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#पति ने की दूसरी शादी
jyotis-things · 6 days
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart90 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart91
"शेष कथा"
श्री कृष्ण भगवान ने अपनी शक्ति से युधिष्ठिर को उन सर्व महा मण्डलेश्वरों के आगे होने वाले जन्म दिखाए जिसमें किसी ने कैंचवे का, किसी ने भेड़-बकरी, भैंस व शेर आदि के रूप धारण किए थे।
यह सब देख कर युधिष्ठिर ने कहा हे भगवन! फिर तो पृथ्वी संत रहित हो गई है। भगवान कृष्ण जी ने कहा जब पृथ्वी संत रहित हो जाएगी तो यहाँ आग लग जाएगी। सर्व जीव-जन्तु आपस में लड़ मरेंगे। यह तो पूरे संत की शक्ति से सन्तुलन बना रहता है। समय-समय पर मैं (भगवान विष्णु) पृथ्वी पर आ कर राक्षस वृत्ति के लोगों को समाप्त करता हूँ जिससे संत सुखी हो जाते है। जिस प्रकार जर्मीदार अपनी फसल से हानि पहुँचने वाले अन्य पौधों को जो झाड़-खरपतवार आदि को काट-काट कर बाहर डाल देता है तब वह फसल स्वतन्त्रता पूर्वक फलती-फूलती है। यानी ये संत उस फसल में सिचाई का सुख प्रदान करते हैं। पूर्ण संत सबको समान सुख देते हैं। जिस प्रकार वर्षा व सिंचाई का जल दोनों प्रकार के पौधों (फसल व खरपतवार) का पोषण करते हैं। उनमें सर्व जीव के प्रति दया भाव होता है। अब मैं आपको पूर्ण संत के दर्शन करवाता हूँ। एक महात्मा काशी में रहते हैं। उसको बुलवाना है। तब युधिष्ठिर ने कहा कि उस ओर संतों को आमन्त्रित करने का कार्य भीमसेन को सौंपा था। पूछते हैं कि वह उन महात्मा तक पहुँचा या नहीं। भीमसेन को बुलाकर पूछा तो उसने बताया कि मैं उस से मिला था। उनका नाम स्वपच सुदर्शन है। बाल्मीकि जाति में गृहस्थी संत हैं। एक झोंपड़ी में रहता है। उन्होंने यज्ञ में आने से मना कर दिया। इस पर श्री कृष्ण जी ने कहा कि संत मना नहीं किया करते। सर्व वार्ता जो उनके साथ हुई है वह बताओ। तब भीम सेन ने आगे बताया कि मैंने उनको आमन्त्रित करते हुए कहा युधिष्ठिर ने कहा कि उस ओर संतों को आमन्त्रित करने का कार्य भीमसेन को सौंपा था। पूछते हैं कि वह उन महात्मा तक पहुँचा या नहीं। भीमसेन को बुलाकर पूछा तो उसने बताया कि मैं उस से मिला था। उनका नाम स्वपच सुदर्शन है। बाल्मीकि जाति में गृहस्थी संत हैं। एक झोंपड़ी में रहता है। उन्होंने यज्ञ में आने से मना कर दिया। इस पर श्री कृष्ण जी ने कहा कि संत मना नहीं किया करते। सर्व वार्ता जो उनके साथ हुई है वह बताओ।
तब भीम सेन ने आगे बताया कि मैंने उनको आमन्त्रित करते हुए कहा कि हे संत परवर ! हमारी यज्ञ में आने का कष्ट करना। उनको पूरा पता बताया। उसी समय वे (सुदर्शन संत जी) कहने लगे भीम सेन आप के पाप के अन्न को खाने से संतों को दोष लगेगा। करोड़ों सैनिकों की हत्या करके आपने तो घोर पाप कर रखा है। आज आप राज्य का आनन्द ले रहे हो। युद्ध में वीरगति को प्राप्त सैनिकों की विधवा पत्नी व अनाथ बच्चे रह-रह कर अपने पति व पिता को याद करके फूट-फूट कर घंटों रोते हैं। बच्चे अपनी माँ से लिपट कर पूछ रहे हैं माँ, पापा छुट्टी नहीं आए? कब आएंगे? हमारे लिए नए वस्त्र लाएंगे। दूसरी लड़की कहती है कि मेरे लिए नई साड़ी लाएंगे। बड़ी होने पर जब मेरी शादी होगी तब मैं उसे बाँधकर ससुराल जाऊँगी। वह लड़का (जो दस वर्ष की आयु का है) कहता है कि मैं अब की बार पापा (पिता जी) से कहूँगा कि आप नौकरी पर मत जाना। मेरी माँ तथा भाई-बहन आपके बिना बहुत दुःख पाते हैं। माँ तो सारा दिन-रात आपकी याद करके जब देखो एकांत स्थान पर रो रही होती है। या तो हम सबको अपने पास बुला लो या आप हमारे पास रहो। छोड़ दो नौकरी को। मैं जवान हो गया हूँ। आपकी जगह मैं फौज में जा कर देश सेवा करूँगा। आप अपने परिवार में रहो। आने दो पिता जी को, बिल्कुल नहीं जाने दूँगा। (उन बच्चों को दुःखी होने से बचाने के लिए उनकी माँ ने उन्हें यह नहीं बताया कि आपके पिता जी युद्ध में मर चुके हैं क्योंकि उस समय वे बच्चे अपने मामा के घर गए हुए थे। केवल छोटा बच्चा जो डेढ़ वर्ष की आयु का था वही घर पर था। अन्य बच्चों को जान बूझ कर नहीं बुलाया था।) इस प्रकार उन मासूम बच्चों की आपसी वार्ता से दुःखी होकर उनकी माता का हृदय पति की याद के दुःख से भर आया। उसे हल्का करने के लिए (रोने के लिए) दूसरे कमरे में जा कर फूट-फूट कर रोने लगी। तब सारे बच्चे माँ के ऊपर गिरकर रोने लगे। सम्बन्धियों ने आकर शांत करवाया। कहा कि बच्चों को स्पष्ट बताओ कि आपके पिता जी युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गए। जब बच्चों को पता चला कि हमारे पापा (पिता जी) अब कभी नहीं आएंगे तब उस स्वार्थी राजा को कोसने लगे जिसने अपने भाई बटवारे के
लिए दुनियाँ के लालों का खून पी लिया। यह कोई देश रक्षा की लड़ाई भी नहीं थी जिसमें हम संतोष कर लेते कि देश के हित में प्राण त्याग दिए हैं। इस खूनी राजा ने अपने ऐशो-आराम के लिए खून की नदी बहा दी। अब उस पर मौज कर रहा है। आगे संत सुदर्शन (सुपच) बता रहे हैं कि भीम ऐसे-2 करोड़ों प्राणी युद्ध की पीड़ा से पीड़ित हैं। उनकी हाय आपको चैन नहीं लेने देगी चाहे करोड़ यज्ञ करो। ऐसे दुष्ट अन्न को कौन खाए? यदि मुझे बुलाना चाहते हो तो मुझे पहले किए हुए सौ (100) यज्ञों का फल देने का संकल्प करो अर्थात् एक सौ यज्ञों का फल मुझे दो तब मैं आपके भोजन पाऊँ।
सुदर्शन जी के मुख से इस बात को सुन कर भीम ने बताया कि मैं बोला आप तो कमाल के व्यक्ति हो, सौ यज्ञों का फल मांग रहे हो। यह हमारी दूसरी यज्ञ है। आपको सौ का फल कैसे दें? इससे अच्छा तो आप मत आना। आपके बिना कौन सी यज्ञ सम्पूर्ण नहीं होगी। जब स्वयं भगवान कृष्ण जी हमारे साथ हैं। तो तेरे न आने से क्या यज्ञ पूर्ण नहीं होगा। सर्व वार्ता सुन कर श्री कृष्ण जी ने कहा भीम संतों के साथ ऐसा आपत्तिजनक व्यवहार नहीं करना चाहिए। सात समुद्रों का अंत पाया जा सकता है परंतु सतगुरु (कबीर साहेब) के संत का पार नहीं पा सकते। उस महात्मा सुदर्शन वाल्मिीकि के एक बाल के समान तीन लोक भी नहीं हैं। मेरे साथ चलो, उस परमपिता परमात्मा के प्यारे हंस को लाने के लिए। तब पाँचों पाण्डव व श्री कृष्ण भगवान सुपच सुदर्शन की झोंपड़ी की ओर रथ में बैठकर चले। एक योजन अर्थात् 12 किलोमीटर पहले रथ से उतरकर नंगे पैरों चले तथा रथ को खाली लेकर रथवान पीछे-पीछे चला।
उस समय स्वयं कबीर साहेब सुदर्शन सुपच का रूप बना कर झोपड़ी में बैठ गए व सुदर्शन को अपनी गुप्त प्रेरणा से मन में संकल्प उठा कर कहीं दूर के संत या भक्त से मिलने भेज दिया जिसमें आने व जाने में कई रोज लगने थे। तब सुदर्शन के रूप में सतगुरु की चमक व शक्ति देख कर सर्व पाण्डव बहुत प्रभावित हुए। स्वयं श्रीकृष्णजी ने लम्बी दण्डवत् प्रणाम की। तब देखा देखी सर्व पाण्डवों ने भी ऐसा ही किया। कृष्ण जी की तरफ नजर करके सुपच सुदर्शन ने आदर पूर्वक कहा कि हे त्रिभुवननाथ! आज इस दीन के द्वार पर कैसे? मेरा अहोभाग्य है कि आज दीनानाथ विश्वम्भरनाथ मुझ तुच्छ को दर्शन ��ेने स्वयं चल कर आए हैं। सबको आदर पूर्वक बैठा दिया तथा आने का कारण पूछा। उस समय श्री कृष्ण जी ने कहा कि हे जानी-जान! आप सर्व गति (स्थिति) से परिचित हैं। पाण्डवों ने यज्ञ की है। वह आपके बिना सम्पूर्ण नहीं हो रही है। कृपा इन्हें कृतार्थ करें। उसी समय वहां उपस्थित भीम की ओर संकेत करते हुए सुदर्शन रूप धारी परमेश्वर जी ने कहा कि यह वीर मेरे पास आया था तथा अपनी मजबूरी से इसे अवगत करवाया था। उस समय श्री कृष्ण जी ने कहा कि हे पूर्णब्रह्म ! आपने स्वयं अपनी वाणी में कहा है कि :-
"संत मिलन को चालिए, तज माया अभिमान । जो-जो पग आगे धरै, सो सो यज्ञ समान।।"
आज पांचों पाण्डव राजा हैं तथा मैं स्वयं द्वारिकाधीश आपके दरबार में राजा होते हुए भी नंगे पैरों उपस्थित हूँ। अभिमान का नामों निशान भी नहीं है तथा स्वयं भीम ने भी खड़ा हो कर उस दिन कहे हुए अपशब्दों की चरणों में पड़ कर क्षमा याचना की। श्री कृष्ण जी ने कहा हे नाथ! आज यहाँ आपके दर्शनार्थ आए आपके छः सेवकों के कदमों के यज्ञ समान फल को स्वीकार करते हुए सौ आप रखो तथा शेष हम भिक्षुकों को दान दीजिए ताकि हमारा भी कल्याण हो। इतना आधीन भाव सर्व उपस्थित जनों में देख कर जगतगुरु साहेब करूणामय सुदर्शन रूप में अति प्रसन्न हुए।
कबीर, साधू भूखा भाव का, धन का भूखा नाहिं। जो कोई धन का भूखा, वो तो साधू नाहिं ।।
उठ कर उनके साथ चल पड़े। जब सुदर्शन जी यज्ञशाला में पहुँचे तो
चारों ओर एक से एक ऊँचे सुसज्जित आसनों पर विराजमान महा मण्डलेश्वर सुदर्शन जी के रूप व वेश (दोहरी धोती घुटनों से थोड़ी नीचे तक, छोटी-2 दाड़ी, सिर के बिखरे केश न बड़े न छोटे, टूटी-फूटी जूती। मैले से कपड़े, तेजोमय शरीर) को देखकर अपने मन में सोच रहे हैं कि ऐसे अपवित्र व्यक्ति से शंख सात जन्म भी नहीं बज सकता है। यह तो हमारे सामने ऐसे है जैसे सूर्य के सामने दीपक। श्रीकृष्ण जी ने स्वयं उस महात्मा का आसन अपने हाथों लगाया (बिछाया) क्योंकि श्री कृष्ण जी श्रेष्ठ आत्मा हैं। फिर द्रोपदी से कहा कि हे बहन ! सुदर्शन महात्मा जी आए हैं, भोजन तैयार करो। बहुत पहुँचे हुए संत हैं। द्रोपदी देख रही है कि संत लक्षण तो एक भी नहीं दिखाई देते हैं। यह तो एक दरिद्र गृहस्थी व्यक्ति है। न तो वस्त्र भगवां, न गले में माला, न तिलक, न सिर पर बड़ी जटा, न मुण्ड ही मुण्डवा रखा और न ही कोई चिमटा, झोली, कमण्डल लिए हुए था। श्री कृष्ण जी के कहते ही स्वादिष्ट भोजन कई प्रकार का बनाकर एक सुन्दर थाल (चांदी का) में परोस कर सुदर्शन जी के सामने रख कर द्रोपदी ने मन में विचार किया कि आज तो यह भक्त भोजन को खाएगा तो ऊँगली चाटता रह जाएगा। जिन्दगी में ऐसा भोजन कभी नहीं खाया होगा।
सुदर्शन जी ने नाना प्रकार के भोजन को थाली में इक्ट्ठा किया तथा खिचड़ी सी बनाई। उस समय द्रौपदी ने देखा कि इसने तो सारा भोजन (खीर, खांड, हलुवा, सब्जी, दही, दही-बड़े आदि) घोल कर एक कर लिया। तब मन में दुर्भावना पूर्वक विचार किया कि इस मूर्ख हब्शी ने तो खाना खाने का भी ज्ञान नहीं। यह काहे का संत? कैसा शंख बजाएगा। (क्योंकि खाना बनाने वाली स्त्री की यह भावना होती है कि मैं ऐसा स्वादिष्ट भोजन बनाऊँ कि खाने वाला मेरे भोजन की प्रशंसा कई जगह करे)। प्रत्येक बहन की यही आशा होती है।
वह बेचारी एक घंटे तक धुएँ से आँखें खराब करे और मेरे जैसा कह दे कि नमक तो है ही नहीं, तब उसका मन बहुत दुःखी होता है। इसलिए संत जैसा मिल जाए उसे खा कर सराहना ही करते हैं। यदि कोई न खा सके तो नमक कह कर 'संत' नहीं मांगता। संतों ने नमक का नाम राम-रस रखा हुआ है। कोई ज्यादा नमक खाने का अभ्यस्त हो तो कहेगा कि भईया रामरस लाना। घर वालों को पता ही न चले कि क्या मांग रहा है? क्योंकि सतसंग में सेवा में अन्य सेवक ही होते हैं। न ही भोजन बनाने वालों को दुःख हो। एक समय एक नया भक्त किसी सतसंग में पहली बार गया। उसमें किसी ने कहा कि भक्त जी रामरस लाना। दूसरे ने भी कहा कि रामरस लाना तथा थोड़ा रामरस अपनी हथेली पर रखवा लिया। उस नए भक्त ने खाना खा लिया था। परंतु पंक्ति में बैठा अन्य भक्तों के भोजन पाने का इंतजार कर रहा था कि इकट्ठे ही उठेंगे। यह भी एक औपचारिकता सतसंग में होती है। उसने सोचा रामरस कोई खास मीठा खाद्य पदार्थ होगा। यह सोच कर कहा मुझे भी रामरस देना। तब सेवक ने थोड़ा सा रामरस (नमक) उसके हाथ पर रख दिया। तब वह नया भक्त बोला ये के कान कै लाना है, चौखा सा (ज्यादा) रखदे। तब उस सेवक ने दो तीन चमच्च रख दिया। उस नए भक्त ने उस बारीक नमक को कोई खास मीठा खाद्य प्रसाद समझ कर फांका मारा। तब चुपचाप उठा तथा बाहर जा कर कुल्ला किया। फिर किसी भक्त से पूछा रामरस किसे कहते हैं? तब उस भक्त ने बताया कि नमक को रामरस कहते हैं। तब वह नया भक्त कहने लगा कि मैं भी सोच रहा था कि कहें तो रामरस परंतु है बहुत खारा। फिर विचार आया कि हो सकता है नए भक्तों पर परमात्मा प्रसन्न नहीं हुए हों। इसलिए खारा लगता हो। मैं एक बार फिर कोशिश करता, अच्छा हुआ जो मैंने आपसे स्पष्ट कर लिया। फिर उसे बताया गया कि नमक को रामरस किस लिए कहते हैं?]
सुपच सुदर्शन जी ने थाली वाले मिले हुए उस सारे भोजन को पाँच ग्रास बना कर खा लिया। पाँच बार शंख ने आवाज की। उसके पश्चात् शंख ने आवाज नहीं की।
व्यंजन छतीसों परोसिया जहाँ द्रौपदी रानी। बिन आदर सतकार के, कही शंख न बानी।। पंच गिरासी वाल्मिीकि, पंचै बर बोले। आगे शंख पंचायन, कपाट न खोले ।। बोले कृष्ण महाबली, त्रिभुवन के साजा। बाल्मिक प्रसाद से, कण कण क्यों न बाजा ।। द्रोपदी सेती कृष्ण देव, जब पैसे भाखा। बाल्मिक के चरणों की, तेरे न अभिलाषा ।। प्रेम पंचायन भूख है, अन्न जग का खाजा। ऊँच नीच द्रोपदी कहा, शंख कण कण यूँ नहीं बाजा ।। बाल्मिक के चरणों की, लई द्रोपदी धारा। शंख पंचायन बाजीया, कण-कण झनकारा ।। युधिष्ठिर जी श्री कृष्ण जी के पास आए तथा कहा हे भगवन् ! आप की कृपा से शंख ने आवाज की है हमारा कार्य पूर्ण हुआ। श्री कृष्ण जी ने सोचा कि इन महात्मा सुदर्शन के भोजन खा लेने से भी शंख अखण्ड क्यों नहीं बजा? फिर अपनी दिव्य दृष्टि से देखा? तो पाया कि द्रोपदी के मन में दोष है जिस कारण से शंख ने अखण्ड आवाज नहीं की केवल पांच बार आवाज करके मौन हो गया है। श्री कृष्ण जी ने कहा युधिष्ठिर यह शंख बहुत देर तक बजना चाहिए तब यज्ञ पूर्ण होगी। युधिष्ठिर ने कहा भगवन्! अब कौन संत शेष है जिसे लाना होगा। श्री कृष्ण जी ने कहा युधिष्ठिर इस सुदर्शन संत से बढ़कर कोई भी सत्यभक्ति युक्त संत नहीं है। इसके एक बाल समान तीनों लोक भी नहीं हैं। अपने घर में ही दोष है उसे शुद्ध करते हैं। श्री कृष्ण जी ने द्रौपदी से कहा द्रौपदी, भोजन सब प्राणी अपने 2 घर पर रूखा-सूखा खा कर ही सोते हैं। आपने बढ़िया भोजन बना कर अपने मन में अभिमान पैदा कर लिया। बिना आदर सत्कार के किया हुआ धार्मिक अनुष्ठान (यज्ञ, हवन, पाठ) सफल नहीं होता। आपने इस साधारण से व्यक्ति को क्या समझ रखा है? यह पूर्णब्रह्म हैं। इसके एक बाल के समान तीनों लोक भी नहीं हैं। आपने अपने मन में इस महापुरुष के बारे में गलत विचार किए हैं उनसे आपका अन्तःकरण मैला (मलिन) हो गया है। इनके भोजन ग्रहण कर लेने से तो यह शंख की स्वर्ग तक आवाज जाती तथा सारा ब्रह्मण्ड गूंज उठता। यह केवल पांच बार बोला है। इसलिए कि आपका भ्रम दूर हो जाए क्योंकि और किसी ऋषि के भोजन पाने से तो यह टस से मस भी नहीं हुआ। आप अपना मन साफ करके इन्हें पूर्ण परमात्मा समझकर इनके चरणों को धो कर पीओ, ताकि तेरे हृदय का मैल (पाप) साफ हो जाए।
उसी समय द्���ौपदी ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए संत से क्षमा याचना की और सुपच सुदर्शन के चरण अपने हाथों धो कर चरणामृत बनाया। रज भरे (धूलि युक्त) जल को पीने लगी। जब आधा पी लिया तब भगवान कृष्ण जी ने कहा द्रौपदी कुछ अमृत मुझे भी दे दो ताकि मेरा भी कल्याण हो। यह कह कर कृष्ण जी ने द्रौपदी से आधा बचा हुआ चरणामृत पीया। उसी समय वही पंचायन शंख इतने जोरदार आवाज से बजा कि स्वर्ग तक ध्वनि सुनि। तब पाण्डवों की वह यज्ञ सफल हुई।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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shayarikitab · 1 month
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100+ Best Funny Shayari for Friends in Hindi | फनी शायरी इन हिंदी
100+ Best Funny Shayari for Friends in Hindi: खुशी और हंसी फैलाने का एक शानदार तरीका है। चतुर शब्दों और मजाकिया अंदाज के साथ, ये Shayari रोजमर्रा की जिंदगी में हास्य और उसकी बेतुकी बातों को बयां करती हैं, जो आपके चेहरे पर मुस्कान लाने और दिन भर की थकान को दूर भगाने की गारंटी देती हैं।. इस पोस्ट में, हमने दोस्तों के लिए Funny Shayari का एक संग्रह इकट्ठा किया है, जिसमें संदेश, चित्र और Status Update शामिल हैं जो निश्चित रूप से आपका दिन खुशनुमा बना देंगे। इन्हें WhatsApp, Instagram, Facebook पर शेयर करें या सीधे अपने प्यारे दोस्तों और प्रियजनों को भेजें। अगर यह पोस्ट आपके चेहरे पर मुस्कान लाती है, तो इसे दूसरों के साथ शेयर करना न भूलें!.
Funny Shayari for Friends Status in Hindi | फनी शायरी स्टेटस इन हिंदी
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जब हम उनके घर गए… कहने दिल से दिल लगा लो, उनकी माँ ने खोला दरवाजा, हम घबरा कर बोले.. आंटी बच्चों को पोलियो ड्राप पिलवा लो।
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दोस्त रूठे तो रब रूठे, फिर रूठे तो जग छूटे, अगर फिर रूठे तो दिल टूटे, और अगर फिर रूठे तो निकाल लट्ठ मार साले को जब तक लट्ठ न टूटे
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दोस्तों हम उन्हें मुड़ मुड़कर देखते रहे, और वो हमें मुड़-मुड़कर देखते रहे वो हमें, हम उन्हें… वो हमें, हम उन्हें… क्योंकि परीक्षा में न उन्हें कुछ आता था न हमे।
Love Funny Shayari
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हो गए, हुस्न के तेवर नुकीले हो गए, हम इज़हार करने में रह गए, उधर उनके हाथ पीले हो गए।
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अर्ज किया है, जिनके घर शीशे के होते हैं, वो तो कहीं पर भी बैठ कर दाढ़ी बना लेते होंगे
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तुम्हारी शायरी बड़ी है फाइरी, Wah Wah… Wah Wah… तुम्हारी शायरी बड़ी है फाइरी, Wah Wah… Wah Wah… दिल करता है जल जाये तुम्हारी शायरी वाली डायरी।
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अर्ज़ किया है – आँखों में नमी थी, और विटामिन की कमी थी। वाह !! वाह !! जिस से रात भर Chatting की वो , girlfriend की मम्मी थी .
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तुम्हारी याद दिल से जाने नहीं देंगे , तुम्हारे जैसा दोस्त खोने भी नहीं देंगे। रोज़ शराफत से SMS किया करो , एक कान के नीचे देंगे और रोने भी नहीं देंगे।
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ज़ोर से चली हवा और उड़ गए आप, रुक गयी हवा और गिर गए आप।
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बहार आने से पहले फ़िज़ा आ गयी , और फूल खिलने से पहले बकरी खा गयी।
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इतना मुझे SMS करते हो , पैसे नहीं लगते तुम्हारे या मुझपे मरते हो।
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सबको खुश रखना जिंदा मेंढको को तराजू में तोलने जैसा मुश्किल काम है एक को बैठाओ तो दूसरा कूद कर भाग जाता है
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खुश रहा करो उनके लिए जो तुम्हें खुश नहीं देखना चाहते Love Funny Shayari For Friends
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जब तिरछी नजरों से उन्होंने हमको देखा तो हम मदहोश हो गए जब पता लगा उनकी नजर ही तिरछी है तो हम बेहोश हो गए
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आज का ज्ञान अगर आप चाहते हैं कि सब लोग आपको हमेशा अच्छा कहें तो अपना नाम ही “अच्छा” रख लें, दूसरा कोई रास्ता नहीं है
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पहले लोग नाराज होते थे तो घर आना बंद कर देते थे अब नाराज होते हैं तो ऑनलाइन आना बंद कर देते हैं हरकत वही सोच नहीं
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तुझे प्रेम के वो अक्षर ढाई मिले खुशियां सदा तेरे घर में छायी मिले ये मेरी दिल से दुआ है तेरे लिए मेरे दोस्त तुझे पूतना जैसी लुगाई मिले !!
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सुन बहाने ज़रा कम बनाया कर ऐ दोस्त किये वादे निभाया कर और मैं नहीं मेरी माँ कहती है ये अबे तू तीज-त्योहारों पे तो नहाया कर
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मेरे पास भी 1 Lembo होनी चाहिए, Team में मुझे धोनी चाहिए, बंदर सी शकल और गधे सी अकल और कहता है मुझे Sunny Leone चाहिए
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तुझे दोस्त कहूँ या कुरकुरा, तू टेढ़ा है पर साले मेरा है !!
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तू टिक टोक की रानी मैं फेसबुक का राजा मिलना है तो फेसबुक पे आजा
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तुझे ऊपर वाले ने बनाया क्यों होगा बनाकर ज़मीन पर लाया क्यों होगा अब तक सोच रहा हूँ मैं ये तुझे मेरा दोस्त बनाया क्यों होगा !!
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जिसको शुगर है कृपया वो लोग सब्र का करें क्युकी सब्र का फल मीठा होता है
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माफ़ करो परमेश्वर ये भारी भूल हमारी है शादी कर ली जिससे हमने वो तो निर्धन नारी है
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अगर जल्दबाजी में शादी करके जीवन बिगाड़ लोगे सोच समझ कर करोगे तो कौन सा तीर मार लोगे
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दिल में बहुत दर्द है डॉक्टर के पास गया डॉक्टर ने गर्लफ्रेंड की कमी बताई
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शादी के पहले मां ने बेटी को सलाह दी- बेटी ध्यान रखना कि यदि पति पहली बार रूठे तो रब रूठे, दूसरी बार रूठे तो दिल टूटे, तीसरी बार रूठे तो जग छूटे, और अगर बार-बार ही रूठता ही रहे तो.. निकाल डंडा मार साले को, जब तक डंडा न टूटे..! Funny Shayari For Friends In Hindi
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फूलों को फूल पसंद है , दिलों को दिल पसंद है , शायर को शायरी पसंद है , किसी की पसंद से हमें क्या , हमको तो बस आपकी गर्ल फ्रेंड पसंद हैं .
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पती: तुम्हीं मेरी साधना हो, तुम ही मेरी आराधना हो, तुम ही मेरी कल्पना हो, तुम ही मेरी कविता हो…!. तो पत्नी भी भावुक होकर: तुम ही मेरे रमेश हो तुम ही मेरे दिनेश हो, तुम ही मेरे महेश हो और तुम ही मेरे गाँव वाले सुरेश हो…!
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दूर से देखा तो संतरा था, पास गया तो भी संतरा था, छिल के देखा तो भी संतरा था, खा के देखा तो भी संतरा था। वाह! क्या संतरा था।
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हसीनों से मिलें नज़रें अट्रैक्शन हो भी सकता है, चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो भी सकता है, हसीनों को मुसीबत तुम समझ कर दूर ही रहना, ये अंग्रेजी दवाएं हैं रिएक्शन हो भी सकता है..!!
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भगवान से तो माँग लोगे उसको, मगर उसके बाप से कैसे माँगोगे
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स्कूल के रांझे घुमा रहे है अपनी अपनी हीर और हमारा दिल मांगे सूर्यवंशम वाली खीर
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प्यार तो हम दोनों ने किया था मैंने बहुत किया था और उसने बहुतों से किया था
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इश्क अखरोट सा और दिल के दांत कमजोर फिर भी कोशिश जारी है
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पता नही कैसे उसने मुझे छोड दिया ??? वो कमीनी तो किसी के पांच रूपए भी नही छोडती थी
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दिल के दर्द को जुबां पे लाते नही, हम अपनी आंखों से आसूं बहाते नही, ज़ख्म चाहे कितने ही गहरे क्यों ना हो, हम डेटॉल के सिवाय कुछ और लगाते नही
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माफ करो मेरे ईश्वर, ये गलती हमारी हैं, हमनें शादी किया जिससे वो एक निर्धन नारी हैं.
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इश्क करते हैं लोग बड़े शोर के साथ, हमने भी किया था बड़े जोर के साथ; मगर अब करेंगे जरा गौर के साथ, क्यूँकि कल देखा था उसे किसी और के साथ 2 Line Funny Shayari For Friends
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इस गर्मी की वजह से हालात ऐसे हो गये हैं कि आजकल तजुरबा लिखा हुआ भी पढ़ने में तरबूजा ही आता है
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तेरे प्यार की रौशनी ऐसी है कि हर तरफ़ उजाला नज़र आता है। सोचती हूँ घर कि बिजली कटवा दूँ क्यूंकि बिल बहुत आता है।
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ज़िंदगी ने दिए हैं बहुत से धोखे but कोई बात नहीं its ok
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हे ऊपरवाले थोडी महिमा दिखा दे जो reply ना दे उसके फोन का Display उड़ा दे
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उसने कहा मेरे दिल में तेरे लिए कोई जगह नहीं मैंने कहा दीमाग में रख लो वह तो खाली है
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बीवी पर मेरे ऐतबार की हद देख ग़ालिब, उसके दिन को रात कहा और मैंने पेग बना लिया।
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ना इश्क़ करो झूठा, ना प्यार करो फर्जी, आगे नहीं बताऊंगा, मेरा शेर मेरी मर्ज़ी!!
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समन्दर से कह दो अपनी मौजें संभाल के रखे, जिंदगी में तूफान लाने के लिए बीवी ही काफी है।
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कितना अजीब शख्श है बीवी पे फिदा है, उस पे ये कमाल है कि अपनी पे फिदा है। Comedy Funny Shayari For Friends
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न मुझे किसी का दिल चाहिए, न मुझे जमाने से कोई आस है, जो अपनी गर्लफ्रेंड की पप्पी दिलवा दे, मुझे बस ऐसे दोस्त की तलाश है। Read Also Read the full article
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dainiksamachar · 2 months
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पति थे MLA तो सब्जी बेचती थीं जोबा मांझी, 6 CM के साथ रहीं मंत्री, MP बनने के बाद अब भी बेटे के साथ करती हैं खेती
चाईबासाः झारखंड में से जेएमएम की जोबा मांझी पहली बार सांसद बनीं, लेकिन इससे पहले जोबा मांझी छह मुख्यमंत्रियों की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। लेकिन जोबा मांझी की सादगी की चर्चा अब भी पूरे इलाके में होती है। पांच बार विधायक रह चुकीं 60 वर्षीय जोबा मांझी अपने बेटे के साथ अब भी खेती करते देखी जा सकती हैं। लोकसभा के मॉनसून सत्र में शामिल होने के पहले भी इस बार भी जोबा मांझी अपने बेटे के साथ खेती का जायजा लेने पहुंची। शादी के बाद भी जोबा मांझी का जमीन से नहीं टूटा रिश्ता सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत रानीगंज गांव में जन्मी जोबा मांझी की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी साधारण आदिवासी परिवारों की तरह रही। बचपन में वो अपनी मां और पिता के साथ खेतों पर जाती थीं। के साथ शादी होने के बाद भी जोबा मांझी का जमीन से नाता-रिश्ता टूटा नहीं। उनके पति देवेंद्र मांझी की गिनती 90 के दशक में झाखंड के प्रमुख आंदोलनकारी नेता के रूप में होती थी। ऐसे में जब देवेंद्र मांझी अलग झारखंड राज्य की लड़ाई में व्यस्त रहते थे। उस वक्त जोबा मांझी ही घर का सारा कामकाज के साथ खेती की जिम्मेदारी संभालती थीं। पति एमएलए थे, इतवारी बाजार में बेचती थीं सब्जी प्रारंभ से ही जोबा मांझी बेहद साधारण जीवन जीती हैं। जब उनके पति देवेंद्र मांझी विधायक थे, तब जोबा मांझी चक्रधरपुर के इतवारी बाजार में सब्ज़ी बेचती थीं। आज भी राजनीति में इतना ऊंचा मुकाम हासिल करने के बाद भी वह घर का काम खुद करती हैं। अपने खेतों में वह एक आम किसान की तरह काम करती नज़र आती हैं। उनकी सादगी और सरलता ही उनकी पहचान है। पति देवेंद्र मांझी की शहादत के बाद सक्रिय राजनीति में जोबा मांझी के पति देवेंद्र मांझी जल, जंगल और जमीन आंदोलन के प्रणेता थे। 1994 में देवेंद्र मांझी की हत्या कर दी गई। जिसके बाद जोबा मांझी सक्रिय राजनीति में आई हैं। उस समय कोई नहीं जानता था कि जोबा मांझी इतनी बड़ी नेता बनेंगी। जोबा मांझी 1995 में पहली बार विधायक बनीं। इसके बाद 2000, 2005, 2014 और 2019 में भी जोबा मांझी ने मनोहरपुर विधानसभा सीट से हासिल की। जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी सिंहभूम लोकसभा सीट से जोबा मांझी ने बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी की गीता कोड़ा को एक लाख 68 हज़ार से ज्यादा वोटों से हराया। यह जीत उनके लिए बहुत ख़ास है क्योंकि वह पहली बार सांसद बनी हैं। पति से सीखी सादगी, बनीं संघर्ष की प्रतिमूर्ति 1982 में जब स्वर्गीय देवेंद्र मांझी से जोबा मांझी की शादी हुई, तब से लेकर आज तक वो सादगी की शर्तों पर ही राजनीति करती हुई दिख रहीं हैं। ऐसे में जब कि मुखिया जैसे पद के नेता भी बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों से चलने को स्टेटस सिंबल समझते हैं, वैसे दौर में जोबा मांझी की यह तस्वीर याद दिलाती है कि राजनीति में सादगी और संघर्ष जिंदा है। जोबा मांझी को अच्छी तरह से जानने वाले बड़े-बुजुर्गो का कहना है कि 90 के दशक में जब देवेंद्र मांझी मनोहरपुर के विधायक थे, तो जोबा मांझी हर रविवार को हाट में जाकर सब्जी बेचा करती थीं। राजनीति में ऐसी सादगी अब विलुप्त हो चुकी है। जोबा मांझी उन गिने-चुने नेताओं में हैं, जिन्होंने संघर्ष को ना सिर्फ जिया है, बल्कि जिंदा भी रखा है। छह मुख्यमंत्रियों के साथ 7 सरकारों में रहीं मंत्री जोबा मांझी के लिए सिंहभूम सीट से जीत उनके राजनीतिक सफ़र का एक अहम पड़ाव है। मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से वे पांच बार विधायक रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्हें 7 बार कैबिनेट मंत्री बनने का भी मौका मिला है। अब सांसद बनकर उन्होंने सिंहभूम की दूसरी महिला सांसद होने का गौरव भी हासिल किया है। उनका संघर्ष महिला सशक्तीकरण की एक मिसाल है। 1995 में पहली बार मनोहरपुर सीट से जीत हासिल करने के बाद उन्हें राबड़ी देवी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। झारखंड बनने के बाद भी बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा, शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन की सरकारों में उन्हें मंत्री पद मिला। वह अपनी साफ़ छवि और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं। राजनीतिक विरासत संभालने के लिए पुत्र जगत मांझी तैयार जोबा मांझी ने इस बार झारखंड की सिंहभूम लोकसभा सीट से भारी अंतर से जीत हासिल की। इस जीत में उनके बेटे जगत मांझी का भी बहुत बड़ा योगदान है। जोबा मांझी सातवीं बार चुनाव जीती हैं लेकिन यह उनका पहला लोकसभा चुनाव था। जगत मांझी ने चुनाव प्रचार की पूरी ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली थी। उन्होंने बूथ मैनेजमेंट से लेकर स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम तक, हर चीज़ का बखूबी ध्यान रखा। नामांकन के दौरान और रैलियों में भीड़ जुटाने में भी उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भी पूरा ख्याल रखा। जगत के इस काम से यह साफ़ है कि वह अपनी माँ के उत्तराधिकारी बनने के लिए तैयार हैं। जोबा के छोटे बेटे उदय मांझी ��र बबलू मांझी ने भी अलग-अलग… http://dlvr.it/TBNXKf
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rightnewshindi · 2 months
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सुप्रीम कोर्ट ने बुजुर्ग महिला को दिलाया पेंशन का अधिकार, पति की थी दूसरी पत्नी; जानें कोर्ट ने किस अधिकार का किया प्रयोग
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एक अनूठे मामले में अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए एक ऐसी बुजुर्ग महिला को पेंशन का लाभ दिलवाया जो अपने पति की पहली पत्नी के रहते दूसरी पत्नी बनी थी. यह मामला इसलिए चर्चा में है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले कई बार कह चुका है कि पहली शादी के रहते हुए दूसरी शादी करना गैरकानूनी है. 23 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रही है महिला यह मामला उस बुजुर्ग महिला का है जिसने पति…
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bihar-ujala · 2 months
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शादी के बाद दूसरी बार हनीमून पर निकली Sonakshi Sinha, बिना पति के दिखीं अभिनेत्री
बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) ने जब से जहीर इकबाल के साथ शादी की है, तब से लगातार वह सुर्खियों में छाई हुई है. हाल ही में उनकी हनीमून की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी, जहां बीती रात दोनों मुंबई से एक साथ हनीमून पर रवाना होते हुए नजर आए थे. इससे पहले सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) और जहीर इकबाल को अंबानी परिवार के फंक्शन में देखा गया था, जहां उन्होंने खूब मस्ती…
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singhmanojdasworld · 5 months
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JAGAT GURU RAMPAL JI
संत रामपाल जी महाराज का सर्व को संदेश
कलयुग में सत्ययुग
सत्ययुग उस समय को कहा जाता है जिस युग में कोई अनैतिकता नहीं होती है। उसमें शांति होती है। एक पुत्र पिता के सामने नहीं मरता; एक महिला विधवा नहीं होती है। शरीर बीमारी से मुक्त होता है। सभी मनुष्य भक्ति करते हैं वे ईश्वर से डरते हैं क्योंकि वे आध्यात्मिक ज्ञान के सभी कार्यों से परिचित होते हैं। वे मन, कर्म या वचन से किसी को कष्ट नहीं देते हैं और न ही दुष्ट होते हैं।
पुरुष और महिलाएं जाति (एक विवाहित प���रुष जो अपनी पत्नी के प्रति वफादार होता है, और सपने में भी किसी दूसरी महिला के बारे में नहीं सोचता) - सती (एक विवाहित महिला जो अपने पति के प्रति वफादार होती है, और सपने में भी किसी दूसरे पुरुष के बारे में नहीं सोचती है)।पेड़ों की बहुतायत होती है। सभी मनुष्य वेदों पर आधारित भक्ति करते हैं। वर्तमान में, यह कलयुग है। इसमें बहुत अधर्म है। कलयुग में इंसान का भक्ति के प्रति विश्वास कम हो जाता है।या तो वे भक्ति नहीं करते हैं, या यदि वे करते हैं, तो शास्त्रों की निषेधाज्ञा का त्याग करते हुए मनमानी भक्ति करते हैं, जो कि १६ श्लोक २३-२४ में निषिद्ध है। जिसके परिणामस्वरूप, उनको ईश्वर से वांछित लाभ प्राप्त नहीं होता है। इसलिए अधिकतम लोग नास्तिक हो जाते हैं। अमीर बनने के लिए, वे रिश्वत, चोरी और लूट के साधन प्राप्त करते हैं। पर क्योंकि उनके अमीर बनने का तरीका सही नहीं है, वे ईश्वर के दोषी बन जाते हैं, और प्राकृतिक आपदाओं को झेलते हैं। ईश्वर के नियम को भूल जाता है कि व्यक्ति जो नियति है उससे अधिक प्राप्त नहीं कर सकता है। मनुष्य यदि कोई अवैध तरीकों से धन अर्जित करता है, तो वह नहीं रहेगा। जैसे, एक आदमी ने अपने बेटे को खुश देखने के लिए अवैध तरीकों से धन अर्जित किया। कुछ दिनों के बाद, उनके बेटे के दोनों गुर्दे खराब हो गए। किसी तरह उसे किडनी मिल गई। उन्होंने 3 लाख रुपये खर्च किए। उनके द्वारा अनैतिक तरीकों से अर्जित की गई पूरी धनराशि को खर्च किया गया और वे कर्ज में भी डूब गए। फिर उसने लड़के से शादी कर ली। छह महीने के बाद, उनका एकमात्र लड़का एक बस दुर्घटना में मारा गया। अब न तो बेटा रहा, न ही अवैध तरीकों से कमाया गया पैसा। क्या बचा लिया? अवैध तरीकों से पैसे कमाने में इकठ्ठे हुए पाप अभी भी बाकी हैं। उन्हें सहन करने के लिए, जिससे वो धन लिया था, वह उसे अपने पशु (गधा, बैल, गाय आदि) बनाकर वसूल लेंगें। लेकिन परमपिता परमेश्वर एक भक्त की नियति को बदल देता है जो परम अक्षर ब्रह्म की शास्त्र-आधारित भक्ति करता है, क्योंकि यह परमेश्‍वर के गुणों में लिखा है कि भगवान एक गरीब को  अमीर बनाता है।
सत्ययुग में, कोई भी मांस, तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करता है क्योंकि वे इनसे होने वाले पापों से परिचित होते हैं
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shippersark · 5 months
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sabkuchgyan · 7 months
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आदिल खान-सोमी खान की शादी: जानिए कौन हैं सोमी खान, राखी सावंत के पूर्व पति आदिल दुर्रानी ने रचाई शादी
बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत अक्सर अपने नए और अनोखे वीडियो को लेकर सुर्खियों में रहती हैं। राखी सावंत के पूर्व पति आदिल खान दुर्रानी भी हर दूसरे महीने अपने स्टेटमेंट वीडियो से ट्रेंडिंग लिस्ट में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहते हैं. इस बार आदिल अपनी दूसरी शादी को लेकर चर्चा में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आदिल खान ने ‘बिग बॉस 12’ की कंटेस्टेंट सोमी खान से गुपचुप तरीके से शादी कर ली है।…
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astrovastukosh · 9 months
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शव यात्रा के पीछे राम नाम बोलने की कहानी
एक समय कि बात है, जब तुलसीदास अपने गांव में रहते थे। वह हमेशा राम की भक्ति में लिप्त रहते थे। उनको घर वालों ने और गांव गाँव वालों ने ढोंगी कह कर घर से बाहर निकाल दिया, तो तुलसीदास गंगा जी के घाट पर रहने लगे। वही प्रभु की भक्ति करने लगे।
जब तुलसीदास रामचरितमानस की रचना शुरू कर रहे थे, उसी दिन उसके गांव में एक लडके की शादी हुई, और वो लडका अपनी नववधु को लेकर अपने घर आया। रात को किसी कारण वश उस लडके की मृत्यु हो गई। लडके के घर वाले रोने लगे। सुबह होने पर सब लोग लडके को अर्थी पर सजाकर शमशान घाट ले जाने लगे, तो उस लडके की पत्नी भी सती होने की इच्छा से अपने पति की अर्थी के पीछे पीछे जाने लगी। लोग उसी रास्ते से जा रहे थे, जिस रास्ते में तुलसीदास जी रहते थे। लोग जा रहे थे तो लडके की पत्नी की नजर तुलसीदास जी पर पडी।उस नववधु ने सोचा अपने पति के साथ सती होने जा रही हूँ, एक बार इस ब्राह्मण देवता को प्रणाम कर लेती हूँ वह नववधु नहीं जानती थी, कि ये तुलसीदास जी है।
उसने तुरंत तुलसीदास को पैर छुकर प्रणाम किया तुलसीदास ने उसे अखण्ड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दिया तब सब लोग हँसने लगे, और बोले - तुलसीदास हम तो सोचते थे, तुम पाखंडी हो, लेकिन तुम तो बहुत बडे मूर्ख भी हो इस लडकी का पति मर चुका है। यह अखण्ड सौभाग्यवती कैसे हो सकती है……सब बोलने लगे, तू भी झुठा, तेरा राम भी झुठा।
तुलसीदास जी बोले, हम झुठे हो सकते हैं, लेकिन मेरे राम कभी भी नहीं झुठे हो सकते है। सबने बोला :- तब प्रमाण दो।
तुलसीदास जी ने अर्थी को रखवाया, और उस मरे हुये लडके के पास जाकर उसके कान में बोला -राम नाम सत्य है। ऐसा एक बार बोला तो लडका हिलने लगा। दूसरी बार फिर बोला तुलसीदास जी ने लडके के कान में - राम नाम सत्य है लडका थोडा सचेत हुआ। तुलसीदास जी ने फिर तीसरी बार उस लडके के कान में बोला- राम नाम सत्य है तो मृतक लडका अर्थी से नीचे उठ कर बैठ गया।
सभी को बहुत आश्चर्य हुआ, कि मृतक कैसे जीवित हो सकता है। सबने तुलसी दास को सिद्ध सन्त मान लिया। तुलसीदास जी के चरणों में दण्डवत प्रणाम करके माफी मांगने लगे।
तुलसीदास जी बोले, अगर आप लोग यहाँ इस रास्ते से नहीं जाते, तो मेरे राम के नाम को सत्य होने का प्रमाण कैसे मिलता ये तो सब हमारे राम की लीला है उसी दिन से मृतक के पीछे राम नाम सत्य है बोलने की प्रथा चल पड़ी..!!
अन्य और कथा
Manan Karne Yogy Funeral Procession शव यात्रा के पीछे राम नाम
Funeral Hindu Tradition: शव यात्रा के पीछे राम नाम क्यों बोलते हैं ‘राम नाम सत्य है’, क्या कहते हैं शास्त्र?
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takataktop · 1 year
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IND vs AUS: भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच में रनों की बारिश होगी या विकेट? चेन्नई पिच रिपोर्ट देखें
आज चेन्नई के एम.ए.चिदंबरम स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2023 वर्ल्ड कप का पांचवां मैच खेला जाएगा. दोनों टीमें आज अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत करेंगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीदें काफी अधिक हैं, क्योंकि दोनों टीमों में कई जबरदस्त खिलाड़ी मौजूद हैं। लेकिन उससे पहले आइए जानें कि चेन्नई की पिच से किसे फायदा हो सकता है? एम.ए.चिदंबरम में IND vs AUS पिच रिपोर्ट: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2023 विश्व कप का 5वां मैच चेन्नई के एम.ए.चिदंबरम क्रिकेट स्टेडियम में होगा। यह मैदान स्पिन गेंदबाजों को मदद देने के लिए जाना जाता है. जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, पिच धीमी होती जाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस मैदान पर तेजी से रन बनाना आसान नहीं है और बल्लेबाजों को एक-एक रन के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. चेन्नई की पिच कैसी है? चेन्नई के एम.ए.चिदंबरम क्रिकेट स्टेडियम ने अब तक कुल 34 एक दिवसीय मैचों की मेजबानी की है। इनमें से 17 मैच पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमों ने जीते, जबकि 16 मैच पीछा करने वाली टीम के पक्ष में रहे। इस मैदान पर पहली पारी में औसत स्कोर 224 रहा है, जबकि दूसरी पारी में यह 205 के आसपास है। इसलिए, इस पिच पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 300 या उससे अधिक का लक्ष्य निर्धारित करना चुनौतीपूर्ण रहा है। कौन लेगा शुबमन गिल की जगह? भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने इन फॉर्म बल्लेबाज़ शुबमन गिल के बिना ही मैदान पर उतरना होगा. गिल को डेंगू बुखार हो गया है, जिससे उनका पहले मैच में खेलना बेहद मुश्किल हो गया है। गिल की अनुपस्थिति में रोहित शर्मा और इशान किशन एक साथ पारी की शुरुआत कर सकते हैं। तीसरे नंबर पर विराट कोहल��� होंगे, जबकि मध्यक्रम की जिम्मेदारी श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और हार्दिक पंड्या पर होगी. तीन स्पिनर उतारेगी टीम इंडिया चेन्नई के एम.ए.चिदंबरम क्रिकेट स्टेडियम की पिच को देखते हुए टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन स्पिनर उतार सकती है। कुलदीप यादव अपनी टर्निंग गेंदों से कंगारू बल्लेबाजों की परीक्षा लेंगे. उनके साथ रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जड़ेजा के भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की उम्मीद है। तेज गेंदबाजी विभाग में, जसप्रित बुमरा और मोहम्मद सिराज के अपना प्रकोप दिखाने की संभावना है। यह भी पढ़ें - Mahira Khan: शादी के बाद पति सलीम करीम के साथ रोमांटिक पल में नजर आईं माहिरा खान, पार्टी से तस्वीरें वायरल Read the full article
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shyamsunders-world · 1 year
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Mahira Khan: पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान ने अपनी दूसरी शादी रचाई, जानिए कौन है माहिरा खान का शौहर?
कौन हैं पाकिस्तानी एक्ट्रेस Mahira Khan के पति सलीम करीम/ फोटो-सोशल मीडिया शाह रुख खान के साथ फिल्म रईस में काम कर चुकीं Mahira Khan ने अपनी शादी करके सभी को हैरान कर दिया। उनकी शादी के चित्र और वीडियो बहुत वायरल हो रहे हैं। ये माहिरा खान की दूसरी निकाह है। जानिए सलीम करीम कौन है जिससे माहिरा खान ने शादी की है। पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान के पति सलीम करीम क्या करते हैं? माहिरा खान शाह रुख…
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nbs-hindi-news · 1 year
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'आज आखिरी बार शक्ल देख ले...सोनू तो चला, दूसरा ब्याह हो जाएगा', पत्नी को 45 सेकेंड का VIDEO भेज युवक ने लगाई फांसी
'आज आखिरी बार शक्ल देख ले...सोनू तो चला, दूसरा ब्याह हो जाएगा', पत्नी को 45 सेकेंड का VIDEO भेज युवक ने लगाई फांसी
गाजियाबाद। गाजियाबाद से सुसाइड का एक चौंकाने वाला केस सामने आया है। पति ने पहले अपनी पत्नी के लिए 45 सेकेंड का एक वीडियो बनाया और उसके बाद आत्महत्या कर ली। वीडियो में पति ने पत्नी के घर छोड़कर जाने और दूसरी शादी करने की बात से आहत होने की बात कही है। उसने आत्महत्या करने से पहले बनाया गया फंदा भी दिखाया और पत्नी के नाम संदेश भी छोड़ा। इस मामले में पति के परिजनों की तरफ से दी गई शिकायत के आधार पर…
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dainiksamachar · 9 months
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सहेली की जान ली, प्रेमी से बोला झूठ, पति को धोखा...खतरनाक अफसाना
मेरठ: वेस्टर्न यूपी का शहर मेरठ में तीन साल पहले इश्क, मर्डर और धोखे की ऐसी वारदात सामने आई थी, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। एक शादीशुदा मुस्लिम युवती ने नाम बदलकर हिंदू लड़के से प्रेम किया। मामला दो धर्मों का था, बात बिगड़ सकती थी। युवती ने खुद की झूठी हत्या की साजिश रची। लोगों को भ्रम में रखने के लिए अपनी एक सहेली को घर में बुलाकर जला दिया। पुलिस भी उसे मृत मान बैठी और युवती अपने प्रेमी के साथ रहने लगी। युवती प्रेग्नेंट हुई तो प्रेमी पर शादी करने का प्रेशर बनाया। प्रेमी ने शादी करने से इनकार कर दिया क्योंकि युवती ने प्रेमी से भी झूठ बोला था कि वह हिंदू है। प्रेग्नेंट युवती फरियाद लेकर थाने गई तो उसकी पोल खुल गई। जिस सहेली की उसने धोखे से हत्या की थी, उसका राजफाश भी हो गया। सरकारी वकील मुकेश कुमार मित्तल ने बताया कि मेरठ की अदालत ने धोखेबाज हत्यारिन युवती को उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रेमी से निशा बनकर मिलती रही दोस्त की कातिल अफसाना मेरठ के लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र में रशीदनगर है। यहां किराये के मकान में रहने वाले अबरार अपनी बीवी अफसाना के साथ रहता था। उसके घर में दो अप्रैल 2019 को संदिग्ध हालत में आग लग गई। आग बुझाई गई तो घर के अंदर से एक महिला की जली हुई लाश मिली। तब हर एक शख्स ने मान लिया कि अबरार की बीवी अफसाना अग्निकांड में जल गई है। घरवालों ने भी बुरी तरह से झुलसी लाश की पहचान अफसाना के तौर पर की। किसी को कानोकान खबर नहीं हुई कि मरने वाली अफसाना नहीं, बल्कि दूसरी महिला जीनत है। रशीदनगर में रहने वाली जीनत से अफसाना की दोस्ती थी। उसने लंबी साजिश के तहत घर बुलाकर जीनत की जान ली थी। अफसाना ने जीनत को नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश किया था, फिर मिनी सिलिंडर से घर में आग लगा दी थी। मगर यह राज सिर्फ 22 दिन तक ही राज बना रहा। पुलिस ने इस केस में एक सतर्कता बरती थी कि शव का डीएनए सैंपल सुरक्षित रख लिया गया था। इस वारदात के बाद अफसाना प्रेमी प्रवीण के घर गोकुलपुरी में रहने लगी। प्रवीण मेरठ में ही टैंपो चलाता था। दोनों के बीच काफी दिनों से नाजायज ताल्लुकात थे। अब अफसाना अपने प्रेमी प्रवीण के साथ घर बसाना चाहती थी। उसने प्रवीण को अपना नाम निशा और धर्म हिंदू बताया था। यह गलती उसे बाद में भारी पड़ गई। हिंदू प्रेमी ने किया शादी से इनकार तब पहुंची महिला थाना उधर, जीनत की अचानक गुमशुदगी से उसके घरवाले परेशान थे। जीनत के मायकेवालों को शक था कि उसके पति अशरफ ने गड़बड़ी की है। उन्होंने अशरफ के खिलाफ थाना लिसाड़ी गेट में अशरफ और उसके परिवार वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया। पुलिस भी दहेज का मामला समझकर जीनत की तलाश करती रही। प्रेमी प्रवीण को निशा उर्फ अफसाना ने बताया कि वह प्रेग्नेंट है, इसलिए अब शादी कर लेनी चाहिए। प्रवीण को पता चला कि निशा का असली नाम अफसाना है और वह मुस्लिम है। इस केस ने 24 अप्रैल 2019 को उस समय अचानक बड़ी करवट ली, जब प्रवीण ने शादी से इनकार कर दिया। गुस्से में के महिला थाने में प्रवीण के खिलाफ प्रेम में धोखा और बहला-फुसलाकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए शिकायत की। अपनी शिकायत में भी उसने अपना नाम निशा ही बताया। थाने में पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने निशा के चेहरे का मिलान अफसाना की तस्वीर से किया तो शक गहरा गया। चार दिन तक वह पुलिस को भी बरगलाती रही। पुलिस ने अफसाना की मां को थाने में बुलाकर पहचान कराई तो सच सामने आ गया। चार साल बाद मिला जीनत को इंसाफ 28 अप्रैल को पुलिस ने निशा उर्फ अफसाना और उसके प्रेमी प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में अफसाना ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि जीनत की हत्या के बाद उसने मिनी सिलिंडर से घर में आग लगा दी थी। इसके बाद चुपके से गोकुलपुरी पहुंच गई थी। फिर पुलिस ने जीनत की हत्या के साक्ष्य जुटाना शुरू किया। जीनत के बेटी सोफिया का बयान भी काफी अहम रहा। सोफिया ने भी पुष्टि की थी कि दो अप्रैल को उसकी मां जीनत आखिरी बार अफसाना के साथ ही देखी गई थी। इसके बाद करीब चार साल तक केस चला और जनवरी 2024 की शुरुआत में अदालत ने इंसाफ कर दिया। अब निशा उर्फ अफसाना की जिंदगी सलाखों के पीछे गुजरेगी। http://dlvr.it/T0sMgW
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nationalnewsindia · 1 year
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sharpbharat · 1 year
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Jamshedpur injured in assault- दूसरी पत्नी के चक्कर में उलीडीह में बेटी को मारपीट कर किया घायल
जमशेदपुर: उलीडीह थाना अंतर्गत खड़िया बस्ती में राकेश गोराई ने दूसरी पत्नी के चक्कर में अपनी बेटी नंदिनी गोराई को मारपीट कर जख्मी कर दिया. नंदिनी गोराई की मां सीमा ने बताया कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है और सीमा और उसकी बेटी नंदिनी को छोड़ना चाहता है.(नीचे भी पढ़े) इसीलिए वह आए दिन प्रताड़ित करता है. रविवार को उसने नंदिनी को मारपीट कर घायल कर दिया. उसे इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती…
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bihar-teacher · 1 year
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