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#सपा-रालोद की रैली
vicharodaya · 3 years
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चुनाव प्रचार के दौरान हुई नोटों की बारिश,सपा-रालोद के प्रत्याशियों कि रैली में नोटों की बारिश देखें विडियो
चुनाव प्रचार के दौरान हुई नोटों की बारिश,सपा-रालोद के प्रत्याशियों कि रैली में नोटों की बारिश देखें विडियो
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां तमाम तरह के हथकंड़े अपना रही हैं. इसमें कोरोना के नियमों की अनदेखी के साथ ही चुनाव आयोग की गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. दरअसल, मामला सपा-रालोद (SP-RLD) के प्रत्याशियों की रैली से जुड़ा हुआ है. नोएडा और जेवर विधानसभा के सपा-रालोद प्रत्याशियों ने रैली निकाली, इसमें जमकर नोट बरसाए…
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ujjwalbharatlive · 3 years
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janchowk · 3 years
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मेरठ में अखिलेश-जयंत की रैली में उमड़ा जनसैलाब, दोनों नेताओं ने कहा-यूपी में योगी सत्ता की उलटी गिनती शुरू
मेरठ में अखिलेश-जयंत की रैली में उमड़ा जनसैलाब, दोनों नेताओं ने कहा-यूपी में योगी सत्ता की उलटी गिनती शुरू
“यूपी का ये जनादेश, आ रहे हैं अखिलेश”, लाल का इंक़लाब होगा, बाइस में बदलाव होगा! “किसानों का इंकलाब होगा, बाइस में बदलाव होगा” जैसे नारों के साथ आज मेरठ में सपा-रालोद ने परिवर्तन संदेश रैली आयोजित की। इस साझा रैली में बंपर भीड़ जुटी। 36 गांवों के अलग-अलग बिरादरी के लोगों ने जयंत चौधरी और अखिलेश यादव को मंच पर पगड़ी बांधा। दबथुवा में रैली स्थल पर दो मंच बनाए गए थे। एक मंच पर अखिलेश यादव और चौधरी…
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news-trust-india · 3 years
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Jayant Akhilesh Rally : मेरठ में परिवर्तन का संदेश देगी सपा-रालोद की संयुक्त रैली
Jayant Akhilesh Rally : मेरठ में परिवर्तन का संदेश देगी सपा-रालोद की संयुक्त रैली
मेरठ । Jayant Akhilesh Rally : उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख की भले ही अभी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच जोड़-तोड़ के साथ गठजोड़ भी जारी है। समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के बीच गठबंधन के साथ ही सीट को लेकर औपचारिक घोषणा से पहले ही दोनों दलों की मेरठ में मंगलवार को संयुक्त रैली है। दोनों नेता मेरठ में रैली स्‍थल पर पहुंच चुके हैं। कुछ ही देर में…
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khsnews · 3 years
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आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुतंत्र देव सिंह जिला पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. | आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुतंत्र देव सिंह जिला पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे.
आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुतंत्र देव सिंह जिला पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. | आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुतंत्र देव सिंह जिला पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे.
सहारनपुर36 मिनट पहले। लिंक की प्रतिलिपि करें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में विपक्षी दलों की गतिविधियों से सत्तारूढ़ बीजेपी की बेचैनी बढ़ती जा रही है. 10 अक्टूबर को तीतर में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सफल बैठक से भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों का आंदोलन तेज हो गया है. 16 अक्टूबर यानी कल रालोद प्रमुख गांगुली आशीर्वाद पथ पर रैली करने आ…
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lepannganews-blog · 5 years
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दशकों पुराने गिले-शिकवे भुला कर मुलायम सिंह के लिए मुलायम हुई मायावती, मांगेगी वोट
ले पंगा न्यूज। देवेन्द्र कुमार। बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष मायावती अपने दशकों पुराने गिले-शिकवे भुलाकर अब समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह के लिए वोट मांगेगी। मैनपुरी में शुक्रवार को सपा-बीएसपी-रालोद महागठबंधन की चौथी रैली आयोजित होगी। इस रैली में मायावती मुलायम सिंह को संसद में पहुंचाने के लिए लोगों से अपील करती नजर आऐंगी। मैनपुरी के क्रिश्चियन क्षेत्र में होने वाली इस रैली के माध्यम से मायावती व मुलायम एक साथ मंच साझा कर यह संदेश देने की कोशिश करेंगे की बीजेपी को हराने के लिए सभी दल एकजुट हैं। सपा-बसपा-रालोद तीनों दलों के नेता करेंगे रैली को संबोधित
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समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष खुमान सिंह वर्मा ने कहा कि बसपा मुखिया मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह रैली को सम्बोधित करेंगे। रैली में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी शामिल होंगे। रैली की व्यवस्था संभाल रहे मैनपुरी सदर से सपा विधायक राज कुमार उर्फ राजू यादव ने कहा कि मुलायम ने कल रैली में हिस्सा लेने की पुष्टि कर दी है। बता दें कि मुलायम सिंह रैली में शामिल होंगे या नहीं यह चर्चा का विषय बना हुआ था। लोगों का मानना था कि वो रैली में शामिल नहीं होंगे। सपा जिलाध्यक्ष वर्मा ने कहा कि रैली स्थल पर 40 लाख लोगों के आने की संभावना है और इसको ध्यान में रखते हुए तैयारियां की गई हैं। बीएसपी के जिलाध्यक्ष शिवम सिंह ने बताया कि मायावती सैफई के रास्ते से मैनपुरी पहुंचकर रैली में भाग लेंगी। #MulayamsinghYadav     #loksabhachunav2019 #lepannganews  #hindinews   #latestnews   #currentnews  #breakingnews
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toldnews-blog · 6 years
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बीजेपी को हराने के लिए सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करेगी भीम आर्मी - Bhim army chief chandrashekhar announced to support sp bsp gathbandhan in up to defeat nda
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भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आने वाले लोकसभा चुनावों मे पटखनी देने के लिए भीम आर्मी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी(सपा-बसपा) गठबंधन का समर्थन करेगी.
चंद्रशेखर आजाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में संत रविदास छात्रावास में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे. बताया जाता है कि भीम आर्मी द्वारा संचालित भीम स्कूल के शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए ये रैली रखी गई थी.
उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उतर प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए एक सामाजिक गठबंधन बने. सपा-बसपा के गठबंधन से उनका यह सपना पूरा हुआ है. यह गठबंधन बीजेपी को उत्तर प्रदेश में रोकने का काम करेगा.
भीम आर्मी चीफ ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा कि अगर बीजेपी ने किसी दलित को भी पार्टी से टिकट दिया तो भी उसे वोट मत देना.
एक ट्वीट के जरिए भीम आर्मी चीफ ने कहा, मैं कोई चुनाव नहीं लड़ने वाला हूं और पूरी तरह गठबंधन के साथ हूं. 2019 में बीजेपी को हराना ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है. इसलिए सभी संविधान बचाने की लड़ाई लड़ने वाले दलों को एक साथ आने की जरूरत है. तभी बीजेपी को हराना आसान होगा. इसलिए सपा-बसपा गठबंधन में रालोद को भी साथ लेना चाहिए था.
इस रैली के लिए भीम आर्मी ने लोगों से इसमें हिस्सा लेने की अपील की थी. साथ ही पार्टी प्रमुख ने उत्तर प्रदेश में कई रैलियों की परमिशन रद्द किए जाने के आरोप लगाए थे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए सपा और बसपा के बीच गठबंधन का अखिलेश यादव और मायावती ने शनिवार को ऐलान किया. इसके बाद राजद(राष्ट्रीय जनता दल) नेता तेजस्वी यादव ने रविवार की शाम को लखनऊ में मायावती के आवास पर जाकर मुलाकात की. साथ ही वे सोमवार को अखिलेश यादव से मुलाकात करने जा रहे हैं.
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pradeshjagran · 5 years
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लोकसभा चुनाव 2019: मैनपुरी में मुलायम ने मंच पर माना मायावती का एहसान
लोकसभा चुनाव 2019: मैनपुरी में मुलायम ने मंच पर माना मायावती का एहसान
मैनपुरी के सियासी रण में सपा, बसपा और रालोद गठबंधन की संयुक्त रैली हो रही है। इसमें 24 साल बाद एक बार फिर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और मायावती एक साथ सियासी मंच पर हैं। गठबंधन की यह रैली क्रिश्चियन मैदान में रैली हो रही है। रैली में मुलायम ने कहा कि मायावती हमारे लिए वोट मांगने आईँ हैं। हम उनका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि आपके इस एहसान को कभी नहीं भूलूंगा। उन्होंने सपाई से कहा कि मायावती…
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meribakwas · 6 years
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1980 में चौधरी चरण सिंह के 29 उम्मीदवार जीते थे लोकसभा चुनाव में 2019 में जयंत चौधरी के नेतृत्व में रालोद के 11 प्रत्याशी बन सकते हैं सांसद
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पूर्व प्रधानमंत्री जननायक स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की परम्परागत विरासत लगता है अब इस परिवार की तीसरी पीढ़ी जयंत चौधरी के माध्यम से रालोद की झोली में आ रही लगती है। सपा सरकार में मुजफ्फनगर में हुई हिंसा के बाद हिंदू मुस्लिम में जो दो फाड़ हुआ था वो बीते दिनों कैराना में हुए लोकसभा उपचुनाव के बाद समाप्त हो गया लगता है क्योंकि यहां कारण कोई भी रहा हों मगर जाट और मुस्लिमों ने एकजुट होकर रालोद की उम्मीदवार तब्बसुम को वोट दी। परिणाम स्वरूप लोकसभा में भी अंतिम दौर में ही सही रालोद का प्रतिनिधित्व नजर आएगा। कुछ लोग इसलिये परेशान है कि कैराना की राजनीति में अब एक ही परिवारों के तीन सदस्यों का वर्चस्व कायम होगा। और यहां मुस्लिम राजनीति को बढावा मिलेगा। मगर मुझे लगता है कि ऐसा कुछ अब वर्तमान समय में है नहीं क्योंकि हिंदू होे या मुस्लिम अब जाति और लडाई की राजनीति से उकसाने लगा है। वो बात और है कि कुछ सिरफिरे कुछ समय के लिये अपनी फितरत का जादू चलाकर कोई विवाद खड़ा कर दे लेकिन लंबे समय तक यह चलने वाला नहीं जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि भविष्य में यह सीट जल्दी से रालोद के कब्जे से शायद निकल नहीं पाएगी। अगर सबकुछ ठीक चला और विपक्षी दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा और रालोद के संग न इंसाफी नहीं की गई तो कम से कम विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप मंे इस दल के 10 या 11 सांसद भी चुनाव जीत सकते है। क्योंकि 1980 के लोकसभ्ज्ञा चुनाव में चैधरी चरण सिंह के समय मंे 29 सदस्य लोकसभा में उनके जीतकर पहुंचे थे। फिलहाल कैराना, मु.नगर, बागपत, अलीगढ़, हाथरस, अमरोहा मथुरा व बिजनौर आठ सीटो पर तो रालोद की दावेदारी अब भी मजबूत हो सकती है। क्योंकि चर्चा है कि 2009 के चुनाव में मथूरा, अमरोहा, हाथरत व बिजनौर तथा बागपत लोकसभा क्षेत्रों का नेतृत्व में रालोद के सांसद कर रहे थे। और यह स्थिति तब थी जब सबने मिलकर नहीं अलग अलग विपक्ष ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा था। अब स्थिति दूसरी है। भले ही कोई बडा दल हो या छोटा किसी का जनाधार कम हो या ज्यादा। मगर कुछ क्षेत्रों को छोड़कर ज्यादातर में पूर्व की स्थिति को ध्यान में रखे तो यह स्पष्ट होता है कि अलग अलग चुनाव लड़कर मतों का विभाजन होने से किसी भी दल के सांसद शायद इतने भी जीतकर न आ पाए जितने पहले थे यह संभावना सभी को एकजुट रखने में मुझे लगता है कि सफल होगी। और ऐसा होने पर चैधरी अजित सिंह व जयंत चैधरी लोकसभा में अपना मजबूत दखल सांसदों के रूप में रख सकते हैं। आजकल कैराना की जीत के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री व रालोद मुखिया चैधरी अजित सिंह के दिल्ली के बसंत विहार स्थित आवास पर जश्न का माहौल हैं आने व बधाई देने व मिठाई खिलाने वालों का सिलसिला निरंतर जारी है। एक जून की शाम को चैधरी अजित सिंह द्वारा स्पष्ट रूप से अपने कार्यकर्ताओं से कहा गया कि वो शांत होकर न बैठे। किसानों , नौजवानों, जरूरतमंदों की समस्याओं को उठाते रहे। बिजली की बढ़ी दरों का विरोध करने के साथ साथ किसानों को गन्ना भुगतान की लड़ाई लड़ें। दूसरी ओर 2019 के चुनाव से पूर्व गठबंधन को मजबूती देने तथा सहयोगी दलों के नेताओं का आभार व्यक्त करने के लिये रालोद द्वारा शामली में शीघ्र ही आयोजित होने वाली विजय उत्सव रैली में कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, पंश्चिम बंगाल के नेताओं व मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करने के साथ साथ बसपा, सपा पीस पार्टी, महान दल के नेताओं को भी इस रैली में आने का निमत्रंण भेजे जाने की तैयारी चल रही है। अब क्योंकि चैधरी अजित सिंह के मार्गदर्शन में रालोद के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष श्री जयंत चैधरी, को ही कमान संभालनी है और यह अच्छी बात है कि अजित सिंह जी के सामने ही जयंत चैधरी का वजूद व प्रभाव क्षेत्र दोनों रहे हैं। ओर भविष्य में रालोद की कमान उन्हे ही संभालनी है। इसलिये मेरा मानना है कि जयंत चैधरी में बड़े चैधरी साहब के समय के नेता व कार्यकर्ता उनमे छवि देखते हुए इसलिये कि कैराना की जीत को बनाए रखने के लिये रालोद में पुराने चैधरी साहब के समय के प्रमुख नेता व कार्यकर्ताओं के अलावा चैधरी अजित सिंह जी के समय में सक्रिय रहे। कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ अपनी निगाह में सक्रिय रालोद समर्थन को पूरा महत्व दें और इसके लिये देशभर के साथ साथ जिन क्षेत्रों में रालोद मजबूत रूप से प्रभावी है उनमे निष्क्रिय नेता व कार्यकर्ताओं को साथ लगाए रखने के साथ ही सक्रिय और जूंझारू तथा वफादार नेताओं को पार्टी में प्रमुख स्थान दें। पार्टी प्रवक्ता रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दूबे के अनुसार पार्टी में जयंत चैधरी की लोकप्रियता बढ़ी है वो आगामी चुनावों को ध्यान मे रखते हुए हर वर्ग और जाति के कार्यकर्ताओं के साथ साथ किसानों आदि की समस्याओं पर ध्यान देंगे यह एक अच्छी बात है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद के अनुसार कैराना की जीत से रालोद को दोहरी खुशी मिली है। क्योंकि मुस्लिम और जाट एक हो गए हैं। जिससे यहां के समीकरण में बडा परिवर्तन हुआ। क्या होगा 2019 के लोस चुनाव में कौन जीते गा कौन हारेगा वो एक अलग बात है लेकिन मुझे लगता है कि समझारी से राजनीतिक निर्णय लेने वाले जयंत चैधरी अपने पिता चैधरी अजित सिंह से विचार विमर्श कर जो भविष्य की रणनीति तय करेंगे उसमें जाट और मुस्लिम बहुल उन क्षेत्रों में जिनमे में पूर्व में रालोद के उम्मीदवार लोकसभा चुनाव जीतते रहे है उमे उन्हे टिकट दिलाने और जिताकर उच्च सदन में भेजने तथा अपना व अपनी पार्टी का वजूद खड़ा करने में सफल रहेंगे। ऐसा मुझे इसलिये भी लगता है कि कैराना में सपा मुखिया अपना उम्मीदवार घोषित करने वाले थे। कांग्रेस और बसपा की भी तैयारी चल रही थी। लेकिन उन्होंने कहे अनकहे रूप में ऐसी रणनीति बनाई और उस पर काम किया। जिससे रालोद की उम्मीदवार तब्बसुन विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार के रूप में सामने आयी और चुनाव को जीता। मेरा जयंत चैधरी जी को यह सलाह है कि भविष्य में चुनाव की रणनीति तैयारी करते हुए कुछ ऐसा भी करें की टिकट देते समय मतलब परस्तों की झोली ही न भर जाए अपने पुराने और वफादार सक्रिय नेता व कार्यकर्ताओं को भी वो आगे लाए और टिकट देकर चुनाव लड़ाएं जिससे जो नए लोग आ रहे हैं या जुड़ रहे हैं उनके साथ साथ पूराने कार्यकर्ता या नेताओं का साथ भी पूर्ण वफादारी से रालोद के साथ बना रहें। रही बात चुनाव में खर्च की तो मेरा मानना है कि अन्य राजनीतिक दलों के मुकाबले रालोद उम्मीदवार को ज्यादा खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि काफी प्रतिशत वोट तो इनके साथ बडे चैधरी साहब के समय से जो चला आ रहा है वो इनके साथ रहेगा दूसरे वर्तमान सरकार में स्व. चैधरी चरण सिंह की जो अवहेलना हुई जैसे दिल्ली की कोठी 12 तुबलक रोड को खाली कराया गया और पिछले दिनों जब पीएम नरेंद्र मोदी बागपत आए तो उन्होंने एक बार भी स्वर्गीय चैधरी साहब का नाम नहीं लिया इससे जाट और मुस्लिम जो रालोद क�� समर्थक है वो काफी नाराज है और ऐसे ऐसे में एकजुट होकर अपने उम्मीदवारों के लिये काम करेगा और उनकी जीत को सुनिश्चित करने हेतु रात दिन एक कर देगा। अब रही आर्थिक स्थिति तो यह किसी से छुपा नहीं की स्व. चैधरी चरण सिंह जी ईमानदार नेता थे इसलिये कहीं से उनके पास कोई बड़ी मदद तो आती नहीं थी। उनके जो मतदाता थे वो ही सारी व्यवस्था करते थे और आज भी जब जब जयंत चैधरी गांव देहात का दौरा करेंगे तो एक बार इशारा करने पर इतना धन जरूर मिलेगा जो चुनाव में आर्थिक तंगी महसूस नहंी होने देगा। रही बात बाकी की तो यह किसी से छुपा नहीं हैकि जिसकी ताकत बढ़ती है उसके साथ बहुत से धनपति भी जुड़ जाते हैंे और रालोद के साथ ऐसा न हों वो हो नहीं सकता इसलिये कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि मजबूती से कार्यकर्ताओं को साथ लेेकर विपक्षी एकता के सूत्र को मजबूत करने में अपनी भूमिका को निभाते समय अजित सिंह और जयंत चैधरी अपने उम्मीदवार को उतारे जो तय हों। ज्यादातर का जीतना लगभग तय सा ही माना जाएगा इसलिये 2019 में उनमे से कम से कम पांच ज्यादा से ज्यादा 11 सांसद रालोद के जीतकर लोकसभा में पहुंच सकते है। अगर सहयोगी विपक्षी दलों ने जहां पहले उनके उम्म्ीदवार कम बार जीते या जीते ही नहीं और रालोद का उम्मीदवार को कभी जीत मिली हो उन क्षेत्रों में टिकट रालोद प्रत्याशी को दिये गए तो वर्तमान परिस्थितियों में उनके जीतने की संभावनाएं वहां से ज्यादा हो सकती है। क्योंकि उस दौरान विपक्ष के मतदाताओं के वोट व समर्थन भी उन्हे ही मिलेगेंगे।
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महागठबंधन का आज अखिलेश कर सकते हैं एलान यूथ इण्डिया संवाददाता, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की साइकिल सवारी तय होने के साथ ही महागठबंधन की रणनीति तय हो गई है। अखिलेश बुधवार को इसका एलान कर सकते हैं। सपा ने कांग्रेसए राष्ट्रीय लोकदल और जदयू को 125 सीटों का ऑफर दिया है। कुछ और छोटे दलों को शामिल करके महागठबंधन का कुनबा बढ़ाया सकता है। सपा महासचिव रामगोपाल यादव ��े पहले कांग्रेसए रालोद व जदयू को 100 सीट देने की पेशकश की थीए लेकिन दबाव बढ़ा तो आंकड़ा 125 तक पहुंच गया है। उन्होंने मंगलवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस पर बात की। कांग्रेस के यूपी प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि सपा से गठबंधन तय है। रालोद प्रमुख अजित सिंह 30 से ज्यादा सीट मांग रहे हैं। उन्हें 20 सीट देने का प्रस्ताव किया गया है। कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने अजित सिंह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि वे 25.26 सीटों पर राजी हो सकते हैं। रालोद व जदयू पहले से एक साथ हैं। वे गठबंधन में भी साथ.साथ जाना चाहते हैं। जदयू भी सम्मानजनक स्थिति चाहता है। अखिलेश यादव ने मंगलवार को इस संबंध में जदयू नेता शरद यादव से फोन पर बात बातचीत की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जीए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने अखिलेश को फोन करके चुनाव में उनके लिए प्रचार करने का वादा किया है। इनके अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवारए पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा भी सपा के लिए प्रचार करेंगे। मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ ये नेता एकजुट होने के लिए तैयार है। सूत्रों का कहना है कि सपाए कांग्रेसए रालोद के गठबंधन की पहली रैली के दौरान इन नेताओं को भी जुटाने की कोशिश की जाएगी। इस बीच कांग्रेस की सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने कहा कि गठबंधन की घोषणा होते ही वे अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगी। शीला पहले भी अखिलेश के मुख्यमंत्री पद के दावे से पीछे हटने की बात कह चुकी हैं। शीला ने कहा कि एक.दो दिन इंतजार करेंए जल्द ही फैसला सामने आएगा।
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sachchainews-blog · 8 years
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कांग्रेस-सपा गठबंधन तय, रालोद पर फंसा पेंच
कांग्रेस-सपा गठबंधन तय, रालोद पर फंसा पेंच
कांग्रेस-सपा गठबंधन तय, रालोद पर फंसा पेंच वहीं कांग्रेस भाजपा के विजयी रथ को रोकने के लिए अधिकतम दलों को साथ जोड़ने के पक्ष में है। अगर सब कुछ सटीक बैठा तो अखिलेश, राहुल और जयंत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संयुक्त रैली से इसक जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : साइकिल पर विवाद खत्म होते ही समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता महागठबंधन को अमलीजामा पहनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। सपा और कांग्रेस के शीर्ष…
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googlesamachar · 8 years
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UP Elections : रालोद को झटका, विधायक दल के नेता दलवीर भाजपा में शामिल - दैनिक जागरण
दैनिक जागरण UP Elections : रालोद को झटका, विधायक दल के नेता दलवीर भाजपा में शामिल दैनिक जागरण केशव प्रसाद मौर्य ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी कददावर नेता माने जाने वाले दलवीर सिंह को भाजपा में शामिल कराया। दलवीर सिंह अलीगढ़ के बरौली से लगातार चार बार से विधायक हैं। लखनऊ (जेएनएन)। मथुरा में किसान रैली में जुटी राष्टीय लोकदल को आज तगड़ा झटका लगा हैं। आज राष्ट्रीय लोकदल के विधायक दल के नेता दलवीर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। दलबीर सिंह के साथ ही बहुजन समाज पार्टी के विधायक आनंद कुमार उर्फ कलक्टर पाण्डेय को भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने आज भाजपा में शामिल कराया। लखनऊ में आज भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर काफी ... रालोद विधानमंडल दल के नेता दलवीर सिंह भाजपा में शामिलLive हिन्दुस्तान अजीत सिंह को बड़ा झटका: रालोद विधानमण्डल दल के नेता दलवीर सिंह BJP में शामिलपंजाब केसरी सपा-बसपा विधायकों ने बदला पाला, भाजपा में हुए शामिलअमर उजाला Patrika -Aajsamaaj सभी ७ समाचार लेख » http://dlvr.it/N3kW9q
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googlesamachar · 8 years
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UP Elections : रालोद को झटका, विधायक दल के नेता दलवीर भाजपा में शामिल - दैनिक जागरण
दैनिक जागरण UP Elections : रालोद को झटका, विधायक दल के नेता दलवीर भाजपा में शामिल दैनिक जागरण केशव प्रसाद मौर्य ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी कददावर नेता माने जाने वाले दलवीर सिंह को भाजपा में शामिल कराया। दलवीर सिंह अलीगढ़ के बरौली से लगातार चार बार से विधायक हैं। लखनऊ (जेएनएन)। मथुरा में किसान रैली में जुटी राष्टीय लोकदल को आज तगड़ा झटका लगा हैं। आज राष्ट्रीय लोकदल के विधायक दल के नेता दलवीर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। दलबीर सिंह के साथ ही बहुजन समाज पार्टी के विधायक आनंद कुमार उर्फ कलक्टर पाण्डेय को भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने आज भाजपा में शामिल कराया। लखनऊ में आज भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर काफी ... रालोद विधानमंडल दल के नेता दलवीर सिंह भाजपा में शामिलLive हिन्दुस्तान अजीत सिंह को बड़ा झटका: रालोद विधानमण्डल दल के नेता दलवीर सिंह BJP में शामिलपंजाब केसरी सपा-बसपा विधायकों ने बदला पाला, भाजपा में हुए शामिलअमर उजाला Aajsamaaj -Patrika सभी ७ समाचार लेख » http://dlvr.it/N3kD1Q
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