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#पटना-बिलासपुर एक्सप्रेस
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वो ट्रेन हादसा जिसमें गई थी 800 लोगों की जान…जाने अब तक के हुए बड़े हादसों के बारे में…
शुक्रवार को पंजाब के अमृतसर में चौड़ा बाजार में रावण दहन देख रहे लोगों के साथ एक भयानक ट्रेन हादसा हो गया जिसमें अभी तक करीब 64 लोगों की मौ त की पुष्टि हो चुकी है और यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. यह इस साल के सबसे बड़े ट्रेन हादसे में से एक है, इसके साथ ही इस हादसे ने भारत में अब तक हुए कई भयानक ट्रेन हादसों की कडवी यादें ताजा कर दी. देश में इससे पहले भी कई ट्रेन हादसे हो चुके है जिसमें बड़ी संख्या में लोग अपनी जिंदगी खो बैठे.
भारत में ट्रेन से हुए बड़े हादसे पर एक नजर डालते है. देश में अब तक का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा बिहार में हुआ था. यह घटना 6 जून 1981 को हुई थी. यह दुघर्टना तूफान के कारण हुई थी. ऐसा कहा जाता है कि तूफान की गति इतनी तेज थी कि ट्रेन संभल नही सकी और एक नदी में जा गिरी. इस दुघर्टना में 800 लोगों की जान चली गई थी, जबकि करीबन 1000 लोग घायल हुए थे.
रेलगाड़ी के पटरी से उतरने पर हुए हादसे
हीराखंड एक्सप्रेस आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िले में 22 जनवरी 2017 को निकल रही थी उसी दौरान आठ डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से क़रीब 39 लोगों की जान चली गई थी.
कानपुर के पास पुखरायां में 20 नवंबर 2016 को एक और बड़ा रेल हादसा हुआ. ट्रेन उतरने से 150 से ज़्यादा लोग हमारे बीच से चले गए थे.
देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस 20 मार्च 2015 को अचानक से पटरी से उतर गई थी. इस दुर्घटना में 34 लोग दुनिया से चले गए थे.
पश्चिम बंगाल में 28 मई, 2010 में संदिग्ध नक्सली हमले के चलते ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी गई थी. जिसके चलते 170 लोग दुनिया छोड़ के चलते गए थे.
रेलगाड़ी में आग लगने के कराण हुए हादसे
28 दिसंबर 2013 को बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन में आग लग गई थी जिसकी चपेट में 26 लोग आ गए थे. इसी साल 19 अगस्त को बिहार के खगड़िया ज़िले में राज्यरानी एक्सप्रेस के आग की चपेट में आने से 28 लोगों की जान चली गई थी.
देश की रेलवे के इतिहास में साल 2012 सबसे बुरा साल साबित हुआ था. इस साल कई भयानक हादसों से रेलवे को सामना करना पड़ा. इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए इनमें पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के मामले शामिल हैं.
30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लगने से 30 से ज़्यादा लोग अपनी जान गवां बैठे.
15 मई 2003 में पंजाब के लुधियाना के करीब फ़्रंटियर मेल में आग लगने से करीबन 38 लोग मा रे गए.
पटना के पास 16 अप्रैल 1990 को एक रेल में आग लगने से 70 लोगों की मौ त हो गई थी.
ट्रेन के टक्कर से हुए हादसे
यूपी में 7 जुलाई 2011 को ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौ त हो गई.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में 20 सितंबर 2010 में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई थी जिसमें 33 लोगों की जान चली गई और 160 से ज़्यादा लोग घायल हुए.
पश्चिम बंगाल में 19 जुलाई 2010 उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस आपस में टक्करा गई. जिसमें 62 लोगों की मौत हुई और डेढ़ सौ से ज़्यादा लोग घायल हुए.
20 अगस्त 1995 को नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से फ़िरोजाबाद यूपी में टकराई. जिसमें 250 की मौ त, 250 लोग घायल हुए थे.
दिल्ली की ओर जा रही ब्रह्पुत्र मेल 3 अगस्त 1999 में अवध-असम एक्सप्रेस से गैसल, पश्चिम बंगाल में टकराई. जिस हादसे में 285 की जान चली और वहीं 312 घायल हुए थे.
कोटा-बीना एक्सप्रेस 21 दिसंबर 1993 में मालगाड़ी से टक्कराई यह टक्कर राजस्थान में हुई जिसमें 71 की मौ त और तमाम लोग घायल हुए थे.
26 नवंबर 1998 में फ्रंटियर मेल सियालदाह एक्सप्रेस खन्ना पंजाब में टकराई. इस हादसे में 108 लोगों की जान चली गई थी और 120 लोग घायल हुए.
ट्रेन के नदी में गिरने से हुए हादसे
बिहार में 6 जून 1981 में एक भयानक तूफान के चलते एक ट्रेन नदी में जा गिरी. इस हादसे में 800 लोगों की मौ#त हुई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गये थे.
14 सितंबर 1997 को अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक नदी में जा गिरी इस हादसे में 81 की जान गई और 100 घायल लोग घायल हुए.
22 जून 2001 को मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी जिसमें 59 लोग मा रे गए.
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jodhpurnews24 · 6 years
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वो ट्रेन हादसा जिसमें गई थी 800 लोगों की जान…जाने अब तक के हुए बड़े हादसों के बारे में…
शुक्रवार को पंजाब के अमृतसर में चौड़ा बाजार में रावण दहन देख रहे लोगों के साथ एक भयानक ट्रेन हादसा हो गया जिसमें अभी तक करीब 64 लोगों की मौ त की पुष्टि हो चुकी है और यह आंकड़ा और भी ��ढ़ सकता है. यह इस साल के सबसे बड़े ट्रेन हादसे में से एक है, इसके साथ ही इस हादसे ने भारत में अब तक हुए कई भयानक ट्रेन हादसों की कडवी यादें ताजा कर दी. देश में इससे पहले भी कई ट्रेन हादसे हो चुके है जिसमें बड़ी संख्या में लोग अपनी जिंदगी खो बैठे.
भारत में ट्रेन से हुए बड़े हादसे पर एक नजर डालते है. देश में अब तक का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा बिहार में हुआ था. यह घटना 6 जून 1981 को हुई थी. यह दुघर्टना तूफान के कारण हुई थी. ऐसा कहा जाता है कि तूफान की गति इतनी तेज थी कि ट्रेन संभल नही सकी और एक नदी में जा गिरी. इस दुघर्टना में 800 लोगों की जान चली गई थी, जबकि करीबन 1000 लोग घायल हुए थे.
रेलगाड़ी के पटरी से उतरने पर हुए हादसे
हीराखंड एक्सप्रेस आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िले में 22 जनवरी 2017 को निकल रही थी उसी दौरान आठ डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से क़रीब 39 लोगों की जान चली गई थी.
कानपुर के पास पुखरायां में 20 नवंबर 2016 को एक और बड़ा रेल हादसा हुआ. ट्रेन उतरने से 150 से ज़्यादा लोग हमारे बीच से चले गए थे.
देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस 20 मार्च 2015 को अचानक से पटरी से उतर गई थी. इस दुर्घटना में 34 लोग दुनिया से चले गए थे.
पश्चिम बंगाल में 28 मई, 2010 में संदिग्ध नक्सली हमले के चलते ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी गई थी. जिसके चलते 170 लोग दुनिया छोड़ के चलते गए थे.
रेलगाड़ी में आग लगने के कराण हुए हादसे
28 दिसंबर 2013 को बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन में आग लग गई थी जिसकी चपेट में 26 लोग आ गए थे. इसी साल 19 अगस्त को बिहार के खगड़िया ज़िले में राज्यरानी एक्सप्रेस के आग की चपेट में आने से 28 लोगों की जान चली गई थी.
देश की रेलवे के इतिहास में साल 2012 सबसे बुरा साल साबित हुआ था. इस साल कई भयानक हादसों से रेलवे को सामना करना पड़ा. इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए इनमें पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के मामले शामिल हैं.
30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लगने से 30 से ज़्यादा लोग अपनी जान गवां बैठे.
15 मई 2003 में पंजाब के लुधियाना के करीब फ़्रंटियर मेल में आग लगने से करीबन 38 लोग मा रे गए.
पटना के पास 16 अप्रैल 1990 को एक रेल में आग लगने से 70 लोगों की मौ त हो गई थी.
ट्रेन के टक्कर से हुए हादसे
यूपी में 7 जुलाई 2011 को ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौ त हो गई.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी में 20 सितंबर 2010 में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई थी जिसमें 33 लोगों की जान चली गई और 160 से ज़्यादा लोग घायल हुए.
पश्चिम बंगाल में 19 जुलाई 2010 उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस आपस में टक्करा गई. जिसमें 62 लोगों की मौत हुई और डेढ़ सौ से ज़्यादा लोग घायल हुए.
20 अगस्त 1995 को नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से फ़िरोजाबाद यूपी में टकराई. जिसमें 250 की मौ त, 250 लोग घायल हुए थे.
दिल्ली की ओर जा रही ब्रह्पुत्र मेल 3 अगस्त 1999 में अवध-असम एक्सप्रेस से गैसल, पश्चिम बंगाल में टकराई. जिस हादसे में 285 की जान चली और वहीं 312 घायल हुए थे.
कोटा-बीना एक्सप्रेस 21 दिसंबर 1993 में मालगाड़ी से टक्कराई यह टक्कर राजस्थान में हुई जिसमें 71 की मौ त और तमाम लोग घायल हुए थे.
26 नवंबर 1998 में फ्रंटियर मेल सियालदाह एक्सप्रेस खन्ना पंजाब में टकराई. इस हादसे में 108 लोगों की जान चली गई थी और 120 लोग घायल हुए.
ट्रेन के नदी में गिरने से हुए हादसे
बिहार में 6 जून 1981 में एक भयानक तूफान के चलते एक ट्रेन नदी में जा गिरी. इस हादसे में 800 लोगों की मौ#त हुई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गये थे.
14 सितंबर 1997 को अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक नदी में जा गिरी इस हादसे में 81 की जान गई और 100 घायल लोग घायल हुए.
22 जून 2001 को मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी जिसमें 59 लोग मा रे गए.
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indiawriters-blog · 6 years
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SC/ST एक्ट के विरोध में भारत बंद, 9 लोगों की मौत, MP में सबसे ज्यादा 6 की मौत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर शिथिल किये जाने के विरोध में दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के चलते कई राज���यों में जनजीवन प्रभावित हुआ, जबकि कई जगह प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया जिसमें कम से कम 9 लोगों की मौत हो गयी और अनेक लोग घायल हुए. हिंसा का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मध्य प्रदेश में 6 लोगों की मौत हो गई है. जबकि राजस्थान में 1 और उत्तर प्रदेश में 2 व्यक्ति की जान चली गई. कई राज्यों ने बंद के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया था और संचार एवं रेल समेत परिवहन सेवाएं अस्थायी तौर पर रोक दी थीं. प्रदर्शनकारियों के मार्च के चलते लुटियंस दिल्ली में ट्रैफिक की रफ्तार थम गयी. प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस पर एकत्रित होकर उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कथित उत्पीड़न के मामलों में स्वत: गिरफ्तारी और मामले दर्ज किए जाने पर रोक लगायी गयी है. प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के बाहर सड़क जाम कर दी जिससे यातायात थम गया और आईटीओ व यहां से होकर जानेवाले अन्य मार्गों के यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बीच, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब से आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें हैं. मध्यप्रदेश में गोलीबारी में एक छात्र नेता समेत पांच लोगों की मौत तथा कई अन्य के घायल होने के बाद मुरैना, ग्वालियर और भिंड जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. भिंड के पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी में छह व्यक्तियों के घायल होने के उपरांत स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना बुला ली गयी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ग्वालियर में हिंसा भड़कने के बाद एक व्यक्ति गोली लगने घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भिंड के पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने बताया, ‘भारत बंद में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को काबू में करने के लिए भिंड सहित जिले के मेहगांव, लहार, गोहद और म��ेन्द्र कस्बे में कर्फ्यू लगाया गया.है. जिले में प्रदर्शनकारियों द्वारा गोली चलाने से छह लोग घायल हो गये हैं.’ उन्होंने बताया कि स्थिति को काबू करने के लिये जिले में सेना को बुलाया गया है. दलितों ने पंजाब के जालंधर, पटियाला, होशियारपुर, रोपड, भठिंडा, फिरोजपुर, कपूरथला, और फगवाड़ा में प्रदर्शन किये. हरियाणा के पंचकूला, अंबाला, कैथल, हिसार, रोहतक, यमुनानगर, फरीदाबाद तथा गुरूग्राम और चंडीगढ़ में प्रदर्शन किये. इस दौरान दुकानें बंद रहीं और सड़कों से यातायात नदारत रहा. दिल्ली और लाहौर के बीच चलनेवाली भारत-पाक बस सेवा सदा-ए-सरहद भी बाधित रही. लाहौर जानेवाली बस को श्रीहिंद में रोका गया और दिल्ली जा रही बस को अमृतसर में. पुलिस ने बताया कि बाद में बसें गंतव्य की ओर रवाना होंगी. भोपाल से मिली रिपोर्ट में मुरैना के एसडीएम उमेश शुक्ला ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता राहुल पाठक की गोली लगने से मौत हो गयी. भारत बंद के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और इलाज के लिये अस्पताल ले जाने के दौरान उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. शुक्ला ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा बढ़ने पर पूरे मुरैना शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. ग्वालियर संभाग के आयुक्त बीएम शर्मा ने बताया, विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने से ग्वालियर शहर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान दो, जबकि राजस्थान में एक व्यक्ति की मौत हो गयी. ‘उधर, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अनुसूचित जाति. जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले में कोई पक्षकार नहीं है और वह इस फैसले के पीछे दिये गये तर्क से ‘ससम्मान’ असहमत है. सरकार ने इस मामले पर एक समग्र समीक्षा याचिका भी दायर की है. केंद्रीय मंत्री और महत्वपूर्ण दलित नेता एवं राजग के सहयोगी लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान ने याचिका दायर करने का शीघ्र निर्णय लेने पर केंद्र सरकार की सराहना की और कांग्रेस पर बाबा साहब अांबेडकर के नाम पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति बनाये रखने तथा कानून-व्यवस्था नहीं बिगाड़ने की अपील की, क्योंकि आजमगढ़ समेत कई जिलों से हिंसा की खबरें आयी हैं. आजमगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन की दो बसें जला दीं जिससे कई यात्री घायल हो गये. आगरा, हापुड़ और मेरठ में भी प्रदर्शन हिंसक हो गया. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि आगरा, संभल और हापुड़ में स्थिति नियंत्रण में है तथा वहां दंगारोधी पुलिस तैनात की गयी है. उन्होंने कहा, ‘हमने केंद्र से और बल मांगा है जिसे वहां तैनात किया जायेगा. हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं जो नियंत्रण में है.’ अधिकारियों के अनुसार सप्तक्रांति एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, भुवनेश्वर राजधानी एवं कानपुर शताब्दी जैसी कई ट्रेनें मेरठ में गाजियाबाद से पहले और मोदीनगर में रोक दी गयी. हरियाणा के अंबाला और रोहतक में तथा हरियाणा एवं पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में भी प्रदर्शन हुआ. राजस्थान में पुलिस सूत्रों के अनुसार जयपुर, अजमेर, बाडमेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर, उदयपुर, सीकर में बंद समर्थकों और पुलिस में हल्की झड़प हुई. जयपुर में टोंक रोड पर बंद समर्थकों ने कुछ वाहनों के शीशे तोड़ दिये और दुकानों में तोड़फोड़ की और गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी को रोकने की सूचना है. बंद समर्थकों ने अजमेर में भी दुकानें बंद करवाने को लेकर तोड़फोड़ की और वाहनों को नुकसान पहुंचाया. जयपुर, अलवर, कोटा, बीकानेर, दौसा, अजमेर, सीकर सहित कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान जबरन बंद करवाये. दुकानदारों और बंद समर्थकों में झड़प भी हुई. बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों तथा सत्तापक्ष के भी कुछ विधायकों ने मांग की कि इस विषय पर केंद्र से हस्तक्षेप की अपील करते हुए विधानमंडल से एक प्रस्ताव पारित किया जाये. प्रदर्शनकारी पटना जंक्शन पर पहुंचे और उन्होंने वहां टिकट बिक्री काउंटर बंद करवा दिये. वे रेलमार्ग पर धरने पर बैठ गये जिसे कई ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई. ओड़िशा के भी कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित रहा. झारखंड की राजधानी रांची से प्राप्त खबरों के अनुसार, दलित संगठनों के बंद का प्रभाव झारखंड पर पड़ा. ज्यादातर दुकानदारों ने हिंसा की आशंका से अपनी अपनी दुकान पहले ही बंद कर दी थी. जमशेदपुर के बाहरी इलाके पलासबोनी में प्रदर्शनकारियों ने तड़के सामानों से लदे एक ट्रक को फूंक दिया. पुलिस उपाधीक्षक सुधीर कुमार के अनुसार, शहर के विभिन्न भागों से 652 लोग हिरासत में लिये गये हैं. बंद के दौरान राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों बिलासपुर, रायगढ़ में दुकानें बंद रही. वहीं, कुछ स्कूलों में बच्चों को छुट्टी दे दी गयी थी. छत्तीगढ़ की राजधानी रायपुर के अांबेडकर चौक में बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया था जिससे यातायात में परेशानी हुई. ‘भारत बंद’ से देश के विभिन्न हिस्सों में रेल सेवा भी प्रभावित हुई. राजस्थान में भी 1 की मौत, 30 घायल हिंसा के दौरान राजस्थान के अलवर में पवन नाम के व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं, हिंसक झड़प में करीब 30 लोग जख्मी हुए हैं. राजस्थान के बाड़मेर, अलवर, सीकर, झुंझुनू, जालौर और बीकानेर समेत कुल 6 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बैन की गई हैं. अलवर के दाउदपुर में रेल की पटरी उखाड़ दी गई. इसके कारण रेलवे लाइन बाध��त हो गई. तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने खैरथल थाने में आग लगा दी और डिप्टी एसपी की पिटाई कर दी. कलेक्टर आठ बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. भरतपुर में महिलाओं ने सड़क जाम किया. बाड़मेर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प में 25 लोग घायल हो गए. सांचौर और पुष्कर में 30 से ज्यादा मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया. इसके अलावा जयपुर में भीड़ ने शोरूम में भी तोड़फोड़ की.SC/ST एक्ट के विरोध में भारत बंद, 9 लोगों की मौत, MP में सबसे ज्यादा 6 की मौत April 3, 2018 Tikeshwar Chaudhary Comment(0) नयी दिल्ली. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर शिथिल किये जाने के विरोध में दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के चलते कई राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ, जबकि कई जगह प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया जिसमें कम से कम 9 लोगों की मौत हो गयी और अनेक लोग घायल हुए. हिंसा का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मध्य प्रदेश में 6 लोगों की मौत हो गई है. जबकि राजस्थान में 1 और उत्तर प्रदेश में 2 व्यक्ति की जान चली गई. कई राज्यों ने बंद के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया था और संचार एवं रेल समेत परिवहन सेवाएं अस्थायी तौर पर रोक दी थीं. प्रदर्शनकारियों के मार्च के चलते लुटियंस दिल्ली में ट्रैफिक की रफ्तार थम गयी. प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस पर एकत्रित होकर उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कथित उत्पीड़न के मामलों में स्वत: गिरफ्तारी और मामले दर्ज किए जाने पर रोक लगायी गयी है. प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के बाहर सड़क जाम कर दी जिससे यातायात थम गया और आईटीओ व यहां से होकर जानेवाले अन्य मार्गों के यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बीच, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब से आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें हैं. मध्यप्रदेश में गोलीबारी में एक छात्र नेता समेत पांच लोगों की मौत तथा कई अन्य के घायल होने के बाद मुरैना, ग्वालियर और भिंड जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. भिंड के पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी में छह व्यक्तियों के घायल होने के उपरांत स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना बुला ली गयी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ग्वालियर में हिंसा भड़कने के बाद एक व्यक्ति गोली लगने घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भिंड के पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने बताया, ‘भारत बंद में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को काबू में करने के लिए भिंड सहित जिले के मेहगांव, लहार, गोहद और मछेन्द्र कस्बे में कर्फ्यू लगाया गया.है. जिले में प्रदर्शनकारियों द्वारा गोली चलाने से छह लोग घायल हो गये हैं.’ उन्होंने बताया कि स्थिति को काबू करने के लिये जिले में सेना को बुलाया गया है. दलितों ने पंजाब के जालंधर, पटियाला, होशियारपुर, रोपड, भठिंडा, फिरोजपुर, कपूरथला, और फगवाड़ा में प्रदर्शन किये. हरियाणा के पंचकूला, अंबाला, कैथल, हिसार, रोहतक, यमुनानगर, फरीदाबाद तथा गुरूग्राम और चंडीगढ़ में प्रदर्शन किये. इस दौरान दुकानें बंद रहीं और सड़कों से यातायात नदारत रहा. दिल्ली और लाहौर के बीच चलनेवाली भारत-पाक बस सेवा सदा-ए-सरहद भी बाधित रही. लाहौर जानेवाली बस को श्रीहिंद में रोका गया और दिल्ली जा रही बस को अमृतसर में. पुलिस ने बताया कि बाद में बसें गंतव्य की ओर रवाना होंगी. भोपाल से मिली रिपोर्ट में मुरैना के एसडीएम उमेश शुक्ला ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता राहुल पाठक की गोली लगने से मौत हो गयी. भारत बंद के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन में गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और इलाज के लिये अस्पताल ले जाने के दौरान उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. शुक्ला ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा बढ़ने पर पूरे मुरैना शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. ग्वालियर संभाग के आयुक्त बीएम शर्मा ने बताया, विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने से ग्वालियर शहर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान दो, जबकि राजस्थान में एक व्यक्ति की मौत हो गयी. ‘उधर, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अनुसूचित जाति. जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले में कोई पक्षकार नहीं है और वह इस फैसले के पीछे दिये गये तर्क से ‘ससम्मान’ असहमत है. सरकार ने इस मामले पर एक समग्र समीक्षा याचिका भी दायर की है. केंद्रीय मंत्री और महत्वपूर्ण दलित नेता एवं राजग के सहयोगी लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान ने याचिका दायर करने का शीघ्र निर्णय लेने पर केंद्र सरकार की सराहना की और कांग्रेस पर बाबा साहब अांबेडकर के नाम पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति बनाये रखने तथा कानून-व्यवस्था नहीं बिगाड़ने की अपील की, क्योंकि आजमगढ़ समेत कई जिलों से हिंसा की खबरें आयी हैं. आजमगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन की दो बसें जला दीं जिससे कई यात्री घायल हो गये. आगरा, हापुड़ और मेरठ में भी प्रदर्शन हिंसक हो गया. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि आगरा, संभल और हापुड़ में स्थिति नियंत्रण में है तथा वहां दंगारोधी पुलिस तैनात की गयी है. उन्होंने कहा, ‘हमने केंद्र से और बल मांगा है जिसे वहां तैनात किया जायेगा. हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं जो नियंत्रण में है.’ अधिकारियों के अनुसार सप्तक्रांति एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, भुवनेश्वर राजधानी एवं कानपुर शताब्दी जैसी कई ट्रेनें मेरठ में गाजियाबाद से पहले और मोदीनगर में रोक दी गयी. हरियाणा के अंबाला और रोहतक में तथा हरियाणा एवं पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में भी प्रदर्शन हुआ. राजस्थान में पुलिस सूत्रों के अनुसार जयपुर, अजमेर, बाडमेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर, उदयपुर, सीकर में बंद समर्थकों और पुलिस में हल्की झड़प हुई. जयपुर में टोंक रोड पर बंद समर्थकों ने कुछ वाहनों के शीशे तोड़ दिये और दुकानों में तोड़फोड़ की और गांधी नगर रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी को रोकने की सूचना है. बंद समर्थकों ने अजमेर में भी दुकानें बंद करवाने को लेकर तोड़फोड़ की और वाहनों को नुकसान पहुंचाया. जयपुर, अलवर, कोटा, बीकानेर, दौसा, अजमेर, सीकर सहित कई स्थानों पर बंद समर्थकों ने दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान जबरन बंद करवाये. दुकानदारों और बंद समर्थकों में झड़प भी हुई. बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों तथा सत्तापक्ष के भी कुछ विधायकों ने मांग की कि इस विषय पर केंद्र से हस्तक्षेप की अपील करते हुए विधानमंडल से एक प्रस्ताव पारित किया जाये. प्रदर्शनकारी पटना जंक्शन पर पहुंचे और उन्होंने वहां टिकट बिक्री काउंटर बंद करवा दिये. वे रेलमार्ग पर धरने पर बैठ गये जिसे कई ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई. ओड़िशा के भी कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित रहा. झारखंड की राजधानी रांची से प्राप्त खबरों के अनुसार, दलित संगठनों के बंद का प्रभाव झारखंड पर पड़ा. ज्यादातर दुकानदारों ने हिंसा की आशंका से अपनी अपनी दुकान पहले ही बंद कर दी थी. जमशेदपुर के बाहरी इलाके पलासबोनी में प्रदर्शनकारियों ने तड़के सामानों से लदे एक ट्रक को फूंक दिया. पुलिस उपाधीक्षक सुधीर कुमार के अनुसार, शहर के विभिन्न भागों से 652 लोग हिरासत में लिये गये हैं. बंद के दौरान राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों बिलासपुर, रायगढ़ में दुकानें बंद रही. वहीं, कुछ स्कूलों में बच्चों को छुट्टी दे दी गयी थी. छत्तीगढ़ की राजधानी रायपुर के अांबेडकर चौक में बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया था जिससे यातायात में परेशानी हुई. ‘भारत बंद’ से देश के विभिन्न हिस्सों में रेल सेवा भी प्रभावित हुई. राजस्थान में भी 1 की मौत, 30 घायल हिंसा के दौरान राजस्थान के अलवर में पवन नाम के व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं, हिंसक झड़प में करीब 30 लोग जख्मी हुए हैं. राजस्थान के बाड़मेर, अलवर, सीकर, झुंझुनू, जालौर और बीकानेर समेत कुल 6 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बैन की गई हैं. अलवर के दाउदपुर में रेल की पटरी उखाड़ दी गई. इसके कारण रेलवे लाइन बाधित हो गई. तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने खैरथल थाने में आग लगा दी और डिप्टी एसपी की पिटाई कर दी. कलेक्टर आठ बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. भरतपुर में महिलाओं ने सड़क जाम किया. बाड़मेर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प में 25 लोग घायल हो गए. सांचौर और पुष्कर में 30 से ज्यादा मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया. इसके अलावा जयपुर में भीड़ ने शोरूम में भी तोड़फोड़ की.
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भारत में अब तक हुए बड़े रेल हादसे
आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िले में हुए रेल हादसे में अब तक 23 लोगों के मारे जाने की ख़बर है. हीराखंड एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर जाने की वजह से ये हादसा हुआ. भारत में रेल हादसों का इतिहास कोई नया नहीं है. देश में हुए अब तक के सबसे बड़े रेल हादसों पर एक नज़र. (कानपुर हादसे के बाद हेल्पलाइन नंबर) 20 नवंबर 2016: कानपुर के पास पुखरायां मेंएक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसमें कम से कम 150 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई. पटना-इंदौर एक्सप्रेस के 14 कोच पटरी से उतर गए थे. 20 मार्च, 2015: देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे.4 मई, 2014: दिवा सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन नागोठाने और रोहा स्टेशन के बीच पटरी से उतर गई थी. इसमें 20 लोगों की जान गई थी और 100 अन्य घायल हुए थे.28 दिसंबर 2013: बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस ट्रेन में आग लग गई थी और इसमें 26 लोग मारे गए थे. आग एयर कंडिशन कोच में लगी थी. उसी साल 19 अगस्त को राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से बिहार के खगड़िया ज़िले में 28 लोगों की जान चली गई थी.30 जुलाई 2012: भारतीय रेलवे के इतिहास में साल 2012 हादसों के मामले से सबसे बुरे सालों में से एक रहा. इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए. इनमें पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के हादसे शामिल हैं. 30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग गई थी जिसमें 30 से ज़्यादा लोग मारे गए थे.07 जुलाई 2011: उत्तर प्रदेश में ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई.20 सितंबर 2010: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकराई. इस टक्कर में 33 लोगों की जान चली गई और 160 से ज़्यादा लोग घायल हुए. 19 जुलाई 2010: पश्चिम बंगाल में उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस की टक्कर हुई. 62 लोगों की मौत हुई और डेढ़ सौ से ज़्यादा घायल हुए. 28 मई, 2010: पश्चिम बंगाल में संदिग्ध नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी. इस हादसे में 170 लोगों की मौत हो गई.21 अक्तूबर, 2009: उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आख़िरी बोगी से टकरा गया. इस घटना में 22 मारे गए जबकि 23 अन्य घायल हुए.14 फ़रवरी 2009: (रेल बजट के दिन) हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे ओडिशा में जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतरे. हादसे में 16 की मौत हो गई और 50 घायल हुए. अगस्त 2008: सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में देर रात आग लगी. इसके कारण 32 लोग मारे गए और कई घायल हुए.21 अप्रैल 2005: गुजरात में वडोदरा के पास साबरमती एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और 78 अन्य घायल हो गए.फ़रवरी 2005: महाराष्ट्र में एक रेलगाड़ी और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में कम से कम 50 लोगों की मौत हो गई थी और इतने ही घायल हुए थे.जून,2003: महाराष्ट्र में हुई रेल दुर्घटना में 51 लोग मारे गए थे और अनेक घायल हुए.2 जुलाई, 2003: आंध्र प्रदेश में हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूर वारंगल में गोलकुंडा एक्सप्रेस के दो डिब्बे और इंजन एक ओवरब्रिज से नीचे सड़क पर जा गिरे. इस दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हुई.15 मई, 2003: पंजाब में लुधियाना के नज़दीक फ़्रंटियर मेल में आग लगी. कम से कम 38 लोग मारे गए.9 सितंबर,2002: हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई. इसमें 120 लोग मारे गए.22 जून, 2001: मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी. 59 लोग मारे गए.31 मई, 2001: उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी बस से ट्रेन जा टकराई. 31 लोग मारे गए.2 दिसंबर, 2000: कोलकाता से अमृतसर जा रही हावड़ा मेल दिल्ली जा रही एक मालगाड़ी से टकराई. 44 की मौत और 140 घायल.3 अगस्त, 1999: दिल्ली जा रही ब्रह्पुत्र मेल अवध-असम एक्सप्रेस से गैसल, पश्चिम बंगाल मे टकराई. 285 की मौत और 312 घायल.26 नवंबर, 1998: फ्रंटियर मेल सियालदाह एक्सप्रेस से खन्ना, पंजाब में टकराई. 108 की मौत, 120 घायल.14 सितंबर,1997: अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में एक नदी में जा गिरी. 81 की मौत, 100 घायल.18 अप्रैल, 1996: एर्नाकुलम एक्सप्रेस दक्षिण केरल में एक बस से टकराई. 35 की मौत, 50 घायल हुए.20 अगस्त, 1995: नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से फ़िरोजाबाद, उत्तर प्रदेश में जा टकराई. 250 की मौत, 250 घायल.21 दिसंबर,1993: कोटा-बीना एक्सप्रेस मालगाड़ी से राजस्थान में टकराई. 71 की मौत और अनेक घायल.16 अप्रैल, 1990: पटना के पास रेल में आग लगी. 70 की मौत.23 फरवरी, 1985: राजनांदगाँव में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में आग लगी. 50 की मौत और अनेक घायल.6 जून,1981: बिहार में तूफान के कारण ट्रेन नदी में जा गिरी. 800 की मौत और 1000 से अधिक घायल. (सौजन्य- बीबीसी)
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