#ministryofhumanresourcedevelopment
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dronacharyacollege · 3 years ago
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Winner of Essay Competition
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Winner of Essay Competition Organized by Dronacharya College of Engineering on occassion of "Indian Constitution Day" on 26th November, 2022..
Congratulation to "Anuradha Yadav". You have expressed yourself very nicely and you have good knowledge of constitution as well.
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biglisbonnews · 2 years ago
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India's elite educational institutions have seen 61 deaths by suicide in five years Sixty-one students have died by suicide over the past five years at India’s premier institutions of higher education, government data show.Read more... https://qz.com/iits-iims-nits-saw-61-deaths-by-suicide-in-five-years-1850272248
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय रखने को लेकर मंजूरी दे दी है। इसे लेकर सोमवार रात अधिसूचना जारी की गई जिसके मुताबिक, पिछले महीने के अंत में ही केंद्र सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने पर मंजूरी दें दी थी। साथ ही मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है। President Ram Nath Kovind notifies Union Cabinet's decision to rename Ministry of Human Resource Development (HRD) as Ministry of Education. pic.twitter.com/EL5hhteZ3r — ANI (@ANI) August 17, 2020 34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति बता दें प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान 1985 में शिक्षा मंत्रालय का नाम एचआरडी मंत्रालय किया गया था। पीवी नरसिंह राव पहले एचआरडी मंत्री बने थे। पिछले महीने ही के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले साल मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नई शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था। 34 साल बाद भारत की नई शिक्षा नीति आई है। स्कूल-कॉलेज की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं। नई शिक्षा नीति अगले साल से प्रभावी हो जाएगी। पीएम मोदी ने की थी नई शिक्षा नीति की तारीफ नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई अहम बदलाव किए गए हैं। मंत्रालय ने इस मसौदे पर लोगों को अपना सुझाव देने के लिए कहा था। इस मसौदे पर दो लाख से अधिक सुझाव मिले थे। प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन में इस नई शिक्षा नीति की तारीफ की थी। ये भी पढ़े... भारत को महाशक्ति बनाने के लिए नई शिक्षा नीति 2020, जानिए नई शिक्षा नीति पर पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें विस्तृत में जानिए नई शिक्षा नीति की 6 खास बातें HRD का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया, 4 साल बाद आई भारत की नई शिक्षा नीति Read the full article
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dronacharyacollege · 3 years ago
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Essay Competition on occassion of Indian Constitution Day
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Dronacharya College Of Engineering, Gurgaon is organizing an "Essay Competition" on occassion of "Indian Constitution Day" on 26th November, 2022. Topic-"Uniform Civil Code(Article-44) may be the better option for uniformity".
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chaitanyabharatnews · 5 years ago
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विस्तृत में जानिए नई शिक्षा नीति की 6 खास बातें
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने आज नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। ये बहुप्रतीक्षित नीति स्कूल से कॉलेज स्तर तक शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव लाएगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, कैबिनेट बैठक में आज नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है। 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था, इसलिए ये बेहद महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं नई शिक्षा नीति की 6 खास बातें... National mission to focus on basic literacy and basic numeracy; major changes in the pedagogical structure of curriculum with no rigid separation between streams; all separations between vocational and academic and curricular and extra-curricular will also be removed pic.twitter.com/O5tQTwaUY9 — ANI (@ANI) July 29, 2020 पहला- नई शिक्षा नीति में भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है। छात्र 2 से 8 साल की उम्र में जल्दी भाषाएं सीख जाते हैं। इसलिए उन्हें शुरुआत से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा देने का प्रावधान रखा गया है। नई शिक्षा नीति के मुताबिक, छात्रों को कक्षा 6वीं से 8वीं के बीच कम से कम दो साल का लैंग्वेज कोर्स करना होगा। दूसरा- नई शिक्षा नीति केंद्र सरकार द्वारा नया पाठ्यक्रम तैयार करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। यह नया प्रस्ताव 5+3+3+4 का डिजाइन तय किया गया है। ये पाठ्यक्रम 3 से 18 साल तक के बच्चों यानी नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है। छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए 5 साल का प्रोग्राम तय किया गया है। इनमें 3 साल प्री-प्राइमरी और कक्षा-1 और 2 को जोड़ा गया है। इसके बाद कक्षा-3, 4 और 5 को अगले स्टेज में रखा गया है। इसके अलावा क्लास-6, 7, 8 को तीन साल के प्रोग्राम में बांटा गया है। आखिरी 4 वाले में हाई स्टेज में कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं को रखा गया है। तीसरा- केंद्र सरकार ने बताया है कि, पुरानी व्यवस्था में 4 साल इंजीनियरिंग पढ़ने के बाद या 6 सेमेस्टर पढ़ने के बाद यदि कोई छात्र आगे नहीं पढ़ सकता है तो उसके पास कोई उपाय नहीं है।फिर छात्र आउट ऑफ द सिस्टम हो जाता है। लेकिन अब नई शिक्षा नीति में थोड़ा सा बदलाव किया गया है। नए सिस्टम में एक साल के बाद सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा, तीन या चार साल के बाद डिग्री मिल सकेगी। चौथा- मल्टीपल एंट्री थ्रू बैंक ऑफ क्रेडिट के तहत छात्र के फर्स्ट, सेकेंड ईयर के क्रेडिट डिजीलॉकर के माध्यम से क्रेडिट रहेंगे। जिससे कि अगर छात्र को किसी कारण ब्रेक लेना है और एक फिक्स्ड टाइम के अंतर्गत वह वापस आता है तो उसे फर्स्ट और सेकंड ईयर रिपीट करने को नहीं कहा जाएगा। छात्र के क्रेडिट एकेडमिक क्रेडिट बैंक में मौजूद रहेंगे। यानि की स्पष्ट है कि छात्र अपनी आगे की पढ़ाई में भी उसका इस्तेमाल कर सकेंगे। पांचवां- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत एमफिल पाठ्यक्रमों को बंद किया जाएगा। साथ ही बोर्ड परीक्षाएं जानकारी के अनुप्रयोग पर आधारित होंगी। छठा- नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक कई सारे अहम बदलाव किए गए हैं। हायर एजुकेशन के लिए सिंगल रेगुलेटर रहेगा (लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर)। उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी GER पहुंचने का लक्ष्य है। Read the full article
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