सेंसेक्स, निफ्टी करीब 1% चढ़ा; आरआईएल, आईसीआईसीआई बैंक लीड चार्ज
सेंसेक्स, निफ्टी करीब 1% चढ़ा; आरआईएल, आईसीआईसीआई बैंक लीड चार्ज
मुंबई: इंडेक्स हैवीवेट रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक में भारी खरीदारी पर नज़र रखते हुए, इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स सोमवार को 59,000 अंक पर फिर से जाने के लिए लगभग 1 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। बीएसई बेंचमार्क 442.65 अंक या 0.75 प्रतिशत बढ़कर 59,245.98 पर बंद हुआ। दिन के दौरान यह 504.92 अंक या 0.85 फीसदी की तेजी के साथ 59,308.25 पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 126.35 अंक या 0.72 प्रतिशत…
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क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, यूपीआई के माध्यम से खर्च में वृद्धि खपत में वृद्धि का संकेत: फिनमिन
क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, यूपीआई के माध्यम से खर्च में वृद्धि खपत में वृद्धि का संकेत: फिनमिन
अप्रैल में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के माध्यम से खर्च क्रमशः 77.8 प्रतिशत और 12.5 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये और 3.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। बढ़ते यूपीआई-आधारित भुगतान के साथ-साथ खर्च में वृद्धि, खपत में वृद्धि का संकेत देती है क्योंकि महामारी से प्रेरित प्रतिबंध कम हो जाते हैं और अनिश्चितता कम हो जाती है, वित्त मंत्रालय सोमवार को कहा।
“राष्ट्रीय भुगतान निगम के माध्यम से संसाधित किए…
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यहां देसी मसालों से तैयार किए जाते हैं वेज और पनीर मोमोज, एक बार चख लेंगे तो हो जाएंगे दीवाना
समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर गुजरी बाजार के पास यह दुकान हर रोज शाम को खुलती है. यहां मोमोज तैयार करने में स्वच्छता का भी ध्यान दिया जाता है और घरेलू मसाले का उपयोग किया जाता है
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रेड सी संकट से बढ़ गए फ्रिज, एसी के दाम, कंपनियों ने डीलर्स को भेजी नई रेट लिस्ट
नई दिल्ली: भीषण गर्मी के बीच पसीने छुड़ाने वाली खबर है। उपभोक्ताओं को फ्रिज, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव ओवन, पंखे, किचन अप्लायंस, वायर और पंप जैसे इलेक्ट्रिकल कंज्यूमर गुड्स खरीदने के लिए 2-5% अधिक खर्च करना पड़ेगा। इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव्ज के अनुसार, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, हैवेल्स, बजाज इलेक्ट्रिकल्स और वी-गार्ड इंडस्ट्रीज जैसे प्रमुख निर्माताओं ने या तो कीमतें बढ़ाई हैं या अपने डीलरों को सूचित किया है कि वे ऐसा करने वाले हैं। उनके मुताबिक, इसके पीछे कई कारण हैं। कॉपर और एल्यूमीनियम जैसी प्रमुख वस्तुओं के दामों में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी, पिछले दो-चार महीनों में के कारण माल ढुलाई लागत में तेजी के अलावा रुपये के अवमूल्यन से भाव बढ़ने का ताजा दौर लगभग नौ महीने बाद आया है।देश की दूसरी सबसे बड़े घरेलू उपकरण निर्माता कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने गुरुवार को अपने ट्रेड पार्टनर्स को व्हाट्सएप मैसेज के जरिये इस बारे में सूचित किया है। उसने बताया है कि रुपये के अवमूल्यन से इनपुट लागत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए वह होम एप्लायंस कैटेगरी में जून से 2.5% की कीमत बढ़ोतरी पर विचार कर रही है।
केबल और वायर हुए महंगे
हैवेल्स के एमडी अनिल राय गुप्ता ने हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि कंपनी ने इस महीने केबल और तारों की कीमतें बढ़ाई हैं। पिछली तिमाही में दाम बढ़ाए गए थे। उन्होंने कहा कि तांबा और एल्यूमीनियम की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण एयर-कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर की कीमतें 5-7% तक बढ़ सकती हैं।गुप्ता ने कहा, 'कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री में मार्जिन बहुत कम होते हैं। लिहाजा, हमें इनपुट लागत में बढ़ोतरी को पास करना पड़ता है। केबल तार के लिए मार्जिन और भी कम होता है। इसलिए हमें कीमतें बढ़ानी पड़ती हैं।' हैवेल्स लॉयड अप्लायंसेस ब्रांड की भी मालिक है।कम्प्रेसर जैसे कंपोनेंट की कीमतें बढ़ी हैं। इसके अलावा टेलीविजन में इस्तेमाल होने वाले ओपन सेल पैनल के दामों में भी पिछले दो महीनों में 5-6% तक इजाफा हुआ है। जबकि माल ढुलाई लागत दो से तीन गुना बढ़ गई है। कंपनियों ने पहले विदेशी विनिमय दरों को रुपये 81-82 प्रति डॉलर पर कंपोनेंट के आयात के लिए स्टैंडर्ड बनाया था, लेकिन रुपया और अधिक टूट गया।
दाम बढ़ाने को मजबूर हैं कंपनियां
गोदरेज एप्लायंसेस के बिजनेस हेड, कमल नंदी ने कहा, 'इनपुट लागत पर कुल प्रभाव लगभग 2-3% है। कीमत बढ़ोतरी जरूरी है।' टेलीविजन निर्माता भी कीमत बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। कुछ छोटे ब्रांड जून में 4-6% की बढ़ोतरी की योजना बना रहे हैं।ग्रेट ईस्टर्न रिटेल के निदेशक पुलकित बैद ने कहा, 'छोटी अवधि में बाजार मूल्य वृद्धि को बिना मांग पर प्रभाव डाले एडजस्ट कर लेगा। लेकिन, एक बार जब ग्रीष्मकालीन मांग धीमी हो जाएगी, तो ब्रांड्स को कीमतों को फिर से सुधारना पड़ सकता है।' बजाज इलेक्ट्रिकल्स के सीईओ अनुज पोद्दार ने 14 मई को विश्लेषकों से कहा था कि कंपनी 16 मई से कीमतें बढ़ाएगी। वी-गार्ड इंडस्ट्रीज ने इस महीने पंखे और पंप की कीमतें 2% बढ़ाई हैं। http://dlvr.it/T7k1yn
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अर्जुन सिंह: तेल की कीमत की अस्थिरता का विश्लेषण और वैश्विक वित्तीय बाजारों से इसका संबंध
हाल ही में, बिडेन प्रशासन ने ग्रीष्मकालीन ड्राइविंग सीज़न और स्वतंत्रता दिवस की छुट्टियों के दौरान मांग को पूरा करने के लिए उत्तरपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में भंडार से दस लाख बैरल गैसोलीन जारी करने की घोषणा की। सिंगर फाइनेंस एकेडमी के अर्जुन सिंह बताते हैं कि इस कदम से न केवल तेल की कीमतों पर असर पड़ेगा, बल्कि शेयर बाजार पर भी असर पड़ सकता है। यह लेख शेयर बाजार पर तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव के प्रत्यक्ष प्रभाव, वैश्विक आर्थिक माहौल पर परस्पर प्रभाव और वित्तीय बाजारों में भविष्य के रुझानों का व्यापक विश्लेषण करेगा।
तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर शेयर बाजार पर
अर्जुन सिंह का कहना है कि शेयर बाजार पर तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर मुख्य रूप से ऊर्जा क्षेत्र और उपभोक्ता खर्च पर स्पष्ट होता है। सबसे पहले, ऊर्जा कंपनियों के शेयर की कीमतें सीधे तेल की कीमत की अस्थिरता से प्रभावित होती हैं। जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो ऊर्जा कंपनियों की लाभ की उम्मीदें बढ़ जाती हैं, जिससे उनके स्टॉक की कीमतों में वृद्धि होती है। इसके विपरीत, जब तेल की कीमतें गिरती हैं, तो ऊर्जा कंपनियों के शेयर की कीमतें नकारात्मक रूप से प्रभावित होती हैं। गैसोलीन भंडार जारी करने के बिडेन प्रशासन के निर्णय का उद्देश्य अल्पावधि में तेल की कीमतें कम करना है, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ कम होगा।
तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का भी उपभोक्ता खर्च पर काफी असर पड़ता है। अर्जुन सिंह का कहना है कि तेल की कीमतें उपभोक्ताओं के दैनिक खर्चों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो परिवहन और ऊर्जा पर उपभोक्ता खर्च बढ़ जाता है, जिससे अन्य वस्तुओं पर उनका खर्च कम हो जाता है। इस बदलाव से उपभोक्ता वस्तुओं और खुदरा क्षेत्रों में कंपनियों के मुनाफे में गिरावट आ सकती है, जिससे उनके स्टॉक प्रदर्शन पर असर पड़ेगा।
अर्जुन सिंह ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि बिडेन प्रशासन की नीति न केवल घरेलू बाजार को प्रभावित करती है बल्कि इसके कुछ वैश्विक प्रभाव भी पड़ते हैं। दुनिया के सबसे बड़े तेल उपभोक्ताओं में से एक के रूप में, संयुक्त राज्य अमेरिका में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। ओपेक के उत्पादन में कटौती और मध्य पूर्व में अस्थिरता ने वैश्विक तेल कीमतों को लेकर अनिश्चितता को बढ़ा दिया है।
जबकि तेल की कीमतों में अल्पकालिक गिरावट ऊर्जा क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, लंबी अवधि में, स्थिर तेल की कीमतें अर्थव्यवस्था के समग्र स्वास्थ्य में योगदान कर सकती हैं। एक स्थिर तेल मूल्य वातावरण मुद्रास्फीति के दबाव को कम कर सकता है, उपभोक्ता विश्वास को बढ़ा सकता है और दीर्घकालिक शेयर बाजार की वृद्धि का समर्थन कर सकता है। शेयर बाजार पर तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव के प्रभाव का मूल्यांकन करते समय निवेशकों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों कारकों पर विचार करना चाहिए और तर्कसंगत निवेश रणनीतियों को बनाए रखना चाहिए।
वैश्विक आर्थिक वातावरण के परस्पर जुड़े प्रभाव
अर्जुन सिंह का विश्लेषण है कि वैश्विक आर्थिक माहौल के परस्पर प्रभाव तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव में विशेष रूप से स्पष्ट हैं। गैसोलीन भंडार पर बिडेन प्रशासन की रिहाई न केवल घरेलू बाजार बल्कि अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार की आपूर्ति-मांग की गतिशीलता के माध्यम से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डालती है। ओपेक उत्पादन में कटौती, इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कारक वैश्विक तेल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव में योगदान करते हैं।
अर्जुन सिंह बताते हैं कि तेल, वैश्विक अर्थव्यवस्था की जीवनधारा के रूप में, मूल्य परिवर्तन होता है जो वैश्विक मुद्रास्फीति, मौद्रिक नीतियों और आर्थिक विकास को गहराई से प्रभावित करता है। तेल की बढ़ती कीमतें आम तौर पर मुद्रास्फीति की दर को बढ़ाती हैं, जिससे केंद्रीय बैंकों को सख्त मौद्रिक नीतियां अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो बदले में आर्थिक विकास और शेयर बाजार के प्रदर्शन को प्रभावित करता है।
वित्तीय बाजार के नजरिए से, तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव न केवल ऊर्जा क्षेत्र को प्रभावित करता है, बल्कि विभिन्न चैनलों के माध्यम से अन्य उद्योगों पर भी प्रभाव डालता है। अर्जुन सिंह का मानना है कि विनिर्माण, परिवहन और कृषि जैसे उच्च ऊर्जा खपत वाले उद्योग सबसे पहले प्रभावित होते हैं। तेल की बढ़ती कीमतों के दौरान, इन उद्योगों में उत्पादन लागत बढ़ जाती है, जिससे लाभ मार्जिन कम हो जाता है और स्टॉक का प्रदर्शन खराब हो जाता है। इसके विपरीत, तेल की गिरती कीमतें इन उद्योगों में लागत कम कर सकती हैं, उनकी लाभप्रदता बढ़ा सकती हैं और स्टॉक की कीमतें ठीक होने में मदद कर सकती हैं।
नई ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों के बढ़ते महत्व के साथ, दुनिया भर की सरकारें नवीकरणीय ऊर्जा में अधिक निवेश कर रही हैं और जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं। अर्जुन सिंह का मानना है कि भविष्य का ऊर्जा बाजार अधिक प्रतिस्पर्धी होगा, और पारंपरिक तेल कंपनियों को संक्रमण के दौरान नए विकास बिंदु खोजने की आवश्यकता होगी।
वित्तीय बाज़ारों में भविष्य के रुझान
अर्जुन सिंह का मानना है कि वित्तीय बाजारों में भविष्य के रुझान कई कारकों से प्रभावित होंगे, जिनमें तेल की कीमतों में बदलाव, मुद्रास्फीति का दबाव, मौद्रिक नीतियां और भू-राजनीतिक जोखिम शामिल हैं। बिडेन प्रशासन की गैसोलीन रिजर्व रिलीज अल्पावधि में तेल की कीमतों को स्थिर कर सकती है, लेकिन लंबी अवधि में, वैश्विक बाजारों को अभी भी कई अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ता है।
यद्यपि तेल की कीमतों में गिरावट मुद्रास्फीति के दबाव को कम कर सकती है, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाएं, श्रम की कमी और बढ़ती कमोडिटी की कीमतें जैसे अन्य कारक अभी भी मुद्रास्फीति के स्तर को बढ़ा सकते हैं। केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति का जवाब ब्याज दरें बढ़ाकर और कड़े कदम उठाकर दे सकते हैं, जिससे शेयर बाजार पर दबाव पड़ेगा। अर्जुन सिंह निवेशकों को मुद्रास्फीति से उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए मजबूत मूल्य निर्धारण शक्ति और स्थिर लाभप्रदता वाली कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हैं।
मौद्रिक नीतियों की दिशा और भू-राजनीतिक परिवर्तनों का बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। अर्जुन सिंह बताते हैं कि फेडरल रिजर्व और अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीतियों में समायोजन का सीधा असर बाजार की तरलता और निवेशकों के विश्वास पर पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों में सशस्त्र संघर्षों का ऊर्जा क्षेत्र पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
कुल मिलाकर, अर्जुन सिंह का विश्लेषण है कि बिडेन प्रशासन का गैसोलीन रिजर्व जारी करना तेल की कीमतों को स्थिर करने और आर्थिक सुधार का समर्थन करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। हालाँकि, भविष्य के वित्तीय बाज़ार को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, व्यापक आर्थिक स्थितियों और नीतिगत बदलावों की निगरानी करनी चाहिए और अपनी निवेश रणनीतियों को लचीले ढंग से समायोजित करना चाहिए।
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एडमीर कादिर: वैश्विक बाजारों पर बैंक ऑफ जापान के नीति समायोजन का प्रभाव
वर्तमान वैश्विक आर्थिक माहौल में, ब्याज दर नीतियों में बदलाव वित्तीय बाजारों पर तेजी से प्रभाव डाल रहे हैं। ओशन फाइनेंस एकेडमी के एडमीर कादिर का मानना है कि बैंक ऑफ जापान (BOJ) इस साल कई बार ब्याज दरें बढ़ा सकता है, जिसका वैश्विक वित्तीय बाजारों, खासकर शेयर बाजार निवेश रणनीतियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
BOJ की ब्याज दर में बढ़ोतरी की उम्मीदें
एडमीर कादिर का कहना है कि BOJ के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री तोशिताका सेकिन ने हाल ही में सुझाव दिया था कि BOJ इस साल अपनी बेंचमार्क ब्याज दर को तीन गुना तक बढ़ा सकता है, अगली बढ़ोतरी संभवतः जून की शुरुआत में होगी। यह दृश्य अधिकांश BOJ दर्शकों की तुलना में अधिक उग्र है। सेकिन का मानना है कि BOJ एक अवसरवादी नीति दृष्टिकोण अपनाएगा, धीरे-धीरे अपनी ढीली नीति को यथासंभव कम करेगा जबकि वास्तविक ब्याज दरें नकारात्मक रहेंगी।
सेकिन के विश्लेषण के अनुसार, जब तक परिस्थितियाँ अनुकूल हैं, ब्याज दरें तीन बार और बढ़ाना पूरी तरह से संभव है। BOJ की 25-26 अप्रैल की नीति बैठक से पहले आयोजित अर्थशास्त्रियों के ब्लूमबर्ग सर्वेक्षण ने 0.25% की बेंचमार्क दर के लिए साल के अंत में औसत पूर्वानुमान का संकेत दिया। इससे पता चलता है कि अधिकांश लोगों को उम्मीद है कि BOJ अपनी मार्च दर वृद्धि का पालन करेगा - 2007 के बाद पहली बार, बेंचमार्क दर को 0% से 0.1% की सीमा तक बढ़ाकर - एक और बढ़ोतरी के साथ।
सेकेन के अलावा, वैनगार्ड ग्रुप इंक. और पैसिफ़िक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी भी BOJ की दर वृद्धि की संभावनाओं पर कठोर विचार रखते हैं। वैनगार्ड ग्रुप इंक का अनुमान है कि इस वर्ष के अंत तक प्रमुख दर बढ़कर 0.75% हो जाएगी। पैसिफ़िक इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी को इस वर्ष दर में तीन चौथाई अंकों की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
एडमीर कादिर ने दर वृद्धि की इन उम्मीदों के पीछे कई कारणों पर प्रकाश डाला:
मुद्रास्फीति का दबाव: BOJ का अनुमान है कि अप्रैल 2026 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में ताजा भोजन और ऊर्जा को छोड़कर उपभोक्ता कीमतों में 2.1% की वृद्धि होगी। यह BOJ पर नजर रखने वालों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी है, जो दरों में बढ़ोतरी की आवश्यकता का संकेत देती है।
येन मूल्यह्रास: सेकिन का तर्क है कि यदि येन मूल्य रुझान को बाधित करना शुरू कर देता है, तो दर में बढ़ोतरी आवश्यक होगी। जैसे ही जापानी कंपनियां मुद्रास्फीति के जवाब में अपने मूल्य निर्धारण व्यवहार को समायोजित करना शुरू करती हैं, यह परिणाम पहले की तुलना में अधिक होने की संभावना है।
वैश्विक आर्थिक वातावरण: जापान की आर्थिक सुधार की नाजुकता BOJ को उसके दर वृद्धि पथ से नहीं रोकेगी, क्योंकि आउटपुट अंतर लगभग 0% है, और संकुचन मौद्रिक सहजता की सीमा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करता है।
एडमीर कादिर का विश्लेषण है कि BOJ की दर वृद्धि की उम्मीदें वैश्विक वित्तीय बाजारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी। शेयर बाजार के निवेशकों को, विशेष रूप से, BOJ की नीतिगत चालों की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और तदनुसार अपनी निवेश रणनीतियों को समायोजित करना चाहिए।
शेयर बाज़ार पर ब्याज दर समायोजन का प्रभाव
एडमीर कादिर बताते हैं कि BOJ की अपेक्षित दर बढ़ोतरी से न केवल जापान के घरेलू बाजार पर असर पड़ेगा, बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों पर भी असर पड़ेगा। शेयर बाजार के लिए, ब्याज दरों में बदलाव अक्सर निवेशकों की अपेक्षाओं और बाजार की धारणा को सीधे प्रभावित करते हैं।
आम तौर पर, बढ़ती ब्याज दरों के कारण स्टॉक का मूल्यांकन कम हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उच्च ब्याज दरें भविष्य के नकदी प्रवाह के लिए छूट दर को बढ़ाती हैं, जिससे स्टॉक का वर्तमान मूल्य कम हो जाता है। ब्याज दर में बदलाव के कारण मूल्यांकन हानि से बचने के लिए शेयरों का मूल्यांकन करते समय निवेशकों को इस कारक पर विचार करने की आवश्यकता है।
बढ़ती ब्याज दरों से कंपनियों के लिए वित्तपोषण लागत भी बढ़ जाती है, विशेषकर उन कंपनियों के लिए जो ऋण वित्तपोषण पर निर्भर हैं। उच्च वित्तपोषण लागत लाभ मार्जिन को कम कर सकती है, जिससे स्टॉक प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। एडमीर कादिर का सुझाव है कि निवेशकों को अत्यधिक लाभ उठाने वाली कंपनियों से बचने के लिए निवेश का चयन करते समय कंपनियों के वित्तीय स्वास्थ्य और ऋण संरचना पर ध्यान देना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, बाजार की धारणा पर प्रभाव: बढ़ती ब्याज दरें आमतौर पर जोखिम से बचने की प्रवृत्ति पैदा करती हैं, जिससे निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों से सुरक्षित निश्चित आय वाली संपत्तियों की ओर स्थानांतरित हो जाते हैं। इससे शेयर बाज़ार से पूंजी का बहिर्प्रवाह हो सकता है, जिससे स्टॉक की कीमतें गिर सकती हैं। एडमीर कादिर का मानना है कि निवेशकों को बाजार की धारणा में बदलाव की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और संभावित बाजार की अस्थिरता के जवाब में अपने पोर्टफोलियो को समायोजित करना चाहिए।
निवेश रणनीति अनुशंसाएँ
वर्तमान वैश्विक आर्थिक माहौल में और BOJ की दर वृद्धि की उम्मीदों के साथ, एडमीर कादिर ने सिफारिश की है कि निवेशक अपने निवेश में विविधता लाएं और एकल परिसंपत्तियों में अस्थिरता के जोखिम को कम करने के लिए परिसंपत्ति आवंटन विविधीकरण बढ़ाएं।
ब्याज दर बढ़ने से आम तौर पर विकास शेयरों पर अधिक असर पड़ता है, जबकि मूल्य स्टॉक अपेक्षाकृत अधिक रक्षात्मक होते हैं। एडमीर कादिर का सुझाव है कि निवेशक स्थिर निवेश रिटर्न प्राप्त करने के लिए स्थिर नकदी प्रवाह और मजबूत बुनियादी सिद्धांतों वाले मूल्य शेयरों पर ध्यान केंद्रित करें।
बढ़ती ब्याज दर के माहौल में, निश्चित आय वाली संपत्तियां अपेक्षाकृत अधिक आकर्षक हो जाती हैं। एडमीर कादिर का सुझाव है कि शेयर बाजार की अस्थिरता के जोखिमों को कम करने के लिए निवेशकों को बांड और अन्य निश्चित आय संपत्तियों के आवंटन में उचित वृद्धि करनी चाहिए। ब्याज दर में बदलाव अक्सर बाजार में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं, इसलिए निवेशकों को अत्यधिक लचीला रहने और अपनी निवेश रणनीतियों को समय पर समायोजित करने की आवश्यकता होती है। एडमीर कादिर निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे बाजार की गतिशीलता से निकटता से जुड़े रहें और पोर्टफोलियो स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत बदलावों पर लचीले ढंग से प्रतिक्रिया दें।
एडमीर कादिर इस बात पर जोर देते हैं कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक और वित्तीय माहौल में, शेयर बाजार के निवेशकों के लिए ब्याज दर नीतियों में बदलाव महत्वपूर्ण हैं। संभावित बाजार की अस्थिरता का जवाब देने और दीर्घकालिक स्थिर निवेश रिटर्न प्राप्त करने के लिए निवेशकों को व्यापक बाजार विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिक रूप से उचित निवेश रणनीतियां बनानी चाहिए।
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क्रिएटिव बिजनेस स्कूल के संस्थापक अक्षय वर्मा: डिज्नी का स्टॉक पुनरुत्थान और भविष्य की संभावनाएं
क्रिएटिव बिजनेस स्कूल, 2023 में स्थापित, भारत में एक शैक्षणिक संस्थान है जो विभिन्न चरणों में निवेशकों और उद्यमियों के लिए वित्त, निवेश और बाजार विश्लेषण में व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है। पाठ्यक्रम स्टॉक मार्केट पाठ्यक्रम, उद्यम पूंजी, ब्लॉकचेन और बिजनेस मॉडल विश्लेषण सहित कई क्षेत्रों को कवर करते हैं।
क्रिएटिव बिजनेस स्कूल के संस्थापक अक्षय वर्मा के पास कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए है। वर्मा की करियर पृष्ठभूमि प्रभावशाली है, उन्होंने मैकिन्से में सलाहकार, लंदन के वित्तीय जिले में हेज फंड विश्लेषक और ब्लॉकचेन कंपनियों में निवेशक के रूप में काम किया है। उनका व्यापक अनुभव शेयर बाजार की वर्तमान स्थिति में उनकी अंतर्दृष्टि के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है, विशेष रूप से डिज्नी पर ध्यान केंद्रित करते हुए।
प्रारंभिक विश्लेषण: स्टॉक मार्केट में डिज़्नी की वर्तमान स्थिति
क्रिएटिव बिजनेस स्कूल के संस्थापक, अक्षय वर्मा का दावा है कि हाल की वित्तीय चुनौतियों के बावजूद डिज्नी के स्टॉक ने लचीलापन और वृद्धि की क्षमता दिखाई है। पिछले सप्ताह मिश्रित वित्तीय रिपोर्ट के बाद, डिज़नी के शेयर तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए, लेकिन स्टॉक अभी भी 2024 में बाजार से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। वर्मा का मानना है कि इस प्रदर्शन को कई कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें सफल फिल्म रिलीज, रणनीतिक थीम पार्क विस्तार और अनुकूल लाभ लक्ष्य शामिल हैं।
सप्ताहांत में रिलीज़ हुई डिज़्नी की किंगडम ऑफ़ द प्लैनेट ऑफ़ द एप्स ने कंपनी की वर्ष की पहली महत्वपूर्ण नाटकीय सफलता को चिह्नित किया। 20वीं सेंचुरी स्टूडियोज द्वारा निर्मित इस फिल्म ने अपने शुरुआती सप्ताहांत में घरेलू टिकट बिक्री से $56.5 मिलियन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर $129 मिलियन की कमाई की। इस सफलता ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर डिज्नी की उपस्थिति को पुनर्जीवित किया, बल्कि इसकी आगामी रिलीज के लिए सकारात्मक माहौल भी स्थापित किया।
वर्मा ने डिज़्नी की आगामी ग्रीष्मकालीन लाइनअप पर प्रकाश डाला, जिसमें इनसाइड आउट 2, डेडपूल और वूल्वरिन और एलियन: रोमुलस जैसी प्रमुख रिलीज़ शामिल हैं। इन फिल्मों से बड़ी संख्या में दर्शकों को आकर्षित करने, स्थापित प्रशंसक आधार का लाभ उठाने और टिकटों की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, डिज्नी वर्ल्ड व्यस्त गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ, 28 जून को अपेक्षा से पहले टियाना के बेउ एडवेंचर को खोलने के लिए तैयार है। इस रणनीतिक कदम से पार्क में उपस्थिति और राजस्व को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे डिज्नी के थीम पार्क डिवीजन के लिए बहुत आवश्यक उत्थान होगा।
गहन विश्लेषण: वित्तीय प्रदर्शन और रणनीतिक पहल
क्रिएटिव बिजनेस स्कूल के संस्थापक, अक्षय वर्मा, डिज़्नी के वित्तीय प्रदर्शन और रणनीतिक पहलों पर गहराई से प्रकाश डालते हैं। डिज़्नी के हालिया वित्तीय परिण��मों ने निचले स्तर पर दोहरे अंकों की प्रतिशतता दिखाई है, जो मजबूत अंतर्निहित प्रदर्शन का संकेत देता है। विश्लेषकों ने बाद में वित्तीय वर्ष 2024 के लिए अपनी कमाई का अनुमान बढ़ा दिया है, जिससे प्रति शेयर $4.73 का लाभ होने की उम्मीद है, जो पिछले अनुमान $4.57 प्रति शेयर से अधिक है।
स्टॉक मूल्य में हालिया गिरावट के बावजूद, वर्मा का कहना है कि डिज़्नी का मूल्यांकन आकर्षक बना हुआ है। स्टॉक वर्तमान में वित्तीय वर्ष के समायोजित आय लक्ष्य के 22 गुना पर कारोबार करता है, जो अक्टूबर में शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष पर विचार करते समय घटकर 19 गुना रह जाता है। यह गुणक बताता है कि डिज़्नी का स्टॉक अपेक्षाकृत कम मूल्यांकित है, जो निवेशकों के लिए संभावित खरीदारी का अवसर प्रस्तुत करता है।
डिज़्नी का स्ट्रीमिंग व्यवसाय, जिसने पिछले सप्ताह अपनी पहली लाभदायक तिमाही हासिल की, कंपनी के वित्तीय दृष्टिकोण का एक और सकारात्मक पहलू है। स्ट्रीमिंग डिवीजन का प्रदर्शन बाजार की अपेक्षाओं से अधिक रहा, जिससे डिज्नी की समग्र लाभप्रदता में योगदान हुआ। इसके अतिरिक्त, डिज़्नी का स्टूडियो सेगमेंट गर्मियों में फ़िल्म रिलीज़ की आशाजनक सूची के साथ, ठीक होता दिख रहा है।
वर्मा दीर्घकालिक विकास को आगे बढ़ाने में डिज्नी की रणनीतिक पहल के महत्व पर जोर देते हैं। डिज़्नी वर्ल्ड में टियाना के बेउ एडवेंचर का शीघ्र उद्घाटन गर्मी के मौसम का लाभ उठाने, अधिक आगंतुकों को आकर्षित करने और राजस्व बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक कदम है। इसके अलावा, उच्च-गुणवत्ता, फ्रेंचाइज़-आधारित फिल्मों के निर्माण पर डिज़्नी का ध्यान मनोरंजन उद्योग में अपना प्रभुत्व बनाए रखने की उम्मीद है।
निष्कर्ष: रणनीतिक अंतर्दृष्टि और निवेश अनुशंसाएँ
क्रिएटिव बिजनेस स्कूल के संस्थापक, अक्षय वर्मा ने निष्कर्ष निकाला कि शेयर बाजार में डिज्नी की वर्तमान स्थिति एक आकर्षक निवेश अवसर प्रस्तुत करती है। हालिया वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, डिज़्नी की रणनीतिक पहल और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन भविष्य के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का सुझाव देते हैं। कंपनी की सफल फ़िल्म रिलीज़, रणनीतिक थीम पार्क विस्तार और अनुकूल लाभ लक्ष्य इसे दीर्घकालिक विकास के लिए अच्छी स्थिति में रखते हैं।
वर्मा निवेशकों को मजबूत रिटर्न देने की क्षमता के कारण डिज्नी के स्टॉक पर विचार करने की सलाह देते हैं। स्टॉक का आकर्षक मूल्यांकन, कंपनी के रणनीतिक कदमों के साथ मिलकर, यह दर्शाता है कि डिज़नी बाजार के अवसरों को भुनाने के लिए अच्छी स्थिति में है। हालाँकि, वर्मा ने निवेशकों को नियामक परिवर्तनों और उपभोक्ता प्राथमिकताओं में बदलाव जैसे संभावित जोखिमों के प्रति सतर्क रहने के लिए भी आगाह किया है, जो डिज़नी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
संक्षेप में, क्रिएटिव बिजनेस स्कूल के संस्थापक, अक्षय वर्मा, शेयर बाजार में डिज्नी की वर्तमान स्थिति का एक व्यापक विश्लेषण प्रदान करते हैं। उनकी अंतर्दृष्टि निवेश संबंधी निर्णय लेने के लिए कंपनी की रणनीतिक पहल और वित्तीय प्रदर्शन को समझने के महत्व को रेखांकित करती है। डिज़्नी का स्टॉक, विकास की अपनी क्षमता और मजबूत अंतर्निहित बुनियादी सिद्धांतों के साथ, बाजार के अवसरों का लाभ उठाने के इच्छुक निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है।
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Indian small car exports thrive as domestic demand shifts to SUVs
2 मिनट पढ़ें आखरी अपडेट : 15 मई 2024 | 2:23 अपराह्न प्रथम
भारत में निर्मित छोटी कारें मारुति सुजुकीहुंडई, किआ, सिट्रोएन, वोक्सवैगन, होंडा, निसान और रेनॉल्ट विदेशों में बाजार तलाश रहे हैं क्योंकि घरेलू मांग एसयूवी और बड़े, फीचर-पैक वाहनों की ओर बढ़ रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की सूचना दी।
छोटी कार खंड, जो कभी भारत के यात्री वाहन (पीवी) बाजार पर हावी था, अब कुल बाजार हिस्सेदारी का 30 प्रतिशत से भी कम…
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चना भाव में 400 रुपए से ज़्यादा की तेज, देखें साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट 15 अप्रैल 2024
च���ा साप्ताहिक रिपोर्ट 15 अप्रैल : पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 5925/50 रुपये पर खुला था और शनिवार शाम चना 6350/75 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग बनी रहने से +425 रुपये प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ, पिछले सप्ताह, मजबूत घरेलू मांग के कारण चना बाजार ने मजबूती का प्रदर्शन किया।
त्योहारी छुट्टियों के कारण कई बाजार बंद होने के कारण देशभर में चने…
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अर्थव्यवस्था को धीमी वृद्धि देखने की उम्मीद है लेकिन अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अभी भी अधिक है: फिनमिन
अर्थव्यवस्था को धीमी वृद्धि देखने की उम्मीद है लेकिन अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अभी भी अधिक है: फिनमिन
जैसा कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने कमोडिटी की बढ़ती कीमतों, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं और मौद्रिक आवास की अनुमानित वापसी की तुलना में तेजी से वैश्विक आर्थिक विकास को धीमा करने का अनुमान लगाया है, भारत की अर्थव्यवस्था धीमी गति से देखने की भी उम्मीद है वृद्धिहालांकि अभी भी अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक है, सोमवार को जारी वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया…
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Today's Horoscope-
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन शुभफलदायक रहेगा। दिन के पूर्वार्ध और अंत में शुभ कर्म के लिये प्रेरित होंगे। घर में मांगलिक आयोजन होने से नई ऊर्जा का संचार होगा। कार्य व्यवसाय से भी आज निराश नहीं होना पड़ेगा परिश्रम के अनुसार लाभ अवश्य मिल जाएगा। धन संबंधित उलझन भी आज थोड़ी कम रहने से राहत मिलेगी। व्यवसायी वर्ग नए कार्य आरंभ करेंगे भविष्य में इससे उन्नति होगी। नौकरी वाले लोग आज काम पर ज्यादा ध्यान नही देंगे। महिलाएं आज कम समय में अधिक पाने की लालसा रखेंगी लेकिन सफलता नहीं मिलेगी। परिजनों से संबंध सामान्य रहेंगे। शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन धन-धान्य में वृद्धि करने वाला रहेगा। दिन का आरंभिक भाग घरेलू व्यस्तता के कारण व्यावसायिक कार्यो से लाभ नही उठा सकेंगे। लेकिन मध्यान बाद से स्थिती पूर्ण रूप से आपकी पकड़ में रहेगी बाजार में तेजी रहने से लाभ के अवसर मिलते रहेंगे प्रतिस्पर्धा भी आज कुछ अधिक रहेगी लेकिन आपके व्यवसाय पर इसका ज्यादा असर नही पड़ेगा धन लाभ आज निश्चित ही आशाजनक रहेगा। नौकरी वाले लोग आज काम की जगह इधर उधर की बातों पर ज्यादा ध्यान देंगे अधिकारी वर्ग से कहा सुनी हो सकती है। घर मे सुख के साधनों की वृद्धि होगी खर्च भी करना पड़ेगा। स्वास्थ्य संबंधित थोड़ी बहुत समस्या लगी रहेगी।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन पूर्वार्ध में अस्त व्यस्त रहेगा लेकिन आज आपके सभी कार्य सही दिशा में आगे बढ़ेंगे मध्यान तक व्यक्तिगत अथवा अन्य कारणों से व्यवसायिक कार्यो में विलंब होगा। लेकिन धीरे धीरे गाड़ी पटरी पर आने लगेगी व्यवसाय में थोड़ी तेजी मंदी लगी रहेगी कुछ समय के लिये मानसिक बेचैनी बनेगी लेकिन संध्या तक धन की आमद संतोष जनक हो जाएगी। नए कार्यो में निवेश करना आज शुभ रहेगा। उधारी अथवा अन्य लेन देन के कारण किसी से गरमा गरमी होने की संभावना है। गृहस्थ में आज अन्य दिनों की अपेक्षा शांति रहेगी तालमेल की कमी रहने के बाद भी स्थिति सामान्य रहेगी। शरीर मे कुछ कमी अनुभव करेंगे।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप अपनी कमियों को छुपाने का प्रयास करेंगे। लोगो के आगे अपनी बुद्धि चातुर्य का प्रदर्शन करेंगे बाहर से व्यवहारिकता लेकिन अंदर से ईर्ष्या और अहम की भावना रहेगी। परिजन को छोड़ अन्य सभी लोग आपकी मनगढंत बातो के झांसे में आसानी से आ जाएंगे लेकिन पोल खुलने के बाद लोगो का आपके ऊपर से विश्वास कम होगा। कार्य व्यवसाय में सोची हुई योजना स्वयं अथवा सहकर्मी की गलती से अनियंत्रित रहेगी। धन लाभ के अवसर मिलेंगे परन्तु सभी अवसरों का लाभ नही उठा सकेंगे फिर भी काम चलाऊ हो ही जायेगा। परिजनों के आगे ज्यादा अक्लमंदी ना दिखाये बेज्जती हो सकती है।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज परिस्थितियां आपके पक्ष में रहेंगी भाग्य का साथ भी मिलने से सोची हुई योजनाए निर्विघ्न पूर्ण कर सकेंगे। दिन के आरंभ में घर मे पूजा पाठ के कारण भाग-दौड़ करनी पड़ेगी लेकिन इसका आध्यत्मिक लाभ भी किसी ना किसी रूप में अवश्य मिलेगा। मन के आज शांत रहने से किसी भी कार्य को बेहतर रूप से कर सकेंगे कार्य व्यवसाय में विलंब के बाद भी धन लाभ के अवसर मिलते रहेंगे धन लाभ थोड़े थोड़े अंतराल पर होते रहने से संतुष्ट रहेंगे। महिलाएं सेहत का विशेष ध्यान रखें कमजोरी अथवा अन्य शारीरिक समस्या बनेगी। धार्मिक यात्रा एवं कार्यो में खर्च होगा।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपका मानसिक संतुलन स्थिर नही रहेगा असमंजस की स्थिति के कारण पल पल में निर्णय बदलेंगे इससे कार्य विलंब के साथ अन्य लोगो को परेशानी होगी फिर भी स्वार्थी पूर्ति के कारण आज आपसे कोई शिकायत नही करेगा। मन आज अनैतिक कार्यो में जल्दी आकर्षित होगा स्वभाव में भी उदण्डता रहेगी बिना कलह किये किसी कार्य को नही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी मन मर्जी व्यवहार के कारण जिस लाभ के अधिकारी है उसमें कमी आएगी। धन की आमद आज पूर्व नियोजित रहेगी थोड़ी बहुत अतिरिक्त आय भी बना लेंगे लेकिन खर्च के आगे आज कमाई कम ही लगेगी। मौसमी बीमारियों एवं संयम की कमी के कारण सेहत बिगड़ सकती है।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आशानुकूल रहने से दिन भर प्रसन्न रहेंगे आज आपकी दिनचार्य व्यवस्थित नही रहेगी फिर भी सौभाग्य वृद्धि के योग बनने से सभी तरह से खुशहाली मिलेगी। काम-धंधा दिन के आरंभ से मध्यान तक इसके बाद संध्या से रात्रि तक प्रगति पर रहेगा। आज आपके द्वारा गलती से किया कार्य भी कुछ ना कुछ लाभ ही देकर जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। प्रतिस्पर्धा में किसी से आंतरिक मतभेद होने की भी संभावना है। पारिवारिक जीवन आनंदमय रहेगा सभी सदस्य एक दूसरे को आदर देंगे भाई बंधु से थोड़ी नोंकझोंक हो सकती है परन्तु स्थिति गंभीर नही होगी। थकान को छोड़ सेहत ठीक रहेगी।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपके लिये विपरीत फलदायक रहेगा। परिवार के सदस्य आपसे अधिक सहयोग की अपेक्षा रखेंगे लेकिन टालमटोल करने पर घर का वातावरण खराब होगा। कार्य क्षेत्र पर लाभ की उम्मीद लगाए रहेंगे परन्तु आज मानसिक रूप से अशान्त रहने के कारण वहां से भी सकारात्मक परिणाम नही मिल सकेंगे फिर भी धन संबंधित उलझन अकस्मात लाभ होने से कुछ हद तक शांत रहेंगी। घरेलू खर्च के साथ अन्य खर्च आने से बजट प्रभावित होगा। घर मे आज मनमानी व्यवहार से बचें अन्यथा मनोकामना पूर्ति होने की जगह अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। सेहत मानसिक क्लेश के कारण शिथिल रहेगी।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन अकस्मात लाभ की प्राप्ती कराएगा लेकिन ध्यान रखें लापरवाही से कार्य करने पर आज जो विचार में नही रहेगा वह घटना घट सकती है। मध्यान तक का समय मानसिक रूप से ��ांति प्रदान करेगा। आध्यात्मिक ��योजनों में सम्मिलित होंगे धर्म कर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी लेकिन अन्य व्यस्तता के चलते चाह कर भी अधिक समय नही दे सकेंगे महिलाए आज धर्म के रंग में रंगी रहेंगी सेहत संबंधित शिकायत रहने के बाद भी सामर्थ्य से अधिक कार्य करने पर बाद में स्थिति गंभीर होने की संभावना है। कार्य व्यवसाय से अचानक धन मिलने पर प्रसन्न रहेंगे। सरकारी कार्य मे आज ढील ना दे वर्ना लंबे समय तक पूर्ण नही कर सकेंगे।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन सार्वजिनक कार्यो आपका महत्त्वपूर्ण योगदान स्वयं के साथ परिजनों का भी मान बढ़ाएगा किसी अपरिचित से कहासुनी भी हो सकती है धैर्य से काम लें। मध्यान तक घरेलू अथवा अन्य कार्यो में व्यस्त रहेंगे जिससे व्यवसायिक कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। अधीनस्थों के प्रति नरमी रखें आज इनके सहयोग से ही धन लाभ की प्राप्ति होगी लेकिन ज्यादा जिम्मेदारी वाले कार्य भी ना सौपे अन्यथा नुकसान भी हो सकता है। धन लाभ आवश्यकतानुसार होगा ज्यादा पाने के चक्कर मे हाथ आये लाभ से भी वंचित ना रह जाये इसका ध्यान रखें। हर में कार्य अधिक रहने के कारण महिलाए बेचैन रहेंगी आरोग्य में कमी आयेगी।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन बनते कार्यो में विघ्न खड़े करेगा। दिन का पहला भाग शांति से व्यतीत करेंगे लेकिन इसके बाद किसी ना किसी उलझन में फंसते ही रहेंगे जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे वह किसी ना किसी अभाव के कारण आरम्भ नही हो सकेगा। कार्य व्यवसाय में भी आज अकस्मात लाभ के योग बन रहे है फिर भी आज धन संबंधित मामले निवेश अथवा उधार के कार्य को निरस्त ही रखे। धन लाभ अधिक परिश्रम के बाद अल्प मात्रा में होगा। घर मे भी किसी से नुकसान होने की संभावना है सतर्क रहकर कार्य करें। सेहत में भी कुछ ना कुछ कमी लगी रहेगी।
मी�� (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन प्रतिकूल रहेगा खराब सेहत आज प्रत्येक कार्य मे बाधक बनेगी फिर भी जबरदस्ती कार्य करेंगे जिससे कम समय मे अधिक थकान बनेगी। घर का वातावरण भक्तिमय रहेगा पूजापाठ आदि में सम्मिलित होने के अवसर सुलभ होंगे परन्तु मानसिक रूप से आज किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा। कार्य क्षेत्र पर भी व्यवहारिकता मात्र रहेगी मजबूरी में किये गए कार्य फलित नही होंगे सीमित साधन से काम निकालना पड़ेगा। व्यवसायी वर्ग आज व्यवसाय से काफी उम्मीद लगाए रहेंगे लेकिन आशा निराशा में बदलेगी। घर मे कुछ ना कुछ परेशानी में डालने वाले प्रसंग लगे रहेंगे।
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70 करोड़ डॉलर का मसाला एक्सपोर्ट दाव पर, EU, चीन और आसियान तक फैली आग तो होगा बुरा हाल!
नई दिल्ली: भारतीय मसालों के लिए हाल के दिनों में कई देशों से बुरी खबरें आ रही हैं। सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग ने एमडीएच और एवरेस्ट के कई प्रॉडक्ट्स पर बैन लगा दिया है। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की एजेंसियों ने भी इन कंपनियों के मसालों की जांच करने की बात कही है। आर्थिक थिंक-टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) का कहना है कि कई देशों में रेगुलेटरी एक्शन के कारण भारत के लगभग 70 करोड़ डॉलर के मसाला निर्यात कारोबार पर खतरा मंडरा रहा है। साथ ही उसने आगाह किया कि अगर यूरोपीय यूनियन भी भारतीय मसालों पर एक्शन लेता है तो इससे भारत के मसाला निर्यात पर 2.5 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त असर पड़ सकता है।अमेरिका, हॉन्ग कॉन्ग, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और मालदीव ने एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। भारत ने फाइनेंशियल ईयर 2024 में इन देशों को 692.5 मिलियन डॉलर के मसाले निर्यात किए। GTRI ने कहा कि इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और भारत की स्पाइस इंडस्ट्री की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए कार्रवाई की जरूरत है। इसमें यह भी कहा गया है कि अब तक भारतीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया उदासीन रही है। हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर ने एमडीएच और एवरेस्ट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन देशों का दावा है कि उनके उत्पादों में एथिलीन ऑक्साइड की जरूरत से ज्यादा मात्रा पाई गई है। इस केमिकल से कैंसर होने का खतरा रहता है। इस कारण इन उत्पादों की खेप को वापस मंगाना पड़ा है।
यूरोपीय संघ
GTRI का कहना है कि भारतीय मसालों के प्रति दुनिया के भरोसे को फिर से कायम करने के लिए तुरंत जांच और उसकी फाइंडिग्स को सामने लाना जरूरी है। गलती करने वाली कंपनियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जीटीआरआई के को-फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अगर यूरोपीय संघ भी लगाता है तो यह स्थिति और भी खराब हो सकती है। ईयू गुणवत्ता के मुद्दे पर भारतीय मसालों की खेप को नियमित रूप से खारिज करता रहता है। यूरोपीय संघ अगर ऐसा करता है तो भारत के मसाला उद्योग को 2.5 अरब डॉलर का अतिरिक्त नुकसान हो सकता है। यह भारत के कुल वैश्विक मसाला निर्यात का 58.8% फीसदी है।जीटीआरआई ने कहा कि अगर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग की तर्ज पर चीन और आसियान देश भी भारतीय मसालों पर पाबंदी लगाते हैं तो भारतीय मसाला निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है। श्रीवास्तव ने कहा कि इससे 2.17 अरब डॉलर मूल्य के निर्यात पर असर पड़ सकता है, जो भारत के वैश्विक मसाला निर्यात का 51.1% है। उन्होंने कहा कि क्वालिटी संबंधी मुद्दों को तत्काल और पारदर्शिता के साथ सुलझाने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बाद मसाला बोर्ड और FSSAI ने रूटीन सैंपलिंग शुरू कर दी है लेकिन मसालों की क्वालिटी के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है। यदि टॉप भारतीय कंपनियों की क्वालिटी सवालों के घेरे में है तो घरेलू बाजार में मौजूद मसालों की विश्वसनीयता पर भी संदेह पैदा होता है। http://dlvr.it/T6JVHT
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अर्जुन सिंह: मुद्रास्फीति और आय के प्रभाव के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए आर्थिक आउटलुक
फिच रेटिंग्स की नवीनतम रिपोर्ट में अमेरिकी उपभोक्ता खर्च वृद्धि में मंदी का खुलासा होने के साथ, निवेशकों को अंतर्निहित कारकों और शेयर बाजार पर उनके संभावित प्रभाव की जांच करने की जरूरत है। सिंगर फाइनेंस अकादमी के अर्जुन सिंह बताते हैं कि बढ़त��� वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता की पृष्ठभूमि में वित्तीय बाजारों की गतिशीलता को समझना विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।
मुद्रास्फीति और आय वृद्धि का प्रभाव
अर्जुन सिंह का उल्लेख है कि फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अमेरिकी उपभोक्ता खर्च की वार्षिक वृद्धि दर 1.9% होने की उम्मीद है, जो 2023 में 2.2% से कम है। इस मंदी का मुख्य कारण मुद्रास्फीति की चिपचिपाहट और कमजोर आय वृद्धि है। हालाँकि पहली तिमाही में नाममात्र प्रयोज्य आय में 4.3% की वृद्धि हुई, वास्तविक प्रयोज्य आय में साल-दर-साल केवल 1.7% की वृद्धि हुई, जो पिछली दो तिमाहियों में 4.1% से काफी कम है।
अर्जुन सिंह का विश्लेषण है कि आय वृद्धि में मंदी मुख्य रूप से ठंडे श्रम बाजार के कारण है। जबकि इस वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक श्रम आय 2.7% पर स्थिर रही, वर्ष की दूसरी छमाही में नौकरी बाजार ठंडा होने के कारण इसके और कमजोर होने की उम्मीद है। इस परिदृश्य में, उपभोक्ताओं की खर्च करने योग्य आय कम हो जाएगी, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता प्रभावित होगी।
उपभोक्ता विश्वास और बाज़ार की अपेक्षाएँ
अर्जुन सिंह का उल्लेख है कि उपभोक्ता विश्वास में गिरावट भी उपभोक्ता खर्च को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है। यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली तिमाही में घरेलू निवल मूल्य में 8.3% की वृद्धि हुई, मुख्य रूप से स्टॉक और रियल एस्टेट बाजारों में उछाल से लाभ हुआ, यह वृद्धि मुद्रास्फीति और धीमी आय वृद्धि के नकारात्मक प्रभाव को पूरी तरह से दूर नहीं कर पाई। जनवरी 2024 से, उपभोक्ता महामारी के दौरान जमा हुई अतिरिक्त बचत का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन ये बचत तेजी से घट रही है, मार्च में अतिरिक्त बचत $1.0 ट्रिलियन होने का अनुमान है, जो अगस्त 2021 में $2.1 ट्रिलियन के शिखर से 46% कम है।
उपभोक्ता खर्च आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक है, और जब उपभोक्ता खर्च धीमा हो जाता है, तो कॉर्पोरेट आय और मुनाफे की उम्मीदें भी प्रभावित होंगी, जिससे शेयर बाजार पर दबाव पड़ेगा। अर्जुन सिंह बताते हैं कि अर्थव्यवस्था के सामने कई चुनौतियों के बावजूद, निवेश के कुछ संभावित अवसर भी हैं। जबकि समग्र उपभोक्ता व्यय वृद्धि धीमी हो रही है, प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में अभी भी मजबूत विकास क्षमता है।
वास्तविक ब्याज दरों में वृद्धि कॉर्पोरेट वित्तपोषण और उपभोक्ता ऋण की लागत को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। वित्तपोषण लागत में वृद्धि कंपनियों को निवेश और विस्तार में अधिक रूढ़िवादी बनाती है, जबकि उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल आय को भी कम करती है। अर्जुन सिंह का उल्लेख है कि क्रेडिट कार्ड खर्च में गिरावट और बचत दरों में कमी से संकेत मिलता है कि उपभोक्ता उच्च ब्याज दर वाले माहौल में भविष्य की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए खर्च में कटौती करना शुरू कर रहे हैं।
मार्केट आउटलुक और निष्कर्ष
अर्जुन सिंह ने निष्कर्ष निकाला कि 2024 की दूसरी छमाही में संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए आर्थिक दृष्टिकोण चुनौतीपूर्ण है, मुद्रास्फीति की चिपचिपाहट, कमजोर आय वृद्धि और उपभोक्ता विश्वास में गिरावट के कारण वित्तीय बाजारों पर दबाव पड़ रहा है। फिर भी, बाजार में अभी भी निवेश के कुछ अवसर मौजूद हैं और निवेशकों को अपनी निवेश रणनीतियों को लचीले ढंग से समायोजित करते समय सतर्क रहना चाहिए।
व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण से, निरंतर उच्च मुद्रास्फीति और वास्तविक ब्याज दरों में वृद्धि ने फेडरल रिजर्व को ब्याज दरों में कटौती के बारे में सतर्क कर दिया है। बाज़ार स्तर पर, हालाँकि समग्र उपभोक्ता व्यय वृद्धि धीमी हो रही है, प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा जैसे कुछ क्षेत्र अभी भी मजबूत विकास क्षमता प्रदर्शित करते हैं।
अर्जुन सिंह का मानना है कि इन क्षेत्रों की नवाचार क्षमताएं और बाजार की मांग उन्हें बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के बीच भी उच्च विकास दर बनाए रखने की संभावना बनाती है। निवेशकों को दीर्घकालिक निवेश रिटर्न प्राप्त करने के लिए इन क्षेत्रों में अग्रणी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, उनकी मजबूत अनुसंधान और विकास क्षमताओं और बाजार स्थिति का लाभ उठाना चाहिए।
अर्जुन सिंह इस बात पर भी जोर देते हैं कि बाजार की अस्थिरता और जोखिमों से निपटने के लिए वैश्विक विविधीकृत निवेश एक महत्वपूर्ण रणनीति है। विभिन्न क्षेत्रों और परिसंपत्ति वर्गों में निवेश में विविधता लाकर, निवेशक एक ही बाजार में उतार-चढ़ाव से होने वाले जोखिम को कम कर सकते हैं। अर्जुन सिंह निवेशकों को प्रभावी जोखिम प्रबंधन तंत्र स्थापित करने, नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो के जोखिम जोखिम का आकलन करने और परिसंपत्ति आवंटन को तुरंत समायोजित करने की सलाह देते हैं।
2024 की दूसरी छमाही अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए कई चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है लेकिन संभावित निवेश के अवसर भी प्रस्तुत करती है। अर्जुन सिंह इस बात पर जोर देते हैं कि निवेशकों को निवेश रणनीतियों को लचीले ढंग से समायोजित करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, महत्वपूर्ण विकास क्षमता वाले रक्षात्मक परिसंपत्तियों और उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, निवेश में विविधता लानी चाहिए और जोखिम प्रबंधन को मजबूत करना चाहिए। इन उपायों के माध्यम से, निवेशक जटिल बाजार परिवेश में स्थिर निवेश रिटर्न और दीर्घकालिक धन वृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
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एडमीर कादिर: फेड रेट में कटौती और वैश्विक बाजार में अस्थिरता की उम्मीदें
हाल ही में, अटलांटा के फेडरल रिजर्व बैंक के अध्यक्ष राफेल बॉस्टिक की टिप्पणियों ने वित्तीय बाजारों में व्यापक ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि मुद्रास्फीति दर लक्ष्य से ऊपर रहने के बावजूद, फेड वर्ष के भीतर ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ओशन फाइनेंस अकादमी के एडमीर कादिर का मानना है कि यह रुख न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वर्तमान जटिलता को दर्शाता है बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में संभावित नई गतिशीलता का भी संकेत देता है।
बॉस्टिक के विचार और फेड की नीति दिशा
एडमिर कादिर बॉस्टिक के दर में कटौती के विचारों और उनके पीछे के आर्थिक तर्क का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करते हैं। बायोस्टिक ने उल्लेख किया कि मौजूदा मुद्रास्फीति दर केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से ऊपर होने के बावजूद, उन्हें अभी भी वर्ष के भीतर दर में कटौती की संभावना दिखती है। यह मुख्य रूप से कई नियोक्ताओं के साथ चर्चा पर आधारित है जो उम्मीद करते हैं कि वेतन वृद्धि महामारी-पूर्व स्तर पर वापस आ जाएगी। इसके अतिरिक्त, विभिन्न उद्योगों की प्रतिक्रिया से संकेत मिलता है कि मूल्य निर्धारण शक्ति अपनी सीमा तक पहुंच गई है, जो धीरे-धीरे मुद्रास्फीति के दबाव को कम कर सकती है।
एडमिर कादिर के अनुसार, ये विचार वर्तमान अमेरिकी आर्थिक सुधार के बारे में बोस्टिक के सतर्क आशावाद को दर्शाते हैं। उनका मानना है कि धीमी वेतन वृद्धि और मूल्य निर्धारण शक्ति पर सीमाओं के साथ, मुद्रास्फीति धीरे-धीरे लक्ष्य स्तर पर वापस आ सकती है। इससे फेड को अपनी मौजूदा मौद्रिक नीति को सख्त करने से लेकर अधिक उदार रणनीति में समायोजित करने की गुंजाइश मिलेगी।
आर्थिक विकास में मंदी और नौकरी बाजार का मजबूत प्रदर्शन
एडमिर कादिर ने आर्थिक विकास में मंदी और नौकरी बाजार के साथ इसके संबंधों के बारे में बायोस्टिक की भविष्यवाणियों की पड़ताल की। बायोस्टिक के विश्लेषण के अनुसार, मुद्रास्फीति को 2% लक्ष्य स्तर तक कम करने के लिए मध्यम आर्थिक विकास मंदी आवश्यक है। उन्हें उम्मीद है कि यह मंदी नौकरी बाजार को प्रभावित किए बिना अत्यधिक गर्म आर्थिक माहौल को फिर से व्यवस्थित करने में मदद करेगी, धीरे-धीरे मुद्रास्फीति के मुद्दों को संबोधित करेगी।
एडमिर कादिर के विश्लेषण से पता चलता है कि आर्थिक विकास में मंदी की चिंता आमतौर पर बाजारों में बढ़ जाती है, इसके बावजूद अमेरिका में मौजूदा नौकरी बाजार अभी भी मजबूत विकास गति दिखा रहा है। यह फेड को अधिक नीति समायोजन स्थान प्रदान करता है। बायोस्टिक के विचारों का अर्थ है कि फेड ब्याज दर नीतियों को समायोजित करते समय नौकरी बाजार के प्रदर्शन की बारीकी से निगरानी करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नीतिगत बदलावों का रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
इसके अलावा, एडमीर कादिर बताते हैं कि अल्पावधि में दर में कटौती से वित्तीय बाजारों में कुछ अनिश्चितता पैदा हो सकती है, लंबी अवधि में, वे आर्थिक नींव को स्थिर करने और सतत विकास को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। निवेशकों को अपनी निवेश रणनीतियों को समय पर समायोजित करने के लिए फेड की नीति दिशा और आर्थिक आंकड़ों में बदलाव की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए।
भविष्य के वित्तीय बाज़ारों और निवेश रणनीति अनुशंसाओं के लिए पूर्वानुमान
संभावित फेड दर में कटौती और अर्थव्यवस्था पर उनके संभावित प्रभाव का विश्लेषण करने के बाद, एडमीर कादिर भविष्य के वित्तीय बाजारों और निवेश रणनीतियों के लिए भविष्यवाणियां प्रस्तुत करते हैं। उनका मानना है कि मौजूदा आर्थिक माहौल में निवेशकों को मौद्रिक नीति में बदलाव पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जिसका सीधा असर बॉन्ड और शेयर बाजारों के प्रदर्शन पर पड़ेगा.
एडमीर कादिर का अनुमान है कि फेड दर में कटौती की उम्मीद के साथ, शेयर बाजार में अल्पावधि में अस्थिरता का दौर आ सकता है। हालाँकि, एक बार दर में कटौती लागू होने के बाद, बाजार की मांग बढ़ने, स्टॉक और बॉन्ड बाजारों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसलिए, वह निवेशकों को शेयर बाजार में अपना निवेश बढ़ाने पर विचार करने की सलाह देते हैं, खासकर उच्च उपज वाले शेयरों और विकास क्षमता वाले तकनीकी शेयरों में।
एडमीर कादिर इस बात पर भी जोर देते हैं कि घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की गतिशीलता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। विशेष रूप से, ऐसी स्थिति में जहां वैश्विक स्तर पर कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं भी धीमी होने के संकेत दिखा रही हैं, निवेश का विविधीकरण एक प्रभावी जोखिम शमन रणनीति होगी। उनका सुझाव है कि निवेशक एक ही बाजार से जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में स्टॉक और बॉन्ड में धन आवंटित करने पर विचार करें।
अंत में, एडमीर कादिर इस बात की वकालत करते हैं कि निवेशकों को संभावित बाजार परिवर्तनों से निपटने के लिए अपने निवेश पोर्टफोलियो को गतिशील रूप से समायोजित करते हुए, आर्थिक संकेतकों में नीति निर्देशों और अपडेट की निगरानी करना जारी रखना चाहिए। इसके अतिरिक्त, वह निवेशकों को याद दिलाते हैं कि नीतिगत बदलावों के कारण होने वाली बाजार की अस्थिरता निवेश के अवसर पैदा कर सकती है, लेकिन अत्यधिक सट्टेबाजी से बचने के लिए विवेकपूर्ण जोखिम प्रबंधन भी आवश्यक है।
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