में जीने के अलावा भी जीना मनुष्यधर्म में होना चाहिए...
#बिहरी #मिसिंगपर्शन
आज एक मानसिक दिव्यांग महिला की नगर में होने की सूचना प्राप्त हुई ,खबर पाते ही में उक्त स्थल पर गया और महिला से जानने की कोशिश की ,कौन हो ,कंहा से आई हो....
उक्त महिला की मानसिक स्थिति ठीक नही है व भटक कर नगर में आई है ,इसे भर पेट खाना दिया उसके बाद बहुत प्रयासों के बाद यह बोली कि #बिहरी की रहने वाली हूँ ,जो सम्भवतः #छत्तीसगढ़ में कंही है। यह महिला मेघनगर जिला झाबुआ मध्यप्रदेश में रेलवे ट्रेक के आसपास विचरण कर रही है । कोई जानता हो तो बताएं, बिहरी कंहा पढ़ता है ,हम प्रयास करेंगे इसको इसके परिवार से मिलाने का....मदद करे
झाबुआ: बोलेरो वाहन की टक्कर से पांच व्यक्ति घायल, एक गंभीर
झाबुआ, 1 मार्च (हि.स.)। जिले के थांदला थाना क्षेत्र अंतर्गत बदनावर-लिमडी मार्ग पर ग्राम परवलिया के निकट मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात एक बोलेरो वाहन की टक्कर से पांच व्यक्ति घायल हो गए। घायलों में एक की हालत गंभीर बताई गई है। हैं। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने एंबुलेंस की मदद से घायलों को थांदला के सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें झाबुआ रैफर कर दिया गया। दुर्घटना के बाद बोलेरो कुछ दूरी पर…
मलते रह गए हाथ शिकारी, उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी, अंतिम गोली ख़ुद को मारी, जियो तिवारी,जनेऊधारी #चंद्रशेखर_आज़ाद
मलते रह गए हाथ शिकारी, उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी, अंतिम गोली ख़ुद को मारी, जियो तिवारी,जनेऊधारी #चंद्रशेखर_आज़ाद
चन्द्रशेखर आज़ाद को कौन नहीं जानता, वे किसी परिचय के मोहताज नहीं है लेकिन उनके जीवन के बारे में जानना अपने आप में रोचक तथा ज्ञानवर्धक जानकारी है| चन्द्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा में हुआ था जबकि उनकी मृत्यु 27 फरवरी 1931 को इलाहबाद के…
अपने दम पर लायेंगे 370 सीट
मध्यप्रदेश के मंडला मे प्रधानमंत्री ने भरी हुंकार, रखी 7550 करोड़ की आधारशिला
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, झाबुआ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मध्यप्रदेश के झाबुआ मे आयोजित जनजातीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि मोदी मध्यप्रदेश मे झाबुआ से लोकसभा की लड़ाई का आगाज करेगा, पर मै बताना चाहता हूं कि मोदी लोकसभा प्रचार के लिए नहीं आया है। मोदी…
अक्टूबर के पहले हफ्ते से मध्य प्रदेश में मानसून की वापसी हो सकती है
सतना। 29 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है, इसके प्रभाव से अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली और मऊगंज जिले में तेज बारिश का अनुमान है।इन जिलों में तेज बारिश का अनुमानइंदौर, जबलपुर, शहडोल और रीवा संभाग में तेज…
Kadaknath: खेती-बाड़ी के साथ करें कड़कनाथ मुर्गीपालन और पाएँ बढ़िया आमदनी
कड़कनाथ को विशेष भौगोलिक पहचान यानी Geographical Indication (GI) टैग भी हासिल है। इसकी वजह से कड़कनाथ की विदेशों में भी माँग है।
मुर्गीपालन की अन्य नस्लों के मुक़ाबले कड़कनाथ को पालना आसान और कम खर्चीला है, क्योंकि इन्हें बीमारियाँ कम होती हैं। इसका रखरखाव बॉयलर और देसी मुर्गी के मुक़ाबले आसान होता है। कड़कनाथ का माँस काफ़ी स्वादिष्ट होता है। इसमें आयरन और प्रोटीन की प्रचुरता तथा कोलेस्ट्रॉल यानी फैट बेहद कम होता है। कड़कनाथ का माँस, अंडा और चूजा, सभी की ख़ूब माँग है इसीलिए बढ़िया दाम मिलते हैं।
मुर्गीपालन जहाँ बड़े-बड़े पॉल्ट्री फ़ार्म के रूप में होता है, वहीं छोटे और मझोले पैमाने पर किसान भी इसे अपनाते हैं, क्योंकि इससे उनका ‘कैश फ्लो’ यानी नकदी आमदनी बनी रहती है। इसीलिए, मुर्गीपालन को अतिरिक्त कमाई के लिए भी अपनाया जाता है। बॉयलर और देसी मुर्गी के अलावा कड़कनाथ नस्ल का भी मुर्गीपालन में अच्छा दबदबा है।
वैसे तो हरेक नस्ल की अपनी ख़ूबियाँ और ख़ामियाँ होती हैं, लेकिन कड़कनाथ की ख़ूबियों ने हाल के वर्षों में मुर्गीपालकों को ख़ासा आकर्षित किया है। इसे देखते हुए कई राज्य सरकारों और बैंकों की ओर से कड़कनाथ को प्रोत्साहित करने की योजनाएँ चलायी जा रही हैं।
क्या है GI Tag की अहमियत?
मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ और धार ज़िलों के अलावा समीपवर्ती छत्तीसगढ़ के इलाकों में कड़कनाथ नस्ल का पारम्परिक दबदबा रहा है। अब तो यहाँ के कड़कनाथ को विशेष भौगोलिक पहचा��� यानी Geographical Indication (GI) टैग भी हासिल है। इसकी वजह से कड़कनाथ की विदेशों में भी माँग है। GI Tag के ज़रिये किसी खाद्य पदार्थ, प्राकृतिक और कृषि उत्पादों तथा हस्तशिल्प के उत्पादन क्षेत्र की गारंटी दी जाती है। भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत GI Tag वाली पुख़्ता पहचान देने की शुरुआत 2013 में हुई। ये किसी ख़ास क्षेत्र की बौद्धिक सम्पदा का भी प्रतीक है। एक देश के GI Tag पर दूसरा देश दावा नहीं कर सकता। भारत के पास आज दुनिया में सबसे ज़्यादा GI Tag हैं। इसकी वजह से करीब 365 भारतीय उत्पादों की दुनिया में ख़ास पहचान है।
कम खर्चीला और आसान है कड़कनाथ को पालना
कड़कनाथ को ��्थानीय बोली में ‘कालामासी’ भी कहते हैं, क्योंकि ‘मिलेनिन पिग्मेंट’ की अधिकता वाली इस नस्ल के मुर्गे-मुर्गी का माँस, चोंच, पंख, कलंगी, टाँगे, ज़ुबान, नाख़ून, चमड़ी, हड्डी आदि सभी का रंग काला होता है। इसकी तीन प्रमुख नस्लें हैं – जेट ब्लैक, पेंसिल्ड और गोल्डन। इनमें से जेट ब्लैक यानी बिल्कुल काले नस्ल की माँग सबसे अधिक है। गोल्डन नस्ल वाले कड़कनाथ कम मिलते हैं। अन्य नस्लों के मुक़ाबले कड़कनाथ को पालना आसान और कम खर्चीला है, क्योंकि इन्हें बीमारियाँ कम होती हैं। इसका रखरखाव बॉयलर और देसी मुर्गी के मुक़ाबले आसान होता है। इन्हें बाग़ में शेड बनाकर पाला जाए तो खान-पान का ख़र्च भी किफ़ायती रहता है।
कड़कनाथ देता है ज़्यादा कमाई
देसी मुर्गी की तुलना में कड़कनाथ नस्ल के मुर्गीपालन से होने वाली कमाई काफ़ी ज़्यादा होती है। जहाँ देसी मुर्गा 700 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकता है, वहीं कड़कनाथ का दाम 900 से 1200 रुपये प्रति किलो होता है। कड़कनाथ के परिपक्व नर का वजन 1.8 से 2.3 किलोग्राम और मादा का वजन 1.25 से 1.5 किलोग्राम के आसपास होता है। कड़कनाथ मुर्गी साल में 110 से 120 अंडे देती है। इसका अंडे का वजन 30 से 35 ग्राम और रंग हल्का भूरा या गुलाबी होता है। कड़कनाथ मुर्गी का एक अंडा 25 से 50 रुपये तक बिकता है।
श्री रामचन्द्र मिशन कान्हा शांति वनम हैदराबाद में परिषद के 400 वालेंटियर्स का पॉच दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ
लोकतंत्र उदघोष रविशंकर शर्मा – – – खाचरोद। हार्टफुल नेस संस्था कान्हा शांतिवनम आश्रम हैदराबाद में पॉच दिवसीय प्रशिक्षण में जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक, जिला समनवयक, विकासखण्ड समन्वयक, नवांकुर संस्था प्रतिनिधी एवं परामर्शदाताओं द्वारा दिनांक 20 से 24 फरवरी 2023 तक प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा ! उज्जैन संभाग से देवास,उज्जैन, रतलाम,मंदसौर,नीमच,आगर, शाजापुर तथा इंदौर संभाग बुरहानपुर,झाबुआ…
भोपाल। प्रदेश में महंगाई आए दिन बढ़ती ही जा रही है। जिससे अम जीवन अस्थ-व्यस्थ होता जा रहा है। तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी ईजाफा देखा जा रहा है। जिसके चलते लगातार दूसरे दिन क्रूड ऑयल में 2 डॉलर प्रति बैरल का उछाल देखा गया है। डब्ल्यूटीआई की कीमत 77.25 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुकी है। ब्रेंट क्रूड 82.70 रुपये पर बना हुआ है।
देश के महानगरों में आज पेट्रोल और डीजल (Petrol-diesel ) की कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुए हैं। तेल कंपनियों ने नए रेट जारी कर दिए हैं। मध्यप्रदेश में फ्यूल की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। प्रदेश में पेट्रोल पर औसतन 0.09 रुपये और डीजल पर 0.08 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है।
कुछ शहर ऐसे भी है जहां पेट्रोल और डीजल(Petrol-diesel) की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है। बालाघाट में 0.79 रुपये, दमोह में 0.68 रुपये, होशंगाबाद में 0.75 रुपये, शिवनी में 1.09 रुपये की वृद्धि हुई है। इस लिस्ट में उमरिया, शहडोल, धार, डिंडौरी, बेतूल और अलीराजपुर भी शामिल है। बालाघाट में डीजल 0.82 रुपये महंगा हुआ है। शिवनी में इसकी कीमतों में 1.03 रुपये का इजाफा हुआ है। दमोह , छिंदवाड़ा, बेतूल, अलीराजपुर में वृद्धि हुई है। आज भी ईंधन में में उतार-चढ़ाव जारी है। अलग-अलग शहरों में इसकी कीमत भी अलग देखी जा रही है।
सिंगरौली, सीहोर, रतलाम, सागर, रायसेन, नरसिंहपुर, जबलपुर, ग्वालियर, देवास, भोपाल, अशोकनगर में आज पेट्रोल की कीमत 108 रुपये प्रति लीटर के आसपास है। अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, नीमच, पन्ना, सतना , शिवनी, शिवपुरी, सिंगरौली और उमरिया में इसकी कीमत 110 रुपये प्रति लीटर तक है।
अनुपुर, बालाघाट, शहडोल, शिवपुरी और रीवा में यह सबसे ज्यादा महंगा है, एक लीटर की कीमत करीब 111 रुपये है। आगर मालवा, बेतूल, भिंड, छतरपुर, दमोह , दतिया, धार, गुना, हरदा, झाबुआ, कटनी, खंडवा, खरगोन, मंडला, मंदसौर, मुरैना, राजगढ़, शाजापुर, टीकमगढ़ और उज्जैन में या यह करीब 109 प्ररुपये ति लीटर में बिक रहा है।
मध्यप्रदेश में मानसून फिर सक्रिय, तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी, तवा डेम के गेट खुले
भोपाल/इटारसी। मध्यप्रदेश में मानसून फिर सक्रिय हुआ है। अगले तीन दिन भारी बारिश के आसार हैं। कई जिलों में भारी वर्षा का रेड अलर्ट है। अगले चौबीस घंटे की बात करें तो खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन और देवास जिलों में कुछ स्थानों पर अतिभारी से अत्यधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट है। यहां वज्रपात, झंझावत, अत्यधिक भारी वर्षा 204.5 मिमी या अधिक हो सकती है।इसके अलावा सीहोर,…
कड़कनाथ ने जिंदगी में भर दी खुशियां, 30 में अंडा तो ₹1100 में बेच रहीं चिकन, जानें इन महिलाओं की कहानी
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झाबुआ में 106, अलीराजपुर में 87 और बड़वानी जिले में117 महिला हितग्राहियों ने प्रथम चरण में कड़कनाथ पालन शुरू कर दिया है.
पौष्टिकता से भरपूर कड़कनाथ मुर्गे की मांग धीरे- धीरे मार्केट में बढ़ती जा रही रहै. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ने जनजातीय महिलाओं के लिए कड़कनाथ पालन इकाई की स्थापना करने का योजना बनाई है, ताकि इन्हें रोजगार मुहैया कराया जा सके. खास बात यह है कि राज्य सरकार इस योजना के तहत…
Haryana Crime: Haryana Police SI नरेंद्र सिंह सस्पेड..बताई ये बजह
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हरियाणा: जिला रेवाडी में जिला पार्षद के लिए पत्नी को वोट दिलाने के लिए प्रचार करना पुलिस कर्मी को महंगा पड गया। चुनाव आयोग के हस्तक्षेप पर गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर ने रेवाड़ी के गांव झाबुआ निवासी सब इंस्पेक्टर नरेंद्र नम्बर-125 को निलंबित कर दिया है।
Rewari News: चार घंटे में बदले तीन ठिकाने, कारतूस के साथ काबू
बता दे कि हरियाणा पंचायत चुनाव के नामांकान जारी है। रेवाड़ी DC एवं जिला निर्वाचन अधिकारी…
श्रीजी कान्हा ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा विभिन्न प्रतिभाओ का सम्मान समारोह सपन्न
सतना। श्रीजी कान्हा ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा विभिन्न प्रतिभाओ का सम्मान श्रीमती रजनी सिंह (आई.ए. यस ) कलेक्टर झाबुआ के मुख्य आतिथ्य एवं डॉ.योगेंद्र डायरेक्टर सिंह श्रीजी कान्हा ग्लोबल फाउंडेशनके अध्यक्षता विशिस्ट अतिथि के रूप में परम्सम्माननीय लखेश्वर सिंह , शहीद करणवीर सिंह के पिता सूबेदार मेजर रवि सिंह , डॉ . स्वेता सिंह ,पी. डी. सिंह परिहार , संजय तिवारी ,वरिस्ट ब्रम्भ चारि नरोत्तम प्रभु , तरुण…