Fact Check: समलैंगिक भारतीय एथलीट दुती चंद के फोटो पर बवाल, क्या पार्टनर से रचा ली शादी?
नई दिल्ली: भारत की पहली खुले तौर पर समलैंगिक एथलीट दुती चंद ने सोशल मीडिया पर अपनी पार्टनर संग फोटो पोस्ट की है। इस फोटो में दुती और उनकी पार्टनर शादी के लिए सजे स्टेज पर बैठे हैं। दुती ने सूट पहना है तो उनकी पार्टनर ने लहंगा। कई साल पहले ही दुनिया के सामने अपने रिश्तों को कबूल चुकीं दुती की फोटोज देखकर लग रहा है कि उन्होंने शादी कर ली। कई मीडिया संस्थान भी ऐसी खबरें पोस्ट कर चुके हैं, लेकिन क्या वाकई ये सच है? क्या है दुती चंद और उनके पार्टनर की शादी वाली फोटो का अधूरा सच, आइए इसकी सत्यता की जांच करते हैं।
दाल में कुछ तो काला हैओडिशा की रहने वाली दुती का जन्म जीजापुर जिले में हुआ था। बेहद गरीब परिवार से आने वाली यह एथलीट एक स्प्रिंटर हैं। देश के लिए कई मेडल जीत चुकीं हैं। दुती की इस फोटो को गौर से देखने पर पता लगता है कि ये पुरानी है। आभास होता है कि इन कपड़ों में वह पहले भी कुछ फोटोज अपलोड कर चुकीं हैं।
दुती ने नहीं की शादीइंस्टाग्राम पर दुती के जब 1.1 मिलियन फॉलोअर वाले ऑफिशियल हैंडल पर पैनी नजर रखने के बाद शक यकीन में बदल गया। दरअसल, बीते दिनों उनकी बहन की शादी हुई। खुशी के उस लम्हें की कई फोटोज दुती ने इंस्टाग्राम पर अपलोड की थी। उस शादी में दुती की गर्लफ्रेंड मोनालिसा भी मौजूद थीं। दोनों ने वही कपड़े पहने हुए हैं, जो इस वायरल फोटो में नजर आ रहे हैं। यानी इतना तो तय है कि दुती चंद ने शादी नहीं की है।
पुरुष होने का लगा आरोप
फर्राटा धावक दुती चंद ने तोक्यो ओलिंपिक 2020 के लिए क्वॉलिफाई किया था। 2014 में जब उन्होंने एशियन इवेंट में गोल्ड जीता तो एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) ने कॉमनवेल्थ गेम्स खिलाने से मना कर दिया था। उन पर पुरुष होने का आरोप लगा था, जिसे साइंटिफिक टर्म में हाइपरैंड्रोजेनिज्म कहते हैं। इतना ही नहीं दुती ने जब चंद वर्षों पहले अपनी लेस्बियन लव स्टोरी का खुलासा किया था, तब पूरा परिवार, गांव उनके खिलाफ हो गया था। http://dlvr.it/Sdkylf
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गर्व: देवभूमि के लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता...
गर्व: देवभूमि के लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता…
उत्तराखंड के शटलर लक्ष्य सेन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के सिंगल्स फाइनल में भारत के बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने मलेशिया के वर्ल्ड नंबर-42 त्जे यंग को 19-21, 21-9 और 21-16 से हराकर पहला कॉमनवेल्थ गोल्ड जीता। 10वें नंबर के शटलर लक्ष्य सेन ने अब तक CWG में सिर्फ एक मेडल जीता है। यह उन्होंने इसी बार मिक्स्ड टीम इवेंट में…
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राष्ट्रमंडल खेल 2022 लाइव, दिन 11 भारतीय परिणाम: सिंधु जल्द ही अंतिम कार्रवाई में; लक्ष्य, सात्विक-चिराग, शरथ कमल, भारतीय पुरुष हॉकी टीम आई गोल्ड
राष्ट्रमंडल खेल 2022 लाइव, दिन 11 भारतीय परिणाम: सिंधु जल्द ही अंतिम कार्रवाई में; लक्ष्य, सात्विक-चिराग, शरथ कमल, भारतीय पुरुष हॉकी टीम आई गोल्ड
नमस्कार और स्वागत है स्पोर्टस्टार का सोमवार को बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के 11वें दिन की लाइव कवरेज। भारत ने अब तक 55 पदक जीते हैं, जिसमें 18 स्वर्ण, 15 रजत और 22 कांस्य पदक शामिल हैं। (इंडियन मेडल टैली)
इसकी जाँच पड़ताल करो बैडमिंटन ब्लॉग मैचों पर सभी विस्तृत अपडेट के लिए
हेड टू हेड- (पुरुष एकल स्वर्ण पदक मैच – लक्ष्य सेन बनाम एनजी त्ज़े योंग)
भारत के लक्ष्य सेन अपने पहले राष्ट्रमंडल…
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मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता, सीएम बीरेन सिंह ने कहा-विश्व स्तर पर तिरंगे को ऊंची उड़ान भरते देखने से अच्छा एहसास और कुछ भी नहीं हो..
वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने जीता गोल्ड मेडल, पहुंची घर किया बैंड बाजे से स्वागत..Read more
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कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत कर इतिहास रचने वाले अचिंता शेउली की प्रेरक कहानी
इंसान अपनी कड़ी मेहनत के दम पर अपनी किस्मत को भी बदल देता है। इस बात को प्रमाणित करने का काम किया है पश्चिम बंगाल के रहने वाले वेटलिफ्टर अंचिता शेउली ने। जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स की वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए गोल्ड जीतकर इतिहास रचा है। लेकिन अचिंता के लिए यह राह तय करना आसान नहीं था। काफी संघर्षों से जूझकर अचिंता ने इस मुकाम को हासिल किया है। जब अचिंता सिर्फ 11 साल के थे तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। उनके मां और भाई ने कपड़े सिलकर परिवार का खर्च चलाया। उन्हें वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग दिलवाई और आज अपनी मेहनत और संघर्ष के बल पर अचिंता ने अंसभव को संभव कर दिखाया है। भारत की ओर से गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने पूरे देश का नाम रौशन किया है। अचिंता शेउली ने पुरुषों के 73 किलोवर्ग में 143 किलो वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स में नया रिकॉर्ड बनाया है। आइए जानते हैं कि कैसे अचिंता ने संघर्ष करते हुए यहां तक का मुकाम हासिल किया है।
बचपन में ही पिता का छूट गया था साथ
24 नवंबर 2001 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा के झोपडपट्टी के एक निम्न वर्गीय परिवार में जन्में अंचिता के पिता रिक्शा चलाते थे। लेकिन परिवार की परिस्थितियां अनुकूल ना होने के वाबजूद अचिंता के सपने हमेशा से बड़े थे। वो जब 10 साल के थे तो अपने बड़े भाई को जिम में वेटलिफ्टिंग करते देखते थे तो उनका मन भी करता था कि वो भी वेटलिफ्टिंग करें। इसलिए उनके पिता और भाई ने उन्हें ट्रेनिंग दिलवाने की सोची। लेकिन जब अचिंता 11 साल के हुए तो उनके पिता का देहांत हो गया। पिता के गुजरने के बाद उनके घर की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई। घर चलाने के लिए उनके बड़े भाई को अपना कॉलेज छोड़ना पड़ा। उनकी मां और भाई ने घर का खर्च चलाने की जिम्मेदारी उठाई।
मां और भाई ने संघर्ष कर दिलाई ट्रेनिंग
घर की स्थिति खराब होने के बाद भी अचिंता के मां और भाई ने उनके सपनों को टूटने नहीं दिया और उन्हें वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग दिलवाई। उनकी मां ने घरों में काम किया साथ ही साड़ी पर जरी का काम करके घर चलाया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। नेशनल लेवल के पूर्व वेटलिफ्टर अस्तम दास ने अचिंता को फ्री में ट्रेनिंग दी। वो वेटलिफ्टिंग के लिए इतने समर्पित थे कि उन्होंने इसके लिए अपनी बीएसएफ की नौकरी तक छोड़ दी थी।
अचिंता शेउली ने कॉमनवेल्थ गेम्स में बनाया रिकॉर्ड
अचिंता शेउली ने शुरुआत से ही बेहतरीन प्रदर्शन किया। उनके सामने विरोधी कहीं भी टिक नहीं पाए। 20 साल के अचिंता शेउली ने स्नैच में 143 किलो वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स का नया रिकॉर्ड वनाया है। अचिंता से पहले इतना वजन किसी ने कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं उठाया था। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 170 किलो समेत कुल 313 किलो वजन उठाकर कॉमनवेल्थ गेम्स का एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
संघर्ष करते हुए पहुंचे जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में
वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग लेते समय अचिंता शेउली को अच्छी डाइट के लिए भी कई बार संघर्ष करना पड़ा। जब अचिंता चिकन की मांग करते थे तो उनके पास इतने पैसे तक नहीं होते थे कि वह चिकन खरीद सकें। इसलिए दोनों भाईयों को कई बार मजदूरी भी करनी पड़ी। दोनों भाई गांव वालों के खेत से धान उठाक��� घर रखकर आते थे ताकि उससे मिले मेहनताने से वह चिकन खरीद सके। किसी तरह अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद साल 2018 में अचिंता ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स का स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने साल 2019 में जूनियर और सीनियर दोनों कैटेगरी में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर सीनियर स्तर पर अपना पहला बड़ा पदक जीता। अचिंता ने पिछले साल 2021 में ताशकंद में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप के पुरुषों के 73 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीना था। इसके अलावा अचिंता ने पिछले साल के अंत में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में 73 किग्रा चैंपियन बने थे।
कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड मेडल
इतनी सी उम्र में कई ट्रॉफी जीतने वाले अचिंता शेउली ने बर्मिंघम के कॉमनवेल्थ गेम्स भी स्वर्ण पदक जीत कर नया इतिहास रच दिया। शेउली ने स्नैच वर्ग में 137 किग्रा, 140 किग्रा और 143 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने 143 किग्रा के प्रयास से खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया और अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में भी सुधार किया। उन्होंने वेटलिफ्टिंग के क्लीन एंड जर्क में 166 किग्रा भार आसानी से उठाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
एक गरीब परिवार से आने वाले अचिंता शेउली ने आज अपनी मेहनत और लगन के दम पर सफलता की नई कहानी लिखी है। उन्होंने अपनी मेहनत से यह बता दिया कि अगर इंसान जीवन में कुछ पाना चाहे तो कोई भी परिस्थिति उसके समक्ष बाधा नहीं बन सकती। आज पूरे देश को अचिंता पर गर्व है। लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको PSC (Problem Solving Course) का चुनाव जरूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।
Source: https://hindi.badabusiness.com/motivational/success-story-of-achinta-sheuli-11112.html
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Haryana News: 20 साले के छोरे ने विदेश में बजाया डंका
Haryana News: 20 साले के छोरे ने विदेश में बजाया डंका
हरियाणा: हरियाणा में खिलाडियो की कमी नहीं है। एक बार फिर महज 20 साले के छोरे ने विदेश मे हरियाणा में डंका बजा दिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले हरियाणा के सोनीपत के गांव पुगथला के पहलवान नवीन मलिक के परिवार में खुशी का माहौल है। वहीं, ग्रामीणों ने पदक जीतकर लौटने पर धूमधाम से स्वागत किया।
Haryana News: चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बदला नाम .. अब ये होगा
नवीन ने वर्तमान में…
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भारतीय रेसलरों की पटखनी से गूंजा बर्मिंघम, हुई मेडलों की बारिश, बजरंग-दीपक और साक्षी ने जीता गोल्ड, अंशु मलिक ने सिल्वर और दिव्या काकरन ने ब्रॉन्ज पर जमाया कब्जा
भारतीय रेसलरों की पटखनी से गूंजा बर्मिंघम, हुई मेडलों की बारिश, बजरंग-दीपक और साक्षी ने जीता गोल्ड, अंशु मलिक ने सिल्वर और दिव्या काकरन ने ब्रॉन्ज पर जमाया कब्जा
डिजिटल डेस्क, बर्मिंघम। इंग्लैंड के बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में आज भारतीय पहलवान नजर आए। भारत के लिए बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने स्वर्ण, अंशु मलिक ने रजत और दिव्या काकरान ने कांस्य पदक जीता। इसके साथ ही राष्ट्रमंडल में भारत के पदकों की संख्या 25 हो गई। इनमें 9 स्वर्ण, 8 रजत और 8 कांस्य पदक शामिल हैं। इस तरह भारत अब पदक तालिका में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
ऐसा था तीनों का…
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Headlines: PM Modi आज कॉमनवेल्थ गेम्स के पदकवीरों से करेंगे मुलाकात
Headlines: PM Modi आज कॉमनवेल्थ गेम्स के पदकवीरों से करेंगे मुलाकात
<p>पीएम मोदी सुबह 11 बजे कॉमनवेल्थ गेम्स के पदकवीरों से करेंगे मुलाकात. CWG में 22 गोल्ड समेत 61 पदक के साथ चौथे स्थान पर रहा भारत.</p>
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CWG 2022: पहला गोल्ड जीतने वाली कप्तान मेग लैनिंग हुईं क्रिकेट से दूर
CWG 2022: पहला गोल्ड जीतने वाली कप्तान मेग लैनिंग हुईं क्रिकेट से दूर
बर्मिंघम. मेग लैनिंग ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट की बेहतरीन खिलाड़ी हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में ही उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता है. उनके नेतृत्व में टीम ने वनडे, टी20 के साथ ही घरेलू एशेज सीरीज भी जीती है. कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतने के बाद मैनिंग ने क्रिकेट से ब्रेक ले लिया है.30 वर्षीय लैनिंग ने फिलहाल क्रिकेट से अनिश्चितकाल अवकाश लेने की घोषणा की है. उनकी वापसी की अभी कोई भी…
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल मैच में भाग लेने के लिए मेगन शुट्ट ताहलिया मैकग्राथ के समर्थन में आती हैं
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल मैच में भाग लेने के लिए मेगन शुट्ट ताहलिया मैकग्राथ के समर्थन में आती हैं
भारतीय महिला क्रिकेट टीम रविवार को राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक के खेल में एक बार फिर मंच पर उतरी और पावरहाउस ऑस्ट्रेलिया से नौ रन से हार गई।
कुछ संदिग्ध रणनीति फैसलों और इससे भी बदतर शॉट विकल्पों के साथ, “वीमेन इन ब्लू” ने मानसिक खेल के साथ-साथ अंतिम पांच विकेट 13 रन पर गंवा दिए।
यद्यपि ताहलिया मैकग्राथ कोविड -19 था, कई भारतीय समर्थकों ने खेल के बाद टीम में उनकी भागीदारी पर सवाल उठाया, जिससे…
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CWG 2022 च्या उत्सवादरम्यान, बादलीतून दूध पिताना मुलाचा फोटो व्हायरल, लोक म्हणाले - नक्की सोने आणू
CWG 2022 च्या उत्सवादरम्यान, बादलीतून दूध पिताना मुलाचा फोटो व्हायरल, लोक म्हणाले – नक्की सोने आणू
बर्मिंगहॅम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 चा समारोप झाला आहे. भारताने २२ सुवर्णांसह एकूण ६१ पदके जिंकून पदकतालिकेत चौथे स्थान पटकावले. दरम्यान, एका मुलाचा फोटो व्हायरल होत आहे, ज्याला लोक मेडलवीर म्हणत आहेत.
आयएएस अवनीश शरणने हा फोटो शेअर करत लिहिले – गोल्ड मेडलची तयारी
प्रतिमा क्रेडिट स्रोत: Twitter
बर्मिंगहॅम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 संपले आहे. यावेळी भारतीय खेळाडूंनी पदकांचा वर्षाव केला. ज्या खेळांची…
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राष्ट्रमंडल खेल 2022 लाइव दिवस 9 भारतीय परिणाम: अविनाश सेबल ने 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में रजत जीता; रेस वॉक में प्रियंका ने जीता सिल्वर
राष्ट्रमंडल खेल 2022 लाइव दिवस 9 भारतीय परिणाम: अविनाश सेबल ने 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में रजत जीता; रेस वॉक में प्रियंका ने जीता सिल्वर
नमस्कार और स्वागत है स्पोर्टस्टार का शनिवार को बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के दिन 9 की लाइव कवरेज।
अगर लाइव एक्शन की बाढ़ ने आपको थोड़ा खोया हुआ महसूस कराया है, यहां भारतीय पदक विजेताओं की पूरी सूची है अब तक आपको गति प्रदान करने के लिए।
पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ फ़ाइनल – अविनाश सेबल ने जीता रजत
अविनाश सेबल ने 8:11.20 के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ रजत पदक…
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2002 से 2022 तक, जानिए भारत ने कहां किया सबसे अधिक गोल्ड मेडल पर कब्जा
कॉमनवेल्थ गेम्स 2002 से 2022 तक, जानिए भारत ने कहां किया सबसे अधिक गोल्ड मेडल पर कब्जा
Gold Medal Tally of Indian in Commonwealth Games from 2002 to 2022: बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. इस साल हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने कुल 61 पदक अपने नाम किए. इनमें 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य पदक शामिल हैं. भारत को सबसे ज्यादा मेडल कुश्ती (Wrestling) और वेटलिफ्टिंग (Weightlifting) से आए हैं. भारतीय पहलवानों ने कुश्ती में 12 पदक दिलाए हैं और…
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बर्मिंघम में भारत के नाम हुआ 20वां स्वर्ण,बैडमिंटन में लक्ष्य सेन ने जीता गोल्ड
बर्मिंघम में भारत के नाम हुआ 20वां स्वर्ण,बैडमिंटन में लक्ष्य सेन ने जीता गोल्ड
भारतीय पुरुष शटलर लक्ष्य सेन ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। भारत के लिए इन खेलों में यह 20वां स्वर्ण पदक रहा।
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games 2022) के आखिरी दिन भारत के लिए बैडमिंटन खिलाड़ियों ने स्वर्णिम शुरुआत की है। भारत के लिए इन राष्ट्रमंडल खेलों में यह 20वां गोल्ड मेडल और कुल 57वां पदक है। वहीं इन खेलों में बैडमिंटन में भारत का यह 5वां मेडल है।…
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गर्व के पलः उत्तराखंड के लक्ष्य सेन ने डेब्यू कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड, दें बधाई...
गर्व के पलः उत्तराखंड के लक्ष्य सेन ने डेब्यू कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड, दें बधाई…
CWG 2022: उत्तराखंड के होनहार देश-प्रदेश में राज्य का नाम रोशन कर रहे है। इसी कड़ी में लक्ष्य सेन का नाम भी जुड़ गया है। लक्ष्य ने (Badminton player Lakshya Sen) ने राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games 2022) में कमाल कर दिया है। उन्होंने इतिहास रच भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। लक्ष्य की इस उपलब्धि से प्रदेश में खुशी की लहर है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है। सीएम धामी ने भी लक्ष्य…
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