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#तिलापिया मछली पालन
helphindime01 · 3 years
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तंजानिया के बारे में रोचक तथ्य - Help Hindi Me
तंजानिया के बारे में रोचक तथ्य | Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया एक पूर्व अफ्रीकी देश है जो अपने समृद्ध वन्य जीवन के लिए जाना जाता है। तंजानिया का प्रमुख धर्म ईसाई धर्म है, इसके बाद इस्लाम है। तंजानिया की राजधानी डोडोमा है। तंजानिया की आधिकारिक मुद्रा तंजानिया शिलिंग है। तंजानिया की आधिकारिक भाषा स्वाहिली है। तंजानिया की सीमा केन्या, युगांडा, हिंद महासागर, मलाविया, कांगो, बुरुंडी और कई अन्य देशों से मिलती है।
तंज़ानिया की मुद्रा / Tanzania currency
तंजानिया शिलिंग(Tanzanian shilling)
तंज़ानिया की राजधानी(Tanzania ki rajdhani  )/Tanzania capital
डोडोमा(Dodoma)
तंज़ानिया की भाषा/Tanzania language
स्वाहिली(Swahili)
तंज़ानिया किस देश में है/Tanzania in which country
तंजानिया, पूर्वी अफ्रीकी देश  है।
तंज़ानिया की जनसंख्या/Tanzania population
5.63  crores (2018)
क्या तंज़ानिया एक देश है/is Tanzania a country
हां, तंजानिया, पूर्वी अफ्रीकी देश  है
तंज़ानिया देश कोड क्या है/Tanzania country code
+255
तंज़ानिया के लोगों का धर्म/Tanzania religion
तंजानिया का  प्रमुख धर्म ईसाई धर्म  है, इसके बाद  इस्लाम है।
तंज़ानिया के राष्ट्रीय पशु का नाम/Tanzania national animal name
मसाई जिराफ(Masai giraffe)
तंज़ानिया की राजधानी और मुद्रा/Tanzania capital and currency
राजधानी – डोडोमा  मुद्रा – तंजानिया शिलिंग
तंज़ानिया किस महाद्वीप में है/Tanzania is in which continent
अफ्रीका
तंजानिया के बारे में कुछ रोचक और मजेदार तथ्य इस प्रकार हैं:
01-10 Interesting & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया की आबादी 56.3 मिलियन है. तंजानिया की अधिकांश आबादी अश्वेत लोगों की है।
तंजानिया को 1961 में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता मिली थी।
तंजानिया का आधिकारिक नाम यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया या संयुक्त गणराज्य तंजानिया है।
तंजानिया में पक्षियों की लगभग 1100 प्रजातियां हैं, जो अफ्रीका में लगभग 2500 प्रजातियों में से हैं।
तंजानिया का झंडा तांगेयिका और ज़ांज़ीबार के झंडों से प्रेरित है। तंजानिया के ध्वज के चार रंग हैं, अर्थात् हरा, पीला, काला और नीला। हरा रंग प्राकृतिक संसाधनों और वनस्पतियों का प्रतिनिधित्व करता है, पीला खनिज संपदा का प्रतिनिधित्व करता है, काला अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करता है और नीला जल निकायों का प्रतिनिधित्व करता है।
तंजानिया के पास इतिहास में अब तक के सबसे छोटे युद्ध का रिकॉर्ड है। जंजीबार युद्ध इतिहास का सबसे छोटा युद्ध है जो तंजानिया में लड़ा गया था। ज़ांज़ीबार युद्ध ब्रिटेन और ज़ांज़ीबार सल्तनत के बीच एक सैन्य संघर्ष था जो 27 अगस्त, 1896 को 38-45 मिनट तक चला।
तंजानिया में बाओबाब पेड़ (Baobab tree) नाम का एक पेड़ पाया जाता है। बाओबाब वृक्ष का जीवनकाल 1000 वर्षों से अधिक है। यह मुख्य रूप से तंजानिया     सेरेनगेटी राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है।
दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले बाओबाब वृक्ष को 6000 साल पुराना माना जाता है।
अफ्रीका की सबसे ऊँची पर्वत चोटी किलिमंजारो पर्वत है। माउंट किलिमंजारो     तंजानिया में स्थित है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 5895 मीटर है।
माउंट किलिमंजारो एक निष्क्रिय ज्वालामुखी है जो     200000 साल पहले एक बार फट चुका है। इसलिए उम्मीद है कि निकट भविष्य में जल्द ही फिर से विस्फोट हो सकता है
        डायनासोर के बारे में रोचक तथ्य         11-20 Interesting     & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया में लगभग 38 प्रतिशत भूमि,वन्यजीवों के लिए पार्क, भंडार     और संरक्षण क्षेत्रों के लिए समर्पित है। तंजानिया     में यह 38 प्रतिशत भूमि जर्मनी के आकार के लगभग बराबर है।
तंजानिया में एक सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान है जो हर साल दुनिया में सबसे बड़ा स्तनपायी प्रवास होता है। इस सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान में, भोजन, आश्रय खोजने या शिकारियों     से खुद को सुरक्षित करने के लिए हर साल कई जानवर समूहों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।
“मानव का सबसे प्राचीन जीवाश्म” जो प्रागैतिहासिक     पत्थर के औजार हैं और जीवाश्म, तंजानिया में पाए गए थे।
तंजानिया में दुनिया में प्रति वर्ग किमी जानवरों की सबसे बड़ी आबादी है। इसका मतलब है कि यहां दुनिया में जानवरों की सबसे अधिक सघनता है।
तंजानिया में शेरों की प्रजातियों का एक दुर्लभ समूह है जो पेड़ों पर चढ़ सकता है। हालांकि यह कैसे संभव है इसके बारे में अभी तक कोई उचित कारण नहीं बताया गया है। ये शेर आमतौर पर सेरेनगेटी और मन्यारा पार्क में पाए जाते हैं।
तंजानिया अपने प्रचुर वन्य जीवन और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को बहुत सुरक्षा प्रदान करता है।
तंजानिया में 3.6 मिलियन वर्ष पुराने मानव पैरों के निशान पाए गए थे। वह हमारे पूर्वजों के पैरों के निशान थे।
तंजानिया में सेलर गेम रिजर्व में दुनिया में हाथियों की सबसे बड़ी आबादी है।
तंजानिया की तांगानिका झील (Lake Tanganyika) मात्रा और गहराई में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है। तांगानिका झील चार देशों से संबंधित है, बुरुंडी, ज़म्बो, कांगो और तंजानिया।     हालांकि झील का अधिकांश हिस्सा तंजानिया का है।
किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊँचा एकल फ़्रीस्टैंडिंग पर्वत है और यह लगभग हर पारिस्थितिक प्रणाली का घर भी है।         हाइना के बारे में रोचक तथ्य         21-30 Interesting     & Amazing facts about Tanzania in Hindi
ज़ांज़ीबार द्वीप भारतीय महासागर में एक द्वीपसमूह है यह तंजानिया का एक हिस्सा है। ज़ांज़ीबार अपनी प्राकृतिक छटा और सुंदरता के कारण अफ्रीका के सबसे ज्यादा पर्यटकों द्वारा देखे जाने वाले द्वीपों में से एक है। हालांकि ऐसा माना जाता है की यह 20000 साल पहले बसा था।
लोगों का मानना ​​है कि तंजानिया की राजधानी दार-ए-सलाम (Tanzania     Dar es salaam) है, जिसका अर्थ शांति का पैगाम है। लेकिन देश की आधिकारिक राजधानी 1974 से डोडोमा शहर है।
तंजानिया अफ्रीका के कुछ सबसे सुंदर समुद्र तटों और परिदृश्य का घर है।
सेरेंगेटी(Serengeti) राष्ट्रीय उद्यान विश्व धरोहर स्थल है और बड़े जानवरों की 1 मिलियन से अधिक प्रजातियों     का घर है।
“नागोरोगोरो     क्रेटर” (Ngorongoro Crater) दुनिया का सबसे बड़ा अखंड कैलंडर है जो तंजानिया में स्थित है। इसे अक्सर “अफ्रीका के गार्डन ऑफ़ ईडन” के रूप में जाना जाता है। यह शेर, तेंदुआ, गैंडा, हाथी और दरियाई घोड़े सहित     30,000 से अधिक जानवरों का घर है।
तंजानिया में 120 से अधिक जनजातियां हैं और प्रसिद्ध, मसाई संस्कृति भी वहां बसी हुई है। मसाई संस्कृति भी केन्या तक फैली हुई है।
तंजानिया के व्यंजनों में मगरमच्छ, मृग, तिलापिया मछली और यहां तक ​​कि शुतुरमुर्ग शामिल हैं।
तंजानिया की सबसे बड़ी और प्रमुख जनजाति सुकिमा जनजाति है। यद्यपि प्रत्येक     जनजाति के जीवन को बनाए रखने का एक अनूठा तरीका है। कुछ जनजातियाँ शिकार करती हैं, कुछ आधुनिक संस्कृति का पालन करती हैं जबकि कुछ पैसे के बदले में पर्यटकों का स्वागत करती हैं।
तंजानिया की झीलों में भी दुनिया के सबसे बड़े केकड़े हैं। इन्हें नारियल केकड़े कहा जाता है।
अपने समृद्ध वन्य जीवन के बाद भी, तंजानिया दुनिया के सबसे गरीब पंद्रह देशों में से एक है।         ऊंट के बारे में रोचक तथ्य         31-37 Interesting     & Amazing facts about Tanzania in Hindi
तंजानिया में राहा पार्क दुनिया के शेरों की आबादी का 10 प्रतिशत रखता है।
तंजानिया में समय बताने का पारंपरिक तरीका सूर्य के अनुसार है। इसका मतलब है कि अगर सूरज 6 बजे उगता है, तो 7:00 बजे तंजानिया में 1 बजेगा। यह समय बताने के ‘पारंपरिक स्वाहिली तंजानिया’ के रूप में जाना जाता है।
तंजानिया सफारी में स्कूबा डाइविंग काफी लोकप्रिय है। एक व्यक्ति अद्भुत और अनूठे पानी के नीचे के जीवों को देख सकता है, जैसे कि शेरफिश, सीहोर, ग्रीन कछुआ, मेंढक, मछली आदि।
तांगानिका झील दुनिया के 8 प्रतिशत ताजे पानी के लिए है। यह लगभग 500 मछली प्रजातियों का घर भी है।
तांगानिका झील दुनिया की सबसे लंबी ताजे पानी की झील है।
तंजानिया में दार-ए-सलाम सबसे बड़ा शहर है। यह सबसे महत्वपूर्ण     शहरी केंद्र भी है।
तंजानिया के माउंट किलिमंजारो, सेरेन्गेटी राष्ट्रीय उद्यान और नोगोरोंगो क्रेटर अफ्रीका के सात प्राकृतिक आश्चर्यों की सूची में अपना स्थान बनाते हैं।
https://helphindime.in/interesting-amazing-facts-about-tanzania-in-hindi/
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getdreamjobonline · 3 years
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Kisan Diwas 2020: कम जगह और कम पानी में ऐसे करें मछली पालन की शुरुआत, जानें पूरी डिटेल्स
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Kisan Diwas 2020: देश में मांस और मछली की बढ़ती खपत को देखते हुए मत्स्य पालक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नयी तकनीक को अपना रहें है। इसके लिए कम पानी और कम खर्च में अधिक से अधिक मछली उत्पादन करने हेतु बायोफ्लॉक तकनीक अपना रहे है। बायोफ्लॉक तकनीक एक आधुनिक व वैज्ञानिक तरीका है। मछली पालन के इस तकनीक को अपनाते हुए मत्स्य पालक न सिर्फ नीली क्रांति के अग्रदूत बनेंगे बल्कि बेरोजगारी से भी मुक्ति मिलेगी। बायोफ्लॉक तकनीक के माध्यम से किसान बिना तालाब की खुदाई किए एक टैंक में मछली पालन कर सकेंगे।
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बायोफ्लॉक तकनीकी यह कम लागत और सीमित जगह में अधिक उत्पादन देने वाली तकनीकी है। इस तकनीकी में टैंक सिस्टम में उपकारी बैक्टीरिया के द्वारा मछलियों की विष्ठा और अतरिक्त भोजन को प्रोटीन सेल में परिवर्तित कर मछलियों के भोज्य पदार्थ के रूप में रूपांतरित कर दिया जाता है।
बायोफ्लोक्स, शैवाल, बैक्टीरिया, प्रोटोजोअन और कार्बनिक पदार्थों जैसे- मछली की विष्ठा और अतरिक्त भोजन के समुच्चय होते हैं। इसम��ं 25 से 50 प्रतिशत प्रोटीन तथा 5 से 15 प्रतिशत वसा होती है. बायोफ्लोक्स विटामिन और खनिजों का भी अच्छा स्रोत हैं, खासकर फॉस्फोरस।
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* बायोफ्लोक्स पर प्रोबायोटिक का भी प्रभाव हो सकता है. * बायोफ्लोक्स दो महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है- अतरित भोजन के अपशिष्ठों का उपचार और पोषण प्रदान करना। * बायोफ्लोक सिस्टम कम पानी के आदान-प्रदान के साथ काम करता हैं (प्रति दिन केवल 5 से 1 प्रतिशत पानी बदलना पड़ता है) * बायोफ्लोक सिस्टम में लगातार पानी का मिश्रण और वातन करना आवश्यक होता है।
आवश्यक संसाधन सीमेंट टैंक/ तारपोलिन टैंक, एयरेशन सिस्टम, विधुत उपलब्धता, प्रोबायोटिक्स, मत्स्य बीज,
पालन योग्य मछली प्रजातियां पंगेसियस, तिलापिया, देशी मांगुर, सिंघी, कोई कार्प, पाब्दा, एवं कॉमन कार्प.
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आर्थिक लाभ इस तकनीकी से 10 हजार लीटर क्षमता के टैंक (एक बार की लागत रु. 32 हजार, 5 वर्ष हेतु) से लगभग छः माह (पालन लागत रु. 24 हजार) में विक्रय योग्य 3.4 किंवटल मछली ( मूल्य 40 हजार) का उत्पादन कर अतरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है। इस तरह वार्षिक शुद्ध लाभ रु. 25 हजार एक टैंक से प्राप्त किया जा सकता है। यदि मंहगी मछलियों का उत्पादन किया जाये तो यह लाभ 4.5 गुना अधिक हो सकता है।
बायो फ्लॉक तकनीकी के फायदे * काम लागत, सीमित जगह एवं अधिक उत्पादन। * अनउपयोगी जमीन एवं अति सीमित पानी का उपयोग। * अतिसीमित श्रमिक लागत एवं चोरी के भय से मुक्ति।
मछली पालन क्यों करें या मछली पालन के व्यवसाय में क्यों आएं? बायो फ्लॉक मछली पालन भारत में काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि करीबन 60 प्रतिशत आबादी मछली खाना पसंद करती है. भारत में मछली की मांग बढ़ने के मुख्य कारण हैं – एक तो मछली काफी स्वादिष्ट होती है व् मछली प्रोटीन व विटामिन का प्रचुर स्रोत है! आज के युग में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक हैं इसलिए अपने शौक व स्वास्थय सम्बंधित जरूरतों के लिए मछली का सेवन करना पसंद करते हैं! इन्ही कुछ कारणों से बायो फ्लॉक मछली पालन व्यवसाय तेजी से पनप रहा है और अगर कृषि से सम्बंधित व्यापारों की बात करें तो भारतीय अर्थवयवस्था में मछली पालन उद्योग की हिस्सेदारी तक़रीबन 4.6% से जयादा है!
भारत में मछली पालन व्यवसाय की सम्भावना या भविष्य भारत में व्यवसायिक तौर पर मछली पालन (Fish Farming) की प्रचुर संभावना है क्योंकि … 1- भारत में मुख्य तौर पर 60% लोग मछली का सेवन करना पसंद करते हैं 2- मछलियों में प्रोटीन की मात्रा अच्छी होने से इसकी मांग व कीमत हमेशा अच्छी बनी रहती है 3- भारत में मछलियों के लिए मौसम की अनुकूलता की वजह से किसी भी तरह के नुकसान की सम्भावना अन्य व्यसाया की अपेक्षा कम होती है 4- भारत में खेती योग्य मछलियों की काफी सारी प्रजातियां व् उपजातिया आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं जिन्हे लोग बड़े चाव से कहते हैं 5- आप उनमेसे से उस नस्ल का चुनाव कर सकते हैं जो जल्दी बड़ी होती हैं व उनका व्यापारिक दृष्टि से मूल्य भी अच्छा मिलता है
"भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस परियोजना के अंर्तगत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत अनुदान की राशि दी जाती है। तथा कमजोर वर्ग जिसके अंर्तगत महिला, एससी, एसटी सम्मिलित हैं, उन्हें 60 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है। इस प्रकार 50 लाख पर 30 लाख रुपए ( महिला, एससी, एसटी) राशि का प्रावधान है और सामान्य वर्ग को 20 लाख रुपए की राशि का प्रावधान है।"
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/kisan-diwas-2020-how-to-start-fish-farming-6589345/
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everythingbychoice · 4 years
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कई तरह के जलीय पौधों और जलकुंभियों के चलते धीरे-धीरे उथले होते जा रहे दलपतसागर में अब एक और कंटीले जलीय पौधे की उपस्थिति देखी गई है। जो आने वाले दिनों में खतरा हो सकता है। यह कंटीला पौधा मछुआरों के जाल में फंस जाता है। यह कटीला और भंगुर पौधा है जो विश्व के लगभग सभी भागों में फैला हुआ है। यह समुद्र और स्वच्छ जल दोनों में पाया जाता है। जीव विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील दत्ता ने हाल ही में इसे दलपतसागर में उस समय देखा जब वे जलीय पक्षियों की खोज में वहां पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि यह पौधा काफी तेजी से पानी में फैलता है। इसका वैज्ञानिक नाम नाजास मरीना है। लगभग 50 सेमी लंबा यह कंटीला और भंगुर पौधा है, जिसकी पत्तियों के किनारे पर भी आरी के समान नुकीली संरचनाएं निकली होती हैं। तने में भी कांटा पाया जाता है। यह एकलिंगी पौधा है। गर्मियों में इसमें फूल आते हैं लेकिन पौधे में निषेचन पानी की सतह के नीचे ही होता है। हवाई द्वीप समूह में कभी इसे भोजन के लिए उगाया जाता था। यह पौधा तिलापिया सहित अन्य बड़ी मछलियों के लिए भोजन है। लेकिन इस वर्ष बरसात में मछली के बीज नहीं छोड़े जा सके थे। यदि ग्रासकॉर्प मछली के बीज अधिक संख्या में छोड़े जाएं तो संभवतः वे इसका भक्षण कर सकते हैं। पूरे जलाशय में फैला हुए हैं ये पौधे मछुआरे भगत और विजय निषाद ने बताया कि यह पौधा दलपतसागर में ठंड के मौसम से ही दिख रहा है। पहले यह कम था लेकिन अब यह दलपतसागर के शिव मंदिर से लेकर आइलैंड तक और मछली पालन विभाग के तालाबों से लेकर बालाजी मंदिर के आगे हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी तक किनारे की तरफ फैल चुका है। मछुआरों ने बताया कि इससे सबसे बड़ी दिक्कत मछली पकड़ने में आती है, क्योंकि जाल डालने पर यह जलीय पौधा उसमें फंस जाता है, और निकालते समय हाथ में चुभता है वहीं जाल भी फट रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक जल में नाइट्रोजन और फास्फोरस युक्त प्रदूषण प्रचुर मात्रा में है जो ऐसे जलीय पौधों के फलने फूलने में सहायक होते हैं। गरियाबंद और रायपुर में भी देखा गया: वनस्पति विज्ञान विशेषज्ञ और पर्यावरणविद डॉ. एमएल नायक ने बताया कि इस पौधे को उन्होंने गरियाबंद के जंगल में बहने वाले नदी और रायपुर के एक तालाब में भी देखा है। यह काफी तेजी से फैलता है, इस पर नियंत्रण जरूरी है।
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Thorny aquatic plants are also seen in Dalpatasagar facing pollution
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gethealthy18-blog · 4 years
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तिलापिया मछली के फायदे और नुकसान – Tilapia Fish Benefits and Side Effects in Hindi
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तिलापिया मछली के फायदे और नुकसान – Tilapia Fish Benefits and Side Effects in Hindi
तिलापिया मछली के फायदे और नुकसान – Tilapia Fish Benefits and Side Effects in Hindi Soumya Vyas Hyderabd040-395603080 January 14, 2020
दुनियाभर में लोग विभिन्न प्रकार के शाकाहारी और मांसाहारी भोजन का आनंद उठाते हैं। वहीं, जब हम बात सिर्फ सी-फूड्स की करें, तो मछलियों का जिक्र होना तय है। स्वास्थ्य के लिए मछलियों का सेवन लाभदायक माना जाता है। तिलापिया मछली का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। डॉक्टरी परामर्श पर इसका सेवन करने से तिलापिया मछली के फायदे लेख में बताई गई शारीरिक समस्याओं के लक्षण और प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसका सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि यह अपने आप में कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है और ठीक तरह से उपयोग न करने पर तिलापिया मछली के नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में भी लेख के अंत में बताया गया है।
तिलापिया मछली के बारे में बाकी जानकारी जानने से पहले आइए आपको बता दें कि तिलापिया मछली क्‍या है।
विषय सूची
तिलापिया मछली क्‍या है? – What is Tilapia Fish in Hindi
तिलापिया मछली पोषण और स्वाद से भरपूर एक खास मछली है। इसे अक्वाटिक चिकन (Aquatic Chicken) भी कहा जाता है। अन्य देशों के साथ भारत में भी तिलापिया मछली का पालन किया जाता है। इसके लाजवाब स्वाद के कारण इसका उपयोग कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है। तिलापिया मछली के पोषक तत्वों की बात करें, तो इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और ऊर्जा पाई जाती है। साथ ही इसमें मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक व सोडियम जैसे जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं (1)। इसके स्वास्थ्य लाभ क्या-क्या हो सकते हैं, यह जानकारी नीचे दी गई है।
अगले भाग में जानिए सेहत के लिए तिलापिया मछली से फायदे क्या हैं।
तिलापिया मछली के फायदे – Benefits of Tilapia Fish in Hindi
तिलापिया मछली को खाने का बेहतरीन पौष्टिक विकल्प माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह मछली लो-फैट होने के है साथ-साथ मिनरल व विटामिन से भरपूर होती है। इस लिहाज से यह सेहत के लिए फायदेमंद है (2)। नीचे जानिए कि तिलापिया मछली में पाए जाने वाले ये पोषक तत्व सेहत के लिए किस तरह फायदेमंद हो सकते हैं। 
1. हड्डियों के लिए तिलापिया मछली के फायदे
तिलापिया मछली का उपयोग हड्डियों के लिए लाभदायक हो सकता है। इसमें ऐसे कई तरह से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जैसे प्रोटीन, फास्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम व विटामिन आदि (1)। ये सभी पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत रखने के साथ-साथ बोन डेंसिटी यानी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (3)।  
2. मस्तिष्क के लिए लाभदायक
तिलपिया मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो दिमाग के लिए फायदेमंद हो सकता है (2)। माना जाता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो न्यूरॉन्स को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं, जिससे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग जैसे अल्जाइमर (दिमाग से जुड़ा विकार, जिसमें याददाश्त कमजोर होने लगती है) और पार्किंसन्स (दिमाग से जुड़ा विकार, जिसमें शरीर अपना संतुलन खोने लगता है) से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद कर सकता है (4)।
3. हृदय को स्वस्थ बनाए रखे
तिलापिया मछली के फायदे दिल को स्वस्थ बनाए रखने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि तिलापिया मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध होती है। यह फैटी एसिड दिमाग के साथ हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है (2)। ओमेगा-3 फैटी एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (एक प्रकार का फैट) के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है, जिससे दिल को स्वस्थ रखने और हृदय रोग से बचने में मदद मिल सकती है (5)।
ओमेगा 3 फैटी एसिड की अधिक मात्रा का सेवन करने से यह लाभ पाया जा सकता है, लेकिन ऐसे में यह ध्यान रखना आवश्यक है कि तिलापिया फिश में ओमेगा-3 की कम और ओमेगा-6 की अधिक मात्रा पाई जाती है। इन दो फैटी एसिड के मध्य असंतुलन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है (6)। इसलिए, हृदय के लिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर परामर्श जरूर करें।
4. कैंसर के खतरे को करे कम
एंटी कैंसर खाद्य पदार्थों की बात करें, तो उनमें समुद्री जीवों जैसे तिलापिया मछली का उपयोग किया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन, हेप्सिडिन (TH) 1-5 में एंटीट्यूमर गुण होते हैं, जो कैंसर सेल्स को पनपने से रोक सकते हैं (7)। साथ ही यह प्रोटीन फाइब्रोसारकोमा सेल्स (एक प्रकार के कैंसर सेल्स) के खिलाफ एंटी कैंसर एजेंट की तरह काम कर सकता है। दरअसल, यह एक कीमोथेरेपी एजेंट (एक प्रकार का कैंसर ट्रीटमेंट) की तरह काम करता है, जिसकी वजह से तिलापिया मछली के फायदे कैंसर के खतरे से बचाने में मदद कर सकते हैं (8)। यहां हम यही सलाह देंगे कि इस फायदे के लिए तिलापिया मछली का सेवन और इसकी मात्रा के बारे में डॉक्टर से परामर्श करना एक उचित निर्णय होगा।
5. त्वचा के लिए तिलापिया मछली के फायदे
पराबैंगनी किरणें त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षण दिखने का कारण बन सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप रूखी त्वचा, झुर्रियां व पिगमेंटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं (9)। ऐसे में तिलापिया मछली के फायदे त्वचा को बढ़ती उम्र के इन लक्षणों से बचाने में कारगर साबित हो सकते हैं। दरअसल, एक शोध के अनुसार, तिलापिया मछली में मौजूद जिलेटिन पेप्टाइड (Gelatin Peptides) त्वचा को यूवी किरणों के दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं। ये त्वचा में मौजूद कोलेजन और लिपिड को यूवी किरणों के प्रभाव से बचाकर उसे स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (10)।
तिलापिया मछली के फायदे उसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से काम करते हैं, जिनके बारे में आप लेख के अगले भाग में जानेंगे।
तिलापिया मछली के पौष्टिक तत्व – Tilapia Fish Nutritional Value in Hindi
तिलापिया मछली में नीचे बताए गए पोषक तत्व पाए जाते हैं (1) :
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम पानी  78.08 ग्राम ऊर्जा 96 kcal प्रोटीन 20.08 ग्राम फैट 1.7 ग्राम मिनरल कैल्शियम 10 मिलीग्राम आयरन 0.56 मिलीग्राम मैग्नीशियम 27 मिलीग्राम फास्फोरस 170 मिलीग्राम पोटैशियम 302 मिलीग्राम सोडियम 52 मिलीग्राम जिंक 0.33 मिलीग्राम  कॉपर 0.075 मिलीग्राम सिलेनियम 41.8 माइक्रोग्राम मैंगनीज 0.037 मिलीग्राम विटामिन थियामिन 0.041 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन 0.063 मिलीग्राम नियासिन 3.903 मिलीग्राम विटामिन-बी 6 0.162 मिलीग्राम फोलेट 24 माइक्रोग्राम कोलीन 42.5 मिलीग्राम विटामिन बी-12 1.58 माइक्रोग्राम विटामिन-D, IU 124 आईयू विटामिन-ई (alpha-tocopherol) 0.4 माइक्रोग्राम विटामिन-के 1.4  माइक्रोग्राम लिपिड फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड 0.585 ग्राम फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.498 ग्राम फैटी एसिड टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.363 ग्राम
पोषक तत्वों का फायदा सही तरीके से उठाने के लिए तिलापिया मछली के उपयोग के बारे में जानना जरूरी है। इस बारे में आप लेख के अगले भाग में जानेंगे।
तिलापिया मछली का उपयोग – How to Use Tilapia Fish in Hindi
कैसे करें तिलापिया मछली का उपयोग :
तिलापिया मछली को विभिन्न हर्ब्स के साथ बेक करके खाया जा सकता है।
आप चाहें तो तिलापिया मछली का सूप बना सकते हैं।
टमाटर, प्याज और अन्य मसालों की प्यूरी बनाकर आप मसालेदार तिलापिया मछली बना सकते हैं।
तिलापिया मछली की फिश करी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
विभिन्न हर्ब्स जैसे – अजवायन के पत्ते, थाइम (thyme – अजवायन के फूल) व तुलसी आदि के साथ इसे ग्रिल करके भी खाया जा सकता है।
कब करें तिलापिया मछली का उपयोग : तिलापिया मछली का उपयोग स्नैक्स, दोपहर के खाने और डिनर में किया जा सकता है। माना जाता है कि तिलापिया मछली की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन ठंड में करने की सलाह दी जाती है। फिलहाल, इस बात पर कोई शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसा लोगों की मान्यताओं के आधार पर कहा जा सकता है।
कितना करें तिलापिया मछली का उपयोग : एक बार में लगभग 85 ग्राम (3 आउंस) तिलापिया मछली का सेवन किया जा सकता है। इतनी मात्रा में 109 कैलोरीज होती हैं (11)।
इसके फायदे और उपयोग बताने के बाद, आइए आपको बताएं कि तिलापिया मछली के नुकसान क्या हो सकते हैं।
तिलापिया मछली के नुकसान – Side Effects of Tilapia Fish in Hindi
कुछ मामलो में तिलापिया मछली के नुकसान देखे गए हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
आर्सेनिक विषाक्ता : शोध में पाया गया है कि तिलापिया मछली में आर्सेनिक (एक प्रकार का धातु) पाया जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है (12)। माना जाता है कि शरीर में आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा होने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है (13)।
मरकरी विषाक्ता (Mercury Toxicity): तिलपिया मछली के नुकसान में धातु विषाक्ता भी शामिल है। इस मछली में पाई जाने वाली मरकरी शरीर में कई तरह की समस्याओं, जैसे – कमजोर नजर, शरीर का संतुलन बनाए रखने में समस्या, बोलने, सुनने व चलने में मुश्किल होना और कमजोर मांसपेशियां आदि का कारण बन सकता है (14) (15)।
फैटी एसिड का असंतुलित स्तर : तिलापिया मछली में ओमेगा-6 फैटी एसिड और ओमेगा-3 फैटी एसिड के असंतुलित स्तर पाए जाते हैं। इसमें एराकिडोनिक एसिड (एक प्रकार का ओमेगा-6 फैटी एसिड) की मात्रा ज्यादा होती है, जिस कारण यह शरीर में इन्फ्लेमेशन, हृदय रोग और अन्य बीमारियों की वजह बन सकता है (6)।
तिलापिया मछली के नुकसान और आहार विशेषज्ञ के परामर्श पर इसकी सही मात्रा का ध्यान रखकर इसके स्वास्थ्य फायदे लिए जा सकते हैं। इसका सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि तिलापिया मछली किसी मेडिकल ट्रीटमेंट की तरह लेख में बताई गईं बीमारियों को जड़ से खत्म नहीं कर सकती है, लेकिन इनसे बचाव के लिए यह एक विकल्प जरूर बन सकती है। आप बताए गए तरीकों से इस स्वादिष्ट मछली का लुत्फ उठा सकते हैं। साथ ही इसके सेवन के दौरान अगर किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, अगर तिलापिया मछली से जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमसे संपर्क कर सकते हैं।
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Soumya Vyas
सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/tilapia-machli-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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