22.05.2023, लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में त्याग, बलिदान एवं पराक्रम के प्रतीक 'मेवाड़ मुकुट' महाराणा प्रताप जी की जन्म जयंती के अवसर पर रामायण पार्क, सेक्टर 25, इंदिरा नगर, लखनऊ में "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम में महाराणा प्रताप चैरिटेबल ट्रस्ट लखनऊ के अध्यक्ष श्री एस पी रॉय, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. एस. के. श्रीवास्तव, सेक्टर 25 के निवासीगण ए. के. त्रिपाठी, जे. पी. गुप्ता, महेश जैसवाल, आर के शर्मा, सरिता शर्मा, के. पी. शर्मा, सुनीता शर्मा, संजय कुमार पाण्डेय तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों द्वारा महाराणा प्रताप जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण किया गया |
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि हल्दीघाटी के युद्ध में, दुश्मन में कोहराम मचाया था, देख वीरता राजपूताने की, दुश्मन भी थर्राया था |" भारतीय इतिहास में अनेक महान वीरों ने अपनी शौर्य और बलिदान के माध्यम से हमारे देश को गौरवान्वित किया है, उनमें से एक महान वीर थे "महाराणा प्रताप सिंह" जिनकी जयंती आज हम मना रहे हैं । महाराणा प्रताप सोलहवीं शताब्दी के उदयपुर, मेवाड़ मे सिसोदिया राजपूत राजवंश के महान राजा थे एवं अपनी वीरता, पराक्रम, व शौर्यता के लिए जाने जाते थे । शूरवीर महाराणा प्रताप ने मुगलों के अतिक्रमणों के खिलाफ अनगिनत लड़ाइयां लड़ी थीं | कहा जाता है कि महाराणा प्रताप ने जंगल में घास की रोटी खाई और जमीन पर सोकर रात गुजारी, लेकिन अकबर के सामने कभी हार नहीं मानी | आज महाराणा प्रताप जी की जन्म जयंती पर आइए यह संकल्प लें कि अपने दुश्मनों के सामने कभी घुटने नहीं टेकेगे वह पूरे आत्मविश्वास एवं तन्मयता के साथ अपने देश की रक्षा करेंगे |"
महाराणा प्रताप चैरिटेबल ट्रस्ट लखनऊ के अध्यक्ष एस पी राय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अनुपम, अद्वितीय, अपराजेय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के स्मरण मात्र से आज भी साहस, शौर्य, स्वाभिमान, समर्पण संघर्ष एवं सफलता की चेतना एक साथ स्वत: हो जाती है l गुहील (गुहिला दित्य) कुल में आज से 483 साल पहले 9 मई 1540 ईस्वी में कुंभलगढ़ किला में राणा उदय सिंह (द्वितीय) के पुत्र राणा प्रताप (प्रथम) जिन्हें हम महाराणा प्रताप के नाम से जानते हैं का जन्म हुआ था l इस कुल की शुरूआत वर्ष 566 में गुहिला दित्य से हुई, जो इस्लाम धर्म के शुरुआत के कई वर्ष पूर्व हैं और यह वंश अभी तक चला आ रहा है इसीलिए इस वंश (dynasty) को विश्व का सबसे लंबा शासक वंश कहा जाता है | इसी कुल में अनेकों वीर योद्धा हुए जिन्होंने राजपूताना मेवाड़ के साथ अपनी मातृभूमि एवं सनातन धर्म की रक्षा के लिए विदेशी आक्रांताओं से लोहा लिया | वंदनीय बप्पा रावल जिनका शासन 734 से 753 ईसवी तक रहा, ने प्रथम मुस्लिम आक्रांता को खदेड़ कर भारत से बाहर कर दिया | सिसौदा के गहलोत श्रद्धेय राणा हमीर ने अलाउद्दीन खिलजी से जीतकर चित्तौड़ पुनः अपने कब्जे में ले लिया और तभी से इस वंश को सिसोदिया कहा जाने लगा | महाराणा कुंभकरण जो लोगों में कुम्भा के नाम से विख्यात हैं उन्हें “हिंदू सुरत्राण” कहा गया है | जिन्होंने दिल्ली एवं गुजरात के सुल्तानों का कितना ही प्रदेश अपने अधीन किया | मध्यकालीन युग में राणा संग्राम सिंह जिन्हें राणा सांगा के नाम से जाना जाता है, वे मुगल आक्रांता बाबर से लड़ाई लड़े ताकि भारत के पवित्र भूमि पर उसका कब्जा न हो और उसी स्वतंत्र मात्रभूमि की भावना का जीवंत स्वरूप हम महाराणा प्रताप में पाते हैं जिन्होंने मुगल बादशाह अकबर, जिसका आधिपत्य और साम्राज्य समूचे उत्तर भारत पर था, के विरुद्ध वर्ष 1576 में हुए हल्दीघाटी युद्ध के कई वर्षों तक अपने प्रण पर अडिग रहकर लड़ते रहे क्योंकि हल्दीघाटी का युद्ध अनिर्णायक रहा जबकि मुगल के 30,000 सेना फौज के सामने महाराणा का मात्र 5000 सेना की फौज थी | इसी युद्ध में महाराणा का चेतक घायल हो गया था और तभी सामला के राजा मानसिंह झाला ने महाराणा को अपना मुकुट देकर रणभूमि से निकाला ताकि महाराणा प्रताप अकबर से बाद में लोहा ले सके | हल्दीघाटी युद्ध के बाद अकबर 1577, 1578, 1579 एवं 1580 तक विभिन्न सेनापतियों जैसे सहवास हुसैन, बहलोल खान, मानसिंह, अब्दुल रहीम खानखाना के अगुवाई में लगातार बड़ी सेना की टुकड़ी के साथ भेजता रहा मगर सभी युद्ध अनिर्णायक रहा | महाराणा प्रताप गुरिल्ला पद्धति से लड़ाई लड़ते थे 1581 में दानवीर भामाशाह ने धन देकर युद्ध के लिए मार्ग प्रशस्त किए | वर्ष 1582 में विजयादशमी के दिन महाराणा प्रताप ने कोल भील से गठित अकबर के 50,000 सेना पर धावा बोल दिया | यह युद्ध देवार युद्ध के नाम से जाना जाता है | और मुगल सेना हार के कारण अपने 36000 सेना महाराणा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया | महाराणा का चित्तौड़ छोड़कर पुनः पूरे मेवाड़ पर कब्जा हो गया | इस तरह से विजयादशमी हम भारतीयों के लिए दो खुशियां लेकर आती है एक राजा रामचंद्र के वनवास से अयोध्या लौटने का और इसी सूर्यवंशी कुल में पैदा महाराणा के जीत का | इसी Battle of Dewar में महाराणा ने अपने तलवार से बहलोल खान को एक बार में ही बीचो-बीच टुकड़े कर दिए | मगर Battle of Dewar का इतिहास में स्थान नहीं मिला | 1584 में अकबर स्वयं सेना लेकर आया मगर वह 6 माह बाद निराश होकर आगरा लौट गया वह महाराणा को पराजित नहीं कर सका | महाराणा कुल की महानता इससे भी जाहिर होती है कि राज चिन्ह में भील आदिवासी को राणा के समकक्ष रखा गया है और सूर्य के नीचे “जो दृढ़ राखे धर्म को, तेहि राखे करतार,” की पंक्ति अंकित है जो अपने धर्म की रक्षा का सन्देश देती है |
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क्या एक हुई लोक जनशक्ति पार्टी? UP राज्य निर्वाचन आयोग का नोटिफिकेशन तो कुछ यही बता रहा, बिहार तक गरमाई सियासत
क्या एक हुई लोक जनशक्ति पार्टी? UP राज्य निर्वाचन आयोग का नोटिफिकेशन तो कुछ यही बता रहा, बिहार तक गरमाई सियासत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से बांगला चुनाव चिह्न लोक जनशक्ति पार्टी के लिए आवंटित कर दिया गया है। लोक जनशक्ति पार्टी अभी अस्तित्व में ही नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग ने दल का नाम और चुनाव चिन्ह दोनों सीज किया हुआ है। इसके बाद भी राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी मान्यता प्राप्त दलों की लिस्ट में लोजपा का नाम और बंगला चुनाव चिह्न हैरान करने वाला है। मान्यता प्राप्त दलों की बात…
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अमेठी-रायबरेली से आज होगा राहुल-प्रियंका के नाम का ऐलान! कांग्रेस ने तेज की नामांकन की तैयारियां
रोहित मिश्रा, लखनऊः लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के चुनाव के नामांकन के लिए अब केवल अंतिम 48 घंटे बचे हैं, लेकिन और पर कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम तय नहीं हुए हैं। हालांकि दोनों ही जिला इकाइयां तीन मई को नामांकन की तैयारियों में जुट गई हैं। कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे के भी अमेठी दौरे का कार्यक्रम 3 को तय हुआ है। होर्डिंग और बैनर तैयार किए जा रहे हैं। गाड़ियां बुक कर ली गई हैं। सूत्रों की माने तो चूंकि अभी तक आधिकारिक तौर पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं हुआ है, लिहाजा और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ कांग्रेस के स्लोगन को ही प्रमुखता में रखा गया है। कुछ होर्डिंग पर प्रियंका और सोनिया गांधी की भी बड़ी तस्वीरें रखी गई हैं।कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि अमेठी और रायबरेली सीट से राहुल और ही उम्मीदवार होंगे। कौन किस सीट से लड़ेगा, फिलहाल यह तय नहीं है। दावा किया जा रहा है कि गुरुवार शाम तक प्रत्याशियों के नामों की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि नामांकन की तैयारियों के लिए दिल्ली और प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से गाड़ियां भेजी गई हैं। भुएमऊ और मुंशीगंज गेस्ट हाउस साफ करवाया जा रहा है। इसके अलावा बाहर से आने वाले नेताओं और वरिष्ठ पदाधिकारियों के रुकने के लिए अमेठी और रायबरेली के होटलों की भी बुकिंग करवा ली गई है।बुधवार को तैयारियों का जायजा लेने के लिए सोनिया गांधी के प्रतिनिधि रहे केएल शर्मा अमेठी पहुंचे। यहां उन्होंने ब्लॉक स्तर के कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि तीन मई को नामांकन के लिए तैयार रहें। तीन मई ही अमेठी और रायबरेली में नामांकन की आखिरी तारीख भी है।तीन को राहुल और प्रियंका के चुनावी कार्यक्रम भी हैंभले ही अमेठी और रायबरेली में शुक्रवार को नामांकन की तैयारियां जिला इकाइयां कर रही हैं। लेकिन तीन मई को राहुल गांधी और प्रियंका के चुनावी कार्यक्रम भी हैं। राहुल गांधी 3 को दक्षिण ओडिशा कोरापुट संसदीय क्षेत्र के तहत रायगढ़ के दौरे पर जा रहे हैं। सुबह 11 बजे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। जबकि प्रियंका गांधी तीन मई को फतेहपुर सीकरी में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में रोड शो करेंगी। ये कार्यक्रम एक तरह से तैयारियों और दावों पर सवाल भी खड़ा कर रहे हैं। अगर कार्यक्रम रद किया गया तब तो नामांकन बिना अड़चन के हो सकता है, लेकिन कार्यक्रम तय समय में होने पर नामांकन में मुश्किल आ सकती है।अमेठी-रायबरेली पर कांग्रेस का फैसला कब?कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों को लेकर उम्मीदवारों पर सस्पेंस बरकरार रखा है। नामांकन में दो दिन बचे हैं और ऐसे में कयासों का दौर जारी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति ने इस मामले को लेकर फैसला लेने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अधिकार दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि अगले 24-30 घंटे में उम्मीदवारों का ऐलान किया जा सकता है। यह पूछे जाने पर कि उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर देरी की वजह क्या है। क्या कांग्रेस पार्टी राहुल और प्रियंका गांधी को वहां से खड़ा करने में डर रही है। इस पर रमेश ने कहा कि कोई देरी नहीं हुई है। उन्होंने ये भी कहा कि BJP ने रायबरेली के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। स्मृति इरानी मौजूदा सांसद हैं। कोई डरा हुआ नहीं है और चर्चा चल रही है। उत्तर प्रदेश की कांग्रेस लीडरशिप ने केंद्रीय चुनाव समिति से राहुल गांधी को अमेठी और प्रियंका गांधी को रायबरेली से खड़ा करने की अपील की है। राहुल गांधी साल 2004 से लगातार तीन बार अमेठी से सांसद रहे हैं। 2019 में उन्हें स्मृति इरानी ने हरा दिया था। राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। रायबरेली को लेकर प्रियंका गांधी के नाम की लगातार चर्चा चल रही थी। http://dlvr.it/T6Hx6l
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UPSSSC जूनियर एनालिस्ट फार्मेसी भर्ती 2024: 361 पदों के लिए
📅 अंतिम ���िथि:18/05/2024 👨💼 रिक्त पद:361👉 पद का नाम:जूनियर एनालिस्ट फार्मेसी
UPSSSC Junior Analyst Pharmacy Recruitment 2024: Uttar Pradesh Subordinate Service Selection Commission (UPSSSC) ने अभी नौकरी के अवसर की घोषणा की है! वे फार्मेसी के लिए जूनियर एनालिस्ट को नियुक्त करना चाह रहे हैं। रोमांचक, है ना? आइए मैं आपके लिए सभी महत्वपूर्ण विवरण बताता हूँ।
सबसे पहले, आपको यह जानना होगा कि आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसलिए, किसी भी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे ही फॉर्म भर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आप आधिकारिक अधिसूचना पढ़ लें। यह एक गाइडबुक की तरह है जो आपको नौकरी के बारे में वह सब कुछ बताती है जो आपको जानना आवश्यक है।
अधिसूचना में आपको क्या मिलेगा इसकी एक झलक यहां दी गई है: आवेदन प्रक्रिया, महत्वपूर्ण तिथियां, शुल्क, आयु सीमा, आवश्यक योग्यताएं, उपलब्ध रिक्तियों की संख्या, वेतन और महत्वपूर्ण लिंक। यह नौकरी आपके लिए सही है या नहीं, यह तय करने के लिए आपको लगभग सारी जानकारी की आवश्यकता है।
आवेदन करने के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। आपको वहां आधिकारिक अधिसूचना का लिंक भी मिलेगा। हर चीज़ को ध्यान से पढ़ने के लिए अपना समय लें। एक बार जब आप तैयार हो जाएं, तो अपना आवेदन जमा करने के लिए निर्देशों का पालन करें।
UPSSSC जूनियर एनालिस्ट फार्मेसी भर्ती 2024 (UPSSSC Junior Analyst Pharmacy Recruitment 2024)
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रक्षा मंत्रालय ने UP के इन 16 जिलों में सैनिक स्कूल खुलने का किया बड़ा ऐलान
Sainik School: यूपी वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा ऐलान किया है जिसमें कहा है कि यूपी के इन 16 जिलों में सैनिक स्कूल खोले जाएंगे. जिसमें बच्चों को बहुत सी सुविधाएं मिलेंगी. ये स्कूल पीपीपी (Private Public Partnership) के आधार पर खोले जाएंगे. आइए खबर में जानते हैं किन राज्यों में खुलेंगे सैनिक स्कूल… रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल सोसाइटी की ओर से राज्य सरकार को मिले पत्र के आधार पर शासन ने प्रदेश के 16 जिलों के जिलाधाकारियों को पत्र भेजा है. आपको बता दें कि प्रदेश के 16 जिलों में जल्द ही सैनिक स्कूल खोले जाएंगे. यह सभो स्कूल पीपीपी (Private Public Partnership) के आधार पर खोले जाएंगे. नए सैनिक स्कूल खोलने के लिए राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त, निजी या गैर सरकारी संगठन NGO की ओर से संचालित स्कूलों को सैनिक स्कूलों में परिवर्तित कर बनाए या स्थापित किए जाएंगे.
Sainik School: राज्य सरकार ने भेजा था पत्र
राज्य सरकार ने प्रदेश के हर मंडल में एक सैनिक स्कूल खोलने के लिए चार साल पहले रक्षा मंत्रालय को पात्र लिखा था. इसी को लेकर रक्षा मंत्रालय ने प्रदेश के 16 जिलों में सैनिक स्कूल खोलने की सहमति दे दी है. बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से संबंधित जिलों के डीएम को भेज गए पत्र में कहा गया है. कि वे अपने जिलों में उपयुक्त राजकीय या सहायता प्राप्त या इच्छुक निजी अथवा एनजीओ की ओर से संचालित विद्यालयों को सैनिक स्कूलों में परिवर्तित करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं.
इन जिलों में खुलेंगे सैनिक स्कूल
वाराणसी, आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, आज़मगढ़, बस्ती, बरेली, मुरादाबाद, बांदा, झांसी, देवीपाटन, अयोध्या, कानपुर नगर, मेरठ, सहारनपुर और मिर्जापुर में सैनिक स्कूल खुलेंगे.
इन जिलों में है रक्षा मंत्रालय के तीन स्कूल
उत्तर प्रदेश में रक्षा मंत्रालय की ओर से अभी तक तीन स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. यह स्कूल अमेठी, झांसी, मैनपुरी में है. मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर में भी सैनिक स्कूल बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से 90 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है.
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अयोध्या: (Amitabh Bachchan) राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से देशभर से लोग रामलला की दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि अभी हाल में अयोध्या से खबर आई है कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी रामलला का दर्शन करने रामनगरी अयोध्या धाम पहुंचे। दर्शन के बाद अमिताभ बच्चन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुआ और आज भी अयोध्या पहुंचकर रामलला का दर्शन किया। अब तो अयोध्या आना-जाना लगा ही रहेगा। दरअसल अमिताभ बच्चन ने लोढ़ा ग्रुप के जरिए अयोध्या में एक जमीन भी ले रखी है l
Amitabh Bachchan वहीं पुरानी बातों को ताजा करते हुए बच्चन ने कहा कि जब मैं कहीं जाता हूं तो लोग कहते हैं आप मुंबई रहते हैं, यहां आना-जाना नहीं होगा। कैसे आपके साथ ताल्लुक बढ़ाया जाएगा, तो बाबूजी (हरिबंशराय बच्चन) ने एक बात कही थी वह कहावत भी अवधी में है। हमारी पैदाइश इलाहाबाद की है, हम दिल्ली रहे कोलकाता रहे, मुंबई रहे, आपका ताल्लुक है उत्तर प्रदेश से l
बच्चन ने बताया कि बाबूजी कहते थे एक कहावत है अवधी में, ‘हाथी घूमे गांव-गांव, जेके हाथी वही कै नाव’, यह सच है कि हम इलाहाबाद में रहे, कोलकाता में रहे, दिल्ली में रहे, मुंबई में रहे लेकिन जहां कहीं भी रहे कहलाए गए छोरा गंगा किनारे वाला। अमिताभ बच्चन ने शहर के सिविल लाइन स्थित एक ज्वेलर्स शोरूम का उद्घाटन भी किया l
https://twitter.com/PTI_News/status/1755832666056749122?s=20
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देश में पेराई सत्र ने गति पकड़ ली है, लेकिन चीनी उत्पादन अभी भी पिछले सीजन के मुकाबले कम है। चीनी रिकवरी अधिक है, औसत चीनी रिकवरी 31 जनवरी 2024 तक 9.71 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक चीनी उत्पादन हो रहा है, उत्तर प्रदेश फॉलो कर रहा है।
पूरी जानकारी के लिए क्लिक करें - https://www.chinimandi.com/187-15-lakh-tonnes-of-sugar-produced-in-the-country-so-far-nfcsf-in-hindi
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UP News :उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं के लिए चलाए गए अभियान की अवधि को बढ़ाया गया है। सूबे के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए चल रहे विशेष अभियान की अवधि 16 जनवरी तक बढ़ाए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश जारी किए है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अभी भी लगभग 45 हजार गोवंश बेसहारा विचरण कर रहे हैं। इसलिए इन गोवंशों का शत प्रतिशत संरक्षण किया जाए।
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि 60 दिवसीय विशेष अभियान जो 1 नवंबर से 31 दिसंबर चलाया गया, उसमें 184060 गोवंशों को संरक्षित किया गया है। इस अभियान के दौरान 323 नए अस्थाई गौ आश्रय स्थल और 536 गौ आश्रय स्थलों में शेड विस्तारीकरण किया गया है। बेसहारा गोवंशों को पकड़ने के लिए अभियान में 1574 विशेष दस्तों का गठन कर 687 कैटल कैचर की सहायता ली जा रही है।
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मतभेद के बाद बीते 6 साल में चौथी बार नजदीक आए अखिलेश और शिवपाल, अभी भी संशय में हैं चाचा-भतीजा के समर्थक
मतभेद के बाद बीते 6 साल में चौथी बार नजदीक आए अखिलेश और शिवपाल, अभी भी संशय में हैं चाचा-भतीजा के समर्थक
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने रविवार को सैफई में एक मंच पर आकर लोगों को संबोधित किया तो बीते 6 वर्ष में यह चौथा मौका था, जब दोनों ने आपसी मतभेद भुलाकर एक-दूसरे का सहयोग करने की घोषणा की। हालांकि, दोनों के समर्थक…
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कोटा में फिर कोचिंग स्टूडेंट छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
कोटा
फरीद खान
कोटा में फिर कोचिंग स्टूडेंट ने फांसी लगाकर की आत्महत्या ।।
कोटा।शहर के जवाहर नगर थाना क्षेत्र के महावीर नगर फर्स्ट इलाके में नीट की तैयारी कर रही एक कोचिंग छात्रा ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रथम दृष्टया आत्महत्या के कोई कारण सामने नहीं आए हैं। छात्रा निशा यादव उत्तर प्रदेश के औरैया के निवासी थी। परिजनों के कोटा पहुंचने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है। छात्रा के पिता आसान सिंह यादव ने बताया कि उनकी बेटी निशा यादव मई के महीने में ही नीट की तैयारी करने के लिए कोटा आई थी। वह पढ़ने में बहुत होशियार थी। टेस्ट में भी उसके बहुत अच्छे मार्क्स आते थे। इस बीच में वह लगातार कोटा आते-जाते रहे हैं और अभी दिवाली पर भी बेटी को अपने साथ गांव लेकर गए थे। बीती रात भी उससे बात हुई थी इसके बाद दोबारा जब फोन लगाया तो उसने फोन नहीं उठाया। कुछ संदेह होने पर हॉस्टल स्टाफ को बताया गया। निशा ने जब हॉस्टल के अपने रूम का दरवाजा अंदर से नहीं खोला तो पुलिस को भी सूचना दी गई। दरवाजा तोड़ने पर निशा फंदे से झूलती हुई मिली। निशा के पिता ने कहा कि पढ़ाई के तनाव जैसी कोई बात सामने नहीं आ रही है। निशा पढ़ने में भी इंटेलीजेंट थी लेकिन हो सकता है कि वह सिर की बीमारी से परेशान हो। उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं है।
बाइट -ASI थाना जवाहर नगर
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होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्माः इटवा से विश्व पटल तक 20 वर्षाें का क्या है सतत योगदान
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थनगर जनपद के इटवा कस्बा से होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा मरीजों के लिए भगवान बनकर प्रकट हुए। होम्यौपैथिक चिकित्सा पद्धति से मरीजों को स्वस्थ करने की ख्याति धीरे धीरे उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश और विदेशों में फैल गयी।
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होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा से विशेष भेंटवार्ता
क्या है होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति, उनके इलाज का तरीका, बिमारियों को ठीक करने हेतु किए गए अनुसांधान, होम्योपैथी तथा अन्य चिकित्सा पद्धति की दवाओं का प्रभाव, दुष्परिणाम आदि पर होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा से सोमवार को एक खास बातचीत की गयी।
आइए जानते हैं, उनके द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सक क्षेत्र में लगभग 20 वर्षाें से किए गए योगदान की प्रश्नोत्तर रूप में खास बातें।
प्रश्न- चिकित्सा के क्षेत्र में आपके पास कौन- कौन सी डिग्री है?
उत्तर- मेरे पास होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की विश्व की सबसे बड़ी डिग्री है। बीएचएमएस, एमडी (होम्योपैथिक मैटेरिया मेडिका) पीएचडी (होम्योपैथिक)।
प्रश्न- आपने होम्योपैथिक चिकित्सा में अपना रजिस्ट्रेशन किन-किन जगहों पर कराया है और रजिस्ट्रेशन नंबर कितना है?
उत्तर- मेरा रजिस्ट्रेशन होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड उत्तर प्रदेश में जिसका है, रजिस्ट्रेशन नंबर एच 028454 तथा केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद नई दिल्ली भारत सरकार में 2539 है।
प्रश्न- अभी तक आपने कितने पुस्तकों का लेखन किया है तथा समाज में इसका क्या प्रभाव रहा है?
उत्तर- मैंने होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की 156 पुस्तकों का लेखन किया है। हमारी प्रकाशित पुस्तकों के द्वारा समाज में जागरूकता उत्पन्न हुई है। लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए और समय रहते अपने इलाज के लिए तत्पर हुए हैं।
प्रश्न- आप अब तक कितने निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन कर चुके हैं?
उत्तर- सैकड़ों निशुल्क चिकित्सा शिविर का लगा चुका हूं। विभिन्न स्थानों पर निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाने से वहां के स्थानीय लोगों को जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, उन्हें तत्काल सुविधा मिली है।
प्रश्न- क्या आपका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है, किसके लिए दर्ज है?
उत्तर- मेरा नाम होम्योपैथिक चिकित्सा क्षेत्र में लार्जेस्ट होम्योपैथी लेशन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। विश्व का एकमात्र चिकित्सक हूं जो मेरा नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में होम्योपैथी के क्षेत्र में दर्ज है।
इससे विश्व के तमाम देशों में स्वास्थ्य के प्रति कार्य करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। जिसमें श्रीलंका, जापान, जर्मनी, लंदन, कंबोडिया इत्यादि देशों में एक सकारात्मक संदेश गया। इसके अलावा वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक, इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड आदि 58 वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज है।
प्रश्न- आपने होम्योपैथिक चिकित्सा की कौन-कौन सी पुस्तकों का लेखन किया है। कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों का नाम बताएं?
उत्तर- टेक्स्ट बुक ऑर्गनॉन ऑफ़ होम्योपैथिक मेडिसिन, होम्योपैथिक रिपोर्टरी एंड केस टेकिंग, होम्योपैथिक फार्मेसी, प्रैक्टिस ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन, द ह्यूमन एनाटॉमी, द ह्यूमन फिजियोलॉजी, जनरल पैथोलॉजी, होम्योपैथिक साइकोलॉजी, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी, टेक्सबुक ऑफ़ बायोकेमेस्ट्री, होम्योपैथिक मैटेरिया मेडिका भाग 1 भाग 2 भाग 3, होम्योपैथिक थैरेपीयूटिक्स, कैंसर एंड होम्योपैथी, होम्योपीडिया मैटेरिया मेडिका,
प्रश्न- आपके द्वारा होम्योपैथी में कोई शोध पत्र भी प्रकाशित किया गया है?
उत्तर- जी हां, मेरे द्वारा विश्व के टॉप रिसर्च जर्नल पबमेड, स्कोपस, पीर रिव्यूड, यूजीसी केयर रिसर्च जर्नल में मेरे 100 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
प्रश्न- होम्योपैथी क्या है?
उत्तर- होम्योपैथी शब्द का अर्थ है- “समान पीड़ा”। जब एक स्वस्थ व्यक्ति को औषधीय रूप से प्रेरित पदार्थों की उच्च खुराक दी जाती है, तो वे कुछ लक्षण विकसित कर सकते हैं। होम्योपैथिक दवा या होम्योपैथी इस आधार पर काम करती है कि जब एक ही पदार्थ को पतला किया जाता है, तो वे विभिन्न कारणों से उत्पन्न होने वाले समान लक्षणों के उपचार में मदद करते हैं।
होम्योपैथिक दवाएं रोगाणुओं पर हमला करने के लिए नहीं जानी जाती हैं, बल्कि रोग के कारण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती हैं। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के अलावा, होम्योपैथिक दवाएं रोगी के मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और शारीरिक कल्याण को बढ़ावा दे सकती हैं, जो उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा है।
प्रश्न- क्या होम्योपैथिक दवाओं का साइड इफेक्ट होता है?
उत्तर- होम्योपैथी एक पूरी तरह सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है। एलोपैथी के तरह इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। अंग्���ेजी मेडिसिन में आप जिस भी बीमारी के इलाज के लिए जिस भी दवा का सेवन करते हैं, उसका कोई न कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है।
ट्यूबरकुलोसिस की दवा टीबी का इलाज तो करती है, लेकिन साथ ही लिवर पर भी नकारात्मक असर डालती है। माइग्रेन के लिए ली जा रही दवा का साइड इफेक्ट ये है कि ये रक्त को पतला करती है। किसी भी तरह के दर्द के लिए हम जो पेनकिलर लेते हैं, वो पेनकिलर शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर रहा होता है।
लेकिन होम्योपैथी के साथ ऐसा नहीं है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह दवा सिर्फ उस बीमारी और कष्ट का ही निवारण करती है, जिसके लिए वह दी जा रही है।
प्रश्न- क्या होम्योपैथी द्वारा सभी रोगों का इलाज किया जा सकता है?
उत्तर- चिकित्सा की किसी भी अन्य प्रणाली की तरह, होम्योपैथी की भी अपनी सीमाएँ हैं। होम्योपैथी द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जा सकता है। सिर्फ ऐसे मामलों के सिवाए जिसमें शल्य-चिकित्सा की आवश्यकता है। इसके अलावा, कुछ तथा-कथित शल्य-चिकित्सीय रोग जैसे कि बढ़े हुए टॉन्सिल, किडनी स्टोन, बवासीर, गर्भाशय के ट्यूमर इत्यादि का भी होम्योपैथी द्वारा इलाज किया जा सकता है।
प्रश्न- होम्योपैथी गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है?
उत्तर- होम्योपैथिक दवाएं अपनी प्रकृति में चूंकि आक्रामक नहीं होतीं, इसलिए यह गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित हैं। कमजोर शरीर पर इनका कोई नकारात्मक असर नहीं होता।
प्रश्न- होम्योपैथिक दवा कितने दिन में काम करती है?
उत्तर- होम्योपैथिक दवाओं के असर करने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है। अगर रोग की हाल ही में उत्पत्ति हुई है तो इलाज कम समय में ही पूरा किया जा सकता है। ऐसे में, अगर दवा का चयन, प्रभावशीलता एवं पुनरावृत्ति का समय सही हो तो होम्योपैथिक दवाएं जल्द असर करती हैं।
प्रश्न- क्या यह सच है कि होम्योपैथिक इलाज के दौरान चाय, प्याज, लहसुन आदि का सेवन करना मना होता है?
उत्तर- नहीं यह सच नहीं है, होम्योपैथिक इलाज के दौरान प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी, पान इत्यादि का सेवन करना मना नहीं होता है।
प्रश्न- क्या मधुमेह के रोगी ऐसी होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं जिसमें चीनी होती है?
उत्तर- हाँ, मधुमेह के रोगी चीनी युक्त होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि इन दवाओं में चीनी की मात्रा बहुत कम होती है। जरूरत अनुसार, यह दवाइयां आसुत जल के साथ भी ली जा सकती हैं।
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पहाड़ों की बर्फबारी से 'कूल' हो रही राजधानी, जानिए कब होगी दिल्ली-यूपी में बारिश
नई दिल्ली: गर्मी का सितम सहते- सहते अप्रैल गुजर गया लेकिन मई की शुरुआत राहत के साथ हुई है। दिल्ली यूपी समेत कुछ राज्यों में मई का पहला सप्ताह गर्मी से राहत देने वाला है। IMD के अनुसार मई की शुरुआती तीन दिन दिल्ली के लोगों को ज्यादा गर्मी नहीं झेलनी पड़ेगी। इसके साथ ही इंद्रदेव की मेहरबानी रही तो आसमान में छाए बादल बरस भी सकते हैं। ऐसे में दिल्लीवासियों के लिए मई का पहला सप्ताह का गर्मी के सितम से राहत दिलाने वाला है।
दिल्ली में किस दिन बारिश की संभावना
दिल्ली में गर्मी से राहत का दौर बुधवार से ही शुरू हो गया है। आज भी दिल्ली गर्मी से थोड़ी कम तपेगी। आज दिल्ली का अधिकतम तापमान 37 रहने का अनुमान है। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में 4 से 7 मई आसमान में बादल छाए रहेंगे और साथ ही गरज और चमक के साथ बारिश भी पड़ने की संभावना है। जिसके कारण दिल्ली का न्यूनतम तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
पहाड़ों में हो रही बर्फबारी
बीते कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर और उत्तराखंड के काफी इलाकों में बारिश हो रही है। वहीं ऊंचाइयों वाले इलाकों में बर्फबारी पड़ रही है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है। जिसके कारण दिल्ली समेत अन्य मैदानी इलाकों में गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। बता दें कि चार मई से पहाड़ों के अन्य इलाकों में भी बारिश पड़ सकती है। जिसके कारण वहां पर मौसम ठंडा बना रहेगा।
पांच - सात मई को यूपी में बारिश
उत्तर प्रदेश में भले ही अभी भीषण गर्मी पड़ रही हो लेकिन आने वाले कुछ दिनों में यहां बारिश होने वाली है। लखनऊ में बुधवार को लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। इससे पहले न्यूनतम तापमान में साढ़े तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने से मंगलवार रात भी गर्मी का असर कम रहा। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एम दानिश के मुताबिक, आज और कल दिन रात के तापमान में बदलाव के आसार नहीं हैं। इसके बाद पांच से सात मई के बीच बारिश की संभावना है।
इन राज्यों में लू का खतरा
मई के पहले सप्ताह में भले ही गर्मी से थोड़ी राहल मिले लेकिन बचे हुए मई में भयंकर गर्मी पड़ने वाली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में मई के महीने में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है और दो से चार दिन लू चल सकती है। आईएमडी प्रमुख मृत्युजंय महापात्र ने डिजिटल माध्यम से संवाददाता सम्मेलन में बताया कि केवल पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर भागों और उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के कुछ हिस्सों तथा पूर्वोत्तर प्रायद्वीप भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।महापात्र ने बताया कि पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, आंतरिक ओडिशा, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, झारखंड और बिहार समेत अन्य इलाकों में लगभग दो से चार दिन लू चल सकती है जो सामान्य से अधिक है। http://dlvr.it/T6Hx3F
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प्रयागराज में 66 करोड़ की लागत से बने पुल में पड़ी दरारें, CM योगी ने स्वयं किया था पुल का उद्घाटन
प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में टोंस नदी पर पुल बनाया गया है. इसका सीएम योगी ने उद्घाटन किया था। पिछले सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3357 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया था, जिसमें यह पुल भी शामिल था। उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित तहसील बारा, मेजा और कोरांव को मध्य प्रदेश से जोड़ने के लिए इस पुल का निर्माण कराया गया था। हालांकि, पुल चालू हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि इसमें…
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Breaking News : अभी अभी Delhi NCR में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, सुरक्षित रहिए : Manish Kumar Ankur, Khabar 24 Express
दिल्ली-NCR, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में मंगलवार दोपहर 2.53 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 रही। इसका केंद्र नेपाल में था। बताया जा रहा है कि नेपाल में दो बार भूकंप आया है। पहला 2.25 बजे, जिसकी तीव्रता 4.6 थी। दूसरा झटका 2.53 पर आया जिसकी तीव्रता 6.2 रहीं। उत्तर प्रदेश में भी झटके महसूस हुए हैं। इसकी तीव्रता 5.5 मापी गई है।
हरियाणा में मंगलवार को एक दिन में…
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उत्तर प्रदेश Chitrakoot Crime News : बेटी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल देख, भड़के पिता, बचाने आई मां तो दोनों को गोलियों से भूना
उत्तर प्रदेश Chitrakoot क्राइम न्यूज़: एडिशनल एसपी चक्रपाणि त्रिपाठी के मुताबिक आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। लेकिन घटना को अंजाम देकर आरोपी पुलिस के केद से बहार है।
Chitrakoot: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चित्रकूट (Chitrakoot) जिले से एक दिल दहलाने वाली ख़बर सामने आई है। बेटी के पिता ने सोशल मीडिया पर अपनी नाबालिग बेटी का विडियो वायरल देखकर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं, जब बेटी की माँ अपनी बेटी को पिता से बचाने के लिए वहा पहुंची तो जालिम पिता ने अपनी बेटी और पत्नीं को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देकर आरोपी फिलहाल अभी फरार चल रहा है, लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
बाप-बेटी दोनों के बिच में हुआ था झगड़ा
जानकारी के मुताबिक यह घटना जिले के बहिल पुरवा थाना क्षेत्र के एक गांव की है। पुलिस ने बताया है कि 40 वर्षीय आरोपी नंदकिशोर त्रिपाठी अपनी 36 वर्षीय पत्नी प्रमिला और दो बेटियों (16 और 13 साल) के साथ गांव में रहता था। उसकी 16 साल की बेटी कुछ दिन पहले ही अपने मामा के घर से लौटी थी। सोशल मीडिया पर आभा और उसके साथ एक शख्स को वीडियो में देखकर बाप-बेटी के बीच कहासुनी हो गई थी।
बचाने के लिए आई मां तो उतारा मौत के घाटread more
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