#GodMorningMonday
कबीर परमेश्वर के सशरीर सतलोक जाने की यादगार आज भी कहाँ विद्यमान है?
A. जगन्नाथपुरी में
B. मगहर (संत कबीरनगर) में
C. द्वारिकापुरी में
D. काशी (बनारस) में
अवश्य देखिए साधना टीवी शाम 7:30 बजे
0 notes
UP: संत कबीरनगर में वकील का शव पेड़ से लटका मिला Image Source : SOCIAL MEDIA
संत कबीर नगर (उप्र): उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के एक गांव के पास एक 55 वर्षीय वकील का शव शनिवार को आम के पेड़ से लटका मिला। मृतक अनिल यादव जिला सिविल कोर्ट में वकील थे और उनका शव महुली इलाके के बशिया गांव में उनके घर से करीब 500 मीटर दूर पाया गया।
यादव के एक रिश्तेदार ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार शाम वकील की अपनी पत्नी और बेटे के साथ बहस हुई थी। हालांकि, यादव के बेटे ने पुलिस को बताया, "मेरे पिता शुक्रवार शाम को किसी बात को लेकर परेशान थे और रात के खाने के बाद जब मैंने उनसे पूछने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और शाम को टहलने निकल गए। उनकी मौत संदिग्ध है और यह एक हत्या हो सकती है।"
महुली पुलिस स्टेशन के एसएचओ, प्रदीप सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है, लेकिन जांच के बाद ही चीजें स्पष्ट होंगी। सिंह ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
0 notes
बहस चलती रहेगी कि 10 मार्च को जो आया वो जनता का फै��ला था या किसी और का !
बहस चलती रहेगी कि 10 मार्च को जो आया वो जनता का फैसला था या किसी और का !
लोकतंत्र की चोरी को लेकर अखिलेश चुप रह जाते तो इतने एक्शन नहीं लिए जाते
मतगणना शुरू होने से पहले बनारस, सोनभद्र, बरेली और संत कबीरनगर में अलग अलग मामलों में अधिकारियों को निलंबित किए जाने, हटाए जाने और मुकदमा दर्ज करने की ख़बर आई है। इन सभी घटनाओं ने दस मार्च की गिनती को लेकर लोगों के भरोसे को झकझोर दिया है। मेरा सवाल है कि जिन चीज़ों को सपा के कार्यकर्ताओं ने उजागर किया है, उसे मतगणना से जुड़े…
View On WordPress
0 notes
यूपी में 'यूक्रेन संकट' से पीएम मोदी ने बताया, क्यों जरूरी है आत्मनिर्भर भारत #news4
बस्ती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। मोदी ने उत्तर प्रदेश के बस्ती में एक चुनावी रैली को संबोधित हुए दुनिया भर में मौजूदा संकट का जिक्र किया और देश को आत्मनिर्भर बनाकर मजबूत करने की वकालत की।
उन्होंने बस्ती के पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान, हथियागढ़ में बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर और आम्बेडकर नगर जिले…
View On WordPress
0 notes
बस्ती न्यूज: मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक अस्पताल कैली में भर्ती कोविड पॉजिटिव बाल अपचारी सोमवार देर रात फरार, चौबीस घंटे के भीतर गिरफ्तार https://harraiyatimes.com/kovid-positive-child-abuser-admitted-to-opec-hospital-cali-the-medical-unit-of-the-medical-college-absconded-late-on-monday-night-arrested-within-twenty-four-hours/ via @HarraiyaTimes
#basti #COVID19
0 notes
निषादों ने ललकारा, बिहार ही नहीं...यूपी में 'सन ऑफ मल्लाह' की VIP ने मारी एंट्री, क्या मायने Divya Sandesh
#Divyasandesh
निषादों ने ललकारा, बिहार ही नहीं...यूपी में 'सन ऑफ मल्लाह' की VIP ने मारी एंट्री, क्या मायने
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए जोर-आजमाइश तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पहले ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। इस बीच बिहार की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) भी यूपी में सक्रिय हो गई है। बताते चलें कि बिहार में जेडीयू-बीजेपी की गठबंधन सरकार में मुकेश सहनी की वीआईपी सहयोगी की भूमिका में है।
निषादों ने ललकारा है बिहार ही नहीं…
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार में पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे। उन्होंने विपुल खंड (गोमतीनगर) में पार्टी का प्रदेश कार्यालय शुरू किया। कार्यकर्ताओं को यूपी के पार्टी को मजबूत करने का संकल्प भी दिलाया। सन ऑफ मल्लाह के नाम से चर्चित मुकेश सहनी के एयरपोर्ट पहुंचने पर ‘आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं’ और ‘निषादों ने ललकारा है बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश भी हमारा है’ के के नारे लगाए गए। सहनी ने कहा कि अगर हम मजबूत होते हैं तो हमारा समाज आगे बढ़ेगा।
विकासशील इंसान पार्टी का प्रदेश कार्यालय शुरू
यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले छोटे दलों की सक्रियता बढ़ गई है। इससे पहले मुकेश सहनी का अमौसी एयरपोर्ट पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजाराम, राष्ट्रीय महासचिव रमेश केवट, युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष साहनी, राष्ट्रीय सचिव कमलेश केवट सहित पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश के नेता मौजूद थे।
बीजेपी के साथ गठबंधन के लिए रखी शर्त
मुकेश सहनी की वीआईपी बिहार में जेडीयू और बीजेपी की एनडीए गठबंधन सरकार में पार्टनर है। बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत वीआईपी को 11 सीटें मिली थीं। इनमें से पार्टी ने 4 सीटें जीतीं और मुकेश सहनी को नीतीश कैबिनेट में जगह मिली। आरक्षण नहीं, गठबंधन नहीं के नारे के साथ मुकेश सहनी यूपी में बीजेपी के लिए चुनौती खड़ी कर रहे हैं। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सहनी ने कहा, ‘बीजेपी के साथ किसी अलायंस पर तभी फैसला लिया जाएगा जब निषादों को आरक्षण की हमारी मांग पूरी की जाएगी। बिहार में निषादों की आवाज उठाने वाला कोई नहीं था। इसी तरह यूपी में भी निषादों के मुद्दों को उठाने वाला कोई नहीं है।’
‘अभी 150 सीटों पर बढ़ाएंगे वोट बेस’
जब मुकेश सहनी से संजय निषाद की निषाद पार्टी की यूपी में मौजूदगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा था तो उन्हें लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी के टिकट पर और उससे पहले समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपने बेटे को नहीं लड़ाना चाहिए था।’ हालांकि सहनी ने यह भी कहा कि संजय निषाद से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है, क्योंकि दोनों लोग एक ही मुद्दे के लिए लड़ रहे हैं। यूपी में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी या बीएसपी से अलायंस की संभावना पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में अक्टूबर के बाद फैसला होगा। तब तक के लिए 150 विधानसभा सीटों पर फोकस करते हुए हम पार्टी का वोट बेस बढ़ाएंगे।
पूर्वांचल में निषाद वोट अहम, वीआईपी की भी नजर
वीआईपी की यूपी में सक्रियता को निषाद वोटों के लिए दावेदारी के रूप में देखा जा रहा है। गंगा के किनारे वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाके में निषाद समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है। वर्ष 2016 में गठित निषाद पार्टी का खासकर निषाद, केवट, मल्लाह, बेलदार और बिंद बिरादरियों में अच्छा असर माना जाता है। गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, वाराणसी, जौनपुर, संत कबीरनगर, मऊ, बलिया और भदोही समेत 16 जिलों में निषाद समुदाय के वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। संजय निषाद दावा करते रहे हैं कि प्रदेश की 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर निषाद वोट जिताने या हराने की ताकत रखता है। हाल ही में उन्होंने बीजेपी से 2022 के लिए खुद को डेप्युटी सीएम चेहरा बनाने की मांग रखी थी।
(टाइम्स ऑफ इंडिया से मिले इनपुट के साथ)
0 notes
Terror Funding के मामले में ATS की कार्रवाई, महाराष्ट्र के साथ साथ यूपी के 5 ठिकानों पर मारा छापा
Terror Funding के मामले में ATS की कार्रवाई, महाराष्ट्र के साथ साथ यूपी के 5 ठिकानों पर मारा छापा
रोहिंग्या को लेकर यूपी एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है, महाराष्ट्र के अलावा यूपी में एक साथ पांच ठिकानों पर छापेमारी की गई है, खलीलाबाद, बस्ती, अलीगढ़ और संत कबीरनगर में छापेमारी की गई है, एटीएस टेरर फंडिंग को लेकर भी सबूत की तलाश कर रही है।
Source
View On WordPress
0 notes
Terror Funding के मामले में ATS की कार्रवाई, महाराष्ट्र के साथ साथ यूपी के 5 ठिकानों पर मारा छापा
Terror Funding के मामले में ATS की कार्रवाई, महाराष्ट्र के साथ साथ यूपी के 5 ठिकानों पर मारा छापा
रोहिंग्या को लेकर यूपी एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है, महाराष्ट्र के अलावा यूपी में एक साथ पांच ठिकानों पर छापेमारी की गई है, खलीलाबाद, बस्ती, अलीगढ़ और संत कबीरनगर में छापेमारी की गई है, एटीएस टेरर फंडिंग को लेकर भी सबूत की तलाश कर रही है।
Source link
View On WordPress
0 notes
दुखद : बलिया के सीएमओ डॉ. जितेंद्र पाल का कोरोना से निधन
दुखद : बलिया के सीएमओ डॉ. जितेंद्र पाल का कोरोना से निधन
कोरोना वायरस संक्रमित चल रहे बलिया के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) जितेंद्र पाल ने सोमवार को लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में दम तोड़ दिया। उनकी रिपोर्ट 28 दिसंबर को पॉजिटिव आई थी। डॉ. पाल मूलत: संत कबीरनगर के निवासी थे। वर्तमान में गोरखपुर में मैत्रीपुरम, बिछिया रह रहे थे। बलिया में जुलाई 2020 में इनकी तैनाती सीएमओ के पद पर हुई थी। इससे पहले कुशीनगर में तैनात थे।
प्रभारी सीएमओ डॉ हरिनन्दन प्रसाद…
View On WordPress
0 notes
नगर विकास मंत्री ने उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरस्कार मिलने का किया स्वागत
नगर विकास मंत्री ने उत्तर प्रदेश को प्रथम पुरस्कार मिलने का किया स्वागत
लखनऊ: प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश को एक बार पुनः प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। साथ ही आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की गई श्रेणी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत राज्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नगर निकायों में नगर पंचायत मलीहाबाद लखनऊ प्रथम तथा नगर पंचायत हरिहरपुर, संत कबीरनगर को…
View On WordPress
0 notes
उत्तर प्रदेश को मिला प्रथम पुरस्कार ,पढ़िए पूरी खबर [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
उत्तर प्रदेश को मिला प्रथम पुरस्कार ,पढ़िए पूरी खबर [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
लखनऊ, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश को एक बार पुनः प्रथम पुरस्कार पारपत हुआ है। साथ ही आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय केंद्र सरकार द्वारा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत राज्य में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले नगर निकायों में नगर पंचायत मलीहाबाद लखनऊ प्रथम तथा नगर पंचायत हरिहरपुर, संत कबीरनगर को द्वितीय तथा नगर पालिका परिषद…
View On WordPress
0 notes
गन्ना किसानो की बदहाली का जिम्मेदार कौन—पं0शेखर दीक्षित
दो दशक से किसानो के लिए कार्य कर रहे राष्टीय किसान मंच के राष्टीय अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित से वदहाल किसाना के मामले पर वार्ता की गयी तो उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियां ऐसी नही है गन्ना किसानो के हालात में सुधार हो सके अभी तक गत वर्ष के गन्ने का भुगतान चीनी मिलो द्वारा नही किया गया सरकारी आदेश का अमल न तो चीनी मिल कर रहे और न ही सरकार उसका पालन कराने का कोई प्रयास कर रही है इसी लिए गन्ना किसानो को लगातार नुकसान ��ो रहा है जिसके लिए सरकार ��ीधे तौर पर जिम्मेदार है जाने क्या है गन्ना किसानो के हालात :—
उत्तर प्रदेश के गन्ना बहुल तकरीबन 42 जिलों के गन्ना किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कम बरसात की वजह से पैदा हुई सूखे की स्थिति तो पूर्वांचल में हुई अधिक बरसात की स्थिति की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। किसान इस नुकसान से कराह रहे हैं। गन्ने के उत्पादन में 15 से 25 फीसदी की कमी आ रही है। पहले हम पूर्वांचल की बात करते हैं। उत्पादन कम होने से पूर्वांचल के बस्ती, गोरखपुर मंडलों के सभी सातों जिलों के गन्ना किसानों को तकरीबन साढ़े तीन अरब से अधिक की चपत लगी है। गन्ने के कैंसर यानी रेडरॉट भी इसकी बड़ी वजह बताई जा रही है। दोनों मंडलों के 50 हजार से अधिक प्रभावित किसानों के खेतों में खड़ी 105 लाख कुंतल गन्ना सूखने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसका मुख्य कारण छह महीने तक खेतों में पानी जमा होना बताया जा रहा है। कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती व संत कबीरनगर जिलों में लगातार हुई बारिश का खामियाजा करीब किसानों का भुगतना पड़ रहा है। क्षमता से अधिक छह महीनों तक हुई बारिश से 13 हजार 703 हेक्टेयर गन्ना सूख गया है। गन्ना की क्षमता से अधिक हुई बरसात बुआई से लेकर कटाई तक गन्ने की फसल में कुल 900 से 1000 एमएम पानी की जरूरत होती है। लेकिन मार्च महीने से लेकर अगस्त तक दोनों मंडलों के अलग अलग क्षेत्रों में 12 सौ लेकर 16 सौ एमएम तक बरसात हुई है। 06 माह तक गन्ने की फसल में बरसात का पानी जमा रहा। इस वजह से गन्ने की फसलें सूख गईं। कहीं-कहीं रेडरॉट की वजह से भी गन्ने सूखे हैं। इतना सूखा गन्ना कुशीनगर में 9330 हेक्टेयर, देवरिया में 942 हेक्टेयर, महाराजगंज में 1151 हेक्टेयर, बस्ती व संतकबीरनगर में 1800 हेक्टेयर तथा सिद्धार्थनगर में 80.50 हेक्टेयर गन्ना सूखा है। बोले गन्ना अधिकारी इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह का कहना है कि कुशीनगर में ढाई लाख किसानों ने 91 हजार हेक्टेयर में गन्ने की बुआई की है।
गन्ना विभाग समेत पांच चीनी मिलों के तीन सौ कर्मचारियों की टीम से सितंबर महीने में सर्वे कराया गया था। इसमें रेडरॉट, उकठा रोग व जलप्लावन से 9330 हेक्टेयर गन्ना सूख गया है। रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इधर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, शामली, बिजनौर, मुजफ्फर नगर और सहारनपुर जिलों के किसानों के मुताबिक प्रति बीघा करीब दस से 15 क्विंटल गन्ना कम निकल रहा है। मेरठ में चार से पांच क्विंटल की कमी बताई जा रही है। गन्ना विभाग भी बिजनौर, शामली, मुजफ्फरनगर और बागपत में गन्ना पैदावार में करीब 15 फीसदी और सहारनपुर में 20 फीसदी तक की गिरावट होने की बात मान रहा है। इन जिलों में किसानों को पिछले साल के रेट पर ही करीब तीन हजार रुपये से अधिक प्रति बीघा का नुकसान हो रहा है। लागत वृद्धि से हुआ नुकसान अलग है। मेरठ में यह नुकसान करीब 1500 रुपये प्रति बीघा का है। उत्पादन में आया अंतर मुजफ्फरनगर में वर्ष 2019-20 में 75-80 कुंतल का उत्पादन मिला था। लेकिन अब यह घटकर 48-56 कुंतल तक सिमट गया है। इसी तरह से बागपत में 70-80 का उत्पादन इस वर्ष 60-70 कुंतल प्रति बीघा मिल रहा है। बिजनौर में 65-69 कुंतल मिलक्क़ उत्पादन भी अब 55-59 कुंतल प्रति बीघा मिलने से किसान परेशान हैं। शामली का पिछले वर्ष का उत्पादन (65-70) 55-60 कुंतल प्रति बीघा और मेरठ का वर्ष 2019 में मिला 74-75 कुंतल प्रति बीघा का उत्पादन 70-71 तक सिमट गया है। पैदावार कम होने की वजह – पेराई सत्र 2019-2020 जून माह तक चला, कम समय मिलने से गन्ने की बढ़वार प्रभावित हुई। – शुरुआत में ज्यादा बारिश और बाद में कम बारिश होने का भी असर गन्ने की फसल पर पड़ा। – रोग और कीटों का प्रकोप, लाल सड़न रोग और पोक्का बोइंग ने भी फसल को पहुंचाया नुकसान । बोले निदेशक गन्ना शोध संस्थान मुजफ्फरनगर के निदेशक वीरेश कुमार का कहना है कि गन्ने की पैदावार में अभी करीब 15 प्रतिशत की कमी है। पूरे सत्र में पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत पैदावार कम होने का अनुमान है। किसानों ने देर से पेड़ी की फसल को काटा औ�� अब उसी की कटाई कर रहे हैं। फसल को ग्रोथ के लिए कम समय मिला है। इस साल बरसात भी कम हुई है, जिसका असर फसल पर पड़ा है।
https://is.gd/MuQnk3 #WhoIsResponsibleForThePlightOfSugarcaneFarmersPtShekharDixit Who is responsible for the plight of sugarcane farmers? Pt. Shekhar Dixit National, State, Top #National, #State, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
0 notes
BJP के सांसद का BJP के विधायक पर जूतों से किया हमला, देखें वीडियो BJP के सांसद का BJP के विधायक पर जूतों से किया हमला, देखें वीडियो संतकबीरनगर : संतकबीरनगर में बुधवार की शाम को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक के दौरान सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल विधायक राकेश सिंह बघेल आपस में भिड़ गए। विकास कार्यों के शिलापट्ट पर नाम लिखने की बात को लेकर दोनों इस कदर आग बबूला हुए कि एक दूसरे को देख लेने की धमकी देने लगे। इसी दौरान सांसद ने अपने पैर से जूता निकाला और विधायक को खींचकर मारा। बगल में मौजूद धनघटा विधायक श्रीराम चौहान, प्रदेश सरकार के प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन, डीएम रवीश कुमार गुप्ता आदि यह घटना देख आवाक रह गए। मामला बढ़ता देख पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बीच-बचाव कराकर दोनों को अलग कराया। सूत्रों ने बताया कि कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक चल रही थी। जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन मौजूद थे। इसी बीच संत कबीरनगर से भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच सड़क निर्माण का श्रेय लेने को लेकर कहासुनी हो गयी। इसे भी पढ़ें: विश्व युद्ध से भयानक होगी भारत-पाक जंग : पाकिस्तानी मंत्री सूत्रों के अनुसार मामला कहासुनी तक ही सीमित नहीं रहा। दोनों आपस में भिड़ गये। एक ने दूसरे को मारने के लिए जूता निकाल लिया। प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह बीच बचाव कर मामला शांत कराया। सूत्रों के मुताबिक जिले के मेंहदावल क्षेत्र में सड़क निर्माण की शिला पट्टिका से सांसद का नाम गायब था, जिसे लेकर बवाल हुआ। भाजपा के जिलाध्यक्ष सेत भान राय से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मंत्री ने मुझसे फोन पर बात की और कहासुनी के बारे में बताया। ''उस समय मैं अन्यत्र बैठक में था। प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने भी घटना के बारे में जानकारी मांगी है। मैं मौके पर पहुंच रहा हूं और प्रदेश अध्यक्ष को घटनाक्रम से अवगत कराउंगा।'' इस बीच लखनऊ में भाजपा के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि वरिष्ठ नेताओं का मामला है और प्रदेश अध्यक्ष ही इस बारे में कोई फैसला करेंगे। ETCKhabar.com : हिंदी खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।
0 notes
2022 में डेप्युटी CM की डिमांड, कौन हैं डॉक्टर संजय निषाद...यूपी में क्यों अहम NISHAD पार्टी? Divya Sandesh
#Divyasandesh
2022 में डेप्युटी CM की डिमांड, कौन हैं डॉक्टर संजय निषाद...यूपी में क्यों अहम NISHAD पार्टी?
लखनऊ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अभी से सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। इसी बीच बीजेपी (BJP) के सहयोगी दल निषाद पार्टी (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) ने एक बड़ी मांग कर दी है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने आगामी विधान सभा चुनाव में उप मुख्यमंत्री पद क��� मांग की है।
उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chunav) में बीजेपी अगर उन्हें उप मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ती है तो इससे उसे और फायदा मिलेगा और हमारी सरकार बनेगी।
‘मछुआरा समाज के चेहरे पर बीजेपी लड़े चुनाव’
संजय निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक सभी जातियों के मुख्यमंत्री बनाए जा चुके हैं, लेकिन अब 18 फीसदी वोट की ताकत रखने वाले मछुआरा समाज के चेहरे पर बीजेपी को चुनाव लड़ना चाहिए, अगर नहीं मुख्यमंत्री बना सकते तो कम से कम डॉ. संजय निषाद को बीजेपी आगामी चुनाव में उप मुख्यमंत्री का चेहरा बना कर चुनाव लड़े, अगर बीजेपी ऐसा करती है तो इससे पूरे प्रदेश में निश्चित ही विजय मिलेगी और एक बार फिर सरकार बनेगी।
गोरखपुर में चलाते थे इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक
छह साल पहले तक संजय निषाद को निषाद समुदाय और इनके लिए काम करने वाले कुछ लोग ही जानते थे। संजय अचानक लाइमलाइट में तब आए, जब उन्होंने योगी आदित्यनाथ की सीट पर बीजेपी को हराने के लिए काम किया। उन्होंने 2013 में निषाद पार्टी बनाई। उससे पहले वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गीता वाटिका रोड पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक चलाते थे।
संजय ने शुरुआत में इलेक्ट्रो होम्योपैथी को मान्यता दिलाने के लिए काम किया। 2002 में उन्होंने पूर्वांचल मेडिकल इलेक्ट्रो होम्योपैथी असोसिएशन बनाया। वह अपनी मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी गए।
2008 में बनाए दो संगठन
संजय सबसे पहले बामसेफ से जुड़े और कैम्पियरगंज विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़े और हार गए। यहां से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। 2008 में उन्होंने ऑल इंडिया बैकवर्ड ऐंड माइनॉरिटी वेलफेयर मिशन और शक्ति मुक्ति महासंग्राम नामक दो संगठन बनाए। उन्होंने राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद बनाई। मछुआ समुदाय की 553 जातियों को एक मंच पर लाने की मुहिम शुरू की।
2015 में जाम किया रेलवे ट्रैक, युवक की हुई थी मौत
7 जून 2015 को गोरखपुर के सहजनवा में कसरावल गांव के पास निषादों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर उन्होंने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। इस प्रदर्शन में पुलिस फायरिंग हुई और अखिलेश निषाद नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई। इस घटना के बाद प्रदर्शन और उग्र हो गया। जमकर बवाल और तोड़फोड़ की गई।
2017 में पीस पार्टी के साथ किया गठबंधन
अखिलेश सरकार संजय निषाद सहित तीन दर्जन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। इस घटना के बाद से संजय निषाद पॉप्युलर हो गए। उन्होंने अपनी निषाद पार्टी बनाई और जुलाई 2016 को गोरखपुर में शक्ति प्रदर्शन किया। 2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन किया और 72 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन पार्टी को सिर्फ एक सीट ज्ञानपुर में ही जीत मिली।
बेटा प्रवीण है एसपी सांसद
संजय निषाद गोरखपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़े लेकिन उन्हें सिर्फ 34,869 वोट मिले और वह हार गए। हाल ही में निषाद पार्टी ने एसपी के साथ गठबंधन किया और उपचुनाव में संजय के बेटे प्रवीण निषाद संत कबीर नगर संसदीय सीट जीत गए।
पूर्वांचल में निषाद पार्टी की क्या है ताकत
गंगा के किनारे वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाके में निषाद समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है। वर्ष 2016 में गठित निषाद पार्टी का खासकर निषाद, केवट, मल्लाह, बेलदार और बिंद बिरादरियों में अच्छा असर माना जाता है। गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, जौनपुर, संत कबीरनगर, भदोही और वाराणसी समेत 16 जिलों में निषाद समुदाय के वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।
0 notes
प्रदेश के आठ माध्यमिक शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार Primary Ka Master
प्रदेश के आठ माध्यमिक शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार Primary Ka Master
लखनऊ : शिक्षक दिवस पर प्रदेश के आठ माध्यमिक शिक्षक राज्य अध्यापक पुरस्कार-2017 से नवाजे जाएंगे। पुरस्कार के लिए चुने गए शिक्षकों की सूची माध्यमिक शिक्षा विभाग ने जारी कर दी है। इनमें चार प्रधानाचार्य हैं। चुने गए शिक्षकों को मुख्यमंत्री पांच सितंबर को लोकभवन में आयोजित होने वाले शिक्षक दिवस समारोह में सम्मानित करेंगे।1’रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी, प्रधानाचार्य, उन्नाव ’विकास कुमार, प्रवक्ता, मुजफ्फरनगर ’सुरेश प्रसाद, प्रधानाचार्य, सोनभद्र ’ओम प्रकाश वर्मा, प्रवक्ता, पीलीभीत ’चित्ररेखा जैन, प्रधानाचार्य, बागपत ’हीरा प्रसाद पांडेय, प्रधानाचार्य, संत कबीरनगर ’डॉ. जगदीश प्रसाद शर्मा, प्रवक्ता, मथुरा ’देवेंद्र कुमार, प्रधानाचार्य, मेरठ।
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2018/09/primary-ka-master_3.html
0 notes
कोरोना से मौत, परिवार में रातभर मातम, सुबह जिंदा निकला बेटा
कोरोना से मौत, परिवार में रातभर मातम, सुबह जिंदा निकला बेटा
यूपी के संत कबीरनगर जिले से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिसने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है. हुआ यूं कि पुलिस ने एक पिता को फोन पर ये जानकारी दी कि अस्पताल में भर्ती उनके बेटे की कोरोना से मौत हो गई है और कुछ ही देर बाद मृतक का शव सील पैक होकर पिता के सामने पहुंच गया. रात भर घरवाले और गांव वाले मातम मनाते रहे. सुबह जब पिता अपने दूसरे बेटे के साथ शव लेकर…
View On WordPress
0 notes