उपेंद्र कुशवाहा को पीएम मोदी देने जा रहे 'वफादारी' का तोहफा, राज्यसभा के लिए टिकट कन्फर्म
पटना: से बड़ी खबर आ गई है। काराकाट सीट पर लोकसभा चुनाव हार चुके के नुकसान की भरपाई बीजेपी ने करने की पहल कर दी है। इसके लिए पीएम मोदी ने उन्हें खुद तोहफा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी से राज्यसभा टिकट मिल गया है। बताया जा रहा है कि बिहार बीजेपी अध्यक्ष और डेप्युटी सीएम सम्राट चौधरी ने इसकी पुष्टि भी की है। हालांकि इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा के विधानपरिषद में जाने की चर्चा थी, लेकिन वो टिकट उन्हें नहीं मिला। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने पहले से ही उनके लिए कुछ बड़ा सोच रखा था।
उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा का टिकट
इस लोकसभा चुनाव उपेंद्र कुशवाहा की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया था। साथ ही NDA के कुशवाहा वोट तक उन्हें ढंग से ट्रांसफर नहीं हो पाए थे। काराकाट में इसी वजह से उपेंद्र कुशवाहा को माले के राजाराम कुशवाहा ने हार का मुंह दिखा दिया। यही नहीं उपेंद्र कुशवाहा इस चुनाव में तीसरे नंबर पर आ गए। ऐन वक्त पर बीजेपी से 'दगा' कर चुनाव में खड़े होने वाले भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह दूसरे नंबर पर रहे। अगर हार जीत का अंतर देखें तो उपेंद्र कुशवाहा को विजयी उम्मीदवार राजाराम कुशवाहा से 1,26,705 वोटों से पीछे रह गए। लेकिन अंत तक कुशवाहा ने NDA यानी पीएम मोदी का साथ नहीं छोड़ा। हारने के बाद भी उम्मीद थी कि उपेंद्र कुशवाहा विधानपरिषद जाएंगे। लेकिन वहां भी उन्हें टिकट नहीं मिला। आखिर में पीएम मोदी ने उपेंद्र कुशवाहा को NDA से वफादारी का इनाम दे दिया।
उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा टिकट देने का मतलब
बीजेपी ने सम्राट चौधरी पर कुशवाहा वोटों के लिए दांव लगाया था। उन्हें बीजेपी ने पहले बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और फिर बाद में उपमुख्यमंत्री। कहा जा रहा है कि सम्राट चौधरी कुशवाहा वोटों को बीजेपी के पाले में पूरी तरह से लाने में नाकाम रहे। वोट बैंक की बात करें तो उपेंद्र कुशवाहा के इधर-उधर जाने से उनका वोट बैंक थोड़ा बहुत ही छिटका है। ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है कि सम्राट न सही लेकिन कुशवाहा इन वोटों को विधानसभा चुनाव में वापस लाने में कारगर साबित हो सकते हैं। इसीलिए अब सम्राट और कुशवाहा की जोड़ी को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आगे करने की तैयारी है। http://dlvr.it/T92jpp
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जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र के अतरी विधानसभा में NDA के सफ़ल एवं संदेशवाहक बैठक के लिए आप सभी अभिभावकों एवं साथियों का हृदय से आभार, अपने तय कर दिया कि बिहार में 40 और देश में 400 सीट से अधिक NDA को जनता के आशीर्वाद से प्राप्त हो रहा है, हम सब मिल कर राज्य और राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करेंगे, पुनः बहुत आभार - डॉ. चन्दन कुमार यादव - प्रदेश सचिव सह अतरी विधानसभा प्रभारी - जनता दल यूनाइटेड, बिहार
#अतरी_विधानसभा #जहानाबाद_लोकसभा #अतरी_का_सेवक #लोकसभा_चुनाव_2024 #नीतीश_कुमार #जयnda_तयnda #डॉ_चन्दन_कुमार_यादव_232_बेलागंज_विधानसभा_गया
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West singhbhum bjp obc morcha conference : मनोहरपुर के डलाइकेला में भाजपा ओबीसी मोर्चा का सामाजिक सम्मेलन आयोजित, बिहार के खजौली विधायक व मोर्चा के प्रदेश स्तरीय नेताओं ने की शिरकत, सिंहभूम सीट पर भाजपा प्रत्याशी को जिताने का लिया गया संकल्प
रामगोपाल जेना/गोइलकेरा : भारतीय जनता पार्टी ओबीसी मोर्चा की ओर से मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र के ड़लाइकेला में ओबीसी सामाजिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष पंकज खिरवाल की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन में बिहार के खजौली विधायक अरुण शंकर प्रसाद एवं प्रदेश ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष अमरदीप यादव एवं प्रदेश महामंत्री हलधर नारायण साह भी शामिल हुए. पं दीनदयाल उपाध्याय एवं श्यामा प्रसाद…
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नीतीश कुमार को साथ लेकर Bjp ने कर दी बड़ी भूल ?
बिहार में नीतीश कुमार को लेकर जनता का मूड ठीक नहीं है। बिहार में भारतीय जनता पार्टी यानी की बीजेपी ने नीतीश कुमार को फिर से साथ लेकर बड़ी भूल कर दी। ये हम नहीं कह रहे ये जनता कह रही है। इंडिया टुडे सी वोटर के सर्वे के मुताबिक नीतीश कुमार ने पलटी मारकर अपनी छवि धूमल कर ली है।
दूसरी तरह बीजेपी ने एक बार फिर नीतीश कुमार को एनडीए में ले लिया, जिसका नुकसान होता हुआ एनडीए को दिख रहा है।
क्या है जनता का मूड़
नीतिश कुमार के बार - बार पलटी मारने से चुनाव पर क्या असर पड़ता है
क्या है जनता का मूड़
मूड ऑफ़ दी नेशन में जनता से सवाल पूछा गया कि क्या बार बार पलटी मारने से नीतीश की छवि खराब होती है? इस सवाल के जवाब में 71% लोगों ने कहा है यानी कि जितनी बार नीतीश ने पलटी मारी, उतनी बार उनकी छवि खराब हो रही है, जबकि 17% लोगों का मानना है कि बार बार पलटी मारने से नीतीश की छवि पर कोई असर नहीं पड़ता।
अब ये 71% लोगों का जो जवाब है वो बेहद महत्वपूर्ण है। ये नतीजे बेहद चौंकाने वाले है। इस लिहाज से आप इसको देखिए कि नीतीश कुमार के लिए एनडीए का दरवाजा बंद करने वाली बीजेपी ने ऐलान तो खूब किया लेकिन अंत में नीतीश की ऐसी जरूरत पड़ी कि बीजेपी ने बंद दरवाजा खोल दिया और बाहे फैला कर नीतीश का दिल खोल कर स्वागत किया।
नीतीश कुमार को साथ लेकर Bjp ने कर दी बड़ी भूल ?
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा था। कहा जा रहा था कि इसके जरिए बीजेपी ने बिहार में जाती जनगणना का तोड़ निकाल लिया।
पिछड़ा अति पिछड़ा वोट ���ैंक अपने पाले में कर लिया लेकिन अंत में बीजेपी ने नीतीश एनडीए में शामिल करके बहुत बड़ी भूल कर बैठी ।
इंडिया टुडे ने सी वोटर के साथ मिलकर मूड ऑफ़ दी नेशन सर्वे किया। उसमें नीतीश को लेकर जो लोगों का जवाब आया उससे यही लगता है नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी ने कहीं ना कहीं भूल कर दी है।
हालांकि असल नतीजे तो चुनाव के वक्त ही देखने को मिलेंगे, लेकिन फिलहाल ज़रा इन आंकड़ों को भी आप नजर डालिये जितनी बार नीतीश कुमार ने पलटी मारा, उतनी बार नीतीश के परफॉरमेंस में कितना फर्क पड़ा है?
नीतिश कुमार के बार - बार पलटी मारने से चुनाव पर क्या असर पड़ता है
नीतीश कुमार इतनी बार पलटी मारी हैं उतनी ही बार उनकी लोकप्रियता कम हुआ है। साल 2013 में बीजेपी ने जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो नीतीश कुमार नाराज़ हो गए। उन्होंने 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया 2014 का लोकसभा चुनाव जेडीयु ने सीपीएम के साथ मिलकर लड़ा
वही बीजेपी और एलजेपी का गठबंधन हुआ इस चुनाव में जेडीयु सिर्फ दो सीट ही जीत सकी जबकि बीजेपी एलजेपी गठबंधन ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की।
बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने।
वही 2015 का विधानसभा चुनाव जेडीयु ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा। इस बार जेडीयु ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा और 71 सीटों पर उन्हें जीत मिली जबकि 2010 का चुनाव जेडीयु ने बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था तब नीतीश। कुमार की पार्टी ने 115 सीटों पर जीत हासिल की थी।
लेकिन पाला बदलने के बाद जब नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ चुनाव लड़ा तो उनकी लोकप्रियता घटकर 115 से 71 पर आ गई।
वहीं 2020 में फिर से आरजेडी के साथ छोड़कर जब बीजेपी के साथ पाला बदलकर नीतीश कुमार ने चुनाव लड़ा तो उनकी लोकप्रियता 71 से घटकर 43 पर आ गई।
अब देखना 2024 के चुनाव में नितिश कुमार को BJP में आने के बाद BJP को कितना नुकसार उठाना पड़ता है क्योकीं जनता का मूंढ कुछ नहीं लग रहा है ।
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क्या समय से पहले होगा लोकसभा चुनाव?, जाने नितीश कुमार के इस बयान के क्या हैं मायने?
Lok Sabha Election 2024 : साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियां चुनावों की तैयारियों में लगी हुई हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ने की कोशिश में लगी हुई हैं। ऐसे में एक खबर आ रही है कि चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए जो समय निर्धारित किया गया है। उससे पहले भी इलेक्शन हो सकते हैं। ये बात हम नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कही है।
नितीश कुमार ने दिया अटपटा बयान
नीतीश कुमार का यह बयान उस समय सामने आया है, जब वे भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता बनाने में जुटे हैं। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा गठबंधन (NDA) ने 350 से ज्यादा सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी कर ली थी। वहीं साल 1971 और साल 1984 में समय से पहले लोकसभा चुनाव हुए थे। दोनों बार बनने वाली सरकारों को बंपर जीत मिली थी।
ऐसे में अब नीतीश कुमार का ये मानना है कि साल 1971 और साल 1984 वाला इतिहास एक बार फिर से दोहराया जा सकता है और समय से पहले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) कराए जा सकते हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि समय से पहले लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव को देखते हुए किए जा सकते हैं।
वन नेशन-वन इलेक्शन की पैरवी कर चुके हैं पीएम मोदी
लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) से पहले छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में मविधानसभा चुनाव होने वाले हैं और समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए जाने का सबसे अहम फैक्टर यही माना जा रहा है। 4 में से 3 राज्यों में भाजपा अपनी सरकार लाने की कोशिश कर रही है तो वहीं मध्य प्रदेश में सत्ता को बचाने की कोशिश कर रही है।
चारों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की लोकल लीडरशिप काफी कमजोर है। साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार गई थी लेकिन कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के कारण भाजपा एक बार फिर सत्ता में वापस आ गई। हालांकि मध्यप्रदेश में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पास 130 विधायक हैं लेकिन पार्टी के लिए इस बार सत्ता वापसी आसान नहीं है।
सियासी गलियारों में समय से पहले चुनाव कराए जाने के पीछे वन नेशन वन इलेक्शन को भी वजह माना जा रहा है। भाजपा और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) वन नेशन-वन इलेक्शन की पैरवी कर चुके हैं। आने वाले समय में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में ये भी चर्चा है कि वन नेशन-वन इलेक्शन की तर्ज पर एक साल में एक चुनाव कराया जा सकता है, जिससे सभी राज्यों के चुनाव एक साथ निपट सके।
इन राज्यों में में भी होने हैं चुनाव
Lok Sabha Election 2024 : इसके अलावा साल 2024 में महाराष्ट्र, हरियाणा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने वाले हैं। हिमाचल, महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा गठबंधन सरकार है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के साथ ही 16 विधायकों की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में समय से पहले चुनाव कराके यहां के संकटों से भी निपटा जा सकता है। इसके अलावा विपक्षी पार्टियां मिलकर विपक्षी एकता की कोशिश में लगी हुई हैं लेकिन अभी तक इन कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकला है।
इस महीने विपक्ष की पहली मीटिंग पटना में होने वाली है। हालांकि सीट बंटवारे समेत कई मुद्दों पर विपक्ष का पेंच अटका हुआ है। अब देखने वाली बात यह होगी कि विपक्षी एकता से पहले लोकसभा चुनाव हो पाते हैं या नहीं? अगर समय पर चुनाव हुए तो विपक्षी एकता कितनी एक होगी और ये सभी पार्टियां मिलकर भाजपा को हरा पाएंगी या नहीं या एक बार फिर से महागठबंधन की तरह इन पार्टियों के हाथ कुछ नहीं लगेगा?
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A BJP Win In Bihar Against Nitish Kumar "Sign Of Times To Come", Says PM
A BJP Win In Bihar Against Nitish Kumar “Sign Of Times To Come”, Says PM
मुजफ्फरपुर/पटना:
बिहार में सत्तारूढ़ ‘महागठबंधन’ को गुरुवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब चार महीने पहले पार्टी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाता तोड़ने के बाद भाजपा कुरहानी विधानसभा सीट हार गई।
श्री कुमार की जद (यू) ने अपने उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा की हार के लिए “स्थानीय तत्वों” को दोषी ठहराया, जिन्हें भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता से सिर्फ 3,645 वोट कम मिले।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में…
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कुरहानी उपचुनाव में फिर हारे नीतीश कुमार यहाँ पर क्यों
कुरहानी उपचुनाव में फिर हारे नीतीश कुमार यहाँ पर क्यों
यह तीसरी बार था जब नीतीश कुमार कुढ़नी विधानसभा सीट से हारे
पटना:
कुरहानी विधानसभा सीट के लिए बिहार का उपचुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सात दलों के महागठबंधन के पक्ष में नहीं गया है। विजयी रहे भाजपा के केदार गुप्ता, जिन्होंने जनता दल यूनाइटेड के मनोज कुशवाहा को 3,662 मतों से हराया। श्री कुमार द्वारा भाजपा के साथ अपना गठबंधन समाप्त करने के बाद शक्ति परीक्षण पहली बार हुआ था और इसे बिहार में…
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कुढनी उपचुनाव में बीजेपी की जीत
कुढनी उपचुनाव में बीजेपी की जीत...
KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के हाई प्रोफाइल कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का नतीजा आ गए हैं। यहां से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता 3,649 मतो की अंतर से जदयू के मनोज कुशवाहा को पराजित कर दिया है। महागठबंधन के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा को 73,073 मत लेकर संतोष करना पड़ा। वहीं, भाजपा के केदार गुप्ता को 76,722 मत मिले।
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बिहार के कुढ़नी में लहराया भाजपा का परचम
बिहार के कुढ़नी में लहराया भाजपा का परचम
मुजफ्फरपुर। जिले की कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के केदार गुप्ता ने महागठबंधन के उम्मीदवार मनोज कुशवाहा को हरा दिया है। मतगणना में भाजपा को 76648 जबकि जदयू को 73016 वोट मिले। जीत का अंतर 3632 का रहा। इस चुनाव में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जोर-शोर से प्रचार किया था लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया।कुढ़नी में जीत के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील…
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LIVE : गुजरात, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव और मैनपुरी, रामपुर समेत सभी उपचुनावों में कौन आगे, कौन पीछे
Delhi: गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। काउंटिंग सुबह 8 बजे से जारी है। इसके अलावा 5 राज्यों में कुछ लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों पर भी देशभर की नजरें हैं। इनमें यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट सबसे अहम है। इसके अलावा यूपी की ही रामपुर और खतौली विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए थे। राजस्थान, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बिहार में भी एक-एक विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। आगे देखते हैं दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव और 5 राज्यों में हुए उपचुनावों के रुझान और नतीजे। http://dlvr.it/Sf1bKP
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इन 14 सीटों पर NDA भारी मुश्किल में, अगर समीकरण उल्टे बैठे तो लालू-राहुल का बंपर फायदा
पटना: लोकसभा 2024 के चुनाव में की परफॉर्मेंस को ले कर कई सवाल उठ रहे थे, जैसे अकेले चना भांड नहीं फोड़ता वगैरह... वगैरह। लेकिन सातवें चरण के बाद आए एग्जिट पोल से एक बात तो साफ हो गई कि बिहार में इंडिया गठबंधन की जान तेजस्वी यादव ही हैं। यह दीगर है कि कई एग्जिट पोल में इंडिया गठबंधन को दहाई आंकड़ों तक ही ले जाया गया है। पर यहां गौरतलब यह है कि तेजस्वी यादव उस एनडीए के विरुद्ध लड़ रहे थे जिनके 40 में से 39 सांसद थे। तुलना तो इस बात की भी होनी चाहिए कि एनडीए की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जे पी नड्डा, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, नीतीश कुमार जैसे स्टार प्रचारक थे जबकि दूसरी तरफ अकेले लालू परिवार ने मोर्चा संभाल रखा था। हां कभी कभार राहुल गांधी की भी जनसभाएं हुई।
क्या है एग्जिट पोल का लब्बोलुआब?
बिहार से जो एग्जिट पोल आया है, उससे इतना तो साफ है कि इस बार राजद शून्य पर नहीं सिमटने वाला। वहीं NDA की बिहार में पिछली बार की तरह बंपर जीत भी मुश्किल दिख रही है। यही नहीं, आशंका है कि एनडीए को दोहरी मार से भी गुजरना पड़ सकता है। मतलब एनडीए के वोट प्रतिशत में कमी आ सकती है और सीटें भी घट सकती हैं। एग्जिट पोल का सार यही है कि एनडीए 28 से 32 लोकसभा सीट जीतने जा रही है और इंडिया गठबधन को 8 से 10 लोकसभा सीटें मिलने जा रही है। एनडीए में शामिल दलों की बात करें तो बीजेपी को 14 से 15 सीट पर जीत मिल सकती है। जदयू को 8 से 10 सीट पर जीत हासिल हो सकती है। इंडिया गठबंधन की बात करें तो राजद को 7 से 9 सीट मिल सकती हैं। जबकि कांग्रेस को दो से तीन सीटें मिल सकती है। वीआईपी और वाम दल के उम्मीदवार जीत दर्ज करते नहीं दिख रहे हैं। आरा और काराकाट में माले के उम्मीदवार कांटे की टक्कर देते जरूर दिख रहे हैं।
लेफ्ट और MY का पॉलिटिकल कॉकटेल
तेजस्वी यादव की सोच में वाम दलों के संगठन के साथ एम वाई समीकरण तो था ही। इस बार राजद सुप्रीमों की रणनीति में कुशवाहा, भूमिहार और वैश्विक उम्मीदवार दे कर एनडीए के सामाजिक सामाजिक समीकरण में सेंधमारी का जो लक्ष्य था, वे भी एक हद तक तो पूरा होता दिखा। कुशवाहा की बात करें तो औरंगाबाद, नवादा, काराकाट, खगड़िया लोकसभा सीटों पर ज्यादातर कुशवाहा वोटरों के इंडिया गठबंधन को वोट देने की चर्चा है। बीजेपी के कैडर वैश्य वोटरों की भी नाराजगी दिखी, जिसका असर शिवहर और सीतामढ़ी में पड़ सकता है।
तो इसीलिए तेजस्वी ने लेफ्ट को साधा
तेजस्वी यादव के वाम दलों के साधने की रणनीति का एक आधार भी था। वो था बिहार विधानसभा 2020 का चुनाव। इस चुनाव में वाम दलों ने 16 सीटें जीतकर महागठबंधन को मजबूत आधार दिया। ये अलग बात है कि वो असर लोकसभा चुनाव 2024 में सीटों के मामले में नहीं दिख रहा है। लेकिन वाम दलों के कैडर के सपोर्ट से राजद के कई उम्मीदवारों को जीत हासिल हो सकती है। वीआईपी का साथ लेना भी राजद को एक हद तक फायदा पहुंचा गया है। वीआईपी भले कोई सीट निकाल नहीं पा रही है पर राजद और कांग्रेस उम्मीदवार को सदन भेजने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
इन 14 सीटों पर NDA के लिए भारी मुश्किल!
अब असल बात कि एनडीए के लिए वो कौन सी सीटें हैं जहां उसे दिक्कत पेश आ सकती है। सीधे शब्दों में कहें तो इन 14 सीटों पर NDA का खेल खराब होता दिख रहा है। ये 14 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां कोई भी जीत हार सकता है। जातीय गणित और उसकी आक्रामकता में राजद आगे है तो सरकारी योजनाओं से लाभार्थी वर्ग के मामले में NDA। अगर ये लाभार्थी वर्ग जाति में न टूटे तो एनडीए को फायदा होगा और अगर टूट गया तो इंडिया गठबंधन को शुद्ध सियासी मुनाफा हो सकता है। 1. शिवहर2. सीतामढ़ी3. पाटलिपुत्र4. औरंगाबाद 5. नवादा6. जहानाबाद7. खगड़िया8. सिवान9. पूर्णिया10. किशनगंज11. कटिहार12. बांका13. मुंगेर14. बक्सर http://dlvr.it/T7k1yb
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Bypoll Election Results 2022 Live Updates Vote Counting Today For 6 Assembly And Mainpuri Lok Sabha - Bypoll Results Live: मैनपुरी में डिंपल तो रामपुर में Bjp आगे, जानें राजस्थान-बिहार का हाल
Bypoll Election Results 2022 Live Updates Vote Counting Today For 6 Assembly And Mainpuri Lok Sabha – Bypoll Results Live: मैनपुरी में डिंपल तो रामपुर में Bjp आगे, जानें राजस्थान-बिहार का हाल
09:09 AM, 08-Dec-2022
आजम के रामपुर में भाजपा आगे
सपा के दिग्गज नेता आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए थे। इस सीट से सामने आ रहे रुझानों के मुताबिक, भाजपा के आकाश सक्सेना अपने प्रतिद्वंदियों से आगे चल रहे हैं।
09:06 AM, 08-Dec-2022
बिहार के कुढ़नी में भाजपा आगे
बिहार की कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में पहले राउंड की मतगणना पूरी हो चुकी है। अभी तक भाजपा उम्मीदवार…
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Assembly-election- गुजरात में भाजपा को प्रचंड बहुमत, हिमाचल में कांग्रेस ने बाजी मारी, भाजपा ने गुजरात में रेकॉर्डतोड़ 157 सीटों पर दर्ज की जीत, कांग्रेस मात्र 16 सीटों पर सिमटी, आप को मिली 5 सीटें, 12 को दोबारा राज्य की सत्ता संभालेंगे सीएम भूपेंद्र पटेल, हिमाचल प्रदेश में सरकार बदली, राज्य की परंपरा कायम, कांग्रेस ने जीती 39 सीटें, भाजपा मात्र 26 सीटों पर सिमटी, बिहार के कुढ़नी में भाजपा प्रत्याशी ने जद यू को हराया, यूपी की मैनपुरी सीट पर डिंपल 2.88 लाख मतों से जीतीं
Assembly-election- गुजरात में भाजपा को प्रचंड बहुमत, हिमाचल में कांग्रेस ने बाजी मारी, भाजपा ने गुजरात में रेकॉर्डतोड़ 157 सीटों पर दर्ज की जीत, कांग्रेस मात्र 16 सीटों पर सिमटी, आप को मिली 5 सीटें, 12 को दोबारा राज्य की सत्ता संभालेंगे सीएम भूपेंद्र पटेल, हिमाचल प्रदेश में सरकार बदली, राज्य की परंपरा कायम, कांग्रेस ने जीती 39 सीटें, भाजपा मात्र 26 सीटों पर सिमटी, बिहार के कुढ़नी में भाजपा प्रत्याशी ने जद यू को हराया, यूपी की मैनपुरी सीट पर डिंपल 2.88 लाख मतों से जीतीं
नयी दिल्ली : देश के दो राज्यों गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में संपन्न विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आ गये हैं. गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने जहां रिकार्डतोड़ सीटें जीत कर सत्ता दोबारा हासिल कर ली है, वहीं हिमाचल प्रदेश की जनता ने अपनी परंपरा कायम रखते हुए उसे सत्ता से बेदखल करते हुए राज्य की बागडोर कांग्रेस पार्टी को थमा दी है. गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 157 सीटें जीत कर राज्य में जीत…
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बिहार विधानसभा की कुढ़नी सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान जारी, भाजपा-जदयू के बीच मुख्य मुकाबला
बिहार विधानसभा की कुढ़नी सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान जारी, भाजपा-जदयू के बीच मुख्य मुकाबला
बिहार विधानसभा की कुढ़नी सीट पर उपचुनाव के तहत कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान जारी है.
बिहार विधानसभा की कुढ़नी सीट पर उपचुनाव के तहत कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान जारी है. कुढ़नी सीट मुजफ्फरपुर जिले के अंतर्गत आती है. जिले की निर्वाचन शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे से मतदान प्रारंभ हो गया, जो श���म छह बजे तक जारी रहेगा.
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निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सुचारू रूप…
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कुर्हानी उपचुनाव के लिए बीजेपी, जेडी(यू) में आमना-सामना, एआईएमआईएम भी मैदान में
कुर्हानी उपचुनाव के लिए बीजेपी, जेडी(यू) में आमना-सामना, एआईएमआईएम भी मैदान में
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की कुरहानी विधानसभा सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
उपचुनाव के लिए कुल 21 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान आठ उम्मीदवारों के फॉर्म खारिज कर दिए गए और किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख सोमवार तक अपना नामांकन वापस नहीं लिया।
मतगणना आठ…
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Nitish Kumar Loses By-Election In Kurhani, Again. Here's Why
Nitish Kumar Loses By-Election In Kurhani, Again. Here’s Why
कुदनी विधानसभा क्षेत्र से नीतीश कुमार तीसरी बार हारे हैं
पटना:
बिहार में कुरहानी विधानसभा सीट पर उपचुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सात दलों के महागठबंधन के पक्ष में नहीं गया. विजेता रहे बीजेपी के केदार गुप्ता, उन्होंने जनता दल यूनाइटेड के मनोज कुशवाहा को 3,662 वोटों से हराया. शक्ति का परीक्षण कुमार द्वारा भाजपा के साथ अपना गठबंधन समाप्त करने के बाद पहली बार हुआ था और इसे बिहार में एक नए…
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