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aartigyan · 1 year ago
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aartigyan · 1 year ago
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गुप्त नवरात्रि दस देवियों के नाम | Gupt Navratri 2024 date
Gupt Navratri 2024 date
Gupt Navratri –  गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार मनाई जाती है - एक बार माघ (जनवरी-फरवरी) महीने में और दूसरी बार आषाढ़ (जून-जुलाई) महीने में। गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तंत्र साधना और गुप्त साधना के लिए जानी जाती है।
गुप्त नवरात्रि 2024  gupt navratri 2024 date
गुप्त नवरात्री 2024 में 6 जुलाई शनिवार 2024 को पर्व प्रारंभ होकर दिन 16 जुलाई, मंगलवार 2024 तक जारी रहेगा | 
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नवरात्रि हिंदुओं का एक मुख्य त्यौहार है | साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है जो - चैत्र, माघ, आषाढ़, आश्विन माह में मनाई जाती हैं | गुप्त नवरात्रि की पूजा प्रत्यक्ष नवरात्रि से अलग होती है | प्रत्यक्ष नवरात्री में नो देवियो की पूजा की जाती है | और गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है | 
गुप्त नवरात्रि दस देवियों के नाम
दस देवियों के नाम क्रम से इस प्रकार है - (1) काली, (2) तारा, (3) त्रिपुर-सुंदरी (सोदासी), (4) भुवनेस्वरी, (5) छिन्नमस्ता, ( 6) भैरवी, (7) धूमावती, (8) बगलामुखी, (9) मातंगी, और (10) कमला। अधिकांश स्रोतों में दस देवियो का वर्णन इस प्रकार किया गया है |
पूजन विधि -
गुप्त नवरात्रि पर्व के दिनों में सुबह जल्द उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
देवी पूजन की सभी साम���्री को एकत्रित करें। पूजा की थाल सजाएं।
मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में सजाएं।
मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें।
पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें
इसमें पहले कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर नारियल रखें।
फिर कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधें
अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें
फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें
पूरे परिवार सहित माता का स्वागत करें, उनका पूजन, आरती करके भोग लगाएं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें���
नौ दिनों तक मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं।
गुप्त नवरात्रि अंतिम दिन दुर्गा पूजा के बाद घट विसर्जन करें।
मां की आरती गाएं, उन्हें फूल, अक्षत चढ़ाएं और बेदी से कलश को उठाएं।
इस तरह नवरात्रि के पूरे दिनों में मां की आराधना करें।
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