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सतलोक आश्रम धनाना धाम की ऐसी व्यवस्था आपने शायद ही पहले कभी देखी हो | Sa...
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सतलोक आश्रम सोजत राजस्थान में 510वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के उपलक्ष में लगाए गए रक्तदान शिविर
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#MiracleOfGodKabir_In_1513
एक शेखतकी नाम के मुस्लिम पीर ने झूठी चिट्ठी लिखकर 18 लाख साधु संतों को आंमत्रण भिजवा दिया कि इस दिन कबीर सेठ भंडारा कराएंगे।
परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने सतलोक जाकर केशव बंजारा (व्यापारी) रुप बनाया फिर वहीं के हंसात्माओं(मनुष्यों) को बैल बनाकर खाने पीने का समान लादकर लाए और अद्भुत भंडारा कराया था।
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#MiracleOfGodKabir_In_1513
अपरमपार पार गति तेरी, कित उतरी जल धारा।।
उस भंडार���(लंगर) में नौ लाख भोजन करने वालों को पानी भी मिट्टी के सकोरों में पिलाया जा रहा था जो उस समय प्रचलित थे। संत गरीबदास जी ने कहा है कि वह स्वच्छ पीने के पानी की धारा कहां से उतरी जो ऊपर से ट्यूबलवैल की तरह गिर रही थी। मटके भर-भरकर रखे जा रहे थे। उन्हीं से भण्डारे में पीने के लिए प्रयोग किया जा रहा था।
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#MiracleOfGodKabir_In_1513
510 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी 18 लाख लोगों के लिए भोजन भंडारा सतलोक से लाये तथा प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर और एक मोहर दी। इसी को "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
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#MiracleOfGodKabir_In_1513
510 वर्ष पूर्व जुलाहे की भूमिका करते हुए पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ने अठारह लाख साधु संतों को भोजन कराया। सारा भोजन भंडारा सतलोक से लाये तथा प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर और एक मोहर दी। वह अलौकिक भंडारा लगातार तीन दिनों तक चलता रहा।
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#MiracleOfGodKabir_In_1513
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर अद्भुत जानकारी
परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा(व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे(थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
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सभी धर्मों के मानवों को कर्म फल तीनों देवता देते हैं लेकिन इस दिवाली पर ये भी जानिए ये देवता किस प्रकार प्रारब्ध से भी अधिक लाभ दे सकते हैं ?
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#BookForHinduSaheban_OnDiwali
दिवाली पर जानिए तीर्थ स्थलों की स्थापना कैसे हुई तथा तीर्थ स्थलों पर जाने से क्या लाभ मिलता है?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
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#BookForHinduSaheban_OnDiwali
आखिर दशरथ पुत्र राम से भिन्न, कौन है वह "आदिराम" जिसके आदि सनातन धर्म का अनुसरण करने पर ही विश्व से अंधकार की शक्तियाँ समाप्त होकर सच्चे अर्थों में रामराज्य स्थापित होगा ।
इस गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक ‘हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण' ।
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#BookForHinduSaheban_OnDiwali
आखिर दशरथ पुत्र राम से भिन्न, कौन है वह "आदिराम" जिसके आदि सनातन धर्म का अनुसरण करने पर ही विश्व से अंधकार की शक्तियाँ समाप्त होकर सच्चे अर्थों में रामराज्य स्थापित होगा ।
इस गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक ‘हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण' ।
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शिवलिंग की पूजा कैसे प्रारंभ हुई ?
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वेदों अनुसार भक्ति साधना अर्थात सनातनी पूजा कब तक चली ?
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तीर्थ स्थल केदारनाथ, पशुपतिनाथ की स्थापना कैसे हुई?
जानने के लिए हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
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#SaviorOfTheWorldSantRampalJi
जय गुरुदेव पंथ के संस्थापक तुलसीदास जी द्वारा 7 सितंबर 1971 को लिखी उपरोक्त भविष्यवाणी सिर्फ संत रामपाल जी महाराज पर ही सही बैठती है क्योंकि 8 सितंबर 1951 को अवतरित हुए संत रामपाल जी महाराज 7 सितंबर 1971 को पूरे 20 वर्ष के हो गए थे।
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#SaviorOfTheWorldSantRampalJi
इजरायल के प्रो. हरार के अनुसार भारत देश का एक दिव्य महापुरूष मानवतावादी विचारों से सन् 2000 ई. से पहले-पहले आध्यात्मिक क्रांति की जड़ें मजबूत कर लेगा व सारे विश्व को उनके विचार सुनने को बाध्य होना पड़ेगा। भारत के अधिकतर राज्यों में राष्ट्रपति शासन होगा, पर बाद में नेतृत्व धर्मनिष्ठ वीर लोगों पर होगा। जो एक धार्मिक संगठन के आश्रित होगें।
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