की आपूर्ति शुरू हो जाने के बाद डसॉल्ट को भारत में कॉन्ट्रैक्ट की कुल रकम के 50 फीसदी के बराबर खरीदारी करनी होगी। ये करार यूपीए सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने के मकसद से किया गया है। अगर कुल डील 58ए000 करोड़ की है तो उसका 50 फीसदी 29ए000 करोड़ होगा। डसॉल्ट को जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति 120 ऑफसेट सप्लायर करेंगे और जिस बिजनेस हाउस का नाम बार.बार लिया जा रहा है वो उन 120 सप्लायर्स में से एक है। डसॉल्ट ने कह दिया है कि उस बिजनेस हाउस के जिम्मे कुल कॉन्ट्रैक्ट का सिर्फ तीन फीसदी हिस्सा ही जा सकता है जो 1000 करोड़ से भी कम का होगा। दूसरा ये बात बार-बार कही जा चुकी है कि जब किसी खाते को एनपीए घोषित कर दिया जाता है तो उसकी देनदारी को भी खत्म मान लिया जाता है। बावजूद इसके वो एक बात बार.बार कहते हैं कि मोदी जी ने अपने 15 दोस्तों का कर्जा माफ कर दिया। सच क्या है। ये लोन यूपीए के शासनकाल में दिए गए। एक रुपया भी किसी का माफ नहीं किया गया है। डिफॉल्टर कंपनियों के प्रमोटर्स के खिलाफ आईबीसी के तहत कार्रवाई की गई है और बैंक इसके जरिए अपने लोन की सफलतापूर्वक रिकवरी कर रहे हैं। बैंक एनसीएलटी प्रक्रिया के तहत अपने लोन की रिकवरी कर रहे हैं। तीसरा उन्होंने एक रटा-रटाया सवाल सीख लिया था कि भारत में मोबाइल फोन का निर्माण क्यों नहीं किया जा सकताघ् मैंने उन्हें समझाया कि जब यूपीए सत्ता से बाहर हुईए तब यहां मोबाइल फोन और उससे जुड़े उपकरण बनाने वाली केवल दो यूनिट्स थीं। आज इनकी संख्या 120 है और उनका विस्तार हो रहा है। तब उन्होंने अपने उदाहरण बदल लिए। अब वे जहां भी भाषण देते हैंए वहां लोगों से यही कहते हैं कि उनके जिले में जूते क्यों नहीं बनते। वे कितने अनजान हैं. भारत आज विश्व का दूसरा सबसे बड़ा जूता उत्पादक देश बन चुका है। प्रति वर्ष हम लगभग 20ए000 करोड़ रुपये का जूता निर्यात करते हैं। भारत के जूता उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मक प्रकृति का एहसास करने के लिए उन्हें सिर्फ दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ तक ही जाना है। चौथाजीएसटी को लेकर वो कहते हैं कि ये दोषपूर्ण है और इसमें बदलाव की जरूर��� है। भारत वो देश है जिसने जीएसटी को सबसे सफलतापूर्वक लागू किया। पूरा देश एक बाजार बन गया है और इसके लागू होने के बाद देश के सारे चेक.प्वाइंट्स समाप्त हो गए। इंस्पेक्टर्स अब दिखाई नहीं दे रहे और इनकम टैक्स की तरह जीएसटी रिटर्न भी ऑनलाइन फाइल किया जा रहा है। ज्यादातर मूल्यांकन भी ऑनलाइन ही होंगे। कांग्रेस शासित राज्यों समेत देश के सभी राज्यों ने इसके मॉडल और रेट को स्वीकार किया। पहले 13 महीनों में ही 334 वस्तुओं के संदर्भ में कांग्रेस के 31ः टैक्स वसूली सिस्टम ;एक्साइज़वैट़सीएसटीद्ध को कम करके 18ः और 12ः कर दिया गया। इससे महंगाई पर काबू पाने में भी मदद मिली है। ऐसा लगता है कि इस सच से वो नावाकिफ हैं। राहुल की ताजा मनगढ़ंत कहानी पांचवांकल मध्य प्रदेश में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में उन्होंने अपने दो भाषणों में मेरे दो संदर्भ दिए। मैं उनके भाषणों के क्लिप को जोड़ रहा हूं जिस तरह सोशल मीडिया में दिखाई दिए हैं। पहली क्लिप में वह कहते हैं कि मैंने यह स्वीकार किया है कि मैं संसद में विजय माल्या से मिला था। वह आगे दावा करते हैं किए मैंने यह भी स्वीकार किया है कि माल्या ने मुझसे कहा कि वह लंदन भाग रहा है और मैंने भगाने में उसकी मदद की। दूसरे भाषण की क्लिप में वह कहते हैं कि मैंने स्वीकार किया है कि नीरव मोदी ने भी मुझसे संसद में मुलाकात की थी। उन्होंने दावा किया कि मैंने यह भी स्वीकर किया कि नीरव मोदी मुझसे मिला था और कहा था कि वह देश से बाहर जा रहा है और मैंने भागने में उसकी भी मदद की। सच क्या है। मुझे याद नहीं है कि मैंने अपने जीवन में कभी नीरव मोदी को देखा भी है। ऐसे में संसद में उसके साथ मुलाकात का सवाल ही पैदा नहीं होता है। अगर वह संसद में आया थाए जैसा कि राहुल गांधी दावा करते हैंए तो रिसेप्शन के रिकॉर्ड में यह दर्ज होगा। राहुल गांधी जीए मैंने कहां पर यह सब स्वीकार किया है। संसद सदस्य के रूप में विजय माल्या एक बार संसद के गलियारे में मेरा पीछा करते हुए आए थे और अपने केस की चर्चा की थी। मैंने उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया और उनसे कहा कि अपने प्रस्ताव को बैंकरों के पास ले जाएं। इसी को वह एक मीटिंग बताते हैं और ये कहानी गढ़ते हैं कि उन्होंने; माल्याद्ध मुझसे कहा था कि वह लंदन भाग रहे हैं। यह सरासर झूठ है। वह इस तरह की झूठी कहानी गढ़ते कैसे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स समिट में उन्होंने मेरे साथ एक मीटिंग का संदर्भ दिया था और मेरे लिए इसी तरह की बात कही थी। जब मुझसे पूछा गया तो मैंने कहा थाए ष्मैं कोरी कल्पनाओं का जवाब नहीं दे सकता हूं। ऐसे मामलों में मैं राष्ट्रपति मैक्रों की लाइन से सहमत हूंष्। आज मुझे लगता है कि यह बात कोरी कल्पना से भी कहीं आगे की है। क्या यह उनके व्यक्तित्व का दोष है। जिसकी वजह से वह एक दर्जन बार झूठ बोलते हैं और फिर खुद ही सोच लेते हैं कि यही सच है, या फिर क्या यह एक ऐसे विदूषक युवराज का मामला हैए जो विदूषक के दायरे से भी कहीं आगे निकल चुका है।
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poonamranius · 3 years
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Income Tax Crypto Currency : इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में होगा क्रिप्टो से कमाई के लिए अलग कॉलम
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Income Tax Crypto Currency : इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में होगा क्रिप्टो से कमाई के लिए अलग कॉलम | टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के लिए आज हम एक बड़ी खबर लेकर आए हैं! ये बात तो आप सभी जानते हैं कि देश अब धीरे-धीरे डिजिटलाइजेशन ( Digitization ) की तरफ काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है! ऐसे में जो खबर आ हम आप लोगों तक पहुंचाने जा रहे हैं वो आपके बेहद काम आ सकती हैं! फाइनेंशियल ईयर 2022-23 (FY 2022-23) के लिए जब आप इनकम टैक्स रिटर्न भरेंगे (Income Tax Return File) तो फॉर्म में क्रिप्टोकरंसी ( Cryptocurrency ) से आमदनी के ब्योरे के लिए भी कॉलम होगा! Income Tax Crypto Currency : इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में होगा क्रिप्टो से कमाई के लिए अलग कॉलम Income Tax Crypto Currency हाल में 1 फरवरी को जो बजट ( Budget 2022 ) पेश किया गया था, उसमें इस बात की गई घोषणा की गई थी, जिसके मुताबिक 1 अप्रैल 2022 से क्रिप्टोकरंसी (Crypto Currency) से होने वाली आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स चुकाना (Pay Tax) होगा! साथ ही इस बारे में बात करते हुए राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को बताया कि क्रिप्टोकरंसी से होने वाली 50 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स के अलावा 15 फीसदी सरचार्ज भी चुकाना होगा! टैक्स और ब्याज चुकाना होगा (will have to pay tax and interest) राजस्व सचिव ने आगे बताया कि इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return ) में की गई गलतियों को दुरुस्त करने के लिए करदाताओं (Taxpayers) को दी गई दो साल की मोहलत कोई माफी योजना नहीं है! पहले खुलासा नहीं की गई आमदनी पर उन्हें 25 प्रतिशत टैक्स और ब्याज चुकाना (Pay Taxes and Interest) होगा! 12 महीने के अंदर आईटीआर संशोधित (ITR Revised) करने पर करदाता को 25 प्रतिशत टैक्स और ब्याज देना होगा! 12 महीने के बाद और 24 महीने के पहले संशोधन करने पर टैक्स की दर 50 फीसदी तक बढ़ जाएगी! बजट में वित्त मंत्री ने कही ये बात (Finance Minister said this in the budget) वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को बजट पेश किया! बजट घोषणा में निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) पर टैक्स और भारतीय डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency) लॉन्च करने की बात कही! उन्होंने कहा कि ‘किसी भी तरह के वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Asset) के लेनदेन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा! वर्चुअल डिजिटल एसेट को ट्रांसफ़र करने पर भी एक प्रतिशत टीडीएस (TDS) का भुगतान करना होगा! गिफ़्ट में वर्चुअल करेंसी लेने वाले व्यक्ति को टैक्स भरना होगा’! भारत में जल्द शुरू होगी डिजिटल करेंसी (Digital currency will start soon in India) वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की तरफ से डिजिटल रुपी लॉन्च (Digital Rupee Launch) करने की बात भी कही! बड़े-बड़े कंप्यूटर एक ख़ास फ़ॉर्मूले या कहें कि एल्गोरिथम को हल करते हैं! इसे माइनिंग (Mining) कहा जाता है तब जाकर क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) बनती है! बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी करीब चार हजार वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) बाजार में पहले से उपलब्ध हैं! इन सब वर्चुअल करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं! नॉर्मल करेंसी (Normal Currency) को कोई ना कोई संस्था कंट्रोल करती है! जैसे भारत में करेंसी को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) कंट्रोल करता है! रिज़र्व बैंक (Reserve Bank) करेंसी को प्रिंट करता है और उसका हिसाब-किताब रखता है! क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) को कोई संस्था कंट्रोल नहीं करती! क्रिप्टोकरंसी में वैध हो जाएगा लेनदेन (Transactions will become legal in cryptocurrency) बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) चेयरमैन जे बी महापात्र ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘ऑनलाइन डिजिटल असेट्स (Online Digital Asset) को टैक्स के दायरे में लाने से आयकर विभाग (Income Tax Department) के लिए देश में इस क्रिप्टोकरंसी (Crypto Currency) के कारोबार की गहराई का पता लगाने, निवेशकों और उनके निवेश की प्रकृति को जानने में मदद मिलेगी’! साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ‘इस कदम का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरंसी में लेनदेन वैध हो जाएगा’! Read the full article
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tezlivenews · 3 years
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Bank Jobs: बैंक में नौकरी पाने का मौका, यहां SO पदों पर 100 से ज्यादा वैकेंसी, जानें एग्जाम कब?
Bank Jobs: बैंक में नौकरी पाने का मौका, यहां SO पदों पर 100 से ज्यादा वैकेंसी, जानें एग्जाम कब?
हाइलाइट्स बैंक नौकरी चाहिए तो यहां कर सकते हैं आवेदन। कई विभागों में स्पेशलिस्ट ऑफिसर की वैकेंसी। जनवरी 2022 में होगी लिखित परीक्षा। Central Bank of India Recruitment 2021: बैंक में नौकरी (Bank Jobs) की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने स्पेशलिस्ट ऑफिसर के विभिन्न पदों पर भर्ती 2021 का नोटिफिकेशन जारी किया है। यहां इकॉनॉमिस्ट, इनकम टैक्स ऑफिसर, इंफोर्मेशन…
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technofyworld · 3 years
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चीनी मोबाइल, फिनटेक कंपनियों ने भारत भर में आईटी विभाग द्वारा खोजों का सामना करने के लिए कहा
चीनी मोबाइल, फिनटेक कंपनियों ने भारत भर में आईटी विभाग द्वारा खोजों का सामना करने के लिए कहा
चीनी मोबाइल कंपनियों पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, आयकर विभाग देश भर में प्रमुख चीनी मोबाइल कंपनियों पर छापेमारी कर रहा है। मोबाइल कंपनियों सहित विपक्ष, Xiaomi, तथा वन प्लस इस खोज में शामिल किया जा रहा है, सूत्रों ने बुधवार को एएनआई को बताया। मंगलवार से शुरू हुई तलाशी में दो दर्जन से अधिक परिसर शामिल हैं। सूत्रों ने एएनआई को बताया, “दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, ग्रेटर नोएडा, कोलकाता, गुवाहाटी, इंदौर…
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bollywoodpapa · 3 years
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भाई-बहन की जोड़ी ने किया CA फाइनल एग्जाम में कमाल, नंदिनी बनी टॉपर तो सचिन को मिली 18वीं रैंक!
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भाई-बहन की जोड़ी ने किया CA फाइनल एग्जाम में कमाल, नंदिनी बनी टॉपर तो सचिन को मिली 18वीं रैंक!
दोस्तों मध्यप्रदेश में रहने वाली भाई-बहन की जोड़ी ने CA फाइनल की परीक्षा में बड़ा मुकाम हासिल किया है। इस परीक्षा में बहन ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया। वहीं, भाई की 18वीं रैंक आई है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने सोमवार को सीए फाइनल और फाउंडेशन का रिजल्ट जारी किया।
सीए फाइनल में मुरैना की नंदिनी अग्रवाल की ऑल इंडिया रैंक 1 रही। जबकि उनके भाई सचिन अग्रवाल की रैंक ऑल इंडिया में 18 रही। भाई-बहन बचपन से मुरैना के विक्टर कान्वेंट स्कूल में पढ़े हैं और दोनों ने इस परीक्षा के लिए साथ मे ही तैयारी शुरू की थी। नंदिनी को 800 में से 614 अंक मिले हैं।वे देश में पहले स्थान पर रही हैं।
बता दे की नंदिनी और सचिन ने बताया कि दोनों ने साथ में तैयारी करते हुए इस बात का हमेशा ध्यान रखा कि पढ़ाई में गंभीरता रहे। दोनों झगड़ते भी खूब थे लेकिन पढ़ाई के समय दोनों प्रश्नपत्र हल करने के बाद एक दूसरे की कॉपी चेक करते थे।  नंदिनी ने बताया कि उनकी और उनके भाई की किस्मत अच्छी थी कि उन्हें पहले ही प्रयास में सफलता मिल गई। आमतौर पर जब इस तरह की परीक्षाओं में दो-तीन प्रयास के बाद सफलता नहीं मिलती तो परिवार और दोस्तों का दबाव आने लगता है लेकिन उन दोनों के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ, नंदिनी ने बताया कि उनके माता पिता ने तैयारी के समय उसकी पूरी मदद की और हमेशा उसे उत्साहित ही किया।
भाई सचिन ने बताया कि उसे इस बात की खुशी है कि उसका और उसकी बहन दोनों की रैंक अच्छी आई है। सचिन के मुताबिक, उन्हें 70% अंक हासिल हुई हैं और वे इससे संतुष्ट हैं और उन्हें पता था कि उनकी बहन अच्छा करेगी। सचिन ने कहा, नंदिनी को पहली रैंक मेहनत के वजह से ही मिली है। दोनों भाई-बहन सामान्य परिवार से आते हैं। इनके पिता इनकम टैक्स क���सल्टेंट हैं, तो मां गृहिणी हैं।
भाई और बहन की इस सफलता पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोनों को बधाई दी है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘नंदनी अग्रवाल को परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक वन आने पर दिल से बधाई और उनके भाई सचिन को ऑल इंडिया रैंक 18 आने पर शुभकामनाएं। हमें आप पर गर्व है’।
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newsreporters24 · 3 years
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Income Tax portal glitch: Finance Ministry summons Infosys CEO Salil Parekh tomorrow
Income Tax portal glitch: Finance Ministry summons Infosys CEO Salil Parekh tomorrow
छवि स्रोत: इन्फोसिस सरकार ने नए ई-फ्लिंग पोर्टल में गड़बड़ियों को लेकर इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को तलब किया है। इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को रविवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सरकार को यह समझाने के लिए तलब किया है कि नए ई-फाइलिंग पोर्टल में गड़बड़ियों का समाधान क्यों नहीं किया गया है। इनकम टैक्स इंडिया ने रविवार को एक ट्वीट में लिखा, “वित्त मंत्रालय ने 23/08/2021 को इंफोसिस…
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आयकर पोर्टल - वित्त मंत्रालय ने मौजूदा गड़बड़ियों पर इन्फोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को समन किया; 2.5 महीने बाद भी ई-पोर्टल की समस्या का समाधान नहीं: IT विभाग का ट्वीट
आयकर पोर्टल – वित्त मंत्रालय ने मौजूदा गड़बड़ियों पर इन्फोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को समन किया; 2.5 महीने बाद भी ई-पोर्टल की समस्या का समाधान नहीं: IT विभाग का ट्वीट
आयकर पोर्टल – भारतीय वित्त मंत्रालय ने 23 अगस्त को इंफोसिस के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख को नए आयकर पोर्टल में मौजूदा गड़बड़ियों के बारे में स्पष्टीकरण मांगने के लिए तलब किया है, जो कि एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल है। इनकम टैक्स इंडिया @IncomeTaxIndia ने कहा। यहां देखें ट्वीट: वित्त मंत्रालय ने श्री सलिल पारेख, एमडी और सीईओ को तलब किया है @इंफोसिस 23/08/2021 को…
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abhay121996-blog · 3 years
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केयर्न एनर्जी के मामले में भारतीय संपत्तियों को फ्रीज करने के दिए आदेश , सरकार ने किया प्रमाणित Divya Sandesh
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केयर्न एनर्जी के मामले में भारतीय संपत्तियों को फ्रीज करने के दिए आदेश , सरकार ने किया प्रमाणित
नई दिल्ली। सरकार ने प्रमाणित किया है कि केयर्न एनर्जी के मामले में भारतीय संपत्तियों को फ्रीज करने के आदेश दिए हैं। सरकार ने इस बात को प्रमाणित किया है की फ्रांस की एक अदालत ने ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी की एक याचिका पर फैसला देते हुए कुछ भारतीय संपत्तियों को फ्रीज करने के आदेश दिए हैं। पिछली तारीख से जुड़े टैक्स के मामले में एक इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने केयर्न के पक्ष में फैसला दिया था ।
इस फैसले के बाद केयर्न एनर्जी भारत से 1.72 बिलियन डॉलर रिकवर करने के प्रयासों में जुटी है। सरकार ने यह भी स्पस्टता की है कि आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अपील की है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अपील की है। भारतीय संपत्तियों को फ्रीज किए जाने के आदेश के बारे में चौधरी ने कहा, ”हां सर, फ्रांस की एक अदालत ने केयर्न एनर्जी मामले में एक आदेश पारित कर कुछ भारतीय परिसंपत्तियों को फ्रीज करने के आदेश दिए हैं।”
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केयर्न कंपनी ने सन 2007 में भारत में अपनी कंपनी को लिस्टिंग कराने के लिए आईपीओ पेश किया था। इससे एक साल पहले उसने केयर्न इंडिया के साथ भारत में अपनी कई यूनिट्स का विलय किया था । इससे कंपनी को कैपिटल गेन हुआ था। इसलिए उसे टैक्स चुकाने का आदेश दिया गया था । केयर्न इस आदेश के खिलाफ अदालत चली गई थी ।
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भारत के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कैपिटल गेंस के रूप में 10 हजार करोड़ से अधिक के केयर्न इंडिया के 10 फीसदी शेयरों को अपने कब्जे में ले लिया था । इस मामले की सुनावई के बाद नीदरलैंड्स में आर्बिट्रेशन कोर्ट ने भारत सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया था और उसने ब्याज सहित यह रकम चुकाने का निर्देश दिया था ।
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sakettimes · 4 years
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IT रेड से घबराए तापसी पन्नू के ब्वॉयफ्रेंड ने खेल मंत्री से कहा- प्लीज कुछ कीजिए, खेल मंत्री ने दिया ये जवाब
IT रेड से घबराए तापसी पन्नू के ब्वॉयफ्रेंड ने खेल मंत्री से कहा- प्लीज कुछ कीजिए, खेल मंत्री ने दिया ये जवाब
मुंबई: आयकर विभाग (इनकम टैक्स विभाग) ने इस हफ्ते की शुरुआत में बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू और फिल्ममेकर अनुराग कश्यप के घर और दफ्तरों पर छापेमारी की है। आईटी विभाग के छापेमारी से घबराए तापसी पन्नू के ब्वॉयफ्रेंड और इंडिया टीम के बैडमिंट कोच मैथियास बोए ने ट्विटर पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू से मदद मांगी है। मैथियास बोए ने केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू को ट्वविटर पर टैग करते हुए लिखा, सर प्लीज…
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ashokgehlotofficial · 4 years
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केंद्रीय बजट गरीब और किसान विरोधी, महंगाई बढ़ाने वाला, दिशाहीन और निराशाजनक बजट है। इस बजट में कोरोना महामारी से पैदा हुई विकट बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। मिडिल क्लास करदाताओं को उम्मीद थी कि मोदी सरकार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर कोई राहत देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बजट से समाज का हर तबका पूरी तरह से निराश हुआ है।
राजस्थान के लिए यह बजट पूरी तरह निराशाजनक है। हमें उम्मीद थी कि बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा और हर घर नल योजना में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। प्रदेश से सभी सांसद एनडीए के होने के बावजूद केंद्र सरकार ने राजस्थान से भेदभावपूर्ण व्यवहार किया है। इस बजट का पूरा फोकस सिर्फ चुनावी राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी पर रहा। यह केंद्रीय बजट से ज्यादा ‘पांच चुनावी राज्य बजट’ प्रतीत हो रहा है।
कोरोना महामारी के कारण राज्यों के वित्तीय स्रोत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राज्यों को उम्मीद थी कि बजट में विशेष आर्थिक पैकेज दिए जाएंगे जिससे राज्यों की स्थिति सुधर सके। ऐसे पैकेज के द्वारा नए रोजगार पैदा किए जा सकें और आमजन की परचेजिंग पावर बढ़ सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले महीनों में केंद्र सरकार ने रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन किया है तब भी मोदी सरकार राज्यों को जीएसटी का हिस्सा नहीं दे रही है जिससे राज्यों में विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देने वाले कृषि और रीयल एस्टेट सेक्टर को इस बजट में विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए था। किसान अपनी मांगों को लेकर महीनों से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार ने इस बजट में किसान हित में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया है। रीयल एस्टेट सेक्टर आमजन को सस्ता आवास उपलब्ध एवं स्किल्ड और अनस्किल्ड दोनों प्रकार के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने वाला सेक्टर है। लॉकडाउन के बाद से परेशानियों में घिरे इस सेक्टर को राहत पैकेज दिया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यह बजट पूरी तरह बड़े उद्योगपतियों के हितों को साधने वाला बजट है। मोदी सरकार ने इस बजट के माध्यम से अपनी 'सूट बूट की सरकार' की छवि को पुन: जाहिर करते हुए सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को राहत देने का प्रयास किया है। मोदी सरकार ने पूर्व में कॉर्पोरेट टैक्स में कमी की थी जिससे इस वर्ष कॉर्पोरेट टैक्स के कलेक्शन में 16% से अधिक की कमी आई है। इससे विकास योजनाओं को 76 हजार करोड़ की राशि कम अर्जित हुई। इसका विकास कार्यों पर बेहद प्रतिकूल असर होगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ाती जा रही है। आमजन को उम्मीद थी कि बजट में केंद्रीय करों में कटौती कर मोदी सरकार राहत प्रदान करेगी लेकिन बजट में एक नया सेस लगा दिया गया है। फिलहाल इसका सीधा असर आम आदमी पर ना पड़े लेकिन आखिर में इसका बोझ आमजन को ही उठाना पड़ेगा।
मोदी सरकार द्वारा FDI को बढ़ावा देने पर कहा कि यूपीए सरकार के समय FDI की मुखर विरोधी रही भाजपा सरकार में आने के बाद से FDI को बढ़ावा दे रही है जिसकी झलक बजट में भी दिखी। अगर पूर्व में सिर्फ राजनीतिक कारणों से FDI का विरोध करने की जगह देशहित में बीजेपी ने यूपीए का सहयोग किया होता तो इस दिशा में देश और भी आगे होता। इस बजट में मोदी सरकार द्वारा पिछले कार्यकाल में शुरू किए गए बहुचर्चित मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी कई योजनाओं के बारे में कोई जिक्र तक नहीं किया है। इससे लगता है कि स्वयं मोदी सरकार ने ही इन सभी योजनाओं को असफल मान लिया है।
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