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आयुष राज्यमंत्री ने की प्रधानमंत्री योग पुरस्कार विजेताओं की घोषणा

केंद्र सरकार के आयुष राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने वर्ष 2019 के प्रधानमंत्री पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की। रांची के होटल रेडिशन ब्लू में प्रेस को संबोधित करते हुए श्री नाइक ने बताया कि इटली की एनतोनियेता रोजी, जापान योग निकेतन, गुजरात के लाइफ मिशन के स्वामी राजर्षि मुनि और मुंगेर के बिहार स्कूल ऑफ योग को 2019 के प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कुल 79 नामित प्रतिभागियों में उनका चयन किया गया है। उन्हें 25-25 लाख रुपये की नकद राशि, ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
आयुष राज्यमंत्री ने बताया कि इन पुरस्कारों की शुरुआत 21 जून 2016 को दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस उत्सव के मौके पर हुई थी। पीएम मोदी ने इनकी घोषणा की थी। आयुष मंत्रालय ने इन पुरस्कारों के लिए दिशा-निर्देश बनाए। इसबार के चयनित प्रतिभागियों में एनतोनिएता रोजी इटली में 42 वर्षों से योग शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। गुजरात के लिंबदी के स्वामी राजर्षि मुनि 1971 से योग के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। मुंगेर के बिहार स्कूल ऑफ योग की स्थापना 1964 में स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने की थी।
Souce : https://www.breakingnewshindi.com/state/minister-of-ayush-announced-the-winners-of-the-prime-minister-yoga-award-7299.html
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आध्यात्मिक साधना से राजनीतिक उत्पाद बना योग
इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विदेशी राजनयिकों ने दिलचस्प टिप्पणियां की हैं। विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने दिल्ली में उनके लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था। उस अवसर पर इस्राएल के राजदूत रॉन माल्का ने कहा कि मोदी का योग को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के औजार के रूप में इस्तेमाल करना काफी अच्छा काम कर रहा है और भारत-इस्राएल के संबंधों को और मजबूत बना रहा है। वहीं भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर लिंडनर ने यूएन में योग को ले जाने को मोदी की सूझबूझ का परिचय कहा। लिंडनर ने कहा कि योगा एक ऐसा उत्पाद है जिसे आप दुनिया में कहीं भी बेच सकते हैं।
योग प्राचीन काल से ही साधु-संन्यासियों की आध्यात्मिक साधना का हिस्सा था। गृहस्थों को मनाही नहीं थी लेकिन उन्हें इसकी दरकार नहीं थी। पर्यावरण संरक्षित था। बीमारियों का प्रकोप कम था। जीवन स्वस्थ था। आज यह स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक उपादान बनता जा रहा है। वैश्विक स्तर पर इसके प्रति पहले ही रूझान था, प��एम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता दिलाकर इसे ठोस कर दिया। योग का क्रेज वैश्विक स्तर पर एक नए रूप में उत्पन्न हुआ है। अब यह एक इवेंट का रूप ले चुका है जिसका राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। आज दुनिया के 170 देश योग को अपना चुके हैं। योग के जरिए वे भारत से जुड़े हैं।
वैश्विक राजनीति ही नहीं भारत की आंतरिक राजनीति में भी यह उपयोगी हथियार बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 का योग दिवस झारखंड की राजधानी रांची में मनाया। महीने भर से इसकी तैयारी की गई। करोड़ों का खर्च किया गया।
झारखंड में कुछ ह�� माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां भाजपा की सरकार है। जाहिर है इस समारोह का मतदाताओं के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पूर्व भी प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया था। इसके चुनावी नतीजे उत्साहवर्धक रहे थे। इस तरह योग का अध्यात्म जगत से राजनीति में अवतरण हो चुका है जिसका पेटेंट भाजपा के पास है।
Source : https://www.breakingnewshindi.com/state/yoga-to-be-a-political-product-from-spiritual-practice-7303.html
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