Tumgik
#घटना 13
indian-mythology · 2 years
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माथुर ब्राह्मणों के गोत्र 7 हैं। ये प्राचीन सप्त ऋषियों की प्रतिष्ठा में उन्हीं के द्वारा स्थापित हुए थे। इनकी ऐतिहासिकता संदेह से परे है। इन सात गोत्रों के गोत्रकार ऋषियों की परम्परा में नाम इस प्रकार हैं।
दक्ष गोत्र
कुत्स गोत्र
वशिष्ठ गोत्र
भार्गव गोत्र
भारद्वाज गोत्र
धौम्य गोत्र
सौश्रवस गोत्र
दक्ष गोत्र परिचय
दक्ष गोत्र प्रजापति ब्रह्मा के 10 मानस पुत्रों में सर्व प्रतिष्ठित प्रजापतियों के पति (10 ब्रह्मपुत्रों की धर्म परिषद के अध्यक्ष) रूप में सर्वोपरि सम्मानित थे। 9400 वि0पू0 की ब्रह्मदेव की मानसी सृष्टि के केन्द्र ब्रह्मपुर्या माथुर महर्षियों के क्षेत्र मालाधारी गली ब्रह्मपुरी पद्मनाभ स्थल के ये अधिष्ठाता थे।
आदि प्रयागतीर्थ मथुरा के उत्तरगोल सूर्यपुर में प्रजापत्य याज्ञ करके प्रजापति विभु स्वयंभू ब्रह्मदेव ने इन्हें समष्ट वेद-वेदज्ञ यज्ञ कर्मकर्ता प्रजापितयों का अधिष्ठाता नियुक्त किया था। ऋग्वेद में इनके मन्त्र हैं। देवों से पूजित होने और बड़े-बड़े यज्ञों, संस्कारों, धार्मिक कृत्यों के सर्बश्रेष्ठ नियन्ता होने के कारण ये अपार विद्याओं के समुद्र तथा अपार द्रव्य राशि के स्वामी थे। इनका अपना विशाल आश्रम मथुरा के सुयार्श्व गिरि पर था ऐसी हरिवंश पुराण से ज्ञात होता है।
इन्होंने अपने दक्षपुर (छौंका पाइसा) में महासत्र का आयोजन करके माथुर महर्षियों की ब्रह्मविद्या से अर्चना करके समस्त सुपार्श्व गिरि को सुवर्ण से आच्छादित कर उसकी शिखरों को रत्नों से देदीप्यमान कर उस समय (9400 वि0पू0) एक मात्र कर्मनिष्ठ लोकवंद्य देवपूजित माथुर चतुर्वेद ब्राह्मणों को दान में अर्पित कीं और उन्हें यह निर्देश दिया कि वे अनकी प्रदत्त पुण्य भूमि को खण्ड-खण्ड करके कभी विभाजित न करें उसका सम्मिलित रूप से उपभोग करते रहें।
उनके इस निर्देश पर भी उन ब्राह्मणों के वंशजों ने लोभ वश स्वर्ण बटोरकर उस शोभायमान पर्वत की श्री हीन करके कई खण्डों में विभाजित कर डाला। इस अनैतिक आचरण से खिन्न और कुपित होकर महामान्य दक्ष ने उन्हें शाप दिया कि वे लालची, कलही, भिक्षुक और कुल मान्यता से शून्य प्रतिष्ठा हीन हो जायेगें। महापुण्य दक्ष के सुपाश्व के विभिन्न शिखिर खण्ड मथुरा में आज भी पाइसा नामों से (गजा पाइसा, नगला पाइसा, शीतला पाइसा, कुत्स पाइसा, छौंका पाइसा) नामों से प्रसिद्ध हैं ध्यान देने की बात हे कि पाइसा शब्द का प्रयोग भारत के और किसी भी स्थान में कही भी प्रयुक्त नहीं है।
दक्ष यज्ञ- प्रजापति दक्ष ने अनेक बहु दक्षिणा युक्त यज्ञ किये। इनमें वह यज्ञ सर्वाधिक विख्यात है जिसमें इनका कन्या सती ने यज्ञ कुण्ड में कूदकर प्राणों की आहुति दी तथा भगवान यछ्र के गण रूप से वीरभद्र द्वारा देवों और ऋषियों का महाप्रतारण हुआ। पुराणों के अनुसार महात्मा दक्ष के प्रसूति नाम की पत्नी से 16 कन्यायें हुई थीं। इनमें से 13 उन्होंने प्रजापति ब्रह्मा को दी अत: वे ब्रह्मदेव के श्वसुर होने से महान गौरव पद को प्राप्त हुए।
उन्होंने स्वाहा पुत्री अग्निदेव प्रमथ माथुर को दी जिससे वे माथुरों के गोत्रकार बनकर मातामह बने। उन्होंने स्वधा नाम की पुत्री पितगों को दौं अत: पितृगण भी उनकी जामाता बनकर श्राद्धों में आदर पाते रहे। उनको उबसे छोटी स्नेहमयी लाडली पुत्री सती थी जो त्र्यंवक रूद्रदेव को ब्याही गयी। इतने प्रधान देवों का पितृ तुल्य श्वसुर पदधारी होने से दक्ष को महाअभियान हो गया। एक वार ब्रह्माजी की सभा (ब्रह्म कुण्ड गोवर्धन शिखर) पर उनके पहुँचने पर सभी देवों ने उन्हें नमन और अभ्युत्थान दिया परन्तु भगवान रूद्र गम्भीर मुद्रा में बैठे रहे इससे उन्होंने रूद्र द्वारा अपना अपमान किया जाना अनुभव किया और प्रतिकार रूप में एक विशाल यज्ञमूर्ति प्रभविष्णु की अर्चना युक्त जो अष्टभुज धारी महाविष्णु थे एक यज्ञ का आयोजन मथुरा में यमुना तट पर कनखल तीर्थ में आयोजन किया।
 इस यज्ञ में दक्ष प्रजापति ने अहंकारवश रूद्र को आमन्त्रित नहीं करते हुए यज्ञवेदी पर उनका देव आसन भी नहीं स्थापित किया। देवी सती यज्ञ में बिना बुलाये ही माता पिता के स्नेह से आतुर होकर पधारीं और यज्ञ मण्डप में भगवान रूद्र का आसग न देख महाक्षुब्ध होकर यज्ञाग्नि के विशाल कुण्ड में दलांग लगाकर आत्माहुति दे दी। तब रूद्र भगवान की भृकुटी भंग से उनके गण वीरभद्र (भील सरदार) ने भूत सेना लेकर यज्ञ का विध्वंश किया जिसमें पूषा, भग, भृगु आदि सभासद ताड़ित और दण्डित हुए और अन्त में शिरच्छेद के बाद अजामुख दक्ष भगवान रूद्र कों शरणागत हुआ। भगवान रूद्र की यह एतिहासिक घटना 9358 वि0पू0 की है तथा ब्रह्मर्षि देश के मथुरा सूरसेनपुर में घटित हुई । विद्वान मूल तथ्यों से भटक जाने के कारण हरिद्वार इसे या अन्यत्र कहीं खोजते-फिरते हैं जबकि हरिद्वार (गंगाद्वार) भगीरथ के गंगावतरण के समय 4771 वि0पू0 में स्थापित हुआ।
मथुरा में यमुना के तठ पर अभी भी कनखस तीर्थ एक अति पुरत्तन पुराण वर्णित तीर्थ मौजूद है, यही समीप में भगवान रूद्र का त्र्यंवक (तिंदुक) तीर्थ तथा वीरभद्र गणों और मरूतों के युद्ध का स्थल मरूत क्षेत्र (मारू गली) सती मांता का पुरातन मठ (दाऊजी मन्दिर जहाँ क्षुरधारी मरूत ढाल बरवार वारे हनुमान के नाम से स्थित हैं। मथुरा में ही भूतनगर (नगला भूतिया) वीरभद्रेश्वरूद्रदेव , दक्षपुरी छौंका पाइसा तथा उसके निवासी दक्ष गोत्रिय माथुर छौंका वंश (महाक्रोधी , अभिमानी) अभी स्थित हैं। दक्ष की कथा विस्तार से भागवत आदि अनेक पुराणों में वर्णन की गयी है।
दक्ष वेद-प्रशस्त देव सम्मानित राजर्षि थें। इनके पुत्रों का वर्णन ऋग् 10-143 में तथा इन्द्र द्वारा इनकी रक्षा ऋग्0 1-15-3 में आश्विनी कुमारों द्वारा इन्हें बृद्ध से तरूण किये जाने का कथन ऋग्0 10-143-1 में है। वे दक्ष स्मृति नाम के धर्मशास्त्र के कर्ता है जिसमें आश्रम धर्म , आचार धर्म , आशीच , श्राद्ध, संस्कारों, व्यवहार धर्म तथा सुवर्ण दान के महान्म के प्रकरण कहे गये हैं।
मन्वन्तरों में समयों में सप्तऋषियों में आद्य स्थापना
मानव वंशों को "स्वस्वं चरित्र शिक्षेरेन पृथिव्यां सर्वमानवा:" का निर्णायक उद्घघोष प्रवर्तित करने वाले स्वायंभू मनुदेव के समय के सप्तऋषियों की धर्मपरिषद में माथुरों के आदि महापुरूषों में दक्ष आदि का प्रमाण है।
1- स्वायंभूमनु का मन्वन्तर काल 9000 वि0पू0 चैत्र शुक्ल 3 के समय उनके सप्तऋषि मण्डल में
1. आँगिरस, 2. अत्रि, 3. क्रतु, 4. पुलस्त्य, 5. पुलह, 6. मरोचि, 7. वश���ष्ठ समाहित थे।
इनमें से ब्रतु, पुलस्त्य , पुलह के वंश आसुरी सम्पर्क में आकर ब्रह्मर्षि देश से बाहर उत्तर, पश्चिम भूखण्डों एशिया यूरोप सुदूर दक्षिण आदि में चले गये। आँगिरस (कुत्स) , दक्ष (आत्रेय वंश) मरोचि (कश्यप धौम्यवंश) वशिष्ठ (वेदव्यास वंश) मुरा मण्डल में अनु राजधानी में रहे तथापि देव, दानव, आसुर पोरोहिव्यधारी इन वहिर्गत महर्षियों को भी विश्व संगठन प्रवर्तक मान मनु महाराज ने इन्हें मण्डल बाह्य नहीं किया।
2- स्वारोर्चिष मन्वतर- 9962 वि0पू0 भाद्र पद कृष्ण 3 के प्रवर्तन समय के सप्त ऋषियों में माथुर वंश के भार्गव गोत्रिय और्व तथा आंगिरस वंशज वृहस्पति देव, आत्रेय पुत्र निश्च्यवन अन्य 4 महर्षियों के मण्डल में स्थापित हुए। 3- उत्तम मन्वर - (8530 वि0पू0 पाल्गुन कृष्ण 3 को स्थापित) मन्वतन्र के सप्तऋषि मण्डल के वशिष्ठ वंशों माथुर महर्षि ऊध्ववाहु शुक सदन सुतया आदि सम्मानित हुए थे। 4- तामस मनु क मन्वंतर - (8360 वि0पू0 पौष शुक्ल 1 में) माथुरों का अग्नि (प्रमथ) वंश चैत्र ज्योर्तिधीम धात् आदि सदस्यों के रूप में स्थापित था। 5- रैवत मन्वंतर - (8186 वि0पू0 आषाढ़ शुक्ल 10) स्थापित में सप्तर्षि मण्डल में माथुर महामुमि वशिष्ठ के वंशज सत्यनेत्र, अर्ध्वबाहु, वेदबाहु, वेदशिरा आदि धर्म प्रवर्तक थे। 6- चाक्षुष मन्वंतर - (7428 वि0पू0 माघ शुक्ल 7) प्रवर्तित के सप्तर्षि मण्डल में भगवान आदि नारायण (गताश्रम नारायण) के अशंभूत्त विराट मत्स्यपति ब्रजमण्डल संस्थापक भगवान विराज, श्रीयमुना जी के पिता विवस्वान सूर्य परिवार के विवस्वंतदेव, सहिणु सुधामा, सुमेधा आदि माथुर मुनीन्द्र लोकधर्म प्रतिपालक रहे। इस मन्वन्तर में ही बैकुण्ठलोक के स्थापक भगवान बैकुण्ठनाथ (बैकुण्ठतीर्थ मथुरा) तथा विरजरूप में प्रभु दीर्घ विस्णु के लोक संस्थापक अवतार हुए। 7- वेवस्वत मन्वंतर - (6379 वि0पू0 श्रावण कृष्ण 8) प्रवर्तित के महाविश्व विस्तृत सप्तऋषि मण्डल में माथुर ब्राह्माणों के पूजनीय पुर्व पुरूष अत्रि (दक्ष गोत्र) , कश्यप (धौम्य पूर्वज) , यमदंग्नि (भार्गव गोत्र) परशुराम अवतार के पिता वशिष्ठ (महर्षि वेदव्यास के पूर्वज ) विश्वामित्र सौश्रवस गोत्र पूर्व पुरूष ) देवपूजित विश्वधर्म के संचालक थे। केवल गौतम महर्षि जो गौतम आश्रम (गोकर्ण) टीला कैलाश) पर रहते थे आंगिरसों से विरोध उत्पन्म हो जाने के कारण भगवान माहेश्वर रूद्र की अनुज्ञा से मथुरा त्याग कर कुवेरबन (वर्तमान वृन्दावन) में (गौतमपारा) बसाकर जाकर रह गये। इनके वंशज गौतम ब्राह्मण अभी भी इस स्थान पर बसते हैं। इन ऋषियों के वंशधर बाद के व्यतीत मन्वन्तरों में सप्तर्षि मण्डलों में भी स्थापिय रहे।
यह भी प्रमाणित तथ्य है कि इन सभी मन्वन्तरों की स्थापना आद्य मनु की पुरी मथुरा सूरसेनपुरी में ही परम्पराबद्ध रूप से होती रहीं और ये ब्रह्मर्षि देश के पवित्र देवक्षेत्र में जहाँ-तहाँ स्थापित हो धर्म प्रशासन चलाते रहे। इस प्रकार परम सुनिश्चित सुपुष्ठ इतिहास परम्परा और शास्त्र प्रमाण से माथुर ब्राह्मणों की प्राचीनता और पदगरिमा की प्रशस्त स्थिति स्पष्ट है। अनेक युगों में ऋषियों की उपस्थिति
प्राय: यह शंका उठाई जाती है कि देव और ऋषि एक ही रूप में प्राय: प्रत्येक काल और युग में उपस्थित दीखते हैं जिससे उनकी आयु और जीवन स्थिति में अति असंवद्धता प्रगट होती है। इस सन्दर्भ में शास्त्र पद्धति की एक महत्वपूर्ण बात हमें जान लेनी चाहिये। भारतीय परम्परा के संस्थापकों ने देवों ब्रह्मपुत्र ऋषियों के लिये अजरामर रूप में बने रहने के लिये अमरत्व की एक विशेष प्रक्रिया स्थपित की थी जिसके अनुसार जिन देवों और ऋषि-महार्षियों को त्रिकाल व्याप्त पदों पर प्रितष्ठित किये गये थे उनके वे पद पीठ आसन या गादी नाम से स्थिर थे। ब्रह्मा, इन्द्र , अग्नि, वरूण , कुवेर, यम, सूर्य , चन्द, आदि देव कोई एक व्यक्ति नहीं अपितु ये प्रतिष्ठा सपद थे। इन पदों पर एक व्यक्ति के पद मुक्त होने से तत्काल पूर्व ही दूसरे पदधारी की प्रतिष्ठा कर दी जाती थी जिससे साधारण प्रजा को यह ज्ञात ही नहीं हो पाता था कि कौन पदधारी कब बदला। ब्रह्मा, इन्द्र, आदि अनेक हुए हैं इसी प्रकार कश्यप , अत्रि , वशिष्ठ, अंगिरा , नारद, भृगु, दक्ष आदि बहुत से हुए हैं वे सभी अपने पदों पर आसनारूढ या पदारूढ होते रहे हैं। इसी कारण से वेदों-पुराणों में किसी देवता या महर्षि का बृद्धता से लाठी टेककर चलना या उनकी मृत्यु होने का कथन नहीं है। वे प्राय: सामर्थ्यशाली दशा में ही पद मुक्त होकर उत्तर ध्रुव के महाप्रयाण लोक को प्रस्थान कर जाते थे। इस तथ्य का आधुनिक काल में प्रमाण जगद्गुरु शंकराचार्य की पाद पीट है जहां शंकराचार्य देव आदि स्थापना से अभी तक अजर-अमर बने विराजमान हैं। देवों, ऋषियों का प्रत्येक युग में एक उसी नाम से वर्तमान रहने का यही गूढातिगूढ रहस्य है जिसे हमें समझ लेना चाहिये।
दक्ष गोत्र के प्रवर - गोत्रकार ऋषि के गोत्र में आगे या पीछे जो विशिष्ट सन्मानित या यशस्वी पुरूष होते हैं वे प्रवरीजन कहे जाते हैं और उन्हीं से पूर्वजों को मान्यता यह बतलाती है कि इस गोत्र के में गोत्रकार के अतिरकित और भी प्रवर्ग्य साधक महानुभाव हुए है। दक्ष गोत्र के तीन प्रवर हैं। 1. आत्रेये 2. गाविष्ठर 3. पूर्वातिथि।
1. आत्रेय - महर्षि अत्रि के पुत्र थे। ये चन्द्र पुत्र अत्रि के छोटे पुत्र थे। महर्षि दक्ष के पुत्र न होने से इन्हें मानस पुत्र बनाया था तथा चन्द्रमा दत्तात्नेय के माह होने पर भी दक्ष वंश में चले जाने से इन्हें अत्रिवंश में नहीं गिना गया। ये वेदज्ञ विपुल यज्ञ कर्ता थे। मंटी ऋषि के के ये शिष्य थे तथा इनने वैत्तरेय संहिता का पद पाठ निर्धारण किया था। इनकी शास्त्रीय रचना आत्नेयी शिक्षा तथा आत्नेयी संहिता है। 2. गाविष्ठर - ये यज्ञ और वेद विद्या के महान आचार्य थे। समाइगय राजेश्वर वभ्रु के यज्ञों को इनने गृत्समद ऋषि के सा सम्पन्न कराये थे। 3. पूर्वातिथि - ये अत्रि कुल के महान आचार्य थे। इनका समय 8758 वि0पू0 है। भारतीय इतिहास काल में दक्ष दो हुए हैं। पहले दक्ष प्रजापति पुत्र दक्ष दूसरे प्राचेतस दक्ष। माथुरों के गोत्रकार प्रथम दक्ष है। दक्षों का वेद ऋग्वेद है। शाखा आश्वलायनी है तथा कुलदेवी महाविद्या देवी है। इनकी 4 अल्ल हैं 1. दक्ष, 2. ककोर, 3. पूरवे, 4. साजने। अल्ल उपजाति या आस्पद को कहते है। मनु ने इसे 'विख्याति' नाम दिया हे। आस्पद का अर्थ है आदर्शपद जो कुल के आदर्श कर्म या स्थान को संकेत करता है। जिस संज्ञा से समूह की लोक के ख्याति होती है उसे आख्यात या आख्या कहा जाता है। अलंकृति सूचक कुल नाम को अल्ह या अल्ल कहते है। दक्ष - ये दक्ष प्रजापति के पदासीन ज्येष्ठ (टीकैत) पुत्रों का वर्ग है। ये अधिक तर द्विजातियों के यज्ञोपवीत, विवाह , यज्ञ, अनुष्ठान आदि संस्कार कराते है। दक्ष ये मूल अल्ल है। 2. ककोर - ये यादवों की कुकुर शाखा के कुलाचार्य थे। इनका पुरा मथुरा में कुकुरपुरी , घाटी ककोरन के नाम से स्थित है। ये यादवों के पुरोहित होने से बड़े समृद्ध और सम्पत्तियों के स्वामी थे। कौंकेरा, ककोरी, कक्कु, कांकरौली, कांकरवार, ककोड़ा इनके विस्तार क्षेत्र थे। इस वंश में महापूजय श्री उजागरदेव जी वामन राजाओं के पुरोहित बड़े चौबेजी थे जो बादशाह अकबर के दरबार में सम्मान पाते थे। 3. पूरवे - ये सम्राट पुरूरवा च्रन्द्रवंशी के पुरोहित कुल में से हैं।
4. साजने या फैं���रे - ये साध्यजनों के पति गन्धर्वराज उपरिचर वसु (फैंचरी ब्रज) के पुरोहित थे। उपरिचर वसु बहुत शक्तिशाली सम्राट था। जिस इन्द्रदेव ने अपना ध्वज (झण्डा) देकर इन्द्र ध्वज पूजन की उत्सव विधि का उपदेश किया था। जिसे गंधारी केतुओं ने सद्दे और अलम के रूप में पूजना और उत्सव में प्रयुक्त तथा रण में फहराना सीखा। उपरिचय मगध देश के जरासंध परिवार का पूर्व पुरूष था तथा मत्स्य देश के राजा सम्स्या और वेद व्यास माता मत्स्यगन्धा सत्यवती भी इसी वंश में उत्पन्न हुए थे। उसका राज्य गोपाचल क्षेत्र (ग्वालियर) में पिछोर पचाड़ गांग क्षेत्र में था। 5.सोखिया - मीठे वर्ग में यह अल्ल है जो सौंख खेड़ा में शौनक क्षेत्र में बसने से प्रख्यात हुई है। 6. जुनारिया - यह अल्ल अब देखने में नहीं आती है जान्हवी गंगा के प्रवर्तक जन्हु ऋषि (राजा) के प्रशासन क्षेत्र पुण्य क्षेत्र तीर्थों के केन्द्र में निवास करने से यह नाम प्रसिद्ध था जो जान्हवी के लोप होने के साथ ही अलक्ष हो गया है।
दक्ष का बहुत बड़ा परिवार था। प्रथम दक्ष (9400 वि0पू0) की 16 कन्याओं से प्रजापति ब्रह्मा, ऋग्वेद प्रतिष्ठापक अग्निदेव , पितृदेव तथा सती के पतिदेव रूद्र से प्राय: सभी देवों और ऋषियों के परिवार बढ़े और फंले। दूसरे प्रचेतरा दक्ष (7822 वि0पू0) में इसकी 60 कन्याओं में से ऋषि कश्यप आदि द्वारा सारे विश्व (यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका) के मानव वंश विश्व में विस्तारित हुए। अत: माथुरों का दक्ष वंश सारे संसार की जातियों और भूखण्डों का आद्य जनक और संस्कृति शिक्षक है ऐसा सिद्ध होता है।
कुत्स गोत्र
दक्ष के बाद कुत्स गोत्र सर्वाधिक व्यापक महान और पूजनीय सिद्ध होता है। कुत्स वंश के आद्य पुरूष महर्षि अंगिरा थे। जिनका वेदों पुराणों में सर्वाधिक वर्णन है। अंगिरा और भृगु आद्य अग्नि उत्पादक यज्ञ प्रवर्तक थे, तथा अग्निदेव (प्रमथो) के साथ समस्त विश्व में पर्यटन कर जंगली प्रजाओं को अग्नि का प्रयोग बताकर उन्हें सभ्यता के पथ में आगे बढ़ाने का इनने प्रयास किया था।
कुत्स महर्षि - आंगिरसों के कुल में उत्पन्न हुए थे। कुत्स का समय (6103 वि0पू0) है, तथा इनका मथुरा में आश्रम कुत्स सुपार्श्व श्रंग (कुत्स पाइसा या अपभ्रंश में कुत्ता पाइसा) कहा जाता है। कुत्स आचार शिथिल लोगों की कठोर शब्दों में भर्त्सना (कुत्सा) करते थे।, जो उनकी धर्म दृढ़ता और सावधान मनस्थिति का द्योतक था। इसी से आतंकित होकर प्रताड़ित जन उनके नाम को कुत्स कसे कुत्ता बनाने लगे। महर्षि कुत्स का एक और आश्रम गुजरात में भी था जिसे कुत्सारण्य की जगह ऐसे ही लोग 'कुतियाना गाँव' कहने लगे। कुत्स बड़े स्वरूप वान थे एक बार इन्द्र के महल में सजधज कर जाने पर इन्द्रानी इन्दे पहिचान न सकी क्योंकि ये वज्र धारथ कर इन्द्र के साथ संग्रामों में जाते थे। इन्द्र से इनकी ऐसी मित्रता थी कि एक बार सूर्य देव से इनका विरोध होने पर इन्द्र ने सूर्य के रथ का एक पहिया निकाल लिया तथा दूसरा भी निकाल कर इन्हें दे दिया 2। एक बार घर आने पर कहना न मानकर घर जाने को तैयार इन्द्र को इनने रस्सियों से बाँध लिया।3।। इनके वंशधर कौत्स ने अयोध्या सम्राट रघु (4181 वि0पू0) से अपने गुरु विश्वामित्र के शिष्य बरतन्तु (तेतूरा गाँव मथुरा) को गुरुदक्षिणा देने को 14 करोड़ स्वर्ण मुद्रा माँगी। रघु उस समय महान विश्वजित यज्ञ में सारा कोष दान कर चुके थे। कोषगारपति की सूचना से उद्विन्न हो रघु न कुवेर पर चढ़ाई करने का निश्चय किया। सायंकाल रथ आयुधों से सजवाया, प्रात: ही चढ़ाई करने वाले थे, तभी रात्रि में कुबेर ने स्वर्ण वृष्टि कर राज्य का पूरा कोष स्वर्ग से भर गया है। रघु ने हर्षित होकर कौत्स मुनि से सम्पूर्ण कोष का सुवर्ण ले जाने की प्रार्थना की परन्तु कौत्स ने कहा- "राजन् मैं 14 कोटि से एक कौड़ी भी ज़्यादा नहीं लूंगा। इतना ही तों मुझे गुरुदक्षिणा में देना है" राजा चंकित रह गया और आज्ञानुसार द्रव्य बरतन्तु मुनि के आश्रम में ऊँटों-गाड़ी , बैलों से पहुँचाया। माथुरों का 6000 वर्ष पूर्व असाधारण त्याग का वह एक सर्व पुरातन महान प्रमाण है।
कौत्स मान्धाता के गुरु थे। इनको भगीरथ ने अपनी कन्या दी थी ये बेद मंत्र कर्ता बड़े परिवार के स्वामी थे अत: इनके परिवार के 70 ऋषियों के नाम ऋग्वेद मण्डल में मंडल 1 3,5,810 में उपलब्ध है। इनके पुत्र अंगिरा के अग्नि, इन्द्र, विश्वेदेव, अश्विनौ, उषा , सूर्य रूद्र, रात्रि, सोम, भृगुगण आदि की स्तुति के मन्त्र ऋग्वेद मंडल 1 में है। इससे इनका इन सभी वैदिक देवों से प्रत्यक्ष सम्बन्ध अनेक यज्ञों में उपस्थित होना तथा इन देवों से इन्हें प्रभूत दक्षिणा गो, स्वर्ण मिलने का संकेत मिलता है। कुत्स के 12 शिष्यों के मन्त्र ऋग् 5-31 में हैं। वेद वर्णन से ज्ञात होता है कि दस्युभज इनके इन्द्रादि द्वारा सम्मान से कुपित थे, अत: इनके परम मित्र इन्द्र ने इनकी रक्षा के लिये शुष्ण (सुसनेर) कुयव (जावरा) (सापर बड़ौद) वासी दस्युओं को मारकर उनके दुर्ग ध्वस्त किये थे। शत्रुओं द्वारा कूप में डाले गये इनका इन्द्र ने उद्धार किया 3। इन्द्र ने प्रसन्न होकर कुत्स को वेतसु (तस्सोखर) तुग्र (ताल गाँव) , मधैम (दियानौ मथुरा) नाम के क्षेत्र अर्पण किये थे।
आंगिरस - आंगिरस वंश से इनकी परम्परा निरन्तर चलती है। इनका समय 9400 वि0पू0 चलता है। इनका आश्रम मथुरा में अम्बरीष टीले के सामने स्यायंभूमनु के सरस्वती तटवर्ती विन्दुसरोवर के यमुना तट समीप है जिसे प्राचीन बाराह पुराण के मथुरा महात्म में "आंगिरस तीर्थ लिखा है। प्राचीन ऋषियों में आंगिरसों का महत्व सर्वाधिक है। ये इतने गौरवशाली थे कि सवय नामक इन्द्र स्वयं आकर इन्हें पिता बनाकर इनका पुत्र बनकर इनके घर में रहा था। "अभूदिन्द्र: स्वयं तस्यं तनय: सव्य नामक:। अंगिरावंश वेदों के स्तोत्र पढ़ने में अद्वितीय परिगत थे। इनके स्तोत्र द्वारस्तंभों की तरह स्थिरता युक्त और अचल है। इन्द्र ने अंगिराओं ने (इंगलैड के ब्रात्य ब्रिटिशों के शिक्षकों के ) साथ पणियों (फिनशियनों) द्वारा चुराई गायें (पिनियन पर्वत) पर पायीं। इन्द्र से यह प्रार्थना भी की गयी है। कि - 'हे सर्वशक्तिशाली देव जिन्होंने नौमहीना (नवम्बर) में यज्ञ समाप्त किया है तथा दस महीना (दिसम्बर) में यज्ञ की पूर्ति की हैं, ऐसे सप्त संख्याओं वाले सद्गति पात्र महा मेधावी के सुखकर स्तोत्रों से तुम स्तुत किये गये हो । अंगिराओं ने मन्त्रों द्वारा अग्निदेव (माथुर देव) की स्तुति करके महावली और दृढ अंगों वाले (पानीपत वासी) पणि असुर को मन्त्र वल से नष्ट कर दिया था तथा हम अन्य ऋषियों के लिये द्युलोक (ब्रहमण्डल द्यौसरेस द्यौतानौ) देव क्षेत्र का मार्ग खोल दिया था। अंगिरसों ने इन्द्र के लिये अन्न अर्पित कर, अग्नि ज्वालाओं द्वारा इन्द्र का पूजन और हविदान कर यज्ञ कर्म के प्रधान पुरूषों के रूप अशव गौ तथा बहुत सा द्रव्य प्राप्त किया। अंगिरावंशी अंगिरसों ने मथुरा के भांडीरबन में "आंगिरससत्र" किया जिसमें विष्णु से कल्याण कामना का संकल्प था। इसी सत्र में श्रीकृष्ण बल राम ने अपने सखा भेज कर यज्ञान्न (मधुयुवत पुरोडाश) की याचना की और यज्ञ पत्नियों द्वारा सत्कृत और पूर्ण तृप्त होकर माथुरों की कर्म श्रेष्ठता का बंदन करते हुए इन्हें सदैव घृत पूर्णित और उत्तम भोजनों से सर्वत्र सब युगो में आदरित होने का वरदान दिया।
माथुर ब्राह्मणों के उच्चतिउच्च सदाचार और ज्ञान गौरव के आगे नत मस्तक होकर देवकीनन्दन श्रीकृष्ण ने आंगिरस प्रवरी घोर अंगिरस महर्षि से उपनिषदों का अध्ययन करके दुर्लभ ब्रह्मा विद्या भी प्राप्ति की जिसका उपयोग उन्होंने "श्री मद् भागवद गीता" में करके विश्व को सर्वोच्च दार्शसिक तत्व चिंतन के पथ पर चलने का दर्शन शास्त्र दिया। आंगिरसों की वैदिक वाणी से उत्पन्न आसुरी वैकृत भाषायें ग्रीस देश की ग्रीक, इगलेंड की आंगिरसी इंगलिश तथा अंगोला की महाबृषो "हवशियों" की भाषा अंगोलियन हैं , जो आंगिरसी शिक्षा के लिये कभी समर्पित थीं। आंगिरसों ने धर्म शास्त्र ग्रन्थ समृतियों का भी प्रवर्तन किया है। आंगिरा ने मथुरा के चित्रकेतु राजा वि0पू0 9332 के मृत पुत्र को जीवितकर ज्ञानोपदेश कराया । आंगरिसों ने स्वर्ग जाने में आदित्यों से स्पर्धा की तब आदित्य पहिले स्वर्ग पहुंच गय आंगिरा 60 वर्ष यज्ञ करने के बाद स्वर्ग पहंचे। आंगिरस पहिले ब्राह्मण थे जिनने सर्व प्रथम वाणी (भाषा) और छंद रचना ज्ञान देवों से प्राप्त दिया। आंगिरसों के परिवारों में गौत्र प्रवर्तक ऋषियों के नाम इस प्रकार हैं-बृहस्पति भारद्वाज , आश्वलायन, गालव, पैल, कात्यायन, वामदेव, मुद्गल , मार्कड, तैतरेय, शौंग, (शुंग) , पतंजल्लि, दीर्घतमा, शुक्ल, मांधाता , यौवनाश्व , अंवरीष आदि ।
यौवनाश्व प्रवर – कुत्स गोत्र का यौवनाश्व प्रवर युवनाश्व पुत्र चक्रवर्ती सम्राट मांधाता के आत्म समर्पण का द्योतक है। मान्धाता यौवनाश्व का समय 5576 वि0पू0 है। भागवत के कथन से यौवनाश्व मांधाता पुत्र अंवरीष का पुत्र था जो अंगिराओं के शिष्यत्व से क्षातियोपेत ब्राह्मण बने। मांधाता यौवनाश्व चक्रवर्ती सूर्यवंशी सम्राट था और इसका साम्राज्य पश्चिम समुद्र तट कच्छ करांची (दांता राज्य) से पूर्व में जापान द्वीप तक था जो सूर्य उदय और सूर्य अस्त का क्षेत्र था। मथुरा के नमक व्यापार पर एकाधिकार के लिये लवणासुर ने इसका राज्य छीन लिया। यह मथुरा माथुर ब्राह्मणों और माथुरों के आराध्य वाराह देव का परम भक्त था तथा वाराह देव की पूजा इसने सारे भारत वर्ष में फैलायी थी। भरना मथुरा के क्षेत्र वासी महर्षि सौभरि से इसने श्री यमुना महारानी का पंचाग उपासना मार्ग ग्रहण किया और उन्हें अपनी 50 कन्यायें देकर उनका राजवैभव विस्तृत किया। ऋग्वेद में इनका मन्त्र 10-134 पर है।
कुत्स गोत्र का वेद ऋग्वेद शाखा आशवलायनी तथा कुल देवी महाविद्या जी है। कुत्स गोत्र के आस्पद भी बहुत महत्व पूर्ण हैं जो अपनी प्रमाणिक श्रेष्ठता के विस्तार को प्रतिपादित करते हैं।
1. मिहारी - ये सबसे अधिक ज्ञानी गुणी लोक सम्मानित और समाज के सरदार शीर्ष वर्ग में से हैं। यही एक ऐसा वर्ग है जो अपने महा महिमा मंडित आद्य पूर्वज श्री ज्ञान तपो मूर्ति उद्धवाचार्य देव के गुणों का गर्व करता हुआ एक ही उनके 200 से भी अधिक परिवारों में माथुर पुरी के प्रधान केन्द्र स्थान मिहार पुरा में अवस्थित हैं प्रलय में भी नष्ट न होने वाले ब्रज द्युलोक महालोक (महजन तप) महारानौ महरौली के आद्यक्षेत्र से वाराह यज्ञ में उतर कर मथुरापुरी में आकर पूजित होकर स्थापित हुए। नन्द जशोदा तथा ब्रज के गो संस्कृति के अधिष्ठाता गोपों घोषपालों देवों के गोष्ठ रक्षकजनों को नंद मैहैर, मैहेर जसोध, मैहर गोपेशनंद आदि अपने शिष्यतत्व पद देकर तथा प्रख्यात ज्योतिर्बिद विक्रम के नवरत्न शिरोमणि बाराह मिहिर को भी बाद की प्रतिष्ठा से प्ररित किया। महलोंक के ये महामहर्षि प्रजापति दक्ष के पड़ौस में बसकर भी अपना कोई पाइसा न बनाकर दक्ष के कोप से मुक्त तथा दक्ष की प्रतिष्ठा युक्त मेत्री से विभूषित रहे। इन्होने गोप प्रजाओं को सादा पौष्टिक आहार महेरी खाने की सरल "सादाजीवन उच्च विचार मयी" पद्धति देकर सहज स्वाभिमानी बनाया। कहते हैं नंदराय गोपपति ने इन्हीं की सेवा कर आशीर्वाद साधना से पूर्ण पुरूषोत्तम श्री कृष्ण और धीर गंभीर लोक नमरकृत श्री बलराम देव जैसे पुत्र प्राप्त किये थे प्रमाण रूप पुरातन "कंस मेला" में दौनों भाई कंस विजय कर इनकहीं की गोद में विराजते विश्राम आरती अंगीकार करते हैं । इनके पुर के समीप वेश्रवण कुवेर का पुर (सरवन पुरा) है तथा रत्न सरोवर तथा स्वर्ण कलशधारी रत्नेश्वर शिव का देवस्थान है। जिसे "सोने का कलसा" वाला देव अभी भी कहा जाता है।
2. शांडिल्य- ये नंद गोपकुल के पुरोहित थे। इनका शाँडिल्य भक्तिसूत्र नारद भक्तिसूत्र के बाद भक्ति सम्प्रदाय का मान्य ग्रन्थ है। श्रीकृष्ण बलराम की रक्षा हेतु सदा प्रयत्नशील रहते थे। इनका वंश प्राचीन है। कर्मपुराण के अनुसार थे असित (देवल) के पुत्र 5014 वि0पू0 में विद्यमान थे। महाभारत से इनकी संशगत उपस्थिति 4814 वि0पू0 में विद्यमान थे । महाभारत से इनकी वंशगत उपस्थिति 4814 वि0पू0 में भी थी। कृष्णकाल में इनका समय 3107 वि0पू0 है। इनका धर्मशास्त्र 'सांडिल्य स्मृति' हैं।
3. अकोर - यह अल्ल प्राय: विलुप्त है। मथुरा के समीप अर्कस्थ अकोस गांव में ये रहते थे। जो अर्क सूर्य का स्थल प्राचीन मथुरा के पंच स्थलों में से था।
4. धोरमई - ये मथुरा के निकट ध्रुवपुरी घौरैरा के वासी थे। धोरवई ध्रुव का अटल पद (अटल्ला चौकी) वर्तमान ब्रन्दावन के निकट है। धुरवा, धुरैरा (रज के ) धुर्रा , धुरपद, गाढी का धुरा, धुरंथर, ध्रुव काल के माथुरी भाषा के शब्द हैं।
5. गुनारे - मथुरा के मधुवन के समीप फाल्गुनतीर्थ पालीखेड़ा तथा फालैन में इनका निवास था। ब्रज के फाल्गुनी यज्ञ (होली) के महीना में ही अर्जुन का जन्म होने पर इन्होंने फाल्गुनी बालक के जन्म का महोत्सव किया था। गुना क्षेत्र ग्वालियर गोपाचल में भी हैं। इनका समय 3110 वि0पू0 के लगभग है।
6. खलहरे - ये यज्ञ कर्म में ब्रीहि यव धान्य उलूखलों मे कूटकर यज्ञहवि प्रस्तुत करते थे। ऐसे उलूखलनंदराय के भी गोकुल में थे जिनमें से एक ऊखल से श्री कृष्ण को माता यशोदा ने बाँधा था तभी से उनका नाम दामोदर पड़ा । महावन में ऊखल बंधन का स्थान अभी है। यहीं यमलार्जुन तीर्थ भी है।
7. मारोठिया - 49 मरूतगणों का प्रदेश मरूधन्व (मारवाड़) प्रसिद्ध है। मरूतों की पुरी मारौठ तथा मरूदगण वंशी (आंधी तूफान के देवता) मारौठिया, मराठा, राठौर प्रसिद्ध हैं ये दक्ष यज्ञ के समय अपने मरूत क्षेत्र (मारू गली) में दक्ष और देव पक्ष की रक्षा हेतु वीरभद्र की भूतसेना से लड़े थे। मारूगली में भी मारू राजा का महल मारू देवता, मारूगण, तीरभद्र वीर प्रतिमां अभी मथुरा में है।
8. सनौरे - ये 12 अदित्यों में पूषन सूर्य के वंशधर हैं। उशीनर देश के राजा शिवि महादानी के ये पुरोहित थे। ब्रज में अपने क्षेत्र चौमां में ये सन (पटसन फुलसन अलसी) कुटवा कर ऋषियां और ब्रह्मचारियों के लिये क्षौममेखला और क्षौमपट कारीगरों से बनवाकर प्रस्तुत करते थे।
9. सौनियां - ये ब्रजसीमा सोनहद के वासी थे। गंधारी शकुनी को शकुन शाऊत्र सगुनौती विद्या सिखाने से तथा सगुन चिरैया द्वारा प्रश्नोत्तर देने से "शाकुने तु बृहस्पति" के प्रमाण से अंगिराओं की विद्या के आचार्य थे सगुनियों से सौनियां नाम पाया । ये मीठों में ही हैं।
10. सद्द - ये सद्द देवों की देवसद या ऋषियों की धर्म परिषद के धर्म निर्णायक सदस्य 'सद्द' हैं। इनकी परिषद् परम्परा मौर्य गुप्तकाल तक स्थापित थी सद्दू पांड़े की वैठक श्री नाथ जी के समय की जतीपुरा में है। वर्हिषद प्रियब्रत वंशी सम्राट की पुरी वहेड़ी उत्तर पाँचाल में अभी वर्तमान है। यहीं प्रियब्रत पुरी पीलीभीत तथा हविर्धान की हविर्धानी ह���्द्वानी है इनका ही अपभ्रंश नाम सद्द है।
11. कुसकिया - ये विश्वामित्र के दादा कुशिक के पुर कुशकगली मथुरा के प्राचीन निवासी हैं। ये मीठों में है। कुशिकापुर के लोग पीछे मुसलिम बना लिये गये तथा कुशिकपुर ��र मसजिद बना कर कब्जा कर लिया गया। कुशिक के पुत्र गाधि का गाधीपुरा (नया गोकुल के निकट) तथा विश्वामित्र तीर्थ स्वामीघाट मथुरा ही में हैं।
12. सिरोहिया - ये सिरोही राज्य में जाकर आश्रय पाने से सिरोहिया कहे गये। ये भी मीठे वर्ग में हैं। किसी समय सिरोही की तलवारें बहुत नामी होती थीं। असुर असिलोमा के अश्वारोही सैनिक दल की यह प्राचीन पुरी थी।
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asr24news · 4 days
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प्रतापगढ़ के दबंगों ने प्रयागराज में बिजली ठेकेदार को पीटा, दी जान से मारने की धमकी
प्रयागराज, 17 सितंबर 2024। प्रयागराज के मेडिकल चौराहा स्थित बिजली विभाग के कार्यालय से बाहर निकलते ही एक बिजली ठेकेदार पर जानलेवा हमला हो गया। हमलावरों ने ठेकेदार को लात-घूंसों से मारकर लहूलुहान कर दिया और धमकी दी कि अगर वह प्रतापगढ़ में काम करने गया तो उसे जान से मार दिया जाएगा। घटना के अनुसार, वाराणसी के तरना शिवपुर निवासी सरोज कुमार सुमन ने बताया कि 13 सितंबर की शाम साढ़े सात बजे जब वह बिजली…
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jannetranews · 7 days
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पंचकूला में दिन-दहाड़े चेन स्नेचिंग,घर में घुसकर छीनी महिला की चेन - देखें वीडियो
पंचकूला में दिन-दहाड़े एक महिला की सोने की चेन छीनने की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। यह घटना 13 सितंबर की दोपहर करीब 12 बजे सेक्टर 14 के एक घर में घटी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, सेक्टर 17 निवासी मीनाक्षी गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अपने बेटे को सेक्टर 16 से लेकर घर लौट रही थीं। घर पहुंचने पर उन्होंने अपनी…
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6nikhilum6 · 8 days
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Assault at Joshi Vadawale: Pregnant Woman and Family Attacked Over Salt Complaint
प्रसिद्ध जोशी वडेवालेच्या कर्मचाऱ्यांची गुंडगिरी, वड्यात मीठ जास्त विचारले म्हणून गर्भवती महिलेला आणि तिच्या पतीला मारहाण, रायगड जिल्ह्यातल्या माणगाव येथील घटना pic.twitter.com/jqgxgY2h0u — News18Lokmat (@News18lokmat) September 13, 2024 Ankit managed to record the attack on video, which shows the staff not only hitting the victims but also damaging their gold jewelry. The video also captures the…
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navinsamachar · 8 days
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सुनियोजित ढंग से की गई युवा व्यवसायी मनीष नेगी की हत्या! चाचा ने लगाए सनसनीखेज आरोप...
-मृतक के चाचा ने राजस्व पुलिस को तहरीर सौंप लगाया आरोप-सोची समझी साजिश के तहत घटना को दिया गया अंजाम (Young businessman Manish Negi Planned Murdered)-गंभीर रूप से घायल कर दिया गया दुर्घटना का रूप, मामले की निष्पक्ष जांच कर उठाई कार्रवाई की मांग, राजस्व पुलिस ने दर्ज किया अभियोग, जांच शुरू नवीन समाचार, नैनीताल, 13 सितंबर 2024। खैरना-रानीखेत राज्य मार्ग पर पातली बाजार के 23 वर्षीय युवा व्यवसायी…
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airnews-arngbad · 8 days
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar
Date – 13 September 2024
Time 18.10 to 18.20
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक – १३ सप्टेंबर २०२४ सायंकाळी ६.१०
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सणासुदीच्या काळात खाद्यपदार्थांचं उत्पादन आणि विक्रीवर लक्ष ठेवण्याचे अन्न सुरक्षा आणि मानक प्राधिकरणाचे सर्व राज्यं आणि केंद्रशासित प्रदेशांना निर्देश.
मागेल त्याला सौर कृषिपंप योजनेत शेतकरी नोंदणीसाठीच्या संकेतस्थळाचं लोकार्पण.
राज्यातल्या ४३४ आयटीआयमध्ये उभारलेल्या संविधान मंदिराचं परवा उपराष्ट्रपतींच्या हस्ते उद्‌घाटन.
आणि
संविधानाबाबत आक्षेपार्ह वक्तव्य प्रकरणी लोकसभेतले विरोधी पक्षनेते राहुल गांधी यांच्याविरोधात भाजपचं राज्यव्यापी आंदोलन.
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सणासुदीच्या काळात खाद्यपदार्थांचं उत्पादन आणि विक्रीवर लक्ष ठेवण्याचे निर्देश भारतीय अन्न सुरक्षा आणि मानक प्राधिकरणानं सर्व राज्यं आणि केंद्रशासित प्रदेशांना दिले आहेत. या काळात मिठाई आणि दुग्धजन्य पदार्थांच्या मागणीत वाढ होत असल्यानं, या पदार्थांमध्ये भेसळ होण्याची शक्यता असते. अशा भेसळीला प्रतिबंध घालण्यासाठी विशेष देखरेख आणि अंमलबजावणी मोहीमा राबवण्याचे निर्देश प्राधिकरणानं दिले आहेत. ज्या बाजारपेठांमध्ये भेसळीच्या घटना घडण्याची शक्यता आहे, तिथे फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स- अर्थात फिरती पथकं तैनात करावीत, ज्यामुळे अन्न सुरक्षा नियमांचे पालन होईल आणि ग्राहकांना सुरक्षित खाद्यपदार्थ मिळू शकतील, असं अन्न सुरक्षा आणि मानक प्राधिकरणानं याबाबतच्या पत्रात म्हटलं आहे.
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उद्या हिंदी राजभाषा दिनानिमित्त नवी दिल्ली इथं राजभाषा विभागातर्फे हिंदी राजभाषा घोषित झाल्याच्या ७५व्या वर्षानिमित्त राजभाषा हीरक महोत्सवी समारंभाचं आयोजन करण्यात आलं आहे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यांच्या हस्ते या संमारंभाचं उद्घाटन होईल. यानिमित्त आयोजित चौथ्या अखिल भारतीय राजभाषा परिषदेला गृहमंत्री संबोधित करणार आहेत. भारती पत्रिकेच्या हीरक महोत्सवी विशेषांकाचे प्रकाशन आणि राजभाषा गौरव आणि राजभाषा कीर्ती पुरस्कारांचं वितरणही यावेळी शाह यांच्या हस्ते होणार आहे.
उद्या हिंदी राजभाषादिनानिमित्त केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा यांचं देशाला संबोधन प्रसारित होणार आहे. त्यामुळे उद्या सकाळी आमच्या केंद्रावरून प्रसारित होणारं, प्रादेशिक बातमीपत्रं सकाळी सात वाजून दहा मिनिटांऐवजी सकाळी सहा वाजून ४० मिनिटांनी प्रसारित होईल.
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दिल्लीचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यांना मद्य धोरण घोटाळ्याप्रकरणी केंद्रीय गुन्हे अन्वेषण सीबीआयनं दाखल केलेल्या गुन्ह्यात सर्वोच्च न्यायालयानं जामीन मंजूर केला आहे. या प्रकरणी केजरीवाल यांना कोणतेही सार्वजनिक वक्तव्य करता येणार नाही तसंच कार्यालयात जाऊन कोणत्याही सरकारी कागदपत्रांवर स्वाक्षरी करता येणार नाही या अटींवर जामीन मंजूर करण्यात आल्याचं न्यायालयानं दिलेल्या आदेशात म्हटलं आहे.
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सिंधुदुर्ग जिल्हयात राजकोट पुतळा दुर्घटना प्रकरणी गुन्हा दाखल असलेला संशयित जयदीप आपटे याला २४ सप्टेंबर पर्यंत न्यायालयीन कोठडी सुनावण्यात आली आहे. त्याच्या पोलिस कोठडीची मुदत आज संपल्याने आज मालवण न्यायालयात हजर केलं असता, न्यायालयानं त्याची न्यायालयीन कोठडीत रवानगी केली. या प्रकरणातला दुसरा संशयित आरोपी चेतन पाटील याला यापूर्वीच न्यायालयीन कोठडी सुनावण्यात आलेली आहे.
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मागेल त्याला सौर कृषिपंप योजनेत शेतकऱ्यांच्या नोंदणीसाठी महावितरणने तयार केलेल्या संकेतस्थळाचं लोकार्पण आज उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या हस्ते मुंबईत झालं. आगामी काळात सौर कृषिपंपाच्या यंत्रणेतून निर्माण झालेली अतिरिक्त वीज विकून शेतकऱ्याला उत्पन्न मिळण्यासाठी योजना लागू करण्यात येईल, असं फडणवीस यांनी यावेळी नमूद केलं. योजनेची माहिती देणाऱ्या पुस्तिकेचं आणि भित्तीपत्रकाचं प्रकाशनही फडणवीस यांच्या हस्ते यावेळी झालं. काही लाभार्थी शेतकऱ्यांशी फडणवीस यांनी दूरदृश्य प्रणालीच्या माध्यमातून संवाद साधला. या योजनेत गेल्या सहा महिन्यात दोन लाख शेतकऱ्यांची निवड झाली असून त्यापैकी ४५ हजार शेतकऱ्यांच्या शेतात सौर कृषिपंप बसवण्यात आल्याची माहिती त्यांनी यावेळी दिली.
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डब्बेवाला आणि चर्मकार बांधवांसाठी मुंबईत परवडणाऱ्या दरात घरांची निर्मिती केली जाणार आहे. पंतप्रधान आवास योजनेतून बारा हजार घरे बांधली जाणार असून म्हाडाच्या माध्यमातून मंजूर केली जाणार आहेत. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या उपस्थितीत आज सह्याद्री अतिथीगृहात मुंबई डब्बेवाला, चर्मकार संघटना आणि प्रियंका होम्स रियल्टी यांच्यात यासाठीचा सामंजस्य करार करण्यात आला.
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धाराशिव जिल्ह्यात परांडा इथं उद्या मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेअंतर्गत मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण अभियान कार्यक्रमाचं आयोजन करण्यात आलं आहे. या कार्यक्रमाचं उद्घाटन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या हस्ते होणार आहे. मुख्यमंत्री लाडकी बहीण योजनेतील लाभार्थी महिलांनी यावेळी उपस्थित राहण्याचं आवाहन जिल्ह्याचे पालकमंत्री डॉ तानाजी सावंत यांनी केलं आहे.
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राज्यातल्या ४३४ शासकीय प्रशिक्षण संस्थेमध्ये संविधान मंदिराची उभारणी करण्यात आली आहे. उपराष्ट्रपती जगदीप धनखड यांच्या हस्ते दूरदृष्य संवाद यंत्रणेच्या माध्यमातून परवा १५ सप्टेंबरला उद्घाटन करण्यात येणार आहे. १२ ते १५ तारखेदरम्यान संविधान महोत्सव साजरा करण्यात येत आहे. त्याअनुषंगाने नांदेड, परभणी सह विविध ठिकाणच्या शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थेत नाविन्यपूर्ण उपक्रम राबवून संविधानावर आधारित विविध कार्यक्रमाचं आयोजन करण्यात आलं आहे.
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मराठवाडा मुक्तीसंग्राम दिनानिमित्त छत्रपती संभाजीनगर इथल्या सिद्धार्थ उद्यानात १५ ते १७ सप्टेंबर दरम्यान दुर्मिळ छायाचित्र प्रदर्शनाचं आयोजन करण्यात आलं आहे. केंद्रीय माहिती आणि प्रसारण मंत्रालयाच्या छत्रपती संभाजीनगर इथल्या केंद्रीय संचार ब्युरो यांच्यावतीनं आयोजित करण्यात आलेल्या या प्रदर्शनाला नागरिकांनी भेट द्यावी, असं आवाहन क्षेत्रिय प्रचार अधिकारी माधव जायभाये यांनी केलं आहे.
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काँग्रेस नेते तथा लोकसभेतले विरोधी पक्षनेते राहुल गांधी यांनी संविधानाबाबत केलेल्या कथित आक्षेपार्ह वक्तव्याविरोधात भारतीय जनता पक्षातर्फे आज राज्यव्यापी आंदोलन करण्यात आलं. भाजपच्या राष्ट्रीय सचिव आमदार पंकजा मुंडे आणि आमदार आशिष शेलार यांच्या नेतृत्वात मुंबईत निदर्शनं तर आमदार प्रविण दरेकर यांच्या नेतृत्वात चेंबूर इथं मूक आंदोलन करण्यात आलं. अकोल्यात भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुळे यांच्या नेतृत्वात आंदोलन करण्यात आलं.
छत्रपती संभाजीनगर शहरात क्रांतीचौक इथं राज्याचे गृहनिर्माण मंत्री अतुल सावे यांच्या नेतृत्वाखाली निदर्शनं करण्यात आली. यावेळी पक्षाचे पदाधिकारी आणि कार्यकर्त्यांनी मोठ्या संख्येनं आंदोलनात सहभागी होत राहुल गांधी यांच्या विरोधात घोषणा दिल्या.
हिंगोली इथं आमदार तानाजी मुटकुळे यांच्या नेतृत्वात राहुल गांधी यांच्या विरोधात घोषणा देत आंदोलन करण्यात आलं.
जालना इथं भास्कर दानवे यांच्या नेतृत्त्वात डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या पुतळ्यासमोर आंदोलन करण्यात आलं. या आंदोलनात पदाधिकारी आणि कार्यकर्त्यांनी मोठ्या संख्येनं सहभागी होत गांधी यांच्या वक्तव्याचा निषेध केला.
राज्यात जळगाव, धुळे, नंदुरबार, पालघर यासह अनेक ठिकाणी राहुल गांधी यांच्याविरोधात आज आंदोलन करण्यात आलं.
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छत्रपती संभाजीनगर इथल्या राष्ट्रीय विधी विद्यापीठाचा तिसरा पदवी प्रदान सोहळा येत्या सोमवारी विद्यापीठाच्या परिसरात पार पडणार आहे. विद्यापीठाचे कुलसचिव प्रा. डॉ. धनाजी जाधव, कुलगुरु प्रा. ए. लक्ष्मीकांत यांनी ही माहिती दिली.
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२०२५ या वर्षासाठीच्या शासनातर्फे दिल्या जाणाऱ्या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कारासाठी ऑनलाइन अर्ज मागवण्यात आले आहे. छत्रपती संभाजीनगर जिल्हा महिला आणि बाल विकास अधिकारी आर.एन चिमंद्रे यांनी ही माहिती दिली. ५ ते १८ वर्षे वयोगटातल्या शिक्षण, कला, सांस्कृतिक कार्य, खेळ नाविन्यपूर्ण शोध, सामाजिक कार्य आणि शौर्य अशा क्षेत्रात विशेष कामगिरी करणाऱ्या मुलांनी awards.gov.in या संकेतस्थळावर १५ सप्टेंबर पर्यंत अर्ज करण्याचं आवाहन करण्यात आलं आहे.
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नांदेड जिल्ह्यात “एक पेड मां के नाम” या अभियानांतर्गत मंगळवारी एक दिवसीय विशेष वृक्ष लागवड कार्यक्रम आयोजित करण्यात आला आहे. या अभियानांतर्गत राज्यात मार्च २०२५ पर्यंत ४ कोटी ३० लाख झाडे लावण्याचे उद्दीष्ट आहे.
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लातूर इथं उद्या आणि परवा संसर्गजन्य आजारावरील परिषदेचं आयोजन करण्यात आलं आहे. मराठवाडा पातळीवर होणाऱ्या या परिषदेचं आयोजन विलासराव देशमुख वैद्यकीय महाविद्यालय आणि विवेकानंद हॉस्पिटल यांच्या संयुक्त विद्यमाने करण्यात आलं आहे. मराठवाड्यासह सोलापूर, गुलबर्गा आदी भागातील तज्ज्ञ डॉक्टर यात सहभागी होणार आहेत.
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थकीत बिलामुळे कायमस्वरूपी वीजपुरवठा खंडित झालेल्या महावितरणच्या घरगुती, व्यावसायिक आणि औद्योगिक ग्राहकांसाठी महावितरण अभय योजना सुरू करण्यात आली आहे. या योजनेत छत्रपती संभाजीनगर परिमंडलातील ३१८ वीजग्राहकांनी सहभागी होण्यासाठी अर्ज केला आहे. त्यापैकी २२४ ग्राहकांनी ८७ लाख ८५ हजार रुपयांची मुद्दल एकरकमी भरून व्याज आणि विलंब माफीचा फायदा घेतला आहे. तर २० ग्राहकांनी हफ्त्याने रक्कम भरण्याचा पर्याय निवडला आहे.
दरम्यान, छत्रपती संभाजीनगर तालुक्यात वडगाव कोल्हाटी आणि तीसगाव इथं वीजचोरी प्रकरणी १७ जणांवर गुन्हे दाखल करण्यात आले आहेत.
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जालना इथल्या जिल्हा क्रीडा संकुलाच्या मैदानावर सुरू असलेल्या विविध विकास कामांची जिल्हाधिकारी डॉ. श्रीकृष्ण पांचाळ यांनी आज पाहणी केली.
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rightnewshindi · 14 days
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शिक्षक ने 11वीं की छात्र को जबरन सीकर ले जाकर कई बार बनाया हवस का शिकार, अदालत ने सुनाई 20 साल जेल की सजा
शिक्षक ने 11वीं की छात्र को जबरन सीकर ले जाकर कई बार बनाया हवस का शिकार, अदालत ने सुनाई 20 साल जेल की सजा #news #viral #trending #update #newspaper #breakingnews #currentaffairs #dailynews #newsletter #newspapers #newsupdate #People #Media #info
Rajasthan News: जयपुर जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उससे कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त महादेव प्रसाद को 20 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने 29 वर्षीय इस अभियुक्त पर 1.75 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जानें क्या है पूरा मामला ? अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर पीड़िता के पिता ने 13 अप्रैल, 2022…
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sharpbharat · 14 days
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Jamshedpur attack on adivasi mother daughter : कदमा में आजसू नेता मुन्ना सिंह ने आदिवासी महिला और बेटी को बेरहमी से पीटा, देखिये - video, आरोपी मुन्ना सिंह ने कहा, देखिये - video
जमशेदपुर : जमशेदपुर के कदमा भाटिया बस्ती गोस्वामी पथ निवासी एक आदिवासी महिला और उसके नाबालिक बेटी के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है. इसको लेकर कदमा थाना में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. इसमें आरोपी आंसू नेता व मंगल अखाड़ा के संचालक मुन्ना सिंह उर्फ ब्रजेश सिंह है. महिला का नाम 35 वर्षीय शुभा सरदार और उसकी बेटी 13 साल की है. इस मारपीट की घटना का वीडियो वायरल हो गया है. इसमें साफ दिख रहा…
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dainiksamachar · 20 days
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तेलंगाना के भारी बारिश से 100 से अधिक गांव डूबे, 99 ट्रेनें रद्द, 1 शख्स की मौत, 3 पानी में बहे
हैदराबाद: तेलंगाना में हैदराबाद सहित राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश से हाल बेहाल है। बारिश की घटनाओं के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि तीन लोगों के पानी में बह जाने की आशंका जताई जा रही है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। हालात के मद्देजनर मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने मंत्रियों, अधिकारियों और निर्वाचित सदस्यों के साथ आपातकालीन समीक्षा की। महबूबाबाद और खम्मम जिलों में रविवार को बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में एक महिला की मौत हो गई और तीन अन्य के बह जाने की आशंका है। दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और कई स्थानों पर पटरियों पर जलभराव के कारण 99 ट्रेन रद्द कर दी गईं और चार ट्रेन आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं, जबकि 54 ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों से बात की और दोनों राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों आंध्र प्रदेश के एन चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के ए रेवंत रेड्डी को बारिश एवं बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया।जलमग्न क्षेत्रों में राहत कार्यों के बारे में जानकारी लीतेलंगाना में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए सीएम रेड्डी ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की और मंत्रियों से फोन पर बात करने के साथ जलमग्न क्षेत्रों में राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। वहीं केंद्रीय मंत्री बंडी संजय कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी को तेलंगाना के खम्मम में गंभीर स्थिति के बारे में सूचित किया और बताया कि जिले के 110 गांव जलमग्न हो गए हैं, नौ लोग प्रकाश नगर पहाड़ी पर फंसे हुए हैं। पलैर निर्वाचन क्षेत्र में अजमीरा थांडा पहाड़ी पर 68 लोग फंसे हैं और 42 अन्य लोग इमारतों में फंसे हुए हैं।एनडीआरएफ की तीन-तीन टीम तेलंगाना भेजी संजय कुमार ने बताया कि गृहमंत्री के आदेश के बाद चेन्नै, विशाखापट्टनम और असम से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तीन-तीन टीम तेलंगाना भेजी गई हैं। कुमार ने कहा कि उन्होंने बचाव प्रयासों में समन्वय के लिए एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की तथा तेलंगाना के राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी के साथ भी हालात और जारी बचाव कार्यों पर चर्चा की। उफनती नदी को पार करते समय कार बहीपुलिस ने बताया कि रविवार तड़के महबूबाबाद जिले के मारीपेडा मंडल में उफनती नदी को पार करते समय एक कार के बह जाने से उसमें अपने पिता के साथ सवार एक महिला की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि वाहन का पता लगा लिया गया है और महिला का शव बरामद कर लिया गया है। महिला के पिता का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटना में खम्मम जिले के कुसुमांची मंडल में एक घर की दीवार गिरने से परिवार के दो सदस्यों के बाढ़ के पानी में बह जाने की आशंका है और उन्हें ढूंढ़ने के प्रयास जारी हैं।बारिश का रेड अलर्ट जारीमौसम केंद्र ने रविवार को कहा कि रविवार दोपहर 13:00 बजे से दो सितंबर सुबह 8:30 बजे तक तेलंगाना के आदिलाबाद, निजामाबाद, राजन्ना सिरसिला, यादाद्री भुवनगिरी, विकाराबाद, संगारेड्डी, कामारेड्डी और महबूबनगर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना है। इस पूर्वानुमान के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। बाढ़ में फंस गईं पांच ट्रेनेंएससीआर अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लगातार बारिश के कारण काजीपेट से विजयवाड़ा खंड में बाढ़ आ गई है और दरारें पड़ गई हैं और पांच ट्रेन फंस गई हैं, जबकि अधिकारियों ने 15 ट्रेन को परिवर्तित मार्ग से चलाया है। महबूबाबाद जिले में केसमुद्रम के निकट रेल पटरी के नीचे की बजरी का एक हिस्सा बाढ़ के पानी में बह गया, जिससे ट्रेन सवार यात्री के समुद्रम रेलवे स्टेशन पर फंस गए। भारी बारिश के बाद कुछ जिलों में छोटी नदियां उफान पर हैं और बाढ़ के पानी के कारण गांवों के बीच सड़क संपर्क बाधित हो गया है। हैदराबाद के कई इलाकों में जलभरावहैदराबाद में रातभर बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया। तेलंगाना के कई हिस्सों में शनिवार को मध्यम से भारी बारिश हुई जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया और कुछ स्थानों पर गांवों के बीच सड़क संपर्क बाधित हो गया। मुख्यमंत्री ने एक वर्चुअल बैठक के दौरान शीर्ष अधिकारियों को अगले 24 घंटे तक सतर्क रहने को कहा है। रेड्डी ने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, राजस्व, सिंचाई और नगर निगम के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित बस्तियों का दौरा करने का आदेश दिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि महत्वपूर्ण विभागों के… http://dlvr.it/TCgMyX
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realtimesmedia · 20 days
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बलौदाबाजार हिंसा: कोर्ट में पेश हुआ 1325 और 1200 पन्नों का चालान, अब तक 183 आरोपी गिरफ्तार
बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में 10 जून को सतनामी समाज के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को कोर्ट में दो अहम चालान पेश किए। इस हिंसा में जिले के जिला संयुक्त कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय को जलाए जाने की घटना शामिल थी। पुलिस ने अब तक इस मामले में 1325 और 1200 पन्नों का विस्तृत चालान कोर्ट में पेश किया है। 13 करोड़ की क्षति, 13 FIR दर्ज हिंसा के बाद…
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sarvodayanews · 24 days
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बरेली में 2 नाबालिग ने 9वीं की छात्रा के साथ किया गैंग रेप, बदनामी के डर से किशोरी ने आत्मदाह कर दी जान
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asr24news · 8 days
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प्रतापगढ़ में दर्दनाक सड़क हादसा, पिता-पुत्र की मौत
प्रतापगढ़, 13 सितंबर 2024। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में 12 सितंबर की देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में बाइक सवार कन्हैया लाल यादव और उनके बेटे आशीष यादव की मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब दोनों गैस बेल्डिंग का काम निपटाकर घर लौट रहे थे। रास्ते में एक अज्ञात कार ने उनकी बाइक को कुचल दिया, जिससे पुत्र आशीष की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पिता कन्हैया लाल ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। इस घटना…
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इंसाफ की गुहार...31 साल की महिला डॉक्टर के लिए 295 हस्तियों का खुला पत्र; प्रशासन पर गंभीर सवाल
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या से पूरा देश स्तब्ध है। देशभर से इस जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठ रही है। अब देशभर की 295 प्रबुद्ध हस्तियों ने इस घटना को लेकर एक खुला खत लिखा है। इन हस्तियों में 20 सेवानिवृत्त न्यायाधीश, 110 पूर्व नौकरशाह जिनमें 13 राजदूत रह चुके हैं। इसके अलावा 165 सैन्य बलों के पूर्व अधिकारी शामिल हैं। इन सभी हस्तियों ने इंसाफ की गुहार (A Cry…
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6nikhilum6 · 11 days
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Pune : सोसायटीचा हिशोब मागितल्याने IT च्या संचालकावर बहिष्कार; पुण्यातील धक्कादायक घटना
एमपीसी न्यूज -सोसायटीचा हिशोब मागितल्यावरून सोसायटीच्या पदाधिकार्‍यांनी आयटी कंपनीच्या संचालकाला (Pune)वाळीत टाकले. तर तर एकाने पेटत्या दिव्यावर नारळ फोडला. त्यांची क्रूर चेष्टा केली. तसेच, त्यांच्या मुलीबरोबर सोसायटीत कोणीही खेळायला न जाऊ देता कुटुंबावर बहिष्कार टाकल्याचा प्रकार समोर आला आहे. चतु:श्रृंगी पोलिसांनी महाराष्ट्र सामाजिक बहिष्कृत लोकांचे सरंक्षण ३ अंतर्गत सोसायटीच्या 13…
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navinsamachar · 9 days
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कलयुगी भाई ने खुद से आधी से भी कम उम्र की चचेरी नाबालिग बहन को बनाया हवश का शिकार
नवीन समाचार, टिहरी गढ़वाल, 12 सितंबर 2024 (Brother raped Minor cousin sister of half age)। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जनपद के चम्बा थाना क्षेत्र में एक भाई द्वारा अपनी खुद से आधी से भी कम उम्र की 13 वर्षीय चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घटना की जानकारी चम्बा थाना क्षेत्रांतर्गत आने वाले एक गांव की महिला ने थाना चम्बा में लिखित शिकायत देकर दी। घटना 2 दिन पहले हुई (Brother raped…
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rightnewshindi · 1 month
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13 साल की बच्ची को चाकू दिखाकर किया गैंगरेप, 2 दिन बेहोश रही पीड़िता; पंचायत ने 2 हजार रुपए जुर्माना लगाकर मामला किया रफा दफा
Bihar News: बिहार के दरभंगा में 13 साल की एक बच्ची से गैंगरेप का मामला सामने आया है। इस मामले में मोहम्मद नदीम सहित कुल 4 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोपितों ने पीड़िता को चाकू दिखा कर सामूहिक बलात्कार किया था। आरोपित फरार हैं जिसकी तलाश में दबिश दी जा रही है। लगभग 10 दिन पुरानी इस घटना को कुछ लोगों द्वारा समझौते के नाम पर दबाने का प्रयास किया गया था। स्थानीय थाने की पुलिस पर भी कार्रवाई…
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