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groundzero-info · 3 years
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भारत ने रच दिया इतिहास, एक दिन में लगाई गई वैक्सीन की 1 करोड़ डोज,PM मोदी ने बताया बड़ी उपलब्धि...
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कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में देश में रोज नए रिकॉर्ड बन रहा है. शुक्रवार 27 अगस्त को देश में कोरोना वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड दो बार बना. पहला जब वैक्सीन 93 लाख के स्तर को पार कर गया. माना तभी से जा रहा था कि वैक्सीनेशन का ये रिकॉर्ड शुक्रवार रात दस बजे तक ही नए मकाम को भी पार कर जाएगा. हुआ भी ऐसा ही, रात बजे के अपडेट में पता चला कि कोरोना वैक्सीनेशन के आंकड़े 1 करोड़ की मियाद को भी पार कर गए हैं. वैक्सीनेशन अभियान की इस नई उपलब्धि पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाइयां दीं.
देश भर में 17 अगस्त को वैक्सीन की 88 लाख से ज्यादा डोज दी गईं थीं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से अब तक 18-44 साल के Age group के कुल 23,72,15,353 लोगों को पहली खुराक दी गयी है, वहीं 2,45,60,807 लोगों को दूसरी खुराक दी गयी है.
अवेलबल हैं 4.05 करोड़ से ज्यादा डोज
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी कोविड-रोधी टीके की 4.05 करोड़ से ज्यादा डोज अवेलबल हैं. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक टीके की 58.86 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं और 17.64 लाख से अधिक डोज उन्हें पहुंचाई जा रही हैं. बयान के अनुसार, केंद्र सरकार पूरे देश में कोविड टीकाकरण की गति को तेज करने और इसके दायरे का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है.
बढ़ रही है वैक्सीनेशन की रफ्तार
जैसे-जैसे वैक्सीन की अवेलबिलिटी बढ़ती जा रही है उसी तरह वैक्सीनेशन की रफ्तार भी जोर पकड़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जुलाई में डेली वैक्सीनेशन का औसत 43.41 लाख डोज था, जबकी अगस्त में इसका औसत बढ़कर 52.16 लाख खुराक रहा है. उम्मीद है आने वाले समय में यह और बढ़ेगा. केंद्र सरकार ने लोगों को आगाह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर अभी खत्म नहीं हुईं है. वहीं देश में वैक्सीनेशन को लेकर भी अभियान जारी है. रिकवरी रेट की बात करें तोअभी यह 97.60 फीसदी है. डेली पॉजिटिविटी रेट 2.45 फीसदी है जो लगातार 32 दिनों से 3 फीसदी के नीचे है.
सरकार ने किया सावधान
देश में एक दिन में कोरोना के 44,658 नए मामले आने के बाद इसके मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 3,26,03,188 हो गई. वहीं एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 3,44,899 हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के 496 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,36,861 हो गई. देश में अभी 3,44,899 लोगों का कोरोना वायरस का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.03 प्रतिशत है.
Source : "GROUND ZERO"
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groundzero-info · 3 years
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अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रहा है भारत,काबुल से 129 यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंचा एयर इंडिया का विमान...
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तालिबान के अफगानिस्तान की राजधानी में प्रवेश करने के बाद काबुल से एअर इंडिया की वापसी की उड़ान रविवार शाम 129 यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंची एअर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि एयरलाइन की दिल्ली-काबुल-दिल्ली उड़ान रद्द करने की अभी तक कोई योजना नहीं है और यह सोमवार को भी परिचालित होने वाली है. फिलहाल, एअर इंडिया केवल भारत और अफगानिस्तान के बीच उड़ानें परिचालित कर रही है. अधिकारियों ने कहा कि एयरलाइन ने रविवार दोपहर लगभग 40 यात्रियों के साथ दिल्ली-काबुल उड़ान (एआई-243) का परिचालन किया.
अधिकारियों ने कहा कि (भारतीय समयानुसार) दोपहर करीब पौने एक बजे एआई-243 उड़ान दिल्ली से रवाना हुई और उसे काबुल हवाईअड्डे के आसपास आसमान में करीब एक घंटे तक चक्कर लगाना पड़ा क्योंकि उसे उतरने के लिये हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) से अनुमति नहीं मिली थी. इसलिए रविवार को एआई-243 की उड़ान की सामान्य अवधि एक घंटे चालीस मिनट के बजाय लगभग दो घंटे पचास मिनट था. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि एआई-243 को उतरने की अनुमति मिलने में देरी का कारण क्या था.
वापसी की उड़ान एआई-244 129 यात्रियों के साथ (भारतीय समयानुसार) शाम लगभग 5.35 बजे काबुल हवाई अड्डे से रवाना हुई. उन्होंने कहा कि एअरलाइन स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और वह आवश्यकतानुसार उचित कार्रवाई करेगी. भारत ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी के बाहरी इलाके में तालिबान लड़ाकों के प्रवेश करने की खबरों के बाद डर और दहशत से घिरे काबुल से अपने सैकड़ों अधिकारियों और नागरिकों को निकालने के लिए आपात योजना बनाई है. मामले पर नजर रख रहे लोगों ने कहा कि सरकार भारतीय दूतावास में अपने कर्मचारियों और काबुल में भारतीय नागरिकों के जीवन को जोखिम में नहीं डालेगी और आपातकालीन निकास योजनाओं को पहले ही अंतिम रूप दे दिया गया है.
एयर इंडिया की फ्लाइट से भारत आए पूर्व अफगान सांसद और पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई के दूसरे चचेरे भाई जमील करज़ई ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. उन्होंने कहा, "जब मैंने शहर छोड़ा तो काबुल पर तालिबान का कब्जा था. मुझे लगता है कि एक नई सरकार होगी... जो कुछ भी हुआ है वह अशरफ गनी की वजह से हुआ है. उन्होंने अफगानिस्तान को धोखा दिया. लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे."
बता दें कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में अब तालिबान (Taliban) की हुकूमत लगभग तय है बस औपचारिक घोषणा होना बाकी है. तालिबानी लड़ाकों (Taliban Fighters) ने अपनी पहुंच काबुल (Kabul) तक बना ली है और वे आज रात (15 अगस्त की रात) को काबुल के अंदर घुस जाएंगे. उन्होंने अफगानिस्तान की राजधानी को चारों ओर से घेर लिया है. इन सबके बीच काबुल में अफरातफरी का माहौल है. राजधानी काबुल की सड़कों, एयरपोर्ट, बाजार में हर तरफ लोगों के चेहरों पर दहशत पसरी है. तमाम देशों ने काबुल की उड़ानों को रद्द कर दिया है.
Source : "GROUND ZERO"
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groundzero-info · 3 years
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75वें स्तवंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से आज 8वीं बार तिरंगा फहराया...
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया. भारत आज अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इसी के साथ देश में आज़ादी के अमृत महोत्सव के जश्न की शुरुआत हो गई है.
लालकिले (Redfort) से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आज कोरोना संकट से लेकर अन्य चुनौतियों की बात की, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से ऐलान किया कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को अब देश की बेटियों के लिए खोला जाएगा. इसके साथ ही पीएम मोदी ने 'यही समय है, सही समय है' का नया मंत्र भी फूंका.
लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं. आज आजादी के अमृत महोत्सव के इस पर्व पर देश अपने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहा है.
आजादी के हीरो को पीएम मोदी ने किया सलाम
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर समेत अन्य सभी को आज देश याद कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि जय-पराजय आते रहे, लेकिन मन में बसी हुई आजादी की आकांक्षा कभी खत्म नहीं हुई.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में देश के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाने का काम किया, करोड़ों लोगों ने पल-पल जनसेवा की है. आज देश के कई इलाकों में बाढ़, भूस्खलन में कई लोगों की जान गई है, उन्हें देश याद करता है. पीएम मोदी ने इस दौरान ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन पर खिलाड़ियों को बधाई दी, पीएम मोदी ने यहां सभी खिलाड़ियों के लिए तालियां बजवाईं.
'बंटवारे का दर्द झेल रहा है हिंदुस्तान'
पीएम मोदी ने कहा कि बंटवारे का दर्द आज भी हिन्दुस्तान के सीने को छलनी करता है, ये पिछली सदी की सबसे बड़ी शताब्दियों में से एक है. भारत ने फैसला लिया है कि 14 अगस्त को हर साल अब विभाजन विभिषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा. जो लोग बंटवारे के समय अत्याचार सहा, अब उन लोगों का सम्मान किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल बहुत चुनौतियों के साथ आया, देश ने इन मुश्किलों का मिलकर सामना किया. ये हमारी ताकत है कि आज वैक्सीन के लिए हमें किसी बाहरी देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा, अगर भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता. पोलियो की वैक्सीन पाने में भारत को कई साल गंवाने पड़े, लेकिन इतने बड़े संकट के दौरान हमारे वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया.
आने वाले 25 साल देश के लिए अहम: PM
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में कम संख्या में लोग कोरोना से पीड़ित हुए हैं. लेकिन ये कहना कि हमारे सामने कोई चुनौती नहीं थी, ये कहना गलत होगा. तमाम प्रयासों के बाद भी हम कई लोगों को बचा नहीं पाए, कितने ही बच्चों के सिर से साया उठ गया. पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल हमारे देश का भविष्य तय करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि अमृत काल का लक्ष्य है कि देश में सबसे आधुनिक सुविधाएं हो, हम किसी से कम ना हो, सरकार बेवजह लोगों की जिंदगी में दखल ना दे. लेकिन ये संकल्प तबतक पूरा नहीं होगा, जबतक परिश्रम ना हो. पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए लंबा इंतज़ार नहीं करना है, हमारे पास अब गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है. हमारे देश और हमें खुद को बदलना होगा.
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मिशन से हम आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी ने अपने इस संबोधन में एक और नया नारा जोड़ा और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की बात कही. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले सात साल में सरकार की कई योजनाओं के जरिए आम लोगों तक मदद पहुंची है.
पीएम मोदी ने कहा कि अब हमें शत प्रतिशत का लक्ष्य रखना है, हर गांव तक सड़कें, हर किसी का बैंक खाता हो, इस लक्ष्य को हमें पूरा करना है. पीएम मोदी ने कहा कि अब गरीबों को पोषण युक्त चावल दिया जाएगा, मिड-डे मील के चावल को भी इस मिशन में शामिल किया जाएगा, साल 2024 तक हर योजना के तहत मिलने वाले चावल को पोषण युक्त किया जाएगा.
गांवों को आधुनिक बनाने पर फोकस ज़रूरी: PM
पीएम मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर हो रहा है, जल्द ही देश के हर अस्पताल के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान नॉर्थ ईस्ट में हो रहे सरकार के कामकाज के बारे में जानकारी दी, हर राज्य की राजधानी को रेलवे सुविधा से जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा वहां के टूरिज्म पर ज़ोर दिया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में डिलिमिटेशन की प्रक्रिया जारी है, भविष्य में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी जारी है. लद्दाख भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते हुए देख रहा है. हमारा फोकस आदिवासी इलाकों पर भी है, जहां विकास को तेज़ी से पहुंचाए जा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब सहकारवाद पर भी ध्यान दे रहा है, ये अर्थव्यवस्था की एक अहम शक्ति है. हमारी सरकार ने अब इसके लिए अलग मंत्रालय बनाया है, राज्यों के साथ मिलकर इस क्षेत्र को मजबूत किया जाना है. इस दशक में अपने गांवों को आगे बढ़ाने के लिए हमें शक्ति लगानी होगी, पिछले कुछ वर्षों में गांवों में सड़क-बिजली पहुंचा है, अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से ताकत मिल रही है.
छोटा किसान बने देश की शान: PM
पीएम मोदी ने कहा कि वैज्ञानिकों के सुझावों को अब कृषि सेक्टर में लागू करना होगा, इसमें ज्यादा देरी नहीं की जा सकती है. पीएम मोदी ने कहा कि देश में एक बड़ा तबका किसानों का ऐसा है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम ज़मीन है. देश में पहले छोटे किसानों पर ध्यान नहीं दिया गया, इन्हीं सुधारों को ध्यान में रखते हुए कई फैसले लिए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि अब ब्लॉक लेवल तक वेयरहाउस बनाए जाएंगे. छोटे किसान को हम देश की शान बनाना चाहते हैं.
100 लाख करोड़ की योजना का ऐलान
लालकिले से पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में, 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोड़ेंगी. देश में नई गति से एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है, उड़ान योजना ने लोगों के सपनों को उड़ान दी है. पीएम मोदी ने कहा कि जल्द ही देश ‘प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना’ का ऐलान किया जाएगा, ये 100 लाख करोड़ रुपये से अधि��� की योजना होगा जो लाखों युवाओं के लिए योजगार के अवसर लाएगी. ये देश के लिए मास्टरप्लान होगा जो नए इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखेगा.
स्टार्टअप से लेकर खेल तक पीएम ने कही ये बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार उद्योग जगत के लिए नियमों को आसान करने में जुटी है, स्टार्टअप के लिए भी यही कोशिश की जा रही है. आज देश में स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन रहे हैं, जो देश के नए वेल्थ क्रिएटर्स हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है, अब गुड गर्वनेंस पर बल दिया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने आने के बाद सैकड़ों कानूनों को हटा दिया गया, देश में पहले किसी नागरिक को नक्शा बनाने की छूट नहीं थी. 200 साल से पुराने कानूनों को लागू रखने का क्या मतलब है, हमने बेवजह के कानूनों को हटा दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि खेल के मैदान में भाषा रुकावट नहीं बनी है, यही कारण है कि आज हमारे युवा खिलने लगे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि जीवन के अन्य मैदानों में भी यही करना होगा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति अहम भूमिका निभाएगी. स्पोर्ट्स को अब मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया गया है. आज देश में स्पोर्ट्स को लेकर नई जागरुकता आई है, इस बार ओलंपिक में भी हमने इतिहास रचते हुए देखा है.
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते देश के कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से ग्रीन हाइड्रोजन योजना का ऐलान किया, पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपने देश को एनर्जी के सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाना है साथ ही एक्सपोर्ट का मास्टर भी बनाना है. पीएम मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, रामजन्मभूमि मामलों का शांतिपूर्ण समाधान समेत कई ऐसे फैसले हैं जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में सच करते हुए देश ने देखा है. पीएम मोदी ने कहा कि आज देश बदल रहा है, कड़े से कड़े फैसले लेने में भी भारत रुकता नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल के बाद दुनिया का वर्ल्ड ऑर्डर बदल रहा है, भारत आतंकवाद की चुनौती से लड़ रहा है और हिम्मत के साथ जवाब दे रहा है. मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि सेनाओं के हाथ मजबूत करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
‘यही समय है, सही समय है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 2047 में आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब जो भी देश का प्रधानमंत्री होगा और वो यहां से जब संबोधन करेगा, तब उन्हीं बातों का ज़िक्र होगा जिनका संकल्प आज हम यहां से कर रहे हैं. 21वीं सदी में भारत को अपने सपनों को पूरा करने से कोई बाधा हमें रोक नहीं सकती है. हमारी ताकत हमारी एकजुटता है, राष्ट्रप्रथम की भावना है, ये वक्त साझा स्वप्न देखने का है.
Source : "GROUND ZERO"
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groundzero-info · 3 years
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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ा, तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया है...
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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया है। टोलो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। गनी के देश छोड़ने से पहले तालिबानी आतंकियों का एक दल राष्ट्रपति भवन सत्ता के हस्तांतरण के लिए पहुंचा था। सूत्रों के अनुसार, रविवार को नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली को चुना गया है। तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए अफगान प्रेसिडेंशियल पैलेस एआरजी में बातचीत चल रही है। खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया कि राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बारे में कहा जाता है कि वे इस प्रक्रिया में मध्यस्थता कर रहे हैं।
आपको बता दें कि तालिबान ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाकों में रविवार को प्रवेश कर लिया और कहा कि वे सत्ता के 'शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने ताकत के बल पर इसे नियंत्रण में नहीं लेने का वादा किया। हालांकि अनिश्चितता की स्थिति से घबराए निवाासियों के साथ ही सरकारी कर्मचारी कार्यालयों से भागने लगे और अमेरिकी दूतावास पर हेलीकॉप्टर उतरने लगे।
तालिबान का काबुल में प्रवेश, सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार
अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि तालिबान राजधानी में कलाकन, काराबाग और पघमान जिलों में है। तालिबान ने अपने आक्रमण को तेज करते हुए देश के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया और अफगान सुरक्षा बलों को अमेरिकी सेना के हवाई सहयोग के बावजूद खदेड़ दिया है। इसने कई लोगों को हैरत में डाल दिया है और उन्होंने सवाल उठाया कि अमेरिका के प्रशिक्षण और अरबों डॉलर खर्च करने के बावजूद सुरक्षाबलों की स्थिति खराब कैसे हो गयी। कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी सेना ने अनुमान जताया था कि एक महीने से कम समय में ही राजधानी पर तालिबान का कब्जा हो जाएगा।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन न��� कतर के अल-जजीरा अंग्रेजी उपग्रह समाचार चैनल को बताया कि चरमपंथी काबुल शहर के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने अपने लड़ाकों और सरकार के बीच किसी भी संभावित वार्ता की जानकारी देने से इनकार कर दिया। हालांकि यह पूछने पर कि तालिबान किस तरह का समझौता चाहता है, इस पर शाहीन ने माना कि वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण कर दें।
अफगानिस्तान के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि तालिबान के वार्ताकार सत्ता हस्तांतरण पर चर्चा करने के लिए रविवार को राष्ट्रपति आवास पहुंचे हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सत्ता हस्तांतरण कब होगा।
कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिस्मिल्ला खान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ''एक प्रतिनिधिमंडल को अधिकार दिया गया है जो अफगानिस्तान पर समझौता करने के लिए कल दोहा (कतर) जाएगा। मैं आपको काबुल की सुरक्षा का आश्वासन देता हूं।''
अफगानिस्तान छोड़ने की तैयारी में लोग
इससे पहले, चरमपंथियों ने भी राजधानी के निवासियों को शांत करने की कोशिश की। चरमपंथियों ने एक बयान में कहा, ''किसी के भी जीवन, संपत्ति और प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा अैर काबुल के नागरिकों की जान खतरे में नहीं डाल जाएगी।'' इन आश्वासनों के बावजूद घबराए लोग काबुल हवाईअड्डे के जरिए देश छोड़ने की तैयारी में है। तालिबान के हर सीमा चौकी पर कब्जा जमाने के कारण देश से बाहर जाने का यही एक मार्ग बचा है। चरमपंथियों के जलालाबाद पर कब्जा जमाने के कुछ घंटों बाद बोइंग सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर दूतावास के समीप उतरने लगे।
अमेरिका भी दूतावास से अपने अधाकारियों को निकाल रहा
अमेरिकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलते दिखे और इनके साथ ही विमानों की लगातार आवाजाही भी देखी गई। हालांकि अमेरिका सरकार ने अभी इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है। दूतावास की छत के निकट धुआं उठता देखा गया जिसकी वजह अमेरिका के दो सैन्य अधिकारियों के मुताबिक राजनयिकों द्वारा संवेदनशील दस्तावेजों को जलाना है। अमेरिका ने कुछ दिनों पहले अपने दूतावास से कर्मचारियों को निकालने में मदद के लिए हजारों सैनिकों को भेजने का फैसला किया था। एक पायलट ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अफगान बलों ने पश्चिमी सेनाओं को छोड़ दिया है। इससे पहले एक अफगान विमान सैनिकों को लेकर कंधार से हवाईअड्डे पहुंचा जिन्होंने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
राष्ट्रपति अशरफ गनी भी अलग-थलग पड़ते दिखाई दिए। उन्होंने तालिबान का आक्रमण शुरू होने के बाद से पहली बार रविवार को देश को संबोधित किया। उन्होंने कुछ दिनों पहले जिन छत्रपों से बात की थी उन्होंने तालिबान के सामने हथियार डाल दिए या भाग गए जिससे गनी के पास सेना का समर्थन नहीं बचा।
Source : "GROUND ZERO"
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groundzero-info · 3 years
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GROUND ZERO Team की ओर से 75वां स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...
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देश आज 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। 15 अगस्त के दिन ही भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था। भारत को आजादी दिलाने के लिए अपनी जान गंवाने वाले वीर सपूतों की याद में 15 अगस्‍त के दिन हर कोई उन महान योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति का सम्मान करते हैं जिन्होंने भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलिस्तां हमारा
इस खास मौके पर GROUND ZERO Team आपसे अनुरोध करता है कि आप अपने परिजनों के साथ अपने घर में ही सेलिब्रेट करें, स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहे और अपनों का ख्याल रखें।
Source : "GROUND ZERO"
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groundzero-info · 3 years
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PM Ujjwala Yojana 2.0 : बिना एड्रेस प्रूफ के ही मुफ्त में मिलेगा एलपीजी गैस कनेक्शन, सरकार लागू करने वाली है नियम...
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गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले गरीब परिवारों को फ्री LPG कनेक्शन देने की योजना उज्ज्वला को केंद्र सरकार नई पैकेजिंग के साथ उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले रीलॉन्च करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से उज्ज्वला योजना 2.0 की शुरुआत करेंगे। उज्ज्वला 2.0 के तहत लाभार्थी को गैस कनेक्शन के साथ-साथ स्टोव और पहली बार भरा हुआ सिलेंडर भी फ्री मिलेगा।
साल 2017 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में केंद्र की उज्ज्वला योजना की काफी चर्चा हुई थी और बीजेपी की बड़ी जीत का श्रेय इसे भी दिया गया था। हालांकि, उज्ज्वला के पहले संस्करण में सरकार सिर्फ LPG कनेक्शन के लिए 1600 रुपए (डिपॉडिट मनी) की राशि की आर्थिक सहायता देती थी। इस योजना के तहत गैस कनेक्शन पाने वाले परिवार स्टोव और सिलेंडर के लिए बिना ब्याज के लोन ले सकते थे।
उज्ज्वला 2.0 के तहत केंद्र सरकार इस वित्तीय वर्ष में लगभग एक करोड़ गैस कनेक्शन गरीबों को मुफ्त में बांटेगी। आज से लगभग पांच साल पहले, यूपी चुनावों से पहले, पीएम मोदी ने 1 मई, 2016 को राज्य के बलिया जिले में इस योजना का पहला संस्करण (उज्ज्वला 1.0) लॉन्च किया था। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि उज्ज्वला 2.0 के अंतर्गत 800 रुपए से अधिक की कीमत वाला सिलेंडर और एक स्टोव मुफ्त में देने की उम्मीद है।
बटज में की गई थी घोषणा
इस साल के बजट में योजना की मंशा की घोषणा की गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को 2021-22 में 1 करोड़ नए लाभार्थियों के लिए योजना का विस्तार करने की घोषणा की थी। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा, उज्ज्वला योजना, जिसने 8 करोड़ परिवारों को लाभान्वित किया है, को 1 करोड़ से अधिक और लाभार्थियों को कवर करने के लिए विस्तारित किया जाएगा।
घर बैठे कर सकते हैं आवेदन
फ्री फर्स्ट रिफिल और स्टोव के साथ डिपॉजिट फ्री गैस कनेक्शन के अलावा इस योजना के नए रूप में ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान होगा। अधिकारी ने बताया कि एक प्रवासी परिवार को अलग गैस कनेक्शन भी मिल सकता है। उन्होंने कहा, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) से संबंधित गरीब परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
नोटरी हलफनामे की जरूरत नहीं
इस योजना के तहत आवेदकों को केवाईसी के लिए एक फॉर्म भरना होगा, जिसके लिए किसी नोटरी के हलफनामे की जरूरत नहीं होगी। वहीं, प्रवासियों के पास यदि निवास प्रमाण पत्र नहीं होगा तो उनको सेल्फ डिक्लेरेशन का ऑप्शन दिया जाएगा। लोग इसे कॉमन सर्विस सेंटर या फिर गैस कंपनियों की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Source : "GROUND ZERO"
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Tokyo Olympics : भारत के एथलीट नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो प्रतियोगता में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा दिया...
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टोक्यो ओलंपिक में भारत के एथलीट नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो प्रतियोगता में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा दिया है। नीरज ने एथलेटिक्स में 100 साल के सूखे को खत्म करते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया। फाइनल मुकाबले में भारतीय एथलीट ने पहले प्रयास में ही 87.03 मीटर का थ्रो फेंका जिसे देखकर तमाम देशवासी झूम उठे, लेकिन अभी नीरज का टोक्यो ओलंपिक में बेस्ट आना बाकी था।
23 साल के इस खिलाड़ी ने अपने दूसरा थ्रो 87.58 मीटर की दूरी पर फेंका और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया। बाकी एथलीट्स ने भरपूर कोशिश की पर वह भारत के लाल के थ्रो के आसपास भी ��हीं भटक सके।
सोशल मीडिया पर नीरज चोपड़ा के इस ऐतिहासिक थ्रो का वीडियो काफी वायरल हो रहा है और फैन्स इसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। नीरज ने इससे पहले क्वालीफाइंग राउंड में भी अपने प्रदर्शन से सनसनी फैला दी थी। उन्होंने टॉप पर रहते हुए पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो फेंका था और 83.65 के क्वालीफिकेशन लेवल को आसानी से पार कर लिया था। नीरज इससे पहले एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं और यही वजह है कि पूरा देश की निगाहें उनके ऊपर टिकी हुईं थीं।
टोक्यो ओलंपिक में यह भारत का पहला गोल्ड मेडल है और नीरज चोपड़ा देश की तरफ से ओलंपिक खेलों में गोल्ड लाने वाले महज दूसरे ही खिलाड़ी हैं। उनसे पहले निशानेबाजी में अभिनव बिंद्रा ने साल 2008 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
नीरज के गोल्ड मेडल के साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत ने सातवां पदक अपने नाम किया, जो कि देश का ओलंपिक में अबतक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन भी है। भारत का इससे पहले बेस्ट प्रदर्शन छह मेडल के साथ लंदन ओलंपिक में रहा था। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने एक गोल्ड, दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं।
भारत को ओलंपिक 2020 में पहला मेडल वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने दिलाया था। मणिपुर के इस खिलाड़ी ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। इसके बाद पीवी सिंधु ने बैडमिंटन, लवलीना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में देश को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था।
पहले बार ओलंपिक खेलों में उतरे रेसलर रवि दहिया ने अपने प्रदर्शन से हर किसी का दिल जीतते हुए कुश्ती में सिल्वर मेडल पर कब्जा किया। वहीं, पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो में 41 साल के सूखे को खत्म करते हुए ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। नीरज चोपड़ा के मैच से ठीक पहले भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने भी देश की झोली में एक कांस्य पदक डाला।
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groundzero-info · 3 years
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Tokyo Olympics:-41 साल बाद ओलिंपिक खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का करिश्मा, कांस्य पदक हासिल किया...
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भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक हासिल किया. उसने जर्मनी को 5-4 से रोमांचक अंदाज में हराते हुए 41 बरस का सूखा खत्म किया. भारत ने इससे पहले 1980 में आखिरी बार ओलिंपिक मेडल जीता था. लेकिन टोक्यो में कांसे के साथ भारतीय पुरुष हॉकी एक बार फिर से पोडियम पर नज़र आई. इस कामयाबी के बाद से पूरे देश में जश्न का माहौल है. भारतीय पुरुष टीम ने इस जीत के साथ ही ओलिंपिक में पदक जीतने का रिकॉर्ड भी बना दिया.
भारतीय पुरुष टीम ने ओलिंपिक खेलों में 12वां मेडल जीता है. इसके साथ उसने जर्मनी को पीछे छोड़ा. अभी तक भारत और जर्मनी दोनों बराबर थे. भारतीय पुरुष टीम ने ओलिंपिक में आठ गोल्ड जीते हैं. इतने गोल्ड किसी और टीम ने नहीं जीते हैं. आठ गोल्ड के अलावा एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज भी भारत के नाम हैं.
ओलिंपिक में मेडल जीतने में जर्मनी की पुरुष टीम दूसरे स्थान पर है. उसने कुल 11 मेडल जीते हैं. इनमें से चार गोल्ड हैं. उसके पास टोक्यो में 12वां मेडल जीतने का मौका था लेकिन भारत ने उसकी उम्मीदों को तोड़ दिया. जर्मनी ने ओलिंपिक में तीन रजत और चार कांस्य पदक भी जीते हैं. इस टीम ने 2008 और 2012 में लगातार दो गोल्ड जीते हैं.
तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया का नाम आता है. इस टीम ने ओलिंपिक में 10 मेडल जीते हैं. लेकिन इसमें सोना केवल एक ही है. इसके अलावा बाकी नौ में से पांच कांस्य और चार सिल्वर मेडल हैं. टोक्यो ओलिंपिक में भी इस टीम को सिल्वर मेडल ही मिला है. ऑस्ट्रेलिया पुरुष हॉकी टीम ने केवल एक बार 2004 में गोल्ड जीता था.
नेदरलैंड्स की पुरुष हॉकी टीम ओलिंपिक पदक जीतने में चौथे स्थान पर है. उसने अभी तक नौ मेडल जीते हैं. इनमें से दो गोल्ड, चार सिल्वर और बाकी तीन कांस्य है. टोक्यो में यह टीम छठे नंबर पर रही.
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groundzero-info · 3 years
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भारत सरकार अब सेना की बेस वर्कशाप का संचालन निजी कंपनियों के हाथ में सौंपने की तैयारी कर रही हैं...
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आने वाले दिनों में सेना की बेस वर्कशाप का संचालन निजी कंपनियों को सौंपा जा सकता है। इसके लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। शुरुआत दिल्ली की वर्कशाप से हो सकती है। हालांकि, तब भी वर्कशाप सरकार के नियंत्रण में ही रहेंगी, लेकिन उनका संचालन निजी कंपनियां करेंगी और जरूरत पड़ने पर वह बाहर का कार्य भी ले सकेंगी। माना जा रहा है कि यह कदम खर्च घटाने और बेस वर्कशाप की कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
देश में सेना की आठ बेस वर्कशाप हैं, जो दिल्ली, मेरठ, आगरा, बेंगलुरु, जबलपुर, कनकीनारा (पश्चिम बंगाल), प्रयागराज, किरकी (पुणे) में स्थित हैं। इनमें सेना से जुड़े सभी प्रकार के सैन्य वाहन, उपकरण (टैंक सहित) की सर्विसंग एवं मरम्मत का कार्य किया जाता है। सिर्फ बेंगलुरु बेस वर्कशाप में पुर्जे बनाने का काम होता है। लेकिन अब इन संवेदनशील वर्कशाप को निजी क्षेत्र को सौंपने के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है जिसके तहत सेना के स्वामित्व में ही निजी क्षेत्र इनका संचालन करेगा।
रक्षा मंत्रालय से संबद्ध संसदीय समिति के समक्ष सेना की तरफ से कहा गया है कि उद्योग जगत से इसके लिए बातचीत प्रगति पर है। डीपीआर तैयार कर लिए गए हैं। योजना यह है कि इन्हें निजी क्षेत्र की मदद से ही आगे चलाया जाए। इन बेस वर्कशाल के पास काफी भूमि भी है, उसका भी और क्या इस्तेमाल हो सकता है, इस पर भी विमर्श चल रहा है। कोशिश यह की जा रही है कि इसका इस्तेमाल भी मरम्मत एवं निर्माण के कार्य के लिए किया जाए।
सेना की तरफ से यह भी बताया गया कि यदि निजी क्षेत्र का संचालन शुरू होने के बाद यदि वर्कशाप के पास क्षमता बचती है तो वह सेना से बाहर का कार्य भी ले सकेंगे। मसलन, किसी वर्कशाप में ट्रक रिपेयर होते हैं तो वह बाहर के ट्रक भी रिपेयर कर सकेंगे। बता दें कि सेना की इन बेस वर्कशाप की दशा और क्षमताओं पर पूर्व में सीएजी की तरफ से भी सवाल उठाए जा चुके हैं। इनमें उपकरणों एवं संसाधनों की भारी कमी की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया था।
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groundzero-info · 3 years
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केंद्र सरकार ने कहा- ईवी-मालिकों को अब रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट फीस का भुगतान करने की जरूरत नहीं है...
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भारत में इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के पास खुश होने का एक और कारण है क्योंकि सरकार ने उन लोगों को एक और छूट की पेशकश की है जो इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने की योजना बना रहे हैं। केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि ईवी-मालिकों को अब रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट फीस (पंजीकरण प्रमाणपत्र शुल्क) का भुगतान करने की जरूरत नहीं है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को अधिसूचना जारी की। यह सभी बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या रिन्यूअल (नवीनीकरण) के लिए शुल्क के भुगतान से छूट देता है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को नए पंजीकरण चिह्नों के असाइनमेंट के लिए शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है।
पेट्रोल-डीजल क��� बढ़ती कीमतों के साथ-साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है।
मंत्रालय ने 27 मई, 2021 को बैटरी से चलने वाले वाहनों (बीओवी) की छूट का प्रस्ताव करते हुए एक मसौदा अधिसूचना जारी की, जिसमें मसौदा अधिसूचना की तारीख से 30 दिनों के भीतर आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गईं। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि "उक्त राजपत्र अधिसूचना की प्रतियां 31 मई, 2021 को जनता के लिए उपलब्ध कराई गईं; और जबकि, उक्त मसौदा नियमों के संबंध में जनता से कोई आपत्ति और सुझाव नहीं मिले थे।"
सरकार ने कहा कि इन नियमों को केंद्रीय मोटर वाहन (सोलहवां संशोधन) नियम, 2021 कहा जा सकता है और ये आधिकारिक राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
बता दें कि अक्तूबर 2020 में, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सभी बीओवी को पंजीकरण शुल्क से छूट दी है।
इस समय, भारत में कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी सिर्फ 1.3 फीसदी है। हालांकि, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे कई अन्य राज्यों ने अपनी ईवी नीतियों को अधिसूचित किया है और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए कई इंसेंटिव की पेशकश की है।
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की पहल की है। जैसे कि सरकार ने घरेलू करों को कम रखकर, FAME II योजना के जरिए इंसेंटिव की पेशकश, और देश में ईवी इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में मदद करने के बावजूद, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की रफ्तार काफी धीमी है, यानी उतनी नहीं जितना सरकार चाहती थी। उचित बुनियादी ढांचे जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं, जबकि इलेक्ट्रिक कारों की लागत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की तुलना में ज्यादा है।
पिछले हफ्ते, अमेरिका की दिग्गज इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लगाए गए उच्च आयात शुल्क पर एक बहस छेड़ दी। इस बहस में भारत में कार निर्माता अपनी राय में विभाजित हो गए कि क्या सरकार को ऐसे वाहनों की लागत को कम रखने और बड़े पैमाने पर उन्हें ज्यादा किफायती बनाने की कोशिश में छूट की पेशकश करनी चाहिए।
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groundzero-info · 3 years
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भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज ‘विक्रांत’ का समुद्र में परीक्षण शुरू, इंडियन नेवी के बेड़े में होगा शामिल...
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भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज ‘विक्रांत’ का बुधवार को समुद्र में परीक्षण शुरू हो गया. यह देश में निर्मित सबसे बड़ा और जटिल युद्धपोत है. भारतीय नौसेना ने इसे देश के लिए ‘‘गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक’’ दिन बताया और कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है जिनके पास विशिष्ट क्षमता वाला स्वदेशी रूप से डिजाइन किया, निर्मित और एकीकृत अत्याधुनिक विमानवाहक पोत है. इस जहाज का वजन 40,000 टन है और यह पहली बार समुद्र में परीक्षण के लिए तैयार है. इसके नाम वाले एक जहाज ने 50 साल पहले 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी.
इस विमानवाहक जहाज को अगले साल के उत्तरार्द्ध में भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की संभावना है. भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘यह भारत के लिए गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक दिन है क्योंकि 1971 के युद्ध में जीत में अहम भूमिका निभाने वाले अपने शानदार पूर्ववर्ती जहाज के 50वें साल में आज यह समुद्र में परीक्षण के लिए पहली बार रवाना हुआ.’’ उन्होंने कहा कि यह भारत में बना सबसे बड़ा और जटिल युद्धपोत है. उन्होंने कहा, ‘‘‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में यह एक गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक क्षण है.
आईएनएस विजयलक्ष्मी पंडित के नाम से भी किया गया था शामिल
भारत का समुद्री इतिहास काफी समृद्ध है और गौरव से भरा है. देश के समुद्री और सैन्य इतिहास का गौरव बढ़ाने में नौसेना के पोतों का अहम योगदान रहा है. जब भारतीय नौसेना के जहाजों के योगदान को याद किया जाता है तो उनमें एक नाम आईएनएस (इंडियन नेवल शिप) विक्रांत का नाम शीर्ष पर आता है. साल 1961 में इस विमानवाहक जहाज को आईएनएस विजयलक्ष्मी पंडित के नाम से सेवा में शामिल किया गया है. बाद में इसका नाम विक्रांत किया गया जिसका संस्कृत में मतलब अपराजेय और साहसी होता है.
इस जहाज का निर्माण ब्रिटेन के विकर्स-आर्मस्ट्रॉन्ग शिपयार्ड पर हुआ था. शुरू में इसका नाम एचएमएस (हर मजेस्टी शिप) हर्कुलस था. यह ब्रिटेन के मजेस्टिक क्लास का पोत था जिसे साल 1945 में ब्रिटिश नौसेना की सेवा में शामिल क��या गया. जहाज को सक्रिय सैन्य अभियान में तैनात किया जाता, उससे पहले ही दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया. उसके बाद नौसेना की सक्रिय ड्यूटी से इस जहाज को हटा दिया गया और फिर साल 1957 में भारतीय नौसेना को बेच दिया गया.
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groundzero-info · 3 years
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पाकिस्तान पूरी तरह कंगाल हो चुका है,अब प्रधानमंत्री के आवास के किराए से चलेगा देश का खर्चा...
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वित्तीय संकट से गुजर रहा पाकिस्तान अब लगता है जैसे पूरी तरह कंगाल हो चुका है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गर्त में जा चुकी है और इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अब पड़ोसी मुल्क ने अपने प्रधानमंत्री के आवास को भी किराये पर देने का ऐलान किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्लामाबाद में स्थित आधिकारिक आवास को किराये पर देने का ऐलान कर दिया गया है। दरअसल अगस्त 2019 में पाकिस्तान की सत्तारुढ़ पार्टी ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास को यूनिवर्सिटी में बदलने का फैसला किया था। जिसके बाद पीएम इमरान खान ने यह आवास खाली कर दिया था। लेकिन अब सरकार ने विश्वविद्यालय बनाने की योजना को टाल दिया है।
'Samaa TV' की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना को टालने के बाद अब पीएम आवास को किराये पर देने का फैसला किया गया है। स्थानीय मीडिया ने यहां अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान की फेडरल सरकार ने पीएम आवास को अब कल्चरल, फैशन, एजुकेशनल और अन्य इवेंट्स के लिए किराये पर देने का फैसला किया है। बता दें कि इस्लामाबाद में पीएम इमरान खान का यह आवास रेड जोन में आता है।
पीएम आवास को किराये पर देने और इसकी निगरानी करने के लिए दो कमेटी भी बनाई गई है। यह कमेटी आवास के अंदर होने वाले कार्यक्रमों के दौरान अनुशासन बनाए रखने और पीएम हाउस से संबंधित डेकोरम को मेन्टेन रखने पर नजर रखेगी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेडरल कैबिनेट जल्द ही पीएम आवास से होने वाली आमदनी को लेकर भी चर्चा करेगी।
बताया जा रहा है कि पीएम हाउस के दो गेस्ट विंग्स और लॉन को पैसे जुटाने के लिए किराये पर दिया जा सकता है। पीएम आवास में अब हाई-लेवल डिप्लेमैटिक कार्यक्रम के अलावा अंतरराष्ट्रीय सेमिनार भी कराए जा सकेंगे। आपको बता दें कि जब इमरान खान ने पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी तब कहा था कि सरकार के पास पैसे नहीं है कि वो लोक कल्याण के लिए जरुरी योजनाएं चला सके। इसके बाद से ही इमरान खान बानी गाला आवास में रहते हैं।
बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ सालों में पूरी तरह चरमरा गई है। बाजार में पूंजी निवेश ना होने की वजह से महंगाई बढ़ रही है। आर्थिक हालत इस कदर चरमरा गई है कि सरकार को कर्मचारियों को कर्ज लेकर वेतन देना पड़ रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में व्यापारिक घाटा बढ़ गया है, क्योंकि निर्यात में कमी और आयात में वृद्धि हुई है। पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है। मई में देश में महंगाई की दर 10.9 प्रतिशत के शिखर पर थी।
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groundzero-info · 3 years
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Tokyo Olympic : भारतीय महिला हॉकी टीम ने लहराया तिरंगा,हॉकी में रचा इतिहास, पहली बार सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की...
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Tokyo Olympic का 10वां दिन भारत के लिए मिलाजुला रहा. महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. टोक्यो में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे इकलौते घुड़सवार फवाद मिर्जा ने भी फाइनल के लिए क्वालीफाई किया लेकिन यहां वे 23वें स्थान पर रहे. निशानेबाजी में पिछले दिनों की तरह ही एक बार फिर से भारत को निराशा ही हाथ लगी. एथलेटिक्स के महिलाओं के डिस्कस थ्रो इवेंट के फाइनल में भारत की कमलप्रीत कौर मेडल नहीं जीत पाईं. लेकिन वह छठे नंबर रहीं जो पिछले 18 साल में ओलिंपिक के ट्रेक एंड फील्ड इवेंट में किसी भी भारतीय का संयुक्त रूप से बेस्ट प्रदर्शन है. इससे पहले 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा पूनिया भी लंदन ओलिंपिक 2012 में छठे स्थान पर रही थी
भारत के लिए सोमवार के दिन इवेंट की शुरुआत 200 मीटर हीट्स से हुई. अपनी वर्ल्ड रैंकिंग के दम पर टोक्यो के लिए क्वालिफाई करने वाली दुती चंद चौथी हीट में आखिरी स्थान पर रहीं. उन्होंने 23.85 का समय निकाला. पहले स्थान पर नामबिया की एमबोमा क्रिस्टीन रहीं जिन्होंने 22.11 के साथ नेशनल रिकॉर्ड कायम किया. दुती चंद 200 मीटर के फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाईं.
कमलप्रीत कौर छठे पायदान पर रहीं
भारत की कमलप्रीत कौर डिस्कस थ्रो के फाइनल में छठे नंबर पर रहीं. उन्होंने 63.70 मीटर का बेस्ट थ्रो फेंका. यह पदक जीतने के लिए काफी नहीं था. कमलप्रीत का पर्सनल बेस्ट 66 मीटर से ज्यादा का रहा लेकिन ओलिंपिक फाइनल में वह यह कारनाम नहीं कर सकीं. लेकिन छठे स्थान पर रहते हुए कमलप्रीत ने पिछले 18 साल में ओलिंपिक खेलों की ट्रेक एंड फील्ड स्पर्धाओं में भारत की ओर से संयुक्त रूप से सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. उनसे पहले 2004 एथेंस ओलिंपिक में अंजू बॉबी जॉर्ज लंबी कूद में पांचवें स्थान पर रही थीं.
शूटिंग में फिर हाथ लगी निराशा
शूटिंग के आज भारत के ऐश्वर्य प्रताप और संजीव सिंह राजपूत से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी. इवेंट के शुरुआत में नीलिंग राउंड में ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने शानदार खेल दिखाया. पहली सीरीज में उन्होंने 199/200 का स्कोर हासिल किया. मगर नीलिंग राउंड में शानदार प्रदर्शन को ऐश्वर्य प्रोन राउंड में बरकार नहीं रखे सके.
उन्होंने 98,99,97,97 के अंक हासिल किए और 391 का स्कोर हासिल किया और टॉप टेन से भी बाहर हो गए. प्रोन राउंड के बाद अनुभवी खिलाड़ी संजीव राजपूत 23वें स्थान पर रहे. उन्होंने चार सीरीज में 393/400 का स्कोर हासिल किया. दोनों ही निशानेबाज फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए. भारतीय निशानेबाजी टीम को इन खेलों में एक भी मेडल नहीं मिला. भारत के 15 शूटर इन खेलों में गए थे लेकिन सौरभ चौधरी को छोड़कर कोई फाइनल भी नहीं खेल पाया.
टोक्यो में महिला हॉकी टीम ने लहराया तिरंगा
टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हॉकी की महिला खिलाड़ियों क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर इतिहास रच दिया. भारतीय महिलाओं ने बड़ा उलटफेर करते हुए ऑस्ट्रेलिया को मात दे दी और पहली बार सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की. भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हाराया. भारत के लिए एकमात्र गोल गुरजीत कौर खेल के 22 मिनट में दागा. पूरे मैच के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने अपना दबदबा बनाए रखा. ऑस्ट्रेलिया को सात पेन्लटी मिले, लेकिन वो एक भी गोल में तब्दील नहीं हो सका.
सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम का मुकाबला अर्जेंटीना से होगा. अर्जेंटीना की टीम ने क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल का टिकट कटाया है.
फाइनल में पहुंचे फवाद मिर्जा
भारत के फवाद मिर्जा ने जंपिंग इवेंट के व्यक्तिगत इवेंट के फाइनल के लिए क्वालिफाई कर गए. वे पहली बार ओलिंपिक में गए हैं. फाइनल में वे 23वें नंबर पर रहे. लेकिन उनका फाइनल में पहुंचना ही अपने आप में बड़ी बात है.
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groundzero-info · 3 years
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J&K में 'देशद्रोहियों' और पत्थरबाजों पर सरकार का बड़ा कदम,ना तो सरकारी नौकरी मिलेगी और न ही पासपोर्ट बन बनेगा...
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जम्मू और कश्मीर में 'देशद्रोहियों' और पत्थरबाजों पर नकेल कसने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने पत्थरबाजों और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों पर नकेस कसने के लिए एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत ऐसे लोगों को ना तो सरकारी नौकरी दी जाएगी और न ही उनका पासपोर्ट बन पाएगा। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पत्थरबाजों और राज्य और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों शामिल रहने वाले लोगों को अब विदेश जाने का मौका नहीं मिलेगा।
अंग्रेजी वेबसाइट न्यूज-18 की खबर के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को 'देशद्रोही' और पथराव करने वालों पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पासपोर्ट मंजूरी पर रोक लगाने, सरकारी नौकरियों का कोई प्रावधान नहीं करने और अन्य प्रतिबंधों वाले आदेश जारी किए। शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने अंग्रेजी वेबसाइट को बताया कि सीआईडी की विशेष शाखा कश्मीर ने सभी इकाइयों और अधिकारियों को इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। साथ ही कहा है जब किसी व्यक्ति की जांच करते हुए उसकी सुरक्षा मंजूरी की रिपोर्ट तैयार करते हैं, तो उस समय यह जरूर ध्यान रखें कि संबधित व्यक्ति किसी भी तरह से पत्थरबाजी, राज्य व राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों, कानून व्यवस्था भंग करने में लिप्त न रहा हो
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई शख्स ऐसी गतिविधियों में शामिल रहता है तो उसे किसी भी तरह से पासपोर्ट या सरकारी सेवा के लिए क्लीयरेंस न दी जाए। बताया जा रहा है कि इसके लिए सभी डिजिटल साक्ष्य और पुलिस रिकॉर्ड को ध्यान में रखा जाएगा। इससे पहले, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन) नियमों में एक संशोधन किया था, जिसमें सरकारी नौकरी पाने के लिए एक संतोषजनक सीआईडी रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई थी।
द इंडियन एक्सप्रेस की एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को यह खुलासा करना अनिवार्य होगा कि क्या परिवार का कोई सदस्य या करीबी रिश्तेदार किसी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़ा है, या किसी राजनीतिक गतिविधि में भाग लिया है, या किसी विदेशी मिशन या संगठन या जमात-ए-इस्लामी जैसे किसी निर्धारित/प्रतिबंधित/प्रतिबंधित संगठन के साथ तो नहीं जुड़ा है।
नए संशोधन के अनुसार, सेवारत कर्मचारियों को सीआईडी से फिर से सत्यापन की आवश्यकता के मामले में नियुक्ति की तारीख से किसी की पोस्टिंग और पदोन्नति का पूरा विवरण प्रस्तुत करना होगा। इसके अलावा किसी के माता-पिता, पति या पत्नी, बच्चों और सौतेले पिता, बच्चे, सास-ससुर, साले और भाभी। की नौकरी का विवरण देना होगा।
Source : "GROUND ZERO"
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