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#श्रीलंका संसद
vicharodaya · 2 years
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श्रीलंका के नए राष्ट्रपति होंगे रानिल विक्रमसिंघे,संसद में 134 वोट हासिल कर जीता चुनाव
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति होंगे रानिल विक्रमसिंघे,संसद में 134 वोट हासिल कर जीता चुनाव
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति का चुनाव हो चुका है,225 सदस्यीय संसद में रानिल विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले हैं. श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे बन गए हैं. विक्रमसिंघे अभी श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाल रहे हैं. नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए श्रीलंकाई संसद में आज सभी सांसद उपस्थित रहे. आज संसद में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे भी मौजूद थे. राष्ट्रपति चुनाव से पहले…
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dainiksamachar · 2 months
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नेहरू ने बताया कच्चातिवु को बेकार, करुणानिधि ने भी दे दी थी श्रीलंका को सौंपने की हरी झंडी, जानिए पूरी कहानी
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की हलचल के बीच कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा चर्चा में है। एक आरटीआई के जरिए जो जानकारी सामने आई है, उससे देश की सियासत में भूचाल आ गया है। दरअसल, तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने आरटीआई दायर कर कच्चातिवु के बारे में पूछा था। अब आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि सन 1974 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके ने एक समझौता किया था। इसके तहत कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को औपचारिक रूप से सौंप दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और डीएमके दोनों को घेरा है। पीएम मोदी ने कहा है कि 'कांग्रेस और डीएमके पारिवारिक इकाइयां हैं। वे केवल अपने बेटे-बेटियों की परवाह करते हैं। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चातिवु पर उनकी उदासीनता ने, विशेष रूप से हमारे गरीब मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है।' आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था कि 'द्वीप अप्रासंगिक है' और इसे अपने पास रखने का कोई कारण नहीं है। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को सौंपने के लिए केंद्र द्वारा सुझाए गए समाधान के प्रति अपनी सामान्य स्वीकृति व्यक्त की थी। लेकिन कहा था कि वह राजनीतिक कारणों से इसके पक्ष में सार्वजनिक रुख नहीं अपनाएंगे। ऐसा तब हुआ जब तत्कालीन विदेश सचिव केवल सिंह ने 19 जून 1974 को मद्रास (अब चेन्नई) में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय के दस्तावेज इन तथ्यों का खुलासा करते हैं। इन दस्तावेजों से द्वीप को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की राय का भी पता चलता है। दस्तावेज़ में नेहरू की 10 मई, 1961 की नोटिंग में कहा गया है कि ‘मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और मुझे इस पर अपना दावा छोड़ने में कोई झिझक नहीं होगी। मुझे इस तरह के मामले अनिश्चित काल तक लंबित रहना और संसद में बार-बार उठाया जाना पसंद नहीं है।’ पंडित नेहरू श्रीलंका के पक्ष में कच्चातिवु पर से दावा छोड़ना चाहते थे : अन्नामलाई बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने कथित तौर पर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत नेहरू युग के आधिकारिक ‘फाइल नोटिंग’ को उद्धत करते हुए आरोप लगाया कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत की संप्रभुत्ता का समर्थन करने वाले विचार के बावजूद श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप देने के इच्छुक थे। अन्नामलाई ने कहा कि ‘कच्चाथिवु को सौंपना एक रहस्य है, इसे किसने दिया और किन परिस्थितियों में दिया, यह एक रहस्य है’ और तब से यह जटिल मुद्दा तमिलनाडु में गूंज रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेहरू ने इस मुद्दे को ‘एक छोटा सा मुद्दा’ बताया था और पहले प्रधानमंत्री को इसे पड़ोसी देश को सौंपने में कोई झिझक नहीं थी। बीजेपी नेता ने कहा कि हालांकि इस मुद्दे पर बहुत बहस हुई, संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध नहीं थे और सभी संबंधी जानकारी बहुत लंबे समय तक गोपनीय रही। अन्नामलाई ने कहा, 1974 में द्वीप को सौंपने से तमिलनाडु के मछुआरे गंभीर रूप से प्रभावित हुए और इससे मछुआरों की परेशानियों पर ��ाजनीति भी हुई। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय से आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी है। करुणानिधि का क्या रोल? अन्नामलाई ने कहा कि जब उन्होंने दस्तावेज मांगे, तो विदेश मंत्रालय ने ‘दो दस्तावेज साझा’ किए जो अब तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं थे।’ उन्होंने कहा कि एक 1968 में अनौपचारिक सलाहकार समिति की बैठक पर था और दूसरा 1974 में कच्चातिवु मुद्दे पर तत्कालीन विदेश सचिव और तत्कालीन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के बीच चर्चा से संबंधित था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘उस समय कांग्रेस पार्टी ने साजिश रची थी और कच्चातिवु को सौंप दिया था।’ विदेश मंत्रालय के दस्तावेज से पता चलता है कि DMK ने 1974 में द्वीप को सौंपने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, लेकिन पार्टी प्रमुख करुणानिधि ने केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। दस्तावेजों में विदेश सचिव की सीएम से मुलाकात की बात कही गई है। इंदिरा गांधी से क्या कनेक्शन? अन्नामलाई ने कहा कि 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके श्रीलंकाई समकक्ष डुडले सेनानायके के बीच हुए एक ‘गुप्त समझौते’ के आरोपों के बाद संसद में बहस हुई थी, जिसमें कच्चातिवु को श्रीलंका को सौंपने की परिकल्पना की गई थी। उन्होंने कहा कि कच्चातिवु देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और उस द्वीप पर भारत की संप्रभुता को लेकर कभी कोई विवाद नहीं था। रामनाड (दक्षिणी तमिलनाडु में वर्तमान रामनाथपुरम जिला) के राजा का उस स्थान पर 1875 से 1948 तक निर्बाध अधिकार था। श्रीलंका ने… http://dlvr.it/T4wV9d
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prabudhajanata · 1 year
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रायपुर । दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी की आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष 4 बार के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते है तो उनको बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है, सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुये संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते है। केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुये अनर्गल बयाबाजी करते है और जब इन सबसे भी राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की आवाज को नहीं दबा पाते तो एक और षड़यंत्र रचा जाता है। उक्त बातें एआईसीसी की महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा Kumari Selja ने बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने के पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा सामने रखा। उन्होंने कहा राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही क्यों की गयी? इसका एकमात्र कारण है राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की दुखती रग पर हाथ रख दिया। उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अडानी के घोटालेबाजी और अडानी-मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया। उन्होंने दो सवाल पूछे थे। पहला : क्या अडानी की शेल कंपनियों में ₹20,000 करोड़ या 3 बिलियन डॉलर हैं ? अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। यह पैसा कहां से आया? किसका काला धन है? ये किसकी शेल कंपनियां हैं? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही हैं। कोई क्यों नहीं जानता? यह किसका पैसा है? इसमें एक चीनी नागरि�� शामिल है। कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है? दूसरा : प्रधानमंत्री मोदी का अडानी से क्या रिश्ता है? उन्होंने अडानी के विमान में आराम करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में, हवाई अड्डों के बारे में, श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में, बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में, ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) के चेयरमैन के साथ बैठे नरेंद्र मोदी और अडानी की तस्वीरें, जिन्होंने कथित तौर पर $1 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था, के बारे में दस्तावेज दिए। यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था। मोदी सरकार ने सवाल का जवाब तो नहीं दिया उल्टे राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में, भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी - भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है। जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर JPC (संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है। राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोक सभा अध्यक्ष को राहुल ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें। इसके बाद तीसरी बार अध्यक्ष से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इनकार कर दिया। इससे साफ़ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो। दूसरा घटनाक्रम : 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी चुनावी भाषण देते हैं। 16 अप्रैल 2019 बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात के सूरत में शिकायत दर्ज कराई। 7 मार्च 2022 शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत पर गुजरात उच्च न्यायालय से रोक लगाने की मांग की; हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। 7 फरवरी 2023 राहुल गांधी ने लोकसभा में अडानी और पीएम मोदी के रिश्तों पर सवाल उठाते हुए भाषण दिया। 16 फरवरी 2023 शिकायतकर्ता ने गुजरात उच्च न्यायालय में स्टे के अपने अनुरोध को वापस ले लिया। 27 फरवरी 2023 निचली अदालत में सुनवाई फिर से शुरू। 23 मार्च 2023 ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई। 24 मार्च 2023 लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी। कुमारी सैलजा ने कहा कि हम न्यायिक प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। आगे हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के तीन दिन के अंदर लोकसभा के गृह समिति ने राहुल गांधी को मकान खाली करने के लिये 30 दिन का नोटिस दे दिया। यह सारी कार्यवाही यह बताने के लिये पर्याप्त है कि इस देश में तानाशाही और असहिष्णु सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है। सबसे पहले, उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने “विदेशी ताकतों“
से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा। ये एक सफेद झूठ है ! अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें, तो उन्होंने कहा कि ये “भारत का अंदरूनी मामला है, हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है।“ दूसरा, भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था! ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा! जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए “भारत जोड़ो यात्रा“ में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है? तीसरा - सूरत, गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर- भाजपा ने गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए “बिजली की गति“ से काम किया, भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था! भाजपा राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है ? भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है। सबसे पहले, राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी) क्यों है - उन्होंने ऐसा नहीं है कि “सारे मोदी चोर हैं“ ! उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। दूसरा, न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है। और उनकी जाति जो भी हो, क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की? भाजपा धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचा रही है? तीसरा, कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है। आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आजतक किसी को नहीं मिली है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद, आरके सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था - लेकिन उन्हें केवल 1 साल की जेल हुई। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना आजाद को या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेज़ों ने सजा दी। अंततः कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की। अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिए श्री राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लड़ेगी, फिर जीतेगी। यह प्रहार सिर्फ राहुल गांधी पर नहीं यह आक्रमण देश के समूचे विपक्ष पर यह देश की 135 करोड़ जनता को धमकाने की साजिश है। राहुल गांधी विपक्ष के सबसे प्रभावशाली नेता है। जब उनकी सदस्यता रद्द कर सकते है उनकी आवाज दबा सकते है तब आम आदमी की क्या बिसात? यह भारत के प्रजातंत्र में तानाशाही की शुरुआत है कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं। हम जनता के बीच जायेंगे, देश के हर गली, मोहल्ले, चौक-चौराहे को संसद बनायेंगे। कहां-कहां आप हमारी आवाज रोकेंगे? पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री टी.एस. सिंहदेव, मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम, मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा उपस्थित थे।
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airnews-arngbad · 1 year
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Regional Marathi Text Bulletin, Aurangabad Date – 09 December 2022 Time 01.00 to 01.05 PM Language Marathi आकाशवाणी औरंगाबाद प्रादेशिक बातम्या दिनांक – ०९ डिसेंबर २०२२ दुपारी १.०० वा. ****
राष्ट्रवादी काँग्रेसच्या खासदार सुप्रिया सुळे यांच्या नेतृत्वाखालील महाविकास आघाडीच्या एका शिष्टमंडळानं आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा यांची भेट घेतली. या भेटीत शिष्टमंडळांनं त्यांना महाराष्ट्र - कर्नाटक सीमावादावरुन राज्यात निर्माण झालेल्या परिस्थितीची माहिती दिली. शिष्टमंडळात अरविंद सावंत, फौजिया खान यांच्यासह राष्ट्रवादी काँग्रेस, शिवसेना उद्धव बाळासाहेब ठाकरे तसंच काँग्रेसच्या खासदारांचा समावेश होता.
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मुंबई- अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रकल्पासाठी मुंबई शहर तसंच शेजारच्या पालघर आणि ठाणे जिल्ह्यातील २० हजाराहून अधिक खारफुटीची झाडं तोडण्यास मुंबई उच्च न्यायालयानं आज परवानगी दिली. २०१८ मध्ये उच्च न्यायालयानं एका आदेशान्वये राज्यातील खारफुटीची झाडं तोडण्यावर बंदी घातली होती. मात्र कोणत्याही सार्वजनिक प्रकल्पांसाठी झाडे तोडायची असल्यास प्रत्येक वेळी उच्च न्यायालयाकडून परवानगी घेण्याची मुभा दिली होती.  त्यानुसार नॅशनल हाय स्पीड रेल कार्पोरेशननं मुंबई शहर तसंच शेजारच्या पालघर आणि ठाणे जिल्ह्यातील खारफुटीची झाडं तोडायला परवानगी न्यायालयाकडे मागितली होती. मुख्य न्यायमूर्ती दीपांकर दत्ता आणि न्यायमूर्ती अभय आहुजा यांच्या पीठानं त्यांचा हा परवानगी अर्ज आज मंजूर केला आहे.
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राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी यांनी छत्रपती शिवाजी महाराज यांच्या बद्दल केलेल्या कथित विधानाप्रकरणी राज्यपालांविरोधात जनतेत असंतोष निर्माण झाला असल्याचं खासदार उदयनराजे भोसले यांनी म्हटलं आहे. ते आज दिल्लीत पत्रकारांशी बोलत होते. राज्यपाल हे छोटं पद नसून राज्यपालांविरोधात राष्ट्रपती तसंच पंतप्रधान कार्यालायाला पत्र पाठवलं आहे. या पत्राची दखल राष्ट्रपतींनी घेतली असल्याचं त्यांनी यावेळी सांगितलं. राज्यपालांनी केलेल्या व्यक्तव्याला भारतीय जनता पक्ष जबाबदार नसल्याचं सांगत यासंदर्भात प्रक्रियेनुसार कारवाई होईल अशी खात्री वाटत असल्याचं ते यावेळी म्हणाले. 
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मराठी भाषेला अभिजात भाषेचा दर्जा मिळावा, अशी मागणी हिंगोली मतदार संघाचे खासदार हेमंत पाटील यांनी केली आहे. दिल्ली इथं संसद परिसरात आयोजित सर्वपक्षीय बैठकीत ते बोलत होते. या बैठकीत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा सभापती जगदीप धन��ड, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, तसंच विविध पक्षांचे प्रमुख उपस्थित होते. महाराष्ट्र शासनानं सुरु केलेल्या दिव्यांग मंत्रालयाला केंद्र शासनाकडून निधी मिळावा अशी मागणीही त्यांनी यावेळी केली.
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छतावर असलेल्या सौर संच योजनेला ३१ मार्च २०२६ पर्यंत मुदतवाढ देण्यात आली आहे. त्यामुळे या योजनेचं उद्दिष्ट साध्य होईपर्यंत योजनेअंतर्गत अनुदान उपलब्ध राहणार आहे. ग्राहकांनी कोणत्याही विक्रेत्याला राष्ट्रीय पोर्टलवरील अर्जाच्या शुल्कापोटी कोणतही अतिरिक्त शुल्क किंवा संबंधित वितरण कंपनीच्या विहित नसलेलं कोणतेही अतिरिक्त शुल्क देऊ नये. तसंच याबाबत शुल्काची मागणी केल्यास, एमएनआरई ॲट जीओव्ही डॉट इन या संकेतस्थळावर किंवा संबंधित वितरण कंपनीला कळवावं असं याबाबतच्या वृत्तात म्हटलं आहे.
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सांगली जिल्ह्यातील मिरज इथं गेल्या तीन महिन्यांपासून जनावरांच्या लंपी प्रार्दुभावामुळं बंद असलेला म्हशींचा बाजार सुरू करण्यात यावा अशी मागणी रघुनाथदादा पाटील प्रणित शेतकरी संघटनेचे जिल्हा अध्यक्ष महादेव कोरे यांनी केली आहे. पश्चिम महाराष्ट्रातील सर्वात मोठा जनावरांचा बाजार हा मिरज इथं भरवला जातो, मात्र सध्या हा बाजार भरत नसल्यानं यावर अवलंबून असणाऱ्यांचा उदरनिर्वाहाचा प्रश्न निर्माण झाला असल्याचं कोरे यांनी म्हटलं आहे.
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कतारमध्ये सुरु असलेल्या फिफा फुटबॉल विश्वचषकाच्या उपांत्यपूर्व फेरीला आजपासून  सुरुवात होत आहे. उपांत्यपूर्व फेरीसाठीचा पहिला सामना ब्राझील आणि क्रोएशिया यांच्यात आज रात्री साडेआठ वाजता खेळवला जाणार आहे. तर दुसरा सामना अर्जेंटिना आणि नेदरलँड यांच्यात मध्यरात्री साडेबारा वाजता होईल.
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भारतीय क्रिकेट नियामक मंडळ- बीसीसीआयनं बॉर्डर - गावस्कर ट्रॉफी तसंच श्रीलंका, न्यूझीलँड आणि ऑस्ट्रेलिया यांच्यात पुढील वर्षी जानेवारी आणि फेब्रुवारी महिन्यात होणाऱ्या सामन्यांच्या मालिकेच्या वेळापत्रकाची घोषणा केली आहे. पुढील वर्षी ३ जानेवारीला मुंबईत टी ट्वेन्टी सामन्यानं या मालिकेची सुरुवात होईल. पुणे, राजकोट, गुवाहाटी आणि कोलकाता आदी ठिकाणी हे सामने खेळवले जाणार आहेत.
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भारत आणि ऑस्ट्रेलिया यांच्यात होणाऱ्या महिलांच्या पाच टी ट्वेन्टी क्रिकेट सामन्यांच्या मालिकेतला पहिला सामना आज खेळला जाणार आहे. मुंबईत डी वाय पाटील मैदानावर संध्याकाळी सात वाजता या सामन्याला सुरुवात होईल. तर दुसरा सामना येत्या रविवारी याच मैदानावर खेळवला जाईल.
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trendingwatch · 1 year
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आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका की संसद ने बजट को दी मंजूरी
आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका की संसद ने बजट को दी मंजूरी
द्वारा एसोसिएटेड प्रेस कोलंबो: श्रीलंका की संसद ने गुरुवार को एक बजट को मंजूरी दे दी जिसमें देश के वित्त में सुधार के उद्देश्य से सुधार शामिल हैं क्योंकि यह अपने सबसे बुरे दौर से उबरने का प्रयास करता है। आर्थिक संकट. 5.82 ट्रिलियन रुपये ($15 बिलियन) के बजट में संकट से प्रभावित लोगों के लिए 43 बिलियन रुपये ($117 मिलियन) का राहत पैकेज शामिल है। बजट में राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों के पुनर्गठन,…
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365store · 2 years
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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका की मुश्किल घड़ी में साथ खड़े रहे प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पीएम को दिया धन्यवाद
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका की मुश्किल घड़ी में साथ खड़े रहे प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने पीएम को दिया धन्यवाद
Image Source : INDIA TV Sri Lanka Crisis Highlights हमें हमेशा प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन मिला हाल के संकट के दौरान, हमें भारत से व्यापक समर्थन मिला पहले ही भारत से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है Sri lanka Crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को संसद को सूचित किया कि सरकार ने चीन के साथ ऋण पुनर्गठन पर चर्चा शुरू कर दी है, श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर…
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navabharat · 2 years
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श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने अंतरिम बजट पेश किया, लोगों की आय बढ़ाने पर जोर
श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने अंतरिम बजट पेश किया, लोगों की आय बढ़ाने पर जोर
कोलंबो. श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को संसद में अंतरिम बजट पेश किया. उन्होंने संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के साथ राहत पैकेज को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है. इस बजट का उद्देश्य सबसे कठिन आर्थिक संकट का सामना कर रहे देश के लोगों की आय बढ़ाना और उन्हें राहत प्रदान करना है. वित्त मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे राष्ट्रपति विक्रमंिसघे ने…
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suryyaskiran · 2 years
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श्रीलंका ने भारत से उर्वरक की दूसरी खेप हासिल की
कोलंबो, 22 अगस्त (SK)। श्रीलंका ने सोमवार को भारत की वित्तीय सहायता के तहत आपूर्ति की गई 21,000 मीट्रिक टन से अधिक उर्वरक की दूसरी खेप हासिल की। यूरिया उर्वरक की खेप आधिकारिक तौर पर श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले द्वारा सौंपी गई।कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने सिलसिलेवार ट्वीटों में कहा : यह दोस्ती और सहयोग की खुशबू है। उच्चायुक्त ने औपचारिक रूप से श्रीलंका के लोगों को भारत से विशेष सहयोग के तहत भेजे गए 21,000 टन उर्वरक की आपूर्ति की।यह 2022 में लगभग 4 अरब डॉलर की भारतीय सहायता के तहत पिछले महीने भेजे गए 44,000 टन उर्वरक के बाद की खेप है।उर्वरक खाद्य सुरक्षा में योगदान देगा और इससे श्रीलंका के किसानों को लाभ होगा। यह भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों और आपसी विश्वास और सद्भावना को दर्शाता है।जुलाई में जब 44,000 टन की खेप पहुंची थी तो कृषि मंत्री महिंदा अमरवीरा ने कहा था कि इसे जल्द ही कृषि सेवा केंद्रों में वितरित किया जाएगा।मंत्री ने संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि श्रीलंका भारत का आभारी है, जिसने मुश्किल समय से गुजर रहे देश की मदद की।श्रीलंकाई सरकार ने धान और मक्का के किसानों को यला सीजन के लिए भारतीय उर्वरक वितरित किया है। यला मौसम में धान और सब्जियों की खेती की जाती है।विशेषज्ञों और किसानों ने अप्रैल 2021 में रासायनिक उर्वरक खेती को जैविक खाद में बदलने के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के फैसले को गलत ठहराया था।हालांकि बाद में फैसले को पलट दिया गया था। श्रीलंका डॉलर के भंडार के बिना उर्वरक आयात नहीं कर सका था, जिस कारण कई किसानों को खेती छोड़नी पड़ी। नतीजतन, देश में भोजन, विशेष रूप से चावल की कमी हो गई।राजपक्षे के खिलाफ सड़क पर लड़ाई के साथ सार्वजनिक आंदोलन ने सरकार को गिरा दिया, जिससे राष्ट्रपति को जुलाई में देश छोड़कर भागना पड़ा।आर्थिक संकट के बीच भारत जनवरी से अब तक लगभग 3.8 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता खाद्य, ईंधन, दवा और उर्वरक सहित आवश्यक वस्तुओं के रूप में भेज चुका है। Read the full article
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kv1nsbvizag · 2 years
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मॉर्निंग डाइजेस्ट | जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए, श्रीलंका ने चीनी जहाज को दूर रहने के लिए कहा, और बहुत कुछ
मॉर्निंग डाइजेस्ट | जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए, श्रीलंका ने चीनी जहाज को दूर रहने के लिए कहा, और बहुत कुछ
जगदीप धनखड़ चुने गए भारत के 14वें उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ 14 . होंगे वां देश के उपराष्ट्रपति। उन्होंने 16 . में 710 वैध मतों में से 528 मत प्राप्त किए वां शनिवार को संसद में उप राष्ट्रपति चुनाव हुआ। विपक्ष की उम्मीदवार और कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले। श्रीलंका ने चीन से जहाज से यात्रा में देरी करने को कहा,…
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sharimpay · 2 years
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दिनेश गुणवर्धने- श्रीलंका के नए प्रधान मंत्री के बारे में 10 बातें
दिनेश गुणवर्धने- श्रीलंका के नए प्रधान मंत्री के बारे में 10 बातें
  दिनेश गुणवर्धने एक श्रीलंकाई राजनेता हैं, जिन्होंने कैबिनेट मंत्री, संसद सदस्य और यहां तक ​​कि श्रीलंकाई संसद में सदन के नेता के रूप में भी काम किया है।   दिनेश गुणवर्धने ने ली श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिनेश गुणवर्धने प्रधानमंत्री: दिनेश गुणवर्धने ने 22 जुलाई, 2022 को कोलंबो के फ्लावर रोड स्थित प्रधान मंत्री कार्यालय में श्रीलंका के 15 वें प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली।…
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lok-shakti · 2 years
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श्रीलंका राष्ट्रपति वोट: विरोध के बीच रानिल विक्रमसिंघे जीते
श्रीलंका राष्ट्रपति वोट: विरोध के बीच रानिल विक्रमसिंघे जीते
श्रीलंका के प्रधान मंत्री, रानिल विक्रमसिंघे को अपदस्थ गोटाबाया राजपक्षे की जगह लेने के लिए राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदर्शनकारियों के बीच उथल-पुथल की संभावना है जो उन्हें इस्तीफा देने के लिए हफ्तों से बुला रहे हैं। विक्रमसिंघे, जो छह बार प्रधानमंत्री रहे लेकिन कभी राष्ट्रपति नहीं रहे, ने बुधवार सुबह संसद में भारी जीत हासिल की, जहां सांसदों ने एक अभूतपूर्व गुप्त…
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vicharodaya · 2 years
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दिनेश गुणवर्धने होंगे श्रीलंका का नये प्रधानमंत्री
दिनेश गुणवर्धने होंगे श्रीलंका का नये प्रधानमंत्री
वरिष्ठ नेता दिनेश गुणवर्धने होंगे श्रीलंका का नये प्रधानमंत्री,शुक्रवार को श्रीलंका का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई. श्रीलंका में राष्ट्रपति के बाद अब नए प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान भी हो चुका है. 72 साल के दिनेश गुणवर्धने होंगे श्रीलंका का नये प्रधानमंत्री. संसद में सदन के नेता ने शुक्रवार को पीएम पद की…
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dainiksamachar · 2 years
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ऐसी क्या खुन्नस? श्रीलंका को पहले कर्ज से कंगाल बनाया, अब उसे विदेशी मदद पाने से रोक रहा चीन!
कोलंबो: श्रीलंका को कंगाल बनाने के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। श्रीलंका के विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि चीन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद पाने में अड़ंगा लगा रहा है। वह श्रीलंकाई अधिकारियों को रिश्वत देकर विदेशी मदद पाने की राह में रोड़े अटका रहा है। विपक्ष के इस दावे के बाद से श्रीलंका में चीन को लेकर कोहराम मचा हुआ है। श्रीलंका पर सबसे ज्यादा विदेशी कर्ज चीन का ही है। इन कर्जों का बड़ा हिस्सा पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल में लिया गया था। अब श्रीलंका उस कर्ज को चुकाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में उसे अपने खर्चे चलाने और विदेशों से मिले कर्ज की किश्त अदा करने के लिए आईएमएफ से 2.9 बिलियन डॉलर के पैकेज की जरूरत है। श्रीलंका पर 51 बिलियन डॉलर का कर्ज श्रीलंका पर वर्तमान में 51 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज है। श्रीलंका ने सितंबर में इस कर्ज को चुकाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ एक कर्मचारी स्तर का समझौता किया था। सरकार का दावा है कि यह कार्यक्रम श्रीलंका की पस्त अर्थव्यवस्था को सुधार के रास्ते पर ले जाएगा। इससे दिवालिया हो चुका देश अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से फिर से उधार लेने के योग्य हो जाएगा। उधर, आईएमएफ उन देशों से बातचीत कर रहा है, जिन्होंने श्रीलंका को कर्ज दिए हैं। श्रीलंका को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाले देशों में चीन, भारत और जापान शीर्ष पर काबिज हैं। सांसद बोले- चीन श्रीलंका का नहीं राजपक्षे का मित्र श्रीलंकाई संसद में बोलते हुए तमिल नेशनल अलायंस के विपक्षी सांसद शनकियान रसमनिक्कम ने चीन पर श्रीलंका के आईएमएफ सौदे को रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने चीन पर आरोप लगाया कि वह श्रीलंकाई लोगों को रिश्वत देकर परियोजनाओं को रोकने की साजिश रच कहा है। शनकियान रसमनिक्कम ने कहा कि अगर चीन वास्तव में श्रीलंका का मित्र है, तो उसे अपने दिए हुए कर्ज को चुकाने की समय सीमा बढ़ानी चाहिए। उसे आईएमएफ प्रोग्राम में मदद भी करनी चाहिए। उन्होंने चीनी कर्ज से बने हंबनट��टा और कोलंबो का जिक्र करते हुए कहा कि चीन श्रीलंका का मित्र नहीं है। चीन महिंदा राजपक्षे का मित्र है। आईएमएफ से मदद की आस में श्रीलंका इस हफ्ते की शुरुआत में श्रीलंकाई सेंट्रल बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरासिंघे ने कहा कि अगर श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के दिसंबर की समय सीमा से चूक जाता है, तब भी हमारे पास जनवरी तक का समय है। श्रीलंकाई अधिकारियों का दावा है कि सभी कर्जदार देशों के साथ बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। हालांकि अभी तक किसी भी देश ने कर्ज चुकाने की समयसीमा को आगे बढ़ाने पर लिखित आश्वासन नहीं दिया है। ऐसे में आईएमएफ से कर्ज नहीं मिलता है तो श्रीलंका के लिए भविष्य में मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। http://dlvr.it/SdkylH
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madhyakhabar · 2 years
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राष्ट्रपति चुनाव में श्रीलंकाई नेताओं को प्रभावित करने की मीडिया रिपोर्टों पर भारत
राष्ट्रपति चुनाव में श्रीलंकाई नेताओं को प्रभावित करने की मीडिया रिपोर्टों पर भारत
आखरी अपडेट: 20 जुलाई 2022, अपराह्न 3:29 IST श्रीलंकाई संसद द्वारा साझा किए गए लाइव वीडियो से लिए गए इस स्क्रीनग्रैब में, पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे अपना वोट डालते नजर आ रहे हैं (छवि: श्रीलंका की संसद/यूट्यूब) उच्चायोग ने दोहराया कि भारत लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों के साथ-साथ संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं की प्राप्ति का समर्थन करता है, “और…
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prabudhajanata · 2 years
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Sri Lanka में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी नई दिल्ली: श्रीलंका (Sri Lanka) की संसद...
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trendingwatch · 2 years
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श्रीलंका क्रिकेट ने ICC से पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के दौरान 'मैच फिक्सिंग के आरोपों' की जांच करने का अनुरोध किया
श्रीलंका क्रिकेट ने ICC से पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के दौरान ‘मैच फिक्सिंग के आरोपों’ की जांच करने का अनुरोध किया
श्री लंका जुलाई में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज 1-1 से ड्रा कराने वाली क्रिकेट टीम ने आईसीसी से सीरीज की जांच करने का अनुरोध किया है। उस सीरीज में, पाकिस्तान के खिलाफ पहला टेस्ट मैच हारने के बाद श्रीलंका ने शानदार चरित्र दिखाया था। मैच फिक्सिंग का आरोप संसद के विपक्षी सदस्य नलिन बंडारा ने लगाया है जिन्होंने इस मुद्दे को 2 सप्ताह तक उठाया था। श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) परेशान है क्योंकि इन…
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