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लौकी के घरेलू उपचार
सब्जी के रुप में खाए जाने वाली लौकी हमारे शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है। लौकी के बीज का तेल यह बेल पर पैदा होती है और कुछ ही समय में काफी बड़ी हो जाती है। वास्तव में यह एक औषधि है और इसका उपयोग हजारों रोगियों पर सलाद के रूप में अथवा रस निकालकर या सब्जी के रुप में एक लंबे समय से किया जाता रहा है। लौकी को कच्चा भी खाया जाता है, यह पेट साफ करने में भी बड़ा लाभदायक साबित होती है और शरीर को स्वस्य और शुद्ध भी बनाती है। लंबी तथा गोल दोनों प्रकार की लौकी वीर्य वर्धक , पित्त तथा कफनाशक और धातु को पुष्ट करने वाली होती है।आइए इसके औषधीय गुणों पर एक नज़र डालते हैं| लौकी का जूस हैजा होने पर 25 एम.एल. लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे मूत्र बहुत आता है। खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है। लौकी के फायदे हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
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सीने में दर्द का घरेलु उपचार
5 ग्राम सूखा धनिया, 2 ग्राम कालानमक, 1 ग्राम हींग सीने में दर्द का घरेलु उपचार और 5 ग्राम अजवायन को मिलाकर चूर्ण बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन करना चाहिए। इससे छाती की जलन दूर होती है।
गाजर को उबालकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करने से छाती का दर्द समाप्त होता है।
अनार का 10 मिलीलीटर रस और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से हृदय मजबूत होता है और छाती का दर्द दूर होता है।
* सावधानी व भोजन :
छाती के दर्द से पीड़ित रोगी को चावल, खुश्क चीजे, तली हुई सीने में दर्द का घरेलु उपचार वस्तुएं आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। रोगी को खट्टी चीजों को सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे छाती की जलन बढ़ती है।
ठंड़ा दूध दिन में कई बार सेवन करना चाहिए। हरा धनिया और पोदीने की चटनी खानी चाहिए। ��ोजन के बाद टहलना भी रोगी के लिए बेहद लाभकारी होता है।
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चुकंदर खाने के फायदे क्या है।
(1) चुकंदर से पौष्टिक तत्वों की कमी होगी पूरी चुकंदर का सेवन करने से एनीमिया, कब्ज, माहवारी की समस्या दूर होती है।
(2) चुकंदर का सेवन शरीर में खून की मात्रा बढ़ाता है, इसलिए महिलाओं के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है।
(3) चुकंदर का सेवन सलाद व जूस के रूप में करना काफी फायदेमंद होता है। चुकंदर के फायदे इसमें आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, विटामिन डी और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।
(4) आयुर्वेद में बताया गया है कि यह खून तो बढ़ाता ही है, साथ ही पेशाब संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है।
(5) चुकंदर में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जिस वजह से ये कब्ज और बवासीर की तकलीफ को दूर करने में सहायक होता है।
(6) चुकंदर का सेवन शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देता है और इस कारण रक्त साफ हो जाता है। इसे नियमित खाया जाए तो ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है।
(7) चुकंदर ��रीर में कैल्शियम को बढ़ाता है, चुकंदर खाने के फायदे क्या है जिस��े हड्डियां मजबूत होती हैं।
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संगीत द्वारा रोगों का इलाज
सोलह बरस की बाली उमर को सलाम;– फिल्म एक दूजे के लिए अवसाद, अल्जाइमर और डेमेन्सिया;- इन मानसिक रोगों के उपचार में संगीत बेहद कारगर साबित हुआ है। संगीत द्वारा रोगों का इलाज ऐसे उपचार के दौरान यदि संगीत मरीज के पंसद का हो तो उसका असर और बेहतर होता है। यह सिर्फ एक कथन नहीं है बल्कि परीक्षणों में यह साबित हुआ है। नकारत्मक सोच:- नियमित तौर पर कर्णप्रिय संगीत सुनने से जीवन के प्रति नकारात्मक सोच और तनाव जैसी चीजों से छुटकारा मिलता है। यह दिलो दिमाग को ताजा रखता है और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है। मलेरिया:- राग मालकौंस,जो कि भैरवी थाट का प्रसिध्द राग है,इस राग को मार्वा राग के साथ गाया जाए तो मलेरिया नियंत्रित होता है। राग मालकौंस हिन्डोल बुखार के तापक्रम को कम कर देता है। तनाव:- राग दरबारी का बडा खमाज और राग पूरिया मानसिक तनाव को कम करते है। राग भोपाली व टोडी अति तनाव की स्थिति को ठीक कर देते है। थकावट:- जब बादशाह अकबर दिनभर के राजका�� से थक हार कर रात्रि विश्राम करते थे तो तानसेन राग दरबारी सुनाकर उनका दिमागी तनाव दूर करता था। मधुरता:- राग पूरिया घनाश्री मन को मधुरता और स्थिरता प्रदान करता है, राग बागेश्वरी मन में शान्त संगीत द्वारा रोगों का इलाज सुखदायी और आनंददायी भावनाएं उत्पन्न करने वाला राग है।राग असावरी निम्र रक्तचाप ( लो बीपी) में राग चन्द्रकौंस दिल की बीमारी के लिए गाया जाता है। मानसिक पीड़ा:- राग तिलक कामोद तथा विहाग अनिन्द्रा तथा मानसिक पीडीतों के लिए उत्तम है । सभी राग यू ट्यूब पर उपलब्ध है । संगीत द्वारा रोगों का इलाज अपनी जरूरत अनुसार इन्हे डाउन लोड कर सकते है । सुन कर देख लेना जो बहुत अच्छा लगे उसे अपना लेना । कोशिश करो बहुत कम आवाज में 24 घंटे ये सुनते रहें । संगीत द्वारा रोगों का इलाज रात को घर के एक कोने में यह संगीत लगा कर छोड़ दें । यह आवाज इतनी कम रखनी है ताकि किसी की नींद खराब ना हो । इस की कम आवाज वायु में कम्पन फैला देती है जिसे हमारा मन कैच कर लेता है।
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कुंडली में तलाक का योग
सब लॉर्ड के सब लॉर्ड की भूमिका:- कुंडली में तलाक का योग एडवांस कृष्णमूर्ति पद्धति के अनुसार किसी भी भाव का रिजल्ट उस भाव के सब लॉर्ड के द्वारा देखा जाता है! फाइनल रिजल्ट के लिए सब लॉर्ड के सब लॉर्ड को भी देखा जाता है!
उदाहरण के लिए यदि सातवें भाव का सब लॉर्ड शनि है!
शनि – 2,11 – prime signification, बुध – 7,8 – Prime 9 – general, 4,12 – Negative link. शुक्र (UNTENANTED) 5,6,8, – prime signification, 10- general signification यहां शुक्र वैवाहिक जीवन के लिए पूरी तरह से निगेटिव है, और शुक्र का नक्षत्र स्वामी एवं उप नक्षत्र स्वामी शुक्र ही बना हुआ है! और यदि जीवन साथी की कुंडली भी इसी प्रकार की हुई तो फिर शनि/ राहु/ केतु की दशा में अलगाव की प्रबल संभावना बनेगी! कुण्डली के सप्तम भाव तथा बारहवें भाव पर विचार करें। लग्न लग्नेश लग्नेश-लगनस्थ पर अवश्य विचार करें।
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घरेलू आयुर्वेद से एसीडिटी का इलाज
एसीडिटी की शिकायत होने पर सुझाव घरेलू आयुर्वेद से एसीडिटी का इलाज आंवला चूर्ण को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आपको एसीडिटी की शिकायत होने पर सुबह- शाम आंवले का चूर्ण लेना चाहिए।
एसिडिटी का घरेलू इलाज अदरक के सेवन से एसीडिटी से निजात मिल सकती हैं, इसके लिए आपको अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर गर्म पानी में उबालना चाहिए और फिर उसका पानी अदरक की चाय भी ले सकते हैं।
मुलैठी का चूर्ण या फिर इसका काढ़ा भी आपको एसीडिटी से निजात दिलाएगा इतना ही नहीं गले की जलन भी इस काढ़े से ठीक हो सकती है।
नीम की छाल को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर पानी से लेने से एसीडिटी से निजात मिलती है।
इतना ही नहीं यदि आप चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहते तो रात को पानी में नीम की छाल भिगो दें और सुबह इसका पानी पीएं आपको इससे निजात मिलेगी।
मुनक्का या गुलकंद के सेवन से भी एसीडिटी से निजात पा सकते हैं, एसिडिटी क्यों होती है इसके लिए आप मुनक्का को दूध में उबालकर ले सकते हैं या फिर आप गुलकंद के बजाय मुनक्का भी दूध के साथ ले सकते हैं।
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पेट के मोटापे की चर्बी गलाने की औषधियाँ
अलसी पेट के मोटापे की चर्बी गलाने की औषधियाँ ये पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका यूज करने के लिए बीज को4 मिनट तक गर्म करना होगा । जीरा सूखा हुआ जीरा लें, अगर आपको लगता है कि उसमें नमी है तो उसे धूप में सुखा लें।पेट के मोटापे की चर्बी गलाने की औषधियाँ जीरा मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे चर्बी घटती है। अजवाइन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है। ये भी चर्बी घटाने में मदद करती है। औषधियों का कारगर चूर्ण बनाने का तरीकाइस चूर्ण को बनाने के लिए आपको 3 चम्मच असली के बीज, 2 चम्मच जीरे, 2 चम्मच अजवाइन को लेना है। लसी का बीज सिके हुए होंगे। इन तीनों को अच्छे से मिलाकर पीस लें। अब चूर्ण तैयार हो जाएगा। ये चूरन पेट की चर्बी को तेजी से पिघलाएगा।
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तेजपत्ता के गुण और उपयोग।
तेजपत्ता के गुण और उपयोग। तेजपत्ता मधुमेह, अल्ज़ाइमर्स, बांझपन, गर्भस्त्राव, खांसी जुकाम , जोड़ो का दर्द, रक्तपित्त, रक्तस्त्राव, दाँतो की सफाई, सर्दी जैसे अनेक रोगो में उपयोगी है। ये हमेशा हरा रहने वाले पेड़ तमाल वृक्ष के पत्ते हैं इसको तमालपत्र, तेज पात या तेजपत्ता कहते हैं। तेजपात मसाले के रूप में बहुतायत में काम लेते हैं। यह सिक्किम, हिमालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में पैदा होते हैं। तेजपात पेड़ से पत्ते तोड़कर धुप में सुखाकर पंसारी की दुकानो पर बेचे जाते हैं। तेजपत्ता में दर्दनाशक, एंटी ऑक्सीडेंट गुण हैं। तेजपत्ता मधुर, कुछ तीक्षण, उष्ण, चिकना, तैलीय होता हैं। वात, कफ नाशक और पाचक होता हैं। आयुर्वेद में अनेक गंभीर रोगो में इसके उपयोग किये जाते हैं। आइये जाने।मधुमेह में तेजपत्ते के प्रयोग तेजपत्ता को पीसकर बहुत बारीक चूर्ण बना ले। इसकी एक चम्मच नित्य तीन बार पानी से फंकी लेने से मधुमेह के रोगी को शीघ्र लाभ होता हैं। रक्तशर्करा शीघ्र घट जाती हैं। रात को एक चम्मच तेजपात का पाउडर एक कांच के गिलास में डालकर तीन चौथाई गिलास पानी से भर कर चम्मच से अच्छी तरह हिलाएं और ढक कर रख दे। सवेरे उस गिलास के पानी पर जैली जैसी परत जमी हुयी दिखेगी। इस परत को हटा कर फेंक दीजिये, और पानी को मलमल के कपडे से छानकर पियें। इसके बाद आधा घंटा कुछ भी ना खाए पियें। रात को पीसी हल्दी आधा चम्मच सोते समय एक कप पानी में घोलकर पियें। इसके बाद ठंडा पानी या दूध ना पियें। यह प्रयोग लम्बे समय तक करते रहे। मधुमेह नियंत्रण में रहेगा।
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अखरोट के अनजाने लाभ
(1) पौष्टिकता से भरा अखरोट:- नट्स में वसा की मात्रा मानी जाती है और इसलिए इन्हें वजन बढ़ाने वाला माना जाता है। अखरोट के अनजाने लाभ लेकिन, हकीकत इससे जरा अलग है। अखरोट भी ऐसा ही ‘नट’ है। इसमें कई पौष्टिक तत्व होते हैं। आइए जानें क्या हैं अखरोट के फायदे-
(2) वजन कम करे:- अखरोट वजन कम करने में मदद करता है। एक औंस यानी करीब 28 ग्राम अखरोट में 2.5 ग्राम ओमेगा थ्री फैटी एसिड, 4 ग्राम प्रोटीन और 2 ग्राम फाइबर होता है जिससे लंबे समय तक तृप्ति की भावना बनी रहती है। वजन कम करने के लिए जरूरी है कि आपका पेट भरा रहे। तो अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो आपको अखरोट को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।
(3) नींद दिलाये:- नट्स आपकी नींद सुधार सकते हैं, इनमें मेलाटोनिन हॉरमोन होता है, जो नींद के लिए प्रेरित करना और नींद को नियंत्रित करता है। अगर आप शाम को या सोने से पहले अखरोट खायें तो इससे आपकी नींद में सुधार आए।
(4) बालों के लिए फायदेमंद:- अखरोट आपके बालों के लिए भी फायदेमंद होता है। अखरोट में मौजूद विटामिन बी7 होता है जो आपके बालों को मजबूत बनाने का काम करता है। विटामिन बी7 बालों का गिरना रोककर उन्हें बढ़ाने में मदद करता है।
(5) दिल की बीमारियों से बचाए:- अखरोट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और ओमेगा थ्री फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है, अखरोट के अनजाने लाभ जो इसे दिल की बीमारियों से लड़ने में काफी असरदार बनाता है। इसके साथ ही यह बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल में इजाफा करने का भी काम करता है, जो इसे आपके दिल के लिए और भी उपयोगी बनाता है।
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अमीर कैसे बने
दिव्य शक्तियां दिमाग में सोई रहती हैं । ये जागृत नहीं होती जब तक पढ़ने लिखने की जटिल प्रक्रिया से न गुजरा जाये । पढ़ने लिखने से हमारे दिमाग में ऐसे हार्मोन पैदा होते है जो बौद्विक शक्तियों को जागृत कर देते हैं । जब हमें मखन (घी ) निकलना हो तो दही को बिलोना पड़ता । ऐसे ही अगर हमें आध्यात्मिक शक्तियां प्राप्त करनी हो तो पढ़ना-लिखना रूपी मधानी प्रयोग करनी पड़ती है । योगी भी अगर पढ़ने लिखने का कार्य नहीं करेगा तो वह उच्च दिव्य शक्ति सम्पन्न नहीं बनेगा । सिर्फ योग लगाता है और नई चीजे नहीं पढता तो उसका आन्तरिक विकास रुक जायेगा । जिस समय हम लिखते है तो हमारा दिमाग अलग ढंग से सोचने लगता है । अमीर कैसे बने जब कि खाली समय कुछ न कुछ व्यर्थ आता रहता है । जो लोग सिर्फ सत्संग सुनते है,वीडियो देखते है, ऑडियो सुनते है और नाम मात्र पाठ की तरह मुरली पढ़ते है तो उन व्यक्तियों के दिमाग का विकास अलग ढंग से होता है । ऐसे लोग लकीर के फकीर होते है । सिर्फ मुरली ही पढ़नी है । अमीर कैसे बने सिर्फ गीता ही पढ़नी है । सिर्फ कुरान ही पढ़ना है ।
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बासी रोटी खाने के फायदे
खाने की कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें बासी खाया जाए तो, सेहत के लिये बेहद फायदेमंद साबित होती हैं, इनमें से बासी रोटी या चपाती शामिल है, बासी रोटी दवाई का काम करती है। ठंडे दूध में भिगोकर खाएं बासी रोटी, जड़ से खत्म हो जाएंगे यह रोग ! हम अक्सर घर में बचा बासी खाना या तो फेक देते हैं, या फिर जानवरों को खिला देते हैं, मगर क्या आप जानते हैं कि, ठंडे दूध में बासी रोटी का रोजाना सेवन एसिडिटी, गैस, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करता है। बासी रोटी, विटामिन बी, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होती है, वहीं, ग्लूटेन से एलर्जी वाले लोग ज्वार, बाजरा, रागी जैसे अन्य आटे का विकल्प चुन सकते हैं, जो काफी हेल्दी होता है, गेहूं के आटे से बनी रोटी अगर रात में बना कर सुबह नाश्ते के दौरान या 12-15 घंटों के भीतर खाई जाए तो, इसका हेल्थ पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
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पांच आदतें जो आपको हमेशा रखेंगी थकान से दूर
भरपूर पीएं पानी :- गर्मी के मौसम में पानी की कमी से थकान होने लगती है और आप चाहें कितना भी आराम कर लें, आपके शरीर में थकावट बरकरार रहती है। नेचुरल हाइड्रेशन काउंसिल के शोधकर्ताओं के मुताबिक, कम पानी रक्त के स्तर को कम करता है, जिससे शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
मोबाइल से तौबा :- 5 आदतें हर वक्त मोबाइल से चिपके रहने की आदत से तौबा कर लें। सोने से पहले फोन चेक करने की आदत से आपकी नींद खराब होती है क��योंकि सोने के दौरान भी आदमी की दिमाग में मोबाइल चलता रहता है। पांच आदतें जो आपको हमेशा रखेंगी थकान से दूर मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी दिमाग के लिए खतरनाक है और यह सुस्ती पैदा करती है।
व्यायाम जरूरी :- 5 आदतें व्यायाम को थकान से जोड़ना सरासर गलत है, पांच आदतें जो आपको हमेशा रखेंगी थकान से दूर बल्कि व्यायाम ताजगी और भरपूर नींद लाने में काफी सहायक है। यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के एक शोध के मुताबिक, जो वयस्क हफ्ते में तीन दिन कम से कम 20 मिनट के लिए व्यायाम करते हैं।5 आदतें उन्हें थकान बिल्कुल भी नहीं होती है। 4.भोजन करें जल्दी :- देर रात में भोजन करने की आदत आपकी सुस्ती का कारण हो सकती है। कई लोग ऑफिस या पार्टी के चक्कर में देर रात तक खाना खाते हैं, पांच आदतें जो आपको हमेशा रखेंगी थकान से दूर tyoजिससे रात में नींद में परेशानी होती है। इससे आपका पूरा दिन खराब हो सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, 5 आदतें रात में जल्दी खाना आपको चुस्ती देता है।
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आंवले की चाय पीने के फायदे
आंवले की चाय पीने के फायदे में खट्टा और औषधीए गुणों से भरपूर आंवला का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। वहीं, इसकी चाय का सेवन किसी रामबाण औषधी से कम नहीं है। जी हां, आंवले की पत्तियों की चाय डायबिटीज से लेकर मोटापा कम करने में मददगार होती है। डायबिटीज में फायदेमंद :- आंवले की चाय पीने के फायदे फाइबर से भरपूर आंवला की चाय खून में शुगर को क्रमिक या धीरे-धीरे रिलीज करती है। इससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है। वहीं, रोजाना इसका सेवन टाइप-2 डायबिटीज नहीं होने देता। इम्यूनिटी बढ़ाए :- एंटीओक्सिडेंट से भरपूर रोजाना 1 कप आंवला की चाय पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इससे ना सिर्फ आप कोरोना वायरस से बचे रहेंगे बल्कि यह मानसून में होने वाली बैक्टीरियल व वायरल बीमारियों से भी बचाव करेगा। सर्दी-खांसी से राहत :- इस चाय का सेवन मानसून में होने वाली सर्दी-खांसी, जुकाम व गले में खराश से भी राहत देता है। साथ ही इसका सेवन वायरल फीवर में भी फायदेमंद है।
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नीम ऑइल के फायदे
योग चिकित्सा एवं प्राकृतिक उपचारओं के माध्यम से शरीर को निरोगी बना सकते हैं अपनी दुआओं में हमें याद रखें।
इंफेक्शन को दूर करें:- नीम ऑइल के फायदे अगर आपके शरीर में कहीं भी फंगल इंफेक्शन हो रहा है तो बाजरू क्रीम की बजाय घर पर नीम का तेल बनाएं और उस जगह पर इस तेल को लगाएं. इससे फंगल में जल्द ही रोहत मिल सकती है.
बालों के लिए है रामबाण:- बालों को हेल्दी, घने औऱ सिल्की बनाने के लिए आप न जाने क्या-क्या उपाय करते हैं लेकिन यहां आपके लिए रामबाण दवाई है नीम का तेज यह तेल आपके बालों के लिए काफी असरदार हो सकता है. जो बालों को झड़ने से रोक सकता है. साथ ही बालों को घना और लंबा बनाने में भी मदद कर सकता है.
गठिया में भी असरदार:- नीम के फलों और छालों का प्रयोग गठिया के इलाज लिए लाभकारी माना जाता है. गई गठिया रोगी नीम का प्रयोग बीमारी से राहत पाने में करते हैं! नीम के फल से निकाले गए तेल की मालिश करने से जोड़ो के दर्द में राहत मिल सकती है. पीठ के निचले हिस्से पर ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द को कम करने के लिए नीम की पत्तियों का लेप भी लगाया जा सकता है.
मच्छरों से छुटकारा:- मच्छर दब परेशान करते हैं ��ो आप बाजार से मच्छरों को भगाने के लिए दवाई ले आते हैं ऐसा न करके आप नीम के तेल से मच्छरों को आसानी से भगा सकते हैं. इसके लिए पानी में नीम के तेल को मिलाए और पूरे घर में स्प्रे से छिड़क दें…
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दिमाग को शक्तिशाली बनाये
दिमाग को शक्तिशाली बनाये भी आप का मन फास्ट फूड व जंक फूड खाने को करे या आप अति व्यस्तता के कारण इन चीजो का सेवन करते है तो समझो आप अपने दिमाग को कमजोर कर रहे है । आप एक बार जब भी ऐसा भोजन लेवे तो तुरंत समझो उस दिन आप का दिमाग थोड़ा सा कमजोर हो गया है ।दिमाग तेज करने के लिए घरेलू उपाय हमारे मस्तिष्क को अच्छी तरह से काम करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है और ये जरूरत अक्सर हमारी डेली डाइट से पूरी नहीं हो पाती है. जबकि हमारा संपूर्ण स्वास्थ्य हमारे दिमाग पर निर्भर करता है. इसलिए हमें अपनी ब्रेन की हेल्थ का खास ध्यान रखना चाहिए. इस आर्टिकल में बताए गए खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल कर आप अपने शरीर के साथ ही अपने दिमाग को भी चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं. दिमाग तेज करने की आयुर्वेदिक दवा, याददाश्त बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा, पढ़ाई में दिमाग तेज करने का तरीका, दिमाग तेज करने की मेडिसिन नाम, बुद्धि तेज करने के उपाय, स्मरण शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा, दिमाग तेज करने के लिए घरेलू उपाय, याददास्त बढाने का तरीका, याददाश्त कैसे बढ़ाये, मेमोरी पावर बढ़ाने के उपाय हमेशा घर की बनी हुई चीजे और प्रकृति से बने पदार्थ ही लेने चाहिये ।
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नींबू के सेवन से लाभ
नींबू विभिन्न रोगों को नष्ट करनेवाले अनेक गुणों का भंडार है । नींबू के सेवन से लाभ यह अम्ल रसयुक्त, पचने में हलका, प्यास को कम करनेवाला, पेशाब को खुलकर लानेवाला, कृमिनाशक तथा वायुशामक होता है । नींबू के सेवन से लाभ भूखवर्धक, भोजन में रूचि बढ़ानेवाला तथा पाचन में सहायक होता है । यह आँखों एवं हृदय के लिए हितकर है । पेटदर्द तथा बुखार में लाभदायी है । यह रक्तपित्त का शमन करता है । जिनकी जठराग्नि मंद हो गयी हो, जो कब्ज व हैजा रोग से ग्रसित हों ऐसे लोगों को नींबू खिलाना हितकर है । आधुनिक अनुसंधानों के अनुसार नींबू में प्रबल कीटाणुनाशक शक्ति पायी जाती है तथा यह रोगप्रतिकारक क्षमता को बढ़ता है । विटामिन ‘सी’ की प्रचुरता के कारण नींबू स्कर्वी रोग से सुरक्षित रखता है । इसमें साइट्रिक एसिड तथा कैल्शियम, फॉस्फोरस आदि खनिज तत्त्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं । इसमें निहित बायोफ्लेवोनोइड्स(bioflavonoids) नामक एंटी-ऑक्सीडेंट्स स्वास्थ्य के लिए लाभदायी है । नींबू के सेवन से लाभ नींबू के सेवन से त्वचा में निखार आता है, वजन कम करने में मदद मिलती है, रक्तदाब(B.P.) नियंत्रित (कम) रहता है तथा रक्तवाहिनियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । यह हृदयरोगों, पक्षाघात (paralysis), कैंसर आदि से रक्षा करता है । कैंसर होने पर यह औषधि के रूप में भी अत्यंत लाभदायी है । यह दाँतों व मसूड़ों के विभिन्न रोगों में भी फायदेमंद है ।
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