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इस विशाल भंडारे का निमंत्रण संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश विदेश में दिया जा रहा है। इसके साथ ही समाज को कबीर साहेब के सत्य ज्ञान के आधार पर बुराइयों से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।हाराज ने पूरे विश्व को सतलोक आश्रमों में आमंत्रित किया है। आप सभी सहपरिवार ज़रूर पधारें। #सहआदर_निमंत्रण

Bhandara Invitation ToThe World
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🎈कुरआन में सृष्टि रचनहार
कुरआन सूरह फुरकान 25 आयत 59
अल्ल्जी खलकस्समावाति वल्अर्ज व मा बैनहुमा फी सित्तति अय्यामिन् सुम्मस्तवा अलल्अर्शि अर्रह्मानु फस्अल् बिही खबीरन्(कबीरन्)।।59।।
भावार्थ है कि हजरत मुहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला प्रभु (अल्लाह) कह रहा है कि वह कबीर प्रभु वही है जिसने जमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्व सृष्टि की रचना छः दिन में की तथा सातवें दिन ऊपर अपने सत्यलोक में सिंहासन पर विराजमान हो (बैठ) गया। उसके विषय में जानकारी किसी (बाख़बर) तत्वदर्शी संत से पूछो।
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी हैं।

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🎈सर्व सृष्टि रचनहार कबीर परमात्माआदरणीय गरीबदास साहेब जी की अमृतवाणी में सृष्टि रचना का प्रमाणआदि रमैणी (सद् ग्रन्थ पृष्ठ नं. 690 से 692 तक)
आदरणीय गरीबदास साहेब जी कह रहे हैं कि यहाँ पहले केवल अंधकार था तथा पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी सत्यलोक में तख्त (सिंहासन) पर विराजमान थे। हम वहाँ चाकर थे। परमात्मा ने ज्योति निरंजन को उत्पन्न किया। फिर उसके तप के प्रतिफल में इक्कीस ब्रह्माण्ड प्रदान किए। फिर माया (प्रकृति) की उत्पत्ति की।

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🔹त्रेतायुग में नल तथा नील दोनों ही कबीर परमेश्वर के शिष्य थे। कबीर परमेश्वर ने नल नील को आशीर्वाद दिया था कि उनके हाथों से कोई भी वस्तु चाहें वह किसी भी धातू से बनी हो,जल में डूबेगी नहीं। परंतु अभिमान होने के कारण नल नील के आशीर्वाद को कबीर परमेश्वर ने वापस ले लिया था। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का

Kabir is God
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🔹कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया।तब कबीर परमेश्वर ने एक पहाड़ी के चारों और रेखा खींचकर उसके पत्थरों को हल्का कर दिया था। वही पत्थर समुद्र पर तैरे थे। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का

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⁵🔹त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का

Kabir is God
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🔹लंका फतह करने में बाधा बन रहे समुद्र के आगे असहाय हुए दशरथ पुत्र राम से भिन्न वह आदिराम/आदिपुरुष परमात्मा कौन है, जो त्रेतायुग में मुनींद्र ऋषि के रूप में उपस्थित थे एवं जिनकी कृपा से नल नील के हाथों समुद्र पर रखे गए पत्थर तैर पाए थे।
इस आध्यात्मिक रहस्य को जानने के लिए अवश्य देखें साधना चैनल शाम 7:30 बजे। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का

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🔹क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का


Kabir is God
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🎈गरीब, सौ छल छिद्र मैं करूं, अपने जन के काज।
हिरणाकुश ज्यूं मार हूँ, नरसिंघ धरहूँ साज।।
संत गरीबदास जी ने बताया है कि परमेश्वर कबीर जी कहते हैं कि जो मेरी शरण में किसी जन्म में आया है, मुक्त नहीं हो पाया, मैं उसको मुक्त करने के लिए कुछ भी लीला कर देता हूँ। जैसे सतयुग में प्रहलाद भक्त की रक्षा के लिए नरसिंह रूप धारण करके हिरण्यकशिपु को मारा था। #परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना

Sant Rampal Ji Maharaj
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🎈कबीर जी चारों युगों में आते हैं।
*चारों युग देखो संवादा। पंथ उजागर कीन्हो नादा।।*
*कहां निर्गुण कहां सर्गुण भाई। नाद बिना नहीं चलै पंथाई।।*(अनुराग सागर पृष्ठ 142)
उपरोक्त वाणी में परमात्मा कबीर जी अपने प्रिय शिष्य धर्मदास को समझाते हुए कहते हैं कि हे धर्मदास! मैंने चारों युगों में अपने नाद के पुत्रों से ही पंथ चलाए हैं। #परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना

Sant Rampal Ji Maharaj
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कबीर साहेब जी सतलोक से चलकर आते हैं। जैसे यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 1 में कहा है कि ‘अग्नेः तनुः असि = परमेश्वर सशरीर है। विष्णवे त्वा सोमस्य तनुः असि = उस अमर प्रभु का पालन पोषण करने के लिए अन्य शरीर है जो अतिथि रूप में कुछ दिन संसार में आता है। तत्त्व ज्ञान से अज्ञान निंद्रा में सोए प्रभु प्रेमियों को जगाता है। वही प्रमाण इस मंत्र में है कि कुछ समय के लिए पूर्ण परमात्मा रूप बदलकर सामान्य व्यक्ति जैसा रूप बनाकर पृथ्वी मण्डल पर प्रकट होता है।
#वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला

Sant Rampal Ji Maharaj
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⚡️600 वर्ष पूर्व कबीर साहेब जी सतलोक से चलकर आते हैं। जिनका प्रमाण अपने सभी सद ग्रंथों दिया हुआ है।ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मन्त्र 9 है इसमें स्पष्ट है कि (सोम) अमर परमात्मा जब शिशु रूप में प्रकट होता है तो उसकी परवरिश की लीला कुंवारी गायों (अभि अध्न्या धेनुवः) द्वारा होती है। #वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला

Sant Rampal Ji Maharaj
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