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gyaanuday · 3 years ago
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अरस्तू के परिवार व संपत्ति पर विचार
अरस्तु ने परिवार व संपत्ति को व्यक्तिगत विशेषता बताया है, क्योंकि इन दोनों के आधार पर ही एक व्यक्ति अपना विकास करता है और यह विकास की आवश्यक शर्तें हैं । किसी व्यक्ति के विकास के लिए संपत्ति तथा परिवार दोनों ही आवश्यक है । Pls share
Aristotle’s views on Family and Property Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, पश्चिमी राजनीतिक विचार के अंतर्गत अरस्तु के परिवार और संपत्ति संबंधी विचारों के बारे में । (Aristotle’s views on Family and Property in hindi) इस Post में हम जानेंगे अरस्तु के परिवार व संपत्ति विचार के साथ अरस्तु के त्रिकोणआत्मक संबंधों के स्वरूप, व्यक्ति की परिवार व संपत्ति की…
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gyaanuday · 4 years ago
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राजभाषा का अर्थ
भारत बहुत बड़ा देश है । भारत में विभिन्न भाषाओं को बोला जाता है । इस प्रकार समय समय पर अनेक भाषाओं को भारत में संविधान के अनुसार मान्यता दी गई और उनको आधिकारिक रूप से इस्तेमाल करने की सुविधा मिली । इस तरह से हिंदी को राजभाषा के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर
Official Language of India Hello दोस्तो ज्ञानउदय में आपका स्वागत है, आज हम बात करेंगे संविधान में राजभाषा या आधिकारिक भाषा (Official Language of India) के बारे में । साथ ही साथ इस Post में हम जानेंगे राजभाषा से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेदों के बारे में । तो जानते है आसान शब्दों में । राजभाषा (Official Language) भारत बहुत बड़ा देश है । भारत में विभिन्न भाषाओं को बोला जाता है । इस प्रकार समय समय…
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gyaanuday · 4 years ago
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राष्ट्रपति की शक्तियां व निर्वाचन प्रणाली
राष्ट्रपति की शक्तियां व निर्वाचन प्रणाली
Powers and Selection Procedure of President of India Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम जानेंगे भारत के राष्ट्रपति  की शक्तियों के बारे में  और उनकी निर्वाचन प्रणाली के बारे में । साथ ही साथ हम बताएंगे राष्ट्रपति की योग्यताओं के बारे में, उनके कार्यकाल के बारे में, वेतन और भत्तों के बारे में । अक्सर Exams में प्रश्न पूँछ लिया जाता है कि भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन…
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gyaanuday · 4 years ago
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महात्मा गांधी के साधन व साध्य संबंधी विचार
महात्मा गांधी के साधन व साध्य संबंधी विचार
Views on objective & it’s sources by Gandhi ji Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, राजनीति विज्ञान में महात्मा गांधी जी के साध्य और साधन संबंधी विचारों (Objective & Sources) के बारे में । साथ ही साथ इस Post में हम जानेंगे इसका अर्थ, आधार और इसके साधनों के बारे में । तो चलिए शुरू करते हैं, आसान भाषा में । साध्य और साधन का अर्थ गांधीजी मानना था कि अच्छे…
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gyaanuday · 4 years ago
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केन्द्र-राज्य सम्बन्ध और अंतर्राज्य परिषद
केन्द्र-राज्य सम्बन्ध और अंतर्राज्य परिषद भारत के संविधान ने केन्द्र-राज्य सम्बन्ध के बीच शक्तियों के वितरण की निश्चित और सुस्पष्ट योजना अपनायी है । संविधान के आधार पर संघ तथा राज्यों के सम्बन्धों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है । Share with Fre
Relationship in Central and State and Inter-State council Hello दोस्तो ज्ञानउदय में आपका स्वागत है, आज हम बात करेंगे भारतीय संविधान में केंद्र राज्य संबंध और अंतरराज्य (Relationship in Central and State and Inter-State council) के बारे में । साथ ही साथ इस Post में हम जानेंगे केंद्र राज्य संबंध के महत्वपूर्ण अनुछेद के बारे में, संघ, राज्य और समवर्ती सूची के बारे में । इनके बीच शक्तियों के वितरण…
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gyaanuday · 4 years ago
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मार्गेनथाउ का यथार्थवादी सिद्धांत
मार्गेनथाउ का यथार्थवादी सिद्धांत जब भी हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बारे में पढ़ते हैं, तो हमें यथार्थवाद को भी समझना जरूरी हो जाता है । अगर इसके शब्द से अर्थ निकाला जाए तो यथार्थ का मतलब हुआ Real यानी वास्तविक । जो कुछ वास्तिवकता में हो रहा है, यानी जो
Realistic Theory of Morgenthau Hello दोस्तो ज्ञानउदय में आपका स्वागत है । आज हम बात करते हैं अंतरराष्ट्रीय राजनीति विज्ञान में मार्गेनथाऊ के यथार्थवादी सिद्धांत की या यथार्थवाद के छ: सिद्धांत (Realistic Theory of Morgenthau in hindi)। साथ ही साथ हम जानेंगे इसकी आलोचना और मूल्यांकन के बारे में । यह Topic अंतरराष्ट्रीय संबंध से Related है, जोकि राजनीति विज्ञान के 3rd Year और ऑनर्स के 2nd Year के…
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gyaanuday · 4 years ago
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महत्वपूर्ण संविधान संशोधन अधिनियम
महत्वपूर्ण संविधान संशोधन अधिनियम भारतीय संविधान में महत्वपूर्ण संविधान संशोधन अधिनियम (Important Amendments in Indian Constitution) के बारे में । इस Post में हम जानेंगे संविधान में अब तक के संशोधनों के बारे में । किन किन वर्षों में ये संशोधन हुए और संशोध
Important Amendments in Constitution Hello दोस्तो ज्ञानउदय में आपका स्वागत है, आज हम बात करेंगे भारतीय संविधान में महत्वपूर्ण संविधान संशोधन अधिनियम (Important Amendments in Indian Constitution) के बारे में । इस Post में हम जानेंगे संविधान में अब तक के संशोधनों के बारे में । किन किन वर्षों में ये संशोधन हुए और संशोधन किस कारण हुए उनमें क्या जोड़ा गया । तो जानते हैं, आसान भाषा में । 1st संविधान…
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gyaanuday · 4 years ago
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समाजवाद क्या है ?
समाजवाद क्या है ? समाज में सभी तरह के लोग रहते हैं, अमीर, ग़रीब, इसी तरह इनके अलग अलग धर्म, जाति होती है । अलग रंग, रूप, खान पान आदि के आधार पर सभी तरह के लोग समाज मे निवास करते हैं । जिसके कारण इनमें आपस में संघर्ष चलता रहता है । इसी संघर्ष को दूर करने
What is Socialism ? Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका स्वागत है और आज हम जानेंगे राजनीति विज्ञान में समाजवाद (What is Socialism) के बारे में । समाजवाद एक आर्थिक सामाजिक विचारधारा है । इस Post में हम जानेंगे समाजवाद क्या है ? इसकी विशेषताएं और इसका महत्व और साथ ही साथ इस की आलोचनाओं के बारे में जानेंगे चलिए जानते हैं, आसान भाषा में । समाजवाद क्या है ? समाज में सभी तरह के लोग रहते हैं, अमीर,…
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gyaanuday · 5 years ago
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मैक्यावली राजनीतिक विचारक
मैक्यावली राजनीतिक विचारक मैक्यावली का पूरा नाम निकालो मैक्यावली (Niccolò Machiavelli) है । इनका जन्म 1469 में इटली के फ्लोरेंस शहर में हुआ था । प्रतिभाशाली और योग्यतावान होने के कारण मैक्यावली को फ्लोरेंस की तरफ से 23 बार राजदूत पद पर नियुक्त किया गया ।
Political thinker Niccolò Machiavelli in Hindi
Hello दोस्तों ज्ञानोदय में आपका स्वागत है और आज हम बात करेंगे राजनीति विज्ञान में पुनर्जागरण के प्रतिनिधि मैक्यावली के बारे में । (Western Political thinker Niccolò Machiavelli in Hindi), दोस्तों मैक्यावली को इटली का चाणक्य कहा जाता है । इसके अलावा मैक्यावली को ‘पुनर्जागरण का शिशु’ के नाम से भी जाना जाता है ।
मैक्यावली का पूरा नाम निकालो…
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gyaanuday · 5 years ago
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दो तलवारों का सिद्धान्त
दो तलवारों का सिद्धान्त यह सिद्धांत चर्च और राज्य के अपने अपने अधिकार क्षेत्रों के इस्तेमाल और उनमें विवादों के रूप में जाना जाता है । इस सिद्धान्त में दोनों अपने-अपने सर्वोच्चता के दांव को प्रमाणित करने के लिए किस तरह विवादों में घिरे । यह सिद्धांत विद्
Theory of Two Swords in Hindi
Hello दोस्तों ज्ञान उदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम जानेंगे पश्चिमी राजनीति में (Western Political Thought in Hindi) एक महत्वपूर्ण Topic जिसका नाम है, दो तलवारों का सिद्धांत (Theory of Two Swords in Hindi)
यह सिद्धांत चर्च और राज्य के अपने अपने अधिकार क्षेत्रों के इस्तेमाल और उनमें विवादों के रूप में जाना जाता है । इस सिद्धान्त में दोनों अपने-अपने…
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gyaanuday · 5 years ago
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अस्तित्ववाद क्या है
अस्तित्ववाद क्या है व्यक्ति कई कारणों से अपना अस्तित्व खो चुका है । कई परिस्थितियां ऐसी हैं, जो व्यक्ति की सोच पर हावी हो चुकी हैं । अस्तित्ववाद कोई वैचारिक संस्था (Ideological Cult) नहीं है । ना तो यह कोई विचारधारा है और ना ही कोई व्यवस्था है । ना तो इसम
What Existentialism in Political Science in Hindi
Hello दोस्तों ज्ञानउदाय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करेंगे, राजनीति विज्ञान में अस्तित्ववाद के बारे में (Existentialism in Hindi) । इसमें हम बात करेंगे व्यक्ति के अस्तित्व के बारे में । व्यक्ति कई कारणों से अपना अस्तित्व खो चुका है । कई परिस्थितियां ऐसी हैं, जो व्यक्ति की सोच पर हावी हो चुकी हैं । अस्तित्ववाद कोई वैचारिक संस्था…
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gyaanuday · 5 years ago
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भारत की परमाणु नीति और विशेषताएं
भारत की परमाणु नीति और विशेषताएं राजनीति विज्ञान में ��ारत की परमाणु नीति के बारे में और साथ ही साथ जानेंगे इस नीति की क्या-क्या विशेषताएं हैं । और जानेंगे कि भारत ने अपनी परमाणु नीति में क्या क्या परिवर्तन किए और क्यों किये ? और भारतीय परमाणु नीति की नई
India’s Nuclear Policy and its Features
Hello दोस्तों ज्ञानोदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, राजनीति विज्ञान में भारत की परमाणु नीति के बारे में और साथ ही साथ जानेंगे इस नीति की क्या-क्या विशेषताएं हैं । और जानेंगे कि भारत ने अपनी परमाणु नीति में क्या क्या परिवर्तन किए और क्यों किये ? और भारतीय परमाणु नीति की नई विशेषताएं क्या हैं ? तो आइए जानते हैं ।
हमारा देश भारत…
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gyaanuday · 5 years ago
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नागरिकों के विशेषाधिकार
नागरिकों के विशेषाधिकार विशेषाधिकार के बारे में । यह वह 7 मूल अधिकार हैं, जो भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को प्राप्त हैं । निम्नलिखित मूल अधिकार और अधिकार संविधान में केवल नागरिकों को ही प्रदान किए गए हैं । Please Share
Privileges of Indian Citizens
(नागरिकता का महत्व)
Hello दोस्तों Gyaan Uday में आपका स्वागत है । आज हम जानेंगे, भारत में नागरिकों को प्राप्त विशेषाधिकार के बारे में । यह वह 7 मूल अधिकार हैं, जो भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को प्राप्त हैं । निम्नलिखित मूल अधिकार और अधिकार संविधान में केवल नागरिकों को ही प्रदान किए गए हैं ।
संविधान के अलग अलग अनुच्छेदों द्वारा भारतीय नागरिक को मूल…
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gyaanuday · 5 years ago
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राजनीतिक सिद्धान्त का पतन और पुनरोत्थान
राजनीतिक सिद्धान्त का पतन और पुनरोत्थान प्राचीन काल से लेकर 19वीं शताब्दी के मध्य तक राजनीतिक सिद्धांत का संबंध राजनीतिक दर्शन से रहा है । इस अवधि में इसका लगातार विकास भी हुआ । परंतु बीसवीं सदी के मध्य में लगभग 1950 के दशक में राजनीतिक सिद्धान्त का पतन
Political Theory: Decline & Resurgence
Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, राजनीति विज्ञान में राजनीति सिद्धांत के पतन और उसके पुनरुत्थान के बारे में । हम राजनीति के सिद्धान्तों के बारे में पहले ही चर्चा कर चुके हैं । अगर आप राजनीति सिद्धांत के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए Link पर Click करके जान सकते हैं ।
राजनीति सिद्धांत के बारे में…
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gyaanuday · 5 years ago
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राजनीति सिद्धान्त के उदय के कारण
राजनीति सिद्धान्त के उदय के कारण "राजनीति का असली मतलब है, निर्णय लेने की प्रक्रिया ।" राजनीति में निर्णय लेने की प्रकिया सार्वभौमिक है, यानी सभी जगह एक समान होती है । उल्लेखनीय है कि उथल पुथल तथा संकट के काल में राजनीतिक सिद्धांत का उदय हुआ था । यूनान,
Political Theory: Reasons for arise
Hello दोस्तों ज्ञानउदय में आपका एक बार फिर स्वागत है और आज हम बात करते हैं, राजनीति विज्ञान में राजनीति सिद्धांत के उदय के कारणों के बारे में । राजनीति के सिद्धान्त के बारे में पहले ही बता चुके हैं । अगर आप राजनीति सिद्धांत के बारे में जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए Link पर Click करके जान सकते हैं ।
राजनीति सिद्धांत के बारे में जानने के लिए यहाँ Click…
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gyaanuday · 5 years ago
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राजनीतिक आधुनिकीकरण के मॉडल
राजनीतिक आधुनिकीकरण के मॉडल राजनीतिक आधुनिकीकरण में सवाल पैदा होता है कि क्या आधुनिकीकरण का कोई निश्चित मॉडल या प्रतिमान होता है ? इस संबंध में दो बातें महत्वपूर्ण मानी जाती हैं । 1 राजनीतिक आधुनिकीकरण का कोई सर्वव्यापी(Omnipresent) प्रतिमान नहीं है ।
Models of Political Modernization in Hindi
Hello दोस्तों ज्ञानोदय में आपका स्वागत है और आज हम जानेंगे राजनीतिक आधुनिकीकरण के प्रतिमान यानि Models के बारे में । (Models of Political Modernisation in hindi).
राजनीति आधुनिकीकरण का अर्थ और विशेषताओं के बारे में हम पहले ही बता चुके हैं । यह राजनीति विज्ञान की एक नई अवधारणा है । जो राजनीतिक चिंतन के द्वारा में पैदा हुई है । इस अवधारणा को राजनीतिक…
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gyaanuday · 5 years ago
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संविधान लागू होने के बाद भारत में नागरिकता की व्यवस्था
संविधान लागू होने के बाद भारत में नागरिकता की व्यवस्था भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 भारतीय संविधान द्वारा संसद को यह अधिकार दिया है कि वह भारतीय नागरिकता से सम्बन्धित सभी विषयों के सम्बन्ध में व्यवस्था करे । सन 1955 में संसद द्वारा ’भारतीय नागरिकता अधिन
Hello दोस्तों Gyaanuday में आपका स्वागत है । आज हम बात करते हैं, भारतीय संविधान के लागू होने के बाद नागरिकता से संबंधित व्यवस्था के बारे में । इससे पहले हम नागरिकता की व्यवस्था के बारे में जान सकते हैं । जो कि संविधान में अनुच्छेद 5 से लेकर 11 तक भारतीय नागरिकता के बारे में बताया गया है । जानने के लिए नीचे Link पर Click करें ।
नागरिकता की व्यवस्था के लिए यहाँ Click करें ।
निम्नलिखित…
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