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|| जय श्री राम ||
रामकथा सुंदर कर तारी।
संसय बिहग उड़ावनिहारी॥
रामकथा कलि बिटप कुठारी।
सादर सुनु गिरिराजकुमारी॥
भावार्थ:- भगवान शिव पार्वती जी को कहते है- श्री रामचन्द्रजी की कथा हाथ की सुंदर ताली है, जो संदेह रूपी पक्षियों को उड़ा देती है। फिर रामकथा कलियुग रूपी वृक्ष को काटने के लिए कुल्हाड़ी है। हे गिरिराजकुमारी! तुम इसे आदरपूर्वक सुनो॥

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|| जय श्री राम ||
धूम कुसंगति कारिख होई।
लिखिअ पुरान मंजु मसि सोई॥
सोइ जल अनल अनिल संघाता।
होइ जलद जग जीवन दाता॥
भावार्थ:- कुसंग के कारण धुआँ कालिख कहलाता है, वही धुआँ (सुसंग से) सुंदर स्याही होकर पुराण लिखने के काम में आता है और वही धुआँ जल, अग्नि और पवन के संग से बादल होकर जगत को जीवन देने वाला बन जाता है॥

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बहुत ही सुंदर और सकारात्मक कहानी जो आपके मनोबल को ऊंचा करेगी और आपके मन में कोरोना के डर को दूर करते हुए एक सकारात्मक वातावरण निर्माण करेगी।
// कहानी - शंका //
कहानी का चित्रण उन दिनों का है जब हमारे घरों में शौचालय की व्यवस्था नहीं हुआ करती थे।
आम व्यक्ति खुले में शौच करता था । अक्सर हमें अपने घर परिवार के बुजुर्गों से या पता चला या चलता है कि पुराने समय में लोग रास्ते के दोनों तरफ बैठ के शौच किया करते थे। यह कहानी उसी समय की है।
एक बार गांव का एक व्यक्ति शौच के लिए गया। बैठे-बैठे शौच कर ही रहा था । तभी सामने से एक गिरगिट दौड़ता हुआ आया और उसके नीचे घुस गया जो व्यक्ति शौच कर रहा था। उसने पीछे मुड़कर देखा। वह गिरगिट उसे पीछे की तरफ निकल कर भागता हुआ दिखाई नहीं दिया। मन ही मन शंका पैदा हो गयी कि कहीं वह गिरगिट उसके पेट में तो नहीं चला गया। क्योंकि पीछे की तरफ गिरगिट भागते हुए उसे नहीं दिखा था । यही उसकी शंका का कारण था। अपनी इस शंका की वजह से वह परेशान हो उठा और अपना पेट पकड़ कर बैठ गया । बहुत समझाने पर भी वह समझ नहीं पा रहा था, कि गिरगिट उसके पेट के अंदर नहीं गया है।
सभी आश्चर्यचकित थे, कि ऐसे कैसे ��ो सकता है ॽ एक गिरगिट शौच के रास्ते पेट में घुस जाए। लेकिन शंका की कोई दवा नहीं होती। अब व्यक्ति मन ही मन बहुत अधिक और परेशान हो गया था। आस पड़ोस में गांव में सब तरफ जब इस बात का पता चला की एक व्यक्ति के पेट में गिरगिट घुस गया है और वह उसके पेट में जिंदा है। उसे ऐसा महसूस हो रहा है। फिर क्या था, पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया । आखिरकार उसका शक भी तो सही था, क्योंकि उसने गिरगिट को पीछे की तरफ भागते हुए जो नहीं देखा था। धीरे-धीरे व्यक्ति बीमार हो गया और बीमार हुआ तो इस कदर की खटिया से उठने का नाम न ले रहा था। खाना पीना सब कुछ छोड़ दिया था। अंतोगत्वा क्या किया जाए , क्या न किया जाए। गांव के बड़े बड़ों की सलाह ली गई, डॉक्टरों का परामर्श लिया गया।
अंत में यह तय हुआ कि उक्त व्यक्ति का ऑपरेशन किया जाए। ऑपरेशन के बाद एक कांच के डिब्बे में बंद एक जिंदा गिरगिट उस व्यक्ति को दिखा जाए और यह समझा दिया जाए कि यह गिरगिट उसके पेट से निकला है।
नियत समय पर उक्त व्यक्ति का ऑपरेशन शुरू हुआ उसे बेहोश किया गया। पेट पर एक हल्का सा चीरा लगाया गया और उसके बाद पट्टी कर दी गई। जब धीरे-धीरे ऑपरेशन के बाद वो व्यक्ति होश में आया तो एक कांच के डिब्बे में बंद दुबला पतला सा गिरगिट उसे बताया गया। डॉक्टर - "यह देखो, यह गिरगिट तुम्हारे पेट से निकला है और अब तुम पूरी तरह से स्वस्थ हो"।
इस घटना से यह चमत्कार हुआ कि व्यक्ति के अंदर जो शंका थी। उस शंका का निराकरण हो चुका था। व्यक्ति अब एकदम संतुष्ट दिख रहा था। कुछ ही समय में वह पुनः स्वस्थ हो गया। पहले की तरह अपना जीवन जीने लगा था ।
मित्रों इस कहानी के पीछे मेरा अनुरोध, आशय यही है कि इस समय कोरोना को लेकर जो विभिन्न प्रकार के लक्षण बताए जा रहे हैं। विभिन्न प्रकार के डर ,भय सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप पर फेसबुक पर रात दिन पैदा जा रहे हैं। हर व्यक्ति उसी को देख रहा है और इसी के चलते अच्छे से अच्छा स्वस्थ व्यक्ति भी अपने आप को बीमार मानने लगा है, बीमार रहने लगा है। इसी का परिणाम यह रहा है। उसके सही तरह से आहार न लेने के कारण, सही तरीके से दिनचर्या का पालन न करने के कारण, वह सचमुच में शंका का शिकार होने लगा है।
मेरा आप सब से यही कहना है जो भ्रम ,जो शंका जो डर मीडिया पर रात दिन चल रहा है। उससे अपने आप को हटाइए। अपने घर में रहिए। सकारात्मक वातावरण अपने घर में बनाइए। स्वयं सकारात्मक रहे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ��रते हुए। हमेशा व्यस्त रहिए और स्वस्थ रहिए। यदि आप इन सारी चीजों से दूर रहेंगे। अपने घर में बने शौचालय का उपयोग करेंगे खुले में शौच नहीं करेंगे। सकारात्मक रहेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे तो निश्चय ही हम सब मिलकर के कोरोना को हरा देंगे।
मित्रों अगर यह कहानी आपको पसंद आए तो इसे अवश्य शेयर करें। ताकि हमारे जो साथी विभिन्न प्रकार की शंकाओं में, भ्रम में उलझे हुए हैं । उनके मन में सकारात्मक सोच का निर्माण हो। इसी उद्देश्य के साथ मैंने कहानी लिखी है और आप सबके सामने प्रस्तुत की है। धन्यवाद ,जय हिंद जय भारत
चतरसिंह गेहलोत
निवाली बड़वानी
9993803698
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हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खुदा
सफलता की कहानी व्यक्तित्व एवं कृतित्व चतरसिंह गेहलोत सफलता की कहानीहिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खुदाचतरसिंह गेहलोत“ व्यक्तित्व एवं कृतित्व ”व्यक्तित्व एवं कृतित्व• संकल्प यदि अटूट हो और विचार सकारात्मक तो दुनिया में ऐसी कोई सफलता नहीं जो आप प्राप्त नहीं कर सकते। बचपन से ही एक जुझारू शिक्षक, साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता बनने की इच्छा छोटे से मन में कुलांचे भरा करती थी। मगर परिवार और परिस्थितियां…

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मैं @chatarsingh_gehlot के रूप में Instagram पर हूँ. मेरी फ़ोटो और वीडियो को फ़ॉलो करने के लिए एप्लिकेशन स्थापित करें. https://www.instagram.com/invites/contact/?i=77j9mc3eho70&utm_content=zn5kqi
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