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jharexpress · 2 years ago
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Karva Chauth 2023: तिथि, शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय, विधि
Karva Chauth 2023 : करवा चौथ 2023: तिथि (puja time), शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व, कथा, सरगी, जानिए आपके शहर में चंद्रोदय का समय (moon time) ??
करवा चौथ(Karva Chauth 2023) हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह एक प्रमुख पर्व है जो विवाहित महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु और सुरक्षा की कामना करती हैं। इस व्रत में महिलाएं करवा चौथ की पूजा और उपवास करती हैं तथा चंद्रमा के दर्शन के बाद ही उपवास को खोलती हैं। यह पर्व हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की पूजा के शुभ मुहूर्त
Karva Chauth 2023: करवा चौथ के उपवास के लाभ
करवा चौथ का व्रत रखने से महिलाओं को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (puja time) को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय स्थान के अनुसार अलग-अलग होता है। कुछ प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय (moon time) निम्नलिखित है:
करवा चौथ की पूजा विधि
करवा चौथ की पूजा विधि निम्नलिखित है:
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जो विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं। चंद्रोदय के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ के महत्व के बारे में कुछ विशेष बातें
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) व्रत का हिन्दू संस्कृति में विशेष महत्त्व है। इस दिन पति की लम्बी उम्र के पत्नियां पूर्ण श्रद्धा से निर्जला व्रत रखती है। कार्तिक मास की चतुर्थी को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है । इस साल एक नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है । दरअसल, इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर मंगलवार रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर एक नवंबर रात 9 बजकर 19 मिनट तक है । ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, करवा चौथ का व्रत बुधवार यानि  1 नवंबर को रखा जायेगा।
1 नवंबर को चन्द्रमाम(MOON) अपनी उच्च राशि वृषभ में होंगे। इसी के साथ मंगल, बुध और सूर्य तुला राशि में हैं। सूर्य और बुध बुधादित्य योग बना रहे हैं तो मंगल और सूर्य मिलकर मंगलादित्य योग बना रहे हैं। शनि भी 30 साल बाद अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में योग बना रहे हैं। इस दिन शिवयोग मृगशिरा नक्षत्र और बुधादित्य योग का संगम रहेगा। शिव योग शिव को समर्पित, मृगशिरा नक्षत्र मंगल को समर्पित, बुधादित्य योग यश और ज्ञान का प्रतीक माना गया है। इन योगों से पर्व का महत्व हजारों गुना बढ़ गया है।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ का महात्म्य
छांदोग्य उपनिषद् के अनुसार चंद्रमा में पुरुष रूपी ब्रह्मा की उपासना करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। साथ ही साथ इससे लंबी और पूर्ण आयु की प्राप्ति होती है। करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा होती है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल,उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास अथवा सास के समकक्ष किसी सुहागिन के पांव छूकर सुहाग सामग्री भेंट करनी चाहिए।
महाभारत से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार पांडव पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी पर्वत पर चले जाते हैं। दूसरी ओर बाकी पांडवों पर कई प्रकार के संकट आन पड़ते हैं। द्रौपदी भगवान श्रीकृष्ण से उपाय पूछती हैं। वह कहते हैं कि यदि वह कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन करवाचौथ का व्रत करें तो इन सभी संकटों से मुक्ति मिल सकती है। द्रौपदी विधि विधान सहित करवाचौथ (Karva Chauth) का व्रत रखती है जिससे उनके समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। इस प्रकार की कथाओं से करवा चौथ का महत्त्व हम सबके सामने आ जाता है।
सरगी का महत्त्व
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) में सरगी का काफी महत्व है। सरगी सास की तरफ से अपनी बहू को दी जाती है। इसका सेवन महिलाएं करवाचौथ के दिन सूर्य निकलने से पहले तारों की छांव में करती हैं। सरगी के रूप में सास अपनी बहू को ��िभिन्न खाद्य पदार्थ एवं वस्त्र इत्यादि देती हैं। सरगी, सौभाग्य और समृद्धि का रूप होती है। सरगी के रूप में खाने की वस्तुओं को जैसे फल, मीठाई आदि को व्रती महिलाएं व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व प्रात: काल में तारों की छांव में ग्रहण करती हैं। तत्पश्चात व्रत आरंभ होता है। अपने व्रत को पूर्ण करती हैं।
महत्त्व के बाद बात आती है कि करवा चौथ की पूजा विधि क्या है? किसी भी व्रत में पूजन विधि का बहुत महत्त्व होता है। अगर सही विधि पूर्वक पूजा नहीं की जाती है तो इससे पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता है। वैसे अलग अलग क्षेत्र में ये पूजा अलग अलग विधि विधान से की जाती है । कहीं कहीं इसे गणेश चौथ के नाम से भी मनाया जाता है ।
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) को लेकर कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं । आइए जानते कुछ प्रमुख कथाओं के बारे में –
प्रथम कथा
बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहाँ तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद में स्वयं खाते थे। एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुई थी। शाम को भाई जब अपना व्यापार-व्यवसाय बंद कर घर आए तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ (Karva Chauth) का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्‍य देकर ही खा सकती है। चूँकि चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।
सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखी नहीं जाती और वह दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चतुर्थी का चाँद उदित हो रहा हो।
इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि चाँद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चाँद को देखती है, उसे अर्घ्‍य देकर खाना खाने बैठ जाती है।
वह पहला टुकड़ा मुँह में डालती है तो उसे छींक आ जाती है। दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमें बाल निकल आता है और जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुँह में डालने की कोशिश करती है तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिलता है। वह बौखला जाती है।
उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ ? करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं और उन्होंने ऐसा किया है।
सच्चाई जानने के बाद करवा निश्चय करती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवन दिलाकर रहेगी। वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है। उसकी देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह एकत्रित करती जाती है।
एक साल बाद फिर करवा चौथ का दिन आता है। उसकी सभी भाभियाँ करवा चौथ का व्रत रखती हैं। जब भाभियाँ उससे आशीर्वाद लेने आती हैं तो वह प्रत्येक भाभी से 'यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो' ऐसा आग्रह करती है, लेकिन हर बार भाभी उसे अगली भाभी से आग्रह करने का कह चली जाती है।
इस प्रकार जब छठे नंबर की भाभी आती है तो करवा उससे भी यही बात दोहराती है। यह भाभी उसे बताती है कि चूँकि सबसे छोटे भाई की वजह से उसका व्रत टूटा था अतः उसकी पत्नी में ही शक्ति है कि वह तुम्हारे पति को दोबारा जीवित कर सकती है, इसलिए जब वह आए तो तुम उसे पकड़ लेना और जब तक वह तुम्हारे पति को जिंदा न कर दे, उसे नहीं छोड़ना। ऐसा कह के वह चली जाती है। सबसे अंत में छोटी भाभी आती है। करवा उनसे भी सुहागिन बनने का आग्रह करती है, लेकिन वह टालमटोली करने लगती है। इसे देख करवा उन्हें जोर से पकड़ लेती है और अपने सुहाग को जिंदा करने के लिए कहती है। भाभी उससे छुड़ाने के लिए नोचती है, खसोटती है, लेकिन करवा नहीं छोड़ती है।
अंत में उसकी तपस्या को देख भाभी पसीज जाती है और अपनी छोटी अँगुली को चीरकर उसमें से अमृत उसके पति के मुँह में डाल देती है। करवा का पति तुरंत श्रीगणेश-श्रीगणेश कहता हुआ उठ बैठता है। इस प्रकार प्रभु कृपा से उसकी छोटी भाभी के माध्यम से करवा को अपना सुहाग वापस मिल जाता है। हे श्री गणेश माँ गौरी जिस प्रकार करवा को चिर सुहागन का वरदान आपसे मिला है, वैसा ही सब सुहागिनों को मिले।
Karva Chauth 2023: करवाचौथ की द्वितीय कथा
इस कथा का सार यह है कि शाकप्रस्थपुर वेदधर्मा ब्राह्मण की विवाहिता पुत्री वीरवती ने करवा चौथ का व्रत किया था। नियमानुसार उसे चंद्रोदय के बाद भोजन करना था, परंतु उससे भूख नहीं सही गई और वह व्याकुल हो उठी। उसके भाइयों से अपनी बहन की व्याकुलता देखी नहीं गई और उन्होंने पीपल की आड़ में आतिशबाजी का सुंदर प्रकाश फैलाकर चंद्रोदय दिखा दिया और वीरवती को भोजन करा दिया।
परिणाम यह हुआ कि उसका पति तत्काल अदृश्य हो गया। अधीर वीरवती ने बारह महीने तक प्रत्येक चतुर्थी को व्रत रखा और करवा चौथ के दिन उसकी तपस्या से उसका पति पुनः प्राप्त हो गया।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की तृतीय कथा
एक समय की बात है कि एक करवा नाम की पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी के किनारे के गाँव में रहती थी। एक दिन उसका पति नदी में स्नान करने गया। स्नान करते समय वहाँ एक मगर ने उसका पैर पकड़ लिया। वह मनुष्य करवा-करवा कह के अपनी पत्नी को पुकारने लगा।
उसकी आवाज सुनकर उसकी पत्नी करवा भागी चली आई और आकर मगर को कच्चे धागे से बाँध दिया। मगर को बाँधकर यमराज के यहाँ पहुँची और यमराज से कहने लगी- हे भगवन! मगर ने मेरे पति का पैर पकड़ लिया है। उस मगर को पैर पकड़ने के अपराध में आप अपने बल से नरक में ले जाओ।
यमराज बोले- अभी मगर की आयु शेष है, अतः मैं उसे नहीं मार सकता। इस पर करवा बोली, अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो मैं आप को श्राप देकर नष्ट कर दूँगी। सुनकर यमराज डर गए और उस पतिव्रता करवा के साथ आकर मगर को यमपुरी भेज दिया और करवा के पति को दीर्घायु दी। हे करवा माता! जैसे तुमने अपने पति की रक्षा की, वैसे सबके पतियों की रक्षा करना।
Karva Chauth 2023: करवाचौथ की चौथी कथा
एक बार पांडु पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी नामक पर्वत पर गए। इधर द्रौपदी बहुत परेशान थीं। उनकी कोई खबर न मिलने पर उन्होंने कृष्ण भगवान का ध्यान किया और अपनी चिंता व्यक्त की। कृष्ण भगवान ने कहा- बहना, इसी तरह का प्रश्न एक बार माता पार्वती ने शंकरजी से किया था।
पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्‍य देकर फिर भोजन ग्रहण किया जाता है। सोने, चाँदी या मिट्टी के करवे का आपस में आदान-प्रदान किया जाता है, जो आपसी प्रेम-भाव को बढ़ाता है। पूजन करने के बाद महिलाएँ अपने सास-ससुर एवं बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेती हैं।
तब शंकरजी ने माता पार्वती को करवा चौथ का व्रत बतलाया। इस व्रत को करने से स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षा हर आने वाले संकट से वैसे ही कर सकती हैं जैसे एक ब्राह्मण ने की थी। प्राचीनकाल ��ें एक ब्राह्मण था। उसके चार लड़के एवं एक गुणवती लड़की थी।
एक बार लड़की मायके में थी, तब करवा चौथ का व्रत पड़ा। उसने व्रत को विधिपूर्वक किया। पूरे दिन निर्जला रही। कुछ खाया-पीया नहीं, पर उसके चारों भाई परेशान थे कि ब��न को प्यास लगी होगी, भूख लगी होगी, पर बहन चंद्रोदय के बाद ही जल ग्रहण करेगी।
भाइयों से न रहा गया, उन्होंने शाम होते ही बहन को बनावटी चंद्रोदय दिखा दिया। एक भाई पीपल की पेड़ पर छलनी लेकर चढ़ गया और दीपक जलाकर छलनी से रोशनी उत्पन्न कर दी। तभी दूसरे भाई ने नीचे से बहन को आवाज दी- देखो बहन, चंद्रमा निकल आया है, पूजन कर भोजन ग्रहण करो। बहन ने भोजन ग्रहण किया।
भोजन ग्रहण करते ही उसके पति की मृत्यु हो गई। अब वह दुःखी हो विलाप करने लगी, तभी वहाँ से रानी इंद्राणी निकल रही थीं। उनसे उसका दुःख न देखा गया। ब्राह्मण कन्या ने उनके पैर पकड़ लिए और अपने दुःख का कारण पूछा, तब इंद्राणी ने बताया- तूने बिना चंद्र दर्शन किए करवा चौथ का व्रत तोड़ दिया इसलिए यह कष्ट मिला। अब तू वर्ष भर की चौथ का व्रत नियमपूर्वक करना तो तेरा पति जीवित हो जाएगा। उसने इंद्राणी के कहे अनुसार चौथ व्रत किया तो पुनः सौभाग्यवती हो गई। इसलिए प्रत्येक स्त्री को अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करना चाहिए। द्रोपदी ने यह व्रत किया और अर्जुन सकुशल मनोवांछित फल प्राप्त कर वापस लौट आए। तभी से हिन्दू महिलाएँ अपने अखंड सुहाग के लिए करवा चौथ व्रत करती हैं। सायं काल में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही पति द्वारा अन्न एवं जल ग्रहण करें। पति, सास-ससुर सब का आशीर्वाद लेकर व्रत को समाप्त करें।
पूजा एवं चन्द्र को अर्घ्य देने का मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी (Karva Chauth) 1 नवम्बर को करवा चौथ पूजा मुहूर्त- सायं 05:35 से 06:55 बजे तक।
चंद्रोदय- 20:06 मिनट पर।
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 31 अक्टूबर को रात्रि 09:30 बजे से।
चतुर्थी तिथि समाप्त - 01 नवम्बर को रात्रि 09:19 बजे।
इस साल 13 घंटे 26 मिनट का समय व्रत के लिए है। ऐसे में महिलाओं को सुबह 6 बजकर 40 मिनट से शाम 08 बजकर 06 मिनट तक करवा चौथ का व्रत रखना होगा।
करवा चौथ के दिन चन्द्र को अर्घ्य देने का समय रात्रि 8:07 बजे से 8:55 तक है।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है।
चंद्रदेव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए। अर्घ्य देते समय इस मंत्र के जप करने से घर में सुख व शांति आती है।
"गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥"
इसका अर्थ है कि सागर समान आकाश के माणिक्य, दक्षकन्या रोहिणी के प्रिय व श्री गणेश के प्रतिरूप चंद्रदेव मेरा अर्घ्य स्वीकार करें।
सुख सौभाग्य के लिये राशि अनुसार उपाय
मेष राशि- मेष राशि की महिलाएं करवा चौथ की पूजा अगर लाल और गोल्डन रंग के कपड़े पहनकर करती हैं तो आने वाला समय बेहद शुभ रहेगा।
वृषभ राशि - वृषभ राशि की महिलाओं को इस करवा चौथ सिल्वर और लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से आने वाले समय में पति-पत्नी के बीच प्यार में कभी कमी नहीं आएगी।
मिथुन राशि - इस राशि की महिलाओं के लिए हरा रंग इस करवा चौथ बेहद शुभ रहने वाला है। इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ के दिन हरे रंग की साड़ी के साथ हरी और लाल रंग की चूड़ियां पहनकर चांद की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके पति की आयु निश्चित लंबी होगी।
कर्क राशि - कर्क राशि की महिलाओं को करवा चौथ की पूजा विशेषकर लाल-सफेद रंग के कॉम्बिनेशन वाली साड़ी के साथ रंग-बिरंगी चूडि़यां पहनकर पूजा करनी चाहिए। याद रखें इस राशि की महिलाओं को व्रत खोलते समय चांद को सफेद बर्फी का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपके पति का प्यार आपके लिए कभी कम नहीं होगा।
सिंह राशि - करवा चौथ की साड़ी चुनने के लिए इस राशि की महिलाओं के पास कई विकल्प मौजूद हैं। इस राशि की महिलाएं लाल, संतरी, गुलाबी और गोल्डन रंग चुन सकती है। इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से शादीशुदा जोड़े के वैवाहिक जीवन में हमेशा प्यार बना रहता है।
कन्या राशि - कन्या राशि वाली महिलाओं को इस करवा चौथ लाल-हरी या फिर गोल्डन कलर की साड़ी पहनकर पूजा करने से लाभ मिलेगा। ऐसा करने से दोनों के वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ जाएगी।
तुला राशि - इस राशि की महिलाओं को पूजा करते समय लाल- सिल्वर रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इस रंग के कपड़े पहनने पर पति का साथ और प्यार दोनों हमेशा बना रहेगा।
वृश्चिक राशि - इस राशि की महिलाएं लाल, मैरून या गोल्डन रंग की साड़ी पहनकर पूजा करें तो पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ जाएगा।
धनु राशि - इस राशि की महिलाएं पीले या आसमानी रंग के कपड़े पहनकर पति की लंबी उम्र की कामना करें।
मकर राशि - मकर राशि की महिलाएं इलेक्ट्रिक ब्लू रंग करवा चौथ पर पहनने के लिए चुनें। ऐसा करने से आपके मन की हर इच्छा जल्द पूरी होगी।
कुंभ राशि - ऐसी महिलाओं को नेवी ब्लू या सिल्वर कलर के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से गृहस्थ जीवन में सुख शांति बनी रहेगी।
मीन राशि - इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ पर लाल या गोल्डन रंग के कपड़े पहनना शुभ होगा।
समापन
करवा चौथ का यह पर्व सामाजिक एकता और परंपरा का प्रतीक है। इस विशेष दिन पर, हम सभी महिलाएं अपने पति की खुशियों की कामना करती हैं और उनके साथ विशेष रूप से समय बिताती हैं। इसके अलावा, यह एक विशेष अवसर है जब हम समाज में एक साथ आकर्षित होते हैं और परंपरा का महत्व समझते हैं। इस करवा चौथ पर, हम सभी को खुशियों और समृद्धि की कामना है, और हम साथ हैं इस खास पर्व को और भी खास बनाने के लिए।
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) की सभी महिलाओं को हार्दिक शुभकामनाएं। आप सभी के पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करता हूं।
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jharexpress · 2 years ago
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झारखंड शिक्षक के ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) चोरी ?
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झारखंड (jharkhand) के शिक्षक (jharkhand teacher) डॉ सपन कुमार (sapan kumar) का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है। उनके द्वारा विकसित ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) की चोरी की गई है, जब बंगाल के एक शिक्षक ने इस मॉडल का नकल करके वर्की फाउंडेशन के द्वारा आयोजित ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए नामांकन किया है। डॉ सपन कुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस मामले से अवगत कराया और मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
झारखंड के शिक्षक डॉ सपन कुमार (sapan kumar) के ब्लैक बोर्ड मॉडल की चोरी
झारखंड के प्रमुख शिक्षक (jharkhand teacher), डॉ सपन कुमार (sapan kumar), ने अपने ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) के चोरी हो जाने के मामले के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर सुचना दिया। यह मामला बंगाल के एक शिक्षक द्वारा उनके ब्लैक बोर्ड मॉडल की नकल करके वर्की फाउंडेशन की ओर से आयोजित ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए नामांकन किये जाने के बाद उठा है।
डॉ सपन कुमार (sapan kumar) और ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model)
jharkhand teacher डॉ सपन कुमार ने 2020 में कोरोना काल में अपने गांव में बच्चों को पढ़ाने के लिए अनोखे तरीके से मिट्टी के दीवारों पर ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) बनाया था। इस मॉडल को यूनेस्को और वर्की फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाले ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए नामांकित किया गया था। यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिया जाता है और इसका इनाम एक मिलियन डॉलर है।
चोरी का मामला
बंगाल के एक शिक्षक ने डॉ सपन कुमार के ब्लैक बोर्ड मॉडल को नकल करके वर्की फाउंडेशन के ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए अपना नामांकन किया है। डॉ सपन कुमार ने इस मामले को उठाया और मुख्यमंत्री से मिलकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुखमंत्री की कार्रवाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को मामले की जांच और कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
झारखंड के ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) का महत्व
डॉ सपन कुमार ने 2020 में कोरोना काल में झारखंड के आदिवासी क्षेत्र में अपने ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) की शुरुआत की थी। इस मॉडल की मदद से उन्होंने अपने गांव के बच्चों को पढ़ाने का काम किया और विद्या का प्रसार किया।
डॉ सपन कुमार (sapan kumar) का आपत्ति
डॉ सपन कुमार ने इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि उनके द्वारा शुरुआत की गई इस मॉडल का अनुकरण बंगाल के शिक्षक द्वारा किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मॉडल को ज्यादा प्रमुखता दी जानी चाहिए क्योंकि वर्की फाउंडेशन द्वारा ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए उनका नामांकन पहले हुआ था।
आदिवासी समुदाय की प्रतिक्रिया
आदिवासी समुदाय के लोगों और विद्यालय के विद्यार्थियों ने भी इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराते हुए चोरी करने वाले शिक्षक पर कार्रवाई करने की मांग की है।
निष्कर्ष
इस मामले में डॉ सपन कुमार (sapan kumar) की मेहनत और उनके ब्लैक बोर्ड मॉडल (black board model) की महत्वपूर्ण भूमिका है, और यह मामला उनके और उनके गांव के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है और इसके निष्कर्ष का इंतजार है।
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jharexpress · 2 years ago
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69th National Film Awards: Alia Bhatt और Allu Arjun को मिला अवॉर्ड
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69th National Film Awards: 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन 17 अक्टूबर, 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किया गया। इस समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार आलिया भट्ट को संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में उनके अभिनय के लिए दिया गया। उन्होंने यह पुरस्कार कृति सेनॉन के साथ साझा किया, जिन्हें फिल्म ‘मिमी’ में उनकी भूमिका के लिए यह पुरस्कार दिया गया। वहीं, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अल्लू अर्जुन को सुकुमार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ के लिए दिया गया। दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बॉलीवुड हस्तियां पहुंचीं अवॉर्ड समारोह में
69th National Film Awards: 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में कई बॉलीवुड हस्तियां पहुंचीं। इनमें आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, अल्लू अर्जुन, कृति सेनॉन, श्रद्धा कपूर और टाइगर श्रॉफ शामिल थे। आलिया भट्ट ने इस समारोह में अपनी शादी की साड़ी पहनी थी। वहीं, कृति सेनॉन ने आइवरी और गोल्डन रंग की साड़ी पहनी थी। अल्लू अर्जुन ने सफेद रंग का एथनिक सूट पहना था।
गंगूबाई काठियावाड़ी और पुष्पा: द राइज को मिले कई पुरस्कार
69th National Film Awards: फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और ‘पुष्पा: द राइज’ को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। वहीं, फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ सहयोगी अभिनेता (फहद फासिल) और सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी का पुरस्कार मिला।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2023 के विजेता
सर्वश्रेष्ठ फिल्म: गंगूबाई काठियावाड़ी
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: संजय लीला भंसाली (गंगूबाई काठियावाड़ी)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: अल्लू अर्जुन (पुष्पा: द राइज)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: आलिया भट्ट (गंगूबाई काठियावाड़ी) और कृति सेनॉन (मिमी)
सर्वश्रेष्ठ सहयोगी अभिनेता: फहद फासिल (पुष्पा: द राइज)
सर्वश्रेष्ठ सहयोगी अभिनेत्री: ऐश्वर्या लक्ष्मी (फॉर्च्यूनर)
सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार: आर्यन राज (कश्मीर फाइल्स)
सर्वश्रेष्ठ फिल्म (गैर-फीचर): द लास्ट फिल्म शो
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (गैर-फीचर): पल्लवी जोशी (द लास्ट फिल्म शो)
न्यू दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2023 के समारोह में आज एक अद्वितीय पल देखने को मिला। सबसे बड़ा सम्मान अलिया भट्ट के लिए था, जिन्होंने संजय लीला भंसाली की ‘गंगुबाई कठियावाड़ी’ में उनके काम के लिए सर्वश्रेष्ठ अदाकारा पुरस्कार प्राप्त किया। उन्होंने इस सम्मान को कृति सनोन के साथ साझा किया, जिन्होंने ‘मीमी’ में अपनी भूमिका के लिए पुरस्कार जीता।
साथ ही, अल्लू अर्जुन ने सुकुमार द्वारा निर्देशित ‘पुष्पा: द राइज’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार जीता। वैदेशिक अदाकारियों ने भी भारतीय सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त किया।
69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह शुक्रवार को न्यू दिल्ली में हुआ। जबकि विजेताओं का ऐलान अगस्त में किया गया था, समारोह 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में हुआ। अल्लू अर्जुन और अलिया भट्ट समारोह में मौजूद थे। रणबीर कपूर भी अपनी पत्नी अलिया का समर्थन करने के लिए पहुंचे। एक नए वीडियो में, अल्लू अर्जुन को अलिया और रणबीर के साथ एक अच्छा समय दिखाया गया है।
अल्लू अर्जुन के अद्वितीय पल की कथा
69th National Film Awards: इस वीडियो में, जो इंटरनेट पर वायरल हो गया है, अल्लू अर्जुन को गर्म गले से अलिया भट्ट के साथ देखा जा सकता है, जब अदाकारा खुशी से दमक रही हैं। उन्होंने फिर रणबीर कपूर के साथ हाथ मिलाया, जो समारोह में मौजूद थे। इस अद्वितीय पल ने इंटरनेट पर दिलों को जीत लिया है।
समारोह की दिलचस्पी वाली क्षण:
69th National Film Awards: समारोह के दौरान, अलिया भट्ट जो रणबीर कपूर के साथ थी, अपनी शादी की साड़ी पहनी। इस खास मौके पर उन्होंने स्वच्छता के साथ एक परिस्थितिकता का बयान दिया। कृति सनोन ने एक आईवरी साड़ी चुनी।
कृति सनोन का पहला राष्ट्रीय पुरस्कार
69th National Film Awards: 17 अक्टूबर को कृति सनोन ने अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उन्होंने अपनी भूमिका के लिए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में न्यायमूर्ति गोल चाकरवर्ती के साथ साझा किया। इस समारोह में अपने माता-पिता के साथ शानदार आईवरी और सुनहरी साड़ी में थीं।
कृति सनोन की आईवरी साड़ी
69th National Film Awards: कृति सनोन की आईवरी साड़ी में एक आश्चर्यजनक सुंदरता था। उनकी साड़ी में सोने का बॉर्डर और वस्त्र के व्यापकता के ऊपर न्यून जराय वाली डिज़ाइनिंग थी। इस पारंपरिक ड्रेप के अंदर नीला, हरा, और गुलाबी में मुद्दों के लिए पैस्टल-रंग के प्रिंट थे, जो आईवरी शेड की एकरों को तोड़ते थे। कृति ने अपनी साड़ी को एक गोल-गले ब्लाउज के साथ सजाया और यह उपकरण के साथ एक मैचिंग पोटली भी लेकर गईं।
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