Tumgik
#किसान कानून
helputrust · 6 months
Text
Tumblr media Tumblr media
लखनऊ, 23.12.2023 | भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के महानायक श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी की जन्म जयंती पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के 25/2G, सेक्टर 25,  इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल तथा स्वयंसेवकों ने श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा, "आज हम श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी की 121वी जन्म जयंती मना रहे हैं । आज के दिन को किसान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है । भारत में किसान को अन्नदाता और धरतीपुत्र कहा गया है तथा आज ही के दिन किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री चौधरी चरण सिंह की जयंती भी होती है, इसलिए यह दिन भारत में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है । श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी ने अपने छोटे से कार्यकाल में किसानों के हित के लिए कई  कार्यक्रम चलाए। उन्होंने किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कानून और नीतियां बनाई थीं। साल 2001 में श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाने का फैसला लिया गया ।आज का दिन देश के अन्नदाता किसान वर्ग के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है । इस दिन को किसान दिवस के तौर पर मनाने का मकसद किसानों के उत्थान, आर्थिक विकास में उनके अहम योगदान, उनकी समस्याओं जैसे मुद्दों पर सबका ध्यान खींचना है । हमारे देश के द्वितीय प्रधानमंत्री माननीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने यह नारा दिया था "जय जवान, जय किसान"। जिस तरह जवान देश की सीमा पर देश की रक्षा करते हैं, उसी तरह किसान देश की जमीन पर अन्न उगा कर देशवासियों को जीवन देते हैं ।आज किसान दिवस के अवसर पर श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी को हमारा शत-शत नमन और देश के किसानों को साधुवाद ।"
#NarendraModi #PMOIndia
#YogiAdityanath #UPCM
#चौधरी_चरण_सिंह #ChaudharyCharanSingh #KissanDiwas #NationalFarmersDay #राष्ट्रीय_किसान_दिवस #किसान_दिवस  #KissanDiwas_2023
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
#KiranAgarwal #DrRupalAgarwal #HarshVardhanAgarwal
www.helputrust.org
@narendramodi @pmoindia
@MYogiAdityanath @cmouttarpradesh
@HelpUEducationalAndCharitableTrust @HelpU.Trust
@KIRANHELPU
@HarshVardhanAgarwal.HVA @HVA.CLRS @HarshVardhanAgarwal.HelpUTrust
@HelpUTrustDrRupalAgarwal @RupalAgarwal.HELPU @drrupalagarwal @HelpUTrustDrRupal
9 notes · View notes
vikaskumarsposts · 2 months
Text
#SantRampalJiMaharaj
संत रामपाल जी महाराज को 2001 में अक्तुबर महीने के प्रथम बृहस्पतिवार को अचानक प्रेरणा हुई कि ”सर्व धर्मां के सद्ग्रन्थों का गहराई से अध्ययन कर” इस आधार पर सर्वप्रथम पवित्र श्रीमद् भगवद्गीता जी का अध्ययन किया तथा पुस्तक ‘गहरी नजर गीता में‘ की रचना की तथा उसी आधार पर सर्वप्रथम राजस्थान प्रांत के जोधपुर शहर में मार्च 2002 में सत्संग प्रारंभ किया। इसलिए नास्त्रोदमस जी ने कहा है कि विश्व धार्मिक हिन्दू संत पचास वर्ष की आयु में अर्थात् 2001 ज्ञेय ज्ञाता होकर प्रचार करेगा। संत रामपाल जी महाराज का जन्म पवित्र हिन्दू धर्म में सन् (ई.सं.) 1951 में 8 सितम्बर को गांव धनाना जिला सोनीपत, प्रांत हरियाणा (भारत)में एक किसान परिवार में हुआ। इस प्रकार सन् 2001 में संत रामपाल जी महाराज की आयु पचास वर्ष बनती है, सो नास्त्रोदमस के अनुसार खरी है। इसलिए वह विश्व धार्मिक नेता संत रामपाल जी महाराज ही हैं जिनकी अध्यक्षता में भारतवर्ष पूरे विश्व पर राज्य करेगा। पूरे विश्व में एक ही ज्ञान (भक्ति मार्ग) चलेगा। एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। जो विरोध करेंगे अंत में वे भी पश्चाताप करेंगे तथा तत्वज्ञान को स्वीकार करने पर विवश होंगे और सर्व मानव समाज मानव धर्म का पालन करेगा और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करके सतलोक जाएंगे।
Tumblr media
0 notes
dainiksamachar · 2 months
Text
मर्डर, गैंगस्टर एक्ट, NSA और जेल... फिर 'LLM अपराधी' की दलीलों के आगे यूं हार गई पुलिस
नई दिल्ली। बात साल 2011 की है। यूपी में बागपत के किरठल गांव का 18 साल का एक नौजवान देश की सेना में जाने का सपना देख रहा था। जिस वक्त गांव के लोग भोर की मीठी नींद में होते, उस वक्त वो नौजवान सड़कों पर पसीना बहा रहा होता था। दौड़ते वक्त उसकी आंखों में बस उस दिन को देखने का इंतजार था, जब उसके शरीर पर सेना की वर्दी होगी। लेकिन, इस बीच कुछ ऐसा हुआ, जिससे इस नौजवान की जिंदगी बदल गई। एक रात जब वो सोया हुआ था, तो यूपी पुलिस की एक टीम आई और उसे उठाकर ले गई। केस मेरठ का था, जहां दो पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी। पुलिस ने मामले में 17 लोगों को आरोपी बनाया और उनमें एक नाम नाम के इस नौजवान का भी था।सूबे में उस वक्त मायावती की सरकार थी। मामला दो पुलिसकर्मियों की हत्या और उनकी बंदूकें लूटने का था। ऐसे में आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी के आदेश थे। पुलिस ने बाकी आरोपियों के साथ-साथ अमित के ऊपर भी केस दर्ज किया। उनके ऊपर गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) भी लगाया गया। अमित ने बताया कि जिस वक्त की ये घटना है, उस वक्त वो अपनी बहन के साथ यूपी के शामली में था। लेकिन, सुनवाई नहीं हुई और उन्हें दो साल उस जुर्म के लिए जेल में काटने पड़े, जो उन्होंने किया ही नहीं था। अमित का परिवार, उनका करियर और उनके सपने... सब कुछ टूट रहा था। अमित को अपने गैंग में शामिल करना चाहते थे गैंगस्टर पुलिसकर्मियों की हत्या के पीछे कुख्यात कैल गैंग का हाथ था। अमित के ऊपर आरोप लगा कि वो इसी कैल गैंग का हिस्सा है। अमित लगातार खुद को बेगुनाह बताते रहे, लेकिन कहीं से उम्मीद की कोई किरण नहीं दिखी। यहां तक कि जेल में रहने के दौरान खूंखार गैंगस्टरों ने उन्हें अपने गैंग का हिस्सा बनाने की भी कोशिश की। उस वक्त मुजफ्फरनगर जेल में अनिल दुजाना और विक्की त्यागी जैसे गैंगस्टर बंद थे। दोनों ने उनसे कहा कि वो उनके गैंग में शामिल हो जाए। लेकिन, अमित एक किसान का बेटे थे, जो जुर्म के रास्ते पर चलने की सोच भी नहीं सकते थे। 2013 में मिली जमानत, लेकिन लड़ाई अभी बाकी थी किस्मत से उस वक्त मुजफ्फरनगर जेल के जेलर काफी नेकदिल थे। उन्होंने अमित को एक ऐसी बैरक में शिफ्ट कर दिया, जहां कोई गैंगस्टर नहीं था। दो साल बीतने के बाद 2013 में अमित को जमानत मिल गई। केस अभी खत्म नहीं हुआ था और अमित का नाम इसमें शामिल था। समाज में कुछ लोग थे, जो जानते थे कि उनका अमित ऐसा कभी नहीं कर सकता। लेकिन, कुछ ऐसी नजरें भी थीं, जो उन्हें और उनके परिवार को शक के नजरिए से देखती थीं। ऐसे में अमित ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने तय किया कि वो कानून की पढ़ाई करेंगे और अपने लिए इंसाफ की लड़ाई खुद लड़ेंगे। कोर्ट में अपनी पैरवी के लिए खुद उतरे अमित 12वीं पास अमित ने पहले बीए की डिग्री ली। फिर एलएलबी और इसके बाद एलएलएम की पढ़ाई की। उन्होंने पढ़ाई को ही अपने जीवन का इकलौता मकसद बना लिया। डिग्रियां हासिल करने के बाद अमित ने बार काउंसिल की परीक्षा भी पास कर ली। कभी फौजी बनने के लिए जी-तोड़ मेहनत करने वाले अमित अब वकील बन चुके थे। जिस मामले में वो आरोपी थे, उसकी सुनवाई में वो खुद ही अपनी पैरवी करने लगे। अमित बताते हैं, 'सुनवाई के दौरान एक वकील के तौर पर मैं कोर्ट में था और पुलिस अधिकारी कठघरे में खड़े थे। उन्होंने मुझे पहचानने से इंकार कर दिया। ये सुनकर मामले की सुनवाई कर रहीं जज हैरान रह गई। उन्हें यकीन हो गया कि मुझे गलत तरीके से फंसाया गया है।' कोर्ट ने किया अमित को बाइज्जत बरी करीब 12 साल बाद दिसंबर 2023 में इस केस का फैसला आया। सरकारी वकील इस बात को साबित नहीं कर पाए कि कांस्टेबल कृष्णपाल और अमित कुमार की हत्या करने और उनकी राइफलें लूटने की साजिश में अमित चौधरी शामिल हैं। कोर्ट ने अमित चौधरी को निर्दोष मानते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया। इस हत्या में सुमित कैल, नीतू और धर्मेंद्र का हाथ था। सुमित 2013 में एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। नीतू को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं, फैसला आने से पहले ही धर्मेंद्र की कैंसर से मौत हो गई। वहीं, अमित अब क्रिमिनल जस्टिस में पीएचडी करने की तैयारी कर रहे हैं। http://dlvr.it/T4xFjb
0 notes
deshbandhu · 3 months
Text
किसानों का दिल्ली कूच आज, पुलिस ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
किसान आंदोलन-2 का आज 6 मार्च को 23वां दिन है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी पर कानून बनाने की मांग को लेकर पंजाब के किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच की तैयारी में हैं।
0 notes
icnnetwork · 4 months
Text
#UP बांदा में किसान की जमीन हड़पने का मामला आया सामने ,ठेकदार के खिलाफ नहीं हो रही कार्यवाही!
#Uppolice #bandapolice #dmbanda
#icnewsnetwork #Banda
0 notes
thenewsfifteen · 4 months
Text
0 notes
gaange · 4 months
Text
किसानों की 10 मांगें क्या है ?
ट्रैक्टरों का काफिला दिल्ली कूच के लिए रफ्तार पकड़ चुका है , किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस, लाठी डंडे, नुकीली तारे और बॉडीगार्ड किट के साथ फोर्स तैनात है। एक और किसानों का जत्था है तो दूसरी ओर पुलिस का पूरा दलबल दोनों के बीच जबरजब्त सर्घष देखने को मिल रहा है । कटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस कीले बंदूके और सड़कों पर सीमेंट वाली, बैरिकेड्स सब कुछ इंतजाम कर दिया गया है और इंतजाम इसलिए ताकि किसानों का कोई भी जत्था देश की राजधानी में एंट्री ना ले सके। सिर्फ लोहे और सीमेंट की ही बेरिकेटिंग नहीं की गई है बल्कि कंक्रीट की दीवारों को रातोंरात खड़ा कर दिया है, इसका मकसद सिर्फ यही है की किसान किसी तरह दिल्ली ना पहुँच सके। पुलिस जितनी तैयारी का दम भर रही है, किसान भी उतनी ही दमदारी से आगे बढ़ रहे। किसानों ने इस बार आंदोलन को चलो दिल्ली मार्च का नाम दिया है। लेकिन इस बार किसान आंदोलन टू पॉइंट जीरों यानी दूसरा आंदोलन भी कहा जा रहा है किसानों का इस बार का आंदोलन 2020 - 21 में हुए किसान आंदोलन से कितना अलग है ? और इस बार किसानों की मांग क्या हैं ? असल में ये किसान आ क्यों रहे हैं? आइयें इन सभी सवालो का जबाब जानते हैं । किसानों की 10 मांगें क्या है ? देश में जब भी इस तरह का आंदोलन होता हैं तो कुछ लोग इसके विरोध में खड़ा होते है। तो कुछ लोग इसका समर्थन करते हैं। हमारा कहना है की आप एक बार किसानों की मांगो को जान लीजिए, उसके बाद विरोध करना है या असमर्थन अपना फैसला आप खुद कीजिए। पिछला किसान आंदोलन कृषि कानूनों के खिलाफ़ था लेकिन इस बार अब ऐसा कोई कानून ही नहीं बना फिर भी किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं । 2024 आखिर फिर किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं? पॉइंट वाइज किसानों की 10 मांगें क्या है ?
2024 आखिर फिर किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं?
पीछले बार किसान जीते थे और सरकार झुकीं थी किसानों की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार को अपने तीनो कृषि कानून वापस लेनेपड़े थे। किसानों का अब आरोप है कि पिछले आंदोलन के समय सरकार ने एमएसपी पर जो गारंटी देने का वादा किया था उस वादे को सरकार ने पूरा नहीं किया । एमएसपी के साथ बाकी मु्द्दे को भी पूरा नहीं किया , इसलिए किसान फिर से आंदोलन कर रहे हैं। पिछली बार ये किसानों ने अपने आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा के तले ये आंदोलन किया था। लेकिन इस बार आंदोलन अलग अलग किसान संगठन एक साथ आकर कर रहे थे। वैसे आपको बता दें पिछले आंदोलन से सीखते हुए इस बार किसान अपने साथ ट्रैक्टर ट्रॉली और राशन साथ लेकर आ रहे हैं। यानी पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों का प्लान लंबे समय तक दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर धरना देने वाले हैं ।
पॉइंट वाइज किसानों की 10 मांगें क्या है ?
किसानों की जो सबसे अहम है न्यूनतम समर्थन मूल्य हैं यानी Msp के लिए कानून बने । स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू किया जायें । दिल्ली आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले किसानों और उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जायें । किसानों और 58 साल से अधिक उम्र की खेतिहर मज़दूरों के लिए प्रतिमा पेंशन। आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ़ करने की मांग कर रहे हैं । लखीमपुर खीरी हिंसा के जो पीड़ित हैं उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिले। कृषि वस्तुओं दुग्ध उत्पादों फल, सब्जियों और मांस के आयात शुल्क को कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए। नकली बीज कीटनाशकों और उर्वरक बेचने वाली कंपनी पर सख्त कार्रवाई हो । मिर्च , हल्दी और बाकी के सुगंधित फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना । • विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 को रद्द किया जाए। Read the full article
0 notes
dharmarajdas · 4 months
Text
🦋तारणहार परम संत रामपाल जी महाराज जी का जीवन परिचय और आध्यात्मिक जीवन संदेश🦋
संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर के पद पर नौकरी लगे। 17 फरवरी 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन मन धन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
JE की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। फिर मानव कल्याण के लिए नोकरी से त्यागपत्र दे दिया।
मानव कल्याण के इस मिशन में संत रामपाल जी महाराज को कठिन संघर्ष करना पड़ा। नकली धर्मगुरुओं के विरोध के साथ साथ निंदा के पात्र बने, उन पर झूठे मुकदमे बने, जेल भी गये।
संत रामपाल जी महाराज जी के बारे में अनेकों भविष्यवाणियां खरी उतरी हैं। जिसमें मुख्य भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस जी ने अपने भविष्यवाणी में कहां है कि उस संत की अध्यक्षता में भारतवर्ष पूरे विश्व पर राज्य करेगा। पूरे विश्व में एक ही ज्ञान (भक्ति मार्ग) चलेगा। एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। जो विरोध करेंगे अंत में वे भी पश्चाताप करेंगे तथा तत्वज्ञान को स्वीकार करने पर विवश होंगे और सर्व मानव समाज मानव धर्म का पालन करेगा और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करके सतलोक जाएंगे।
इंग्लैण्ड के ज्योतिषी ‘कीरो’ ने सन् 1925 में लिखी पुस्तक में भविष्यवाणी की है, बीसवीं सदी अर्थात् सन् 2000 ई. के उत्तरार्द्ध में (सन् 1950 के पश्चात् उत्पन्न सन्त) विश्व में ‘एक नई सभ्यता’ लाएगा जो सम्पूर्ण विश्व में फैल जावेगी। भारत का वह एक व्यक्ति सारे संसार में ज्ञानक्रांति ला देगा।
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि सभी मानव सर्व बुराइयां त्यागकर एक सर्वोच्च ईश्वर कबीर जी की पूजा करें।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
Tumblr media
0 notes
onkarsahu17 · 4 months
Text
*🌈संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत आध्यात्मिक यात्रा🌈*
सतगुरु रामपाल जी महाराज के भौतिक शरीर का अवतरण 8 सितम्बर 1951 को हरियाणा प्रांत के जिला सोनीपत के गांव धनाना में एक किसान परिवार में हुआ था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत वे हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे थे।
परम संत रामपाल जी महाराज को 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी 1988 फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि को स्वामी रामदेवानंद जी से नाम दीक्षा प्राप्त हुई।
सतगुरु रामपाल दास जी महाराज ने नाम उपदेश प्राप्त करने के बाद तन-मन से समर्पित होकर अपने सतगुरु स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग पर दृढ़ होकर साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
वर्ष 1994 से 1998 के बीच तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया। थोड़े ही समय में बहुसंख्या में उनके अनुयाई हो गये। सन् 1999 में हरियाणा राज्य के रोहतक जिले में स्थित गांव करौंथा में संत रामपाल जी महाराज ने सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की ।
चंद दिनों में सतगुरु रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जिन ज्ञानहीन संतों व ऋषियों के अनुयाई सतगुरु रामपाल जी के पास आने लगे तथा अनुयाई बनने लगे, वे उन ऋषियों से संत रामपाल जी महाराज के बताए तत्वज्ञान के आधार पर प्रश्न करने लगे, जिससे वे अज्ञानी धर्मगुरू संत रामपाल जी महाराज जी से ईर्ष्या करने लगे। लेकिन सतज्ञान के विरुद्ध लोकवेद कथा कहने वाले ज्ञानहीन संतों का सांसारिक विरोध संत रामपाल जी को सहना पड़ा।
सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा दिया सतज्ञान अद्वितीय है। सतगुरु के नेतृत्व में सतज्ञान के आधार पर भारतवर्ष पूरे विश्व में छा जाएगा। पूरे विश्व में सतज्ञान से भक्ति मार्ग चलेगा। पूरी धरती पर एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। विरोध करने वाले भी पश्चाताप कर तत्वज्ञान को स्वीकार करेंगे और समाज मानव धर्म का पालन करेगा।
यही आत्म संतुष्टि का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
#SantRampalJiBodhDiwas
#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#TheMission_Of_SantRampalJi
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
0 notes
8302030996 · 4 months
Text
*🌈संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत आध्यात्मिक यात्रा🌈*
सतगुरु रामपाल जी महाराज के भौतिक शरीर का अवतरण 8 सितम्बर 1951 को हरियाणा प्रांत के जिला सोनीपत के गांव धनाना में एक किसान परिवार में हुआ था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत वे हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे थे।
परम संत रामपाल जी महाराज को 37 वर्ष की आयु में 17 फरवरी 1988 फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि को स्वामी रामदेवानंद जी से नाम दीक्षा प्राप्त हुई।
सतगुरु रामपाल दास जी महाराज ने नाम उपदेश प्राप्त करने के बाद तन-मन से समर्पित होकर अपने सतगुरु स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग पर दृढ़ होकर साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
वर्ष 1994 से 1998 के बीच तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया। थोड़े ही समय में बहुसंख्या में उनके अनुयाई हो गये। सन् 1999 में हरियाणा राज्य के रोहतक जिले में स्थित गांव करौंथा में संत रामपाल जी महाराज ने सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की ।
चंद दिनों में सतगुरु रामपाल जी महाराज के अनुयायियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जिन ज्ञानहीन संतों व ऋषियों के अनुयाई सतगुरु रामपाल जी के पास आने लगे तथा अनुयाई बनने लगे, वे उन ऋषियों से संत रामपाल जी महाराज के बताए तत्वज्ञान के आधार पर प्रश्न करने लगे, जिससे वे अज्ञानी धर्मगुरू संत रामपाल जी महाराज जी से ईर्ष्या करने लगे। लेकिन सतज्ञान के विरुद्ध लोकवेद कथा कहने वाले ज्ञानहीन संतों का सांसारिक विरोध संत रामपाल जी को सहना पड़ा।
सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा दिया सतज्ञान अद्वितीय है। सतगुरु के नेतृत्व में सतज्ञान के आधार पर भारतवर्ष पूरे विश्व में छा जाएगा। पूरे विश्व में सतज्ञान से भक्ति मार्ग चलेगा। पूरी धरती पर एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। विरोध करने वाले भी पश्चाताप कर तत्वज्ञान को स्वीकार करेंगे और समाज मानव धर्म का पालन करेगा।
यही आत्म संतुष्टि का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है।
Tumblr media
अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
1 note · View note
hindinewsmanch · 4 months
Text
UP Budget 2024 : उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र 2 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले यूपी सरकार का यह बजट काफी लोक लुभावन होने वाला है। यूपी सरकार इस बार के बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, नौजवान, महिला और किसान पर फोकस करेगी। गुरुवार को 5 बजे सर्वदलीय बैठक में मंत्रणा के बाद 2 फरवरी से इसकी शुरुआत होगी। वहीं 5 फरवरी को योगी सरकार वर्ष 2024-25 का भारी भरकम 75 हजार करोड़ से अधिक का बजट दोनों सदनों में ला सकती है। हालांकि, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। वहीं सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी विपक्ष के हमलों से निपटने के तौर-तरीकों पर चर्चा करेगी।
0 notes
workervoice · 4 months
Text
0 notes
shivinfraland · 5 months
Text
*⛳महाराष्ट्र डेवलपर*
*सेवा प्रदाता*
*किसान प्रमाणपत्र*
*मुझे कॉल करें 8888201726*
*क्या आपको कृषि भूमि प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है???*
*क्या आप महाराष्ट्र में कृषि भूमि खरीदना चाहते हैं?*
*क्या आप किसान हैं?*
*यदि आप किसान नहीं हैं, तो आप खेत नहीं खरीद सकते।*
*लेकिन अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं*
*हम तुम्हें किसान बनाएंगे वो भी लाइफ टाइम कानून के लिए*
*सम्पूर्ण महाराष्ट्र*
*कॉल करें:- 8888201726*
0 notes
newsuniversal-in · 6 months
Text
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की मनाई गई 121वीं जयंती। सपाइयों ने अर्पित किया श्रद्धासुमन
Tumblr media
सिद्धार्थनगर। समाजवादी पार्टी कार्यालय इटवा पर किसानों के मसीहा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 121वीं जयंती शनिवार को मनाई गई। सर्व प्रथम पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इसके उपरान्त विधायक इटवा व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के लिए समर्पित कर दिया था। इस लिए उनकी जयंती किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि चौधरी चरण सिंह द्वारा किए गए कार्य अविस्मरणीय है। जमींदारी उन्मूलन चकबंदी का कानून, आईएएस, आईपीएस की परीक्षा हिंदी में कराए जाने का फैसला, ग्रामीण विकास मंत्रालय की स्थापना जैसे निर्णय काफी ऐतिहासिक हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विद्युतीकरण की स्थापना, नवार्ड बैंक की स्थापना चौधरी चरण सिंह की देन है। इस अवसर पर कमरुज्जमा खान, दिनेश मिश्रा, अब्दुल लतीफ, बब्लू पाठक, सत्येन्द्र यादव, मतीउल्लाह, सुनील यादव, महेंद्र पाल यादव, राजकुमार मिश्रा, अनुप कुमार त्रिपाठी, रहमतुल्लाह आदि सम���जवादी पार्टी के लोग मौजूद रहे। Read the full article
0 notes
roh230 · 6 months
Link
0 notes
joyfulwombatpaper · 9 months
Text
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब
🎯गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में गीता ज्ञान दाता किसी तत्वदर्शी संत की खोज करने को कहता है। आखिर कौन है वह तत्वदर्शी संत? जानने के लिए अवश्य पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
🌿जगत के तारणहार, धरती पर अवतार संत रामपाल जी महाराज का जीवन परिचय🌿
संत रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे।
17 फरवरी 1988 फाल्गुन महीने की अमावस्या को परम् संत रामदेवानंदजी महाराज से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन-धन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।
जयगुरुदेव पंथ के संस्थापक तुलसीदास जी ने अपनी पुस्तक जयगुरुदेव की अमरवाणी भाग- पृष्ठ 50 पर 7 सितंबर, 1971 का लेख है- "जिसकी लोग प्रतीक्षा कर रहे है वह अवतार 20 वर्ष का हो चुका है।" (7 सितंबर 1971 को संत रामपाल जी महाराज पूरे 20 वर्ष के हो चुके थे।)
सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी महाराज को सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जूनियर इंजीनियर की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16.5.2000 के तहत स्वीकृत है। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर जाकर सत्संग किया। साथ-साथ ज्ञानहीन संतों का विरोध भी बढ़ता गया। चंद दिनों में संत रामपाल महाराज जी के अनुयाइयों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जिन ज्ञानहीन संतों व ऋषियों के अनुयाई संत रामपाल जी के पास आने लगे तथा अनुयाई बनने लगे फिर उन अज्ञानी आचार्यों तथा सन्तों से प्रश्न करने लगे कि आप सर्व ज्ञान अपने सद्ग्रंथों के विपरीत बता रहे हो।
ज्ञान में निरूत्तर होकर अपने अज्ञान का पर्दा फास होने के भय से उन अंज्ञानी संतों, महंतों व आचार्यो ने सतलोक आश्रम करौंथा के आसपास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया तथा 12.7.2006 को संत रामपाल को जान से मारने तथा आश्रम को नष्ट करने के लिए स्वयं तथा अपने अनुयाइयों से सतलोक आश्रम पर आक्रमण करवाया। जब रामपाल जी को मारने में असफल रहे तो एक व्यक्ति की हत्या कर दी जिसका आरोप संत रामपाल जी महाराज पर लगा दिया। संत रामपाल जी महाराज 2006 से 2008 तक जेल में रहे। संत रामपाल जी महाराज ने सीबीआई जांच की मांग की लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गयी।
सन 2008 से पुनः समाज सुधार के कार्य किये और तत्वज्ञान की अलख जगाई, नकली धर्मगुरुओं की दुकानें बंद होने लगी तो षड्यंत्र करके 2013 में करौंथा कांड व 2014 में बरवाला कांड करा दिया। और संत जी को पुनः जेल में भेज दिया। क्योकि ज्ञान में तो कोई बोल न सका।
लेकिन जेल में जाने बावजूद भी उनका ज्ञान नहीं रुका, ना ही समाज सुधार का मिशन डगमगाया।
बल्कि अब तो यह ज्ञान पूरे संसार में छा गया है।
विश्व के एकमात्र संत एवं सबसे बड़े समाज सुधारक है संत रामपाल जी महाराज जिनका उद्देश्य है- जातिवाद, साम्प्रदायिकता समाप्त कर आपसी भेदभाव मिटाना, अंधविश्वास, पाखण्डवाद से मुक्ति दिलाना, सभी प्रकार के नशे पर प्रतिबंध लगाना, दहेज जैसी कुप्रथाएं समाप्त कर बेटियों को न्याय दिलाना तथा भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर भारत को विश्वगुरु बनाना।
वे पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार है।
जिस तत्वज्ञान के विषय में नास्त्रोदमस जी ने अपनी भविष्यवाणी में उल्लेख किया है कि उस विश्व विजेता संत के द्वारा बताए शास्त्र प्रमाणित तत्व ज्ञान के सामने पूर्व के सर्व संत निष्प्रभ (असफल) हो जाएंगे तथा सर्व को नम्र होकर झुकना पड़े��ा। उसी के विषय में परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ जी ने अपनी अमृत वाणी में पवित्र ‘कबीर सागर‘ ग्रंथ में कहा है कि एक समय आएगा जब पूरे विश्व में मेरा ही ज्ञान चलेगा। पूरा विश्व शांति पूर्वक भक्ति करेगा। आपस में विशेष प्रेम होगा, सतयुग जैसा समय (स्वर्ण युग) होगा। परमेश्वर कबीर बन्दी छोड़ द्वारा बताए ज्ञान को संत रामपाल जी महाराज ने समझा है। इसी ज्ञान के विषय में कबीर साहेब जी ने अपनी वाणी में कहा है कि --
कबीर, और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का, करता चले मैदान।।
नास्त्रेदमस के अनुसार वह विश्व धार्मिक नेता संत रामपाल जी महाराज ही हैं जिनकी अध्यक्षता में भारतवर्ष पूरे विश्व पर राज्य करेगा। पूरे विश्व में एक ही ज्ञान (भक्ति मार्ग) चलेगा। एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। जो विरोध करेंगे अंत में वे भी पश्चाताप करेंगे तथा तत्वज्ञान को स्वीकार करने पर विवश होंगे और सर्व मानव समाज मानव धर्म का पालन करेगा और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करके सतलोक जाएंगे।
#PropheciesAboutSantRampalJi
#SantRampalJi_AvataranDiwas
#SantRampalJiMaharaj
#trending
#viralpost
अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें
पवित्र पुस्तक "धरती पर अवतार"
https://bit.ly/DhartiParAvtar16.5.2000
Tumblr media Tumblr media Tumblr media
0 notes