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#बड़ी टोपी
iammanhar · 4 months
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Day☛1301✍️+91/CG10☛In Home☛19/05/24 (Sun) ☛ 22:15
जिस काम को करो उसे अंतिम परिणाम तक करो, बीच में छोड़ देने से उसमें समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद होती है। विगत 7 सालो से real estate को कर रहा हूं, परिणाम आता है जाता है, सबसे बड़ी बात किसी काम में स्थिरता कायम रखना है, ऊंचाई में उड़ना बड़ी बात नहीं है, ऊंचाई में जाकर स्थिर रहना बड़ी बात है। परिणाम देगा या फिर सीखा जायेगा।
आज ऑफिस गया था काम तो पूर्वत टाइप रहा है, बस कुछ new होना चाहिए, समय की मांग यही है।
आज fb में एक महिला मित्र ने मुझे पैसे की मांग किया, मैने उसे उस बात को बताया कि भलाई किया हूं, पैसा मेरा काफी फसा हुआ है, अब किसी को पैसा देने से 100 बार सोचना पड़ेगा, वह मुझसे नाराज़ हो गई.... अरे भाई पहले से जो भलाई करके फसा है, दूसरो को पैसा देकर फसा है वो अब किसी को पैसा देने से पहले कई बार सोचेगा। अब तुम्हे नही दे रहा है इसका अर्थ तो यह नही कि मैं गलत हूं। वो कहते हैं न दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है.... बस वही बात है और कुछ नहीं।
आज भी साची लोग नही आए हैं, एक दो दिन बाद शायद आने की संकेत है, घर सच में बहुत सुना सुना सा लग रहा है, जल्दी आओ..... देखो तो किसे अपना टोपी बना लिया है
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बाटू 😊😊
Ok good night 🌃
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vitiligocare · 1 year
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सफ़ेद दाग का घरेलू उपाय
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सफ़ेद दाग (Leukoderma) एक त्वचा का रोग है जिसमे त्वचा के किसी भाग में सफ़ेद दाग उत्पन्न हो जाते है। सफ़ेद दाग (Leukoderma) सामान्यतः हाथ, पाँव, और चेहरे को प्रभावित करते है, हालांकि सफ़ेद दाग (Leukoderma) त्वचा के किसी भी स्थान में हो सकते है। शुरुआती तौर में सफ़ेद दाग (Leukoderma) छोटे-छोटे सफ़ेद दाग के रूप में उभरते है और यह समय के साथ-साथ बढ़ता जातत्वचा पर सफेद दाग का होना उतनी बड़ी और गंभीर बीमारी नहीं, जितना लोग इसे लेते हैं। समय रहते सफेद दाग का इलाज करवा लिया जाए तो प्रॉब्लम को आसानी से दूर किया जा सकता है। सफेद दाग को ल्यूकोडर्मा (Vitiligo) कहा जाता है। इसके लिए ज्यादातर लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, जिससे ठीक होने में काफी वक्त लगता है। हालांकि, घर में मौजूद कुछ चीजों से ही इसका इलाज संभव है।
नियमित सफाई और हाइजीन : अपने चेहरे को नियमित रूप से धोएं और सफाई बनाए रखें।
1. नींबू का रस: सफेद दाग को कम करने के लिए नींबू का रस बहुत ही प्रभावकारी हो सकता है। रोज़ाना नींबू का रस दाग पर लगाएं और उसे सूखने दें।
2. दही और हल्दी: हल्दी के साथ दही का आप्लाई सफेद दाग को कम करने में मदद कर सकता है।
3. मेथी (Fenugreek) दाना: मेथी के दानों को पानी में भिगोकर रखें और फिर उन्हें पीसकर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को सफेद दाग पर लगाएं और 15-20 मिनट के बाद धो लें।
4. आलू (Potato) का पेस्ट: आलू को कद्दूकस करके उसका पेस्ट बनाएं और उसे सफेद दाग पर लगाएं। इसे 15-20 मिनट तक छोड़ें और फिर धो लें।
5. नारियल तेल: नारियल तेल को सफेद दाग पर लगाने से भी लाभ हो सकता है।
6. होली बेसिन (Gram Flour) और दही: होली बेसिन और दही का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं, फिर सूखने पर धो लें।
7. सुन्दर त्वचा के लिए पानी: प्रतिदिन काफी पानी पिएं, क्योंकि यह त्वचा को स्वस्थ और जवां रखने में मदद कर सकता है।
8. पोषणपूर्ण आहार: अपने आहार में फल, सब्जी, और प्रोटीन की समृद्धि करें, क्योंकि यह त्वचा के स्वास्थ्य को सुधार सकता है।
9. रोज़ाना योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम त्वचा को निखार सकते हैं और सफेद दाग को कम करने में मदद कर सकते हैं।
10. सूर्य की किरणों से बचाव: सूर्य की किरणों से बचने के लिए टोपी, सनस्क्रीन, और अन्य सुरक्षा उपायों का पालन करें।
याद रखें, सफेद दाग के इलाज के लिए धैर्य और नियमितता का महत्वपूर्ण होता है। यदि सफेद दाग बढ़ रहे हैं या सुधार नहीं हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
ल्यूगो किट ( Leugo Kit ) लंबे समय तक एक प्रमुख और प्रचलित उपचार चिकित्सा है। ल्यूगो किट सफेद दाग या ल्यूकोडर्मा त्वचा विकार का सबसे प्रभावी उपचार है।
ये Oldforest Ayurved द्वारा बनाया एक मात्र प्रोडक्ट है, जो आपको भी इस बीमारी से छुटकारा दिलाने मैं सक्षम है, हम मानते है की हमारी 8 साल की प्रैक्टिस मैं ये प्रोडक्ट ने खूब सफलता प्राप्त की है। इस बीमारी से ग्रसित हजारो मरीजों ने कुछ ही महीनो मैं और कम से कम मुल्ये मैं ल्यूगो किट की मदद से सफ़ेद दागो को जड़ से ख़त्म किया है।
आप ल्यूगो किट खरीदने के लिए www.vitiligocare.co पर जा सकते हैं या आप +91 8657-870-870 पर संपर्क कर सकते हैं।
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chandramurty · 2 years
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!!नाम की महिमा!!
बचपन में सुपौल में एक साधू बाबा को देखा था। उनकी बड़ी बड़ी दाढ़ी हुआ करती थी एवं वे लाल वस्त्रधारी थे।उनका नाम-पता, ठिकाना तो पता नहीं था पर उनकी एक आदत, या सनक, के कारण वे बच्चों के बीच बहुत ही लोकप्रिय थे।जब भी वे सड़क पर दिखाई पड़ते बच्चों की टोली उनके पीछे लग जाती।
बच्चे ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते चलते “जूते में राधेश्याम..गमछे में राधेश्याम..टोपी में राधेश्याम..धोती में राधेश्याम..लाठी में राधेश्याम..और वे बारी बारी से अपने जूते,गमछे,टोपी,धोती,लाठी को झाड़ते चलते!
बच्चों को मज़ा आता और वे दुगने जोश से नारा लगाते उनको अपने मुहल्ले के बाहर तक छोड़ आते।
उस काल में हमें ये लगता था कि उन्हें शायद “राधेश्याम” शब्द से चिढ़ है इसलिए वे इतना ग़ुस्सा करते हैं।पर बाद में कुछ बड़ों ने समझाया कि असल में वे “राधेश्याम” के बहुत बड़े भक्त थे, और वे हमेशा ये नाम सुनना चाहते थे। इसीलिए वे ये स्वाँग रचे हुए थे!
फिर बच्चे तो बच्चे ही होते थे, वे जाति, धर्म के बंधनों से उपर उठ कर उन्हें देखते ही पूरे जोशो-खरोश से “राधेश्याम” का नारा लगाने लगते थे।बस साधू बाबा की मंशा पूरी हो जाती थी और वे “नाम” की महिमा में गोते लगाते रहते थे।
बाद में अनुभव प्राप्त हुआ कि ऐसे लोग अलग-अलग प्रदेशों एवं कालों में पाये जाते रहे हैं।शायद सबकी मंशा एक ही होती हो। क्योंकि “नाम” की महिमा से तो ज्ञानी लोग वाक़िफ़ ही हैं।
इधर बहुत दिनों के बाद एक और ऐसा ही मामला नज़र आया है।एक पड़ोस की “दीदी” हैं जिनको प्रथम दृष्टया एक “नाम” से “ओनेक कोष्टो”! अब उनके विरोधियों को भी ये बात पता चल गयी है।
अब जब भी “दीदी” विरोधी पार्टी के सामने पड़ जाती हैं तो बस उसी “नाम” के जैकारे से वातावरण गुंजायमान हो जाता है।बस “दीदी” चिढ़िया कर कभी आपे से बाहर हो जाती हैं और कभी रुस कर धरने पर बैठ जातीं हैं!
पर विरोधियों की वानर सेना कहाँ मानती हैं। “जैकारों” से तो सारी हवा ही बदल जाती है। सारा मैटर ही राजनैतिक से बदल कर धार्मिक हो जाता है ! सारे रंग में बेशर्मी की भंग पड़ जाती है!!
सुपौल के साधू बाबा के उदाहरण के मद्देनज़र तो दीदी की वास्तविक मंशा ही शक के दायरे में नज़र आने लगी है! कहीं ये नाम से परहेज़ के पीछे सच में कोई गुप्त एजेंडा तो नहीं??
॥विद्वानों के विचार सादर आमंत्रित हैं॥
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radarhindi · 2 years
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Global Warming In Hindi About Global Warming In Hindi
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ग्लोबल वार्मिंग क्या है Global Warming In Hindi About Global Warming In Hindi ग्लोबल वार्मिंग पूर्व-औद्योगिक काल (1850-1900) के बाद से मानव गतिविधि (मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन के जलने) के कारण पृथ्वी की सतह का दीर्घकालिक वार्मिंग है, जिससे पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी-फँसाने वाली ग्रीनहाउस गैसों का स्तर बढ़ जाता है। शब्द "जलवायु परिवर्तन" शब्द के साथ विनिमेय नहीं है। About Global Warming पृथ्वी की सतह के निकट तापमान में क्रमिक वृद्धि है। यह घटना पिछली एक या दो सदी से देखी जा रही है। यह परिवर्तन पृथ्वी के जलवायु पैटर्न को बाधित करता है। हालाँकि, ग्लोबल वार्मिंग की अवधारणा विवादास्पद है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इस तथ्य का समर्थन करने के लिए प्रासंगिक डेटा प्रदान किया है कि पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है।  Global Warming एक ऐसी घटना है जिसमें ग्रीनहाउस गैसों की संख्या में वृद्धि के कारण पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ जाता है। ग्रीनहाउस गैसें जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, और ओजोन ट्रैप आने वाले सौर विकिरण। यह प्रभाव एक प्राकृतिक "कंबल" बनाता है जो गर्मी को वायुमंडल में वापस जाने से रोकता है। इस प्रभाव को हरित गृह प्रभाव कहते हैं।
About Global Warming In Hindi ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव
Global Warming के कारण पृथ्वी का तापमान खतरनाक रूप से बढ़ रहा है। 1880 के बाद से पृथ्वी के तापमान में लगभग 1 डिग्री की वृद्धि हुई है। इससे ग्लेशियरों के पिघलने में वृद्धि होती है, जो बदले में समुद्र के स्तर में वृद्धि की ओर ले जाती है। इसका तटीय क्षेत्रों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। जलवायु परिस्थितियों में परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम है। जीवाश्म ईंधन को जलाने, पेड़ों को काटने आदि से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होगी। उच्च तापमान मौसम के मिजाज को बदल सकता है, जिससे शुष्क क्षेत्र शुष्क और गीले क्षेत्र गीले हो जाते हैं। इससे बाढ़, सूखा आदि आपदाओं की आवृत्ति बढ़ जाती है। वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग का एक प्रमुख कारण है। कार्बन उत्सर्जन को उच्च कार्बन मूल्य निर्धारित करके, जैविक कचरे से जैव ईंधन के उत्पादन में वृद्धि, सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके, वनों की रक्षा, और ऊर्जा दक्षता और वाहन ईंधन की खपत में सुधार करके कम किया जा सकता है।
Essay On Global Warming In Hindi In 100 Words
ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसी घटना है जहां ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में वृद्धि के कारण पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ता है। कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और ओजोन जैसी ग्रीनहाउस गैसें सूर्य से आने वाले विकिरण को फंसा लेती हैं। यह प्रभाव एक प्राकृतिक "कंबल" बनाता है, जो गर्मी को वायुमंडल में वापस जाने से रोकता है। इस प्रभाव को हरित गृह प्रभाव कहते हैं। आम धारणा के विपरीत, ग्रीनहाउस गैसें स्वाभाविक रूप से खराब नहीं होती हैं। वास्तव में ग्रीनहाउस प्रभाव पृथ्वी पर जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस प्रभाव के बिना, सूर्य का विकिरण वापस वायुमंडल में परावर्तित हो जाएगा, जिससे सतह जम जाएगी और जीवन असंभव हो जाएगा। Essay On Global Warming In Hindi In 100 Words हालाँकि, जब अधिक मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें फंस जाती हैं, तो गंभीर परिणाम सामने आने लगते हैं। ध्रुवीय बर्फ की टोपियां पिघलने लगती हैं, जिससे समुद्र का स्तर बढ़ जाता है। इसके अलावा, जब ध्रुवीय बर्फ की टोपी और समुद्री बर्फ पिघलती है तो ग्रीनहाउस प्रभाव तेज हो जाता है। यह इस तथ्य के कारण है कि बर्फ सूर्य की 50% से 70% किरणों को वापस अंतरिक्ष में परावर्तित कर देती है, लेकिन बर्फ के बिना, सौर विकिरण अवशोषित हो जाता है। समुद्री जल सूर्य के विकिरण का केवल 6% अंतरिक्ष में वापस परावर्तित करता है। इससे भी अधिक भयावह तथ्य यह है कि ध्रुवों में बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ के भीतर फंसा हुआ है। यदि यह बर्फ पिघलती है, तो यह ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण योगदान देगी। एक संबंधित परिदृश्य जब यह घटना नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो भगोड़ा-ग्रीनहाउस प्रभाव होता है। यह परिदृश्य अनिवार्य रूप से एक सर्वनाश के समान है, लेकिन यह सब बहुत वास्तविक है। हालांकि पृथ्वी के पूरे इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ, लेकिन अनुमान लगाया जाता है कि यह शुक्र ग्रह पर हुआ होगा। लाखों साल पहले, शुक्र को पृथ्वी के समान वातावरण माना जाता था। लेकिन भगोड़े ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण, ग्रह के चारों ओर सतह का तापमान बढ़ने लगा। यदि यह पृथ्वी पर होता है, तो भगोड़ा ग्रीनहाउस प्रभाव कई अप्रिय परिदृश्यों को जन्म देगा - तापमान इतना गर्म हो जाएगा कि महासागरों का वाष्पीकरण हो सके। एक बार जब महासागरों का वाष्पीकरण हो जाएगा, तो चट्टानें गर्मी के तहत उदात्त होने लगेंगी। ऐसे परिदृश्य को रोकने के लिए जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए उचित उपाय करने होंगे।
Global Warming Meaning In Hindi
"ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के तापमान में क्रमिक वृद्धि है जो आमतौर पर कार्बन डाइऑक्साइड, सीएफ़सी और अन्य प्रदूषकों के बढ़े हुए स्तर के कारण ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण होती है। "
What Is Global Warming In Hindi
ग्लोबल वार्मिंग क्या है? ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी की सतह के निकट तापमान में क्रमिक वृद्धि की घटना है। यह घटना पिछली एक या दो शताब्दियों में देखी गई है। इस परिवर्तन ने पृथ्वी के जलवायु पैटर्न को अस्त-व्यस्त कर दिया है। हालाँकि, ग्लोबल वार्मिंग की अवधारणा काफी विवादास्पद है लेकिन वैज्ञानिकों ने इस तथ्य के समर्थन में प्रासंगिक डेटा प्रदान किया है कि पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के कई कारण हैं, जिनका मानव, पौधों और जानवरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये कारण प्राकृतिक हो सकते हैं या मानवीय गतिविधियों के परिणाम हो सकते हैं। मुद्दों पर अंकुश लगाने के लिए, ग्लोबल वार्मिंग के नकारात्मक प्रभावों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
Global Warming In Hindi Slogan
Global Warming In Hindi Slogan ग्लोबल वार्मिंग मानव गतिविधि, विशेष रूप से जीवाश्म ईंधन के दहन के कारण पूर्व-व्यावसायिक तकनीक के बाद 1850 और 1900 के बीच खोजे गए पृथ्वी के मौसम गैजेट के गर्म होने की लंबी अवधि की अवधि है, जो पृथ्वी के भीतर ग्रीनहाउस गैसों को फँसाने वाली गर्मी के चरणों को बढ़ाती है। व Global Warming In Hindi Slogan ग्लोबल वार्मिंग पर नारे हैं: - शांत रहें और पृथ्वी को बचाएं - अपने ग्रह के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप चाहते हैं कि आपके साथ व्यवहार किया जाए - अपनी नकारात्मकता को जलाएं न कि हमारी धरती मां - भविष्य चाहते हैं? धरती माँ को बचाओ - पर्यावरण को प्रदूषित करना आपकी जान ले लेगा - क्या आप एक वायरस हैं? क्योंकि धरती को बुखार है - पेड़ों को दुनिया को बचाने दें - पेड़ों में निवेश करें और अपना भविष्य बचाएं - बदला लेने वाला बनें और ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए इकट्ठा हों - आइए एक बार अपनी धरती मां के लिए कुछ करें - अत्यधिक जलने से पृथ्वी जल जाएगी। - शांत रहो और पृथ्वी को शीतल रहने दो। - ग्लोब गर्म हो रहा है और इसमें आग लग जाएगी। - धरती माता पीड़ित है। - प्रकृति बचाओ भविष्य बचाओ। - अत्यधिक गर्मी हमें जला देगी। - सुरक्षित जीवन के लिए इसे ठंडा रखें।
Effects Of Global Warming in Hindi
Effects Of Global Warming in Hindiबिजली, जीवाश्म ईंधन, वनों की कटाई, औद्योगीकरण आदि की बढ़ती मानवीय जरूरतों के कारण वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते स्तर के कारण ग्लोबल वार्मिंग के बुरे प्रभाव प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव तापमान में वृद्धि:- ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी के तापमान में अविश्वसनीय वृद्धि हुई है। 1880 के बाद से पृथ्वी के तापमान में ~1 डिग्री की वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप ग्लेशियरों के पिघलने में वृद्धि हुई है, जिससे समुद्र के स्तर में वृद्धि हुई है। इसका तटीय क्षेत्रों पर विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा:- ग्लोबल वार्मिंग ने प्रवाल भित्तियों को प्रभावित किया है जिससे पौधों और जानवरों के जीवन का नुकसान हो सकता है। वैश्विक तापमान में वृद्धि ने प्रवाल भित्तियों की नाजुकता को और भी बदतर बना दिया है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव जलवायु परिवर्तन:- ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिस्थितियों में बदलाव आया है। कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ का प्रकोप है। यह जलवायु असंतुलन ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम है। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव रोगों का फैलाव:- ग्लोबल वार्मिंग से गर्मी और आर्द्रता के पैटर्न में बदलाव होता है। इससे मच्छरों की आवाजाही हुई है जो बीमारियों को ले जाते हैं और फैलाते हैं। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव उच्च मृत्यु दर:- बाढ़, सुनामी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि के कारण, औसत मृत्यु दर आमतौर पर बढ़ जाती है। साथ ही, इस तरह की घटनाओं से ऐसी बीमारियां फैल सकती हैं जो मानव जीवन में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव प्राकृतिक आवास का नुकसान:- जलवायु में एक वैश्विक बदलाव से कई पौधों और जानवरों के आवासों का नुकसान होता है। इस मामले में, जानवरों को अपने प्राकृतिक आवास से पलायन करना पड़ता है और उनमें से कई विलुप्त भी हो जाते हैं यह जैव विविधता पर ग्लोबल वार्मिंग का एक और बड़ा प्रभाव है।
Global Warming Ke karan In Hindi ग्लोबल वार्मिंग के कारण
Global Warming Ke karan In Hindi जीवाश्म ईंधन को जलाकर बिजली और गर्मी पैदा करना वैश्विक उत्सर्जन का एक बड़ा हिस्सा है। अधिकांश बिजली अभी भी कोयले, तेल या गैस को जलाने से उत्पन्न होती है, जो कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड पैदा करती है। ग्लोबल वार्मिंग जलवायु परिवर्तन का एक पहलू है, जो ग्रह के तापमान में दीर्घकालिक वृद्धि की ओर इशारा करता है। यह वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता के कारण होता है, मुख्य रूप से मानव गतिविधियों जैसे कि जीवाश्म ईंधन जलाने और खेती से। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ज्वालामुखी:- ज्वालामुखी ग्लोबल वार्मिंग में सबसे बड़े प्राकृतिक योगदानकर्ताओं में से एक हैं। ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान निकलने वाली राख और धुआं वातावरण में चला जाता है और जलवायु को प्रभावित करता है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण जल वाष्प:- जलवाष्प एक प्रकार की ग्रीनहाउस गैस है। पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के कारण, जल निकायों से अधिक पानी वाष्पित हो जाता है और वातावरण में रह जाता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ जाती है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पिघलने पर्माफ्रॉस्ट:- पर्माफ्रॉस्ट जमी हुई मिट्टी है जिसमें कई वर्षों से पर्यावरणीय गैसें फंसी हुई हैं और यह पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद है। यह ग्लेशियरों में मौजूद है। जैसे ही पर्माफ्रॉस्ट पिघलता है, यह गैसों को वापस वायुमंडल में छोड़ता है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण वन ब्लेज़:- जंगल की आग या जंगल की आग बड़ी मात्रा में कार्बन युक्त धुएं का उत्सर्जन करती है। इन गैसों को वायुमंडल में छोड़ा जाता है और पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है जिसके परिणामस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग होती है।
Global Warming Ke Karan In Hindi Burning Fossil Fuels
जब हम अपनी कारों को बिजली या बिजली बनाने के लिए कोयला, और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन जलाते हैं, तो हम वातावरण में CO2 प्रदूषण छोड़ते हैं। दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में ऑस्ट्रेलियाई CO2 प्रदूषण के बड़े उत्पादक हैं। प्रति व्यक्ति CO2 प्रदूषण का हमारा स्तर अन्य विकसित देशों के औसत से लगभग दोगुना और विश्व औसत से चार गुना से अधिक है। ऑस्ट्रेलिया में कार्बन प्रदूषण का मुख्य कारण बिजली उत्पादन है क्योंकि हमारी बिजली का 73% कोयले को जलाने से और 13% जलती हुई गैस से आता है। शेष 14% अक्षय ऊर्जा स्रोतों जैसे हाइड्रो, सौर और पवन से आता है, जो कार्बन का उत्सर्जन नहीं करते हैं।
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समाधान: - कोयले और गैस से उत्पन्न बिजली की मात्रा को कम करना - सौर और पवन जैसे स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली की मात्रा बढ़ाना - जलवायु परिवर्तन पर कड़ी कार्रवाई के लिए आंदोलन में शामिल हों और प्रमुख ऑस्ट्रेलियाई राजनेताओं से आग्रह करें कि वे हमें अपने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ट्रैक पर वापस लाएं।
Global Warming Ke Karan In Hindi Deforestation & Tree - Clearing
पौधे और पेड़ जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन को वापस उसमें छोड़ते हैं। वन और बुशलैंड कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं और ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बनाए रखने का एक मूल्यवान साधन हैं। लेकिन मनुष्य खेती, शहरी और बुनियादी ढांचे के विकास या लकड़ी और ताड़ के तेल जैसे वृक्ष उत्पादों को बेचने के लिए दुनिया भर में वनस्पति के विशाल क्षेत्रों को साफ करते हैं। जब वनस्पति को हटा दिया जाता है या जला दिया जाता है, तो संग्रहीत कार्बन को CO2 के रूप में वायुमंडल में वापस छोड़ दिया जाता है, जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देता है। वैश्विक ग्रीनहाउस गैस प्रदूषण का पांचवां हिस्सा ���नों की कटाई और वन क्षरण से आता है।
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समाधान: - वनों की कटाई और पेड़ों की कटाई को रोकें - वनरोपण और वनरोपण के माध्यम से अधिक से अधिक पेड़ लगाएं - अत्यधिक वृक्षों की कटाई को रोकने के लिए हमारे नेताओं से मजबूत कानून लाने का आह्वान करें।
Global Warming Ke Karan In Hindi Agriculture & Farming 
पशु, भेड़ और मवेशी जैसे पशुधन, मीथेन, एक ग्रीनहाउस गैस का उत्पादन करते हैं। जब पशुधन बड़े पैमाने पर चरते हैं, जैसे कि ऑस्ट्रेलिया में, उत्पादित मीथेन की मात्रा ग्लोबल वार्मिंग में एक बड़ा योगदानकर्ता है कुछ जो किसान उपयोग करते हैं, वे नाइट्रस ऑक्साइड भी छोड़ते हैं, जो एक और ग्रीनहाउस गैस है हमारे कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में ऑस्ट्रेलियाई खेती का योगदान 16% है। Global Warming Ke Karan In Hindi
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समाधान - विभिन्न स्टॉक फीड का उपयोग करने से जलवायु परिवर्तन में खेती के योगदान को कम करने में मदद मिल सकती है।
Global Warming In Hindi FAQ 
Q. - 1. भूमंडलीय तापक्रम में वृद्धि क्या है? ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के औसत तापमान में क्रमिक वृद्धि की घटना है। यह वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, सीएफ़सी आदि जैसी ग्रीनहाउस गैसों के निकलने के कारण होता है। Q. - 2. सीएफ़सी का क्या अर्थ है? ग्लोबल वार्मिंग में सीएफ़सी की क्या भूमिका है? CFC,क्लोरोफ्लोरोकार्बन के लिए खड़ा है। ओजोन परत पृथ्वी की सतह को सूर्य के हानिकारक विकिरण से बचाने के लिए जिम्मेदार है। सीएफ़सी वायुमंडल की ओजोन परत को नष्ट कर देते हैं। यह पराबैंगनी किरणों के पृथ्वी तक पहुंचने का रास्ता बनाता है, जिससे तापमान में वृद्धि होती है जिससे ग्लोबल वार्मिंग होती है। Q. - 3. ग्लोबल वार्मिंग जलवायु परिवर्तन को कैसे प्रभावित करती है? जलवायु परिस्थितियों में परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग का परिणाम है। जीवाश्म ईंधन के जलने, पेड़ों के काटने आदि से पृथ्वी का तापमान बढ़ता है। उच्च तापमान मौसम के पैटर्न को बदल देता है, जिससे शुष्क क्षेत्र सूख जाते हैं और गीले क्षेत्र गीले हो जाते हैं इस प्रकार, बाढ़, सूखा आदि आपदाओं की आवृत्ति में वृद्धि। Q. - 4. हम ग्लोबल वार्मिंग को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं? वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों की रिहाई ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है। कार्बन की उच्च कीमत निर्धारित करके, जैविक कचरे से जैव ईंधन उत्पादन में वृद्धि, सौर और पवन ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, वनों की सुरक्षा, और ऊर्जा दक्षता और वाहन ईंधन अर्थव्यवस्था में सुधार करके इसे कम किया जा सकता है। यह भी पढ़े  - DRDO Previous Year Question Paper Part – 1 - DCA Full Form In Computer – डीसीए का फुल फॉर्म Ms Office Kya Hai ? आपको माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस की आवश्यकता क्यों है? RRC Group D Exam Date 17 August 2022 1st Shift Question Paper RRB Group D Admit Card Download  रेलवे ग्रुप डी के एडमिट कार्ड 300+ सुरक्षा पर स्लोगन Safety Slogan in Hindi How Many Letters Are There In Hindi Varnamala Pad Kise Kahate Hain Pad Parichay – बहुपद किसे कहते हैं पद किसे कहते हैं पद परिचय 10 General Knowledge Questions And Answers in Hindi Bharat Ki Pratham Mahila Rashtrapati – भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति और अन्य प्रथम महिला के पद दोस्तों आपको Global Warming In Hindi About Global Warming In Hindi ये पोस्ट कैसी लगी। हमें comment करके अपने विचार दे। हमें बहुत ख़ुशी होगी और आपका 1 कमेंट हमें लिखने को  प्रोत्साहित करता और हमारा जोश बढ़ाता है। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ Share ज़रूर करें। जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करना न भूलें। आपके पास कोई लेख है तो आप हमें Send कर सकते है। हमारी id:[email protected] पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे।  इसके साथ ही अगर स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया हमारे फेसबुक पेज पर जाएँ।  facebook page पर फॉलो कर ले और Right Side में जो Bell Show हो रही है उसे Subscribe कर ले ताकि आप को समय समय पर Update मिलता रहे। Thanks For Reading Read the full article
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mintusblog · 4 years
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Bhabi ne meri gaand chodi - Sex Story with photo
नेहा भाभी ने मेरी गांड चोदी
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By Hindi Sex Story
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है, मैंने नेहा को कुछ दिन पहले ही मज़ाक-मज़ाक में उसे भाभी कहा और तब से ये ही चलता आ रहा है. तो ऐसे ही एक दिन में उससे व्हाट्सअप पर बात कर रहा था और फ्लर्ट करना तो हर लड़के की आदत होती है. बातों ही बातों में जब मैंने उससे पूछा कि क्यों भाभी जी भैया ख्याल रखते है की नहीं? तो नेहा bhabi का रिप्लाई आया कि क्या बताऊँ यार? में उनके लिए कितने सुंदर कपड़े पहनकर तैयार रहती हूँ, लेकिन वो आते ही टी.वी में घुस जाते है. अब व्हाट्सअप पर फोटो शेयर करने के बाद हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था, लेकिन नेहा के पति होते हुए हम दोनों ही तड़प रहे थे.
अब एक दिन के लिए उसके पति आउट ऑफ टाउन गये और में रात भर अपनी नेहा को चोदने पहुँच गया. फिर नेहा ने दरवाजा खोल दिया तो वो डीप नेक पिंक नाईटी में गीले बालों में, वो बहुत ही टाईट माल लग रही थी, हाईट 5 फुट 5 इंच और मस्त फिगर. मैंने उससे कहा कि बड़ी कमाल लग रही हो नेहा तो उसने बोला कि भाभी बोलो ना और मुझे आज रातभर अपनी भाभी बनाकर चोदो. मुझे अपने देवर से चुदना है. फिर मैंने तुरंत ही दरवाजा लॉक किया और नेहा को हग कर लिया, अब में अपने हाथ से उसकी पूरी बॉडी को महसूस कर रहा था. अब और वो भी मुझे हर जगह टच कर रही थी. फिर धीरे से मैंने उसकी गर्दन को किस किया तो वो जोर-जोर से सांसे लेने लगी.
फिर मैंने नेहा भाभी के कानों में भाभी बोला और उसके कान को काटने लगा. अब नेहा bhabi बहुत गर्म हो चुकी थी, फिर उसने मेरी बैक साईड को कस कर पकड़ लिया और में भी उनकी आँखों को किस करता रहा. अब नेहा भाभी ने मेरी शर्ट को खोलना चालू कर दिया था. फिर नेहा भाभी बोली कि आह्ह्ह आर्यन फिर मैंने नेहा भाभी को दीवार से चिपका दिया और उनकी गांड मेरी साईड थी. अब में उनसे चिपककर खड़ा हो गया और अब मेरा लंड जो जीन्स के अंदर तन चुका था उनकी गांड से सटा हुआ था, अब मेरे हाथ उनके बूब्स पर थे और मैंने उन्हें दीवार से चिपका कर रखा हुआ था. अब मैंने उन्हें पलटाया और हम दोनों किस करने लगे, हम दोनों की ये पहली किस थी, लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे के मुँह में थूक रहे थे. वो बहुत ही गर्म और लंबी किस थी. अब किस के टाईम मैंने नेहा भाभी को छाती से पकड़ा हुआ था, जबकि वो मेरी जीन्स के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना हाथ उनके बूब्स से होते हुए उनके गीले बालों तक ले गया.
bhabi
अब में उनके बालों को हल्के से खींच रहा था, इतने में ही नेहा भाभी ने मुझे एक तमाचा मार दिया. हालाँकि वो ज्यादा ज़ोर से नहीं था, लेकिन में थोड़ा डर गया था. फिर नेहा भाभी बोली कि भाभी को चोदने आया है साले? तो मैंने कुछ नहीं बोला. फिर वो थोड़ी देर तक मुझे घूरने के बाद भाभी मुझे फिर से किस करने लगी. अब में भाभी को वापस से किस कर रहा था, लेकिन अब मेरे हाथ उनकी छाती पर ही थे, लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ बदल गया और अब नेहा भाभी मेरे लिप और जीभ को काटने लगी थी.
अब हम दोनों ही बिस्तर पर लेट गये और अब भाभी मेरे ऊपर थी. अब वो मेरी शर्ट उतारकर मेरे निप्पल को काट रही थी और फिर धीरे से वो नीचे गयी और फाइनली उन्होंने मेरी जीन्स उतार दी. फिर उन्होंने अपने दातों से मेरी अंडरवेयर भी निकाल दी और मेरा लंड चूसने लगी. अब वो मेरे लंड की टोपी को अपनी जीभ हिला हिलाकर सहला रही थी. जैसे ही मेरे लंड से पानी आया तो भाभी ने मेरे लंड से अपनी माँग रगड़ दी तो मैंने पूछा कि ये क्या था? तो भाभी बोली कि मेरी माँग नहीं भरोगें? और मैंने बस हंसकर उनका जवाब दिया.
फिर में खड़ा हो गया और भाभी अपने घुटनों पर आकर मेरे लंड को चूसने लगी. अब वो मेरे अंडो को भी चूस रही थी और वो बहुत ही मस्त तरीके से मेरे एक-एक अंडे को अपने मुँह में रखकर खींच रही थी और लंड पर थूक-थूक कर चूस रही थी. अब मेरा लंड पूरा गीला और हार्ड था तो भाभी बोली कि अब जल्दी से अपनी भाभी को चोदना और वो झट से अपनी पेंटी उतार कर ज़मीन पर ही लेट गयी. उनके चूत पर बाल नहीं थे. में भी तुरंत भाभी के ऊपर लेट गया और धीरे से अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया. तो भाभी बोली आआआह्ह्ह शादी के 2 साल के बाद भी वो चूत ढीली नहीं थी. अब मुझे टाईट चूत को चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था और अब में धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा रहा था और साथ ही साथ उनके बड़े-बड़े पिंक निप्पल चूस रहा था तो भाभी बोली कि इतना मत तड़पाओ मुझे, आअहह आर्यन.
अब में ये सुनकर उनकी निप्पल और ज़ोर से काटने लगा फिर इतने में भाभी ने मुझे फिर से मारा तो मैंने उन्हें चोदना छोड़ दिया और उन्हें देखने लगा तो भाभी बोली कि उठ. फिर जैसे ही में उनके ऊपर से हटा तो भाभी उठ गई और मेरी गांड को दबाना शुरू कर दिया. अब मुझे कुछ समझ आता इससे पहले उसने फिर से दबाना शुरू कर दिया तो में चिल्लाया, आअहह भाभी. भाभी अपने घुटने के बल बैठकर मेरी गांड को चाटने लगी और अब वो अपने हाथ से मेरी गांड को फाड़ कर चाट रही थी.
अब मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था. फिर मेरी पूरी गांड भाभी ने चाट चाटकर पूरी गीली कर दी थी, आहह भाभी. अब भाभी ने मुझे टेबल पर लेटा दिया और रबड़ का लंड लेकर आ गई. अब भाभी अपने नये लंड से मेरी गांड को सहला रही थी और मेरी गांड को काट भी रही थी. अब मुझे दर्द भी हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था. फिर भाभी ने वो रबड़ का लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मेरी गांड मारने लगी, आआआ अब में ज़ोर जोर से मौन करने लगा था.
फिर भाभी ने मुझे जोर से पकड़ा और ज़ोर से मेरी गांड मारती रही आआहह भाभी मज़ा आ गया. अब मैंने इतना ही कहा था कि भाभी ने मेरी गांड को ज़ोर से मारा तो भाभी बोली कि तेरे मज़े के लिए नहीं तुझे तड़पाने के लिए में तेरी गांड मार रही हूँ. फिर में बोला जी भाभी और अपनी गांड मरवाता रहा. अब भाभी मेरी गांड के छेद में थूकती रही ��र मेरी गांड मारती रही और में चिल्लाता रहा और मज़े लेता रहा. ��िर भाभी ने अचानक से मेरी गांड मारते हुए, मेरे ���िप्पल को दबाना चालू कर दिया, म्‍म्म्मम भाभी एम्म आर्यन मेरे देवर. अब भाभी मेरी गांड मारती रही और अब मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा उससे भी बहुत ज्यादा आ रहा था. अब भाभी ने मुझे बहुत ज़ोर से चोदना चालू किया और उनकी स्पीड बहुत ज्यादा थी और अब बस में ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रहा था, भाभी आहह आहह.
फिर bhabi ने गांड मारते हुए मेरे लंड को पकड़कर हिलाना चालू किया, उनके हाथ बहुत तेज आगे पीछे हो रहे थे. अब में बहुत ही मज़े में था तो भाभी बोली कि आअहह आर्यन लगता है तुम्हारा गिरने वाला है तो में बोला हाँ भाभी, आअहह. फिर भाभी ने रबड़ का लंड ज़ोर से मेरी गांड के अंदर तक घुसा दिया, तो में चिल्लाया, ओह भाभी आअहह.
अब भाभी बहुत जोर-जोर हिल रही थी और bhabi वापस अपने घुटने के बल बैठ गई और अपने बड़े बूब्स को मेरे लंड में फंसा कर वो मेरे पानी के गिरने का इंतजार करने लगी और में चिल्लाता रहा, आह्ह्ह. अब भाभी मेरी गांड में उंगली भी कर रही थी और फिर जल्दी ही मेरा पानी बाहर आ गया और भाभी ने अपना मुँह खोलकर पूरा अंदर ले लिया. फिर bhabi बोली कि आर्यन मेरे देवर मस्त गर्म पानी आया है. फिर हमने बहुत मजा किया और भाभी ने भी मुझे बहुत मजा दिया.
नेहा भाभी ने मेरी गांड चोदी – कहानी अच्छी लगी तो फेसबुक, ट्विटर और दुसरे सोशियल नेटवर्क पे हमें शेर करना ना भूलें. आप की एक शेर आप को और भी बहतरीन bhabi स्टोरियाँ ला के दे सकती हैं. हम आपके लिए औरवि अच्छे कहानी लाने की कोसिस करेंगे ता की आपको पढ़ने मई औरवि मोजा आये .
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trendswire · 2 years
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drdeepaksaini · 2 years
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क्या आप मेरे गठिया संबंधी घुटने को टोटल नी रिप्लेसमेंट (Total Knee Replacement)से बचा सकते हैं?
क्या अभी भी कोई रास्ता है जिससे हम घुटने में आर्टिकुलर कार्टिलेज के पूर्ण नुकसान वाले व्यक्ति में टोटल नी रिप्लेसमेंट से बच सकते हैं? उत्तर है, हाँ!!!! चुनिंदा मामलों में, हम आंशिक नी रिप्लेसमेंट (या यूनिकॉन्डाइलर नी रिप्लेसमेंट) की बहुत छोटी सर्जरी कर सकते हैं। आंशिक नी रिप्लेसमेंट या यूनिकॉन्डिलर नी रिप्लेसमेंट बहुत कम परिमाण की सर्जरी है, जिसमें टोटल नी रिप्लेसमेंट की तुलना में बहुत जल्दी रिकवरी होती है।
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            Consult With Dr. Deepak saini- By Click Here                                   Knee Replacement surgeon in Jaipur
पूरी कहानी को समझने के लिए हमें निम्नलिखित चार वैज्ञानिक तथ्यों को समझना होगा:
1. नी रिप्लेसमेंट वास्तव में क्या है? 2. हम एक्स-रे में उपास्थि क्षति का आकलन कैसे करते हैं? 3. आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन के लिए उम्मीदवार कौन हैं? 4. आंशिक घुटना बदलने के क्या लाभ हैं?
नी रिप्लेसमेंट (Knee Replacement) वास्तव में क्या है? नी रिप्लेसमेंट, वास्तव में एक गलत नाम है। लोगों की धारणा है कि उनके घुटने के जोड़ को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा और एक नया घुटना प्रत्यारोपित किया जाएगा। नी रिप्लेसमेंट में हम घुटने को पूरी तरह से नहीं बदलते हैं। हम वास्तव में कार्टिलेज को बदल देते हैं जो क्षतिग्रस्त और खराब हो गया है। तो, वास्तव में, घुटने का प्रतिस्थापन घुटने के पुनरुत्थान के अलावा और कुछ नहीं है। हम हड्डियों के अंत को फिर से जीवित करते हैं जो घुटने के जोड़ का निर्माण करते हैं, अर्थात् जांघ की हड्डी (फीमर), शिन की हड्डी (टिबिया) और घुटने की टोपी (पटेला)। हम एक्स-रे में उपास्थि क्षति का आकलन कैसे करते हैं?
यदि आप नीचे दिए गए दो एक्स-रे की तुलना बाईं ओर करें तो आपको दोनों हड्डियों के बीच कुछ जगह मिलती है, और दाईं ओर आप पाते हैं कि हड्डियां एक-दूसरे को छू रही हैं। एक्स-रे पर दिखाई देने वाली दो हड्डियों के बीच दिखाई देने वाला स्थान वास्तव में तथाकथित संयुक्त स्थान या उपास्थि द्वारा कब्जा किया गया स्थान है। अंतरिक्ष उपास्थि की मात्रा का प्रतिनिधित्व करता है !!!!! यदि पर्याप्त स्थान है, पर्याप्त मात्रा में उपास्थि है यदि कोई स्थान नहीं है (जैसा कि दाईं ओर है), तो कोई उपास्थि नहीं है। यह उतना ही सरल है !!!! और दो हड्डियों के बीच की जगह की ऊंचाई, आनुपातिक रूप से, संयुक्त में उपलब्ध उपास्थि की मात्रा को इंगित करती है।
Unicondylar/आंशिक नी रिप्लेसमेंट क्या है? यदि आप नीचे दिए गए दो चित्रों की तुलना करते हैं, तो बाईं ओर यह पूरे घुटने में जगह की कमी को दर्शाता है, यह केवल घुटने के सीमित क्षेत्र में जगह की कमी को दर्शाता है। दाईं ओर की तस्वीर में, उपास्थि का नुकसान घुटने के अंदरूनी हिस्से तक ही सीमित है, या इसे मेडियल टिबियो-फेमोरल जोड़ भी कहा जाता है। तो, चयनित रोगियों में, जैसा कि दाईं ओर दिखाया गया है, कोई आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन के बारे में सोच सकता है। सौभाग्य से, हमारे देश में बड़ी संख्या में मामले आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन या यूनिकॉन्डिलर घुटने के प्रतिस्थापन के लिए पात्र हैं। अपने चिकित्सक से पूछें कि क्या आप आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन के लिए उम्मीदवार हैं, यदि आपको कुल घुटने के प्रतिस्थापन की सलाह दी गई है। याद रखें यह सिर्फ आपका सर्जन ही तय कर सकता है, आप नहीं!!!!
Unicondylar/आंशिक नी रिप्लेसमेंट के क्या फायदे हैं? जैसा कि मैंने पहले कहा है, आंशिक नी रिप्लेसमेंट एक त्वरित और छोटी सर्जरी है, लेकिन इसे करने के लिए बहुत विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। सर्जरी में लगभग 30 मिनट लगते हैं और व्यावहारिक रूप से रक्त की हानि नहीं होती है। पुनर्वास आमतौर पर जल्दी होता है और रोगी कुछ घंटों के भीतर उठ जाता है और कुछ दिनों के भीतर बिना सहारे के चल सकता है। रोगी 3 से 4 सप्ताह में पद ग्रहण कर सकता है। अधिकांश रोगी 3 सप्ताह में गाड़ी चलाना शुरू कर देते हैं। 6 सप्ताह में रोगी लगभग सामान्य महसूस करने लगता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको क्रॉस लेग्ड बैठने और स्क्वाट करने की अनुमति है। भारत में, घुटने के दर्द और अंतिम चरण के गठिया से पीड़ित रोगियों की एक बड़ी संख्या है, जिनकी आजीविका एक गार्डनर की तरह क्रॉस लेग्ड या फर्श पर बैठने पर निर्भर करती है। इस प्र��ार के रोगियों को आंशिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी से अत्यधिक लाभ हो सकता है।
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007rebel · 2 years
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*देश में मुसलमानों के ख़िलाफ़ बढ़ती साज़िशों और बढ़ते दंगों से कैसे बचा जाए इनका मुक़ाबला कैसे किया जाए क्या वाक़ई अब भारत में मुसलमानों का आस्तित्व ख़त्म हो जाएगा ये सब जानने के मैंने शब्बन चच्चा को फ़ोन किया।*
*मैंने पूछा "चच्चा जिस तरह देश में रोज़ मुसलमानों के लिए रास्ते तंग होते जा रहे हैं एक विशेष संगठन रोज़ नई साज़िशों को अंजाम दे रहा है। उनके ख़िलाफ़ फ़िल्में बनाई जा रही हैं, धर्म संसद हो रहे हैं, मीडिया सोशल मीडिया में उनके ख़िलाफ़ प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा है मस्जिदों में हुड़दंग किया जा रहा है और उसके बाद मुसलमानों को ही दंगे का आरोपी बता कर जेलों में डाला जा रहा है तो इससे क्या लगता है मुसलमानों का भविष्य भारत में क्या होगा ?*
*क्या ये संगठन जैसा चाहते हैं वैसा ही होगा भारत मुस्लिम मुक्त हो जाएगा ?"*
*चच्चा बोले "बेटा ! सबसे पहले तो एक बात दिमाग़ में सेट कर लो कि हमें घबराना नहीं है। अब रही बात मुसलमानों के अस्तित्व की तो ये बताओ क्या ये संगठन मंगोलों से बड़ा ज़ालिम, मंगोलों से ज़्यादा ताक़तवर और मंगोलों से बड़ा बेरहम है ? जब मंगोल मुसलमानों का आस्तित्व नहीं ख़त्म कर पाए तो ये क्या कर लेंगे ?*"
*चच्चा ने कहा "तुम्हें याद होगा अभी हाल की बात है जब अमेरिका में नौ ग्यारह का हमला हुआ मुसलमानों के ख़िलाफ़ कैसा माहौल बना था हर मुस्लिम आतंकवादी की नज़र से देखा जा रहा था। ऐसा लगता था अब मुसलमानों का क्या होगा ? मगर हुआ एकदम उल्टा, अमेरिका और यूरोप में इस्लाम और तेज़ी से फैला। लाखों लोगों ने इस्लाम स्वीकार किया। वहां हज़ारों नई मस्जिदों की तामीर हुई।"*
*चच्चा आगे बोले "बेटा मोबाइल में सिर्फ़ सोफ़िया अंसारी की रील देखने से कभी फुर्सत मिले तो डिस्कवरी चैनल भी देख लिया करो।*
*वहां जंगल की कहानियों में बहुत कुछ सीखने को मिलता है।*
*जंगल में जब कुत्तों की तादाद बढ़ जाती है तो वो अपने आपको जंगल का राजा समझने लगते हैं मगर वो भूल जाते हैं कि कुत्तों का झुंड कितना भी बड़ा हो जाए जंगल का राजा शेर ही होता है।*
*इन संगठनों के हालात उन्हीं जंगल के कुत्तों के जैसी है। तादाद और सत्ता के नशे में चूर हैं खुद को अजेय समझ रहे हैं। मगर इन्हें ये नहीं पता कि इनकी ये ताक़त ये उरूज क्षणिक है एक दिन सब ख़त्म हो जाएगा"।*
*चच्चा आगे बोले" बेटा मैंने तुम्हें दसियों बार कहा कि मैं इन संगठनों को कभी भी मुसलमानों के लिए ख़तरा नहीं मानता हूँ। ये संगठन मुसलमानों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। मुसलमानों को ख़तरा सिर्फ़ और सिर्फ़ मुसलमानों से ही है। मुसलमानों को ख़तरा उनके अंदर फैल रहा जातिवाद और फिरक़ावाद से है। जिस दिन मुस्लिम जाति और फ़िरक़ों से बाहर निकल कर खुद को मुस्लिम मानने लगेंगे जंगली कुत्ते अपने अपने बिलों में घुस जाएंगे।*
*फिलिस्तीनी मुसलमान*
▪️न टखने के ऊपर पैजामा,
▪️न बगैर मूंछों की दाढ़ी,
▪️न ही सरों पर टोपी,
▪️न कुर्ता और तहबंद,
▪️न फतवा न फिरक़ा,
▪️न वहाबी न हनफी,
▪️न बरेलवी न देवबंदी,
▪️न शिर्क न बिददत
जींस और हाफ टी शर्ट में भी नमाज़ व नीयत...
और
*जज़्बा व ईमान, किसी से छुपा नहीं है, निहत्थे बड़ी बड़ी तोपों और मिसाइलों पर भी भारी है...*
इस बात को समझो वक़्त रहते एक हो जाओ।
उनकी ताकत हम सब की आँखों देखी है।
*हमारी कमज़ोरी हमारा टुकड़ो में बटा होना है।*
किसी को ऊंचा पाजामा बर्दाश्त नहीं।
किसी को ढके टखने बर्दाश्त नहीं।
*याद रखो इसी हाल पर रहे तो फतह, इज़्ज़त और बुलंदी हमें छू भी नहीं सकती।*
*कुत्तो की भीड़ हमें नोचती रहेगी और हम गधे बनकर पिटते रहेंगे।*
अब भी सीख ले लो और एक हो जाओ।
Challenge है सभी को ,
अगर बता सकते हो तो बताओ
*कौन सा फिलिस्तीनियों जमाती या कौन देवबंदी, बरेलवी, अहले हदीस, हनफ़ी , सल्फी था।*
ये सब एक ही पहचान रखते हैं।
*अल्लाह इनका ख़ुदा*
*मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इनके रसूल*
*क़ुरान ओ हदीस इनकी किताबें।*
बस मुसलमान ही इनकी पहचान है।
*❓❓❓❓❓ आपकी क्या पहचान है ❓❓❓❓❓❓❓❓❓❓*
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imsaki07 · 2 years
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ऊना: मुकेश अग्निहोत्री बोले- हिमाचल में पहाड़ी टोपी ही चली, इसका कोई विकल्प नहीं #news4
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी टोपी ही चली है, इसका न कोई विकल्प था और न ही भविष्य में होगा। मुकेश ने पंजाब में बड़ी जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी की प्रदेश में बढ़ी सक्रियता पर तंज कसा, प्रदेश की जनता परंपरागत तरीके से मतदान करेगी और पंजाब में जीती पार्टी की सरसराहट चंद दिनों में शांत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर आप में वे लोग जा…
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sabkamalikekk · 3 years
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Life History of Shirdi Sai Baba
आज बड़ी संख्या में लोग साईं बाबा शिर्ड को मानते हैं। साईं बाबा के अद्भुत चमत्कारों और रहस्यों की चर्चा उनके भक्तों द्वारा हमेशा की जाती है।
साईं बाबा को ईश्वर का अवतार माना जाता हैं, साईं बाबा को हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा पूजे जाने वाले भगवान का अवतार माना जाता है। साईं बाबा एक भारतीय धार्मिक शिक्षक थे जिनकी दुनिया भर में लोग पूजा करते थे। उनके अनुयायी उन्हें एक पवित्र योगी फकीर और एक सतगुरु मानते थे।
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साईं बाबा के जन्म और उनके धर्म को लेकर कई विरोधाभास प्रचलित हैं, कोई उन्हें हिन्दू मानता है, तो कोई मुस्लिम। फिलहाल वे सभी धर्मों का आदर करने वाले एक चमत्कारी व्यक्ति थे जो कि अपने पूरे जीवन भर ”सबका मालिक एक” ही का जप करते रहे। इस समय वे सभी धर्मों के एक उत्कृष्ट व्यक्ति थे जिन्होंने गुरु ��बका गाया था और जीवन भर धार्मिक पाठ पढ़ाया था। उन्होंने मुस्लिम ��ोपी पहनी थी और अपना अधिकांश जीवन शिरडी महाराष्ट्र की एक दूरस्थ मस्जिद में बिताया। वहीं बाद में उनके रहने वाली मस्जिद को हिन्दू नाम द्धारकामाई का कर दिया गया था, जिसमें दोनों धर्मों के लोग साईं बाबा के दर पर मत्था टेकने आते हैं और उनकी पूजा-आराधना करते हैं
साईं बाबा का जन्म
साईं बाबा के जन्मस्थान और धर्म को लेकर इतिहासकारों और विद्वानों के अलग-अलग विचार हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार उनका जन्म 28 सितंबर 1835 को महाराष्ट्र के पाथरी गांव में हुआ था।
उनके जन्म का कोई प्रमाण नहीं है। विभिन्न दस्तावेजों के अनुसार साईं बाबा को शिर्डी में पहली बार 1854 ईसवी में देखा गया था। उस दौरान उनकी आयु करीब 16 साल रही होगी।
साईं सत्चरित्र किताब के अनुसार, साईं जब 16 साल के थे तभी ब्रिटिश भारत के महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले के शिर्डी गाँव में आए थे। वे एक सन्यासी बनकर जिन्दगी जी रहे थे, और हमेशा नीम के पेड़ के निचे ध्यान लगाकर बैठे रहते या आसन में बैठकर भगवान की भक्ति में लीन हो जाते थे।
श्री साईं सत्चरित्र में गाँव वालो की उनके प्रति की प्रतिक्रिया का भी उल्लेख किया गया है।
साईं बाबा के बारे में कुछ लोगों का यह भी मानना था कि उनके पास ईश्वर की कुछ दैवीय शक्तियां प्राप्त थी, क्योकि ध्यान करते समय ठंडी और गर्मी का उनके शरीर पर कोई प्रभाव दिखाई नही दे रहा था। दिन में वे किसी से नही मिलते थे और रात में उन्हें किसी का डर नही था। जिनके सहारे वे लोगों की मद्द किया करते थे।
लेकिन, इतिहास से प्राप्त कई दस्तावेजों के मुताबिक वे एक ब्राह्मण परिवार में जन्में थे, जिन्हें बाद में एक सूफी फकीर द्धारा गोद लिया गया था। हालांकि, आगे चलकर उन्होंने खुद को एक हिन्दू गुरु का शिष्य बताया था।
कुछ लोग साईं बाबा को पागल समझते थे तो कुछ लोग उनपर पत्थर भी फेकते थे। इसके बाद साईबाबा ने गाँव छोड़ दिया था। ऐसा माना जाता है की सबसे पहले साईबाबा तीन साल तक शिर्डी रहे थे और फिर एक साल तक गायब हो गये थे और फिर हमेशा के लिए 1858 में शिर्डी वापिस आ गये थे।
अंतिम दिन :
मंगलवार 15 अक्टूबर 1918 विजयदशमी का दिन था साईं बाबा बहूत कमजोर हो गये थे . रोज की तरह भक्त उनके दर्शन के लिए आ रहे थे. साईं बाबा उन्हें प्रसाद और उड़ी दे रहे थे भक्त बाबा से ज्ञान भी प्राप्त कर रहे थे पर किसी भक्त ने नही सोचा की आज बाबा के शरीर का अंतिम दिन है . सुबह की ११ बज गयी थी .
दोपहर की आरती का समय हो गया था और उसकी त्यारिया चल रही थी कोई देविक प्रकाश बाबा के शरीर में समां गया आरती सुरु हो गयी और बाबा साईं का चेहरा हर बार बदलता हुआ प्रतीत हुआ . बाबा ने पल पल में सभी देवी देवताओ के रूप के दर्शन अपने भक्तो को कराये वे राम शिव कृष्णा वितल मारुती मक्का मदीना जीसस क्राइस्ट के रूप दिखे आरती पूर्ण हुई .
Article Source : https://sabkamalikekk.wordpress.com/2022/01/01/life-history-of-shirdi-sai-baba/
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insolubleworld · 3 years
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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना: कैसे हिंदू रानी अहिल्याबाई होल्कर के साँचे में पीएम मोदी को कास्ट कर रही है बीजेपी | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना: कैसे हिंदू रानी अहिल्याबाई होल्कर के साँचे में पीएम मोदी को कास्ट कर रही है बीजेपी | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना के उद्घाटन के साथ, मंदिरों के संरक्षण के बारे में उनकी टोपी में एक और पंख जुड़ गया है। जबकि रानी अहिल्याबाई होल्कर को 18 वीं शताब्दी में पूरे देश में बड़ी संख्या में मंदिरों के निर्माण और संरक्षण के लिए सबसे महान नेता के रूप में जाना जाता है, भाजपा आधुनिक समय में पीएम मोदी को एकमात्र हिंदू नेता के रूप में पेश…
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lok-shakti · 3 years
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पीएम मोदी ने गोरखपुर में 3 बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया; सपा पर साधा निशाना, कहा- रेड कैप वाले यूपी के लिए 'रेड अलर्ट'
पीएम मोदी ने गोरखपुर में 3 बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया; सपा पर साधा निशाना, कहा- रेड कैप वाले यूपी के लिए ‘रेड अलर्ट’
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्य के लिए “रेड कैप” की तुलना “रेड अलर्ट” से की। एक एम्स और एक उर्वरक संयंत्र सहित तीन मेगा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद गोरखपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, मोदी ने कहा, “आज, पूरा यूपी अच्छी तरह से जानता है कि लाल टोपी पहनने वालों को लाल बत्ती (‘लाल बत्ती’)…
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becharapati · 3 years
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ऐसे डाला जाता है चारा 😃
::
राधिका ने अपने बेटे अमित को फ़ोन किया,
बेटा, इस मंगलवार को छुट्टी लेकर
घर 🏘 आ जाना, कुछ ज़रूरी काम है
::
अमित बोला मम्मी, ऑफ़िस में बहुत काम है,
बॉस छुट्टी नहीं देगा
::
राधिका बोली अरे बेटा
वो एक रिश्ता आया था तुम्हारे लिये,
बड़ी ही सुंदर लड़की 👱‍♀️है,
सोच रही थी कि एक बार तुम दोनों मिल लेते तो...
::
अमित अरे माँ, बस इतनी सी बात,
तुम कहो और मैं ना आऊँ,
ऐसा हो सकता है भला..???
मन में फूट रहे लड्डूओं की आवाज
छिपाते हुए बेटे जी ने जवाब दिया
::
बॉस को किसी तरह टोपी पहनाकर,
रात को बेटा घर 🏘 पहुँचा
::
माँ ने बेटे से ज़्यादा बात नहीं की,
बस खाना 🍱 परोसा और दूसरे दिन
जल्दी उठ जाने को कहा
::
सुबह के चार बजे तक तो नींद
बेटे की आँखों 👀 से कोसों दूर थी,
पर मोबाइल📱के एक
अलार्म के साथ ही नींद खुल गई
::
माँ ने चाय 🫖 देते हुए कहा,
बाथरूम में कपड़े 🧥 रखे हैं,
बदलकर आ जाओ
::
बाथरूम में पुरानी टी-शर्ट 👕
और शॉर्ट्स देखकर 👀
बेटे का दिमाग़ 🧠 ठनका, 😮
::
बाहर आकर बेटे ने पूछा पुराने कपड़े ??
माँ ने मनोरम मुस्कान बिखेरते हुए कहा 🗣
घर की सफाई का बोलती तो तू
काम का बहाना बनाकर टाल देता,...
बोल….टालता की नहीं…
::
चल अब जल्दी से ये लंबा वाला झाड़ू 🧹उठा
तेरा बाप भी बहाने बना कर
समाज की मीटिंग में गया है
वो भी लड़की की माँ से मिलने के नाम पर आ रहा है
::
तू तो अभी
दीवार के कोने साफ कर,
बहुत जाले 🕸 हो गये हैं 🥴
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karanaram · 3 years
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बांग्लादेश में इस्लामी भीड़ का एक साथ कई मंदिरों पर हमला, दर्जनों हिंदू घायल 17 अक्टूबर 2021
🚩 बांग्लादेश में मंदिरों और हिंदू अल्पसंख्यकों पर क्रूर अत्याचार लगातार जारी है। इसकी वजह से वहाँ का अल्पसंख्यक समुदाय बेहद डरा हुआ है। बांग्लादेश में हिंदुओं के मानवाधिकारों को लेकर मुखर संस्था ‘बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल’ (बीएचयूसी) की रिपोर्ट के अनुसार, ईशनिंदा के झूठे आरोपों को लेकर हिंदू समुदाय के खिलाफ चल रही हिंसा के बीच इस्लामी कट्टरपंथियों ने देश के चटगाँव डिवीजन के फेनी जिले में एक बार फिर से अल्पसंख्यकों पर हमला किया है। बीएचयूसी ने शनिवार (16 अक्टूबर, 2021) रात एक ट्वीट में कहा, ”नोआखली के बाद इस बार फेनी में। फेनी की स्थिति बहुत तनावपूर्ण है, तीन-तरफा झड़पें हुईं, मंदिर पर हमले, कई घायल।”
🚩 बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने 14 सेकंड का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया है। इसमें कट्टरपंथी इस्लामवादियों को सड़कों पर तबाही मचाते हुए देखा जा सकता है। लाठियों से लैस उन्मादी भीड़ बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गई और फिर फेनी जिले में हिंदूओं और हिंदू मंदिरों पर एक साथ हमला किया। इसमें काले रंग के कपड़े पहने और सफेद रंग की टोपी लगाए शख्स हाथों में लाठी लिए लोगों को मारने के लिए उनके पीछे भागते हुए दिखाई दे रहा है।
कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने फेनी जिले में फैलाया आतंक
🚩 BDNews24 ने बताया कि कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने फेनी जिले में हिंदू समुदाय पर हमला किया है। यह हमला इस्लामी कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के चटगाँव डिवीजन के चाँदपुर, कुमिला और नोआखली जिलों में दुर्गा पंडालों और हिंदू मूर्तियों की तोड़फोड़ को लेकर प्रदर्शन कर रहे हिंदूओं के खिलाफ किया है। शनिवार को शाम 4:30 बजे से 11:30 बजे के बीच किए गए हमले के दौरान, मंदिरों को लूट लिया गया और तोड़फोड़ की गई।
🚩 कथित तौर पर बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अध्यक्ष, शुकदेब नाथ तपन पर जोयकाली मंदिर के पास इस्लामी भीड़ द्वारा हमला किया गया था। हिंदू समुदाय उक्त मंदिर से पुराने ढाका-चटगाँव हाईवे के ट्रंक रोड तक मार्च निकालने की तैयारी कर रहा था। ट्रंक रोड बारा मस्जिद के पास जमा हुए इस्लामवादियों ने हिंदुओं पर लाठियों और ईंटों से हमला किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने फेनी शहर में एक बड़ी टीम तैनात की। उन्होंने अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले भी दागे।प्रभारी अधिकारी (फेनी मॉडल पुलिस स्टेशन) निजामउद्दीन के अनुसार, झड़पों के दौरान 40 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बाद उन्हें फेनी जनरल अस्पताल ले जाया गया। शुकदेब के मुताबिक, जिला प्रशासन ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीएफ) और रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) को भेजने में समय लिया। हमलावरों ने कालीपाल में एक यात्री वाहन को आग लगा दी, ​क्रूड बम फेंके, एक दमकल की गाड़ी में तोड़फोड़ की और जोयकाली, जगन्नाथबाड़ी, कालीबाड़ी मंदिर और गाजीगंज आश्रम जैसे हिंदू मंदिरों पर हमला किया।
https://twitter.com/OpIndia_in/status/1449663514923073540?t=YLigQhuPvFnrWAQwpCeslA&s=19
🚩 बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री रवींद्र घोष ने कहा कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए हिन्दू लड़े । उसके बदले में उन्हें क्या मिला? यह प्रश्‍न उपस्थित हो रहा है । बांग्लादेश जब से स्वतंत्र हुआ है, तब से आज तक वहां 15 लाख से अधिक हिंदुओं की हत्या की गई है । स्वतंत्रता के पश्‍चात वहां के शासन ने संविधान में इस्लाम धर्मानुसार आचरण करने की धारा घुसाई । तब से निरंतर वहां के हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार नकारा जा रहा है। वहां के हिंदुओं को किसी प्रकार का न्याय अथवा अधिकार नहीं मिलता, अपितु हिंदुओं की भूमि बलपूर्वक दबा ली गई । हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर अत्याचार किए जाते हैं । अभी तक बांग्लादेश के 3 सहस्र 336 मंदिर तोड़े गए हैं । ऐसे विविध प्रकार से हिंदुओं पर अत्याचार और अन्याय किया जाता है ।
🚩 भारत में अल्पसंख्यक समुदाय को एक थप्पड़ भी लगा दे तो तो मीडिया दिन-रात खबरें दिखाती रहती है और सेक्युलर लोग उनके बचाव में टूट पड़ते है, लेकिन बांग्लादेश में हररोज इतना हिन्दुओं का पलायन होना व उनके ऊपर इतना अत्याचार होने पर मीडिया और सेक्युलर लोगों ने चुप्पी क्यों साधी है ???
🌹 भारत सरकार को पाकिस्तान व बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।
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khsnews · 3 years
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infotoday24 · 3 years
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IPL 2021 PBKS बनाम MI: कीरोन पोलार्ड ने रचा इतिहास, यह बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बने
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