⭐ विश्व के सभी महान भविष्य वक्ताओं की भविष्यवाणियों के अनुसार भारत का एक महापुरुष विश्व को मानवता के सूत्र में बांध देगा व हिंसा, दुराचार, कपट संसार से सदा के लिए मिटा देगा वह महापुरुष कोई और नहीं बल्कि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज है जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है। इस उपलक्ष में 9 सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय निशुल्क विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इस भंडारे में देसी घी से निर्मित भोजन, गरीब दास जी महाराज की अमर वाणी का तीन दिवसीय अखंड पाठ, दहेज मुक्त शादियां, व रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है।
⭐ नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की है कि ठहरो स्वर्ण युग आ रहा है। एक महापुरुष आध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति लाएगा। जिसके नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा। वह महान संत रामपाल जी महाराज जी है जिनके बोध दिवस के उपलक्ष में 17 फरवरी को 9 सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय 15,16, 17 फरवरी को निशुल्क विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इस भंडारे में शुद्ध देसी घी से निर्मित भोजन, गरीब दास जी महाराज की अमर वाणी का अखंड पाठ, दहेज मुक्त शादियां, व रक्तदान शिविर, का आयोजन भी किया जा रहा है।
पवित्र बाइबिल में लिखा है कि जीसस के शरीर छोड़ने के बाद कोई अन्य मसीहा विश्व में आएगा, जो विश्व में शांति स्थापित करेगा। वही दुनिया का मुक्तिदाता होगा। वह मसीहा संत रामपाल जी महाराज जी है।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे नाम उपदेश प्राप्त करके जुड़ने के बाद जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाएंगे। सत्संग से मनुष्य को जीवन के मूल्य कर्तव्य का ज्ञान होता है, मनुष्य सारे विकार त्याग देता है। उसके जीवन में सुखों की बहार आ जाती है, किसी भी प्रकार का दुःख नहीं रहता।
🌛 काल (ब्रह्म) पुण्यात्माओं को अपना अवतार (रसूल) बना कर भेजता है। फिर चमत्कारों द्वारा उसको भक्ति कमाई रहित करवा देता है। उसी में कुछ फरिश्तों (देवताओं) को भी प्रवेश करके कुछ चमत्कार फरिश्तों द्वारा उनकी पूर्व भक्ति धन से करवाता है। उनको भी शक्ति हीन कर देता है।
💰 दहेज के कारण बेटी परिवार पर भार मानी जाने लगी है और उसको गर्भ में ही मारने का सिलसिला शुरू हैं। बेटी देवी का स्वरूप है। हमारी कुपरम्पराओं ने बेटी को दुश्मन बना दिया - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰 मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं। यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे बड़ी कोठी बड़ी महंगी कार, महंगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना- देना, बैंड- बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।
यदि वास्तव में कोई अपने पूर्वजों का हित चाहता है उनका कल्याण चाहता है तो उसे सत भक्ति करनी चाहिए। क्योंकि सत भक्ति करने का फल पूर्वजों को भी प्राप्त होता है। उन्हें भी मानव जन्म मिल जाता है व सत भक्ति से उनका भी कल्याण हो जाता है।
यदि वास्तव में कोई अपने पूर्वजों का हित चाहता है उनका कल्याण चाहता है तो उसे सत भक्ति करनी चाहिए। क्योंकि सत भक्ति करने का फल पूर्वजों को भी प्राप्त होता है। उन्हें भी मानव जन्म मिल जाता है व सत भक्ति से उनका भी कल्याण हो जाता है।
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