kulvindersingh97blog
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kulvindersingh97blog · 6 months ago
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तुम्हें कुछ वक्त के लिए भूल जाना
तेरे इश्क़ से आजादी मिल गई लगे
आजादी के गीत शुरू होते ही
तेरी यादों और वो लम्हों की पालकियाँ सज जाती हैं
मेरे जहन में युद्ध चलें
तेरी यादों से युद्ध के नगाडे बजे
जिसको कभी भूलना नहीं चाहते थे
उसकी यादों को भुलाने का युद्ध भी लड़े
उसका मुझ पर ऐसा हाबी होना
मेरी जिस्म रियासत पर उसका ही हुक्म चलें
जैसा कभी वो देखना चाहती थी
वैसे ही चमकते है उसकी यादों को लगाके गले
तेरी ही कहानियों को परियों की तर्ज पर सुनाया जाता है
तुम्हें सही और मुझे कसूरवार ठहराया जाता है
तेरा ही तो इतिहास चलता है जहाँ
कोई नया चेहरा नहीं सराहा जाता है जहां
मेरी रियासत की प्रजा पागल तेरे लिए
मेरा दिया हर हुक्म ठुकराया जाता है
हर कोई कलंदर को ही सुनता था जहां
अब उसे भी चुप करा दिया जाता है जहां
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