Tumgik
#उद्धव-शिंदे की खींचतान
newslobster · 2 years
Text
ठाकरे और शिंदे खेमे के बीच की कानूनी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट इस दिन करेगा सुनवाई
ठाकरे और शिंदे खेमे के बीच की कानूनी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट इस दिन करेगा सुनवाई
इस मामले में सुनवाई पांच जजों की संविधान पीठ करेगी. नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में पिछले दिनों जो कुछ घटा, वो किसी से छिपा नहीं है. नतीजतन अभी भी एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे खेमे के बीच खींचतान का दौर जारी है. इस बीच खबर ये आ रही है कि महाराष्ट्र में शिंदे और उद्धव ठाकरे के खेमे के बीच की कानूनी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट 13 जनवरी को सुनवाई करेगा. इस मामले में उद्धव ठाकरे के खेमे की तरफ से जल्द…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
Text
शिवसेना को 50 साल में पहली बार नहीं मिली दशहरा रैली की इजाज़त, शिवाजी पार्क से ठाकरे परिवार का है पुराना रिश्ता
शिवसेना को 50 साल में पहली बार नहीं मिली दशहरा रैली की इजाज़त, शिवाजी पार्क से ठाकरे परिवार का है पुराना रिश्ता
बीएमसी ने शिवसेना के दोनों गुटों को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने कि इजाज़त नहीं दी है। रैली को लेकर उद्धव और एकनाथ शिंदे गुट में खींचतान चल रही थी। 50 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि शिवसेना को यहां रैली करने से रोक दिया गया है। 56 साल से यहां दशहरा रैली होती आई है। हालांकि बीएमसी के इस फैसले के बाद उद्धव और एकनाथ शिंदे गुट के बीच तनातनी और बढ़ सकती है। बता दें कि शिवाजी पार्क और…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
hindimaster · 2 years
Text
Maharashtra Election Commission Asks Uddhav Thackeray Eknath Shinde Camp To Prove Majority Support Explained
Maharashtra Election Commission Asks Uddhav Thackeray Eknath Shinde Camp To Prove Majority Support Explained
Maharashtra Shiv Sena Politics: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद भी शिवसेना (Shiv Sena) की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. शिवसेना पर दावेदारी और असली-नकली को लेकर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उद्धव ठाकरे के बीच खींचतान अभी जारी है. राज्य में असली शिवसेना को लेकर लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई है. इस बीच चुनाव आयोग (Election Commission) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे दोनों गुट…
View On WordPress
0 notes
khabaruttarakhandki · 4 years
Text
महाराष्‍ट्र: उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद सदस्‍य के रूप में शपथ ली, सीएम बने रहने को लेकर रास्‍ता साफ
उद्धव ठाकरे महाराष्‍ट्र के उच्‍च सदन विधान परिषद के सदस्‍य चुने गए हैं
मुंंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को आज विधान परिषद (Legislative Council) के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई गई है, इससे उन्‍होंने 28 मई के बाद भी राज्‍य के सीएम पद (Chief Minister’s Job) पर बने रहने की ‘बाधा’ पार कर ली है. गौरतलब है कि उद्धव ने 28 नवंबर 2019 को मुंबई के सीएम पद की शपथ ली थी, सीएम पद संभालते समय वे महाराष्‍ट्र के किसी भी सदन (विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्‍य नहीं थे, ऐसे में उन्‍हें सीएम पद पर बने रहने के लिए छह माह के अंदर इनमें से किसी भी सदन का सदस्‍य बनना जरूरी था. महाराष्‍ट्र सहित पूरे देश में कोरोना वायरस की महामारी के चलते उच्‍च सदन (विधान परिषद) के चुनावों को लेकर काफी समय तक अनिश्चितता की स्थिति रही थी और इसे राज्‍य के गवर्नर भगत सिंह कोश्‍यारी और राज्‍य में सत्‍तारूढ़ शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन के बीच सियासी खींचतान के रूप में देखा जा गया था. हालांकि बाद में इस बारे में रास्‍ता साफ हुआ था. विधान परिषद में नौ सीटों के लिए कोई चुनाव नहीं हुए थे और 59 वर्षीय ठाकरे निर्विरोध चुने गए थे.
यह भी पढ़ें
दक्षिण मुम्बई स्थित विधान भवन में महाराष्ट्र विधान परिषद के अध्यक्ष रामराजे निम्बाल्कर ने सोमवार को ठाकरे और 14 मई को निर्विरोध चुने गए अन्य आठ लोगों को शपथ दिलाई. उद्धव ठाकरे के अलावा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), भाजपा के रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड, राकांपा के शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़ ने शपथ ग्रहण की.
Tumblr media
 उद्धव ने विधान परिषद सदस्‍य के रूप में शपथ ग्रहण की
ये नौ सीटें 24 अप्रैल को खाली हुई थीं. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव इस चुनाव के साथ पहली बार विधायक बने हैं. उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उनके लिए 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था. ठाकरे के बेटे आदित्य भी विधानसभा के सदस्य हैं और तीन पार्टी की गठबंधन सरकार में मंत्री भी हैं. (भाषा से भी इनपुट)
from WordPress https://hindi.khabaruttarakhandki.in/%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e2%80%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%89%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%b5-%e0%a4%a0%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%87/
0 notes
realtimesmedia · 5 years
Text
CM पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान जारी
CM पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना में खींचतान जारी
नई दिल्ली(realtimes) बीजेपी और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद और फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्मूले पर खींचतान के बीच मुंबई में शिवसेना विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे भी शामिल रहे।
इसमें शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नया नेता चुना। वहीं शिवसेना के सभी विधायक आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
बताया गया है कि यह मुलाकात राज्य में सूखे की समस्या को लेकर की जा रही है।…
View On WordPress
0 notes
Text
फिर टूटेंगे उद्धव ठाकरे के सांसद और विधायक समेत 15 नेता, छिन सकता है दशहरा रैली का भी मौका
फिर टूटेंगे उद्धव ठाकरे के सांसद और विधायक समेत 15 नेता, छिन सकता है दशहरा रैली का भी मौका
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच चल रही रस्साकशी अब और तेज होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच असली शिवसेना के दावे के बाद शिवाजी पार्क दशहरा रैली करने को लेकर खींचतान चल रही है। इस बीच एकनाथ शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे को और कमजोर करने की तैयारी कर ली है। महाराष्ट्र के सियासी हलकों में चर्चा है कि विजयादशमी के मौके पर उद्धव गुट के करीब 15 नेता एकनाथ शिंदे के समर्थन में आ सकते हैं। इन नेताओं में एक…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
khabaruttarakhandki · 4 years
Text
महाराष्‍ट्र: उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद सदस्‍य के रूप में शपथ ली, सीएम बने रहने को लेकर रास्‍ता साफ
उद्धव ठाकरे महाराष्‍ट्र के उच्‍च सदन विधान परिषद के सदस्‍य चुने गए हैं
मुंंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को आज विधान परिषद (Legislative Council) के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई गई है, इससे उन्‍होंने 28 मई के बाद भी राज्‍य के सीएम पद (Chief Minister’s Job) पर बने रहने की ‘बाधा’ पार कर ली है. गौरतलब है कि उद्धव ने 28 नवंबर 2019 को मुंबई के सीएम पद की शपथ ली थी, सीएम पद संभालते समय वे महाराष्‍ट्र के किसी भी सदन (विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्‍य नहीं थे, ऐसे में उन्‍हें सीएम पद पर बने रहने के लिए छह माह के अंदर इनमें से किसी भी सदन का सदस्‍य बनना जरूरी था. महाराष्‍ट्र सहित पूरे देश में कोरोना वायरस की महामारी के चलते उच्‍च सदन (विधान परिषद) के चुनावों को लेकर काफी समय तक अनिश्चितता की स्थिति रही थी और इसे राज्‍य के गवर्नर भगत सिंह कोश्‍यारी और राज्‍य में सत्‍तारूढ़ शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन के बीच सियासी खींचतान के रूप में देखा जा गया था. हालांकि बाद में इस बारे में रास्‍ता साफ हुआ था. विधान परिषद में नौ सीटों के लिए कोई चुनाव नहीं हुए थे और 59 वर्षीय ठाकरे निर्विरोध चुने गए थे.
यह भी पढ़ें
दक्षिण मुम्बई स्थित विधान भवन में महाराष्ट्र विधान परिषद के अध्यक्ष रामराजे निम्बाल्कर ने सोमवार को ठाकरे और 14 मई को निर्विरोध चुने गए अन्य आठ लोगों को शपथ दिलाई. उद्धव ठाकरे के अलावा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), भाजपा के रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड, राकांपा के शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी तथा कांग्रेस के राजेश राठौड़ ने शपथ ग्रहण की.
Tumblr media
 उद्धव ने विधान परिषद सदस्‍य के रूप में शपथ ग्रहण की
ये नौ सीटें 24 अप्रैल को खाली हुई थीं. शिवसेना अध्यक्ष उद्धव इस चुनाव के साथ पहली बार विधायक बने हैं. उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उनके लिए 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था. ठाकरे के बेटे आदित्य भी विधानसभा के सदस्य हैं और तीन पार्टी की गठबंधन सरकार में मंत्री भी हैं. (भाषा से भी इनपुट)
from WordPress https://ift.tt/3dXcq6k
0 notes