Tumgik
#गाजीपुर में बाढ़
dainiksamachar · 2 months
Text
कहीं बादल फटा तो कहीं गिर गया मकान... दिल्ली-NCR से पहाड़ों तक, बारिश ने मचाया मौत का तांडव
नई दिल्ली: बुधवार को हुई भीषण बारिश ने उत्तर भारत के कई हिस्सों में तबाही मचा दी, जिसमें 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग लापता हैं। दिल्ली-एनसीआर में कुछ घंटों तक हुई बारिश की वजह से जगह-जगह पर जलभराव हो गया। जबकि मकान ढहने और करंट लगने जैसी घटनाएं भी सामने आईं हैं। उत्तराखंड में भी बारिश ने काफी तबाही मचाई है। बारिश की वजह से उत्तराखंड में राजमार्ग बह गए। वहीं हिमाचल प्रदेश के निरमंड, मंडी और कुल्लू में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। पार्वती नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। दिल्ली-एनसीआर का हाल बेहाल दिल्ली-NCR में बुधवार को हुई भारी बारिश के कारण 10 लोगों की मौत हो गई। दिल्ली के गाजीपुर क्षेत्र के खोदा कॉलोनी के पास एक जलभराव वाले नाले में एक महिला अपने बेटे के साथ डूब गई, जबकि द्वारका जिले के बिंदापुर इलाके में एक 12 वर्षीय लड़के की करंट लगने से मौत हो गई। सब्जी मंडी इलाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई और भारी बारिश के बाद इमारत ढहने की घटनाओं में तीन लोग घायल हो गए। गुरुग्राम में बुधवार रात करीब 10 बजे इफको चौक मेट्रो स्टेशन के पास भारी बारिश के कारण एक हाई-टेंशन तार टूटकर गिरने से तीन लोगों की करंट लगने से मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश में तबाही का मंजर बुधवार को हिमाचल प्रदेश के शिमला और मंडी जिलों में बादल फटने से काफी तबाही हुई है। हिमाचल प्रदेश में दो अलग-अलग बादल फटने की घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग लापता हो गए। बादल फटने की घटनाएं शिमला की रामपुर तहसील, मंडी जिले की पद्धर तहसील और कुल्लू के जौन और निर्मंड गांवों में हुईं। इस घटना पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और फायर सेवा की टीमों को राहत, खोज और बचाव कार्यों में लगाया गया है। बता दें कि बादल फटने से कुल्लू में मलाना बिजली परियोजना का बैराज टूट गया, जिससे लोग फंस गए और सड़क संपर्क पूरी तरह से बंद हो गया। उत्तराखंड में 11 की मौत उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण कई मकान ढह गए हैं। कई इलाकों में बाढ़ है। सड़कें बह गई है और कई नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। लगातार मूसलाधार बारिश को लेकर राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि भारी बारिश के कारण हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, सोनप्रयाग और नैनीताल में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, केदारनाथ में बादल फटने और मूसलाधार बारिश के चलते पैदल मार्ग में लिंचोली और भीम बली के पास 700 से ज्यादा श्रद्धालु फंसे हैं, जिनको रेस्क्यू करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। एसडीआरएफ ने बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा के विभिन्न हिस्सों में फंसे लगभग 1,000 तीर्थयात्रियों को निकाला है। अधिकारियों ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ मंदिर जाने वाला पैदल मार्ग नौ जगहों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। उत्तर प्रदेश में 8 लोगों की हुई मौत उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में बारिश से जुड़ी घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई। वर्तमान में, राज्य के 75 में से पांच जिले - बलिया, लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, सीतापुर और बहराइच बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य राहत आयुक्त कार्यालय से बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा गया है कि बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण चित्रकूट में तीन लोगों की मौत हुई है जबकि कौशाम्बी, फर्रुखाबाद, आगरा, सोनभद्र और जालौन में एक-एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना है। ये मौतें बिजली गिरने, डूबने और सांप के काटने से संबंधित हैं। राहत आयुक्त कार्यालय ने कहा कि सिंचाई विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, बदायूं में कछला पुल पर गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। http://dlvr.it/TBN5Sc
0 notes
thesuergicalnews · 2 years
Text
75 वर्षीय वृद्ध की बाढ़ के पानी में डूबकर मौत
75 वर्षीय वृद्ध की बाढ़ के पानी में डूबकर मौत
जमानिया/गाजीपुर : बुधवार को गाजीपुर जनपद के जमानिया कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत एक 75 वर्षीय वृद्ध की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई. वृद्ध पोखरे को पार करते समय डूब गये. बता दें कि शिवपुर रघुनाथपुर बाड़ के रहने वाले 75 वर्षीय गंगा यादव शाम में डेरा से गांव वाले घर आ रहे थे। बाढ़ का पानी चारों ओर फैले होने के कारण एक पोखरी को पार करते समय डूब गए। काफी देर तक घर नहीं लौटे तो घर वाले परेशान हो गये…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
azaadsamachar · 2 years
Text
गाजीपुर-चंदौली के बाद वाराणसी पहुंचे सीएम योगी
गाजीपुर-चंदौली के बाद वाराणसी पहुंचे सीएम योगी
गाजीपुर-चंदौली के बाद वाराणसी पहुंचे सीएम योगी, बाढ़ प्रभावित इलाकों का कर रहे निरीक्षण। गंगा में उफान और बाढ़ के कारण वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में त्राहिमाम मचा है। वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए सीएम योगी वाराणसी पहुंचे हैं। After Ghazipur-Chandauli, CM Yogi reached Varanasi, inspecting the flood affected areas वाराणसी(आज़ाद-समाचार)। गंगा में उफान और बाढ़…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
merikheti · 2 years
Text
यूपी के ज्यादातर जिले सूखे की चपेट में लेकिन सूखाग्रस्त नहीं घोषित हुआ प्रदेश
Tumblr media
भले ही पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश भारी बारिश की चपेट में आकर बाढ़ झेल रहा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य में इस साल बारिश की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। अगस्त का महीना विदा लेने को है और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अभी सामान्य से बेहद कम बारिश दर्ज की गई, जिसकी वजह से किसान बेहाल हैं और परिस्थितियां सूखे जैसी हो गई हैं।
जब कोई क्षेत्र सूखा घोषित होता है तो उसे सरकार मुआवजा देती है, लेकिन चौंकाने वाली बात है कि सूखे के आंकलन को लेकर सरकारी कागजों में अलग ही खेल चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर विश्लेषण सही से किया जाए, तो पता चलेगा कि राज्य के 38 ज़िलों में सामान्य से कम बारिश हुई है जिसकी वजह से वहां के ज्यादातर इलाकों में खरीफ की फसलें न���ीं बोई गईं। लेकिन जब बात सरकारी अमले की आती है, तो उन्होंने जिलेवार आंकड़े तो तैयार किए हैं लेकिन ये आंकड़े कहानी कुछ और ही बयां कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें: किसान भाई ध्यान दें, खरीफ की फसलों की बुवाई के लिए नई एडवाइजरी जारी
यूपी कृषि विभाग का कहना है कि इस बार खरीफ की फसल किसानों ने जमकर बोई और रोपी है। आंकड़ों में ये भी कहा गया है कि 98 प्रतिशत भूमि पर बुवाई और रोपाई का काम पूरा हो चुका है। अब इसी बात के चलते उत्तर प्रदेश में सूखे की घोषणा नहीं की गई है जबकि प्रदेश में सूखे जैसे हालात तो हैं ही।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदेश के 38 जिलों में खरीफ की फसलें बहुत कम बोई या रोपी गई हैं और किसान बदहाल हैं। ऐसे में उन्हें इलाका सूखाग्रस्त घोषित होने से सरकार से कुछ उम्मीदें थीं, लेकिन अब ये उम्मीदें भी खत्म नजर आ रही हैं। यूपी का इटावा जिला कम बारिश होने से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
ये भी पढ़ें: सोयाबीन, कपास, अरहर और मूंग की बुवाई में भारी गिरावट के आसार, प्रभावित होगा उत्पादन
आलम यह है कि यहां किसान बेहद परेशान हैं। लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इटावा जिलें में 50 हजार हेक्टेयर में बुवाई और रोपाई की जानी थी, जिसमें से 43 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई है। इसके अलावा रोपाई और बुवाई जिन जिलों में नहीं हुई है उनके नाम गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, मुरादाबाद, सोनभद्र, मऊ, सुल्तानपुर, अमेठी और लखनऊ हैं।
बारिश न होने से खेतों में दरारें पड़ गई हैं, जिसकी वजह से सूख चुके धान के खेतों पर कई किसानों ने ट्रैक्टर से जुताई कर दी है। देवरिया के एक किसान ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में धान बोई थी, लेकिन जब बारिश नहीं हुई तो मजबूरी में उन्हें धान लगे खेत को ट्रैक्टर से जोतना पड़ा। वैसे तो ज्यादातर जगहों पर किसानों ने बुवाई या रोपाई की ही नहीं थी, लेकिन जहां की गई वहां की फसलें खराब हो गई हैं।
ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को क्या है फायदा
इस साल यूपी के अधिकतर इलाकों में 65 प्रतिशत से कम बारिश दर्ज की गई है, जिसकी वजह से धान की फसल पीली होकर सूख गई है। जाहिर है कि किसान इस वजह से बेहद परेशान हैं। ऐसे में अगर प्रदेश सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जाता है, तो उन्हें कुछ अनुदान मिल जाएगा और उनकी जिंदगी की गाड़ी पटरी पर आ जाएगी।
source यूपी के ज्यादातर जिले सूखे की चपेट में लेकिन सूखाग्रस्त नहीं घोषित हुआ प्रदेश
0 notes
zamania-news · 3 years
Text
मतदेय स्थलों का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश
मतदेय स्थलों का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश
गाजीपुर। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, रेणुका सिंह गाजीपुर ने अध्यक्ष/मंत्री समस्त मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलो को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा मतदेय स्थलों का पुनः भौतिक सत्यापन कराते हुए जिन मतदेय स्थलों के भवन सम्भाजन के उपरान्त वर्षा / बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गये हों अथवा किसी अन्य अपरिहार्य कारणों से उन मतदेय स्थलों के भवनों में…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mrdevsu · 3 years
Text
2013 की बाढ़ ने 558 परिवारों को किया बेघर, बेटे और बेटियों की शादी ना होने से परेशान हैं लोग 
गाजीपुर बाढ़ समाचार: गाजीपुर (गाजीपुर) के मुख्यालय सेमरा गांव (सेमरा गांव) में साल 2013 में गंगा नदी (गंगा नदी) में भयंकर जलप्रपात (बाढ़) आई. जलप्रपात ने सेमरा विलेज के 558 सुबह का अलार्म बज रहा था। आज भी ये लोग घर में रहने वाले हैं। आज तक एशिया में नसीब चालू हो गया है, तो चालू होने और उसके अविवाहित (अविवाहित) की बैटरी आ गई है। इन कनेक्शन के साथ ऐसा नहीं है ताकि वे जुड़ना न चाहें (होम) सुधा वाला…
View On WordPress
0 notes
abhay121996-blog · 3 years
Text
राहत: गंगा की रौद्र लहरें शान्त, जलस्तर घटने लगा, प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन बेहाल Divya Sandesh
#Divyasandesh
राहत: गंगा की रौद्र लहरें शान्त, जलस्तर घटने लगा, प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन बेहाल
वाराणसी। जीवनदायिनी सदानीरा गंगा की रौद्र लहरें अब शान्त हो गई है। लगातार बढ़ने के बाद लहरें अब दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से घट रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों के साथ जिला प्रशासन ने भी अब राहत की सांस ली है। शुक्रवार सुबह सात बजे तक गंगा का जलस्तर 72.28 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर गुरूवार दोपहर बाद से ठहर गया। 
इसके बाद एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जलस्तर घटने लगा। अभी भी गंगा की लहरे खतरे के निशान से उपर बह रही है। गंगा में सामान्य जलस्तर 66.599 मीटर है। वाराणसी के साथ मिर्जापुर, भदोही और चंदौली में भी जलस्तर घटाव पर है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गाजीपुर और बलिया में गंगा फिलहाल स्थिर हैं।
यह खबर भी पढ़ें: राजस्थान के इस मंदिर में लोगों को दिया जाता है चूहों का झूठा प्रसाद
गंगा में आई बाढ़ के चलते तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की मुश्किले भी बढ़ती जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में लोगों को अपना मकान गिरने की आशंका भी सता रही है। गंगा के सभी 84 घाटों का सम्पर्क टूट गया है। दशाश्वमेध और शीतलाघाट,सामनेघाट,नगवा,मारूति नगर आदि इलाकों में बाढ़ से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों का काम धाम ठप है। जीवन भी ठहर सा गया है। लोगों को बाढ़ का पानी उतरने के बाद कीचड़ और गंदगी के साथ संक्रामक रोग का भय भी सताने लगा है। वरूणा नदी के तटवर्ती क्षेत्र में भी यहीं हाल हैं। लोग बाढ़ उतरने का इंतजार कर रहे है। 
यह खबर भी पढ़ें: हिन्दू धर्म के 16 संस्कारो में से एक बच्चों का मुंडन, जानिए क्यों किया जाता है?
सलारपुर, रसूलगढ़, पुलकोहना, दनियालपुर, सरैयां, शैलपुत्री, नक्खीघाट, हुकुलगंज, चौकाघाट, वरुणा पुल, इमिलिया घाट आदि मोहल्ले में बाढ़ पीड़ित लोग उंचे स्थानों के साथ राहत शिविरों में शरण लिए हुए है। राहत शिविर में रह रहे लोगों की मदद में जिला प्रशासन के अफसर लगे हुए हैं। लोग अब बाढ़ उतरने का इंतजार कर रहे है।
Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
0 notes
kisansatta · 4 years
Photo
Tumblr media
UP Weather: उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी
Tumblr media
लखनऊ| बीते पिछले तीन-चार दिनों से से चली आ रही मौसम की बेरुखी अब दूर हो गई है। आज यानी 19 जुलाई से लेकर 21 जुलाई तक प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने अनुमान जारी करते हुए पूरे प्रदेश भर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कई जिलों में मूसलाधार बारिश होने की आशंका है। इस दौरान जलजमाव की स्थिति आ सकती है। साथ ही आकाशीय बिजली के खतरे के प्रति भी मौसम विभाग में लोगों को सचेत किया है। कई जिलों में बीती रात से ही बारिश हो रही है। लखनऊ और आसपास के जिलों में भी कल शनिवार दोपहर से ही मौसम का मिजाज बदल गया था। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक हल्की बूंदाबांदी समय बीतने के साथ तेज बारिश में बदलती जाएगी।
अगले कुछ घंटों में इन जिलों में बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले कुछ घंटों में पूर्वांचल के गाजीपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़ के साथ-साथ लखनऊ के आसपास के इलाकों में और शाहजहांपुर, बरेली, बदायूं, इसके अलावा पश्चिमी यूपी के रामपुर, मुरादाबाद, नोएडा और बुलंदशहर जिलों में रुक-रुक कर बारिश जारी रहेगी।
उमस से मिली निजातशनिवार को प्रदेश के किसी भी जिले में ज्यादा बारिश दर्ज नहीं की गई. सिर्फ बरेली में 30 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा किसी भी जिले में बारिश नहीं हुई. यही सिलसिला पिछले तीन-चार दिनों से चला आ रहा था, लेकिन अब इसके खत्म होने की संभावना है। हवाओं के रुख बदलने से और बूंदाबांदी से लोगों को भीषण उमस से भी राहत मिल गई है। तापमान में ज्यादा उछाल नहीं आया था लेकिन उमस से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई थी। अब इससे भी निजात मिल जाएगी।
तराई के इलाकों में बाढ़ का खतरा
मौसम के खुशनुमा होने से राहत जरूर मिलेगी लेकिन उन जिलों में समस्याएं बढ़ जाएंगी जहां पहले से ही बाढ़ के पानी से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है. तराई और पूर्वांचल के कई जिलों में बाढ़ से पहले ही लोग मुश्किलों में हैं। ऐसे में अगले 3 दिनों तक और ज्यादा बारिश होने की संभावना के चलते यह समस्या और विकराल हो सकती है।
https://kisansatta.com/up-weather-%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%81/ #BarishKaMausam, #MaansoonSession, #News, #SuhanaMausam, #Trendind, #Weatheraleart barish ka mausam, maansoon session, news, suhana mausam, trendind, weatheraleart e-Paper, Farming, State, Top, Trending #e-Paper, #Farming, #State, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
0 notes
globalnews4u · 4 years
Photo
Tumblr media
Rain Alert: प्रयागराज में बाढ़ जैसे हालात, रायबरेली, अमेठी, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया सहित यूपी के कई जिलों में अलर्ट भारी बारिश से प्रयागराज में बाढ़ जैसे हालात नई दिल्ली : आज सुबह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर और आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है.  
0 notes
vsplusonline · 4 years
Text
लॉकडाउन तोड़ यूपी-बिहार के लिए निकली जनता, दिल्ली बॉर्डर पर मजदूरों का हुजूम - Migrant labourer bihar jharkhand uttar pradesh anand vihar ghazipur corona virus
New Post has been published on https://apzweb.com/%e0%a4%b2%e0%a5%89%e0%a4%95%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%89%e0%a4%a8-%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc-%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%aa%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95/
लॉकडाउन तोड़ यूपी-बिहार के लिए निकली जनता, दिल्ली बॉर्डर पर मजदूरों का हुजूम - Migrant labourer bihar jharkhand uttar pradesh anand vihar ghazipur corona virus
Tumblr media
मजदूरों में घर लौटने की बेसब्री
आनंद विहार-गाजीपुर में भीड़
बसों से गांव जा रहे हैं मजदूर
दिल्ली में लॉकडाउन के बाद यहां से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जाने वाले मजदूरों की बाढ़ सी आ गई है. दिल्ली से यूपी के लिए निकलने वाली सड़कों पर सैकड़ों मजदूर हैं. ये मजदूर अपनी जरूरत के सामान सिर पर उठाकर बच्चों और महिलाओं समेत अपने घर की यात्रा पर निकल पड़े हैं.
आनंद विहार बस अड्डे पर भीड़
दिल्ली के आनंद विहार और यूपी के कौशांबी बस अड्डे पर हजारों लोग अपने घर जाने को मौजूद हैं. दिल्ली में इनके लिए जिंदगी इतनी मुश्किल है कि इन्हें हर हाल में अपना गांव पहुंचना है. अपनी गृहस्थी सिर पर संभाले इन मजदूरों को न तो सोशल डिस्टेंसिंग की चिंता है और ना ही कोरोना का डर.
दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से डीटीसी की बसें इन मजदूरों को ऐटा, इटावा, झांसी, आगरा, बुलंदशहर, गोरखपुर, लखनऊ लेकर जा रही है. बिहार और झारखंड जाने वाले मजदूरों के पास तो कोई विकल्प ही नहीं है. दिल्ली पुलिस के जवान इन मजदूरों को लाइन में लगवाकर बसों में चढ़ा रहे हैं.
गाजीपुर में उमड़े मजदूर
दिल्ली के गाजीपुर में भी मजदूरों की भारी भीड़ मौजूद है. यहां कोई इंतजाम नहीं है. दिल्ली पुलिस के कुछ जवान इन्हें लगातार समझा रहे हैं, लेकिन मजदूर गुजरते वक्त के साथ व्यग्र हो रहे हैं. मजदूरों के पास कुछ घंटे के लिए खाने पीने का इंतजाम है, लेकिन पानी-दवा की भारी किल्लत है. आस-पास के रिहायशी इलाकों के कुछ लोग घर से खाना बनाकर इन्हें दे रहे हैं.
कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें
दिल्ली से सटे नेशनल हाईवे 24 पर मजदूरों की श्रृंखला सी बन गई है. इस सड़क पर मजदूर अपने बच्चों के साथ पैदल ही गांव के लिए निकल चुके हैं. इस सड़क की तस्वीरें बेहद मार्मिक है. सिर पर बोझ उठाए बच्चे, ठेले पर सवार महिलाएं, रिक्शा खींचते मजदूर लगातार चले जा रहे हैं. बस कहीं कुछ पानी मिल जाता है, तो कहीं कुछ रोटियां. इसी तरह से ये सफर पूरा करना है.
Tumblr media
NH-24 पर गांवों की ओर जा रहे मजदूरों की तस्वीर (फोटो-पीटीआई)
सरकारी अपील का असर नहीं
दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के मंत्री गरीबी की मार से बेजार इन मजदूरों से बार बार अपील कर रहे हैं कि इनके लिए सभी इंतजाम दिल्ली में ही किए जाएंगे. ये अभी जहां हैं वहं ही रहें, लेकिन हुक्मरानों की बातें मजदूरों का भरोसा जीत पाने में नाकाम है.
शहर से अब नहीं रहा आसरा
मजदूर हर संकट और हर समस्या की चुनौती को समझकर शहर से गांव के लिए निकल पड़े हैं. ये शहर कभी उसके आसरे का ठिकाना था. यहां से सिर्फ उसकी ही नहीं बल्कि उसे पूरे परिवार का पेट भरता था, लेकिन कोरोना के संक्रमण ने एक झटके में सारे बने-बनाए चक्र को तोड़ दिया है. मजदूरों को अब एक ही यकीन है कि गांव में ही पहुंचकर वे सुरक्षित हो सकते हैं.
राहुल ने की मदद की अपील
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे अपने घरों के आस-पास से गुजर रहे मजदूरों को भोजन-पानी देकर मदद करें.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “आज हमारे सैकड़ों भाई-बहनों को भूखे-प्यासे परिवार सहित अपने गांव���ं की ओर पैदल जाना पड़ रहा है. इस कठिन रास्ते पर आप में से जो भी उन्हें खाना-पानी-आसरा-सहारा दे सके, कृपा करके दे! कांग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं से मदद की ख़ास अपील करता हूं.” बीजेपी ने भी अपने कार्यकर्ताओं से ऐसे लोगों की मदद करने को कहा है.
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें. डाउनलोड करें
Tumblr media Tumblr media
!function(e,t,n,c,o,a,f)(window,document,"script"),fbq("init","465285137611514"),fbq("track","PageView"),fbq('track', 'ViewContent'); Source link
0 notes
thesuergicalnews · 2 years
Text
गाजीपुर- अठहठा गांव में बाढ़ पीड़ितों को ले जा रही नाव डूबी, दो लोगों की मौत कई लापता
गाजीपुर- अठहठा गांव में बाढ़ पीड़ितों को ले जा रही नाव डूबी, दो लोगों की मौत कई लापता
सेवराई (मारूफ खान): तहसील क्षेत्र के अठहठा गांव में बाढ़ पीड़ितों को ले जा रही नाव डूबने से दो लोगों की मौत हो गई तो वही 5 लोगों (बच्चे) के पानी में लापता होने का समाचार प्राप्त हुआ है. जानकारी अनुसार तहसील क्षेत्र के अठ्ठहठा गांव में प्रशासन की तरफ से लोगों के आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था की गई थी. चश्मदीदों के मुताबिक इस मझली नाव में करीब 35 की संख्या में लोग पशुओं का चारा सहित अन्य घरेलू…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
Photo
Tumblr media
मैं मोहन राठौर 23 सितंबर को मौनी बाबा सेवा दल के स्थापना दिवस पर चोचकपुर, गाजीपुर आने वाला था परंतु इस बीच गाजीपुर में भारी वर्षा और बाढ़ की स्थिति होने के कारण यहां के हालात अच्छे नहीं है लोग परेशान हैं इसी वजह से यह कार्यक्रम कुछ समय के लिए स्थगित (postpone) कर दिया गया है l इस बात का हम सबको बहुत अफसोस है। लेकिन हम वादा करते हैं प्रोग्राम स्थगित (postone) किया गया है रद्द (cancel) नहीं किया हैl जैसे ही हालात सुधरेंगे हम आपके बीच में जल्दी से जल्दी फिर हाजिर होंगे| तब तक के लिए हमें इजाजत दीजिए| शुक्रिया... https://www.instagram.com/p/B2rWZV1ldIL/?igshid=lu2zdfa02beg
0 notes
zamania-news · 3 years
Text
मोबाइल का नेटवर्क गायब रहने से उपभोक्ता त्रस्त
मोबाइल का नेटवर्क गायब रहने से उपभोक्ता त्रस्त
गहमर(गाजीपुर)। स्थानीय क्षेत्र में मोबाइल का नेटवर्क गायब रहने से लोग आजिज आ गए हैं। बता दे कि गांव में विगत 12-13 दिनों से मोबाइल का नेटवर्क गायब रहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में आई बाढ़ से पहले ही लगभग सारी कंपनियों का नेटवर्क गायब रह रहा है जिससे लोगों को अपने परिजनों से बात करने के लिए काफी जलालत झेलनी पड़ रही है। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा परेशान तो जिओ…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
abhay121996-blog · 3 years
Text
मुख्यमंत्री योगी ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण Divya Sandesh
#Divyasandesh
मुख्यमंत्री योगी ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण
गाजीपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजीपुर में शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इससे पहले एशिया के सबसे बड़े गांव गाजीपुर जिले के गहमर में प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित 182 परिवारों में राहत सामग्री का वितरण किया।
गहमर इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित चार तहसील सेवराई 150, सदर 10, मुहम्मदाबाद 05 और जमानिया 17 पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
यह खबर भी पढ़ें: इस मंदिर में लोगों को आने की जरूरत नही, चिट्टी भेजकर पूरी हो जाती हैं सारी मनोकामनाएं
उन्होंने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 24 जनपदों के 620 गांवों में बाढ़ का असर है। हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश से अतिरिक्त जल छोड़ने से ये हालत हुई है। मैं लगातार बाढ़ प्रभावित जनपदों का निरीक्षण कर रहा हूं। बाढ़ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा लगातार की जा रही है। गाजीपुर में 32 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का असर है। ज्यादा से ज्यादा राहत सामग्री वितरित किये जाने की आवश्यकता है। राहत सामग्री समय पर वितरित की जानी चाहिए। जन प्रतिनिधि सभी बाढ़ पीड़ितों से मिल कर उनकी समस्याएं दूर करें। बाढ़ के मद्देनजर युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
यह खबर भी पढ़ें: राजस्थान के इस मंदिर में लोगों को दिया जाता है चूहों का झूठा प्रसाद
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सुनीता सिंह, एमएलसी चंचल सिंह, विधायक डॉ. संगीता बलवंत, विधायक अलका राय, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, किसान मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष डा. विजय यादव, जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह, पप्पू सिंह, प्रवीण सिंह, शशिकांत शर्मा, प्रदीप पाठक आदि लोग मौजूद रहें।
Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
0 notes
indiawriters-blog · 6 years
Photo
Tumblr media
कूड़े पर LG को SC की फटकार, 25 मीटिंग-50 चाय से मतलब नहीं, काम क्या किया? राजधानी दिल्ली में कचरा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. गुरुवार को एलजी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया. LG की ओर से कहा गया है कि कचरा प्रबंधन के लिए निगम जिम्मेदार है, हम इसपर लगातार बैठक कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए आर्टिकल 239AA का हवाला दिया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं दिखा. सबसे बड़ी अदालत की ओर से कहा गया कि आप 25 बैठक करते हैं या 50 कप चाय पीते हैं, इससे हमें मतलब नहीं है. सुनवाई के दौरान LG की ओर से हलफनामे में कहा गया कि पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर, दक्षिणी दिल्ली में ओखला और उत्तरी दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल साइट्स हैं. उपराज्यपाल अपने स्तर पर लगातार बैठकें कर रहे हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि हमें एक्शन की टाइमलाइन बताएं, 25 बैठक हुई हैं या 50 कप चाय पी है इससे हमें मतलब नहीं. आप एलजी हैं, आपने बैठक की है इसलिए हमें टाइमलाइन और स्टेटस रिपोर्ट दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए, आपको सिंपल अंग्रेजी में ये बताना है कि कूड़े के पहाड़ कब हटेंगे. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि बैठक में तय हुआ था कि रोजाना दो बार सफाई होगी, जो भी अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार हैं उनके नाम वेबसाइट पर होना चाहिए. इसके लिए सजा का प्रावधान भी होना चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि सफाई से संबंधित बैठक में ना तो उपराज्यपाल खुद आए और ना ही अपना कोई नुमाइंदा भेजा. इस पर कोर्ट ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि और ये कहते हैं कि I AM THE SUPERMAN. इस पर कोर्ट ने कहा कि हलफनामे में एलजी ने अधिकार और जिम्मेदारी की बात की है, कचरा और सफाई के मामले में उनकी जिम्मेदारी है या नहीं? कोर्ट के इस कड़े रुख पर सरकार की ओर से ASG पिंकी आनंद ने कहा कि हां, एलजी को डायरेक्शन जारी करने का अधिकार है. जिसपर कोर्ट ने जवाब मांगा है कि ये बताएं कि अभी तक उन्होंने कितने अधिकार जारी की है. दिल्ली में कूड़े की बाढ़! आपको बता दें कि अभी दो दिन पहले ही जस्टिस मदन भीमराव लोकुर की अगुवाई वाली पीठ ने नाराज़गी भरे लहजे में कहा था कि हर जगह बदइंतजामी है. मुंबई में पानी की बाढ़ है, तो दिल्ली में कूड़े की. तभी यहां दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही की वजह से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया वगैरह फैलते हैं. दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि आखिर राजधानी में कूड़ा प्रबंधन की जिम्मेदारी किसकी है, मुख्यमंत्री की या LG की या फिर केंद्र सरकार की?
0 notes
globalexpressnews · 6 years
Photo
Tumblr media
दिल्ली में 'कूड़े के पहाड़' और मुंबई में बाढ़ जैसे हालात पर SC सख्त, राज्य सरकारों से पूछा यह सवाल? खास बातेंदिल्ली में ‘कूड़े के पहाड़’ पर सुप्रीम कोर्ट सख्तमुंबई में बाढ़ जैसे हालत पर भी सख्त हुआ सुप्रीम कोर्टकोर्ट ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए सरकारें कोई कदम नहीं उठा रही हैंनई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते कूड़े और मुंबई में बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए राज्य सरकारों को जमकर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और मुंबई का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली कूड़े के पहाड़ तले दबती जा रहा है और मुंबई पानी में डूब रही है, लेकिन यहां की सरकारें इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं. यहीं नहीं सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 10 राज्यों सहित दो केंद्र शासित प्रदेशों पर भी जुर्माना लगाया है. इन पर जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योंकि इन्होंने कोर्ट में एफिडेविट देकर यह नहीं बताया कि कचरे के प्रबंधन के लिए क्या कदम उठाए हैं. यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और एमसीडी को लताड़ा, कचरा नहीं हटा सकते तो क्या शिक्षा दोगे सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केन्द्र और दिल्ली सरकार से बुधवार तक इस बारे में रुख स्पष्ट करने को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कूड़े के पहाड़ों को साफ करने की जिम्मेदारी किसकी है. उपराज्यपाल अनिल बैजल के प्रति जवाबदेह अधिकारियों की या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति जवाबदेह अधिकारियों की? हम जानना चाहते हैं कि कूड़ा साफ करने के लिये जिम्मेदार कौन है, जो उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं या जो मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह हैं.’’ शीर्ष अदालत ने यह निर्देश ऐसे समय दिया जब कुछ दिन पहले उसने उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच सत्ता संघर्ष पर फैसला सुनाते हुये व्यवस्था दी थी कि उपराज्यपाल के पास फैसले करने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है और वह निर्वाचित सरकार की मदद एवं सलाह से काम करने के लिये बाध्य हैं. यह भी पढ़ें: केंद्र ने राजधानी में कूड़े के संकट से निपटने के लिए बनाई 300 करोड़ की योजना न्यायमूर्ति एम बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा ‘‘अब, हमें फैसले का फायदा है. दिल्ली विशेषकर भलस्वा, ओखला और गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ हैं. हम जानना चाहते हैं कि कूड़ा साफ करने के लिये जिम्मेदार कौन है, जो उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं या जो मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह हैं.’’ सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पिंकी आनंद और दिल्ली सरकार के वकील से पूछा कि कूड़ा प्रबंधन किसके क्षेत्राधिकार में आता है. यह भी पढ़ें: दिल्ली हाई कोर्ट ने स्कूलों से कूड़ा न उठाने पर नगर निगमों को लगाई फटकार पिंकी आनंद ने कहा कि वह बुधवार को इस मुद्दे पर हलफनामा दायर करेंगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली कूड़े के ढेर में दब रही है और मुंबई पानी में डूब रही है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने ठोस कचरा प्रबंधन रणनीति पर अपनी नीतियों पर हलफनामा दायर नहीं करने पर दस राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदशों पर जुर्माना भी लगाया. इस स्थिति पर अपनी मजबूरी जाहिर करते हुये शीर्ष अदालत ने अफसोस जताया कि जब अदालतें हस्तक्षेप करती हैं तो न्यायाधीशों पर न्यायिक सक्रियता के नाम पर निशाना साधा जाता है. यह भी पढ़ें: शहर में फैली गंदगी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नगर निगम को लगाई फटकार टिप्पणियां
0 notes