DA hike: कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, अप्रैल की इस तारिख को बढ़े हुए DA और 3 महीने के एरियर का होगा भुगतान, जानें ताजा अपडेट
DA hike : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। केंद्र सरकार ने हाल ही में डीए में इजाफा किया है। जिसके बाद अब कर्मचारियों के खाते में 30 अप्रैल को मोटी रकम आने वाली है। बता दें केंद्रीय कर्मचारी को अप्रैल महीने के अंत में खाते में पूरे 1 लाख 20 हजार रुपये आने वाले हैं। सरकार इसी महीने महंगाई भत्ते के साथ में बढ़ी हुई सैलरी का पेमेंट कर देगी। जिसका सीधा फायदा करीब 1 करोड़ से…
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Chintamoni Kar
Chintamoni Kar : चिंतामणि कार (19 अप्रैल 1915 – 3 अक्टूबर 2005) एक प्रसिद्ध ब्रिटिश- भारतीय मूर्तिकार थे। उन्हें भारतीय और फ्रांसीसी सरकारों से नागरिक पुरस्कार मिले और उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन की ओर से ओलंपिक रजत पदक जीता।
व्यक्तिगत जीवन और अध्ययन Chintamoni Kar Personal life and studies
19 अप्रैल 1915 को पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में जन्मे कर ने अबनिंद्रनाथ टैगोर द्वारा संचालित इंडियन सोसाइटी ऑफ…
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क्या नारी सही मायनो में आज़ाद हुई है?
29th अप्रैल 2021 की ही तो बात है हयद्राबाद में एक 75 साल की महिला की हत्या करदी गयी क्यूंकि उन्होंने स्वयं पर किये गए बलात्कार को रोकने की कोशिश की |
क्या आप जानते है वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) द्वारा एक नवीनतम रिपोर्ट में बताया गया है की 7360 लाख महिलाओ में, 3 में से 1 महिला सेक्सुअल असाल्ट(योन हिंसा) या शारीरिक हिंसा का सामना कर रही हैं |
और पिछले दशक से इन आकड़ों में लगभग कोई…
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नैनीताल पुलिस व एसओजी ने सर्राफ से फिरौती मांगने के आरोप में कुख्यात लॉरेन्स विश्नोई गैंग के 2 सक्रिय गुर्गे गिरफ्तार
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 16 जुलाई 2024। हल्द्वानी के एक सर्राफ अंकुर अग्रवाल सेे इसी वर्ष 3 अप्रैल को व्हाट्सएप पर एक अन्जान व्यक्ति के द्वारा लॉरेन्स विश्नोई गैंग के सदस्य ने खुद को सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल बताते हुए एक लाख रुपये की फिरौती मांगी गयी थी। इस मामले में हल्द्वानी पुलिस एवं नैनीताल पुलिस की एसओजी ने कुख्यात लॉरेन्स विश्नोई गैंग के 2 सक्रिय गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया…
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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने में छूट बढ़ी लेकिन फिर भुगतना पड़ेगा भारी जुर्माना
जयपुर: सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि सभी तरह के वाहनों पर लगाना अनिवार्य है। पहले 31 दिसंबर 2023 तक वाहनों के हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के निर्देश थे। चूंकि वाहनों की संख्या हर राज्य में लाखों में है। 31 दिसंबर तक सभी वाहनों के नंबर प्लेट लगाना आसान नहीं था। ऐसे में इस अवधि को 6 महीने बढ़ा दिया गया था। 30 जून 2024 तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य किया गया। कई राज्यों ने यह टारगेट पूरा किया लेकिन राजस्थान इस मामले में फिसड्डी रहा। प्रदेश में करीब 32 लाख से ज्यादा वाहन हैं। अभी तक करीब 3 लाख वाहनों के ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लग पाई है। अपनी लापरवाही को छिपाते हुए परिवहन विभाग ने राजस्थान में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की अवधि एक महीना और बढ़ा दी है। अब 31 जुलाई तक नई नंबर प्लेट लगाना जरूरी है।
28 लाख वाहन मालिकों ने आवेदन ही नहीं किया
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 1 अप्रैल 2019 से पहले के सभी वाहनों जिनमें दुपहिया और तिपहिया वाहन भी शामिल है, के हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है। बाद में खरीदे गए वाहनों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ही दी जा रही है। भारी जुर्माने को देखते हुए पिछले महीने 1.24 लाख लोगों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। आवेदन के बावजूद इन वाहन स्वामियों को अभी तक नंबर प्लेट नहीं मिली है। हैरानी की बात यह है कि करीब 28 वाहन मालिक तो ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आवेदन ही नहीं किया।
लोगों को जागरूक नहीं कर पाया परिवहन विभाग
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खबरें तो कई बार प्रकाशित हुई लेकिन परिवहन विभाग की ओर से कोई बड़ा अभियान नहीं चलाया गया। जन जागरण अभियान और प्रचार प्रसार के अभाव में लोगों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के प्रति रुचि नहीं दिखाई। अगर परिवहन विभाग प्रचार प्रसार करता और लोगों को बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने से कितना भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। ऐसा होता तो लोग आगे आते और अन्य राज्यों की तरह नई नंबर प्लेट लेते। ऐसा नहीं होने से एक महीने बाद भी वाहन चालकों को भारी जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
जानिए कितना भारी है जुर्माना
वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर वाहन मालिकों को भारी जुर्माना चुकाना पड़ेगा। अगर कोई दोपहिया वाहन कृषि कार्य के वाहन को पहली बार पकड़ा गया तो दो हजार रुपए का जुर्माना है। दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माना पांच हजार रुपए का है। चौपहिया और भारी वाहन अगर बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के पहली बार पकड़े गए तो पांच हजार रुपए जुर्माना भुगतना पड़ेगा। दूसरी बार पकड़े गए तो जुर्माना 10 हजार रुपए वसूला जाएगा।
ऑनलाइन बुक कराएं, शुल्क यहां देखें
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के परिवहन विभाग ने अलग अलग श्रेणी के वाहनों के लिए अलग अलग दरें तय कर रखी है। दोपहिया वाहनों के लिए 425 रुपए, तिपहिया वाहनों के लिए 470 रुपए, कार के लिए 695 रुपए, मध्यम और भारी मोटर यान के लिए 730 रुपए, ट्रैक्टर और कृषि कार्यों से जुड़े अन्य वाहनों के लिए 495 रुपए की शुल्क निर्धारित है। ऑनलाइन आवेदन करके नंबर प्लेट बुक कराई जा सकती है। http://dlvr.it/T93MNS
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छठी किस्त
राधा स्वामी पंथ की कहानी-उन्हीं की जुबानी: जगत गुरु
(धन-धन सतगुरु, सच्चा सौदा तथा जय गुरुदेव पंथ भी राधास्वामी की शाखाएं हैं)
(छठी किस्त)
(23 अप्रैल 2006 को पंजाब केसरी में प्रकाशित)
(---- गतांक से आगे)
पूर्ण सन्त की पहचान (2)
नानक साहेब जी कहते हैं:-
सोई सतगुरू पूरा कहावै। दोय अख्खर का भेद बतावै।।
एक छुड़ावै एक लखावै। तो प्राणी निज घर जावै।।
गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में उस पूर्ण परमात्मा (सतपुरूष) की साधना का भी संकेत दिया है। कहा है कि उस पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति का तो केवल ॐ-तत्-सत् इस तीन मन्त्र के जाप का निर्देश है। जिसका तीन विधि से स्मरण किया जाता है। यही साधना साधक जन सृष्टि के प्रारम्भ में करते थे। तीन मन्त्र के स्मरण की विधि तत्वदर्शी(पूर्ण) सन्त बताएगा। क्योंकि गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में कहा है कि पूर्ण परमात्मा के विषय में तत्वदर्शी सन्त से पूछो।
ओम् शब्द- यह ब्रह्म (क्षर पुरूष) का जाप है। तत् शब्द यह परब्रह्म का जाप है। यहाँ तत् शब्द सांकेतिक है। जो यह दास केवल उपदेशी को ही बताएगा।
ओम्+तत् (सांकेतिक) मिलकर सतनाम (दो अक्षर का मन्त्र) बनता है तथा सत् शब्द (सांकेतिक) तीसरा मन्त्र है इसे सारनाम भी कहते हैं। इसी को आदि नाम भी कहते हैं। जो गुप्त है उसको पूर्ण सन्त ही बताएगा जो स्मरण करने का है। ओम मन्त्र का जाप काल (ब्रह्म) के ऋण से मुक्त कराएगा (काल से छुड़वाएगा) तथा दूसरा तत् (सांकेतिक) परब्रह्म का मन्त्र है। जिसका जाप परब्रह्म के सात संख ब्रह्मण्डों को पार करने का किराया है। यह भंवर गुफा तक पहुँचाएगा अर्थात पूर्ण परमात्मा को दिखाएगा (लखाएगा) तथा तीसरा मन्त्र सारनाम पूर्ण परमात्मा के सतलोक में स्थाई करेगा। फिर साधक का जन्म-मृत्यु सदा के लिए समाप्त हो जाएगा। सतलोक में पूर्ण परमात्मा अर्थात् सतपुरूष मानव सदृश आकार में है। जिसके एक रोम कूप की शोभा करोड़ सूर्यों तथा इतने ही चन्द्रमाओं के प्रकाश से भी अधिक है। जीव आत्मा भी साकार मानव सदृश शरीर में रहती है तथा आत्मा के शरीर का प्रकाश सोलह सूर्यों के प्रकाश के समान है। आत्मा अपने साकार परमात्मा के सिर पर चंवर करती है (प्रमाण कबीर परमेश्वर की अमृतवाणी शब्द ‘कर नैनों दीदार महल में प्यारा है’ जो सन्तमत प्रकाश भाग-3 के प्रथम पृष्ठ पर लिखा है)।
राधास्वामी पन्थ तथा धन-धन सतगुरू पंथ वाले सन्तों का कहना है कि सतलोक में तो केवल प्रकाश ही प्रकाश है। सतपुरूष निराकार है। आत्मा सतलोक में जा कर परमात्मा में ऐसे समा जाती है जैसे बूंद समुंद्र में समा जाती है। परमात्मा और आत्मा का भिन्न अस्तित्व नहीं रहता। जबकि वास्तविकता ऊपर वर्णित है वह सही है जो परमात्मा पूर्ण ब्रह्म (सतपुरुष) ने स्वयं बताई है। मुझ दास को अपनी कृपा से दर्शन कराए हैं।
उपरोक्त सतनाम जो दो अक्षर (ओम् तत् सांकेतिक) के योग से बनता है का उदाहरण स्वयं श्री सावन सिंह जी महाराज (जो श्री खेमामल उर्फ शाहमस्ताना जी के गुरु जी है। शाहमस्ताना जी ने धन-धन सतगुरु सच्चा सौदा सिरसा में स्थापित किया है) ने पुस्तक संतमत प्रकाश भाग-4 के पृष्ठ 261-262 पर लिखा है। परन्तु स्वयं ज्ञान नहीं है, ग्रंथ साहेब का प्रमाण लिया है। नानक साहेब कहते हैं कि -
सोई सतगुरु पूरा कहावै, दोय अख्खर का भेद बतावै। एक छुड़ावै एक लखावै, तो प्राणी निज घर जावै।
फिर कहते हैं - जे तू पढ़या पंडित बीना दोय अख्खर दुयनावां। प्रणवत नानक एक लंघाए जे कर सच्च समावां। (आदि गुरु ग्रन्थ साहेब पृष्ठ 1171)
फिर कबीर परमेश्वर जी की वाणी का प्रमाण दिया है:- कह कबीर अक्षर दुय भाख। होयगा खसम त लेयगा राख। (आदि गुरु ग्रन्थ पृष्ठ 329)
फिर लिखा है:- ओम् शब्द, सोहं शब्द, सतशब्द
विचार करें:- उपरोक्त मंत्र पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति तथा सतलोक निवास के हैं जिसका पवित्र गीता जी में तथा पवित्र अमृत वाणी कबीर साहेब तथा प्रभु प्राप्त संतों की अमृतवाणी में भी प्रमाण है। परंतु राधास्वामी पंथ तथा धन-धन सतगुरु पंथ तथा जयगुरुदेव तथा दिनोंद भिवानी आदि राधास्वामी वाले पंथों के संतों को ज्ञान नहीं है। सतनाम जो दो अक्षर के योग से बनता है उस के विषय में गोल-मोल लिख दिया कि ये आगे पारब्रह्म में हैं तथा एक अक्षर (सारनाम) के विषय में लिखा है कि वह भी पारब्रह्म में मिलेगा। स्वयं वे ‘‘ज्योति निरंजन’’, ‘‘औंकार’’, ‘‘ररंकार’’, ‘‘सोहं’’ तथा ‘‘सतनाम’’ ये पांच नाम देते हैं तथा धन-धन सतगुरू सच्चा सौदा वाले सन्त पहले तो यही पांच नाम देते थे अब, ‘‘सतपुरुष’’, ‘‘अकाल मूर्ति’’, ‘‘शब्द स्वरूपी राम’’ ये अन्य तीन नाम देते हैं। दिनोंद भिवानी वाले ताराचन्द जी महाराज वाला पंथ केवल ‘‘राधास्वामी’’ नाम देता है, स्वयं दो अख्खर के वास्तविक मंत्र से अपरिचित हैं।
इसलिए कबीर परमेश्वर की अमृतवाणी तथा श्री नानक जी की अमृतवाणी के आधार से जो दो अक्षर का भेद नहीं जानता वह पूरा गुरु (पूर्ण संत) नहीं है। इससे सिद्ध हुआ कि राधा स्वामी पंथ तथा धन-धन सतगुरू-सच्चा सौदा पंथ तथा श्री ठाकुर सिंह, श्री कृपाल सिंह तथा जय गुरूदेव मथुरा वाले तथा दिनोद भिवानी वाले राधास्वामी के सन्त जी पूर्ण सन्त नहीं हैं क्योंकि उनको दो अक्षर का ज्ञान नहीं है।
पुस्तक सन्तमत प्रकाश भाग-4 पृष्ठ 262 में लिखा है सतनाम हमारी जाति है, सतपुरूष हमारा धर्म है, सच्चखण्ड(सतलोक) हमारा देश है। यहाँ पर सतनाम, सतपुरूष, सच्चखण्ड तीनों को भिन्न-2 बताया है। इसी पुस्तक के पृष्ठ 21 पर सतनाम को ���्थान कहा है। पुस्तक सारवचन वार्तिक प्रथम भाग के वचन 4 में सतनाम, सच्चखण्ड, सतपुरूष, सारशब्द, सतशब्द को एक बताया है। क्या ये विचार परम सन्त के हो सकते हैं? {कृप्या पढ़ें सन्तमत प्रकाश भाग-4 पृष्ठ 261-262 से फोटो कापी इसी पुस्तक (सच्चखण्ड का संदेश) के पृष्ठ 109-110 पर}
अधूरे सन्तों के विषय में पूज्य कबीर परमेश्वर जी कहते हैंः-
सतगुरू बिन काहु न पाया ज्ञाना, ज्यों थोथा भुस छिड़ै मूढ किसाना।
सतगुरू बिन बेद पढें जो प्राणी, समझे ना सार रहे अज्ञानी।
वस्तु कहीं खोजे कहीं, किस विद्य लागे हाथ।
एक पलक में पाईए, भेदी लिजै साथ।
एक समय एक व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो गई। उसने बहुत सारा धन जमीन में दबा रखा था। उस का विवरण एक बही (पैड) में लिखा था जो सांकेतिक था। उस व्यक्ति ने अपने मकान के एक कोने में मन्दिर बनवा रखा था। बही में लिखा था चाँदनी चैदस रात्रि के बारह बजे मन्दिर के गुमज में सर्व धन दबा रखा है। लड़कों ने रात्रि में मन्दिर का गुमज फोड़ा। उसमें कुछ नहीं पाया। उनके पिता का एक दोस्त दूसरे गांव में रहता था। बच्चों ने उसको सर्व विवरण बताया तथा कहा कि पिता जी ने झूठ लिखा है। मन्दिर के गुमज में धन नहीं मिला। पिता जी के दोस्त ने उस लेख को पढ़ा तथा कहा कि आप मन्दिर के गुमज का पुनर् निर्माण करवाएं। मन्दिर के गुमज का पुनर् निर्माण होने के पश्चात् चांदनी चैदस (शुद्धि चतुर्दशी) को रात्रि के बारह बजे जहां पर गुमज की छाया थी उस स्थान को खोदा गया तो सर्व धन मिल गया।
अपने सद्ग्रन्थों में प्रभु ज्ञान का अपार धन छुपा है जो सांकेतिक है। वह पूर्ण संत (तत्वदर्शी संत) के बिना किसी को नहीं मिला। इसीलिए राधास्वामी तथा धन-धन सतगुरू वाले पंथों के सन्तों ने श्रद्धालुओं को भ्रमित कर दिया कि वेद तथा गीता आदि शास्त्र तो व्यर्थ हैं। कबीर परमेश्वर तो कहते हैं:-
वेद कतेब झूठे नहीं भाई, झूठे हैं जो समझे नाहीं।
भावार्थ है कि वेद तथा गीता जी व र्कुआन झूठे नहीं हैं। जो इन्हें समझ नहीं सके वे अज्ञानी हैं। राधास्वामी तथा धन-धन सतगुरू-सच्चा सौदा वाले पंथों के सन्त जी कहते हैं कि गीता व वेदों में पूर्ण परमात्मा का ज्ञान नहीं है। स्वयं लोक वेद (दंत कथाओं) के आधार पर ढेर सारी पुस्तकंे रच कर गलत ज्ञान प्रचार कर डाला। अब श्रद्धालुओं को शास्त्रों का ज्ञान समझाना कठिन हो रहा है। वर्तमान में मुझ दास को पूर्ण परमात्मा ने आप सर्व प्रभु प्रेमियों को छुपा धन बताने भेजा है। कृप्या अविलम्ब प्राप्त करें। वर्तमान में दो अक्षर से बने ‘‘सतनाम’’ का तथा एक अक्षर ‘‘सारनाम’’ का केवल मुझ दास (रामपाल दास) ही को दान करने का अधिकार पूज्य गुरूदेव तथा परमात्मा कबीर साहेब ने स्वयं प्रदान किया है। मुझ दास से विमुख एक-दो पापात्माऐं तीनों मंत्रों को प्राप्त करके स्वयंभू गुरू बन कर नाम दान करने लगे हैं। वे अधिकारी नहीं। उन्हें भक्त समाज के पक्के दुश्मन जानना। न तो वे स्वयं पार हो सकते हैं तथा न ही उनसे उपदेश प्राप्त भक्तजन पार हो सकते हैं। ऐसे ही लालची व्यक्तियों ने परमात्मा कबीर जी के साथ भी धोखा किया था जो अभी तक तत्वज्ञान समझने में बाधक सिद्ध हो रहा है। उनके तो दर्शन करना भी पाप है। जिनके विषय में ‘‘परमेश्वर का सार संदेश’’ पुस्तक के अध्याय पन्द्रह में ‘‘शंका समाधान विषय’’ में विस्तृत वर्णन है। एक समय में सन्त एक ही होता है वह पूरे विश्व को नाम देकर पार कर सकता है। जैसे परमपूज्य कबीर परमेश्वर जी काशी में आए थे उस समय पूरे विश्व में अकेले ही नाम दान करते थे। उनके चैसठ लाख शिष्य सर्व धर्मों के हुए थे। अपने रहते उन्होंने कोई उत्तराधिकारी नहीं बनाया था। इसलिए नकली संतों से सावधान रहें।
किस्त संख्या चार तथा किस्त संख्या छः के प्रमाणों से आपजी को स्पष्ट हुआ कि पूर्ण संत की क्या पहचान है ?
‘‘कैसे मिले भगवान?’’
शेष अगले अंक में ----------------
(पुस्तक ‘संतमत प्रकाश‘ भाग-4 पृष्ठ 261 से फोटो काॅपी)
(पुस्तक ‘संतमत प्रकाश‘ भाग-4 पृष्ठ 262 से फोटो काॅपी)
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लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगाई जीत की हेट्रिक
लोकसभा चुनाव-2024 : हाडौती संभाग में खिला कमल, कोटा-बूंदी व झालावाड-बारां दोनों सीटों पर भाजपा का वर्चस्व
न्यूजवेव @कोटा
राजस्थान में कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लगातार तीसरी जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को 41,974 मतों से हराया। दो जिलों की आठ विधानसभा क्षेत्रों वाली इस सीट पर कुल 15 लाख 959 मतदाताओं में से बिरला को 7,50,496 मत ( 50.00 %) प्राप्त हुये जबकि गुंजल को 7,08,522 (47.20 %) मत प्राप्त हुये। कुल 10,261 ने नोटा पर वोट दिया। इसमें 14,87,901 ( 71.26 %) ने 26 अप्रैल को ईवीएम पर मतदान किया था जबकि 13058 डाक मतपत्र रहे। इस चुनाव में कुल 15 प्रत्याशी मैदान में रहे।
कोटा-बूंदी संसदीय सीट की आठ में से पांच विधानसभा सीटों कोटा दक्षिण, रामगंजमंडी, सांगोद, लाडपुरा, बूंदी पर भाजपा प्रत्याशी बिरला को एवं तीन क्षेत्रों कोटा उत्तर, पीपल्दा व केशवराय पाटन में कांग्रेस प्रत्याशी गुंजल को बढत मिली है। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ.रविन्द्र गोस्वामी ने मंगलवार शाम विजयी प्रत्याशी ओम बिरला को जीत का निर्वाचन पत्र सौंपा। उनके साथ शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मौजूद रहे। याद दिला दें कि वरिष्ठ भाजपा नेता ओम बिरला 2014 से पहले तीन बार राजस्थान विधानसभा में कोटा से विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2019 में सांसद बिरला ने रिकॉर्ड 2.79 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी।
भाजपा ने मनाया विजयी जश्न
मंगलवार शाम को परिणाम घोषित होने पर भाजपा प्रत्याशी ओम बिरला मतगणना स्थल जेडीबी कॉलेज पहुंचे, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें जीत की बधाई देते हुये विजयी जश्न मनाया। बिरला ने कहा कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जीत है। जनता ने जो विश्वास जताया है, उस पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे। रात्रि में शक्ति नगर स्थित उनके आवास पर कार्यकर्ताओं की टीमें विजयी जश्न मनाती रही। जिले में 6 जून तक धारा 144 लागू होने से ओम बिरला का विजय जुलूस बाद में निकाला जायेगा।
दुष्यंत सिंह ने बनाया पांचवी जीत का कीर्तिमान
हाडौती संभाग की झालावाड़-बारां सीट पर भाजपा प्रत्याशी दुष्यंत सिंह ने लगातार पांचवी बडी जीत दर्ज कर नया कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया को 3 लाख 71 हजार मतों से हराया। इस सीट पर कुल 14 लाख 15 हजार 420 मतदाताओं ने भाग लिया। जिसमें से दुष्यंत सिंह को 8,08,692 मत एवं कांग्रेस प्रत्याशी को 4,66,988 मत मिले हैं।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस सीट से पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। दुष्यंत सिंह की इतने अधिक मतों से जीत भाजपा के लिये प्रदेश में दूसरी बडी जीत है। झालावाड में भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटकर जीत का जश्न मनाया। याद दिला दें कि वसुंधरा राजे को इस चुनाव में स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी नहीं मिलने पर वे पूरे समय इसी संसदीय क्षेत्र में सघन जनसपंर्क पर रही। हाडौती संभाग की दोनों सीटों पर भाजपा की जीत से पार्टी में खुशी की लहर दौड गई।
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Uttarakhand: प्रदेश में महंगी बिजली का करंट,
Uttarakhand: प्रदेश में महंगी बिजली का करंट, 6.92 फीसदी बढ़े दाम, एक अप्रैल से लागू होंगी नई दरें
DYSUN SOLAR
देहरादून:-
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने पत्रकारवार्ता कर बिजली की नई दरों के बारे में महत्वपूर्ण सूचना दी।
विस्तार:-
प्रदेश में बिजली करीब सात फीसदी महंगी हो गई है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नई दरें जारी कर दी हैं, जो एक अप्रैल से लागू होंगी। अगले महीने के बिल में उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का दाम चुकाना होगा। ऊर्जा निगमों ने 27 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, जिसके सापेक्ष 6.92 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
नियामक आयोग के अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने कहा, प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख बीपीएल उपभोक्ताओं, हिमाच्छादित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के बिजली दरों और फिक्स चार्ज में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। उनके मुताबिक, चार किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के फिक्स चार्ज में 15 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह की बढ़ोतरी की गई है।
चार किलोवाट से ऊपर वालों के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट, सिंगल प्वाइंट बल्क सप्लाई के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज की बढ़ोतरी की गई है। घरेलू श्रेणी के 100 यूनिट प्रतिमाह खर्च करने वालों की बिजली दरों में 25 पैसा प्रति यूनिट, 101 से 200 यूनिट वाले उपभोक्ताओं की बिजली दरें 30 पैसा प्रति यूनिट, 400 यूनिट से अधिक उपभोग करने वालों की बिजली दरों में 40 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। सिंगल प्वाइंट बल्क सप्लाई के उपभोक्ताओं की बिजली 75 पैसे प्रति यूनिट महंगी हुई है।
ये छूट जारी रहेंगी:-
सोलर वाटर हीटर में 75 रुपये प्रति 50 लीटर की छूट।
सोलर पावर प्लांट लगाने पर सरकार द्वारा 70% की मुफ़्त सब्सिडी
किसकी बिजली दरों में कितनी बढ़ोतरी
उपभोक्ता श्रेणी
2023 की दरें
2024 की दरें
बढ़ोतरी (पैसे)
घरेलू
5.33
5.82
0.49
अघरेलू
7.74
8.43
0.69
गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी
7.70
8.36
0.66
प्राइवेट ट्यूबवेल
2.37
2.64
0.27
एलटी इंडस्ट्री
7.20
7.84
0.64
एचटी इंडस्ट्री
7.26
7.90
0.64
मिक्स लोड
6.95
7.47
0.52
रेलवे
6.89
7.43
0.54
ईवी चार्जिंग स्टेशन
6.25
7.00
0.75
किस श्रेणी के कितने उपभोक्ता होंगे प्रभावित:-
बीपीएल श्रेणी के 4,30,201 प्रभावित नहीं होंगे। इसके अलावा घरेलू श्रेणी के 19,64,440, व्यावसायिक के 2,89,867, एलटी इंडस्ट्री के 14,071, एचटी इंडस्ट्री के 2,402, प्राइवेट ट्यूबवेल के 42,718 आदि मिलाकर करीब 27,50,872 बिजली उपभोक्ता हैं।
बढ़ते बिजली के दामों से बचने का सही उपाय:-
जैसा की आप देख रहे है आजकल उत्तराखंड सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना चलायी है जिस पर अपने घरो में सोलर पावर प्लांट लगाने पर सरकार पर काफी अच्छी सब्सिडी दे रही है तथा काफी लोग इस योजना का लाभ भी ले रहे है | इस परियोजना का लक्ष्य हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करके 1 करोड़ घरों को रोशन करना है। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते है तो आज ही DYSUN SOLAR से जुड़े।
पीएम सूर्य घर सब्सिडी:-
रूफटॉप सोलर योजना के तहत, सरकार सौर पैनल स्थापित करने के लिए सब्सिडी देगी. इस योजना में केंद्र सरकार 2 किलोवाट तक - 30,000 रुपये प्रति किलोवाट, तथा 3 किलोवाट या उस्से अधिक पर सरकार 78,000 रुपये की सब्सिडी दे रही है और उत्तराखंड सरकार इस योजना में 2 किलोवाट तक - 34,000 रुपये प्रति किलोवाट, तथा 3 किलोवाट या उस्से अधिक पर सरकार 51,000 रुपये की सब्सिडी दे रही है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे:-
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Tata steel adventure foundation : टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के साथ 22 प्रतिभागियों ने एवरेस्ट बेस कैंप ट्रैक पूरा किया, ये सारे लोग थे शामिल
जमशेदपुर : दो अनुभवी वरिष्ठ प्रशिक्षकों स्वर्णलता दलाई और बलदेव सिंह के साथ 22 प्रतिभागियों (3 महिलाएं और 19 पुरुष) के एक समूह ने 12 अप्रैल से 27 अप्रैल 2024 तक एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक पूरा किया. टीएसएएफ की वरिष्ठ प्रशिक्षक स्वर्णलता दलाई ने 2018 में एवरेस्ट की चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. वह पिछले कुछ वर्षों से टीएसएएफ के साथ जुड़ी हुईं हैं और उनके अनुभव ने टीम को कई स्थितियों में मदद की.…
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः 🏵️🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे-राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (षष्ठी, सप्तमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-30-अप्रैल-2024
वार :-------मंगलवार
तिथि :---06षष्ठी:-07:05/07 सप्तमी:-29:46
माह:-----वैशाख
पक्ष:------कृष्णपक्ष
नक्षत्र:---उत्तराषाढा:-28:09
योग:-----साध्य:-22:23
करण:----वणिज:-07:05
चन्द्रमा:---धनु10:36/मकर
सूर्योदय:---06:05
सूर्यास्त:----19:05
दिशा शूल-----उत्तर
निवारण उपाय:-----गुड का सेवन
ऋतु:--------ग्रीष्म ऋतु
गुंलिक काल:---12:35से 14:21
राहू काल:---15:50से17:27
अभीजित---11:58से12:50
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:----कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-09:21से10:58तक
लाभ:-10:58से12:35तक
अमृत:-12:35से14:12तक
शुभ:-15:50से17:27तक
🌗चोघङिया रात🌓
लाभ:-20:27से21:49तक
शुभ:-23:12से00:35तक
अमृत:-00:35से01:58तक
चंचल:-01:58से03:20तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का22वाँ दिन, भद्रा 07:05 से 18:29 तक, रवियोग समाप्त 28:09, वज्रमुस्लयोग सूर्योदय से 28:09, अगस्त्य अस्त, गुरु अर्जुन देव जयंती,(प्राचीन मत),
🌺 👉वास्तु टिप्स 👈🌺
महिलाएं रात को बाल ना बनाएं।
*सुविचार*
प्रभु के प्रत्येक विधान में प्रसन्न रहना चाहिये।👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*किडनी को कैसे रखें हेल्दी -*
1. उच्च रक्तचाप और डायबिटीज सहित रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले रोग किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए उच्च रक्तचाप और डायबिटीज को नियंत्रित करें।
2. क्या आप धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ देने में ही भलाई है। धूम्रपान किडनी के अलावा किडनी को क्षति पहुंचाने वाली डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की स्थिति को ज्यादा खराब कर देता है।
3. ज्यादा पैसे कमाने और चीजों के पीछे भागने की वजह से आप अपने शरीर को बहुत ही कम समय दे रहे हैं। इसके लिए आप शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं आमतौर पर धीरे-धीरे किडनी क्षतिग्रस्त होती जाती है, ऐसे में नियमित शारीरिक सक्रियता से किडनी की बीमारी रोकने में मदद मिलती है।
4. किडनी को यदि हेल्दी रखना है तो आप अपने खान-पान में सुधार करें। नमक का सेवन कम करें तथ प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं, क्योंकि इसमें सोडियम होता है जो उच्च रक्तचाप पैदा कर सकता है। इसके अलावा फलों और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें तथा रोजाना 3 लिटर पानी पीजिए।
5. दवाईयों पर निर्भरता कम करें, क्योंकि दवाईयां आपकी किडनी को खराब कर सकती है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। कामकाज में वृद्धि के योग हैं। घर-बाहर सभी तरफ प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कार्यस्थल पर परिवर्तन व सुधार हो सकता है। योजना फलीभूत होगी। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नए कार्य मिलेंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
सत्संग का लाभ प्राप्त हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति लाभदायक रहेगी। घर-बाहर सभी तरफ सफलता प्राप्त होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। बाहर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में वृद्धि हो सकती है, प्रयास करते रहें। कारोबार में अधिक ध्यान दें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। पारिवारिक चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी।
👩🏻🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। विरोध होगा। व्यस्तता के चलते थकान रह सकती है। प्रमाद न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
रचनात्मक कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। संगीत इत्यादि में रुचि रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। पठन-पाठन व लेखन इत्यादि के कार्य सफल रहेंगे। भावना में बहकर निर्णय न लें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
कोई बुरी सूचना मिल सकती है। नकारात्मकता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। सावधान रहें। लेन-देन में सावधानी आवश्यक है। दूसरों के बहकावे में न आएं। सोच-समझकर निर्णय लें। व्यापार से लाभ होगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
पहले की गई मेहनत का फल प्राप्त होगा। रुके कार्य पूरे होंगे। लाभ में वृद्धि होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। असहाय लोगों की मदद करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। सभी तरफ से सफलता मिलेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
आत्मसम्मान बना रहेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक आवश्यकताओं पर व्यय होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। उत्साह बना रहेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। जल्दबाजी न करें।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
फालतू खर्च अधिक हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जल्दबाजी न करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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!! अबकी बार 400 पार
400 पार, 400 पार !!
लेकिन बीजेपी 400 पार क्यों चाहती है ?
विपक्ष और हमारे कुछ दोस्तों के अनुसार : बीजेपी 400 चाहती हैं ताकि संविधान बदल सकें, संविधान बदल कर देश हिन्दूराष्ट बना सके, अल्पसंख्यक को दमन कर सके, निरंकुश शासन करना चाहती है सरकार ...😡
शांत मेरे भाई शांत 😊
यार तुम पढ़े लिखे हो फिर भी तुम ऐसे बात कर रहे हों याद है तुम्हें "24 अप्रैल 1973"
: हां उस दिन मास्टर ब्लास्टर "सचिन तेंडुलकर" जी का जन्म हुआ था
हां ठीक है उस दिन सचिन सर जन्म हुआ था लेकिन उससे भी बड़ी बात है उस दिन "भविष्य में आने वाले भारतीय संविधान पर खतरे को टाल दिया गया" वो था सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 जजों के बेंच द्वारा दिया गया एक फैसला "केसवानंद भारती केस"
उस दिन सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया कि "संविधान के मूल ढांचा (basic structure) संसद द्वारा नही बदला जा सकता" और मूल ढांचा में धर्मनिरपेक्षता भी है और मौलिक अधिकार भी, इसलिए तुम चिंता न करो !
: तो फिर क्यों चाहते है मोदी जी 400 पार, बताओ ?
मोदी जी 400 पार का नारा देकर विपक्ष को psychological तौर पर कमजोर कर रहे है या कहूं तो डरा रहे है , शायद इसीलिए तो राहुल जी ने एक नारा दिए हैं "डरो मत"
अब विपक्ष पूरी कोशिश कर रही है कि 400 पार न आने पाएं अब विपक्ष का ध्यान ख़ुद के जीतने पर नही बल्कि बीजेपी को 400 पार न लाने देने पर है , अगर सत्ता पक्ष को 325 से 350 भी आता है तो विपक्ष कहेगी , देखा ! हमने 325 पर रोक दिया (खुशी की लहर)
और दूसरा कारण है, जब से बीजेपी पार्टी पैदा हुई है तब से बीजेपी के 3 मकसद रहा है
1. 370
2. Ram Mandir
3. UCC (Uniform Civil Code)
और तुम तो जानते है 2 काम पूरा हो चुका है और एक बाकी है Uniform Civil Code
तो तीसरे टर्म में बीजेपी Uniform Civil Code पर काम करेगी उसके लिए मजबूत सरकार की जरूरत है।
Uniform Civil Code को लागू करना , 370 और राम मंदिर बनवाने दोनो से मुश्किल होने वाला है।
✍️ रविन्द्र (महम्मदपुर मझौलिया)।
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DC Vs GT Dream11 Prediction: आज ये खिलाड़ी जितायेंगे 3 करोड़, गिल या जेक फ्रासर किसे बनाये कप्तान जानिए
DC Vs GT Dream11 Prediction: आईपीएल 2024 का 40वाँ मैच Delhi Capitals और Gujarat Titans के बीच होने जा रहा है यह मैच 24 अप्रैल को 7:30 बजे दिल्ली में अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जायेगा इसलिए DC Vs GT मैच शरू होने से पहले आप आज की ड्रीम11 टीम बनाने की तैयारी कर ले।
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सतना 23 अप्रैल 2024/कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट मैहर रानी बाटड ने लोक शांति बनाए रखने के उद्देश्य से मैहर जिले के 3 आदतन अपराधियों को 3 माह से 6 माह की कालावधि के लिए जिला बदर और जो 2 आदतन अपराधियो��� को 6 माह तक के लिए विविध शर्तों में निर्बधित कर बाउंड ओव्हर की कार्यवाही की है।मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5(ए) के तहत पारित आदेश में जिला मजिस्ट्रेट ने थाना ताला के अजवाइन निवासी…
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ताऊ की मर्जी के आगे बनी बाल वधू, पेपर से ठीक पहले हुआ बच्चा... दिल छू लेगी डॉक्टर रूपा यादव की कहानी
नई दिल्ली: आठ साल... हां यही उम्र थी रूपा की, जब परिवार के लोगों ने उसकी शादी कर दी। उस वक्त तो शायद उसे शादी शब्द के मायने भी ना पता होंगे। वो उम्र तो उसके लिए खेलने की थी। अपने बचपन को जीने की थी लेकिन उसके ताऊजी ने उसके ससुर से बहुत पहले ही वादा कर दिया था कि रूपा और उसकी बड़ी बहन रुक्मा की शादी उनके दोनों बेटों से ही होगी। पिता तो रूपा को अभी पढ़ाना चाहते थे लेकिन अपने बड़े भाई के वादे के सामने मजबूर थे। और आखिरकार उस छोटी सी उम्र में ही रूपा की शादी कर दी गई। अब रूपा केवल गौना होने तक अपने मायके में रह सकती थी।ये कहानी है राजस्थान में करीरी गांव की रहने वाली रूपा यादव की। उस रूपा की, जिसे कभी बाल वधू कहकर पुकारा गया। वो रूपा, जिसके दिल में अरमान थे कि वो एक एमबीबीएस डॉक्टर बने, लेकिन परीक्षाओं के दिनों में ही वो गर्भवती हो गई। जिसकी पढ़ाई-लिखाई के लिए परिवार को कर्ज तक लेना पड़ गया। और एक दिन यही रूपा अपने गांव में डॉक्टर बनकर लौटी। उन सभी तानों को उसने अपनी सफलता से जवाब दे दिया, जिनमें कहा जाता था कि लड़की है, इसे इतना पढ़ाना ठीक नहीं। 12वीं हो गई, बस काफी है, अब घर बिठाओ।
10वीं में आए इतने नंबर, गांव में मच गया हल्ला
हालांकि, एक छोटे से गांव की बाल वधू से डॉक्टर बिटिया बनने तक की उसकी राह भारी मुश्किलों से भरी थी। उनके पिता मालीराम यादव को अपनी बेटी पर शुरुआत से ही नाज था और चाहते थे कि अभी वो बस पढ़ने-लिखने पर ध्यान दे। लेकिन जब सुना कि उनके बड़े भाई ने रूपा की शादी का वादा कर दिया है, तो कुछ ना कह सके। हालांकि, मायके में रहते हुए रूपा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और 86 फीसदी नंबरों के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर ली। रूपा की इस सफलता पर पूरा गांव हैरान था। इससे पहले लड़की तो छोड़िए, कोई लड़का भी इतने अच्छे नंबर लेकर नहीं आया था।
जीजा ने किया वादा, रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी
अलग-अलग संस्थाओं ने रूपा को सम्मानित किया। स्कूल से भी उन्हें पुरस्कार मिले और टीचरों ने सलाह दी कि इस बच्ची को खूब पढ़ाइए। लेकिन उसी दौरान उनके ताऊजी के वादे के मुताबिक, रूपा के गौने का समय आ गया। उसके पिता नहीं चाहते थे कि रूपा अभी से ससुराल चली जाए, लेकिन उसकी बड़ी बहन रुक्मा के पति ने वादा कर दिया कि चाहे जो हो जाए, ससुराल में रूपा की पढ़ाई नहीं रुकेगी। रूपा ससुराल पहुंची, तो उसके जीजा ने अपना वादा निभाया और दो साल बाद ही शानदार नंबरों के साथ उसने 12वीं की परीक्षा भी पास कर ली।
परिवार ने लिया कर्ज और आगे बढ़ने लगी रूपा
रूपा की सफलता पर उसके स्कूल टीचरों ने ससुराल के लोगों को बुलाया और कहा कि उसे डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए नीट की तैयारी करनी चाहिए। ससुराल के लोग मान गए। रूपा की काबिलियत को देखकर कोचिंग सेंटर ने भी उसे नीट की तैयारी बिना फीस कराने का ऑफर दे दिया। बस फिर क्या था, रूपा ने बीएससी में एडमिशन लिया और साथ ही नीट की तैयारी में जुट गई। अपने पहले प्रयास में रूपा को 22000वीं रैंक मिली। परिवार ने फैसला किया कि उसे अब कोचिंग के लिए कोटा भेजना चाहिए। घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी लेकिन परिवार ने कर्ज लेकर रूपा को कोचिंग कराई।
रूपा का सपना और परिवार का सपोर्ट
हालांकि, इस बीच उन्हें ताने भी सुनने पड़े। लोगों ने कहा कि एक लड़की को इतनी ऊंची पढ़ाई के लिए घर से बाहर नहीं भेजना चाहिए था। लेकिन उनके और जीजा ने रूपा को खूब सपोर्ट किया। यहां तक कि ज्यादा घंटों तक काम भी किया, ताकि रूपा की पढ़ाई में कोई आर्थिक दिक्कत ना आए। उनके परिवार को सपोर्ट रंग लाया और तीन साल की मेहनत के बाद रूपा को साल 2017 में बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल गया। एमबीबीएस की पढ़ाई के शुरुआती दो साल ठीक से बीते, लेकिन तीसरे साल में कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन लग गया और रूपा को घर लौटना पड़ा।
आधे टाइम में पूरा किया 3 घंटे का पेपर
इस बीच प्री-फाइनल परीक्षा से पहले रूपा गर्भवती हो गईं। अब रूपा के सामने दो विकल्प थे - या तो वो मां बनें या अपने करियर को चुनें। रूपा ने फैसला लिया कि वो अपनी इन दोनों जिम्मेदारियों को निभाएगी। रूपा की बेटी महज 25 दिन की थी, जब उसे प्री-फाइनल परीक्षा देनी थी। इस मोड़ पर उसकी बहन और सास ने रूपा की नन्हीं बेटी की देखभाल की और रूपा फिर से बढ़िया नंबर लाने में सफल रही। रूपा बताती हैं कि उनका फाइनल पेपर ठीक उस दिन पड़ा, जिस दिन उनकी बेटी का पहला जन्मदिन था। उन्होंने 3 घंटे का पेपर आधे वक्त में पूरा किया, बस से घर पहुंची और अपनी बेटी का जन्मदिन मनाया।28 अप्रैल 2022 को उनका रिजल्ट घोषित हुआ और गांव की रूपा अब बन गईं। रूपा चाहती हैं कि वो अपने उसी गांव में एक अस्पताल खोलें, जहां उन्होंने डॉक्टर बनने के सपने को साकार किया। उनके इसे सपने को पूरा करने के लिए ससुराल वाले भी पूरी तरह साथ… http://dlvr.it/T92WGw
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