Don't wanna be here? Send us removal request.
Text


मेरी किताब “रिदम-ए-अल्फ़ाज़” को आज एक मंज़िल मिली है। श्री अमिताभ बच्चन @srbachchan जी, मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा। आज ऐसा लग रहा है जैसे अरसे से भटक रहे मेरी रूह से निकले बेचैन शब्दों को आपने गले से लगा लिया हो। मेरी भोली किताब के वो पन्नों ने जब आपके हाथों को स्पर्श किया होगा, तो कुछ कमाल हुआ होगा। जो पहले कभी नहीं हुआ। आपकी कलम से मेरी किताब पे निकली इस स्याही को चूम रहा हूँ मैं। आशा करता हूँ कुछ पंक्तियां आपके दिल में उतर जाने के क़ाबिल होंगी। और शायद वे आपके दिल में बस के रह जाना ही चाहती होंगी।
प्यार, प्यार, और सिर्फ प्यार।
आपका सदैव आभारी
- रिदमदीप 🎭
1 note
·
View note